उत्तराखंड ने मिजोरम के साथ जो किया, वह कभी देखा न सुना, बस मस्तक ऊंचे से भी ऊंचा हो गया..
काशीपुर, 5 दिसंबर 2018। कूच बिहार ट्रॉफी के तीसरे मैच में उत्तराखंड की अंडर-19 टीम ने मिजोरम के साथ वह कर दिया, जो क्रिकेट इतिहास में किसी ने न कभी देखा न सुना होगा। इस मैच में मिजोरम की क्रिकेट टीम दूसरी पारी में केवल 20 रन पर ऑलआउट हो गई। इसके साथ ही उत्तराखंड ने यह मैच एक पारी और 338 रन जीत लिया।
काशीपुर के हाईलेंडर स्पोर्टस एकेडमी में सोमवार को शुरू हुई चार दिवसीय कूच बिहार ट्रॉफी के मैच में मिजोरम ने पहली पारी में 91 रन बनाए थे। थैनजुला ने सर्वाधिक 23 रन की पारी खेली थी। जवाब में उत्तराखंड की टीम ने पहली पारी में 449 रन का बड़ा स्कोर बना डाला। उत्तराखंड की ओर से संयम और गौरव जोशी ने शतक ठोके। इस तरह पहली पारी के आधार पर उत्तराखंड ने 358 रन की बढ़त हासिल कर ली थी। वहीं दूसरे दिन जब मिजोरम दूसरी पारी में खेलनी उतरी तो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि उनका यह हाल हो जायेगा। दूसरी पारी में मिजोरम का कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। हालत इतने खराब थे कि 11 रन पर ही 9 विकेट गिर गए थे। आखिरी विकेट के लिए 9 रन की सबसे बड़ी साझेदारी हुई। मिजोरम के शुभम यादव सबसे अधिक 8 रन बनाकर नाबाद रहे। इस तरह खेल 9वें ओवर में उत्तराखंड के दो गेंदबाजों ने ही मिजोरम की पूरी टीम को वापिस पवेलियन भेज दिया। एस जुयाल ने 6 और जगमोहन नगरकोटी ने 3 विकेट चटकाए, जबकि एक खिलाड़ी रन आउट हुआ। इस तरह से उत्तराखंड ने कूच बेहर ट्रॉफी में लगातार तीसरी बड़ी जीत हासिल की। यह जीत ही नहीं सम्मान भी पूरे देश में उत्तराखंड अंडर-19 टीम के इस कारनामे की तारीफ़ हो रही है। देखें स्कोर कार्ड :
यह भी पढ़ेें : रणजी क्रिकेट में हल्द्वानी के कार्तिक जोशी ने मारा नाबाद दोहरा शतक, उत्तराखंड पारी से जीत के करीब
इस प्रकार उत्तराखंड ने केवल चार विकेट के नुकसान पर ही 470 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। उल्लेखनीय है कि अरुणांचल प्रदेश पहली पारी में केवल 105 रन ही बना पाया था। इस प्रकार उत्तराखंड को पहली पारी के आधार पर 365 रनों की बढ़त मिल गयी है, और उत्तराखंड को पारी से जीत के करीब माना जा रहा है।
लीजिये इस उत्तराखंडी क्रिकेटर ने मार दिया तिहरा शतक
कूच बिहार ट्राफी में तिहरा शतक जड़ने वाले गढ़ीनेगी निवासी किसान अवनीश सुधा के पिता बेटे की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि अवनीश में क्रिकेट का जुनून है, एक दिन वह भारत के लिए जरूर खेलेगा। अनिल सुधा ने बताया कि पहले अवनीश डांसर बनना चाहता था लेकिन बाद में उसका झुकाव क्रिकेट की ओर हो गया। अवनीश को क्रिकेट खेलते देखा तो उन्होंने उसका हरियाणा की एकेडमी में दाखिला कराया। बताया कि अवनीश हाल में ही हुए वनडे मैचों में उत्तराखंड टीम का कप्तान भी रह चुका है। अवनीश तीन भाई बहनों में सबसे बड़ा है। कहा कि एक दिन जरूर आएगा जब उनका बेटा टीम इंडिया के लिए खेलेगा।
उत्तराखंड हुआ मजबूत
नई तेज गेंदबाजी सनसनी
इस टीम को एक ऐसा जबरदस्त तेज गेंदबाज मिला है जिसने अपने रणजी पदार्पण के साथ ही सनसनी मचा दी है। उत्तराखंड के तेज गेंदबाज दीपक धपोला ने रणजी ट्रॉफी 2018-19 प्लेट ग्रुप के दो मैच में ही 21 विकेट चटका लिए हैं। उन्होंने दो मैचों की चार में से तीन पारियों में 5 या उससे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा किया है।
शानदार सफलता का श्रेय कोहली के कोच को
दीपक ने पहले मैच में बिहार के खिलाफ नौ विकेट लिए तो मणिपुर के खिलाफ दूसरे मैच में बारह विकेट झटक डाले। इससे पहले दीपक ने विजय हजारे ट्रॉफी में आठ मैच में 14 विकेट लिए थे। दीपक धपोला अपनी इस सफलता का श्रेय अपने कोच राजकुमार शर्मा को देते हैं। यह राजकुमार कोई और नहीं बल्कि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के पूर्व कोच हैं।
कोच के साथ विराट ने भी दिया भरपूर साथ
वेस्ट दिल्ली क्रिकेट एकेडमी में प्रैक्टिस के दौरान दीपक ने नेट्स में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को भी गेंदबाजी की है। दीपक के लिए सफर बहुत ही संघर्ष भरा रहा है। उन्होंने इस मुकाम तक आने के लिए बहुत इंतजार किया है। इस बारे में बात करते हुए दीपक ने कहा, “हां मेरे लिए 9 साल बहुत कठिन रहे हैं। विराट कोहली भी कई बार हमारे साथ प्रैक्टिस कर चुके हैं। वे मेरे गेंदबाजी करने के तरीके से काफी प्रभावित भी थे।” बीच-बीच में कोहली दीपक को बोलते थे-‘मेहनत करता रह, अच्छा होगा।’ दीपक के अनुसार कोहली के इन शब्दों ने उनको बहुत हिम्मत दी। दीपक ने कहा कि तेज गेंदबाजी में सही उम्र में सही मौका मिलना सबसे जरूरी होता है और मुझे वही नहीं मिल पा रहा था।
