शांत पहाड़ों पर मिला पाकिस्तानी झंडा, राज्य के साथ केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में जुटीं..
नवीन समाचार, देहरादून, 31 दिसंबर 2022। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के शांत पहाडों में पाकिस्तानी झंडा दिखने से हड़कंप मच गया है। राज्य के साथ देश की खुफिया एजेंसियों की इस घटना पर नजर है। यह झंडा यहां कैसे आया, इसे जानने के लिए हरसंभव प्रयास शुरू हो गए हैं। यह भी पढ़ें : प्रतिष्ठित पीसीएस-जे का परीक्षा परिणाम घोषित…
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी के चिन्यालीसौंण के तुलियाडा में पकिस्तान के लाहौर बार एसोसिएशन का झंडा गैस के करीब 100 गुब्बारों के साथ झाड़ियों में गिरा मिला। झंडे में उर्दू व अंग्रेजी में लिखा गया है। इसकी सूचना मिलते ही केंद्रीय और राज्य की सभी खुफिया एजेंसियां तत्काल इसकी जांच में जुट गई हैं कि पाकिस्तानी झंडा गैस के गुब्बारों के सहारे क्या सीमा पार से यहाँ इतनी दूर पहाड़ों में आ सकता है, अथवा कहीं ऐसा तो नहीं कि पहाड़ से ही ये सब छोड़ा गया हो और पाकिस्तानी खुुफिया एजेंसी ने यहाँ भी घुसपैठ कर ली हो। यह भी पढ़ें : गणतंत्र दिवस के लिए उत्तराखंड की झांकी का हुआ चयन, कुमाऊं मंडल के लिए खास महत्व…
झंडा यदि लाहौर बार एसोसिएशन का ही है, तो उसे गुब्बारों के सहारे उड़ाने की क्या वजह हो सकती है। कहीं कुछ देश की खुफिया एजेंसियों को भ्रमित करने के लिए तो नहीं किया गया है। गढ़वाल परिक्षेत्र के डीआईजी करण सिंह नगन्याल के अनुसार मामले में उत्तरकाशी पुलिस को उस स्थान पर भेज कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 3 जुलाई 2020। नगर के मल्लीताल वेल्ड्रॉफकंपाउंड निवासी संघ से जुड़े भाजपा कार्यकर्ता विक्की कुमार जुनेठा पुत्र शिवचरन ने मल्लीताल कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उसे गत 25 जून को रात्रि 10 बजे अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल नंबर एवं बिना नंबर के सैटेलाइट फोन से आई थी। फोन करने वाले व्यक्ति ने उसे डराने-धमकाने की कोशिश की। इधर बृहस्पतिवार की सुबह भी उसे प्लस 923329504662 नंबर से दो बार कॉल की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। लिहाजा विक्की ने पुलिस से इस मामले में कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। यह भी पढ़ें : नैनीताल: चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित महिला को वापस ला रहे थे परिजन, तभी उसने पकड़ लिया एक का हाथ, और….
विक्की ने बताया कि उन्हें यूं जनवरी माह से ऐसे फोन आ रहे हैं, लेकिन वे विदेशी नंबर देखकर फोन नहीं उठाते। इधर बिना नंबर के कॉल आने पर उन्होंने फोन उठा लिया था। फोन पर उन्हें कहा गया, बहुत नरेंद्र मोदी एवं मोहन भागवत की करते हो। खुद पर ध्यान दो। तुम्हें बचाने कोई नहीं आएंगे। इस बाबत पूछे जाने पर नगर कोतवाल अशोक कुमार सिंह ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले में जांच की जाएगी। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 20 अक्टूबर 2019। जम्मू-कश्मीर के तंगधार सेक्टर में पाकिस्तान की गोलीबारी के बाद भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय भी अलर्ट पर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मामले पर लगातार सेना प्रमुख बिपिन रावत से संपर्क में हैं। वहीं, पाकिस्तान ने भी स्वीकार किया है कि भारत के हमले में उसका भारी नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने फायरिंग की आड़ में आतंकियों के घुसपैठ करवाने की कोशिश तब की है जब सोमवार को रक्षा मंत्री और आर्मी चीफ लद्दाख दौरे पर जाने वाले हैं।
तबाह हुए आतंकवादियों के लॉन्च पैड्स
पाकिस्तानी सैनिकों ने आज सुबह आतंकवादियों को भारतीय सीमा में प्रवेश करवाने जीतोड़ जद्दोजहद की और आतंकी घुसपैठ को कवर देने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग की। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) स्थित आतंकवादियों के लॉन्च पैड्स को ही निशाना बनाना शुरू किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कार्रवाई में पीओके में 7 आतंकी ठिकाने तबाह हो गए। भारतीय सेना की गोलीबारी में 22 आतंकियों और 11 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबर है।
पाकिस्तान को हुए नुकसान का हो रहा आकलन: सेना
सेना ने एक बयान में कहा, ‘पाकिस्तान ने तंगधार सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। भारतीय सैनिकों ने प्रभावी तरीके से जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तान में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।’ भारत की तरफ से जवाबी गोलीबारी जारी है। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि उस तरफ हुए नुकसान का सही आंकलन किया जा रहा है।
लद्दाख जाने वाले हैं राजनाथ और रावत
यह घटना लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण एक पुल का उद्घाटन करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत के सोमवार को होने वाले दौरे से एक दिन पहले हुई है। राजनाथ सिंह और जनरल रावत लेह में दरबुक को चीन सीमा से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दौलत बेग ओल्डी से जोड़ने वाली नवनिर्मित सड़क पर बने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पुल का उद्घाटन करने सोमवार को पूर्वोत्तर लद्दाख का दौरा करने वाले हैं। पुल का नाम भारतीय सेना के प्रतिष्ठित सैनिक कर्नल शेवांग रिनशेन के नाम पर रखा गया है। कर्नल लद्दाख के रहने वाले थे।
पाकिस्तान का बयान
पाकिस्तान ने भी माना है कि भारतीय सेना की कार्रवाई से पीओके में भारी नुकसान हुआ है, लेकिन उसने अपने मारे गए सैनिक की संख्या सिर्फ एक बताई है। पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग ने मारे गए सैनिक का नाम लांस नायक जाहिद बताया है। साथ ही, उसने दो सैनिकों को घायल होने की बात कही है। हालांकि उसने आतंकी ठिकानों पर हुई कार्रवाई में हुए नुकसान पर चुप्पी ठान रखी है।
बीजेपी ने सेना की कार्रवाई को सराहा
जम्मू-कश्मीर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने पीओके स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए भारतीय सेना की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है। कुपवाड़ा में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, लोग मारे जा रहे हैं। यह स्ट्राइक जरूरी थी क्योंकि यहां से आतंकी भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे।’
घुसपैठ की कोशिश में था पाकिस्तान
भारतीय सेना ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान गोलीबारी की आड़ लेकर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने की फिराक में था लेकिन सेना ने मौके पर ही उसे मुंहतोड़ जवाब दिया और पीओके में आतंकी कैंपों को भी तबाह कर दिया। रविवार सुबह पाकिस्तान ने बिना उकसावे के ही फायरिंग शुरू कर दी जिसमें दो भारतीय सैनिक शहीद हो गए। इसके साथ ही एक नागरिक की भी जान चली गई और तीन अन्य घायल हो गए। इसके बाद भारतीय सेना ने उनकी इस हरकत का माकूल जवाब दिया। भारतीय सेना ने नीलम घाटी के आतंकी कैंपों को निशाना बनाया।
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घुसपैठ कराने की कोशिश में था अहमद
खबरों के मुताबिक सूबेदार अहमद खान की एलओसी के नकियाल सेक्टर में 17 अगस्त को फायरिंग के दौरान मौत हो गई। अहमद खान भारत में घुसपैठ कराने की कोशिश में था, जिस दौरान भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे मार गिराया। दरअसल, जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद से पाकिस्तानी फौज ने सीमा पर अकारण गोलीबारी तेज कर दी है। हालांकि भारतीय जवान पूरी तरह से अलर्ट हैं और नापाक हरकत का माकूल जवाब दिया जा रहा है।
तस्वीरों में अभिनंदन के पीछे दिखा था अहमद
27 फरवरी को जब अभिनंदन के पकड़े जाने की तस्वीरों को पाकिस्तान ने जारी किया था, उसमें दाढ़ीवाले सैनिक खान को भारतीय पायलट के पीछे खड़ा देखा जा सकता है। पाकिस्तान की मीडिया में भी यह तस्वीरें प्रमुखता से प्रकाशित की गई थीं। सोशल मीडिया पर भी पाकिस्तान के लोगों ने अपनी बहादुरी के तौर पर इसका महिमामंडन किया था। हालांकि अब भारतीय सेना ने हिसाब चुकता कर दिया है।
अभिनंदन की बहादुरी को सम्मान
वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को वीर चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वीरता पुरस्कारों की घोषणा के दौरान अभिनंदन के नाम का ऐलान हुआ।
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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 2 मार्च 2019। पाकिस्तान भले ही दावा कर रहा हो कि विंग कमांडर अभिनंदन के साथ हिरासत में अच्छा बर्ताव किया गया, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। खुद विंग कमांडर अभिनंदन ने वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों से कहा है कि पाकिस्तानी सेना ने हिरासत के दौरान उनका काफी मानसिक उत्पीड़न किया। सूत्रों के मुताबिक आर्मी अस्पताल में चेकअप करा रहे अभिनंदन ने बताया है कि हिरासत के दौरान उनका शारीरिक उत्पीड़न नहीं, लेकिन मानसिक तौर पर काफी उत्पीड़न किया गया।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने कई ऐसे प्रॉपेगेंडा विडियो जारी किए थे, जिनमें अभिनंदन को भारतीय मीडिया के खिलाफ बोलते दिख रहे थे। इन विडियो में साफ पता चल रहा था कि इन्हें एडिट और मॉर्फ्ड किया गया है। बावजूद भारत में एक वर्ग इन वीडियो को सत्तारूढ़ दल के साथ ही मीडिया के एक वर्ग के खिलाफ ‘लश्कर-ए-मीडिया’ जैसे शब्दों का प्रयोग करके भी जम कर शेयर-फॉरवर्ड कर रहा है। लेकिन देश की शीर्ष व भरोसेमंद समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से आई खबरों के अनुसार इस झूठे प्रोपेगेंडा की अब अभिनंदन ने खुद पोल खोल कर रख दी है। जिससे पाक के साथ ही देश के ऐसे एक वर्ग के नापाक रवैये की पोल भी खुलती जा रही है।
अभिनंदन से मिलीं रक्षा मंत्री, फिट हैं पायलट
इस बीच शनिवार को आर्मी अस्पताल में विंग कमांडर अभिनंदन से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने मुलाकात की। अस्पताल में धनोआ ने विंग कमांडर के साथ अकेले में भी काफी देर तक बातचीत भी की। माना जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की हिरासत में बिताए गए वक्त के बारे में जानकारी दी। कहा जा रहा है कि अस्पताल से छुट्टी के बाद वह इस संबंध में वायु सेना के शीर्ष अधिकारियों को इस संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। मेडिकल चेकअप में पायलट अभिनंदन को पूरी तरह फिट पाया गया है, लेकिन अभी वह ‘कूलिंग डाउन’ प्रॉसेस से गुजर रहे हैं। रविवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 2 मार्च 2019। पाकिस्तान ने आखिरकार भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन को छोड़ दिया है. शुक्रवार रात नौ बजे के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स और विदेश विभाग के अधिकारी अटारी-वाघा बॉर्डर तक विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़ने आए. इस दौरान एक महिला भी विंग कमांडर अभिनंदन के साथ मौजूद थी. वह उनके साथ अटारी-वाघा बॉर्डर तक चलकर आईं. इस महिला पर सबकी निगाह लगी रही और सवाल उठने लगे कि आखिर यह महिला कौन है? यह महिला विंग कमांडर अभिनंदन की न तो पत्नी है और न ही रिश्तेदार. यह महिला पाकिस्तान विदेश विभाग में भारत मामलों की डायरेक्ट हैं, जिसका नाम डॉ फरिहा बुगती है. फरिहा बुगती पाकिस्तान विदेश सेवा (FSP) की अधिकारी हैं, जो भारतीय विदेश सेवा (IFS) के समकक्ष है. डॉ फरिहा बुगती भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव मामले को भी देखती हैं. फिलहाल जाधव पाकिस्तान की गिरफ्त में हैं. पिछले साल जब जाधव की मां और पत्नी उनसे मिलने पाकिस्तान गए थे, तब भी डॉ फरिहा बुगती मौजूद थीं.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला किया था. इसमें काफी संख्या में आतंकी मारे गए थे. भारतीय वायुसेना के मिराज विमान अपने मिशन को अंजाम देने के बाद सकुशल वापस लौट आए थे और पाकिस्तान कुछ समझ नहीं पाया था. जब पाकिस्तान को इसकी जानकारी हुई, तो वो बौखला गया और फिर भारतीय क्षेत्र पर हवाई हमला किया. पाकिस्तान ने F-16 लड़ाकू विमानों से भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन ने इसको मार गिराया. इस दौरान अभिनंदन का विमान मिग-21 भी गिर गया और वो एग्जिट कर गए थे. इसके बाद वो पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में पहुंच गए थे. इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उनको बंधक बना लिया था. इसके बाद पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन का वीडियो जारी किया और दो भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया. हालांकि भारत ने पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया. पाकिस्तान ने पहले दो भारतीय पायलटों को हिरासत में लेने का दावा किया था, लेकिन बाद में उसने अपना बयान बदला और कहा कि उसकी हिरासत में सिर्फ एक ही भारतीय पायलट है.
