नवीन समाचार, रामनगर, 11 फरवरी 2021। कार्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेन्ज के अंतर्गत ग्राम कानिया के पास प्लाट नं 10-11 मे घास लेने गयी 45 वर्षीय महिला कमला देवी पत्नी हरपाल निवासी ग्राम कनिया, ननियाचौड़ की बाघ के हमले से मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव की कई महिलाएं रोज की तरह आज भी जंगल में घास-लकड़ी लेने के लिए जंगल गयी थीं। तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया। बाघ महिला को अपने साथ घसीट कर ले गया। यह देखकर साथ की महिलाएं वहां से भागकर गांव पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी। समूह में जंगल पहुंचे ग्रामीणों ने देखा कि महिला खून से लतपथ पड़ी थी। उसे गंभीर हालत में रामनगर के संयुक्त चिकित्सालय लाया गया, जहां उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया। उनका कहना था कि इस क्षेत्र में अब तक बाघ 10 से अधिक हमले कर चुका है। वहीं सूचना मिलने पर अस्पताल में पहुंचे रेंजर राजकुमार ने बताया कि उच्च अधिकारियों से बात कर बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की कार्यवाही की जायेगी। साथ ही बताया कि मृतक परिवार को मुआवजा दिए जाने की कार्रवाई की जा रही है।
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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 26 जनवरी 2021। हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र के वन क्षेत्र से लगे दानीबंगर गांव के काली नगर क्षेत्र में मंगलवार को एक विशाल बाघ ने दिनदहाड़े घास काटने गई दो महिलाओं पर हमला कर दिया। गनीमत रही कि अन्य घास काट रही महिलाओं में चीख-पुकार मचा दी। शोर सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हो गए, और बाघ महिलाओं को गंभीर रूप से घायल कर जंगल की ओर भाग गया। इससे महिलाओं की जान तो बच गई, अलबत्ता दोनों गंभीर अवस्था में घायल हो गईं। उन्हें आनन-फानन में सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दोनों की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। खास बात यह है कि महिलाओं को घायल करने वाला बाघ बताया जा रहा है, गुलदार नहीं। हालांकि इस बारे में वनाधिकारियों की ओर से पुष्टि नहीं हुई है कि महिलाओं को घायल करन वाला बाघ था या गुलदार, अथवा कोई अन्य जीव।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 3 दिसंबर 2020। पर्वतीय क्षेत्रों में गुलदार का आतंक बना हुआ है। ताजा मामला जनपद के अल्मोड़ा हाइवे पर स्थित ग्राम लोहाली का है, जहां कुछ समय शांत रहने के बाद एक बार फिर से गुलदार के सक्रिय होने से ग्रामीणों में डर का माहौल बन गया है। बताया गया है कि विगत जुलाई-अगस्त माह में ग्राम पंचायत लोहाली में गुलदार ने अनेक पालतू पशुओं को निवाला बना दिया था। लेकिन इधर दो-तीन माह शांत रहने के पश्चात एक बार फिर से गुलदार ने गांव की मुख्य बस्ती के निवासी यशवंत सिंह पिनारी के आंगन में बंधी गाय को मार डाला। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता त्रिभुवन सिंह बिष्ट ने जानकारी देते हुए सरकार से समय रहते गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों में गुलदार ने गांव के बुजुर्ग चमन सिंह रावत को अपना निवाला बना दिया था लेकिन वन विभाग उस नरभक्षी गुलदार को नहीं पकड़ पाया था।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 29 नवम्बर 2020। नगर की घनी आबादी के बीच गुलदार घर में घुसकर जर्मन शेफर्ड कुत्ते को उठा ले गया। इस बात का खुलासा घर में लगे सीसीटीवी कैमरे से हुआ। इस पर क्षेत्रीय लोगों ने वन विभाग से क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ओक लॉज क्षेत्र निवासी करन बिष्ट बीती 25 नवंबर को अपने जर्मन शेफर्ड कुत्ते को घर के बाहर चेन से बांध कर एक शादी समारोह में हल्द्वानी गये थे। दूसरे दिन जब वह वापस लौटे तो कुत्ता था। परिवार के लोगों ने सोचा कि कुत्ता चेन तोड़कर