नैनीताल: जुड़वा बच्चे को जन्म देने वाली प्रसूता की अस्पताल ले जाते बच्चे सहित मौत, जिम्मेदार कौन ?
नवीन समाचार, नैनीताल, 24 जनवरी 2023। नैनीताल जनपद के ओखलकांडा विकासखंउ में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में एक और गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान नवजात शिशु सहित मौत हो गयी। घटना के बाद ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ तीव्र आक्रोश है। यह भी पढ़ें : कोश्यारी ने जताई महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से हटने की इच्छा, अपनी भविष्य की इच्छा का भी किया खुलासा….
प्राप्त जानकारी के अनुसार ओखीलकांडा विकासखंड की दूरस्थ, चंपावत जनपद की सीमा से लगे ग्राम सभा चमोली निवासी 26 वर्षीय विमला चिलवाल पत्नी देव सिंह चिलवाल को सोमवार प्रातः करीब 6 बजे प्रसव पीड़ा होने लगी थी। इस पर परिजनों ने 108 को फोन कर बुलाया। 108 के पहुंचने से पहले एक बच्चे का जन्म हो चुका था जबकि दूसरा जुड़वा बच्चा गर्भ में ही था। उसके प्रसव के लिए 108 एंबुलेंस महिला को लेकर करीब 36 किलोमीटर दूर स्थित ओखलकांडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए लेकर रवाना हुई। लेकिन सड़क की जर्जर हालत होने के कारण महिला ने एंबुलेंस में ही दूसरे बच्चों को जन्म दे दिया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले महिला एवं एक नवजात शिशु की मौत हो गई। यह भी पढ़ें : नैनीताल: बदला मौसम का मिजाज, बर्फबारी की संभावना
बताया गया है कि विमला अपने पति के साथ गाजियाबाद रहती थी और हाल में ही अपने घर चमोली आई थी और स्वस्थ थी। घर आने के बाद भी कई बार उसने यहां भी टीके लगवाए थे और स्वास्थ्य जांच कराई थी। ओखलकांडा चिकित्सक एसपी सिंह ने बताया कि प्रसूता महिला विमला एवं उसके एक बच्चे की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले हो चुकी थी दूसरे बच्चे का वजन कम होने के कारण उसे हायर सेंटर रेफर किया गया है। यह भी पढ़ें : नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के बाद विदेश भाग गया था आरोपित, लौटते ही हवाई अड्डे पर उत्तराखंड पुलिस ने धरा, हो रही प्रशंसा…
इधर एम्बुलेंस चालक देवेश ने बताया कि उनके पहंुचने तक महिला ने एक बच्चे को जन्म दे दिया था। उन्हें ग्रामीणों ने करीब आधा घंटा रोक दिया। यदि न रोकते तो शाय महिला की जान बच सकती थी। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के 75 वर्ष के बाद भी क्षेत्र सड़क-स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से दूर है। यदि यह समस्याएं न होतीं तो विमला जैसी पूर्व में जान गंवा चुकी कई गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को बचाया जा सकता है। यह भी कहा कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि ही यहां नहीं रहते तो उनकी कौन सुने ? (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, रुड़की, 6 दिसंबर 2022। रुड़की के पिरान कलियर के एक निजी अस्पताल में मंगलवार को इलाज के दौरान सात माह की गर्भवती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। इससे गुस्साए महिला के परिजनों ने हंगामा कर दिया। इस पर मौके से अस्पताल का पूरा स्टाफ भाग निकला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाकर शांत किया। साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। यह भी पढ़ें : नशे के खिलाफ बड़ी सफलता: पिता-पुत्र से नैनीताल पुलिस ने बरामद की 10 लाख से अधिक की स्मैक