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नवीन समाचार, नैनीताल, 1 मार्च 2019। उत्तराखंड के एक युवक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने शरीर पर आरडीएक्स बांधकर आतंकी क्षेत्र में जाने की अनुमति मांगी है। प्रदेश के ऊधमसिंहन नगर जिले के सितारगंज शहर के वार्ड नंबर एक निवासी आशीष पांडे नाम के दिलेर युवक ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद से वे काफी क्षुब्ध हैं। उन्हें भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद हर भारतीय की तरह गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें शरीर पर आरडीएक्स बांधने की अनुमति मिलती है तो वह आतंकी क्षेत्र में जाकर उन्हें खत्म कर देंगे।
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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 28 फरवरी 2019 (शाम 4.50 बजे)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सदन में भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को भारत को सोंपने का ऐलान कर दिया है। यह खबर तब आई है जब भारत में तीनों सेनाओं के प्रमुख कुछ ही मिनटों के बाद शाम पांच बजे संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग करने की तैयारी कर रहे थे। इससे पूर्व पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने एक टीवी चैनल से कहा, ‘यदि पायटल की वापसी से सीमा पर तनाव घटता है तो पाकिस्तान पायलट को लौटाने को तैयार है। साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के प्रधानमंत्री को फोन करने को भी तैयार हैं।’ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के इस बयान पर भारत की ओर से बेहद कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई और इसे भी भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से ‘कंधार मामले की तरह दबाव बनाने की कोशिश’ बताया गया। और साफ चेतावनी दी गयी कि भारत किसी भी तरह की सौदेबाजी का सवाल ही नहीं उठता है। पायलट को कुछ हुआ तो भारत एक्शन के लिए तैयार है।
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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 28 फरवरी 2019। वर्ष 2017 में मशहूर फिल्म निर्देशक मणि रत्नम की ‘कतरू वेलियिदाई’ फिल्म में ऐक्टर कार्ति ने भारतीय वायुसेना के एक ऐसे स्क्वाड्रन लीडर की भूमिका निभाई थी, जिसका जेट विमान सीमापार गिर जाता है और वह पाकिस्तान की जेल में कैद हो जाता है। फिल्म में ऐक्टर आखिर में सकुशल अपनी फैमिली के पास लौट आता है। इस फिल्म के लिए एक रिटायर्ड एयर मार्शल (हम देश के इस नायक के साथ हैं। चूंकि वह स्वयं सुरक्षा कारणों से अपने परिवार के बारे में अधिक नहीं बता रहे, इसलिये हम भी उनके पिता व परिजनों तथा उनके निवास स्थान आदि का नाम गुप्त रख रहे हैं।) ने सलाहकार की भूमिका निभाई थी, आज उनके खुद के बेटे विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के साथ फिल्म की कहानी, असल जिंदगी में घटित हो गई है। हम उम्मीद करते हैं कि उस फिल्म के नायक से कम कठिनाइयां झेलकर देश अभिनंदन का जल्द अभिनंदन करेगा। (यह समाचार केवल उनके परिवार के साथ घटित इस दुर्योंग से अपने पाठकों को अवगत कराने के लिए है। हालांकि जिस समाचार सूत्र से हमने यह समाचार प्राप्त किया है, वहां उनके पिता व घर का पता सब कुछ गैर जिम्मेदार तरीके से दिया हुआ है।)
यहां केवल इतना जरूर बता दें कि विंग कमांडर अभिनंदन के पिता रिटायर्ड एयर मार्शल हैं। 1973 में फाइटर पायलट के तौर पर वायुसेना से जुड़े उनके पिता को 40 तरह के एयरक्राफ्ट्स को चलाने की तथा 4 हजार घंटे उड़ान का अनुभव है। करगिल जंग के समय वह ग्वालियर में चीफ ऑपरेशन ऑफिसर थे, जहां उन्होंने मिराज 2000 एयरक्राफ्ट ऑपरेट किया था। इस एयरक्राफ्ट ने युद्ध में मिली जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अभिनंदन के परिवार में कई लोग सेना से जुड़े हुए हैं। वहीं जाबांज पायलट की पत्नी भी स्क्वाड्रन लीडर एक हेलिकॉप्टर पायलट रह चुकी हैं। उनके पिता व परिजनों को पूरा भरोसा है कि उनका बेटा जल्द ही सुरक्षित घर लौटेगा। उन्होंने इस मुश्किल वक्त में साथ देने के लिए सभी लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनका बेटा एक सच्चा सिपाही है। बता दें कि इंडियन एयरफोर्स के धमाकेदार ऐक्शन के बाद बुधवार को पड़ोसी मुल्क ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की नाकाम कोशिश की। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के एक लड़ाकू विमान को तो मार गिराया, लेकिन ऑपरेशन के दौरान देश का एक मिग-21 जेट भी नष्ट हो गया। जेट के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी सीमा में गिर गए, जिसके बाद से वह पाकिस्तानी सेना की कस्टडी में हैं। उनके कई फोटो और विडियो भी जारी किए गए हैं।
चेहरे पर खून और पाकिस्तान की कस्टडी, फिर भी दृढ़ नजर आए अभिनंदन
क्रैश हुए मिग के विंग कमांडर अभिनंदन के एलओसी पार पकड़े जाने पर स्थानीय लोगों द्वारा उनसे खूब बदसलूकी और मार-पीट की गई। इसके बाद पाक सेना की तरफ से जिनिवा समझौते का उल्लंघन करते हुए उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किया गया। अभिनंदन का एक और विडियो शेयर किया गया, जिसमें वह कह रहे हैं कि पाकिस्तान उनके साथ अच्छा बर्ताव कर रहा है। सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे तीन विडियो में साफ नजर आ रहा है कि कैसे विंग कमांडर अभिनंदन कस्टडी में भी बेहद दृढ़ता और शांति के साथ संतुलन बनाए हुए थे।
एक विडियो में नजर आ रहा है कि वह एक ऑफिस रूम में हैं और उनके हाथ पीछे की तरफ बंधे हैं। साथ ही उनके चेहरे पर खून लगा है। इस विडियो में विंग कमांडर कह रहे हैं कि उन्हें अपने नाम और सर्विस नंबर से कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है। विडियो में वह यह पूछते भी दिख रहे हैं कि उन्हें किसने पकड़ा है। दूसरे विडियो में विंग कमांडर अभिनंदन कहते हुए दिख रहे हैं कि पाकिस्तानी फोर्स की कस्टडी में उनका अच्छी तरह से ध्यान रखा जा रहा है। वह यहां से छूटने के बाद भी अपने बयान से नहीं पलटेंगे। इस विडियो को पाकिस्तानी ‘पीआर’ का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें वह बताना चाहता है कि वह गिरफ्तार भारतीय के साथ अच्छा बर्ताव कर रहा है, जबकि पहली विडियो में उनके साथ मारपीट के बाद चेहरे पर खून लगी तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं। एक अंतिम विडियो में अभिनंदन हाथ में एक चाय का कप पकड़े हुए हैं और कह रहे हैं, ‘पाकिस्तान आर्मी के ऑफिसर मेरा पूरा ख्याल रख रहे हैं। पाक आर्मी के कैप्टन में भीड़ से मुझे बचाया। मैं भी उम्मीद करूंगा कि मेरी आर्मी भी ऐसा ही बर्ताव करे।’ जब उनसे पूछा गया कि वह भारत के किस हिस्से से आते हैं ऑफिसर ने जवाब दिया, ‘क्या मुझे यह बताना चाहिए? माफ कीजिएगा मेजर… मैं बस इतना बता सकता हूं कि मैं भारत के दक्षिणी हिस्से का रहने वाला हूं।श् इसके बाद वह तुरंत वह कहते हैं, ‘चाय बहुत जबरदस्त है।’
अभिनंदन को छोड़ना पाक की मजबूरी, जानें क्या है जिनीवा समझौता
विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के विडियो को पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर डाला,, जो जिनीवा समझौते का खुला उल्लंघन है। भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही युद्ध न छिड़ा हो, फिर भी अभिनंदन उन सभी अधिकारों के हकदार हैं, जो जिनीवा कन्वेंशन के तहत प्रिजनर ऑफ वॉर यानी एक युद्धबंदी को मिलती हैं। युद्धबंदी के साथ किस तरह का व्यवहार होना चाहिए, इसके बारे में 1949 का जिनीवा समझौता साफ-साफ कहता है कि यह उन सभी मामलों में लागू होता है, चाहे घोषित युद्ध का मामला हो या नहीं। इस तरह, पाकिस्तान को विंग कमांडर अभिनंदन को हर हाल में छोड़ना ही होगा, क्योंकि पाकिस्तान ने भी जिनीवा कन्वेंशन पर दस्तखत किए हैं।
इसी तरह एक और पायलट नचिकेता को भी पाकिस्तानी सेना ने अगवा कर लिया था। बाद में जिनीवा समझौते को लेकर भारत के दबाव के बाद पाकिस्तान को आखिरकार 8 दिनों बाद नचिकेता को भारत को लौटाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। जिनीवा संधि के तहत, युद्धबंदियों को न तो डराया-धमकाया जा सकता है और न ही अमानवीय व्यवहार किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि जिनीवा कन्वेंशन आखिर है क्या:
1- जिनीवा कन्वेंशन में तीन संधियां और 3 अतिरिक्त प्रोटोकॉल्स हैं, जिनका मकसद मानवीय मूल्यों को बनाए रखने व उनकी रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून बनाना है। जिनीवा संधि की जो व्यवस्था आज दुनिया भर में मान्य है उसकी नींव 1929 और 1949 के जिनीवा कन्वेंशन के तहत रखी गई, जिनमें पहले की संधियों की मुख्य बातों को शामिल कर लिया गया।
2- जिनीवा कन्वेंशन के मुताबिक, टीवी पर अगर युद्धबंदियों के चित्र, विडियो या उनसे जुड़ी अन्य चीजें दिखाई जाती हैं तो यह जिनीवा कन्वेंशन का उल्लंघन है। अभिनंदन के मामले में पाकिस्तान पहले ही ऐसा कर चुका है और इस हिसाब से अब उसे अभिनंदन के साथ जिनीवा कन्वेंशन को ध्यान में रखकर ही बर्ताव करना होगा।
3- जिनीवा कन्वेंशन में साफ-साफ बताया गया है कि युद्धबंदियों के क्या अधिकार हैं। इसके मुताबिक, युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जाएगा। उसे किसी भी तरह से प्रताड़ित या फिर शोषित नहीं किया जाएगा।
4- इस कन्वेंशन के तहत, पकड़े जाने पर युद्धबंदी सिर्फ अपना नाम, अपना सीरियल नंबर और पोजिशन ही बता सकता है ताकि वह किसी खतरे की चपेट में न आए।
5- जिनीवा कन्वेंशन के तहत कोई भी देश अपने युद्धबंदी को न तो अपमानित कर सकता है और न ही डरा-धमका सकता है।
6- हिरासत में लेने वाला देश युद्धबंदी के खिलाफ संभावित युद्ध अपराध के लिए मुकदमा चला सकता है, लेकिन हिंसा की कार्रवाई के लिए नहीं जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के तहत विधिपूर्ण है।
7- कन्वेंशन कहता है कि युद्ध खत्म होने पर युद्धबंदी को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए और उसे उसके देश भेजा जाना चाहिए।
8- कोई देश युद्धबंदी से उसकी जाति, धर्म या रंग-रूप के बारे में नहीं पूछ सकता और अगर कोशिश की भी जाए तो युद्धबंदी अपने नाम, सर्विस नंबर और रैंक के अलावा कुछ भी अन्य जानकारी नहीं देगा।
9- युद्धबंदियों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। कन्वेंशन के अनुच्छेद 3 के अनुसार, युद्धबंदियों का सही तरीके के इलाज किया जाएगा।
10- कोई भी देश अपने युद्धबंदी के साथ ऐसा काम नहीं कर सकता जिससे कि जनमानस के बीच किसी तरह की उत्सुकता पैदा हो।
11- जिनीवा कन्वेंशन के तहत युद्धबंदी को उचित खाना-पीना दिया जाता है और उसकी हर तरह से देखभाल की जाती है।
पिछली UPA सरकार की ‘हिंदू आतंकवाद’ थ्योरी झूठी साबित, समझौता ब्लास्ट में सभी आरोपी बरी..