उत्तराखंड रणजी के कोच का ये है कहना
दीपक 9 साल पहले उत्तराखंड से दिल्ली आए थे। उन्होंने राजकुमार शर्मा से कोचिंग लेनी शुरू की। दीपक ने 2016-17 में रणजी ट्रॉफी कैंप में भी हिस्सा लिया, लेकिन टीम में नहीं चुने गए। इसके बाद वह कोच राजकुमार शर्मा की सलाह पर उत्तराखंड की ओर से खेलने लगे। उत्तराखंड के कोच केपी भास्कर ने माना है कि दीपक के नई और पुरानी दोनों गेंदों के साथ कमाल दिखाने की क्षमता रखने वाला गेंदबाज है।
यह भी पढ़ें : रणजी ट्राफी: दूसरे मैच में भी उत्तराखंड की मणिपुर पर बड़ी जीत
यह भी पढ़ें : विजय हजारे के शेर पहला मैच खेल रहे उत्तराखंड के आगे हुए ढेर, दस विकेट से जीते
देहरादून, 1 नवंबर 2018। रणजी ट्रॉफी के पदार्पण मुकाबले में उत्तराखंड ने बिहार को 10 विकेट से करारी शिकस्त देकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। दूसरी पारी में तेज गेंदबाज सन्नी राणा के घातक स्पेल के दम पर बिहार को 169 रन पर समेटने के बाद उत्तराखंड ने करनवीर के चौके के साथ तीन रन के लक्ष्य को हासिल कर लिया। बिहार पर इस बड़ी जीत से उत्तराखंड को बोनस अंक भी मिल गया। देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में शुक्रवार को मैच के दूसरे दिन अंतिम सत्र खत्म होने से पहले ही मैच समाप्त हो गया। बिहार पर मिली जीत से उत्तराखंड ने विजय हजारे ट्रॉफी में मिली हार का बदला भी ले लिया। दूसरे दिन पहली पारी में सात विकेट पर 201 रन से आगे खेलने उतरी उत्तराखंड के बल्लेबाज महज 26 रन ही जोड़ सके। उत्तराखंड के कप्तान रजत भाटिया (38) नाबाद रहे। बिहार के लिए पहली पारी में समर कादरी व आशुतोष अमन ने चार विकेट झटके। पहली पारी के आधार पर उत्तराखंड ने 167 रन की बढ़त बनाई। वहीं पहली पारी में बुरी तरह फेल हुए बिहार के बल्लेबाज दूसरी पारी में भी प्रदर्शन में सुधार नहीं ला सके। तेज गेंदबाज सन्नी राणा ने बिहार को शुरुआती झटके देते हुए उत्तराखंड की जीत की आधारशिला रखी। बिहार के कुमार रजनीश (16) व बाबुल कुमार (14) को तो सन्नी ने अपनी गेंद पर खुद ही लपक लिया। जबकि केशव कुमार (23) व रहमतुल्लाह (23) भी ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक सके। एक समय बिहार की टीम 105 रन पर आठ विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी, लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाज समर कादरी (36) व अनुनय नारायण सिंह (35) ने नौवें विकेट के लिए 55 रन की साझेदारी निभाते हुए टीम को पारी की हार से बचा लिया।
इससे पहले उत्तराखंड के आगे इतने रनों पर हुए ढेर, जितने कोई 10 गैंदों में बना ले…
रणजी ट्राफी में पहली बार पदार्पण कर रही उत्तराखंड की टीम ने गजब की शुरुआत करते हुए विजय हजारे ट्राफी में हराने वाली बिहार की टीम की अकड़ केवल 22.1 ओवरों में ही निकाल दी। बिहार की टीम पहली पारी में सिर्फ 60 रन बनाकर ढेर हो गये, जितने कोई बल्लेबाज चाहे तो 10 गैंदों में बना सकता है। उत्तराखंड के इस प्रदर्शन में दीपक धपोला की घातक गेंदबाजी का योगदान रहा।
देहरादून के राजीव गांधी अंत्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे पहले रणजी मैच में उत्तराखंड के कप्तान रजत भाटिया ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने का निर्णय लिया, जो की सही भी साबित हुआ। पहले बल्लेबाजी करने उतरी बिहार की टीम को पहला झटका उत्तराखंड के गेंदबाज दीपक धपोला ने तीसरी गेंद पर विकास रंजन और पांचवी गेंद पर बाबुल कुमार को पवेलियन भेज कर दिया। इसके बाद भी दीपक का धमाल रुका नहीं। उन्होंने अपने अगले ओवर में कुमार रजनीश को भी एलबीडब्ल्यू कर पवेलियन भेज दिया। इस तरह बिहार की टीम ने 17 ओवर में मात्र 47 रन बनाकर 8 विकेट गंवा दिये। आगे सन्नी राणा ने अमन को अपना शिकार बनाया। बिहार का नौवा विकेट अनुनय के रूप में गिरा। वह मात्र एक रन बनाकर धनराज की गेंद पर आउट हुए। धनराज को यह दूसरा विकेट मिला। कुल मिलाकर बिहार की टीम 22.1 ओवर में मात्र 60 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। खास बात यह भी रही कि पहला रणजी मैच खेलने उतरी उत्तराखंड की टीम ने पहली पारी में मात्र 3 गेंदबाजों- दीपक धपोला, धनराज शर्मा और सनी राणा का ही इस्तेमाल किया। तीनों की गेंदबाजों के सामने बिहार के बल्लेबाज नतमस्तक रहे। दीपक धपोला ने शानदार गेंदबाजी करते हुए छह विकेट अपने नाम किए, धनराज ने दो और सन्नी राणा ने एक विकेट चटकाए। इससे पहले खेल मंत्री अरविंद पांडे ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया। इस दौरान यूसीसीसी के समन्वयक प्रो रत्नाकर शेट्टी, सीएयु के संरक्षक पी सी वर्मा मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें : लगातार सातवीं जीत के बावजूद दुर्भाग्य के कारण क्वार्टर फाइनल में जाने से चूकी टीम उत्तराखंड