कहीं चला गया होगा और वापस लौट जाएगा। लेकिन अब सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने पर पता चला गुलदार घर में घुसकर कुत्ते को ले गया है। इसके बाद उन्होंने वन विभाग को मामले की सूचना दी और क्षेत्रीय लोगों के साथ क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 20 नवम्बर 2020। जनपद के ओखलकांडा के धैना, कुकना, कोटली, बजवालगांव, सुनकोट, कैड़ागांव, कचलाकोट में गुलदार का आतंक बना हुआ है। गत दिनों गांव की दो महिलाओं सहित क्षेत्र के तीन लोगों को मार चुके गुलदार ने शुक्रवार सुबह कुकना तोक बेटली में भानु सिंह का बैल मार दिया। लोगों के शोर मचाने पर किसी तरह गुलदार जगल की ओर भागा। इससे एक बार फिर ग्रामीणों में डर का माहौल बन गया है।
कुकना की प्रधान उमा देवी, पूर्व प्रधान मदन नौलिया और नरेश कुमार आदि ने कहा कि यदि जल्द गुलदार को नहीं पकड़ा गया तो वन विभाग के मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग भी की है। बताया गया है कि 21 अक्तूबर को गुलदार ने ओखलकांडा के तुषराड़ व 22 को बजवालगांव में एवं 24 अक्तूबर को धैना में एक-एक महिला को मार दिया था। आदमखोर हो चुके गुलदार को मारने के लिए वन विभाग ने क्षेत्र में दो शिकारियों की तैनाती की थी, और पिंजरे भी लगाये गये थे, लेकिन वन विभाग को गुलदार को पकड़ने या मारने में आज तक सफलता नहीं मिल पाई है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 17 नवम्बर 2020। नगर के राजकीय पॉलीटेक्निक, पिटरिया क्षेत्र में इन दिनों गुलदारों की उपस्थिति बनी हुई है। इधर बीती शाम पॉलीटेक्निक के महिला छात्रावास की चारदीवारी पर वयस्क गुलदार को चढ़कर घूमते देखा गया। किलबरी रोड पर कार से गुजर रहे युवकों ने इसका वीडियो बना लिया गया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो बनने के दौरान भी गुलदार निर्भीक होकर छात्रावास की ऊंची के साथ ही संकरी दीवार पर चलता नजर आ रहा है। वन विभाग के नगर पालिका रेंज के रेंज अधिकारी प्रमोद तिवारी का कहना है कि यह क्षेत्र गुलदारों का प्राकृतिक आवास स्थल है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों इसी क्षेत्र से लगे बारापत्थर क्षेत्र में गुलदारों का जोड़ा नगर की महिला छायाकार रत्ना साह के कैमरे में कैद हुआ था।
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-चार दिन के भीतर तीसरी घटना से घरों में सहमे लोग, वन विभाग के खिलाफ लोगों में भारी आक्रोश नरभक्षी गुलदार को मारने की मांग जोरों पर
नवीन समाचार, नैनीताल, 21 अक्टूबर 2020। अभी चार दिन ही बीते की ओखलकांडा के दूरस्थ गांव धैना में गुलदार ने एक महिला को अपना तीसरा निवाला बना दिया है। इस तीसरी घटना से गुलदार के आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिससे क्षेत्र के गांवो में वन विभाग के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ओखलकांडा ब्लॉक के धैना गांव के सरपंच हरीश सिंह देव की पत्नी खीमुली देवी (38) को उसके घर से करीब 50 मीटर दूर घात लगाए गुलदार ने अपना शिकार बना लिया। वही साथ में गयी 10 साल की लड़की बचते बचाते घर की ओर भागते हुए आई। तब जाकर उसने अपने परिजनों को बताया। जब तक गांव वाले मौके पर पहुंचते तब तक खिमुली देवी की मौत हो चुकी थी। खिमुली देवी की चार लडकिया व दो लड़के है। अभी बीते गुरुवार को कूकना के पास बेजवाल गांव में चंपा परगाई को गुलदार ने अपना शिकार बनाया था। वह अपने घर के पास खेतों में घास काट रही थी ।
इससे पूर्व बुधवार को तुषराड में 13 वर्षीय नेहा कफलटिया को गुलदार अपना निवाला बना चुका है। इधर लगातार यह तीसरी घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है । और लोगों में वन विभाग के खिलाफ काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