-समझौता ब्लास्ट केस में असीमानंद समेत सभी चारों आरोपी बरी
नवीन समाचार, पंचकूला, 20 मार्च 2019 (एजेंसी)। समझौता ब्लास्ट केस में बड़ा फैसला आया है। हरियाणा की पंचकूला की विशेष एनआईए कोर्ट ने पाकिस्तान की महिला राहिला वकील की याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही सभी चार आरोपियों असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को बरी कर दिया गया है। हालांकि, इस मामले में कुल 8 आरोपी थे, जिनमें से 1 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
बता दें, समझौता ब्लास्ट में अपने पिता को खोने वाली पाकिस्तानी महिला राहिला वकील ने एनआईए कोर्ट में अर्जी दी थी। राहिला वकील ने भारतीय एडवोकेट मोमिन मलिक के जरिए अर्जी दाखिल कर इस केस में गवाही देने की अनुमति मांगी थी। 18 मार्च की सुनवाई में एनआईए कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपना-अपना पक्ष रखा था। राहिला वकील ने अपनी याचिका ने कुछ और चश्मदीदों के बयान रिकॉर्ड करने की अपील की थी। इस पर अदालत ने कहा था कि चश्मदीदों को 6 बार समन भेजा गया, लेकिन वह नहीं आए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहिला के वकील ने बताया कि जिन पाकिस्तान नागरिकों के बयान दर्ज कराने की हम अपील कर रहे हैं, वह आना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें कोई समन नहीं मिला। एनआईए ने मामले में कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया। इसके
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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 13 मार्च 2019। भारतीय सेना द्वारा बीती 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक से आतंकी ठिकानों को पहुंचे नुकसान के सबूत आने प्रारंभ हो गये हैं। पुष्ट जानकारी के अनुसार बालाकोट में भारतीय हमले में 263 आतंकी मारे गये हैं। मारे गये आतंकवादियों में मौलाना जुबेर, मुफती उमर, मौलाना अब्दुल गफूर कश्मीरी, मौलाना जुनैद, मौलाना असलम आदि आतंकवादियों के नाम भी आये हैं। बताया गया है कि भारतीय सेना को हमले के पांच दिन पहले से ही इस बात की पुख्ता जानकारी थी। इनमें से 91 आतंकवादी यहां ‘दौरा-ए-खास’ के लिए एकत्र थे। वहीँ इधर अमेरिका में रह रहे पाकिस्तान के एक कार्यकर्ता ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों के शव को पाक आर्मी द्वारा खैबर पख्तूनख्वा शिफ्ट करने का दावा किया गया है। गिलगित ऐक्टिविस्ट सेंगे हसनान सेरिंग ने अपने ट्वीट में इससे संबंधित एक विडियो भी शेयर किया है। विडियो में पाक आर्मी के कुछ सदस्य दिख रहे हैं। देखें विडियो :
वहीं बालाकोट के स्थानीय लोगों की बातें भी रिकार्ड हुई हैं, जिनमें 26 फरवरी की रात्रि बालाकोट में चार बड़े धमाके होने और इनमें चार से पांच पाकिस्तानी सैनिकों के भी मारे जाने की बात कही जा रही है। टाइम्स नाउ व रिपब्लिक भारत के बाद डीडी न्यूज द्वारा भारत के सीमापार हमले के एक नहीं आठ सबूत दिखाये गये हैं। इनमें घटनास्थल पर खड़ी एंबुलेंस के साथ ही घटनास्थल की 12 तस्वीरें दिखाई गयी हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व बालाकोट में हमले वाले दिन 300 मोबाइलों के सक्रिय होने की जानकारी भी आई थी।
इधर देश की सर्वोच्च अदालत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट कर इस मामले में सबूत मांगने को करारा तंज कसा है। उन्होंने लिखा है। जो लोग बालाकोट एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रहे हैं उन्हें इस सवाल का जवाब देना चाहिए। क्या आप सोचते हैं कि हमारी भारतीय वायु सेना के पायलट इतने मूर्ख हैं कि वे अपनी जान को जोखिम में डालकर पाकिस्तान केवल पेड़ों पर बम गिराने के लिये गये।
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नवीन समाचार, श्रीनगर , 11 मार्च 2019। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सेना ने आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए रविवार को पुलवामा के पिंगलिश में हुई मुठभेड़ में सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मुदस्सिर अहमद को मार गिराया है। साथ ही बीते 21 दिनों में कुल 18 आतंकियों को अलग-अलग मुठभेड़ में ढेर किया है। वह आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार के लगातार संपर्क में था। आदिल ने ही सीआरपीएफ के काफिले में चल रही बस में विस्फोटकों से लदी कार से टक्कर मारी थी। 14 फरवरी को पुलवामा के लेथीपोरा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।
सोमवार को सेना की 15वीं कोर के जीओसी केजेएस ढिल्लन में सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि मारे गए इन 21 आतंकियों में से 8 आतंकी पाकिस्तानी हैं, जिन्होंने हिंदुस्तान में घुसपैठ कर आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश रची थी। बताया कि मुदस्सिर ने ही हमले की साजिश रची थी और वह बीते कुछ दिनों से कश्मीर घाटी में जैश के लिए ही काम कर रहा था। उन्होंने बताया कि मुदस्सिर और उसके साथियों के पुलवामा के पिंगलिश गांव में छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद यहां बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था, जिसमें मुदस्सिर को मार गिराया गया। इसके अलावा मौके से 3 राइफल बरामद की गई है। इस हमले की जांच में अब तक जुटाए गए सबूतों के आधार पर यह पता चला है कि मुदस्सिर अहमद खान पेशे से इलेक्ट्रिशियन था और स्नातक था। वह पुलवामा का रहनेवाला था और उसने ही आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए वाहन और विस्फोटक का इंतजाम किया था। त्राल के मीर मोहल्ले के रहने वाले मुदस्सिर ने 2017 में एक ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जॉइन किया था। बाद में उसे नूर मोहम्मद तांत्रे उर्फ नूर त्राली ने जैश में सक्रिय रूप से जिम्मेदारी सौंपी। इससे पहले दिसंबर 2017 में तांत्रे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद मुदस्सिर अपने घर से 14 जनवरी 2018 को फरार हो गया था। उसके बाद से ही वह जैश की साजिश में सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 3 मार्च 2019। बीती 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना के मिराज लड़ाकू विमानों द्वारा जैश के बालाकोट स्थित ट्रेनिंग कैंप में की गयी ‘एयर स्ट्राइक’ में जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर बुरी तरह से घायल हो गया था और रविवार को अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया है। रिपोर्टों के अनुसार हमले के बाद उसे पाकिस्तानी सेना के अस्पताल में ले जाया गया था, जहां रविवार को उसकी मौत हो गयी। कुछ मीडिया रिपोर्टों में लीवर कैंसर सेउसकी मौत होने की बात भी कही जा रही है। मालूम हो कि मसूद ने 14 फरवरी को पुलवामा में 40 जवानों की जान लेने वाले सीआरपीफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन इसके बाद से उसका कोई बयान नहीं आया है।
हालांकि मसूद की मौत की खबर अपुष्ट मीडिया रिपोर्ट के आधार पर आई है, किंतु कुछ मीडिया रिपोर्टों में रविवार को यह दावा किया गया है। इस दावे की हालांकि भरोसेमंद सूत्रों ने पुष्टि नहीं की है, लेकिन कई तथ्य अजहर मसूद के ‘अल्लाह को प्यारा’ होने की इस खबर के सही होने का इशारा कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बालाकोट में भारती
य वायु सेना के मिराज लड़ाकू विमानों द्वारा की गयी ‘एयर स्ट्राइक’ के बाद पाकिस्तान बुरी तरह से बौंखला गया था। हालांकि भारत में कई विपक्षी दल पिछली बार की ‘सर्जिकल स्ट्राइक‘ की तरह ही इस बार भी एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने के मोड में दिखाई दे रहे हैं और बीबीसी के केवल एक व्यक्ति के घायल होने और भारतीय मीडिया के एक बड़े वर्ग के 300 आतंकियों के मारे जाने के दावों के बीच भी बहस चल रही है। इसके बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक मार्च को कबूला कि मसूद पाकिस्तान में ही होेने की बात कही थी।
कुरैशी ने कहा था कि मसूद इस स्थिति में है कि वह घर से बाहर नहीं निकल सकता, क्योंकि वह काफी बीमार है। वहीं इसके एक दिन बाद ही यानी शनिवार दो मार्च को मसूद के छोटे भाई मौलाना अम्मार के एक वीडियो के हवाले से आई खबरों के अनुसार इस वीडियो में अम्मार भारतीय वायु सेना के हमले में हुई तबाही का रोना रो रहा है। बताया गया है कि यह वीडियो 28 फरवरी को पेशावर में हुए एक जलसे का है और इस वीडियो को कुछ बलूच लोगों ने रिकॉर्ड करके भारतीय खुफिया एजेंसियों को उपलब्ध कराया है। इन दोनों बातों को जोड़कर इस आलोक में भी देखें कि पुलवामा हमले के बाद से मसूद का कोई बयान नहीं आया है तो माना जा रहा है कि उसकी मौत की खबरों में सच्चाई हो सकती है, और जल्द इस बारे में सच पुष्टि के साथ सामने आ सकता है। क्योंकि पुलवामा हमले के बाद जिम्मेदारी लेते हुए भारत को गीदड़ भभकी देने वाले मसूद के सुरों का अचानक बंद होना और फिर उसके बीमार होने तथा फिर छोटे भाई के रोने की खबरें कुछ इसी ओर इशारा कर रही हैं।
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नवीन समाचार, 27 फरवरी 2019 (एएनआई)। सीमा पर भारी तनाव, अघोषित युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। बौखलाये पाकिस्तान ने आतंकियों को भारत में ‘करो या मरो’ का संदेश दे दिया है। इसके बाद माना जा रहा है कि भारत में आतंकी हमले बढ़ सकते हैं। दिल्ली के करीब दो दर्जन संवेदनशील स्थलों पर आतंकी हमले की संभावना जताई जा रही है। वहीं सीमा पर भारत और पाकिस्तान की खासकर वायु सेनाएं आमने सामने आ गयी हैं। जम्मू कश्मीर के श्रीनगर, लेह व जम्मू के साथ ही पंजाब के भी पठानकोट, अमृतसर व चंडीगढ़ के हवाई अड्डों को नागरिक विमानों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है। देश में हाई-अलर्ट घोषित किया जा सकता है। दिल्ली से उत्तर की ओर का पूरा हवाई क्षेत्र खाली कराया गया।
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से चीन के बुहान शहर में हुई बैठक के बाद चीन ने पाकिस्तान से कहा, आतंकवाद पर लगाम लगाये पाकिस्तान। मात खाने के बाद पाकिस्तान की ओर से आये युद्ध नहीं चाहने संबंधी बयान।
-इससे पूर्व भारत का एक मिग-17 हेलीकाप्टर भी श्रीनगर से उड़ान भरने के कुछ देर बाद बड़गाम में तकनीकी खराबी से हुआ है दुर्घटनाग्रस्त। हेलीकाप्टर के पायलट-सहायक पायलट हुए हैं शहीद। एक स्थानीय नागरिक की भी हुई है मौत। पाकिस्तान कर रहा है इस लड़ाकू विमान को मार गिराने का पहले किया दावा. फिर मुकरा पाकिस्तान।
-1.15 बजे देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर भी उड़ानों को अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया गया है।
-प्रधानमंत्री के घर पर चल रही है बड़ी बैठक, एनएसए अजीत डोभाल, गृह मंत्री सहित वरिष्ठ मंत्री हैं मौजूद। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि अमेरिका की नेवल सील एबटाबाद से ओसामा बिन लादेन को ले गये तो कुछ भी संभव है।
-भारतीय वायु सेना ने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तान के एक एफ-16 विमान को भारतीय सेना ने सुखोई विमान की मदद से पाकिस्तान की सीमा के अंदर 3 किमी भीतर घुसकर नाम वैली के इलाके में मार गिराया है। पायलट के पैराशूट से कूदने की संभावना।
–पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा है कि पाकिस्तानी वायु सेना ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से ‘एलओसी के पार स्ट्राइक्स’ की हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य अपने ‘अधिकार, इच्छाशक्ति एवं स्व-सुरक्षा’ को प्रदर्शित करना है। हम युद्ध नहीं चाहते हैं, परंतु हर स्थिति के लिये तैयार हैं।
-शोपियां में सीआरपीएफ ने दो आतंकियों को धर दबोचा है।
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आतंकी हमले में मरने वालों में जैश-ए-मोहम्मद का कश्मीर का प्रमुख मुफ्ती खान कश्मीरी, आईसी-814 के अपहरण में शामिल रहा मसूद अजहर का बड़ा भाई इब्राहीम अजजर, छोटा भाई मौलाना तल्हा व साला अजहर युसूफ तथा अफगानिस्तार व कश्मीर में सक्रिय मौलाना अम्मार सहित जैश के 25 शीर्ष कमांडर शामिल हैं।
- ऐसे बनी ‘एयर स्ट्राइक’ की रणनीति:
-15 फरवरी को ही दे दिये गये थे पीएम व एनएसए की ओर से दे दिये गये थे सीमा पार आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के निर्देश
-16 फरवरी को एनएसए ने वायु सेना को कार्रवाई के लिए हरी झंडी दी, पाकिस्तान के ग्वादर व कराची एयरबेस के पास भ्र्रमित करने के लिए भारतीय नौ सेना से पनडुब्बी तैनात की, इसी दिन ड्रोन के जरिये ली गयी पाकिस्तान के रडार की जानकारी
-18 फरवरी को वायु सेना को पांच लक्ष्य दिये गये।
-19 फरवरी को पीएम व एनएसए ने योजना को साफ-साफ मंजूरी दे दी थी।
-26 फरवरी को रात्रि एक बजे भटिंडा, दो बजे आगरा से व कुछ ने ग्वालियर से उड़ान भरी, 17 मिनट में पाकिस्तानी वायु सेना हो सकती थी सक्रिय इसलिए 20 मिनट के भीतर लौटने की बनाई गयी थी रणनीति - पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर भारत द्वारा बड़ी कार्रवाई की खबरें आ रही है
- न्यूज एजेंसी एएनआई ने IAF सूत्रों के हवाले से बताया है कि लड़ाकू विमान मिराज ने PoK में हमला किया है
- 12 मिराज विमानों ने आतंकी ठिकानों पर 1000 किलोग्राम के बम गिराए हैं
- पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता ने आरोप लगाया था कि IAF ने सीमा का उल्लंघन किया है
नवीन समाचार, नई दिल्ली (एएनआई) 26 फरवरी 2019। आखिर पुलवामा आतंकी हमले के 12 दिन के बाद यानी शहीदों की तेरहवीं से पहले ही भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर दी गई हैं। पाकिस्तान ने आज माना कि भारतीय वायुसेना ने सीमा का उल्लंघन किया है। इस बीच, न्यूज एजेंसी एएनआई ने वायुसेना के सूत्रों के हवाले से खबर दी कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने तड़के करीब साढ़े तीन बजे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 1000 किलोग्राम के 6 बम गिराए गए। और विमान बिना खुद के किसी नुकसान के पूरी तरह से सुरक्षित वापस लौट आये हैं। इस हमले में पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों से करीब दो से तीन सौ आतंकियों के मरने की संभावना जताई जा रही है।
बताया गया है कि भारतीय वायु सेना के विमानों ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार एलओसी के पार जाकर यह कार्रवाई की है। यह कार्रवाई पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से केवल 60 किमी दूर बालाकोट, मुजफ्फराबाद व चकोटी नाम के उन आतंकी ठिकानों पर भी की है, जहां आतंकी मुखिया बड़ी रैलियां किया करते थे। हालांकि अभी भी इस एयर स्ट्राइक से बहुत लोग संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं, और आगे भी ऐसे हमले पाकिस्तान पर जारी रहने की उम्मीद की जा रही है।
इधर श्रीनगर में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी-एनआईए ने जेकेएलएफ यानी जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया यासीन मलिक के घर पर छापेमारी कर दी है।
IAF Sources: 12 Mirage 2000 jets took part in the operation that dropped 1000 Kg bombs on terror camps across LOC, completely destroying it pic.twitter.com/BP3kIrboku
— ANI (@ANI) February 26, 2019
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार भारतीय वायुसेना के करीब 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने सीमा पार आतंकी कैंपों पर हमला किया और उसे पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने अपने सुरक्षाबलों को कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पुलवामा आतंकी हमला के साजिशकर्ताओं को छोड़ा नहीं जाएगा और सेना अपने हिसाब से कार्रवाई करेगी।
पाक सेना के प्रवक्ता ने भारत पर लगाया आरोप
भारत पर सीमा के उल्लंघन का आरोप लगाने वाले ट्वीट में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर एक ट्वीट में लिखा है कि भारतीय वायुसेना ने मुजफ्फराबाद सेक्टर से घुसपैठ की कोशिश की थी। उन्होंने आगे लिखा है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा ठीक समय पर प्रभावी जवाब दिया गया। उन्होंने जानकारी दी है कि घटना में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, भारतीय वायुसेना की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी और बढ़ी है।
पाकिस्तान का आरोप, भारतीय वायुसेना ने लांघी एलओसी
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते लगातार तनावपूर्ण हैं। भारत ने इस हमले का बदला लेने के लिए अपने सुरक्षाबलों को खुली छूट दे दी है। इस बीच, मंगलवार को पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारतीय वायुसेना ने सीमा का उल्लंघन किया और पाकिस्तानी सीमा में घुसपैठ की। पाकिस्तान ने कहा है कि भारतीय वायुसेना ने एलओसी का उल्लंघन किया है। जब पाकिस्तानी वायुसेना ने इसके खिलाफ कार्रवाई की तब भारतीय लड़ाकू विमान वापस लौट गए। मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट कर भारत पर यह आरोप लगाया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने सीमा पार आतंकी कैंपों पर हमला किया और उसे पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।
भारत पर सीमा के उल्लंघन का आरोप लगाने वाले ट्वीट के बाद गफूर ने एक और ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा है कि भारतीय वायुसेना ने मुजफ्फराबाद सेक्टर से घुसपैठ की कोशिश की थी। उन्होंने आगे लिखा है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा ठीक समय पर प्रभावी जवाब दिया गया। उन्होंने जानकारी दी है कि घटना में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, भारतीय वायुसेना की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी और बढ़ी है।
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#WATCH Congress party workers shower currency notes on Congress leader Virendra Rawat (Former Uttarakhand CM Harish Rawat's son), at tribute ceremony in Roorkee organised by the Party for the CRPF soldiers who lost their life in Pulwama terrorist attack. (22 Feb) pic.twitter.com/3NHn8aTCkB
— ANI (@ANI) February 23, 2019
नवीन समाचार, रुड़की में 24 फरवरी 2019। पुलवामा के शहीदों की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है, वहीं केंद्र सरकार पर हमलावर कांग्रेसियों ने रुड़की में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के नाम पर एक होटल में हुए एक कार्यक्रम में पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे के ऊपर नोट उड़ा दिए। बृहस्पतिवार 23 फरवरी को जहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पुलवामा हमले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर बरस रहे थे, वहीं इसके कुछ ही घंटों पूर्व उनके पुत्र कांग्रेस नेता वीरेंद्र रावत पर रुड़की में पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के नाम पर नोट बरसाये जा रहे थे। नोट बरसाये जाने का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि जहां एक ओर पूरा देश पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के दर्द को भुला नहीं पा रहा है। वहीं, रुड़की में कांग्रेसियों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के नाम पर श्रद्धांजलि का ही मखौल बनाकर रख दिया गया। कार्यक्रम में गाने के दौरान वीरेंद्र पर भी जमकर नोट उड़ाए गए। कार्यक्रम में वीरेंद्र रावत बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे, और सब कुछ उनके सामने होता रहा, लेकिन उन्होंने इस हरकत को रोकने का प्रयास भी नहीं किया।
रुड़की के एक होटल में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के नाम पर अयोजित इस कार्यक्रम में इस समारोह में गीतों का भी कार्यक्रम रखा गया। कव्वाल देश भक्ति गीतों पर कार्यक्रम पेश कर रहे थे। वहीं, कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता अति उत्साह में नोट उड़ाते नजर आए। यही नहीं वीरेंद्र रावत के साथ फोटो खिंचवाते व अन्य कार्यकर्ता कार्यक्रम में हंसते हुए नजर आए। कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में वीरेंद्र रावत ने कहा कि यह पुलवामा आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले सीआरपीएफ सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम था। यह 56 इंच की छाती वाले ‘शेर’ (देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को जगाने का एक प्रयास था। दुश्मन को चुप कराने के लिए पीएम को कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन जिस तरह से कार्यक्रम के दौरान शहीदों का मखौल उड़ाया जाता रहा। उस पर वीरेंद्र रावत भी कुछ कहने के बजाय हसंते हुए नजर आए। वहीं इधर अब कांग्रेसी कहने लगे हैं कि यह कार्यक्रम सम्मान समारोह था ना कि श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम था।
भाजपा ने की निंदा
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डा देवेंद्र भसीन ने कहा कि यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र होने का प्रमाण है। जहां पूरा देश शोक में है, वहीं कांग्रेस उत्सव मना रहे हैं। यहां तक कि पैसे भी लुटाए जा रहे हैं। उत्तराखंड के भी चार शहीद हुए हैं। इससे साफ है कि सेना और शहीदों के प्रति कांग्रेस में सम्मान नहीं है।
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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 22 फरवरी 2019। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में जिम कार्बेट पार्क से रुद्रपुर में जनसभा की राह पर थे। उन्हें देर से हमले की जानकारी मिली थी। देर से सूचना दिए जाने पर पीएम बेहद नाराज हुए थे। इसके बाद उन्होंने रुद्रपुर की अपनी रैली रद्द करते हुए शाम 4 बजे से 4:45 तक स्थिति की समीक्षा के लिए कई बैठक की।’ यह बात एक सरकारी अधिकारी ने उस समय बताई जब गुरुवार को कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी पर अपना हमला तेज कर दिया।
