अभी बादल फटा था, अब वनाग्नि में जिंदा जला 75 वर्षीय बूढ़ी मां का इकलौता बेटा-3 बेटियों का पिता
नवीन समाचार, अल्मोड़ा, 17 मई 2024 (Only son of old Mother burnt alive in ForestFire)। एक बार फिर उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ गयी हैं। इधर अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर क्षेत्र में जहां गत दिवस अत्यधिक बारिश से बादल फटने की घटना हुई थी, वहीं अब यहां एक युवक वनाग्नि में जिंदा जल गया है। मृतक अपनी मां का इकलौता बेटा था। उसकी तीन बेटियां हैं। वह ही घर का इकलौता कमाने वाला था।
सोमेश्वर तहसील के खाईकट्टा गांव का मामला (Only son of old Mother burnt alive in ForestFire)
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार की देर शाम सोमेश्वर तहसील के खाईकट्टा गांव में जंगल में अचानक भीषण आग लग गई थी। हवा चलने के कारण आग ने अचानक विकराल रूप धारण कर लिया। आग गांव तक न पहुंचे इसके लिए ग्रामीण आग बुझाने के लिए जंगल गये और देर रात तक जंगल की आग बुझाने में जुटे रहे।
आग बुझाकर अन्य ग्रामीण तो लौट आये लेकिन 40 वर्षीय महेंद्र सिंह का कुछ अता पता नहीं चला तो ग्रामीणों ने उसकी खोजबीन की। काफी देर की मशक्कत के बाद महेंद्र सिंह को अधजला शव जलते हुए जंगल के बीच से बरामद किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि आग की लपटें इतनी भयानक थी कि महेंद्र आग बुझाने के प्रयास में उनकी चपेट में आ गया होगा।
सिर्फ छह माह में खोया था पिता को (Only son of old Mother burnt alive in ForestFire)
मृतक महेंद्र जब सिर्फ छह माह का था, तभी उसके पिता की मौत हो गई। मां राधा देवी ने किसी तरह संघर्षों से इकलौते बेटे का अकेले पालन-पोषण कर पाला और उसका विवाह भी किया। उम्र के अंतिम पड़ाव में वह उसी के सहारे जीवन जी रही थी। अब उसके जीवन का सहारा हमेशा के लिए उसका साथ छोड़ गया है। मेहनत-मजदूरी कर मां, पत्नी और तीनों बेटियों की हर जरूरत पूरी कर रहा महेंद्र अपने पीछे 75 वर्षीय मां के साथ पत्नी पुष्पा और 18, 14, 11 साल की तीन बेटियों को रोता-बिलखता छोड़ चला गया है। (Only son of old Mother burnt alive in ForestFire)
स्यूनराकोट गांव में पति-पत्नी की जंगल की आग की चपेट में आने से मौत हो गई थी (Only son of old Mother burnt alive in ForestFire
सूचना मिलने के बाद शुक्रवार को वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। रेंजर मनोज लोहनी ने बताया कि आग नाप भूमि में लगी हुई थी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण के शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इधर अचानक हुए इस हादसे के बाद अब महेंद्र के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों सोमेश्वर तहसील के ही स्यूनराकोट गांव में भी लीसा दोहन के कार्य में लगे पति-पत्नी जंगल की चपेट में आ गए थे और उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी। (Only son of old Mother burnt alive in ForestFire)
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