नैनीताल, 9 अक्टूबर 2018। उत्तराखंड क्रिकेट टीम ने सोमवार को विजय हजारे ट्रॉफी के प्लेट ग्रुप में लगातार सातवीं जीत हासिल की। सोमवार को गुजरात के नाडियाड में उत्तराखंड ने अरुणाचल प्रदेश की टीम को 108 रनों के अंतर से हरा दिया। बावजूद इसके दुर्भाग्यवश उत्तराखंड की टीम क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी।
सोमवार को अपने अंतिम लीग मैच में उत्तराखंड की टीम ने अरुणाचल के खिलाफ टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। आज उत्तराखण्ड की शुरुआत ज्यादा अच्छी नहीं रही और पिछले मैच में दोहरा शतक लगाने वाले करणवीर कौशल 22 रन बनाकर जल्दी ही आउट हो गए। एक समय उत्तराखण्ड की टीम 90 रन पर छह विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी। परन्तु 7 वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे उत्तराखण्ड के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज सौरभ रावत और एम रंगराजन के बीच सातवें विकेट के लिए 100 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की बदौलत अंत में उत्तराखंड ने 49.4 ओवरों में 264 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर दिया। सौरभ रावत ने 64 गेंदों में 67 रनों की शानदार पारी खेली जबकि रंगराजन ने 50रन बनाकर उनका बढ़िया साथ निभाया। 265 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी अरुणाचल की टीम उत्तराखण्ड की शानदार गेंदबाजी के आगे संघर्ष करती नजर आई। और निर्धारित 50 ओवर में नौ विकेट खोकर 156 रन ही बना सकी। उत्तराखंड की ओर से कप्तान रजत भाटिया ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 17 रन देकर तीन विकेट चटकाए. जबकि एम. रंगराजन व मयंक मिश्रा ने दो-दो और दीपक धपोला व सनी राणा ने एक-एक विकेट अपने नाम किये। इस तरह उत्तराखण्ड ने अपने आखिरी लीग मैच में अरुणाचल प्रदेश की टीम को 108 रनों के बड़े अंतर से हरा कर टूर्नामेंट ने लगातार सातवीं जीत दर्ज की।
उल्लेखनीय है कि प्लेट ग्रुप से केवल एक ही टीम को विजय हजारे ट्रॉफी के मेन ग्रुप में क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करना था। प्लेट ग्रुप में बिहार और उत्तराखंड ने लीग चरण में आठ-आठ मुकाबले खेले। दोनों ही टीमों ने अपने सात-सात मुकाबले जीते। परन्तु बिहार का एक मुकाबला रद्द हो जाने के चलते उनको दो अंक मिले। जिसके कारण बिहार को आठ में से सात मैच जीतने के बाद कुल 30 अंक मिले। जबकि उत्तराखंड की टीम को आठ में से सात मैच जीतने के बाद कुल 28 अंक मिले। उत्तराखण्ड की टीम अपने पहले मुकाबले में बिहार से हार गई थी। इस कारण बिहार की टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही।
पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट खेलने उतरी टीम उत्तराखण्ड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया। इसके अलावा टूर्नामेंट में कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। उत्तराखंड की टीम मंगलवार को वापस देहरादून पहुंचेगी। पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर लौट रही टीम उत्तराखण्ड का क्रिकेट प्रेमियों द्वारा जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने पर जबरदस्त स्वागत किया जायेगा।
यह भी पढ़ें : देर आयद-दुरुस्त आयद, इतिहास में पहली बार दोहरा शतक और जीत का छक्का, शीर्ष रैंक पर भी पहुंचा
नांदेड़-गुजरात, 6 अक्टूबर 2018। उत्तराखंड का क्रिकेट में पदार्पण अपनी स्थापना के 18 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद हुआ है, लेकिन जब हुआ है तो जिस विजय हजारे ट्रॉफी से उत्तराखंड ने घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू किया है, उसमें ऐसा कुछ कर डाला है जैसा इस ट्रॉफी के इतिहास में अब तक कभी कोई नहीं कर पाया है। उत्तराखंड के ओपनर बल्लेबाज करणवीर कौशल ने शनिवार को विजय हजारे ट्रॉफी मे 200 रन बनाकर नया रिकॉर्ड बना दिया है। विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास मे दोहरा शतक लगाने वाले करणवीर कौशल देश के पहले क्रिकेटर बन गए हैं। इसके साथ ही मौजूद सत्र में अब तक सात मैचों में तीन शतक लगाने वाले करनवीर इकलौते बल्लेबाज भी बन गए हैं।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाने वाले रोहित शर्मा और दोहरा शतक लगाने वाले सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज बल्लेबाज भी घरेलू क्रिकेट में यह नहीं कर पाये हैं। इससे पहले विजय हजारे ट्रॉफी मे सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड भारतीय टीम के उप कप्तान आजिंक्य रहाणे के नाम था। उन्होंने मुम्बई के लिए खेलते हुए 2007-08 मे महाराष्ट्र के खिलाफ 187 रन बनाये थे।
