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विजय दिवस, जिस दिन भारत ने पड़ोसी देश के दो टुकड़े किए थे, उसी दिन शहीद हुए थे नैनीताल के लीलाम्बर…

-विजय दिवस पर अमर शहीद नायक लीलाम्बर पाण्डे व लांस नायक प्रकाश लाल को किया गया याद
विजय दिवस पर शहीद लीलाम्बर पाण्डे व लांस नायक प्रकाश लाल को किया गया याद -  हिन्दुस्थान समाचारनवीन समाचार, नैनीताल, 16 दिसंबर 2022। नगर के सबसे पुराने सीआरएसटी इंटर कॉलेज में शुक्रवार को विजय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर छात्रों को सम्बोधित करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोज कुमार पाण्डे ने वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हए युद्ध में भारतीय सेना अदम्य साहस एवं पराक्रम का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने बताया कि इस युद्ध में भारतीय सैनिकों के पराक्रम से पाकिस्तान से नये देश बांग्लादेश का उदय हुआ। इस युद्ध में उनके चचेरे भाई नायक लीलाम्बर पाण्डे ने ठीक 16 दिसंबर 1971 को युद्ध विराम घोषित होने के दिन अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। यह भी पढ़ें : गजब हाल : जिला कार्यकारिणी नैनीताल की, नैनीताल का एक भी पदाधिकारी नहीं, आधे एक विधानसभा के और आधे से अधिक एक नगर मंडल के….

बताया कि स्वर्गीय पांडे 9 कुमाऊं रेजिमेन्ट में कार्यरत थे। उनके बलिदान से जहां एक ओर सभी पारिवारिक सदस्य दुखी थे वहीं स्वयं को गौरवान्वित भी महसूस कर रहे थे। उनकी वीरांगना पत्नी मुन्नी पांडे अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य हैं, एवं वर्तमान में रामनगर में निवास करती हैं। विद्यालय के ही शिक्षक राजेश लाल ने भी छात्रों को सम्बोधित करते हुए बताया कि 17 कुमाऊं रेजिमेन्ट में तैनात उनके चाचा लांस नायक प्रकाश लाल ने भी इस युद्व में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। यह भी पढ़ें : लिव-इन साथी महिला अपने ही अंतरंग पलों के वीडियो से शिक्षक को एक करोड़ के लिए कर रही ब्लेकमेल, फ्लैट पर भी कर लिया कब्जा

स्वर्गीय प्रकाश लाल की प्रारम्भिक शिक्षा नगर के जुबली हॉल मल्लीताल में हुई थी। जूनियर हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त वह सेना में शामिल हो गये थे, उन्हें प्रथम नियुक्ति नागालैण्ड में मिली थी। कार्यक्रम में भारत माता की जय, 16 दिसम्बर अमर रहे और भारत के अमर शहीदों की जय जैसे उदघोष गूंजते रहे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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-2014 के बाद के शहीदों को 10 लाख की अनुग्रह राशि देगी सरकार, जबकि 2015 से पूर्व के शहीदों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई सरकार, वहां से लगी हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक
38 साल बाद सियाचिन में मिला उत्तराखंड के लांसनायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीरनवीन समाचार, नैनीताल, 18 नवंबर 2022। उत्तराखंड के शहीदों के परिजन राज्य सरकार के बदले रुख एवं सर्वोच्च न्यायालय के उत्तराखंड सरकार की अपील पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सभी शहीदों के परिवारों को 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने के फैसले पर रोक लगो के फैसले से स्तब्ध है। यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट के बाद नैनीताल तीन अन्य मुख्यालयों को भी शिफ्ट करने की उठी मांग, आगे 9 पर्वतीय जिलों के मुख्यालयों के लिए उठ जाए यही मांग तो आश्चर्य नहीं….

उनका कहना है कि उत्तराखंड सरकार एक ओर राज्य में पांचवे धाम के रूप में सैन्य धाम की स्थापना कर रही है, वहीं शहीदों के परिवारों के प्रति उनका दोहरा रवैया साफ तौर पर नजर आ रहा है। सरकार शहीदों को भी 2014 से पूर्व के व बाद के वर्गों में बांट रही है। इससे सरकार की मंशा सवालों के घेरे में है। यह भी पढ़ें : आज यहां रहे विराट-अनुष्का

सरकार ने 5 मार्च 2014 तक के शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को 10 लाख रुपए देने के लिए शासनादेश जारी किया था। इस शासनादेश के जारी होने के बाद इससे पूर्व के शहीदों के परिवारों ने भी अनुग्रह राशि देने की मांग की थी और वह उच्च न्यायालय गए। इस पर उच्च न्यायालय ने वर्ष 2015 से पूर्व के शहीदों के परिवारों को भी अनुग्रह राशि देने के आदेश दिए थे। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में बड़ा हादसा, एक दर्जन से अधिक लोगों का जीवन खतरे में…

