-150 वर्ष पुरानी मजार भी हटाई, अधिकांश में नहीं कोई मानव अंग..
नवीन समाचार, देहरादून, 15 मई 2023। उत्तराखंड वन विभाग का मुख्यमंत्री के सचिव व नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते के नेतृत्व में वन भूमि से अवैध मजार-मंदिर आदि धार्मिक संरचनाएं व अन्य अतिक्रमण को हटाने का अभियान जोर पकड़ रहा है। इसी कड़ी में वन विभाग ने पुलिस-प्रशासन की मदद से नैनीताल जिले की तराई पश्चिम में जिम कॉर्बेट पार्क के क्षेत्र में बुलडोजरों नंथनपीर की एक साथ 14 मजारों को ध्वस्त कर दिया। यह भी पढ़ें : हद हो गई, चार महिलाओं ने किया एक महिला का ही अप्राकृतिक तरीके से यौन उत्पीड़न… 50 हजार का मामला..
इनमें से बिजरानी रेंज, आमडन्डा बीट के फूलताल ब्लाक स्थित थपली बाबा मजार 100 से 150 साल तक पुरानी बताई जा रही है। इसे लेकर कुछ लोगों ने विरोध भी किया। इसके अलावा हल्द्वानी की चीड़ डिपो की मजार भी आज ध्वस्त कर दी गई।
प्रभागीय वनाधिकारी प्रकाश आर्य ने बताया कि दो दिन पहले मजार के खादिम को नोटिस दिया गया था। यह भी पढ़ें : नैनीताल : अचानक स्कूल बस का टायर फटा, 20 बच्चे थे सवार..
बताया गया है कि अब तक कुल करीब 350 अवैध मजारे व 33 मंदिर हटाये गए है। इसके साथ अभी तक कुल 84 हैक्टेयर वन भूमि अतिक्रमण से मुक्त हो चुका है। ताजा कार्रवाई में एक मजार हल्द्वानी, 14 तराई पश्चिमी व पांच पछुवा देहरादून हरबर्टपुर कस्बा क्षेत्र में ध्वस्त की गई है। इनमें से दो मजारें एक ही फकीर भूरे शाह की बताई गई हैं। यह भी पढ़ें : स्कूल के लिए निकली नाबालिग छात्रा होटल में लड़के के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिली, अश्लील पॉर्न वीडियो बनाए जाने की संभावना
डा. पराग धकाते ने बताया कि मुख्यमंत्री इस अभियान की समीक्षा कर रहें है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जो इस अभियान में लापरवाही बरतेंगे, उन पर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। बताया कि ध्वस्त की जा रही मजारों में कोई मानव अंग नहीं मिल रहा है, और अधिकांश मजारों को लेकर कोई अपना बताते हुए आगे भी नहीं आ रहा है। यह भी पढ़ें : नैनीताल उच्च न्यायालय के स्थानांतरण पर बोले प्रदेश के मुख्य सचिव
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के रेंजर बिंदरपाल ने बताया की धार्मिक संरचना के धारणाधिकार की पुष्टि न होने के कारण मजार को अवैध मानते हुए पुलिस और प्रशासन के सहयोग से हटा दिया है। पूर्व मे टाइगर रिजर्व द्वारा संबंधित मजार को धारणाधिकार प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया गया था। यह भी पढ़ें :
किसी भी प्रकार से स्वामित्व की पुष्टि न होने के कारण धार्मिक संरचना को अवैध चिन्हित करते हुए हटा दिया गया है। चर्चाओं के मुताबिक यहां मजार 120 से डेढ़ सौ साल पुरानी मानी जा रही है। रामनगर कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि अब स्थिति काबू में है। लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया गया है। यह भी पढ़ें : खुले में शराब पीने पर 17 सैलानियों के खिलाफ कार्रवाई, बाजार में शराब पीने पर 3 युवक भेजे गए जेल
(डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।