इसके साथ ही करणवीर के रिकॉर्ड दोहरे शतक की बदौलत उत्तराखंड ने विजय हजारे ट्रॉफी में पहले मैच में हारने के बाद लगातार छह जीतों से जीत का छक्का लगा दिया है। अपने सातवें मैच में उत्तराखंड ने सिक्किम को 199 रनों के बड़े अंतर से हरा दिया। इस बड़ी जीत के साथ उत्तराखंड अंक तालिका में बिहार को पछाड़कर पहले स्थान पर पहुंच गया है, जिसके साथ अब उसे अपना अगला मैच खेलना है।
शनिवार को नांदेड, गुजरात के गोकुलभाई सोमाभाई पटेल स्टेडियम में सिक्किम के खिलाफ प्लेट ग्रुप के मुकाबले में करणवीर कौशल ने 202 रन की आतिशी पारी खेलकर यह इतिहास रचा। करणवीर ने इस मैच में पहली 38 गेंदों मे पहले 50 रन बनाए, और 100 रन तक पहुचने के लिए महज 33 गेंदें ही और खेलीं। शतक बनाने के बाद भी करनवीर अधिक आक्रामक होते चले गये, और अगली 30 गेंदों मे उन्होंने 150 का आंकड़ा छुआ और फिर अगली 31 गैंदों में 200 रन बनाने का रिकार्ड ही बना डाला। आखिर वे अपनी टीम को 300 का आंकड़ा पार कराकर कुल 135 गेंदों मे 202 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने अपनी 202 रनों की पारी के दौरान कुल 18 चौकों और 9 छक्कों के साथ 126 रन सिर्फ चौकों और छक्कों से बनाये है।
उल्लेखनीय है कि इस मैच में टॉस जीतकर सिक्किम ने उत्तराखंड को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। उत्तराखंड के ओपनर करणवीर कौशल और विनीत सक्सेना ने शानदार खेल दिखाते हुए पहले विकेट के लिए रिकॉर्ड 296 रनों की पारी खेली। विनीत ने दूसरे छोर पर धैर्यपूर्ण और सयंम भरी पारी खेलते हुए 133 गेंदों में 100 रन बनाए। अंतिम ओवरों में सौरभ चौहान और वीआर जेठी ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए टीम का स्कोर 366 तक पहुंचाया। सौरभ चौहान ने 20 गेंदों में 26 और जेठी ने 12 गेंदों में 18 रन बनाए। सिक्किम के लिए दोनों विकेट मंडुप भूटिया ने चटकाए। जवाब में उत्तराखंड के लिए दीपक धपोला ने सिक्किम को लगातार तीन झटके देकर सिक्किम की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। उन्होंने बिबेक (1), पलजोर (0) और आशीष थापा (0) को पवेलियन भेजा। सिक्किम की टीम ने 7.2 ओवर में 29 रन पर अपने तीन विकेट खो दिए। मयंक मिश्रा ने बिजय (15) को आउट कर सिक्किम को चौथा झटका दिया। 41 रन पर चार विकेट गिरने के बाद ली योंग लेप्चा और पदम ने बेहद संभलकर बल्लेबाजी करते हुए टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचाया। लेप्चा ने 104 गेंदों में 65 और पदम ने 102 गेंदों में नाबाद 51 रन बनाए। निलेश लमिछाने 14 रन बनाकर नाबाद लौटे। सिक्किम ने 50 ओवर में छह विकेट खोकर 167 रन बनाए। उत्तराखंड की लिए दीपक ने तीन, वीआर जेठी ने दो और मयंक मिश्रा ने एक विकेट लिया।
यह भी पढ़ें : दूसरे मैच में पोंडिचेरी पर बड़ी जीत से लगाए उम्मीदों को पंख
उत्तराखंड की क्रिकेट टीम ने अपने पदार्पण के लगातार दूसरे भी को भी यादगार बना दिया। 20 सितंबर को जहां उत्तराखंड ने (विजय हज़ारे ट्रॉफी में) पहला मैच खेला (भले बिहार से मैच हार गया हो), वहीं अगले ही दिन 21 सितंबर को उसने पोंडिचेरी को 65 रनों के बड़े अंतर से हराकर राज्य के क्रिकेट प्रेमियों कि उम्मीदों को पंख लगा दिये हैं।
शुक्रवार को घरेलू क्रिकेट में पदार्पण कर रही उत्तराखण्ड की क्रिकेट टीम ने विजय हजारे ट्रॉफी में पॉन्डिचेरी को 65 रनों से मात देेेकर पहली जीत दर्ज कर ली है। आज उत्तराखण्ड की टीम पहले मैच में बिहार में मिली हार से सीख लेते हुए मैदान पर उतरी। मैच में उत्तराखंड की शुरुआत खराब रही। उत्तराखण्ड का पहला विकेट विनीत सक्सेना के रूप में मात्र 2 रन पर गिर गया था लेकिन टीम ने संयम का परिचय देकर मैच को अपनी तरफ किया। करनवीर कौशल और वैभव भट्ट ने दूसरे विकेट के लिए 172 रन जोड़ विपक्षी खेमे में हलचल मचा दी। करनवीर ने शानदार 114 गैदों में 101 रनों की पारी खेली, वहीं वैभव भट्ट ने 73 रन बनाए। इस शानदार शुरूआत के बाद मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने टीम के रन रेट को कम होने नहीं दिया। रंगराजन के नाबाद 36 रन और सौरभ रावत ने मात्र 20 गेंदों में 35 रनों के बदौलत उत्तराखण्ड ने 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 291 रन बनाए। बल्लेबाजी में विनीत ने शून्य, रजत भाटिया ने 10, वैभव सिंह ने 12, दीपक धपोला ने 1 और डीके शर्मा ने 7 रन बनाए।