कूकना के पूर्व ग्राम प्रधान मदन सिंह नोलिया ने बताया कि यहां के करीबन एक दर्जन से अधिक गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। लोगों दिन भर के कामकाज छोड़कर घरों में ही दुबके पड़े हैं। वहीं लोगों का इधर उधर आना जाना पूरी तरह बंद पड़ गया है। वहीं वन विभाग द्वारा तुषराड और बेंजवाल गांव में दो पिजड़े लगा दिए हैं। पर अभी तक वन विभाग को सफलता हाथ नहीं लग पाई ।वही स्थानीय विधायक राम सिंह कैड़ा द्वारा वन विभाग को पत्र लिखकर नरभक्षी गुलदार को आदमखोर घोषित करने के साथ ही इसे मारने की अनुमति देने की मांग उठाई थी। जिस पर वन विभाग ने शर्तों के अनुसार अनुमति दे दी थी। पर अभी तक शिकारियों की टीम ओखलकांडा में नहीं पहुंची है। उधर वन विभाग व राजस्व विभाग की टीमें क्षेत्र में डटी हुई है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 21 अक्टूबर 2020। बुधवार को जनपद के ओखलकांडा विकास खंड के ग्राम तुषराड़ में गुलदार कक्षा सात में पढ़ने वाली एक 12-13 वर्षीय बालिका को मार गया। इससे गांव सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार के प्रति भय व्याप्त हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नेहा कफल्टिया पुत्री हृदयेश कफल्टिया तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। बुधवार अपराह्न वह घर के आगे ही 15-20 मीटर दूर स्थित खेतों में घास काटने गई थी। इसी दौरानन करीब साढ़े तीन बजे अचानक गुलदार ने उस पर हमला बोल दिया। हमला इतना अचानक हुआ कि आसपास मौजूद लोग भी कुछ नहीं कर पाए। समाचार लिखे जाने तक वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची है। अलबत्ता स्थानीय विधायक एवं वन विभाग को ग्रामीणों ने घटना की सूचना दे दी है। पास के गांव पुटपुड़ी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता पंकज भट्ट एवं दीपक बर्गली ने बताया कि गुलदार बालिका को पास ही स्थित पत्थरों की एक गुफा-उड्यार में ले गया। क्षेत्र में यह गुलदार के हमले से मौत की पहली घटना है।
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नवीन समाचार, जसपुर, 17 अक्टूबर 2020। गुलदार उत्तर प्रदेश की एक बच्ची को मार कर उत्तराखंड की सीमा में ले आया। शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे उत्तराखंड वन विभाग के मकोनिया रेंज में एक बच्ची का क्षत-विक्षत शव मिलने से हड़कंप मच गया। बताया गया है कि शनिवार रात्रि उत्तर प्रदेश की सीमा से एक 12 वर्षीय बच्ची को गुलदार उठा ले गया था। शव उसी बच्ची का है। बच्ची के परिजन उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित गांव मकन्द पुर में ईंट भट्टे पर मजदूरी करते हैं। वन विभाग की टीम पूरी रात बच्ची की तलाश कर रही थी। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और शव को पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। वन विभाग के अधिकारियों ने आदमखोर गुलदार को शीघ्र पकड़ लेने का विश्वास जताया है।
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नवीन समाचार, बेरीनाग, 07 अक्टूबर 2020। उत्तराखंड में लॉक डाउन लागू होने के बाद से तेज हुआ बूटेदार गुलदारों का आंतक थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगर के भट्टीगांव वार्ड से लगे भट्टी गांव में गुलदार ने बुधवार शाम एक सात साल की बालिका को शिकार बना लिया है। गुलदार बालिका के शव को करीब 50 मीटर दूर छोड़ कर चला गया। पुलिस ने शव को बरामद कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भट्टीगांव निवासी सात वर्षीय हिमानी पुत्री भगत राम शाम के धुंधलके में घर से बाहर आने के लिए दरवाजे पर पहुंची थी, कि तभी घर के बाहर घात लगाए बैठा गुलदार झपट्टा मार कर उसे उठा ले गया। मासूम की चीख पर परिजनों ने हो हल्ला मचाया। परिजनों के साथ ही पास पड़ोस के लोग भी गुलदार के पीछे दौड़े। सूचना मिलने पर पुलिस थाने से पुलिस जवान भी पहुंच गए। खोजबीन करने पर घर से करीब 50 मीटर दूर बच्ची का शव मिला। जबकि गुलदार का कुछ पता नहीं चला। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। इसलिए भी कि सूचना देने के बावजूद वन विभाग से कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुआ क्षेत्र में विगत कई दिनों से नजर आ रहा था। वन विभाग को इसकी सूचना देते हुए पिंजरा लगाकर तेंदुआ को पकडने की मांग की गई थी। इसके बाद भी विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया। तेंदुए की शिकार बनी बालिका का परिवार निर्धन है। परिवार के पास एक पक्का मकान तक नहीं है। ग्रामीणों ने गुलदार को मारने और मृतका के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने की मांग को लेकर देर शाम तक वन रेंज कार्यालय का घेराव किया है और लोग धरने पर बैठे हैं। गुलदार के हमले के बाद गांव में दहशत का माहौल भी है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 3 अक्टूबर 2020। जनपद के बेल गांव में गुलदार पिछले माह की 20 तारीख से यानी पिछले 13 दिनों में 3 दिन में तीन महिलाओं पर हमला तथा 10 मुर्गियां व तीन कुत्ते खा गया है। गुलदार यहां दिन के डेढ़ बजे तक दिखा है। गांव के लोगों, खासबर बच्चों व महिलाओं का दिन में भी घर से बाहर निकलता मुश्किल हो गया है। फिर भी वन विभाग गांव को गुलदार के आतंक से बाहर निकालने को गंभीर नजर नहीं आ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के स्थानीय कर्मियों द्वारा गांव में लगाए गए पिंजड़ों में शिकार के तौर पर डालने के लिए मुर्गों और कुत्तों का इंतजाम स्वयं करने को कहा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गत 20 सितंबर को बेल गांव में गुलदार ने ममता मटेला नाम की महिला को गले से दबोच दिया था। गांव के पुरुषों ने उसे बमुश्किल बाघ के चंगुल से बचाया। इसके चार दिन बाद ही गुलदार 24 सितंबर को हीरा सिंह मटेला के घर के आंगन में, 26 को राम सिंह व गोविंद सिंह गैड़ा के घर के आसपास और इसी बीच शाम 6 बजे नारायण सिंह परगांई की छत पर देखा गया। वहीं 30 सितंबर को गीता देवी पत्नी राजेंद्र नेगी व अमर सिंह मेहरा पर भी झपटा। साथ ही उसने गांव के राम सिंह तड़ागी की बकरी व आन सिंह मेहरा की मुर्गी को भी शिकार बनाया। इधर शनिवार को दिन में डेढ़ बजे उसने धीरज जेम्स पुत्र सुंदर जेम्स के घर के 50 मीटर के दायरे में उनके कुत्ते को मार डाला। ग्रामीण गंगा सिंह मलाड़ा व धीरज जेम्स ने बताया कि इस प्रकार गुलदार अब तक गांव से 10 मुर्गियां व तीन कुत्ते मार चुका है। ऐसे में ग्रामीण गुलदार को मारने की इजाजत मांग रहे हैं।
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उप प्रभागीय वन अधिकारी नवीन चंद्र पंत के हवाले से आई खबरों के अनुसार मेरठ से सोमवार दोपहर पिथौरागढ़ पहुंचे वाइल्डलाइफ शूटर सैयद अलीविन हादी लगातार प्रभावित क्षेत्र में गुलदार की तलाश में थे। गत शाम मिली जानकारी के आधार पर उन्होंने गुलदार द्वारा 21 सितंबर को पहली घटना को अंजाम दिये जाने वाले सुकौल क्षेत्र में घटनास्थल से करीब 400 मीटर दूर सटीक निशाना लगाते हुए पहली गोली में ही गुलदार को मौत की नींद सुला दिया।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात्रि गुलदार ने नगर के बेकंबरी कंपाउंड स्नोव्यू निवासी प्रेम राम की गाय को अपना शिकार बना डाला। इस घटना के बाद से क्षेत्र में जहां लोगों में रोष है, वहीं भविष्य में गुलदार के द्वारा किसी अन्य बड़ी घटना को अंजाम दिए जाने की आशंका से भय भी व्याप्त हो गया है। बताया गया है कि गौ स्वामी ने मंगलवार को गाय चराने के लिए जंगल भेजी थी लेकिन रात्रि तक न लौटने पर उसकी तलाश की गई। बुधवार सुबह वह बिड़ला चुंगी से पुराना राजभवन जाने वाले मार्ग पर मृत अवस्था में मिली। इस बारे में पूछे जाने पर डीएफओ बीजू लाल टीआर ने कहा कि आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर लेने पर प्रभावित व्यक्ति को गाय की मृत्यु का 15000 रुपए मुआवजा तत्काल दिया जाएगा। उन्होंने कहा की लॉकडाउन के उपरांत वन्य जीवों की संख्या एवं आवासीय स्थानों में आवाजाही बढ़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई वन्य जीव