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गर्भवती महिला नाजिया पत्नी अब्दुल मालिक निवासी बेड़पुर की तबीयत खराब होने पर परिजन सोमवार शाम को कलियर के बेड़पुर चौक स्थित एक निजी अस्पताल लेकर गए थे। महिला सात माह की गर्भवती थी। आरोप है कि तबीयत खराब होने पर भी महिला को देखने के लिए अस्पताल में कोई चिकित्सव नहीं आया। अस्पताल के स्टाफ ने महिला को दर्द के इंजेक्शन लगाए। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड निवासी युवक ने की अपनी लिव-इन-पार्टनर महिला साथी के दोनों हाथ पाटल से काट कर की हत्या…
आरोप है कि महिला दर्द से तड़पती रही और अस्पताल स्टाफ इंजेक्शन लगाता रहा। मंगलवार सुबह तक भी कोई डॉक्टर नहीं आया। उसके बाद महिला की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। थोड़ी देर में महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद महिला के परिजन और रिश्तेदारों ने अस्पताल पहुंचकर अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। यह भी पढ़ें : सुबह का सुखद समाचार : उत्तराखंड में 929 पदों पर भर्तियों के लिए आदेश जारी, अन्य के लिए भी बने आसार
हंगामा होता देख अस्पताल का स्टाफ मौके से फरार हो गया। सूचना पर एसओ मनोहर भंडारी, इमलीखेड़ा चौकी प्रभारी नरेंद्र सिंह फोर्स के साथ अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को समझाकर शांत किया। एसओ मनोहर भंडारी ने बताया कि पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। उधर, सीएमओ कुमार खगेंद्र का कहना है कि हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई हैं। शिकायत आने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 1 दिसंबर 2022। जनपद के दूरस्थ ओखलकांडा विकासखंड के डालकन्या क्षेत्र के ग्रामीणों ने गुरुवार को कुमाऊं मंडल की स्वास्थ्य निदेशक के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। पूर्व दर्जा राज्य मंत्री हरीश पनेरू की अगुवाई में हुए प्रदर्शन में क्षेत्र वासियों का कहना था कि गांव के दिव्यांग व्यक्ति ललित बुगियाल की पत्नी व नवजात शिशु की गत 29 नवंबर को डालकन्या में चिकित्सालय होने के बावजूद उपचार के अभाव में प्रसव के दौरान मौत हो गई। यह भी पढ़ें : सुबह का सुखद समाचार: उत्तराखंड में 71 विभागों में निकलीं बंपर नियुक्तियां, यहां देखें कैसे करें आवेदन…
बताया कि ललित स्वयं हल्द्वानी के सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में भर्ती है। उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। लिहाजा उसे कम से कम पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाए। साथ ही कहा कि डालकन्या के चिकित्सालय के व्यवस्थाओं में कमी से निकटवर्ती 15-20 गांवों के लिए प्रभावित हैं। यह भी पढ़ें : नैनीताल: स्कूल से लौटती छात्रा को मारी कार ने टक्कर, करना पड़ा हल्द्वानी रेफर की धुन
व्यवस्थाओं में सुधार की मांग करते हुए ऐसा न करने पर आंदोलन की धमकी दी गई। प्रदर्शन में संयुक्त संघर्ष समिति ओखलकांडा के अध्यक्ष मोहन चौहान, मदन गौनिया, हरेन्द्र बिष्ट, छात्र नेता हल्द्वानी दीपक मेवाड़ी, सूरज रावत, ईश्वर दत्त परगाई व जगदीश मेहता आदि लोग शामिल रहे। यह भी पढ़ें : कल मां-बेटे पर हमला हुआ था, आज वहीं एक वृद्ध का आधा खाया हुआ शव बरामद…
मृतका अस्पताल नहीं गई: एसीएमओ
नैनीताल। जच्चा-बच्चा की मौत पर पूछे जाने पर जनपद के एसीएमओ डॉ. तरुण कुमार टम्टा ने बताया कि गर्भवती की सभी रिपोर्ट सामान्य थीं। उसे गांव की ही एएनएम ने चिकित्सालय में दिखाने को कहा थी, लेकिन वह चिकित्सालय नहीं आई। उन्होंने माना कि संस्थागत प्रसव कराने की अनेकों अपीलों के बावजूद गर्भवती महिलाएं पूरी तरह से चिकित्सालय में प्रसव नहीं करा रही हैं। यह भी पढ़ें : बूढ़ी नानी के कान के कुंडल छीनने के लिए हैवान बना नवासा, वृद्धा के 14 टांके लगाने पड़े…
गांव में जो भी समर्थ, कर रहा पलायन
