नैनीताल के पर्यटन व्यवसायियों से मिले राज्यपाल, वीआईपी कल्चर को हतोत्साहित करने की मांग भी उठाई, राजभवन में पहली बार हवन-यज्ञ !
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 8 जून 2022। उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बुधवार को नैनीताल राजभवन में नैनीताल के होटल एसोसिएशन, व्यापार मंडल और बोट हाउस क्लब के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में नैनीताल में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं की स्थापना से संबंधित चुनौतियों पर सभी स्टेक होल्डर्स के साथ विस्तार से चर्चा की गई और उनके सुझाव प्राप्त किये गए।
बैठक में राज्यपाल ने कहा कि नैनीताल शहर उत्तराखंड के लिए एक धरोहर के रूप में है। यहां नयना देवी का आशीर्वाद व प्राकृतिक सौंदर्य देश एवं विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि नैनीताल में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं में आ रही चुनौतियों से निपटा जाए। नैनीताल में पार्किंग व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने, रोड कनेक्टिविटी को ठीक करने, पीने के पानी की समस्या से निजात दिलाने, अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने व नैनीताल को ग्लोबल टूरिज्म से जोड़ने आदि पर दीर्घकालिक योजना तैयार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने पदाधिकारियों से अनुरोध किया कि नैनीताल शहर को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल बनाने के लिए सभी स्टेक होल्डर्स एक मास्टर प्लॉन तैयार कर साझा करें जिससे उनके सुझावों को शहर की बेहतरी के लिए योजना में शामिल किया जा सके। राज्यपाल ने नगर की पार्किंग की समस्या से निपटने के लिए मल्टीस्टोरी पार्किंग व ट्राली लगाने का विचार करने की बात भी कही और पदाधिकारियों को पर्यटन में आधुनिकीकरण व सुविधाओं के बेहतरीकरण का भी सुझाव दिया।
बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों ने पर्यटन व्यवसाय के साथ-साथ दैनिक चुनौतियों के बारे में राज्यपाल को अवगत कराया। बताया कि मुख्य रूप से शहर की पार्किंग क्षमता बढ़ाये जाने, यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ किये जाने, स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने, शहर के विभिन्न नालों की सफाई, नैनीताल में हैलीपोर्ट बनाए जाने व हैली सेवाओं से जोड़ने आदि की जरूरत बताई। इसके अलावा उन्होंने शहर में वैंड़िग जोन बनाये जाने, श्मशान घाट हेतु जाने वाले रास्ते को ठीक करने, सेलिंग रेगेटा प्रारम्भ करने, नैनीताल जू के लिए जाने वाली सड़क को ठीक किये जाने आदि बातें भी उठाईं।
राज्यपाल ने सभी समस्याओं के समाधान के लिए उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन देते हुए कहा कि इसके लिए संबंधित विभागों, स्थानीय प्रशासन के अलावा मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री से वार्ता की जायेगी। राज्यपाल के सचिव डॉ.रंजीत सिन्हा ने नैनी झील के मरम्मत कार्यों के लिए आपदा मद में प्रस्ताव प्राप्त होते ही डीपीआर तैयार करवाने को आश्वासन दिया। पदाधिकारियों नैनीताल शहर की समस्याओं एवं चुनौतियां के सन्दर्भ में बैठक आहुत करने पर राज्यपाल का धन्यवाद किया गया। बैठक में संबंधित संगठनों के वेद साह, दिग्विजय बिष्ट, कमल जगाती, अतुल साह, पुनीत टंडन, बृज साह, किशन नेगी, राजेश वर्मा, रईश भाई, अमरप्रीत सिंह, सीपी भट्ट, घनश्याम बेलवाल व शोएब अहमद सहित कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