किसी पालतू पशु को मार जाता है, तो उसे मारे गए पशु को खाने भी दिया जाना चाहिए। इससे उसके द्वारा निकट भविष्य में नया शिकार किए जाने की संभावना कम होती है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार भिकियासेंण बाजार क्षेत्र से करीब डेढ़ किमी दूर नगर पंचायत के ही बाराकोट वार्ड मंे रहने वाले गिरीश बिष्ट की 7 वर्षीय पुत्री दिव्या घर से 50 मीटर की दूरी पर आम के पेड़ के नीचे तीन अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी। तभी झाडियों के बीच से निकलकर गुलदार उसे उठा ले गया। यह मंजर देख साथ खेल रहे तीन बच्चे बदहवास हो चिल्लाने लगे। इस पर दिव्या की मां कविता व आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने हिम्मत जुटा कर गुलदार का पीछा किया। साथ ही पुलिस प्रशासन को भी सूचना दी। बाद में उसका शव बरामद होते ही क्षेत्र में कोहराम मच गया। मां कविता देवी गश खाकर गिर पड़ी। क्षेत्र में दहशत व गम का माहौल है।
उल्लेखनीय है कि पहाड़ में मानव-वन्य जीव व खासकर गुलदार मानव संघर्ष कई लोगों की जान ले चुका है। वर्ष 2018 में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत व पिथौरागढ़ में गुलदार मानव संघर्ष में 12 ग्रामीणों जान गवां बैठे, जबकि 70 घायल हुए। वहीं 2019 में 15 शिकार बने, और 75 घायल हुए। इसी तरह 2020 में अब तक गुलदार के हमले में पांच लोग मारे जा चुके हैं और 42 घायल हुए हैं। वहीं अल्मोड़ा डिवीजन (रिजर्व व सिविल) में पिछले पांच साल में अब तक 21 लोग जान गंवा चुके हैं। बीती छह जुलाई की शाम जनपद के डूंगरी ग्राम पंचायत (भैंसियाछाना ब्लॉक) के उडल तोक में ढाई वर्षीय बच्चे और इसके तीन दिन बाद ही पेटशाल में बुजुर्ग महिला को गुलदार ने निवाला बना लिया था। इन तीन वर्षों में चार जिलों में तीन गुलदारों को नरभक्षी होने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी, जबकि कुल 40 गुलदार मारे गए। उल्लेखनीय है कि राज्य गठन से अब तक 155 गुलदार आदमखोर घोषित किए जा चुके हैं और इनमें से 90 से अधिक अधिकृत शिकारियों की गोलियों का शिकार बने।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार गुलदार ने देर रात प्रतापगढ़ी क्षेत्र में एक घोड़े पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। सूचना मिलने पर ग्राम प्रधान कलावती थापा और पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय साह घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने मामले की जानकारी वन विभाग को दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण शुरु से ही गुलदार के आतंक से निजात दिलाने की मांग कर रहा है लेकिन अभी तक वन विभाग द्वारा मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने वन विभाग से गुलदार के आतंक से निजात दिलाने की मांग भी की है।
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इन प्रश्न पर प्रभागीय वनाधिकारी एवं नैनीताल चिड़ियाघर के निदेशक बीजू लाल टीआर ने कहा कि चिड़ियाघर में वन्य जीवों को मांस दिये जाने की वजह से क्षेत्र में गुलदारों के आने का कारण हो सकता है। लेकिन उन्होंने क्षेत्र की जैव विविधता के कमजोर होने से इंकार किया। साथ ही कहा कि गुलदारों द्वारा बिल्लियों का शिकार किये जाने की घटना पहले कभी प्रकाश में नहीं आई है। इस बारे में वह रेंजर को मौके पर भेजकर जांच करवाएंगे।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह तड़के करीब साढ़े पांच बजे ग्रामीणों को गुलदार के पिंजड़े में फंसे होने की सूचना मिली। उन्होंने वन विभाग के रेंज अधिकारी प्रमोद तिवारी को इसकी सूचना दी। इस पर वन विभाग की टीम सुबह नौ बजे के करीब मौके पर पहुंची और पिंजरे में फंसे गुलदार को रानीबाग भिजवा दिया। श्री तिवारी ने बताया कि करीब एक माह पूर्व चारखेत में गुलदार द्वारा दो बकरियों व एक कुत्ते को निवाला बनाने की घटनाएं सामने आई थी। इसके बाद गांव के पास पिंजड़ा लगाया गया था, जिसमें यह गुलदार फंसा है।