वहीं लक्ष्य का पीछा करने उतरी पॉन्डिचेरी ने धमाकेदार शुरूआत की। पहले चार ओवर में सलामी बल्लेबाज रोहित और गोविंद राजन ने 41 रन जोड़ दिए। रोहित 23 रन बनाकर डीके शर्मा का शिकार बने। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए अभिषेक नायर और गोविंद राजन के बीच दूसरे विकेट के लिए शानदार साझेदारी हुई लेकिन नायर चोटिल हो गए और उन्हें मैदान छोड़कर बाहर जाना पड़ा। नायर के बाहर जाते ही मुकाबला उत्तराखण्ड की तरफ हो गया। इसके बाद पारस डोगरा दो रन बनाकर रन आउट हो गए। उस वक्त टीम का स्कोर 127 रन था। पारस के आउट होने के बाद पॉन्डिचेरी के विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया और पूरी टीम 45.2 ओवर में 226 रनों पर सिमट गई। बाद में रिटायर हर्ट हुए अभिषेक नायर मैदान पर वापस आए लेकिन टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाने में नाकाम रहे। अभिषेक ने 94 रनों की पारी खेली। उत्तराखण्ड की ओर से गेंदबाजी में सन्नी ने 4, दीपक धपोला ने 2 तथा रंगराजन और मंयक मिश्रा ने 1 -1 विकेट लिये।
यह भी पढ़ें : मैच हारकर भी इतिहास में दर्ज किया 20 सितम्बर का दिन
आखिर आज वो पल आ ही गया जिसका उत्तराखंड के क्रिकेट खिलाड़ी और खेलप्रेमी पिछले 18 सालों से इन्तेजार कर रहे थे। उत्तराखंड भले अपना पहला मैच हार गया हो, पर उत्तराखंड के क्रिकेट इतिहास में 20 सितम्बर का दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। क्यूंकि आज प्रदेश के क्रिकेट खिलाड़ी पहली बार बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट में खेलते हुए नजर आये। आज उत्तराखंड की टीम ने बिहार से विजय हजारे ट्रॉफी के लिए गुजरात के शास्त्री मैदान में सुबह 9 बजे से अपना पदार्पण मैच खेला।
बिहार के साथ खेले जा रहे इस पहले घरेलू एक दिवसीय मैच में उत्तराखंड का प्रदर्शन पहला मैच होने के नाचे इस पर संतोषजनक कहा जा सकता है। उत्तराखंड ने पहले खेलते हुए 50 ओवरों के मैच में 43.2 ओवरों में सभी विकेट गंवाकर कुल 160 रन बनाये हैं। उत्तराखंड के लिए अच्छी बात यह रही कि उसके ओपनर बल्लेबाज विनीत सक्सेना ने आखिर तक खेलते हुए 127 गैंदों में 4 चौकों के साथ 57 रन, जबकि आठवें नंबर पर खेलने आये गैंदबाज डी धपोला ने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए 46 गैंदों में 82.61 की औसत से 2 चौकों व 3 छक्कों की मदद से 38 रन बनाए। इनके अलावा वैभव ने 16, ओपर करनवीर कुकसाल ने 13 तथा मयंक मिश्रा ने 11 रन बनाये हैं, जबकि कप्तान रजत भाटिया सहित अन्य 6 बल्लेबाज दहाई के अंकों से नीचे और इनमें से 2 सौरभ रावत और स्टार खिलाड़ी कहे जा रहे ‘बाहरी’ खिलाड़ी मलोलन रंगराजन शून्य पर आउट हुए।
वहीं जवाब में बिहार ने बेहद आसानी से 12.3 ओवर शेष रहते 5 विकेट के अंतर से मैच जीत लिया। बिहार की जीत में विकेटकीपर बल्लेबाज विकास रंजन ने बड़ी भूमिका निभाई। वहीं केशव कुमार ने 33 रनों का योगदान दिया। उत्तराखंड के लिए वैभव भट्ट ने एक खिलाड़ी को रन आउट व एक को मयंक मिश्रा की गैंद पर कैच आउट किया। मिश्रा ने भी एक खिलाड़ी को रन आउट किया। वहीं सनी की गैंद पर विकेटकीपर सौरभ रावत ने एक खिलाड़ी को स्टंप आउट किया। स्टार खिलाड़ी बताये जा रहे तमिलनाडु के मलोलन भी 1 विकेट ही ले पाये।
मैच का स्कोर देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
पहली बार उत्तराखंड की टीम बीसीसीआई के किसी टूर्नामेंट में खेलने उतरी है। उत्तराखंड की टीम में देश के तीन सीनियर क्रिकेटर- दिल्ली के पूर्व स्टार ऑलराउंडर और IPL में कई टीमों से अपना जौहर दिखा चुके टीम के कप्तान रजत भाटिया, गोवा के विनीत सक्सेना और चेन्नई के मलोलन रंगराजन भी शामिल हैं। इसके अलावा बीसीसीआई ने भास्कर पिल्लई को उत्तराखंड का कोच और प्रशांत पुजारा को ट्रेनर नियुक्त किया है वहीं डैनी परेरा को फिजियोथेरेपिस्ट और दीपक मेहरा को टीम मैनेजर बनाया गया है।
उत्तराखंड की टीम—
रजत भाटिया(कप्तान), विनीत सक्सेना, मलोलन रंगराजन, वैभव भट्ट, करणवीर कौशल, मयंक मिश्रा, वैभव पंवार, सनी राणा, धनराज शर्मा, सौरभ रावत, शुभम नौटियाल, दीपक धपोला, सौरभ चौहान, विजय जेठी, आर्य सेठी।
यह पूर्व समाचार भी पढ़ें : कहीं की ईंट-कहीं का रोड़ा, उत्तराखंड क्रिकेट ने कुनबा जोड़ा….कप्तान सहित तीन खिलाड़ी होंगे बाहरी
तीन बाहरी खिलाड़ियों में से ही तमिलनाडु के खिलाड़ी हो सकते हैं कप्तान !
