नवीन समाचार, देहरादून, 8 फरवरी 2024 (Uttarakhand Rajya Aandolankari Reservation Act passed)। बुधवार को पूरे प्रदेश के साथ देश में उत्तराखंड द्वारा यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कर इतिहास रचने की हुई लेकिन इसके साथ उत्तराखंड विधानसभा ने इसी दिन राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राज्य आंदोलनकारियों से जुड़ा, पिछले 12 वर्षों से लटका एक बड़ा काम भी कर दिया है। (Uttarakhand Rajya Aandolankari Reservation Act passed)
सभी चिह्नित आंदोलनकारियों व उनके सभी पात्र आश्रितों को मिलेगा आरक्षण (Uttarakhand Rajya Aandolankari Reservation Act passed)
अब उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों के सभी पात्र आश्रित भी राजकीय सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के हकदार होंगे। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों तथा उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक पर गठित विधानसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों के बाद प्रस्तुत विधेयक को राज्य विधानसभा ने पास कर दिया है। आगे राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून बन जायेगा।
उत्तराखंड विधानसभा द्वारा पारित विधेयक के अनुसार राज्य के सभी चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों के सभी पात्र आश्रितों, जिनमें चिह्नित आंदोलनकारी की पत्नी अथवा पति, पुत्र एवं पुत्री जिसमें विवाहित, विधवा, पति द्वारा परित्यक्त, तलाकशुदा पुत्री भी शामिल हैं, तो राज्याधीन सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा।
साथ ही 11 अगस्त 2004 को या उसके बाद उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी शासनादेशों के अधीन विभिन्न राजकीय सेवाओं, पदों के लिए राज्य आंदोलनकारियों का चयन और नियुक्ति वैध मान ली गयी है। इससे उनकी नियुक्ति पर लटकी तलवार हट गयी है। राज्य आंदोलनकारी वह माने जायेंगे, जिनका चिह्नीकरण सक्षम अधिकारी द्वारा राज्य आंदोलनकारी के रूप में किया गया हो, और उन्हें प्रमाणपत्र या पहचान पत्र जारी किया गया हो।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने बीते वर्ष आठ सितंबर 2023 को सदन में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण देने का विधेयक पेश किया था। विधेयक में चिह्नित आंदोलनकारियों व उसके एक आश्रित सदस्य को क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान किया गया था। लेकिन विधेयक को प्रवर समिति को भेजा गया और प्रवर समिति ने इसमें बदलाव करते हुए सभी पात्र आश्रितों को आरक्षण के योग्य माना।
साथ ही समिति ने आश्रित की परिभाषा में चिह्नित आंदोलनकारी की पत्नी अथवा पति, पुत्र एवं पुत्री जिसमें विवाहित, विधवा, पति द्वारा परित्यक्त, तलाकशुदा पुत्री को भी शामिल किया। इसके अलावा विधेयक में विभिन्न विभागों में तथा समूह घ के पदों पर सीधी भर्ती में नियुक्ति देने में आयु सीमा तथा चयन प्रक्रिया को एक बार शिथिल करने का प्रावधान के स्थान पर समिति ने राज्याधीन सेवाओं में चयन के समय चिह्नित आंदोलनकारियों या उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की सिफारिश की। जिसे विधानसभा ने अब पास कर दिया है।
प्रवर समिति में रहे ये सदस्य (Uttarakhand Rajya Aandolankari Reservation Act passed)
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित प्रवर समिति में मुन्ना सिंह चौहान, विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, भुवन चंद्र कापड़ी व मोहम्मद शहजाद बतौर सदस्य रहे। (Uttarakhand Rajya Aandolankari Reservation Act passed)
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