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नगर की छायाकार रत्ना साह ने बृहस्पतिवार को शाम ढलते समय सूर्य की आखिरी किरणों के बीच मस्ती करते हुए अपनी मौजूदगी से ही भय से रोम-रोम को सिंहरा देने वाले एक नहीं दो-दो गुलदारों को एक साथ अपने कैमरे में कैद करने में सफलता पाई। माना जा रहा है कि युवा गुलदारों का यह जोड़ा मानवों के बीच ‘हनीमून नगरी’ के रूप में भी प्रसिद्ध सरोवरनगरी में संभवतया एक-दूसरे से प्रणय निवेदन करने अथवा नगर की इस खाशियत को भांपने या इसका आनंद लेने आये हुए हों। इस दौरान इन गुलदारों ने बारापत्थर के विशाल पत्थरों पर यहां से वहां खूब अठखेलियां कीं।
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नगर के गोविंद बल्लभ चिकित्सालय-रैमजे हॉस्पिटल में फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत दीपक कुमार ने ‘नवीन समाचार’ को बताया कि बुधवार शाम वह हल्द्वानी की ओर स्कूटी से जा रहे थे। इस दौरान शाम छह बजकर 20 मिनट पर नैना गांव से करीब एक किलोमीटर आगे गुलदार पैरापिट के पीछे घात लगाकर छुपा बैठा हुआ था। दीपक ने उसे देखा तो स्कूटी को भगाकर किसी तरह अपनी जान बचाई। ऐसे में हड़बड़ी में दुर्घटना की भी आशंका थी। उल्लेखनीय है कि इसी क्षेत्र में गुलदार दोपहिया वाहन सवारों पर हमला कर चुका है। इससे पूर्व भी इस क्षेत्र में नैना गांव से रिया गांव एवं बेलुवाखान में गुलदार कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।
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यह मामला नगर के चिड़ियाघर से लगे छावनी क्षेत्र स्थित चंदन सिंह अधिकारी के घर का है। श्री अधिकारी ने बताया कि जंगल व चिड़ियाघर से लगे क्षेत्र में होने के कारण घर के आसपास अक्सर गुलदार आता रहता है। पिछले वर्ष भी इसी तरह गुलदार के घर में आने की घटना कैमरे में कैद हुई थी। उन्होंने बताया कि घर में कुल नौ कुत्ते हैं, जिनमें से एक को गुलदार ले गया। जिस जगह से गुलदार कुत्ते को ले गया, वहीं पर खुले दरवाजे के भीतर बेटी पढ़ रही थी, जो कुत्ते की चीख सुनते ही घर के बाहर आई। उल्लेखनीय है कि नगर में वन्य जीवों के आने की घटनाएं होती रहती हैं। पिछले वर्षों में गुलदार से लेकर भालू तक शहर में आ चुके हैं। इधर लॉक डाउन के बाद से वन्य जीवों के शहर में आने की अधिक घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं। ऐसे में सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक कल से गायब आनंदी की स्थानीय पुलिस व ग्रामीणों के द्वारा खोज की जा रही थी। बुधवार शाम उसका क्षत-विक्षत शव घर से कुछ ही दूरी पर बरामद हुआ।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार डुुंगरी के उडल गांव में दीपक व हेमा मेहरा के दो बच्चे हैं। एक नवजात बच्ची का दो दिन पूर्व ही नामकरण हुआ है, जबकि बड़ा बेटा दो साल का था। सोमवार अपराह्न करीब तीन बजे हेमा अपने बच्चे को बरामदे में गोद में लेकर बैठी थी, तभी घात लगाकर बैठा गुलदार उसकी गोद से बच्चे को छीनकर ले गया। बाद में बच्चे का क्षत-विक्षत शव घर से करीब 300 मीटर दूर मिल पाया। उल्लेखनीय है कुछ माह पूर्व भी इसी क्षेत्र में एक राजमिस्त्री बताये जाने वाले ग्रामीण की गुलदार ने हत्या कर दी थी।
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प्रकृति की मन भर सुंदरता के बावजूद विकास का एक अंश भी नहीं डानीजाला गांव में
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जलालगांव के ग्राम प्रधान गिरधर सिंह ने बताया कि गांव निवासी करीब 65 वर्षीय बची सिंह फालिज ग्रस्त हैं। उन्होंने परिवार की आजीविका चलाने के लिए घर से करीब 20 मीटर दूर गौशाला बनाकर करीब 90 बकरियां पाली हुई थीं। आज सुबह जब परिवार के लोग बकरियों को देखने गये तो वहां करीब 80 बकरियां मृत एवं अन्य के भी घायल मिलने से सन्न रह गये। बताया गया है जलालगांव नैनीताल जनपद के भीमताल विकास खंड के अंतर्गत कालाढुंगी वन क्षेत्रांतगर्तन देचौरी बीट में आता है।