राज्यपाल से मिलकर की वीआईपी कल्चर को हतोत्साहित करने की मांग
नैनीताल। बुधवार को नैनीताल राजभवन में मल्लीताल व्यापार मंडल की ओर से अध्यक्ष किशन नेगी व महासचिव त्रिभुवन फर्त्याल ने नैनी झील में जमा गाद-मलबा निकालने, नगर के पंत पार्क में अवैध रूप से फड़ो के संचालन, नगर में नशे के बढ़ते चलन की समस्याएं उठाईं। उनके द्वारा इसके साथ ही नैनीताल में ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन के दौरान वीआईपी के आवागमन से स्कूली बच्चों के वाहनों के फंसने से बच्चों को हो रही समस्याओं का उल्लेख करते हुए नगर में सीजन के दौरान वीआईपी कल्चर को हतोत्साहित किए जाने की मांग भी रखी गई।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने नैनीताल राजभवन में किया हवन यज्ञ, की प्रदेशवासियों की खुशहाली, समृद्धि एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना
नैनीताल। उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिविृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बुधवार को नैनीताल राजभवन में प्रदेश की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए हवन किया। संभवतया यह पहला मौका था जब नैनीताल राजभवन में हवन-यज्ञ हुआ। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि यह हवन प्रदेशवासियों की खुशहाली, समृद्धि एवं उत्तम स्वास्थ्य के लिए किया गया है। इस अवसर पर राज्यपाल ने वर्तमान में चल रही चारधाम यात्रा में सभी श्रद्वालुओं के सुरक्षित एवं सुगम यात्रा की प्रार्थना भी की।
राज्यपाल ने हवन पूजन सम्पन्न कराने वाले नयना देवी मंदिर के प्रधान पुजारी बसंत बल्लभ पांडे का हार्दिक धन्यवाद भी किया। इस अवसर पर प्रदेश की प्रथम महिला गुरमीत कौर, परिसहाय रचिता जुयाल, तरुण कुमार, प्रमोद चमोली, विशेष कार्याधिकारी बीपी नौटियाल, प्रोटोकॉल अधिकारी संतोष सकलानी सहित राजभवन के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उड़ीसा के राज्यपाल ने नैनीताल राजभवन को बताया ऐतिहासिक तथा वास्तुकला का बेजोड़ और अद्भुत नमूना
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 जून 2022। उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों के दौरे पर आए उड़ीसा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल ने ने मंगलवार को राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान प्रो. लाल से श्री सिंह से विभिन्न समसमायिक विषयों पर चर्चा की।
उन्हें नैनीताल राजभवन का भी भ्रमण कराया गया। इस दौरान प्रो. लाल नैनीताल राजभवन की वास्तुकला को देख अभिभूत हो गए। उन्होंने इसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक इमारत होने के साथ वास्तुकला का बेजोड़ और अद्भुत नमूना है। इस दौरान राज्यपाल ने उन्हें बद्रीनाथ मंदिर की प्रतिकृति एवं नैनीताल राजभवन नैनीताल पर आधारित एक पुस्तक भेंट की। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : दो वर्ष बाद 18वीं गवर्नर्स कप गोल्फ प्रतियोगिता की तिथि तय, एक चौथाई रह गया सदस्यता शुल्क, लें सदस्यता