नवीन जोशी, नैनीताल (22 अगस्त 2018)। आगामी 19 सितंबर से शुरू होने वाली रणजी ट्रॉफी में पहली बार शामिल हो रही उत्तराखंड की टीम ‘कहीं की ईंट-कहीं का रोड़ा, उत्तराखंड क्रिकेट ने कुनबा जोड़ा’ सरीखी होगी। इस टीम में उत्तराखंड के कितने खिलाड़ी होंगे यह तो पता नहीं, पर इसके कप्तान तमिलनाडु से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने वाले रजत भाटिया हो सकते हैं, और तमिलनाडु के मलोलन रंगराजन के साथ ही राजस्थान के विनीत सक्सेना सहित कुछ और अन्य राज्यों के खिलाड़ियों का इस टीम में होना कमोबेश तय हो गया है। उत्तराखंड राज्य संचालन समिति ने रजत भाटिया समेत तीन पेशेवर खिलाड़ियों को रणजी टीम में शामिल करने का निर्णय ले लिया है। यह स्थिति तब है जबकि उत्तराखंड के कई खिलाड़ी भारतीय मुख्य क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं, तथा यहीं के खिलाड़ी दूसरी-तीसरी पांत की क्रिकेट टीमों में न केवल खेल रहे हैं, वरन अंडर-19 की टेस्ट व वन-डे टीमों के कप्तान उत्तराखंड से ही हैं। वहीं अभी टीम का कोच तय नहीं हुआ है, पर माना जा रहा है कि वह भी बाहरी ही होगा। ऐसे में बाहरी खिलाड़ियों को टीम में न केवल शामिल करने वरन उनमें से ही किसी को टीम की कप्तानी देने की संभावनाओं के साथ उम्मीदें पाल रहे उत्तराखंड के खिलाड़ियों के भविष्य पर भी सवाल उठ रहे हें।
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त खबरों के अनुसार उत्तराखंड की क्रिकेट टीम की कप्तानी रजत भाटिया कर सकते हैं। रजत भाटिया मौजूदा दौर में घरेलू क्रिकेट के सबसे प्रमुख खिलाड़ियों में शामिल हैं। उत्तराखंड राज्य संचालन समिति ने रजत भाटिया समेत जिन तीन पेशेवर खिलाड़ियों को रणजी टीम में शामिल करने का निर्णय ले लिया है, उनमें से अनुभव और प्रदर्शन के आधार पर रजत भाटिया का दावा कप्तानी के लिए सबसे मजबूत माना जा रहा है। अब जानते हैं इन तीनों बाहरी खिलाड़ियों के बारे में:
रजत भाटिया
रजत भाटिया ने वर्ष 2000 में तमिलनाडु की ओर से खेलते हुए अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने इसी वर्ष सिंघली स्पोर्ट्स क्लब, कोलंबो के खिलाफ यादगार मैच खेले। 2007-08 में दिल्ली को रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाने में रजत का अहम योगदान रहा। रजत ने 512 रन बनाने के अलावा सात विकेट भी चटकाए थे। आईपीएल के पहले सत्र में दिल्ली डेयर डेविल्स का हिस्सा रहे रजत ने बाद में कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स और पुणे सुपरजाइंट्स के लिए भी खेला। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में रजत करीब 50 के औसत से चार हजार से अधिक रन बनाने के अलावा 29 से अधिक के औसत से 96 विकेट ले चुके हैं।
विनीत सक्सेना
फरवरी 1999 में राजस्थान की टीम से खेलते हुए विनीत सक्सेना ने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर की शुरूआत की। कुछ समय रेलवे के लिए खेलने के बाद विनीत ने राजस्थान टीम में वापसी की। 2010-11 में राजस्थान को पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाने में विनीत का अहम योगदान रहा। प्रतियोगिता में उन्होंने 12 पारियों में 51 से अधिक की औसत से 566 रन बनाए। 2011-12 में उनकी शानदार बल्लेबाजी की बदौलत राजस्थान लगातार दूसरी बार चौंपियन बना। विनीत ने 18 पारियों में 52.76 की औसत से 897 रन बनाए हैं।
मलोलन रंगराजन
22 अप्रैल 1989 को जन्मे मलोलन रंगराजन घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु के लिए खेलते हैं। रंगराजन बतौर बॉलिंग आलराउंडर टीम में शामिल हैं। राइट ऑर्म ऑफ ब्रेक गेंदबाजी करने वाले रंगराजन दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। रंगराजन साउथ जोन टीम का हिस्सा भी रहे हैं। 2013-14 दिलीप ट्रॉफी में वेस्ट जोन के खिलाफ रंगराजन ने पांच विकेट चटकाने के अलावा अर्धशतक भी जमाया था। अब तक 38 प्रथम श्रेणी के मैच खेलकर 30 के औसत से 1251 रन व 28.19 की औसत से 119 विकेल ले चुके 29 साल के मलोलन 2011 में शुरुआत करने के बाद से तमिलनाडु के लिए क्रिकेट खेलते रहे हैं, परंतु इधर पिछले दो सत्रों से तमिलनाडु की टीम से बाहर हैं।
इस पोस्ट पर सुमित साह की टिप्पणी : धन्यवाद जोशी जी, बहुत अच्छा लिखा आपने। हद होती है हमारे वहां एक से एक प्लेयर्स हैं। पहले मज़बूरी में दूूूसरे स्टेट से खेलते थे। अब तो रणजी में हरी झन्डी मिल गयी है, फिर क्यों बाहरी प्लेयर्स को खिलाया जा रहा है। अगर चान्स देना है तो पहाड़ी राज्य के प्लेयर्स को दे दो।हिमांचल या जम्मू-कशमीर ये भी पहाड़ी ठैहरे बल।
अगर ये अभी नहीं रोका जाएगा तो फिर बाद में दिल्ली, यूपी हरयाणा के प्लेयर्स खेलने लग जाएंगे। हमारे पहाड़ियों को कहां मिलेगा चांस ? इसको रोकना पड़ेगा अभी से।
यह भी पढ़ें : इसी सत्र से रणजी ट्रॉफी क्रिकेट खेलेगी उत्तराखंड की टीम, BCCI ने की घोषणा