नैनीताल। विरोध-प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे कांग्रेस नेता व पूर्व दर्जा राज्य मंत्री ने माना कि दूरस्थ ओखलकांडा विकासखंड के गांवों में केवल लाचार लोग ही रह रहे हैं। जो भी थोड़ा समर्थ हो रहे हैं, बाहर पलायन कर रहे हैं। क्षेत्र के विधायक से लेकर कई जिला पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा ग्राम प्रधान भी बाहर रहते हैं और क्षेत्र की राजनीति करते हैं। वह स्वयं किच्छा रहते हैं। ऐसे में क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की कैसे उम्मीद की जा सकती है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : चिकित्सालय के शौचालय में नाबालिग किशोरी ने दिया मृत बच्चे को जन्म…
नवीन समाचार, रामनगर, 19 सितंबर 2022। रामनगर के संयुक्त चिकित्सालय में पेट दर्द की शिकायत को लेकर पहुंची एक 15 वर्षीय नाबालिग किशोरी द्वारा चिकित्सालय के शौचालय में मृत बच्चे को जन्म देने की हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। मामले में कोतवाली पुलिस ने पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर अर्जुन नाम के आरोपित के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर लिया है। यह भी पढ़ें : नैनीताल: स्कूल से लौटती छात्रा को मारी कार ने टक्कर, करना पड़ा हल्द्वानी रेफर की धुन
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार रामनगर के एक निकटवर्ती कस्बे की निवासी एक किशोरी ने 3-4 दिन पूर्व अपने परिजनों से घर में पेट दर्द होने की शिकायत की थी। इस पर परिजन उसे उपचार के लिए रामनगर के संयुक्त चिकित्सालय में लाए। जहां चिकित्सालय के शौचालय में किशोरी ने एक मृत बच्चे को जन्म दे दिया। यह भी पढ़ें : आपका कोना में आज : ‘नशा छोड़ो-दूध पियो’ अभियान: क्योंकि राज्य व राष्ट्र विरोधी तत्व नशेबाजों को गुमराह कर अपराध के रास्ते पर ले जा सकते हैं….
बताया गया है कि पीड़िता को करीब छह माह पहले एक युवक अपने साथ भगा ले गया था। तीन दिन बाद किशोरी खुद ही अपने घर वापस आ गई थी। पुलिस के दावे के अनुसार उस समय परिजनों की ओर से आरोपित युवक के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की गई। जबकि उनके द्वारा रामनगर कोतवाली में आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म करने की तहरीर दी। एसएसआई प्रेम विश्वकर्मा ने बताया कि तहरीर में दिए गए अर्जुन नाम के युवक के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। उसकी तलाश की जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : बेटी होने पर बहु की जान जोखिम में डाली…
नवीन समाचार, हरिद्वार, 13 सितंबर 2022। धर्म नगरी हरिद्वार से एक विवाहिता की बेटी पैदा होने पर ससुरालियों द्वारा दुर्दशा कर उसकी जान जोखिम में डालने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता के भाइयों ने उसकी जान बचाने के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां पिछले दो सप्ताह से उपचार कराने के बाद अब वह खतरे से बाहर हो पाई है। अलबत्ता, चिकित्सकों के अनुसार इसके बाद भी उसे पूरी तरह से ठीक होने करीब दो माह का समय लग सकता है। यह भी हुआ कि किसी कानूनी पचड़े में फसने से बचने के लिए इस बीच उसके ससुरालियों ने पीड़िता के परिजनों पर थाना सिडकुल में झूठा मुकदमा भी दर्ज करवा दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली रानीपुर के क्षेत्र ब्रह्मपुरी में ब्याही गई पीड़िता अनीता ने सरकारी अस्पताल में बड़े ऑपरेशन से एक बेटी को जन्म दिया। घर में बेटी का जन्म होने के बाद पूरा परिवार उसकी अनदेखी करने लगा। उसके परिजनों का आरोप है बड़े ऑपरेशन से बच्चा पैदा होने के बाद किसी भी महिला को डेढ़ से 2 महीने बेड रेस्ट की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन विवाहिता को घर के सभी काम करने को मजबूर किया गया। इस कारण उसके ऑपरेशन की सिलाई खुल जाने से उनमें संक्रमण हो गया, और उसकी जान पर बन आई।