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 2 जून 2022। नैनीताल राजभवन के गोल्फ कोर्स में कोविड के दो वर्ष के अंतराल के बाद आगामी 16 से 18 सितंबर के बीच 18वीं गवर्नर्स कप गोल्फ प्रतियोगिता-2022 आयोजित की जाएंगी। गुरुवार को राजभवन गोल्फ क्लब नैनीताल की राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई कार्य परिषद की बैठक में प्रतियोगिता की तिथियां तय की गईं। साथ ही इस प्रतियोगिता को अधिक आकर्षक और सुव्यवस्थित तरीके से आयोजित कराये जाने के लिए संबंधितों को अभी से आवश्यक तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में राज्यपाल ने गोल्फ क्लब की सदस्यता बढ़ाने एवं अधिक से अधिक लोगों को गोल्फ से जोड़ने के लिए सदस्यता शुल्क में कटौती करने की घोषणा की। बताया कि राज्य के निवासियों के लिए पूर्व में निर्धारित सदस्यता शुल्क 1 लाख से घटाकर 51 हजार रुपये, जूनियर खिलाड़ियों के लिए 25 हजार से घटाकर 12 हजार रुपये, संस्थागत सदस्यता को 5 लाख से घटाकर 1.25 लाख रुपये यानी एक चौथाई और कॉरपोरेट सदस्यता को 6 लाख से घटाकर 2.5 लाख रूपये किया गया है। इसके अलावा गोल्फ कोर्स में लगने वाली ग्रीन फीस (डे एंड प्ले फीस) को महिलाओं के लिए रुपए 200 से घटाकर 150 व विद्यार्थियों के लिए रुपए 200 से घटाकर 100 किया गया है।
बताया कि वर्तमान में सदस्यों की संख्या बहुत कम है इसे बढ़ाकर एक हजार तक किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘बेस्ट वुमन प्लेयर टूर्नामेंट’ भी आयोजित किया जायेगा। उन्होंने स्कूली बच्चों के लिए भी समय-समय पर गोल्फ प्रशिक्षण शिविर आयोजित कराये जाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि गोल्फ एवं गोल्फ पर्यटन की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए इसमें अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी आवश्यक है।
इस दौरान गोल्फ कैप्टन कर्नल एचसी साह ने राजभवन गोल्फ क्लब के द्वारा पूर्व में आयोजित की गई गतिविधियों, आय-व्यय आदि की जानकारी रखी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सदस्यता खुली है इसके लिए ईमेल आईडी rbgcntl@gmail.com पर आवेदन किया जा सकता है। बैठक में विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही, वित्त नियंत्रक डॉ.तृप्ति श्रीवास्तव, राज्यपाल की परिसहाय रचिता जुयाल, तरुण कुमार, विशेष कार्याधिकारी बीपीनौटियाल, मुख्य सुरक्षा अधिकारी शिव कुमार आदि उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : राजभवन के बाहर केक काटकर मनायी गयी राजभवन के 121 वर्ष के होने की खुशी, साथ ही राजभवन गोल्फ प्रतियोगिता में आज यह जीते…
नवीन समाचार, नैनीताल, 27 अप्रैल 2019। इंग्लेंड के बकिंघम पैलेस की प्रतिकृति स्वरूप अंग्रेजी के ई आकार में 27 अप्रैल 1897 को बनना शुरू हुए विश्व प्रसिद्ध नैनीताल राजभवन के 121 वर्ष पूर्ण होने की खुशी केक काटकर मनायी गयी। राजभवन परिसर से दूर फांसी गधेरा के पास सेंट जोसफ कॉलेज बोट हाउस क्लब के पास आयोजित कार्यक्रम में पहले से रैली निकाल रहे एनसीसी के कैडेटों को इतिहासकार डा. अजय रावत ने नैनीताल राजभवन के इतिहास की जानकारी दी। बताया कि आज के दि नही 1897 में लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं अवध प्रांत के चीफ कमिश्नर सर एंटोनी पैट्रिक मैकडॉनल ने इसकी आधारशिला रखी थी। इससे पहले नगर मंे राजभवन चार स्थानों पर अस्थाई तौर पर स्थापित हुआ था, परंतु उन स्थानों की कमजोर प्रकृति, वहां भूस्खलन होने जैसे कारणों से अन्ततः वर्तमान स्थान पर इसकी स्थापना की गयी थी। बताया गया कि प्रदेश की राज्यपाल को भी इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रित किया गया था एवं राजभवन के भीतर आयोजित करने की अपेक्षा की गयी थी, किंतु कार्यक्रम चंद लोगों के बीच एवं चंद मिनटों में ही आयोजित किया गया। इस मौके पर एनसीसी के कमांडिंग ऑफीसर, समाजसेवी गीता साह, सेंट फ्रांसिस चर्च के पादरी फादर जेरम, आयोजक दीपक बिष्ट व अवतार सिंह आदि लोग मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
