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November 6, 2024

राज्य के 15 पर्वतीय नगरों की भार वहन क्षमता का आंकलन करायेगी राज्य सरकार…

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Uttarakhand Government will assess15 Cities LCC

Baliyanala

नवीन समाचार, नैनीताल, 21 फरवरी 2024 (Uttarakhand Government will assess15 Cities LCC)। उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले साल आई भूधंसाव की पूरे देश की चर्चा का केंद्र बनी घटना के बाद राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार अपने शहरों की भार क्षमता को लेकर सतर्क हो गयी है। राज्य सरकार राज्य के 15 शहरों की भार क्षमता का आकलन करने जा रही है। इसके तहत उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र ने प्रथम चरण में जोशीमठ व नैनीताल सहित 15 शहरों की भार वहन क्षमता का आकलन कराने का फैसला किया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से सुझाव मांगे थे (Uttarakhand Government will assess15 Cities LCC)

Supreme Court, Uttarakhand Government will assess15 Cities LCC,उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष उत्तराखंड के जोशीमठ में हाल के दिनों में जमीन के फटने और धंसने तथा नैनीताल में लगातार नगर के आधार बलियानाला में सक्रिय भूधंसाव जैसी समस्याओं की पृष्ठभूमि में भारतीय हिमालयी क्षेत्र की ‘वहन क्षमता’ का आकलन करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने 21 अगस्त को विशेषज्ञ समिति के गठन पर केंद्र सरकार से सुझाव मांगे थे।

इस पर सितंबर माह में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारतीय हिमालयी क्षेत्र की वहन क्षमता निर्धारित करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपने सुझाव दिये थे। केंद्र ने सुझाव दिया था कि सभी 13 हिमालयी राज्यों को समयबद्ध तरीके से भार वहन क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए कार्रवाई रिपोर्ट और कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जा सकता है।

इन 15 शहरों की भार वाहन क्षमता का आकलन (Uttarakhand Government will assess15 Cities LCC)

अब राज्य सरकार की पहल को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि नैनीताल और जोशीमठ से भूधंसाव को रोकने के लिये स्थायी कार्य भी राज्य सरकार ने अनेकों परीक्षणों के बाद शुरू कर दिये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जोशीमठ, नैनीताल, गैरसेंण, कर्णप्रयाग, गोपेश्वर, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर पौड़ी, देवप्रयाग, नई टिहरी, धारचुला, अल्मोड़ा और चंपावत शहर इस सूची में शामिल हैं। (Uttarakhand Government will assess15 Cities LCC)

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