पता चलने पर उसके भाइयों ने उसे ससुराल से लाकर अस्पताल में भर्ती कराया। उसका उपचार करने वाली महिला चिकित्सक ने भी कहा कि विवाहिता की स्थिति बेहद खराब थी। उसके घावों में मवाद भर गया था। ऑपरेशन की दो परतें खुल चुकी थी। अगर 24 घंटे और विवाहिता को चिकित्सालय ना लाया गया होता तो महिला की संक्रमण फैलने से जान भी जा सकती थी। अभी उसे स्वस्थ होने में दो माह का समय लग सकता है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 27 जुलाई 2022। उत्तराखंड के दूरस्थ-सीमांत जनपदों की तर्ज पर सुविधा संपन्न माने जाने वाले नैनीताल जनपद में भी स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत दिखाने वाला, एक प्रसूता का प्रसव पीड़ा के बीच डोली पर 5 किलोमीटर दूर सड़क तक लाने और सड़क पर ही प्रसूता का प्रसव होने का मामला प्रकाश में आया है। राज्य बने 21 वर्ष के बाद भी ऐसे मामले वाकई चिंताजनक हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री पंडित एनडी तिवारी के नाम से पहचाने जाने वाले बल्यूटी मोरा की एक 30 वर्षीय गर्भवती महिला दीपा जीना को बुधवार को तीव्र प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीण कुर्सी से डोली बनाकर निकटतम सड़क तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर दूर भुजियाघाट लेकर पहुंचे। यहां पहुंचते ही प्रसूता को असहनीय प्रसव पीड़ा होेने पर सड़क पर ही प्रसव कराना पड़ गया। इसके बाद मौके पर पहुंची 108 की टीम जच्चा और बच्चा को महिला अस्पताल लेकर आई। जहां दोनों स्वस्थ्य बताए जा रहे हैं।
घटना को लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्य मुन्नी जीना, पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय साह व कुंदन सिंह जीना ने आक्रोश जताया। उनका कहना है कि समय पर उपचार न मिलने से आए दिन ग्रामीणों को परेशानी होती है। कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। बताया कि 10 किलोमीटर के दायरे में कोई स्वास्थ्य केंद्र नहीं उन्होंने क्षेत्र में स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की भी मांग की है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नाबालिग ने जिला अस्पताल में दिया बच्ची को जन्म, जच्चा-बच्चा की मौत
नवीन समाचार, रुद्रप्रयाग, 23 जुलाई 2022। जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां पेट में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती एक 17 वर्षीय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया। बताया जा रहा है कि परिजनों द्वारा चिकित्सकों से नाबालिग के गर्भवती होने की जानकारी छुपाई गई। इस कारण उचित इलाज न होने से जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग के एक निकटवर्ती गांव की 17 वर्षीय नाबालिग को पेट दर्द की शिकायत पर उसकी मां ने शुक्रवार दोपहर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन नाबालिग की मां ने उसके गर्भवती होने की बात चिकित्सकों से भी छुपा कर रखी। इस कारण चिकित्सक भी नाबालिग का सामान्य उपचार करते रहे।
बताया जा रहा है कि नाबालिग नौ माह की गर्भवती थी। रात को ज्यादा दर्द होने पर नाबालिग की मां उसे शौचालय में ले गई और वहीं उसका प्रसव कराया। नाबालिग ने शौचालय में नवजात को जन्म दिया। प्रसव के बाद जहां नाबालिग की मौत हो गई। वहीं सुबह के समय चिकित्सालय के शौचालय में सफाई कर्मियों को एक नवजात मृत अवस्था में मिला। इससे अस्पताल प्रशासन सकते में आ गया। पता चला कि मृत नाबालिग ने ही इस बच्ची को जन्म दिया था। पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है। क्षेत्र में मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, चौखुटिया, 4 जुलाई 2022। अल्मोड़ा के चौखुटिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक प्रसूता के साथ चिकित्सकों द्वारा की गई जानलेवा लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां चिकित्सक ने गर्भवती महिला की जांच की तो बच्चा उल्टा था। यही नहीं उसका पांव बाहर निकला था। बताया गया है कि पांव नीला भी पड़ा हुआ था।