लेकिन राज्य सरकार ने इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दे दी। सरकार का कहना था कि इससे सरकार पर काफी आर्थिक बोझ पड़ेगा। जिस पर सुनवाई करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है। बताया गया है कि सैनिक बहुल उत्तराखंड में पिछले 21 वर्षों में ही 267 सैनिक शहीद हुए हैं। इससे पहले के कुल शहीदों की संख्या 1700 से अधिक बताई जा रही है। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में दो वर्ष के बाद हुए पहले छात्र संघ चुनाव में ही छात्रों के सिर फूटे…

38 वर्ष बाद शहीद का शव आया तो सीएम भी घर आए, पर नहीं मिलेगी अनुग्रह राशि

नैनीताल। सिचायिन ग्लेशियर में शहीद हुए नैनीताल जनपद के हल्द्वानी निवासी लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला की वीरांगना पत्नी शांति देवी ने इस मामले में कहा कि बीते अगस्त माह में 38 वर्ष बाद उनके पति का पार्थिव शरीर मिलने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनके घर आए थे और बड़े जलसे की तरह शहीद का अंतिम संस्कार प्रशासन की ओर से कराया गया था। यह भी पढ़ें : आफताब ने हत्या कर श्रद्धा के लिए 35 टुकड़े, मामले में मुंबई-दिल्ली के बाद उत्तराखंड की इंट्री

लेकिन अब प्रदेश सरकार के इस रवैये से वह तथा सैकड़ों अन्य शहीदों के रवैये से सदमे जैसी स्थिति में हैं। सरकार को इस पर पुर्नविचार कर उन्हें भी अन्य शहीदों की तरह अनुग्रह राशि देनी चाहिए। शहीदों में भी विभेद करने के सरकार के कदम की प्रशंसा नहीं की जा सकती है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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नवीन समाचार, रुद्रपुर, 15 नवंबर 2022। बीते छह नवंबर की देर रात्रि ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा में चुकटी स्थित टोल के पास वाहन चेकिंग के दौरान लकड़ी से भरे एक ट्रक ने पुलिस आरक्षी लक्ष्मण बिष्ट को रोंद दिया था। एक सप्ताह से अधिक समय से जिंदगी की जंग लड़ रहे लक्ष्मण सोमवार देर रात्रि ड्यूटी पर तैनाती के दौरान अपने कर्तव्य का पालन करते हुए हुई घटना के बाद शहीद हो गए, और उन्होंने रुद्रपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इससे पुलिस विभाग में शोक की लहर छा गई है। यह भी पढ़ें : वहां लिव-इन में रहने वाली महिला के 35 टुकड़े, यहां भतीजे के साथ लिव-इन में रहने वाली महिला की संदिग्ध मौत…

विदित हो तक छह नवंबर की देर रात लालपुर चौकी प्रभारी सुनील बिष्ट मध्य रात्रि आरक्षी लक्ष्मण बिष्ट और किशोर कुमार को साथ लेकर ओवरलोड वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान लकड़ी से ऊपर तक भरे ट्रक संख्या यूके06सीए-7713 पुलिस के रोकने पर नहीं रुका और लक्ष्मण को रौंदता हुआ फरार हो गया। यह भी पढ़ें : पोल से टकराई बाइक, 22-24 वर्षीय दो युवकों की मौत

गंभीर हालत में लक्ष्मण को रुद्रपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इधर, लक्ष्मण को उपचार के दौरान होश नहीं आया। उनकी हालत लगातर बिगड़ती गई। चिकित्सक भी लगातार उसकी जान बचाने का प्रयास कर रहे थे। परंतु लक्ष्मण सोमवार रात जिंदगी की जंग हार गये। मंगलवार सुबह पुलिस ने आरक्षी लक्ष्मण के शव को पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार
‘नवीन समाचार’ विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी नैनीताल से ‘मन कही’ के रूप में जनवरी 2010 से इंटरननेट-वेब मीडिया पर सक्रिय, उत्तराखंड का सबसे पुराना ऑनलाइन पत्रकारिता में सक्रिय समूह है। यह उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त, अलेक्सा रैंकिंग के अनुसार उत्तराखंड के समाचार पोर्टलों में अग्रणी, गूगल सर्च पर उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ, भरोसेमंद समाचार पोर्टल के रूप में अग्रणी, समाचारों को नवीन दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने वाला ऑनलाइन समाचार पोर्टल भी है।
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