सरकार के इस सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘करीब एक घंटे बाद स्थिति की एक बार फिर से समीक्षा करने का फैसला लिया गया। इसलिए पीएम रामनगर के रेस्ट हाउस में रुके और पुलवामा में स्थिति की जानकारी ली और जरूरी निर्देश दिए। दूसरी रिव्यू मीटिंग के बाद पीएम बरेली के लिए निकले और दिल्ली की फ्लाइट ली और रात को दिल्ली पहुंचे।’ सरकार के सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘जिस समय पुलवामा हमले की पहली खबर आई, उस समय वह (पीएम) शाम को करीब चार बजे कॉर्बेट से रुद्रपुर के रास्ते पर थे। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद भी पीएम पूरी स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए थे। इसी वजह से रुद्रपुर की रैली में देर हो रही थी। इसके बाद रैली में भारी भीड़ होने के बावजूद पीएम ने रैली में नहीं जाने का फैसला लिया। सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘इसके बाद उन्होंने 5:15 पर फोन के जरिए रैली को संबोधित किया और 5-7 मिनट में अपनी बात खत्म कर दी।’ इसके तुरंत बाद पीएम सड़क मार्ग से बरेली के लिए निकले, जहां से उन्होंने सीधे दिल्ली के लिए फ्लाइट ली।
पीएम कई कार्यक्रमों के लिए 14 फरवरी को उत्तराखंड में थे। उन्हें जिम कॉर्बेट पार्क में कई विकास कार्यों की शुरुआत करनी थी और कई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करना था। साथ ही रुद्रपुर में रैली का भी कार्यक्रम था। अधिकारी ने बताया, ‘उत्तराखंड सरकार की तरफ से लंबे समय से निवेदन किया जा रहा था कि पीएम वहां जाकर टूरिजम को प्रमोट करें। 14 फरवरी की दोपहर, पीएम ने जिम कॉर्बेट पार्क में 3 प्रॉजेक्ट को लॉन्च करने का ऐलान किया। ये तीन प्रॉजेक्ट, रेस्क्यू सेंटर, सफारी फैसिलिटी और सर्विलांस सिस्टम से जुड़े थे।’ इसके बाद उन्होंने टूरिज्म प्रमोशन और क्लाइमेट चेंज अवेयरनेस के लिए डिस्कवरी चैनल के लिये छोटा सा शूट किया और रुद्रपुर में जनसभा के लिए निकले। (इनपुट नवभारत टाइम्स)
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नवीन समाचार, देहरादून, 20 फरवरी 2019। प्रदेश के रुड़की स्थित क्वॉन्टम ग्लोबल यूनिवर्सिटी द्वारा सोशल मीडिया पर कथित राष्ट्र विरोधी पोस्ट को लेकर 7 कश्मीरी छात्रों को निलंबित करने के बाद उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का केस भी दर्ज हो गया है। यह कार्रवाई परिसर में करीब 450 छात्रों के एकत्र होकर आरोपी छात्रों के निष्कासन की मांग करने के बाद छात्रों को शांत करने के लिए की गयी। बताया गया है कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने धमकी दी थी कि अगर कश्मीरी छात्रों को निष्कासित नहीं किया जाता है तो वे संस्थान छोड़कर चले जाएंगे।
वहीं कश्मीरी छात्रों के निष्कासन की मांग को लेकर राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित उत्तरांचल कॉलेज ऑफ साइंस एंड टक्नॉलजी के सामने नारेबाजी और प्रदर्शन करने के आरोप में 22 छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। उधर, कॉलेज प्रबंधन भी दो दिन पहले ही सातों छात्र-छात्राओं को निलंबित कर पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर चुका है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 20 फरवरी 2019। देहरादून के शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों का हाल जानने कश्मीर से पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) का प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को दून पहुंचा। पीडीपी के नेता दिन में देहरादून में सभी छात्र-छात्राओं के सुरक्षित होने की बात कहते रहे। लेकिन देर रात नेता तीन बसों में करीब 150 छात्र-छात्राओं को साथ लेकर कश्मीर रवाना हो गए। पीडीपी प्रतिनिधि मंडल में शामिल राज्य सभा सांसद मीर मोहम्मद फैयाज, पूर्व विधायक एजाज मीर और पीडीपी यूथ के कोऑडिनेटर परवेज वफा समेत चार लोग मंगलवार को दून पहुंचे। चारों ने दिन में प्रेमनगर और सुद्धोवाला क्षेत्र में रह रहे कश्मीरी छात्रों और कालेज संचालकों से बात की। एजाज मीर ने कहा कि, यहां छात्रों ने खुद को सुरक्षित बताया है। देर रात बीजापुर गेस्टहाउस में कश्मीरी छात्र इनसे मिलने पहुंचे। इनमें से कई छात्रों ने परीक्षा का हवाला देते हुए लौटने से इनकार किया। लेकिन नेता उन्हें यह कर साथ ले गए कि कुछ दिन बाद वे दून लौट जाएं। इसके बाद आईएसबीटी से एक और बीजापुर गेस्ट हाउस से दो बसों में छात्रों को लेकर कश्मीर रवाना हो गए।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 18 फ़रवरी 2019। देश की सीमा पर जवानों की शहादत पर हर कोई अपना योगदान देना चाह रहा है। पर कैसे, यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है। ऐसे में नैनीताल के दो नन्हे भाई-बहन ने अपने गुल्लक तोड़कर देश के लिये त्याग की अनोखी मिसाल पेश की है। वेदांत जोशी एवं अनुष्का जोशी के द्वारा सोमवार सुबह नैनीताल के जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन को अपनी गुल्लक में जमा की गई कुल राशि रुपये 4,802 (अनुष्का के 2603 रुपये एवं वेदांत के 2199 रुपये) भेंट किये। इस पर उनके पिता नैनीताल टैक्सी ट्रैवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जोशी ने कहा, “मैं अपने दोनों बच्चों के इस कार्य की प्रशंसा करता हूं और साथ ही इनके पिता होने पर गर्व महसूस करता हूं। इन्होंने उन शहीदों के परिवार के बच्चों के बारे में सोचा।” उल्लेखनीय है कि अनुष्का जोशी नगर के सेंट मेरिज कॉन्वेंट कॉलेज में कक्षा 7 में और वेदांत जोशी सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल में कक्षा दो में पढ़तेे हैं।
उल्लेखनीय है कि नैनीताल टैक्सी ट्रैवल एसोसिएशन भी शहीद परिवारों के लिए मदद जुटा रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जोशी ने वीडियो संदेश भेज कर लोगों से अपने कार्यालय में मदद जमा करने की अपील की है। वहीं लोग पेटीएम जैसेे माध्यमों से भी शहीद परिवारों की मदद कर रहे हैं। अलबत्ता इस कड़ी में ‘सिंडिकेट बैंक में धनराशि जमा करने का आह्वान करने वाली’ जैसी कुछ फ्रॉड संस्थाएं भी आगे आ रही हैं, उनकी से पड़ताल करके ही उनके जरिए कोई मदद दी जानी चाहिए।
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-शहीदों के परिजनों की मदद के लिए आगे आए शिक्षक,
राजकीय शिक्षक संघ नकद राशि एकत्र कर सीएम को सौंपेगा मदद का चेक
-प्राथमिक संघ ने एक दिन का वेतन काट लेने को पत्र भेजा
-विधायक एक महीने व आईएएस एक दिन के वेतन की कर चुके हैं घोषणा
-नैनीताल में टैक्सी ट्रैवल एसोसिएशन भी जुटा रहा है मदद
नवीन समाचार, देहरादून/नैनीताल, 18 फ़रवरी 2019।आतंकवादियों के हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों की शहादत के बाद उत्तराखंड के लोगों ने सराहनीय जज्बा दिखाया है। प्रदेश के सबसे बड़े महमके के कार्मिकों ने भी शहीद परिवारों की मदद के लिए सराहनीय पहल की है। शिक्षकों ने अपना एक दिन का वेतन देने का ऐलान किया है। प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस संबंध में शिक्षा निदेशक को पत्र भेज दिया है कि सभी प्राथमिक शिक्षकों के वेतन से एक दिन का वेतन काटकर शहीदों के परिजनों की मदद के लिए भेज दिया जाए। इसके बाद राजकीय शिक्षक संघ ने भी एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है। राजकीय शिक्षक संघ अपने द्वारा संग्रहित राशि सीधे सीआरपीएफ के डीजी को देगा। राशिसं ने ब्लाक स्तर पर सभी शिक्षकों से एक दिन के वेतन की राशि एकत्र कराने का निर्णय लिया है। यह राशि जिलास्तर पर एकत्र की जाएगी। इसके बाद प्रदेश के सभी जनपदों में एकत्र राशि का चेक बनाकर मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। यह चेक महानिदेशक सीआरपीएफ के नाम से होगा। संघ नेताओं का कहना है कि वेतन से सहायता राशि काटने पर वह प्रधानमंत्री विवेकाधीन कोष में जाती है। विवेकाधीन कोष से मदद की प्रक्रिया में विलंब हो सकता है, इसलिए संघ ने निर्णय लिया है कि उक्त राशि सीधे सीआरपीएफ को दे दी जाए और सीआरपीएफ उन शहीद जवानों के परिजनों को यह राशि बांट देगी। राजकीय शिक्षक संघ में वर्तमान में 18 हजार से अधिक शिक्षक हैं। इन शिक्षकों का औसत वेतन प्रतिदिन दो हजार के करीब है।
इसी तरह प्राथमिक व उच्च प्राथमिक के 17 हजार विद्यालयों में करीब 24 हजार शिक्षक तैनात हैं। इन्हें औसत डेढ़ हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वेतन मिलता है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि शिक्षकों के द्वारा की गयी मदद की इस पहल से छह करोड़ से अधिक की राशि एकत्र हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के सभी विधायकों ने अपने एक माह का वेतन देने का निर्णय विधानसभा के भीतर इस घटना के तुरंत बाद लिया था। आईएएस एसोसियेशन ने भी एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया था। कई अन्य कर्मचारी संगठन भी शहीदों के परिवारों की मदद के लिए आगे आये हैं।
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नवीन समाचार, देहरादून, 16 फ़रवरी 2019। तो क्या उत्तराखंड की आस्तीनों में भी ‘कश्मीरी नागिनें’ छुपी बैठी हैं ? हम यहइसलिए कह रहे हैं कि शनिवार को देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र में निकाले जा रहे कैंडल जुलूस को देखकर हॉस्टल की छत से कुछ छात्राओं के द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने की खबर है। इससे गुस्साए लोग हॉस्टल के सामने ही जम गए और प्रदर्शन करने लगे। कुछ लोगों ने हॉस्टल में दाखिल होने का प्रयास भी किया, मगर थोड़ी देर बाद ही वहां पहुंची पुलिस ने उन्हें रोक लिया। मौके पर पांच-छह थानों की फोर्स को तैनात कर दिया गया। हालांकि, पुलिस अधिकारी ऐसी किसी नारेबाजी की बात से इंकार कर रहे हैं। नारे लगाने वाली छात्राएं कश्मीर मूल की बताई जा रही हैं।
शनिवार सुबह करीब साढ़े दस बजे प्रेमनगर क्षेत्र में कुछ लोग और छात्र पुलवामा हमले के विरोध में कैंडल मार्च निकाल रहे थे। मार्च जैसे ही एक हॉस्टल के सामने पहुंचा तो छत पर मौजूद कुछ छात्राओं ने पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर लोग वहां हंगामा करने लगे और हॉस्टल के बाहर धरने पर बैठ गए। मामला बढ़ते देख वहां प्रेमनगर की झाजरा चौकी से फोर्स पहुंच गई। कुछ देर बाद वहां पुलिस अधीक्षक नगर श्वेता चौबे और अन्य अधिकारी भी पहुंच गए। उन्होंने लोगों को समझा बुझाकर शांत किया और मामले में कार्रवाई का भरोसा दिलाया। जुलूस में शामिल लोग केवल कल सोशल मीडिया पोस्ट से गुस्साए हुए थे, लिहाजा उन्होंने हॉस्टल के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मामला पुलिस ने वहीं सुलझा दिया था। इधर, पुलिस तो इंकार कर रही है, मगर स्थानीय लोग इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। उन्होंने बाकायदा इस घटना के संबंध में अपने हस्ताक्षरों वाला एक कागज भी सोशल मीडिया पर वायरल किया है। देर रात तक स्थिति सामान्य बनी हुई थी और क्षेत्र में पीएसी और पुलिस तैनात थी।