इस पर चिकित्सक ने गर्भस्थ शिशु को मृत घोषित कर महिला को संयुक्त चिकित्सालय रानीखेत के लिए रेफर कर दिया। लेकिन, गनीमत रही कि रानीखेत ले जाते वक्त 108 एंबुलेंस में चमत्कार हुआ। एक फार्मासिस्ट ने गर्भवती महिला का एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव करा दिया। इसके बाद जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं। दोनों को सीएचसी चौखुटिया में भर्ती कराया गया है। घटनाक्रम के बाद अस्पताल प्रशासन और सरकारी सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री लीला देवी के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार चमोली जिले के गैरसैंण ब्लॉक के ग्राम पंचायत कोलानी के खोलीधार तोक निवासी रविंद्र सिंह की पत्नी कुसुम देवी (23) को रविवार सुबह अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इस पर उसके परिजन उसे करीब डेढ़ किमी पैदल चलाकर सड़क तक लेकर पहुंचे। पैदल चलने के दौरान नवजात के पांव गर्भ से बाहर आ गए। इस पर परिजनों ने उसे निकटवर्ती सीएचसी चौखुटिया पहुंचाया।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री लीला और गर्भवती की सास तारा देवी का आरोप है कि सीएचसी चौखुटिया के चिकित्सक ने हल्की जांच के बाद कह दिया कि बच्चे की धड़कनें बंद हो गई है। साथ ही कहा कि मृत बच्चे की डिलीवरी के लिए उनके अस्पताल में कोई साधन नहीं हैं। लिहाजा उन्होंने प्रसव के लिए गर्भवती को रानीखेत रेफर कर दिया। निराश परिजन 108 सेवा से प्रसव पीड़िता को लेकर रानीखेत निकले। चौखुटिया से करीब दो किमी आगे बढ़ने पर महिला का 108 में ही एक फार्मासिस्ट ने सुरक्षित प्रसव करा दिया। कुसुम ने बेटे को जन्म दिया। इसके बाद जच्चा-बच्चा को चौखुटिया सीएचसी में ही भर्ती करा दिया गया है।
इस मामले में सीएचसी चौखुटिया के प्रभारी डॉ. अमित रतन ने बताया कि अस्पताल पहुंचने पर प्रसव पीड़िता के गर्भ से बच्चे के पैर बाहर निकल चुके थे, और नीले पड़े हुए थे। महिला चिकित्सक ने जांच में पाया था कि बच्चे की धड़कनें नहीं चल रही हैं। अलबत्ता नवजात को मृत घोषित नहीं किया था, सिर्फ संभावना जताई थी। अस्पताल में निश्चेतक की व्यवस्था नहीं होने के कारण रेफर किया गया था। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, चम्पावत, 28 फरवरी 2021। पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल आई एक विधवा ने बच्चे को जन्म दे दिया। इससे अस्पताल कर्मी जहां हैरान रह गए तो एक चिकित्सक ने बच्चे को गोद ले लिया। इसकी सूचना पर कुछ हिंदूवादी संगठनों ने बबाल कर दिया। एसडीएम की जांच के आश्वासन पर विवाद शांत हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को लोहाघाट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई। एक महिला अस्पताल पहुंची और तेज दर्द की शिकायत पर अस्पताल पहुंची। इस दौरान ही पेट में अधिक दर्द होने पर कुछ देर में ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया। जब पता चला कि महिला तीन साल से विधवा है तो सभी हैरान रह गए। महिला के पति की मौत तीन साल पहले हो चुकी है। बच्चे को जन्म देने के बाद महिला लोकलाज के चलते बच्चे को अस्पताल में ही छोड़ अस्पताल से गायब हो गई। इस पर एक चिकित्सक ने बच्चे को रख लिया। इसकी भनक जब कुछ हिंदूवादी संगठनों को लगी तो हंगामा हो गया। संगठनों का कहना था कि बच्चे को बिना कानूनी प्रक्रिया के तहत लिया गया है। सीएमएस डॉ जुनैद कमर ने बताया कि महिला बच्चे को छोड़ गई थी, इसलिए बच्चा अस्पताल में है। इसकी सूचना एसडीएम, सीएमओ और थाने को दे