उन्होंने ग्राम प्रधान एवं वन विभाग की कालाढुंगी रेंज के अधिकारियों को घटना की सूचना दी। मुख्यालय में मौजूद ग्राम प्रधान गांव की ओर लौटे, जबकि वन कर्मियों ने शिकायती पत्र लेकर कालाढुंगी आने को कहा। जानकारी लगने पर भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष नितिन कार्की ने वनाधिकारियों को फोन किया, तब जाकर वन कर्मी गांव की ओर रवाना हुए हैं। ग्राम प्रधान गिरधर ंिसंह ने बताया कि उन्होंने दो-तीन दिन पूर्व गांव के बाहर गुलदार देखे जाने की सूचना वन रक्षक पान सिंह को दी थी। उन्होंने गांव में आने की बात कही थी, किंतु कोई नहीं आया। बताया कि जलालगांव वन क्षेत्र से पूरी तरह लगा भी नहीं है। उन्होंने संबंधित वनाधिकारियों को मौके पर भेजने और जांच कराने की बात भी कही है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 20 मार्च 2020। मुख्यालय के निकट नैना गांव एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में अक्सर गुलदार का जोड़ा नजर आ रहा है। इससे पूरे क्षेत्र में दहशत है। मुख्यालय में सिचाई विभाग में कार्यरत रमेश सिंह गैड़ा ने बताया कि बीती शाम वह अपने तवेरे भाई ललित सिंह गैड़ा के साथ अपने घर जा रहे थे। तभी शाम साढ़े सात बजे हल्द्वानी रोड पर पुल पर गुलदार का जोड़ा दिखाई दिया। इनमें से एक गुलदार उनकी चलती बाइक पर झपट पड़ा। इस पर उन्हें मौत सामने नजर आई। बमुश्किल बाइक को दौड़ाकर उन्होंने जान बचाई। गैड़ा ने बताया कि गुलदार का यह जोड़ा अक्सर क्षेत्र में नजर आ रहा है। इससे पहले करीब पखवाड़े भर पूर्व गुलदार उनके ताऊ चंदन सिंह गैड़ा की गौशाला से दो बकरियां मार कर खा गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में रात्रि में रोशनी का अभाव है। जिलाधिकारी को सौर ऊर्जा लगाने का प्रार्थना पत्र दिया गया है।
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ललित मोहन बधानी @ नवीन समाचार, कालाढुंगी, 18 जनवरी 2020। शनिवार दोपहर जनपद के कोटाबाग विकास खंड मुख्यालय के निकटवर्ती भटलानी गांव के बीचों बीच गुलदार के तीन शावक मिलने से हड़कंप मच गया। देचोरी रेंज के गांव में मिले शावकों को देखने के लिये ग्रामीणों की भीड़ लग गई। सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची और तीनों शावकों को जंगल में उनकी मां के होने के संभावित स्थान पर सुरक्षित छोड़ दिया।
आगे इसके बाद भी ग्रामीणों में गुलदार का भय बना हुआ है। ग्रामीणों का मानना है कि शावकों की मां गुलदार कहीं आसपास हो सकती है, और अपने बच्चे न मिलने पर गांव में हमलावर हो सकती है। कोटाबाग के भटलानी गांव में उस वक्त हड़कम्प मच गया जब गांव के बीचों बीच एक मकान की दीवार से लगे गुलदार के तीन शावक बैठे देखे गए। पहले तो शावकों को देखने के लिये ग्रामीणों की भीड़ लगने लग गयी जब बताया गया कि पता नहीं कब इनकी मां मादा गुलदार यहां आ जाये तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।
भटलानी गांव रामनगर वन प्रभाग के देचोरी रेंज अंतर्गत आता है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। जिसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से वन क्षेत्राधिकारी किरन शाह ग्वासाकोटी सहित तमाम वन कर्मी मौके पर पहुंच गए। वनकर्मियों ने ग्रामीणों को इधर उधर हटाया और तीनों शावकों को की सुरक्षा बढ़ा दी। वन क्षेत्राधिकारी ग्वासाकोटी द्वारा ग्रामीणों को भी सतर्क कर दिया गया है कि वह चौकन्ने रहें। उन्होंने बताया कि जहां शावक हैं वहां गुलदार अपने बच्चों को खोजते हुए आ सकते हैं। इस लिए मौके पर कैमरे लगाए गए हैं तथा वर्षा को देखते हुए तिरपाल भी लगा दिया गया है तथा कई वन कर्मियों को निगरानी के लिए रखा गया है।