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नवीन समाचार, देहरादून, 16 फ़रवरी 2019। पुलवामा आतंकी हमले पर खुशी जताने के आरोप में एक कश्मीरी छात्र को दूून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हमले के बाद दून में अलग-अलग संस्थानों में पढ़ाई करने वाले दो छात्रों ने इसका समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी। इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस ने एक छात्र के खिलाफ प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया। साथ ही आरोपी छात्र को एसटीएफ ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अफसर अभी गिरफ्तारी के खुलासे से बच रहे हैं। हमले का समर्थन करने वाले दूसरे छात्र की जानकारी जुटाई जा रही है। गिरफ्तार छात्र की पहचान जम्मू-कश्मीर निवासी कैशर राशिद के रूप में की गई है। वह दून स्थित सुभारती मेडिकल कॉलेज से बीएमआरआईटी प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। गुरुवार शाम पुलवामा हमले के बाद सोशल साइट पर कथित तौर पर उसकी पोस्ट वायरल हो गई थी। पोस्ट में देश और सेना के लिए कथित अपमानजनक टिप्पणी की गई थी। हालांकि एसएसपी एसटीएफ (डीआईजी) रिद्धिम अग्रवाल ने छात्र की गिरफ्तारी से इनकार किया है।
पूर्व समाचार : हमले के बाद कश्मीरी छात्रों की टिप्पणियों पर भी पूरे उत्तराखंड में गुस्सा
नवीन समाचार, देहरादून, 15 फ़रवरी 2019। दून में रहकर पढ़ रहे कश्मीरी छात्र कैशर राशिद और सयैद मुसैल ने पुलवामा हमले में शहीद हुए 42 जवानों के लिए जो भी लिखा उसके बाद राजधानी देहरादून में आक्रोश है। पुलवामा हमले के बाद कैशर ने यह मैसेज व्हाट्स पर वायरल किया था। मामला बढ़ता देख कैशन ने अपने मैसेज को लेकर सोशल मीडिया पर माफी मांगी। कैसर को संस्थान ने निलंबित कर दिया गया। एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना कि मामला उनके संज्ञान में है। जांच की जा रही है। वहीं देहरादून में ही पढ़ रहे एक और कश्मीरी छात्र सयैद मुसैल ने फेसबुक पर भारतीय सेना के लिए शर्मनाक टिप्पणी की है। इस छात्र को भी संस्थान से निलंबित कर दिया गया है।
सयैद मुसैल के खिलाफ प्रेमनगर पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। पूरे देश में पुलवामा आतंकी हमले के बाद शोक और गुस्सा है। इसी बीच देहरादून के एक संस्थान में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र कैशर राशिद द्वारा इस प्रकार की शर्मनाक टिप्पणी की गई है। उसके द्वारा भेजे गए व्हाट्सअप मैसेज के लिए संस्थान ने उसे निलंबित कर दिया गया है। वहीं संस्थान के बाहर प्रदर्शन को दौर शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह पोस्ट करने वाले छात्र पर विधिक कार्रवाई होगी। फिलहाल छात्र राज्य से बाहर है। जानकारी के मुताबिक देहरादून के एक संस्थान से पढ़ाई करने के बाद उक्त कश्मीरी छात्र ने अपना एक व्हाट्सअप मैसेज वायरल कर दिया। संस्थान में पुलिस तैनात की गई है। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में खासी झड़प भी हुई। यह मैसेज पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद वायरल हुआ। जिसमें छात्र ने लिखा था आज तो रियल पीयूबीजी हो गया। जो आग की तरह वायरल हो गया। संस्थान प्रबंधन को इस बात की खबर लगी तो उक्त छात्र को निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद गुस्साए छात्रों और अन्य संगठनों ने उक्त संस्थान के बाहर प्रदर्शन किया। मामले की संवेदनशीलता देखते हुए मौके पर पीएसी और भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। हिंदूवादी संगठन और एबीवीपी कार्यकर्ता भी वहां पहुंचे और नारेबाजी की। संगठन कश्मीरी छात्र को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े रहे। इस मामले में एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद ही एक्शन लिया जाएगा। वहीं इस मामले के बढ़ने के बाद उक्त छात्र ने अपने मैसेज के लिए माफी मांगी।
यह भी पढ़ें : पुलवामा हमले के विरोध में नैनीताल में फूका गया पाकिस्तान का झंडा व पुतला
नवीन समाचार, नैनीताल, 15 फरवरी 2019। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर देश भर के लोगों के दिलों में जल रही आक्रोश की ज्वाला ने शुक्रवार को मुख्यालय में पाकिस्तान के झंडे को अपने आगोश में ले लिया। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं सहित आम लोगों ने गहरे आक्रोश पूर्वक पाकिस्तान के झंडे के साथ ही पाकिस्तान और आतंकवाद लिखे पुतले को आग के हवाले कर दिया और पाकिस्तान व आतंकवाद की मुर्दाबाद एवं देश के लाल शहीदों के ‘अमर रहें’ के नारे लगाए। साथ ही शहीदों की शहादत को कभी न भूलने का संकल्प भी जताते हुए अन्य मौकों पर दिखने वाली पुतले फूकने की औपचारिकता निभाने की जगह काफी देर तक जोरदार नारेबाजी भी की। आम लोग भी इस दौरान आतंकवाद व पाकिस्तान के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करते देखे गये। इस मौके पर प्रमुख रूप से भाजपा के नगर अध्यक्ष मनोज जोशी, सभासद पुष्कर बोहरा, सागर आर्या व कैलाश अधिकारी अरविंद पडियार, नितिन कार्की, पूरन मेहरा, अधिवक्ता पुनीत टंडन, अतुल पाल, विश्वकेतु वैद्य, कलावती असवाल, उमेश गड़िया, शिवशंकर मजूमदार, आनंद बिष्ट, राकेश कुमार, विकास जोशी, भूपेंद्र बिष्ट, पंकज साह, जतिन शर्मा, भरत मेहरा व श्याम सिंह आदि मौजूद रहे।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर हर ओर गम एवं गुस्सा नजर आ रहा है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन में भी शुक्रवार को सीआरपीएफ के जवानों को शहादत पर शोक सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि दी गयी। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित बेलवाल, की अध्यक्षता में हुई शोक सभा में हमलों की निंदा करते हुए सरकार से इस घटना का बदला लेने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गयी।
वहीं यूथ कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष पवन जाटव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने भी आतंकवाद व पाकिस्तान का पुतला फूका एवं एक स्वर में इस घटना की निंदा की। साथ ही केंद्र सरकार से निवेदन किया कि आतंकवादियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। इस मौके पर प्रकाश जोशी, नितिन जाटव, आशु, राजकमल, रोहित गैड़ा, विक्की राज, जुनैद अहमद, दीपक आर्य, मोहित जोशी, अनीश, गोपाल पांडे, प्रदीप प्रसाद व कमल आर्यन आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे। उधर पुलिस लाइन, पुलिस कार्यालय, सभी थानों-चौकियों व फायर स्टेशनों में पुलिस कर्मियों ने भी शोक सभा कर सीआरपीएफ के शहीदों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अगुवाई में शुक्रवार को कुमाऊं विवि के सर्वप्रमुख डीएसबी परिसर में शोक सभा का आयोजन हुआ। इस अवसपर पर परिसर निदेशक प्रो. एलएम जोशी व परिषद के मोहित रौतेला सहित अन्य वक्ताओं ने आतंकी हमले पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि सभी शहीद परिवारों के साथ खड़े हैं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। केंद्र सरकार शहीदों की कुर्बानी व्यर्थ न जाने दे एवं जैश ए मोहम्मत के समूल नाश के लिए कड़ी कार्रवाई करे। इस मौके पर डीएसडब्लू प्रो. पद्म सिंह बिष्ट, हरीश राणा, हरीश बिष्ट, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अभिषेक मेहरा, अरुण, प्रो. गिरधर सिंह नेगी, प्रो. एसपीएस मेहता, मुकेश बहुगुणा, जितेंद्र प्रसाद, हर्षवर्धन सहित केपी व एसआर छात्रावासों की छात्राएं मौजूद रहीं।
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नवीन समाचार, श्रीनगर, 14 फरवरी 2019 (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार शाम हुए एक बड़े आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 46 अन्य घायल बताये जा रहे हैं। शहीद जवानों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इसे उरी में सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों पर हुए इस सबसे बड़े आतंकी हमले को ‘आतंकी हमले से अधिक युद्ध’ के रूप में देखा जा रहा है और देश विश्व युद्ध के बदले आतंकियों का आतंक को पनाह देने वाले देश के खिलाफ युद्ध की मांग कर रहा है।
शहीदों के नाम: राठौर नितिन शिवाजी, भागीरथी सिंह, वीरेंद्र सिंह, अवधेश कुमार यादव, रतन कुमार ठाकुर, पंकज कुमार त्रिपाठी, जीत राम, अमित कुमार, विजय कुमार मौर्या, कुलविंदर सिंह, मनेश्वर बासुमतारी, मोहन लाल, संजय कुमार सिन्हा, राम वकील, निसार अहमद, जयमाल सिंह, सुखजिंदर सिंह, तिलक राज, रोहिताश लाम्बा, विजय सोरेंग, वसंथा कुमार वीवी, सुब्रमनियम जी, गुरू एच, मनोज बेहरा, नारायण लाल गुर्जर, महेश कुमार, प्रदीप कुमार, हेमराज मीणा, पीके साहू, रमेश यादव, संजय राजपूत, कौशल कुमार रावत, प्रदीप सिंह, श्याम बाबू, अजीत कुमार आजाद, मनिंदर सिंह अत्री, बबलू सान्त्रा व अश्वनी कुमार काओची।
उत्तराखंड के लिए भी अफसोस जनक बात यह है कि इस हमले में उत्तराखंड के लाल उधम सिंह नगर जिले के खटीमा मोहम्मदपुर भूरिया निवासी वीरेंद्र सिंह (45वीं बटालियन CRPF) व उत्तरकाशी के बनकोट निवासी मोहन लाल के भी शहीद होनेे की खबर आ रही है। ईश्वर करे ऐसा ना हो, पर खबर यदि सच है तो हम शहीद बीरेंद्र सिंह सहित सभी शहीदों को दिल की गहराइयों सेे श्रद्धांजलि देते हैं। इधर आज शाम 6 बजे से पुलवामा मे हुए आतंकी हमले के विरूद्ध और पाकिस्तान के खिलाफ नैनीताल में भी एक विशाल जलूस राम सेवक सभा से बड़ा बाजार से होता हुआ माल रोड में निकलेगा। सभी से अनुरोध किया जा रहा है कि आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर पाकिस्तान को पूरी तरह से सबक सिखाने का संदेेेश देते हुए जुलूस में शामिल हों।
जैश आतंकी आदिल ने रची साजिश
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। बताया जा रहा है कि आदिल अहमद डार नाम के आतंकी ने इस काफिले पर हमले की साजिश रची थी। आदिल पुलवामा के काकापोरा इलाके का रहने वाला है। सीआरपीएफ की 54वीं बटैलियन के जवानों को इस हमले में आतंकियों ने निशाना बनाया। गुरुवार शाम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर अवंतिपोरा के गरीपोरा के पास हमला किया गया। श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर स्थित अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया। इस हमले के बाद दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अलर्ट जारी किए गए हैं।
विस्फोटकों से लदी गाड़ी से मारी टक्कर
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी लेकर आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले की बस में टक्कर मार दी। हमले के बाद जवानों को तुरंत श्रीनगर के हॉस्पिटल में शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया। बताया जा रहा है कि काफिले की जिस बस को आतंकियों ने निशाना बनाया, उसमें 35 जवान सवार थे। आत्मघाती हमलावर आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था।
सीआरपीएफ के काफिले में 70 गाड़ियां
दर्जनों घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराकर उनका इलाज किया जा रहा है। इनमें से कई जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिस काफिले पर यह हमला हुआ, वह जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था और इसमें 2 हजार से अधिक जवान शामिल थे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीआरपीएफ के जिस काफिले पर हमला किया गया, उसमें 70 वाहन शामिल थे। इन्हीं में से एक गाड़ी आतंकियों के निशाने पर थी। सीआरपीएफ जवानों का काफिला जम्मू से श्रीनगर आ रहा था। हमले के बारे में सीआरपीएफ के आईजी जुल्फिकार हसन ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस जांच कर रही है। घायल जवानों को अस्पताल शिफ्ट किया गया है और विस्फोट स्थल पर छानबीन की जा रही है।