दी गई है। एसडीएम आरसी गौतम ने कहा कि बच्चे को कानूनी प्रक्रिया के तहत ही किसी को दिया जाएगा। मामले की जांच कराई जा रही है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 13 अप्रैल 2020। नैनीताल में सोमवार सुबह एक गर्भवती महिला ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही अस्पताल के गेट के पास 108 आपातकालीन एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दे दिया। इसके बाद नवजात समेत महिला को बीडी पांडे महिला जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं।
जानकारी के अनुसार नगर के छावनी क्षेत्र में रहने वाली व मूलतः अल्मोड़ा जनपद के हवालबाग की रहने वाली चंपा देवी पत्नी सुंदर लाल को सोमवार सुबह 7.30 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों की सूचना पर 108 एंबुलेंस से उसे बीडी पांडे जिला चिकित्सालय लाया जा रहा था, तभी चिकित्सालय के गेट से कुछ पहले ही चंपा ने एंबुलेंस में ही एक बच्चे को जन्म दे दिया। उस समय उसके पास उसके पिता व बहन थे, जबकि पति अस्पताल में सूचना देने गया हुआ था। जब तक नर्स जानकी व सहयोगी दीपा एंबुलेंस में पहुंचे, तब तक बच्चा जन्म ले चुका था। इसके बाद जच्चा-बच्चा दोनों को बीडी पांडे जिला महिला चिकित्सालय ले जाकर भर्ती कर लिया गया। चिकित्सक डा. द्रोपदी गर्ब्याल ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। महिला का यह तीसरा प्रसव थ। इससे पूर्व उसकी एक पुत्री और एक पुत्र हैं।
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– प्रसव के बाद महिला बिना स्ट्रेचर के दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान वह सीढ़ियों में गिर गई।
नवीन समाचार, पिथौरागढ़, 7 दिसंबर 2019। जिला महिला अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही से एक महिला को सुरक्षित प्रसव के बाद भी अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रसव के बाद महिला को बिना स्ट्रेचर के दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान वह सीढ़ियों में गिर गई। इससे उसकी मौत हो गई। प्रसूता की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
बागेश्वर जिले के नरगोली गांव निवासी गिरीराज सिंह रौतेला ने बताया कि वह तीन दिन पूर्व अपनी भाभी रेनू रौतेला (28) को प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल लाए थे। गुरुवार को गर्भवती ने ऑपरेशन से एक बच्ची को जन्म दिया। तीन दिन से वह अस्पताल के वार्ड में भर्ती थी। सुबह अस्पताल प्रबंधन ने प्रसूता रेनू को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने को कहा। इसके बाद अस्पताल का स्टाफ पैदल ही रेनू को उसी भवन के निचले कक्ष में स्थित वार्ड में ले जाने लगा। इसी दौरान रेनू सीढ़ियों से गिर गई। कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि कमजोरी की अवस्था में भी रेनू को स्ट्रेचर पर नहीं रखा गया। लापरवाही का आरोप लगा रहे परिजनों की अस्पताल कर्मचारियों के साथ तीखी झड़प भी हुई। दोपहर बाद परिजन महिला के शव लेकर घर चले गए।
डॉ. जेएस नबियाल, सीएमएस जिला महिला अस्पताल पिथौरागढ़ ने बताया कि रोगियों की संख्या अधिक होने से प्रसूता को तीन दिन बाद दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। इसी दौरान घबराहट में प्रसूता सीढ़ियों से गिर गई। विशेषज्ञ डॉक्टर बुलाकर महिला का इमरजेंसी में इलाज किया गया, लेकिन महिला के हृदय और किडनी ने काम करना बंद कर दिया था।
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नवीन समाचार, पिथौरागढ़, 17 जुलाई 2019। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में मदकोट से मुनस्यारी जा रही एंबुलेंस मलबा आने से रास्ते में ही फंस गई। एंबुलेंस गर्भवती को अस्पताल लेकर जा रही थी। लेकिन रास्ते में कीचड़ होने के कारण एंबुलेंस आगे नहीं जा पाई। इस दौरान महिला यमुना देवी प्रसव पीड़ा से तड़पती रही।