राजभवन गोल्फ कोर्स में पटिंग प्रतियोगिता में ऋतिक व साहिला जीते
-18 अंतरविद्यालयी गोल्फ प्रतियोगिता रविवार को होगी
नवीन समाचार, नैनीताल, 27 अप्रैल 2019। राजभवन गोल्फ कोर्स में शनिवार को एक होल की पटिंग गोल्फ प्रतियोगिता आयोजित हुई। प्रतियोगिता में कम से कम शॉट में होल में गैंद डालने के आधार पर छात्रों के वर्ग में अम्तुल्स पब्लिक स्कूल के ऋतिक मिश्रा विजेता व सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के अविनाश कुमार उपविजेता वहीं छात्राओं के वर्ग में मोहन लाल साह बाल विद्या मंदिर की साहिला अब्दुल्ला विजेता व अम्तुल्स की सोनिया उपविजेता चुनी गयी।
राजभवन गोल्फ कोर्स के कैप्टन कर्नल एचसी साह ने बताया कि आगे रविवार को 18 होल्स की अंतरविद्यालयी गोल्फ प्रतियोगिता खेली जाएगी, जिसमें भी आज हुई प्रतियोगिता की तरह बालकों के चार व बालिकाओं के तीन यानी कुल सात स्कूलों के चार-चार यानी कुल 28 प्रतिभागी प्रतिभाग करेंगे। प्रतियोगिता में सबसे कम शॉटों में 18 होलों में गैंद डालने के आधार पर टीम चैंपियनशिप के साथ ही व्यक्तिगत आधार पर भी 12 से कम, 12 से 14 एवं 15 से 17 की आयु वर्ग में सर्वश्रेष्ठ बालक व बालिका गोल्फरों को भी पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतियोगिता में पंकज पालीवाल, अनिल कुमार, आनंद आर्या व प्रतिभागी स्कूलों के शिक्षकों ने भी योगदान दिया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें: तीसरी कोशिश में बन पाया था बकिंघम पैलेस जैसा नैनीताल राजभवन
डॉ. नवीन जोशी, नैनीताल। लंदन के बकिंघम पैलेस की प्रतिकृति के रूप में 1899 में गौथिक शैली में बने नैनीताल राजभवन का नाम अपने अद्भुद शिल्प के लिये न केवल नगर की प्रसिद्ध इमारतों में सबसे ऊपर आता है, वरन इसकी गिनती देश ही नहीं दुनिया की सबसे सुंदर और बेजोड़ इमारतों में की जाती है, अपने कुल करीब 220 एकड़ क्षेत्रफल में से आठ एकड़ क्षेत्रफल में बने इसके मुख्य भवन के साथ 50 एकड़ क्षेत्रफल में फैला विश्व का सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित 18 होल का गोल्फ मैदान और गोल्फ क्लब तथा शेष 160 एकड़ भूमि पर घना खूबसूरत जंगल भी है। इसका निर्माण गहन भूगर्भीय जांचों के उपरांत बड़ी मजबूती के साथ किया गया, क्योंकि इससे पूर्व नैनीताल में दो और राजभवन बनाए गए थे, जिनमें नगर और उनके स्थानों की कमजोर भूगर्भीय स्थितियों की वजह से की बहुत कम समय में ही दरारें आने लगीं। लिहाजा यह तीसरी कोशिश में बन पाया।
नैनीताल स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व तत्कालीन संयुक्त प्रान्त की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी। उस दौर में सबसे पहले वर्ष 1854 में उस समय के गवर्नर के ग्रीष्मकालीन प्रवास के लिये शेर का डांडा में अस्थायी रूप से गर्वनर हाउस किराये पर लिया गया। बाद में वर्ष 1865 में गर्वनर ई ड्रमेड ने राजभवन के लिए ‘माल्डन इस्टेट’ नाम के भवन का निर्माण किया और बाद में उसके स्थान की कमजोर भूगर्भीय स्थिति को देखते हुए जल्द ही इसे बेच दिया। कुछ समय पश्चात नए गवर्नर जॉर्ज कूपर ने नया गर्वनर हाउस सेंट लू गौर्ज के नजदीक