यह भी पढ़ें : जानें आज आईएमए की परेड में किसने कहा फिर कभी भी कर सकते हैं सर्जिकल स्ट्राइक
नवीन समाचार, देहरादून, 9 दिसंबर 2018। देश के सह सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू ने शनिवार को आईएमए की पासिंग आउट परेड में कहा कि भारतीय सेना ने जैसे सर्जिकल स्ट्राइक कर अपनी काबिलियत दिखाई थी, अगर दुश्मन कोई नापाक हरकत करता है तो सर्जिकल स्ट्राइक दोबारा भी की जा सकती है, और ऐसा कभी भी किया जा सकता है। जरूरत पड़ी तो इसके लिए सीमा भी पार करेंगे और दुश्मन के सिर भी कुचलेंगे। कहा, यह भारतीय सेना का युद्ध कौशल ही था कि उसकी रणनीति से महज 14 दिन के भीतर ही दुश्मन सेना के 90 हजार जवानों ने आत्मसमर्पण कर दिया था।
अंबू ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारी सेना दुश्मन का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, और दुश्मन की नापाक हरकतों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा। टिप्पणी की कि सर्जिकल स्ट्राइक से दुश्मन को अपनी ताकत का जो अहसास करवाया, वह केवल नमूनाभर था, यदि भविष्य में फिर से सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत पड़ती है हम ऐसा दुबारा करने से किसी भी दशा में पीछे नहीं हटेंगे। कहा कि देश की सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद भी कई परिवर्तन किए हैं। महिलाओं को आईएमए में प्रवेश के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्थायी रूप से कमीशन देने के साथ ही सूचना और मनोवैज्ञानिक युद्ध जैसे क्षेत्रों में भी जगह देने पर मंथन चल रहा है।
पूर्व समाचार: ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को नकारने वालों को फिल्मकारों का जवाब, ‘उरी’ फिल्म का बेहद दमदार ट्रेलर लांच
नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 5 दिसंबर 2018। दो साल पहले कश्मीर में उरी के आर्मी बेस कैम्प पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें हमारे 19 वीर जवान शहीद हो गए थे। घटना के बाद देश में आतंकियों और खासकर पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखा गया था। हर जगह एक ही आवाज उठी कि पाक से इस नापाक हरकत का बदला लिया जाए। सरकार पर भी दबाव था। इसके बाद सेना की स्पेशल टीम ने पाकिस्तान को उसी की सरजमीं पर घुसकर दहला दिया था। इन जवानों ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। इसी कहानी को पर्दे पर उतारा है डायरेक्टर और लेखक आदित्य धर ने। फिल्म में विक्की कौशल, यामी गौतम और परेश रावल, मोहित रैना, कीर्ति कुल्हरी व रॉनी स्क्रूवाला भी नजर आएंगे। परेश रावल नेशनल सिक्यूरिटी एडवाइजर अजित डोभाल का किरदार निभाते दिखेंगे। यह फिल्म भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सर्जिकल स्ट्राइक पर आधारित है। 2 मिनट 24 सेकेंड का ट्रेलर देशभक्ति के जज्बे से लबरेज है। पड़ोसी मुल्क के नापाक इरादों को असफल करने में शहीद हुए जवानों के परिवारों का दर्द भी बखूबी दिखाया गया है।
देखें उरी फिल्म का ट्रेलर
‘उरी’ का ट्रेलर बुधवार को लॉन्च किया गया। यह ढाई मिनट का है। फिल्म को प्रोड्यूस किया है रोनी स्क्रूवाला ने और निर्देशक हैं आदित्य धर। ट्रेलर की शुरुआत 18 सितंबर 2016 की घटना के साथ होती है। जब भारतीय सेना के 19 निहत्थे जवानों पर कायर आतंकियों ने हमला किया था। इन सैनिकों ने निहत्थे होते हुए भी आतंकियों का मुकाबला किया था। घटना तड़के हुई थी।
जिस समय रिलीज हुआ फिल्म ‘उरी’ का ट्रेलर, उसी वक्त पाकिस्तान ने उरी में तोड़ा सीजफायर
जम्मू-कश्मीर में बारामुला के कमलकोट उरी सेक्टर में एलओसी पर बनी सेना की पथेर मोसा पोस्ट पर पाकिस्तान ने बुधवार दोपहर सीजफायर का उल्लंघन किया। इस दौरान सेना के दो जवान घायल हो गए। उधर भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना को मुहतोड़ जवाब दिया। बता दें कि आज सुबह ही भारत में उरी सर्जिकल स्ट्राइक फिल्म का भी ट्रेलर लांच हुआ है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान सेना ने इसी बौखलाहट में फायरिंग की है।
सनी देओल की याद दिलाते हैं विकी कौशल
ट्रेलर को गौर से देखें तो परेश रावल और विक्की कौशल की भूमिकाएं दमदार नजर आती हैं। यामी के एक्सप्रेशंस भी अच्छे हैं। परेश रावल दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब देने की बात करते हैं तो इसका बीड़ा उठाते हैं आर्मी अफसर विहान सिंह शेरगिल यानी विक्की कौशल। आतंकियों से पूछताछ करती यामी भी नजर आती हैं। विक्की कौशल आपको कई जगह सनी देओल की याद दिलाएंगे क्योंकि उनकी डायलॉग डिलिवरी कुछ ऐसी ही है।
दमदार डायलॉग्स
‘उसी’ में डायलॉग जबरदस्त नजर आ रहे हैं। एक में परेश रावल कहते हैं- ये नया हिंदुस्तान है। जो दुश्मन के घर में घुसेगा भी और मारेगा भी। विक्की एक आतंकी को काबू में करने के बाद कहते हैं – अपनी 72 हूरों को हमारा सलाम बोलना। कहना दावत पर इंतजार कर रहे हैं। आज हम बहुत सारे मेहमान भेजने वाले हैं।
पूर्व समाचार : सर्जिकल स्ट्राइक : पहली बार आया वीडियो, खासकर नकारने वाले जरूर देखें
जम्मू-कश्मीर के उड़ी सैन्य कैंप पर पिछले साल हुए हमले के बाद पीओके में हुई सेना की सर्जिकल स्ट्राइक की पहली तस्वीरें सामने आई हैं। 18 सितंबर 2016 को उड़ी सैन्य कैंप पर हुए आतंकी हमले के 11 रोज बाद हुई इन सर्जिकल स्ट्राइक्स में सेना और पैरा फोर्सेज के जवानों ने पाक अधिकृत कश्मीर के टेरर लॉन्चिंग पैड्स पर हमला किया था। इस हमले में कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया था, जिसके बाद ऑपरेशन में शामिल सभी जवान सुरक्षित भारतीय इलाके में लौट आए थे।
टेरर लॉन्च पैड्स पर हुई इस कार्रवाई के अगले दिन सेना के तत्कालीन डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस रणबीर सिंह और विदेश मंत्रालय के तत्कालीन प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दिल्ली में इस ऑपरेशन की जानकारी साझा की थी। हालांकि पाकिस्तान ने अपने इलाके में भारतीय जवानों की किसी भी स्ट्राइक से इनकार किया था। इस पूरे घटनाक्रम के करीब 21 महीने बाद अब सर्जिकल स्ट्राइक के पहले सबूत के तौर पर एक एक्सक्लूसिव विडियो सामने आया है। इस विडियो में सेना की कार्रवाई में कई लॉन्च पैड्स को तबाह होते देखा जा सकता है। हालांकि अब तक विडियो के संबंध में सेना के तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
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-वैज्ञानिकों ने कहा भारत उपग्रह आधारित सुदूर संवेदी में विश्व में अग्रणी, मगर पाकिस्तान कहीं ठहरता नहीं, सामरिक दृष्टिकोण से सबूत देना हो सकता है आत्मघाती
नवीन जोशी, नैनीताल। बीती 29 मई को भारतीय सेना द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में किये गये ‘सर्जिकल स्ट्राइक” के बाद देश के चंद नेताओं द्वारा सबूत मांगने की स्थितियों के बीच वैज्ञानिक पूरी तरह सेना की कार्रवाई के साथ ही सेना व सरकार के पास कार्रवाई के पक्के वैज्ञानिक सबूत होने के प्रति भी मुतमईन हैं। बहुत संभावना है कि यह सबूत मानव द्वारा की गई फोटोग्राफी या वीडियो ग्राफी से इतर उपग्रह आधारित पृथ्वी पर निगरानी रखने वाले उपकरणों आधारित सुदूर संवेदी यानी रिमोट सेंसिंग के भी हो सकते हैं, जिसमें भारत विश्व में अग्रणी है। भारत अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा में मौजूद अपने उपग्रहों से एक फिट तक के रिजोल्यूशन के फोटो और वीडियो खींचने में सक्षम हैं। अलबत्ता, यह सबूत किसी भी कीमत पर, नेताओं के कैसे भी आरोप-प्रत्यारोपों के बावजूद सार्वजनिक नहीं किये जा सकते हैं, क्योंकि इनसे देश की सामरिक रणनीति आदि बेपर्दा हो सकती है, और यह देश की सुरक्षा के लिये आत्मघाती हो सकता है।देश में चल रही सर्जिकल स्ट्राइक के सबूतों की बहस के बीच जहाँ सेना ने सरकार को 90 मिनट का विडियो सौंपने और एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विडियो को पेश न करने तथा दूसरी ओर अगले सप्ताह देश के चुनिन्दा नेताओं को यह विडियो दिखने की खबरें आ रहीं है, वहीँ इस बारे में स्थानीय आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वैज्ञानिक बिना किसी ‘किंतु-परंतु’ के एकमत हैं कि सेना ने 29 सितंबर की रात्रि पीओके में घुसकर आतंकियों के लांच पैड्स को ध्वस्त कर आतंकियों से मुंबई, संसद, पठानकोट एवं उड़ी सहित आतंकी घटनाओं की लंबी फेहरिस्त का एकमुस्त जोरदार बदला लिया है। सरकार और सेना के पास सर्जिकल स्ट्राइक के पुख्ता वैज्ञानिक सबूत मौजूद भी हैं, लेकिन सरकार को किसी भी सूरत में इन्हें सार्वजनिक नहीं करना चाहिए। वैज्ञानिकों के अनुसार देश का उपग्रह आधारित नक्शों के माड्यूल ‘भुवन’ का रेजोल्यूशन ‘गूगल अर्थ’ से भी बेहतर है। इससे पृथ्वी पर किसी सैन्य अधिकारी के कन्धों के फीतों पर लगे रैंक तक देखे जा सकते हैं। करीब 35 मीटर प्रति सेकेंड की गति से चलने के बावजूद ये पृथ्वी के बहुत अच्छे रेजोल्यूशन के वीडियो भी ले सकते हैं। दुनिया का अग्रणी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो पहले ही पृथ्वी पर कृषि, जल संसाधन, नगरीय नियोजन, ग्रामीण विकास, खनिजों की खोज, पर्यावरण, वन विज्ञान, सामुद्रिकी एवं आपदा प्रबंधन आदि के मद्देनजर निगरानी रखने की श्रेणी में रिसोर्ससेट-1 व 2, कार्टोसेट-1, 2, 2ए व 2बी, रिसेट-1 व 2, ओसिएनसेट-2, मेघा-ट्रॉपिक्यूस एवं सरल आदि हैं। वहीं इधर संयोग कहें कि कुछ और, 18 सितंबर को उड़ी में हुए भयावह आतंकी हमले से ठीक 10 दिन पूर्व ही आठ सितंबर को भारत ने इस दिशा में एक बहुत ऊंची उड़ान भरते हुये इनसेट-३डीआर नाम का उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा था, जो कि मूलत: पृथ्वी के वातावरण की धुंध आदि के प्रभावों से अप्रभावित रह कर फोटो-वीडियो खींचने की सुविधा युक्त मौसमी उपग्रह है, लेकिन इसके आतंकियों पर नजर रखने की क्षमता से वैज्ञानिक इंकार नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा भी भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक से केवल तीन दिन पूर्व स्कैटसेट-1 नाम का उपग्रह भी अंतरिक्ष में भेजा है, जोकि चक्रवातों संबंधी मौसमी भविष्यवाणियां करने के साथ ही किसी लक्ष्य की ‘ट्रेकिंग” करने वाला देश का पहला मिनियेचर सेटेलाइट है। एरीज के वरिष्ठ वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार ने कहा कि रिमोट सेंसिंग उपग्रहों के मामले में जहां भारत विश्व में अग्रणी है, वहीं पाकिस्तान उसके समक्ष कहीं भी नहीं ठहरता है। इसलिये कहा जा सकता है कि देश की सेना के साथ ही इसरो के पास भी सर्जिकल स्ट्राइक के पुख्ता सबूत उपलब्ध हैं। बावजूद वैज्ञानिकों का मानना है, कि देश की सुरक्षा के लिये इन सबूतों को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। अमेरिका ने भी पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन के खिलाफ किये गये ऐसे ही सर्जिकल हमले के बाद भी कोई सबूत दुनिया को नहीं दिखाये थे।