वाहन में ही कराया प्रसव
यह भी पढ़ें : चंपावत में हुआ अजब वाकया, 35 साल की महिला को छठे प्रसव में अस्पताल के बाहर पैदा हुआ 5 किलो का बेटा, और पति करता रहा ऐसी शर्मनाक हरकत…
नवीन समाचार, चंपावत, 15 अप्रैल 2019। सोमवार को चंपावत के जिला चिकित्सालय में के एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया। यहां 35 साल की प्रसूता महिला ने अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के न होने की स्थितियों के बीच अस्पताल के बाहर एक पांच किलो के बच्चे को जन्म दिया। यह उसकी छठी संतान है। अजीबोगरीब बात यह भी रही कि अस्पताल द्वारा रेफर किये जाने और 108 बुलाये जाने के बावजूद महिला का प्रति उसे हायर सेंटर नहीं ले गया, बल्कि अस्पताल के बाहर ही पीछे की ओर उसका प्रसव करवा दिया, और प्रसव, बच्चे के बाहर आने व बच्चे की गर्भनाल काटे जाने व इस दौरान पत्नी को काफी रक्तश्राव होने की नाजुक स्थितियों में भी वीडियो बनाता रहा। गनीमत रही कि सूचना मिलने पर चिकित्सक व चिकित्सा कर्मी वहां पहुच गये और महिला को लेबर रूम में ले जाकर उसे उपचार दिया।
बताया गया कि सोमवार सुबह ग्राम बुड़ाखेत सिप्टी निवासी दिनेश राम अपनी पत्नी भावना (35) को प्रसव के लिए जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचा। यहां जांच में पता चला कि भावना को बीती 13 अप्रैल को ही गर्भधारण किये 10 सप्ताह हो चुके थे। इसलिए जिला चिकित्सालय में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के न होने के कारण उसे जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ के लिए रेफर किया गया। महिला के पहले से पांच बच्चे बताये गये। डा. वर्षा ने सुबह साढे आठ बजे उसे पिथौरागढ़ जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ डा. आरपी खंडूरी ने 108 भी बुलवा ली। लेकिन महिला का पति उसे लेकर चिकित्सालय के पीछे की ओर चला गया। इधर पूर्वाह्न 11.40 बजे किसी ने डॉक्टरों को सूचना दी कि महिला ने चिकित्सालय के पीछे की ओर एक बच्चे को जन्म दिया है। जिससे अस्पताल में हलचल मच गई। चिकित्सक व अन्य कर्मी तुरंत वहां पहुंचे। प्रसव के उपकरण मंगाकर बच्चे की नाल काटी गई और प्रसव कक्ष में ले जाया गया। चिकित्सकों ने बताया इस दौरान महिला का पति पूरी घटना की मोबाइल पर रिकार्डिंग कर रहा था, और प्रसव के बाद से महिला का पति चिकित्सालय से गायब हो गया।
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नवीन समाचार, विकासनगर, जनवरी 2019। मुफलिसी-गरीबी इंसान से जो न करे दे वही कम है।डिलीवरी कराने के लिए लिया कर्ज न चुका पाने पर एक दंपती ने अपने इकलौते दुंधम़ुंहे बेटे को 50 हजार रुपये में बेच दिया। एक सेवानिवृत फौजी की अविवाहित बेटी ने दो रुपये के टिकट लगे सादे कागज पर दंपती की सहमति लेकर यह सौदा किया। हालांकि, इसमें रकम को कोई उल्लेख नहीं है।
रविवार को पुलिस के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने मौके पर पहुंचकर सौदे को बेपर्दा कर दिया। पुलिस ने बेचा गया बच्चा अपने कब्जे में लेकर उसके मां-पिता के साथ ही खरीददार युवती और सौदा कराने वाली निजी अस्पताल की एक नर्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। देर रात इन सभी को छोड़ दिया गया। इस सिलसिले में फिलहाल मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस के अनुसार एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल मामले की जांच कर रहा है।