नैनीताल, 18 जुलाई 2018। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आगामी 2018-19 के घरेलू सत्र के लिए पहली बार उत्तराखंड सहित रणजी ट्रॉफी में नौ नई टीमों को शामिल किया है। बीसीसीआई ने बुधवार को एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी। इससे टीमों की संख्या 37 हो गई है। इन सभी टीमों को तीन इलीट ग्रुप-ए, बी व सी में बांटा जाएगा। इन नौ नई टीमों में अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, सिक्किम और उत्तराखंड हैं। इन नौ टीमों को प्लेट ग्रुप में रखा गया है।
इन टीमों में जो टीम क्वॉर्टर फाइनल में जगह बनाएगी उसे अगले सीजन में ग्रुप-सी में रखा जाएगा। ग्रुप-सी से क्वॉटर फाइनल में जगह बनाने वाली टीमें अगले सीजन में ग्रुप-ए और बी में खेलेंगी। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी 37 टीमें होंगी। यह टूर्नामेंट ईरानी ट्रॉफी के बाद खेल जाएगा। वहीं सीनियर महिला टीम अपने घरेलू सीजन की शुरुआत टी-20 चैलेंजर ट्रॉफी से करेगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता की राह ठीक 1 माह पहले बीती 18 जून को साफ हुई थी, जब सर्वोच्च न्यायालय में बीसीसीआई की प्रशासक समिति के सम्मुख मान्यता का दावा करने वाली उत्तराखंड की सभी चार क्रिकेट एसोसिएशनों के द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए एक वर्ष के लिए नौ सदस्यीय ‘उत्तराखंड क्रिकेट कन्सेंसस कमेटी’ को कामकाज देखने की जिम्मेदारी दे दी गयी थी। हालाँकि इधर इन चार क्रिकेट एसोसिएशनों के द्वारा भेजी गयी अपने प्रतिनिधियों की सूची को लेकर भी कुछ समस्यायें बताई जा रही हैं।
राज्य गठन के बाद यह पहला मौका होगा जब उत्तराखण्ड की टीम रणजी में खेलेगी। राज्य को मान्यता ना मिलने की वजह से बीते 18 सालों में उन्मुक्त चंद, आर्यन जुयाल, पवन नेगी, कुणाल चंदोला, सौरभ रावत , मनीष पांडे, ऋषभ पंत, कमलेश नगरकोटी, देवेंद्र कुंवर व दीक्षांशु नेगी सहित कई खिलाड़ियों ने दूसरे राज्यों से खेलते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। अब उत्तराखंड की टीम विजय हजारे ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी, सैय्यद मुस्ताक अली ट्रॉफी, सीके नायडू ट्रॉफी, वीनू माकंड ट्रॉफी, कूच विहार ट्रॉफी, विजय मर्चेंट ट्रॉफी, टी-20 लीग सहित विभिन्न राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलेगी। हालाँकि चार एसोसिएशनों के होते हुए उत्तराखंड की क्रिकेट टीम कैसे चुनी जाएगी, यह भी अभी एक यक्ष प्रश्न सरीखा ही है।
उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई आगामी घरेलू सत्र में पुरुष एवं महिला प्रतियोगिताओं को मिलाकर सभी आयु वर्ग में कुल 2,000 मैचों का आयोजन करेगा। भारत के घरेलू सत्र की शुरुआत अगस्त में होने वाली दलीप ट्रॉफी से होगी।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड क्रिकेट को मिली बीसीसीआई से मान्यता, घरेलू सत्र में खेल सकेंगे उत्तराखंड के खिलाड़ी
-एक वर्ष के लिए नौ सदस्यीय ‘उत्तराखंड क्रिकेट कन्सेंसस कमेटी’ देखेगी कामकाज
-कमेटी में दो सदस्य बीसीसीआई, एक उत्तराखंड सरकार से नामित, दो-दो उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन व क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड, एक-एक यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन व उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन से होंगे
नवीन जोशी, नैनीताल (18 जून 2018)। उत्तराखंड क्रिकेट की 18 वर्ष से चल रही बीसीसीआई से मान्यता मिलने की मुराद पूरी हो गयी है। सोमवार को उत्तराखंड क्रिकेट एसोसएशन के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में बीसीसीआई की प्रशासक समिति के सम्मुख मान्यता का दावा करने वाली उत्तराखंड की सभी चार क्रिकेट एसोसिएशनों के द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्तुत प्रस्ताव प्रस्तुत किया, इसे स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद उत्तराखंड क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता की राह साफ हो गयी। स्वीकृत प्रस्ताव के मिनट्स के अनुसार सभी एसोसिएशनों के दांवों की बीसीसीआई के द्वारा विस्तार से जांच होने तक उत्तराखंड के खिलाड़ी अब क्रिकेट खेलने से वंचित नहीं रहेंगे, बल्कि 2018-19 के घरेलू सत्र में खेल सकेंगे।