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“सर्जिकल स्ट्राइक पर जारी सियासत और उसे लेकर उठ रहे सवालों के बीच इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने बड़ा खुलासा किया है। अखबार में छपी रिपोर्ट में नियंत्रण रेखा के पार रहने वाले प्रत्यक्षदर्शियों ने पिछले सप्ताह आतंकवादी कैंपों पर हुई भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक का आंखों देखा हाल बताया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने विस्तार से बताया है कि किस तरह सर्जिकल स्ट्राइक में मारे गए आतंकवादियों के शव को 29 सितंबर की अल सुबह, ट्रकों में बी कर ले जाया गया। चश्मदीदों के मुताबिक कम वक्त में हुई सेना की ताबड़तोड़ फायरिंग में आतंकवादी कैंप नेस्तेनाबूद हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान से भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा रहा पाकिस्तान फिर बेनकाब हो गया है। खास बात यह है कि प्रत्यक्षदर्शियों ने सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान निशाना बनाई गईं कुछ ऐसी जगहों के बारे में भी बताया है जिन्हें भारत और पाकिस्तान सरकार की ओर से दुश्मन पर आसमान से सटीक हमले करने के लिए मशहूर भारतीय सेना की विशिष्ट सैन्य टुकड़ी ‘पैराशूट रेजिमेंट’ की बहादुरी की अनगिनत कहानियों में अब एक और पन्ना जुड़ गया है। दरअसल, बीते साल 29 सितंबर को लाइन ऑफ कंट्रोल के दूसरी ओर आतंकियों के लॉन्च पैड्स को तबाह करने गई टीम में इस रेजिमेंट के जवान भी शामिल हैं। पैरा कमांडोज और पैराट्रूपर्स से लैस इस टीम को इस साल 26 जनवरी को सम्मानित किया गया। कई अफसरों को मेडल्स से नवाजा गया है।
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इस ऑपरेशन की प्लानिंग और उसे अंजाम देने में बहुत सारे लोगों का हाथ है। हालांकि, फील्ड में जाकर दुश्मनों पर मौत बनकर बरसे इन कमांडोज को मेडल्स क्यों मिले, यह बताने के लिए सरकार ने इस ऑपरेशन के डिटेल्स शेयर किए हैं । इससे जुड़े दस्तावेज द टाइम्स ऑफ इंडिया के पास हैं। दस्तावेज से पता चलता है कि सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने में 19 पैरा कमांडोज का अभिन्न योगदान है। डॉक्युमेंट्स में इस ऑपरेशन को फील्ड में अंजाम देने की पूरी कहानी दर्ज है। इसके मुताबिक, पैरा रेजिमेंट के 4th और 9th बटैलियन के एक कर्नल, पांच मेजर, दो कैप्टन, एक सूबेदार, दो नायब सूबेदार, तीन हवलदार, एक लांस नायक और चार पैराट्रूपर्स ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया।
4th पैरा के अफसर मेजर रोहित सूरी को कीर्ति चक्र और कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हरप्रीत संधू को युद्ध सेवा मेडल से नवाजा गया है। इस टीम को चार शौर्य चक्र और 13 सेवा मेडल भी दिए गए हैं। कर्नल हरप्रीत संधू को लॉन्च पैड्स पर दो लगातार हमले करने का काम सौंपा गया था। हमले की योजना बनाने और उसके सफल क्रियान्यवन के लिए ही उन्हें युद्ध सेवा मेडल से नवाजा गया है।
जम्मू-कश्मीर के उड़ी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर स्थित टेरर लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की योजना बनानी शुरू कर दी थी। हालांकि, मिशन को अंजाम देने के लिए अमावस्या की रात का इंतजार किया गया।
आखिरकार वह घड़ी आ ही गई। 28 और 29 सितंबर की दरमियानी रात को मेजर रोहित सूरी की अगुआई में आठ कमांडोज की एक टीम आतंकियों को सबक सिखाने के लिए रवाना हुई।
मेजर सूरी की टीम ने पहले इलाके की रेकी की। सूरी ने टीम को आदेश दिया कि वे आतंकियों को उनके एक लॉन्चपैड पर खुले इलाके में चुनौती दें। सूरी और उनके साथी टार्गेट के 50 मीटर के दायरे के अंदर तक पहुंच गए और वहां दो आतंकियों को ढेर कर दिया। इनको ठिकाने लगाते ही मेजर सूरी ने पास के जंगलों में हलचल देखी। यहां दो संदिग्ध जिहादी मौजूद थे। उनके मूवमेंट पर एक यूएवी के जरिए भी नजर रखी जा रही थी। सूरी ने अपनी सेफ्टी की परवाह न करते हुए दोनों आतंकियों को नजदीक से चुनौती दी और उन्हें भी ढेर कर दिया।
एक अन्य मेजर को यह जिम्मेदारी दी गई थी कि इन लॉन्चपैड्स पर नजदीक से नजर रखे। यह अफसर अपनी टीम के साथ हमले के 48 घंटे पहले ही एलओसी पार कर गया। इसके बाद से हमले तक इस टीम ने टार्गेट पर होने वाले हर मूवमेंट पर नजर रखी। उनकी टीम ने इलाके का नक्शा तैयार किया। दुश्मनों के ऑटोमैटिक हथियारों की तैनाती की जगह का पता लगाया। उन जगहों की भी जानकारी जुटाई, जहां से हमारे जवान मिशन के दौरान सुरक्षित रहकर दुश्मन पर फायरिंग कर सकें।
इस अफसर ने एक हथियार घर को तबाह कर दिया। इसमें दो आतंकी मारे गए। हमले के दौरान यह अफसर और उनकी टीम नजदीक स्थित एक अन्य हथियार घर से हो रही फायरिंग की जद में आ गए। अपनी टीम पर मंडरा रहे खतरे को भांपते हुए इस मेजर ने बड़ा साहसिक कदम उठाया। वह अकेले ही रेंगते हुए इस हथियार घर तक पहुंचा और फायरिंग कर रहे उस आतंकी को भी खत्म कर दिया। इस अफसर को शौर्य चक्र से नवाजा गया है।
तीसरा मेजर अपने साथी के साथ एक आतंकी शेल्टर के नजदीक पहुंचा और उसे तबाह कर दिया। इस वजह से वहां सो रहे सभी जिहादी मारे गए। इसके बाद, उसने हमला करने वाली दूसरी टीमों के सदस्यों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया। यह अफसर ऑपरेशन के दौरान आला अधिकारियों को ताजा घटनाक्रम के बारे में लगातार अपडेट देता रहा। इस मेजर को भी शौर्य चक्र मिला है।चौथे मेजर को सेना मेडल मिला है। उसने दुश्मनों के ऑटोमैटिक हथियार से लैस एक ठिकाने को बेहद नजदीक से एक ग्रेनेड हमले में तबाह कर दिया। इसमें दो आतंकी मारे गए।
यह सर्जिकल स्ट्राइक इतना आसान ऑपरेशन भी नहीं था। हमला करने वाली एक टीम आतंकियों की जोरदार गोलाबारी में घिर गई। पांचवें मेजर ने तीन आतंकियों को रॉकेट लॉन्चर्स के साथ देखा। ये आतंकी चौथे मेजर की अगुआई में ऑपरेशन को अंजाम दे रही टीम को निशाना बनाने वाले थे। हालांकि, इससे पहले कि ये आतंकी कुछ कर पाते, पांचवें मेजर ने अपनी सेफ्टी की परवाह न करते हुए इन आतंकियों पर हमला बोल दिया। दो को उसने ढेर कर दिया, जबकि तीसरे आतंकी को उसके साथी ने मार गिराया।
इस मिशन में न केवल अफसरों, बल्कि जूनियर अफसरों और पैराट्रूपर्स ने भी अदम्य साहस का परिचय दिया। शौर्य चक्र से सम्मानित एक नायब सूबेदार ने आतंकियों के एक ठिकाने को ग्रेनेड बरसाकर तबाह कर डाला। इसमें दो आतंकी मारे गए। जब उसने एक आतंकी को अपनी टीम पर फायरिंग करते देखा तो उसने अपने साथी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके बाद उसने आतंकी पर हमला बोल दिया और उसे ठिकाने लगा दिया।
इस ऑपरेशन के दौरान किसी भी भारतीय जवान को अपनी शहादत नहीं देनी पड़ी। हालांकि, निगरानी करने वाली टीम का एक पैराट्रूपर ऑपरेशन के दौरान घायल हो गया। उसने देखा कि दो आतंकी हमला करने वाली एक टीम की ओर बढ़ रहे हैं। पैराट्रूपर ने उनका पीछा किया, लेकिन गलती से उसका पांव एक माइन पर पड़ गया। इस धमाके में उसका दायां पंजा उड़ गया। अपनी चोटों की परवाह न करते हुए इस पैराट्रूपर ने आतंकियों से मोर्चा लिया और उनमें से एक को ढेर कर दिया।
(कुछ सैनिकों के नाम उनकी पहचान छिपाने के मकसद से नहीं छापे गए हैं।)
सोशल मीडिया पर यह मामला :
- USA ने वीडियो नही माँगा, चीन ने वीडियो नहीं माँगा, हाफिज सईद ने भी वीडियो नही माँगा, और न ही UN ने माँगा, पर देश के कुछ लोगों (पता नहीं इन्हें देश का कहना भी उचित होगा या नहीं) को चाहिये, ये तभी यकीन करेंगे…!!!! बेहतर हो सेना जब अगली बार ऐसा कोई आपरेशन करने जाये, इन्हें अपने आगे ले जाये। तब शायद ये पाकिस्तान को दिखाने के लिए कुछ रोमांचक दृश्य (जिन्दा बचे तो) ला पाएं…!!
- पाकिस्तान के पीएम की जो सुबूत मांगने की हिम्मत नहीं पड़ी, अरविन्द केजरीवाल मांग रहे हैं, ये कैसे ‘हमारी तरफ’ हैं ‘आप सर जी’…????
- कसाब को फासी दी थी या चुपचाप पाकिस्तान भेज दिया था जबाब दे काग्रेंस हम तभी मानेंगे जब काग्रेंस कसाब का वीडियो दिखाएगी वर्ना हमे तो काग्रेंस कार्यकाल पर शक है…!!!! : केजरीवाल, संजय निरुपम
- भारत द्वारा किये गए सर्जिकल अटैक के बाद से पाकिस्तान लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए गोलाबारी कर रहा है, और अपने देश में भी कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं।
- पाकिस्तान का हाफिज सईद मान रहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक हुआ है, पर भारत के हाफिज सईद नहीँ मान रहे हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक हुआ है।
- आरोप लगाने वालों का कहना है- सरकार सर्जिकल अटैक का प्रचार कर रही है, इसलिए जवाब भी देना होगा. मैंने तो सिर्फ रक्षा मंत्री को 2 दिन बाद कहते सुना कि पाकिस्तान सर्जरी के बाद बेहोशी की स्थिति में है. जबकि प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों ने तो शेखी बघारना दूर आज तक इस बारे में एक शब्द भी नहीं बोला… फिर क्यों है पेट में दर्द ?
- यहाँ भी ये गन्दी राजनीति से बाज़ नहीं आयेंगे।इनको यहाँ भी वोट चाहिये, ख़ैर ग़लती इनकी नही है इनको यहाँ तक पहुँचाने वाले भी हम लोग ही है,इनको ऐसा सबक़ सिखाना चाहिये की इनको पता लगे की हमने क्या कह दिया।
- चीते की चाल, बाज़ की नज़र, और सेना की बहादुरी पर कभी संदेह नहीं करते👏😄👍
- …और जिसको भी सेना की बहादुरी पर संदेह है मुझे भी उस पर संदेह है उसकी DNA testing होनी चाहिये।
- एक सर्जिकल स्ट्राइक उन माओवादियों पर भी बनता है… जो हाफिज सईद और नवाज शरीफ पर तो भरोसा करते हैं…. लेकिन अपने देश की सेना पर नहीं….
- क्यों भाई ओसामा बिन लादेन की लाश किसी ने देखी है क्या? हम कैसे मान लें कि मर गया? कहाँ दफनाया, बताओ? सबको बताओ….
….हालांकि अखबार की तरफ से यह भी कहा गया है कि सर्जिकल स्ट्राइक में मारे गए आतंकवादियों की संख्या 38-50 से कम हो सकती है, जैसा कि कई सूत्र दावा कर रहे थे। अखबार ने बताया है कि उसने नियंत्रण रेखा के पार रह रहे पांच प्रत्यक्षदर्शियों से भारत में रह रहे उनके परिजनों के जरिए संपर्क किया। इनमें से दो चश्मदीदों ने विस्तृत जानकारी दी। उनके मुताबिक नियंत्रण रेखा से 4 किलोमीटर दूर दुधनियाल नाम से छोटे से गांव में अल-हावी ब्रिज के पास उन्होंने हमले में बर्बाद हुई एक बिल्डिंग को देखा। अल-हावी ब्रिज के पास एक मिलिटरी पोस्ट और लश्कर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला एक कंपाउंड है। वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि अल-हावी ब्रिज के पास उन्होंने उस रात तेज धमाके की आवाजें सुनीं, ये आवाजें शायद 84 मिमी कार्ल गुस्तव रायफल की थीं। साथ ही कुछ छोटे हथियारों से फायर किए जाने की भी काफी आवाजें आ रही थीं। लोग यह देखने के लिए बाहर नहीं आए कि क्या हो रहा है इसलिए किसी ने भारतीय सैनिकों को तो नहीं देखा पर अगले दिन लश्कर से जुड़े लोगों ने बताया कि उन पर हमला हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अगली सुबह पांच या शायद छह शवों को ट्रक के जरिए संभवत: पास ही चलहाना में मौजूद लश्कर के कैंप में ले जाया गया। भारतीय सेना ने मारे गए आतंकवादियों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक दावा नहीं किया है पर डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने बताया था कि काफी संख्या में आतंकवादी और उन्हें सपोर्ट देने वाले लोग सर्जिकल स्ट्राइक में मारे गए हैं।
आप को इस विषय में क्या लगता है, जरूर टिपण्णी के रूप में अपने विचार दें…