घटना विकासनगर कोतवाली के बाबूगढ़ क्षेत्र की है। कोतवाल महेश जोशी के अनुसार यहां परविंदर उर्फ रॉकी अपनी पत्नी सिमरन के साथ रहता है। वह मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता है। डेढ़ साल पहले उसकी पत्नी की ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी, इसके लिए उसने परिचित से 20 हजार रुपये कर्ज लिया था, लेकिन वह उसे चुका नहीं पा रहा था। यह उनका पहला बच्चा था। इस बीच, सिमरन ने वहां के एक निजी अस्पताल में कार्यरत एक नर्स कांता राणा से अपनी परेशानी का जिक्र किया और अपने दुधमुंहे बेटे अर्जुन को बेचने की इच्छा जताई।
इस पर नर्स ने देहरादून निवासी अपनी सहेली पूजा गुरुंग से संपर्क कर पचास हजार रुपये में बच्चे का सौदा करवाया। कोतवाल के अनुसार पूजा ने उसे पहले कभी बताया था कि वह आजीवन शादी नहीं करना चाहती, उसकी इच्छा किसी बच्चे को गोद लेकर उसे पालने की है।
तीन दिसंबर को हुआ था सौदा
कोतवाल महेश जोशी के अनुसार 3 दिसंबर, 2018 को यह सौदा किया गया। बच्चा खरीदने वाली युवती पूजा गुरुंग ने सादे कागज पर दो रुपये का टिकट लगाकर बच्चे के मां-पिता की सहमति ली। साथ ही दंपती को बच्चे की एवज में 50 हजार रुपये का चेक दिया। दंपती ने बीते रोज यानि शनिवार को यह चेक कैश करवाया। रविवार को पूजा गुरंग बच्चे को लेने के लिए आई थी। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल और कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया। साथ ही बच्चे के मां-पिता, बिचोलिया नर्स और बच्चा खरीदने वाले युवती पूजा गुरुंग को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उन्होंने पूरा किस्सा बताया। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल के दरोगा की तरफ से मामले में तहरीर दी गई है, लेकिन मुकदमे को लेकर देर रात पुलिस पसोपेश में थी। कोतवाल महेश जोशी के अनुसार मामले की जांच पड़ताल की जा रही। दूसरी तरफ चर्चा है कि मामले को दबाने के लिए पुलिस पर सियासी दबाव भी डाला जा रहा है।
ऑनलाइन भी किया था आवेदन
कोतवाल अनुसार हिरासत में पूछताछ के दौरान पूजा गुरुंग ने बताया कि कुछ दिन पहले बच्चा गोद लेने के लिए ऑनलाइन भी आवेदन किया था। तब उसने अपने वकील से भी बात की थी, लेकिन आवेदकों की संख्या अधिक होने की वजह से उसने इरादा टाल दिया।
नर्स को दस हजार कमीशन
पुलिस सूत्रों के अनुसार बिचौलिये की भूमिका निभाने वाली नर्स को बतौर कमीशन दस हजार रुपये मिले। यह रकम दंपती को दी गई पचास हजार की रकम से अलग थी। हालांकि, नर्स कमीशन लेने से साफ इन्कार कर रही है।
गोद लेने की ये है प्रक्रिया
सुरेंद्र मित्तल (पूर्व अध्यक्ष उत्तराखंड बार कौंसिल) ने बताया कि किसी भी बच्चे को गोद लेने की एक प्रक्रिया नियत है। इसके लिए बाकायदा आवेदन करना होता है। जिला प्रशासन के स्तर पर इसके लिए तमाम औपचारिकताएं पूरी कराई जाती हैं। यहां तक कि बच्चा गोद लेने वाले शख्स की हैसियत का भी आकलन किया जाता है। दंपती की सहमति के साथ ही अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद गोद दिए जाने वाले बच्चे को बाकायदा रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकरण कराना होता है। इससे इत्तर किसी प्रक्रिया को गोद लेने का वैधानिक माध्यम नहीं माना जा सकता है।
बोले अधिकारी
निवेदिता कुकरेती (एसएसपी देहरादून) का कहना है कि मामले में कुछ तकनीकी दिक्कत आ रही है। वह इसलिए कि बच्चे को गोद लेने जैसी प्रक्रिया अपनाने की बात भी सामने आ रही है। इसलिए बच्चे को सोमवार को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश किया जाएगा। कमेटी के सुझाव लेकर इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
महेश जोशी (कोतवाल विकासनगर) का कहना है कि बच्चे को बेचने वाले दंपती, बिचौलिया की भूमिका निभाने वाली नर्स, बच्चे को खरीदने वाली युवती को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। युवती ने बच्चा गोद लेने की बात कही, इसकी भी जांच की जा रही है। कानूनी राय लेने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।