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नवीन समाचार, कालाढुंगी, 14 जनवरी 2020। नैनीताल जनपद के कालाढुंगी नगर पंचायत के जंगल से लगे क्षेत्र में गुलदार ने घास काटने वाली महिलाओं के समूह पर हमला बोल दिया। गुलदार के हमले में नगर के रुड़की बहादुर वार्ड नंबर 2 निवासी महिला पार्वती देवी पत्नी दुर्गा दत्त पांडे गंभीर रूप से घायल हो गई। साथ गई महिलाओं ने शोर मचाकर बमुश्किल महिला को गुलदार के जबड़े से बचाया। बताया गया है कि पार्वती देवी सहित चार महिलाएं जंगल में घास काटने गई थीं, तभी पीछे से अकेले गुलदार ने उन पर हमला बोला। महिला को कालाढुंगी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए लाया गया, जहां से उसकी गंभीर अवस्था को देखते हुए उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है जिम कार्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में संरक्षण अभियानों की सफलता के बाद बाघों की आबादी बढ़ने से गुलदारों का भोजन की तलाश में मानव बस्तियों की ओर रुख करना बढ़ रहा है। इसे भी गुलदारों के बढ़ते हमलों का एक कारण माना जा रहा है।
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नवीन समाचार, श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल), 13 जनवरी 2020। जनपद के श्रीनगर के धारी देवी क्षेत्र में एक गुलदार को शिकारी जॉय ने ढेर कर दिया है। बताया गया है कि क्षेत्र में एक आदमखोर गुलदार हाल में 3 लोगों को अपना निवाला बना चुका था। इस पर शिकारी जॉय पिछले 2 दिनों से आदमखोर गुलदार का पीछा कर रहा था। सोमवार सुबह 6:25 बजे एक गुलदार शिकारी जॉय की गोली का शिकार बन गया। गुलदार के ढेर होने से धारी देवी के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली। गुलदार को ढेर करने के बाद वन विभाग ने गुलदार के शव को अपने कब्जे में ले लिया है। हालांकि अभी तक कोई भी यह पुष्टि नहीं कर पा रहा है यह गुलदार आदमखोर ही था। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा क्या यह गुलदार आदमखोर था या नहीं।
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नवीन समाचार, पिथौरागढ़, 12 जनवरी 2020। पहाड़ में तेंदुए का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिथौरागढ़ जनपद के कनालीछीना ब्लॉक मुख्यालय के पास रहने वाली 25 वर्षीया महिला राधा देवी पत्नी गणेश राम पर तेंदुए ने दिन दहाड़े तब पीछे से हमला कर दिया, जब वह घर के सामने आंगन में धूप सेंक रही थी। गुलदार महिला को घर से करीब डेढ़ सौ मीटर तक खींचते हुए ले गया। बहन सहित पड़ोसियों के हो हल्ला मचाए जाने पर तेंदुआ महिला को छोड़ कर जंगल की तरफ भाग गया।
गनीमत थी कि महिला विकास खंड कार्यालय और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निकट ही रहती थी। इसलिए उसे जल्दी उपचार मिल गया। हालांकि बाद में 108 चिकित्सा वाहन से जिला अस्पताल भेजा गया। जहां महिला का उपचार चल रहा है। चिकित्सकों के अनुसार तेंदुए के हमले में महिला के गले और माथे पर गहरे जख्म हैं, और उसकी हालत सामान्य बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों इस स्थान से लगभग पांच किमी दूर पलेटा के चौक्यालगांव में भी गुलदार ने एक नौ वर्षीय बालिका पर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया था। घटना से क्षेत्र में गुलदार की दहशत व्याप्त हो गई है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 1 जनवरी 2019। बुधवार को नये वर्ष पर नगर के आबादी क्षेत्र में मानो गुलदार भी नये वर्ष का जायजा लेने पहुंचा। बताया गया है कि एक गुलदार नगर के रुकुट कंपाउंड क्षेत्र में रहने वाली जिला न्यायालय की अधिवक्ता स्वाति परिहार के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ है। बताया गया है कि बुधवार देर शाम करीब 8 बजे बाहर कुत्ते की चीखने की आवाज पर अधिवक्ता ने सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग चेक की तो उसमें गुलदार नजर आया।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को ही नगर में आए एक कांकड़ को आवारा कुत्तों ने नोंच कर मार डाला। जबकि उधर नगर के निकट ताकुला क्षेत्र में दिन दहाड़े गुलदार देखे जाने से भय का माहौल बना हुआ है।