उत्तराखंड में क्रिकेट के संचालन के लिए नौ सदस्यीय ‘उत्तराखंड क्रिकेट कन्सेंसस कमेटी’ बनायी जाएगी, जिसमें बीसीसीआई से वित्तीय एवं क्रिकेट प्रशासन से जुड़े एक-एक सदस्य, एक सदस्य उत्तराखंड सरकार से नामित, दो-दो सदस्य उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन व क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड से तथा एक-एक सदस्य यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन व उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन से होंगे। कमेटी का कार्यकाल एक वर्ष अथवा मान्यता पर अंतिम निर्णय होने तक रहेगा। स्वीकृत प्रस्ताव में उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन के प्रदीप सिंह, आरएस चौहान, चंद्रकांत आर्या व मोहन बोरा, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के रवि वर्मा, मनोज रावत, डा. राजेश कुमार तिवारी व माहिम वर्मा, यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय गुसांई, अवनीश वर्मा व रोहित चौहान तथ उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के दिव्य नौटियाल, अशोक बांबी, अंजू तोमर व एनएस नौटियाल ने हस्ताक्षर किये हैं। उत्तराखंड क्रिकेट को बीसीसीआई की मान्यता के लिए प्रयासरत भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने जानकारी देते हुए इस बहुप्रतीक्षित निर्णय पर खुशी जताई है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के देहरादून स्थित अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में इसी माह अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश के बीच अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले जा चुके हैं, जबकि हल्द्वानी स्थित स्टेडियम भी बनकर तैयार है।
उत्तराखंड को बीसीसीआई की मान्यता दिलाने के लिए चलेगी मुहिम
- पूर्व सांसद डा. महेंद्र पाल ने कहा इस कारण राज्य के खिलाड़ियों को पूर्ववर्ती यूपी की तरह नहीं मिल पा रही हैं नौकरियां
- लेटलतीफी होने पर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की कही बात
नवीन जोशी, नैनीताल (25 नवंबर 2017)। जनता दल एवं कांग्रेस पार्टी से दो बार नैनीताल लोक सभा संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे डा. महेंद्र पाल उत्तराखंड को बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से उत्तराखंड को मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष छेड़ेंगे। शनिवार को मुख्यालय में उन्होंने ‘राष्ट्रीय सहारा’ के समक्ष यह ऐलान किया। कहा कि उत्तराखंड को मान्यता मिलने में 17 वर्ष बीत गए हैं, जबकि इसके साथ बने शेष दोनों राज्यों-झारखंड व छत्तीसगढ़ को मान्यता मिल चुकी है। बीसीसीआई से मान्यता का मुद्दा केवल क्रिकेट से ही नहीं बल्कि रोजगार से भी जुड़ा है। पूर्व में जब उत्तराखंड पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश का हिस्सा था, तब राज्य के अनेकों खिलाड़ियों को खेलों में प्रदर्शन के बल पर सरकारी एवं बैंकिंग क्षेत्र में नौकरियां मिली थीं। लेकिन उत्तराखंड बनने के बाद और मान्यता न होने के कारण राज्य के खिलाड़ियों को नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं। उत्तराखंड को मान्यता मिलने में यदि और विलंब होता है तो इस संबंध में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
उत्तराखंड के नैनीताल में तो 19वीं सदी से क्रिकेट खेला जाता रहा है। नगर के ऐतिहासिक फ्लैट्स मैदान की 1899 की यह तस्वीर गवाह है कि उत्तराखंड के नैनीताल में तो 19वीं सदी से क्रिकेट खेला जाता रहा है।
डा. पाल ने शनिवार को नगर स्थित ऐतिहासिक फ्लैट्स मैदान में एक विशेष भेंट में पाल ने दावा किया कि उत्तराखंड के 29 क्रिकेट खिलाड़ी अन्य राज्यों से प्रथम श्रेणी के व रणजी ट्रॉफी में खेल रहे हैं, जबकि पूर्व भारतीय कल्पान महेंद्र सिंह धौनी, अंडर-19 के कप्तान रहे उन्मुक्त चंद, ऋषभ पंत व मनीश पांडे के अलावा आईपीएल में सबसे महंगे बिके स्पिनर पवन नेगी और महिला क्रिकेटर एकता बिष्ट व मानसी जोशी जैसे अनेक खिलाड़ी उत्तराखंड से हैं। प्रदेश के गौलापार हल्द्वानी व देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी बन चुके हैं। बावजूद उत्तराखंड को क्रिकेट में पहचान नहीं मिल पाई है। कहा कि इस कोशिश में ही ‘हिमालयन क्रिकेट एसोसिएशन’ नाम की नई पंजीकृत क्रिकेट एसोसिएशन बनाई गयी है। तथा राज्य की सभी क्रिकेट एसोसिएशनों से भी संपर्क कर बीसीसीआई से संयुक्त तौर पर वार्ता करने की कोशिश की जाऐगी।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और बीसीसीआई में लोढ़ा समिति की सिफारिशों से बन रही है उम्मीद
नैनीताल। गौरतलब है कि सर्वाेच्च न्यायालय की बीसीसीआई पर बरती गई सख्ती और बीसीसीआई में लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता मिलने की उम्मीद बीते कुछ समय से बलवती हो गयी है। उम्मीद जताई जा रही है कि अब जल्द ही प्रदेश में क्रिकेट एसोसिएशन का गठन किया जाएगा। इसके बाद इसे बीसीसीआई से मान्यता मिल जाएगी। गौरतलब है कि लोढ़ा समिति ने हर राज्य में क्रिकेट एसोसिएशन और हर राज्य को एक वोट का अधिकार देने की सिफारिश की है। वहीं उत्तराखंड बनने के बाद राज्य में क्रिकेट की छह से अधिक एसोसिएशनों के अस्तित्व में आने और उनके बीच की खींचतान को अब तक मान्यता नहीं मिलने का प्रमुख कारण माना जाता है। बताया जाता है कि बीसीसीआई ने सभी एसोसिएशनों से मिलकर साथ आने को कहा था, लेकिन क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड और उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन के बीच खींचतान से मान्यता का मामला लटका रहा।