बनवाया पर वर्ष 1880 में आये भूस्खलन में इस भवन के टूट जाने के बाद उन्होंने फिर से शेर का डांडा में ही गर्वनर हाउस का निर्माण किया। इस गर्वनर हाउस में उस समय के दो गर्वनर एल्फोर्ड तथा चार्ल्स क्रासवेट रहे थे। कुछ समय पश्चात इस गर्वनर हाउस में भी दरारें आने लगी थी और कभी भी इसके क्षतिग्रस्त हो जाने के संदेह के चलते गर्वनर एन्टोनी मैक्डोनल ने इस इमारत को तुड़वा दिया और नये गर्वनर हाउस के लिये जमीन की तलाश की जाने लगी। इस बार इमारत बनवाने से पहले सभी भौगोलिक स्थितियों की अच्छे से जांच की गई जिसके चलते वर्तमान गर्वनर हाउस अस्तित्व में आया, और फलस्वरूप आज भी अपनी पूरी शानो-शौकत के साथ नैनीताल का गौरव बढ़ा रहा है।
नैनीताल राजभवन (तत्कालीन गवर्नमेंट हाउस) इमारत का निर्माण आठ एकड़ क्षेत्रफल में करीब साढ़े सात लाख रुपए खर्च कर मुख्य अभियंता एचडी वाइल्डबल्ड की देखरेख में रूपरेखाकार आर्किटेक्ट स्टीवंेस और अधिशासी एफओडब्लू ऑरटेर द्वारा तैयार किए गए अंग्रेजी के ‘ई’ (E) आकार के डिजाइन के आधार पर किया गया। निर्माण में स्थानीय स्तर पर ही जुटाए गए विभिन्न प्रजातियों की लकड़ी, मुख्यतः बर्मा टीक और स्थानीय पत्थरों तथा इंग्लेंड से लाए गए शीशे और टाइलों का इस्तेमाल करके ‘एशलर फिनिंसिंग’ के साथ परिसज्जित किया गया है। निर्माण कार्य 27 अप्रैल 1897 को शुरू हुए और भवन मार्च 1900 में बनकर तैयार हुआ।
ब्रिटिश गर्वनर सर एंटोनी मैक्डोनाल्ड यहां रहने वाले पहले गवर्नर थे। उनके बाद सर जेम्स, सर जान मिस्टन व सर हरबर्ट बटलर आदि गवर्नर भी यहां रहे, जबकि यूपी की प्रथम राज्यपाल सरोजनी नायडू यहां रहने वाली पहली भारतीय गर्वनर थीं। 115 कमरों के दोमंजिले राजभवन में स्वीमिंग पूल, टेनिस ग्राउंड, अपनी प्रेस, फूलों के बगीचे आदि भी इसकी खूबसूरती बढ़ाते हैं। यह वर्तमान में 10वीं व 20वीं सदी के हथियार, हाथी दांत, एन्टीक फर्नीचर, ट्रॉफियां व मेडल्स का दर्शनीय संग्रहालय भी है। पास में झंडीधार (जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बांके लाल कंसल ने गुलामी के दौर में राष्ट्रध्वज फहरा दिया था), मोदी हाइट्स और मुंशी हाइट्स भी दर्शनीय हैं। यहां दो अप्रैल 2013 को करीब 10.6 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे राजभवन के जीर्णोद्धार कार्यों के दौरान प्रेसीडेनसिअल ब्लाक के शूइट नं. चार की छत पर और पूर्व में वर्ष 1970 में डायनिंग हॉल में अग्निकांड भी हुए, जिससे इसे मामूली नुकसान हुआ।
नैनीताल का गोल्फ मैदान
वर्ष 1926 में राजभवन के पास ही समुद्र सतह से 6475 फीट की ऊँचाई पर यूनाइटेड प्रोविसेंस के तत्कालीन गर्वनर जनरल मैलकम हैली के प्रयासों से ब्रिटिश आर्मी के इंजीनियरों द्वारा तैयार डिजाइन पर बेहद सुंदर और अद्भुद गोल्फ मैदान निर्मित कर गोल्फ खेल की शुरुआत की गई। गोल्फ कोर्स में 18 ‘होल’ या 18 ‘टी’ (T) पर ब्रिटिश काल में सर्वाधिक 24 अंक हासिल करने का रिकार्ड 1927 में ब्रिटिश अधिकारी एच एलीना के नाम बना। देश की आजादी से पूर्व यह गोल्फ मैदान सप्ताह में केवल मंगल, बृहस्पति और रविवार को ही खुलता था। वर्ष 1994 में तत्कालीन राज्यपाल मोती लाल बोरा ने इसे सभी लागों के लिये खुलवा दिया। यह देश के प्राचीनतम गोल्फ कोर्स में शामिल है तथा भारतीय गोल्फ यूनियन (आईजीयू) से सम्बद्ध है। इ समें पर्यटक मामूली शुल्क (ग्रीन फीस) का भुगतान करके गोल्फ खेलने का आनन्द उठा सकते हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।