नवीन समाचार, नैनीताल, 24 मई 2023। नैनीताल के अनामिका होटल को इलाहाबाद बैंक के द्वारा साजिश के तहत नीलाम कर बेचने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में होटल के प्रतिनिधि सुदृद सुदर्शन साह का कहना है कि उनके 23 कमरों के होटल, डायनिंग हॉल, कांफ्रेंस हॉल व पार्किंग युक्त करीब 50 करोड़ की संपत्ति को केवल 75 लाख रुपए में फर्जीवाड़े के तहत बेच दिया गया है। यह भी पढ़ें : रात्रि में आए डरावने आंधी-तूफान में गई हाईकोर्ट के युवा अधिवक्ता की जान, जगह-जगह नुकसान
उन्होंने इसकी शिकायत नैनीताल के जिलाधिकारी से की थी। उनकी शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट सामने आई है। नैनीताल के एडीएम अशोक जोशी, एसडीएम हल्द्वानी मनीष कुमार सिंह व लीड बैंक प्रबंधक की समिति द्वारा डीएम को दी गई जांच आख्या में इस बात की पुष्टि हो रही है। यह भी पढ़ें : गौरव: उत्तराखंड के मेधावियों लिए छप्पर फाड़ रही सिविल सेवा परीक्षा, अब तक रिकॉर्ड एक दर्जन के परीक्षा उत्तीर्ण करने की जानकारी
जांच आख्या के अनुसार सुहृद सुदर्शन साह ने 27 अप्रैल 1989 को इलाहाबाद बैंक-वर्तमान में इंडियन बैंक नैनीताल से अपनी फर्म अनामिका टूरिज्म कॉप्लेक्स के होटल निर्माण के लिए 19 लाख व 10 नवंबर 1990 को 12 लाख रुपए का लोन स्वीकृत कराया था। इस मामले में इलाहाबाद बैंक की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर बताया गया कि इन ऋणों की वसूली के लिए इलाहाबाद बैंक ने सरफेसी एक्ट के तहत नैनीताल की जगह हरिद्वार जनपद के दैनिक बद्री विशाल समाचार पत्र में 12 अप्रैल 2003 को होटल मालिकों से दो करोड़ 44 लाख 79 हजार 469 रुपए की वसूली नोटिस प्रकाशित कराया। यह भी पढ़ें : शादी के 8 दिन पहले ‘कुंवारी’ दुल्हन की ऐसी हकीकत आई सामने कि… दुल्हन आत्महत्या की धमकी देकर मांगने लगी 30 लाख रुपए
लेकिन साह ने समाचार पत्र की ओर से जारी एक प्रमाण पत्र के आधार पर आरोप लगाया कि 12 से 15 अप्रैल के बीच यह समाचार प्रकाशित ही नहीं हुआ। साथ ही नोटिस नैनीताल के अधिक प्रसार वाले समाचार पत्रों में प्रकाशित होना चाहिए था। इस प्रकार झूठे शपथ पत्र के आधार पर उनकी संपत्ति को शडयंत्र पूर्व श्रीराम एंड सन्स अमरोहा कंपनी के पक्ष में नीलाम कर दिया गया। यह भी पढ़ें : गजब, आज लॉन्च हो रहा 20 हजार से कम कीमत में 8 जीबी रैम व 256 जीबी स्टोरेज के साथ 50 मेगा पिक्सल कैमरा युक्त ‘मेड इन इंडिया’ 5जी फोन, खराब होने पर नया फोन देने का भी दावा…
उधर बैंक की ओर से बताया गया कि होटल मालिक के द्वारा समय पर किस्त न चुकाए जाने के कारा 2 अगस्त 1994 को उनका खाता एनपीए हो गया था। उन्होंने समाचार पत्र बद्री विशाल की प्रति के साथ बताया कि इस पर 12 अप्रैल नहीं बल्कि 12 अक्टूबर 2003 को नोटिस प्रकाशित किया गया था। यह भी पढ़ें : नाबालिग लड़की को चुकानी पड़ी मोबाइल के अधिक इस्तेमाल पर मां की डांट पर घर से भागने की बड़ी कीमत, धंधेबाज के चंगुल में फंसी, तीन ने किया दुष्कर्म
मामले में जांच समिति ने नोटिस का प्रकाशन राष्ट्रीय या अधिकतम प्रसार वाले दो हिंदी व एक अंग्रेजी के समाचार पत्रों में प्रकाशित न करने को लेकर बैंक प्रबंधन की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाए हैं। साथ ही बैंक की ओर से होटल को 24 जनवरी 2003 को भेजे गए मांग नोटिसों की पावती के साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए हैं। यह भी पढ़ें : 52 वर्षीय महिला पर बुरी नीयत से टूट पड़ा 22 वर्षीय नशेड़ी, महिला ने कर दिया दराती से प्रहार, गला घोंटकर पेड़ पर लटका दिया…
जांच रिपोर्ट में इस तथ्य पर भी सवाल उठाए हैं कि समाचार पत्र में नोटिस 24 जनवरी 2003 के मांग नोटिस के 7 दिन के अंदर प्रकाशित करने की जगह काफी बाद में प्रकाशित कराया गया। इस मामले में एक वाद डीआरटी देहरादून में भी भी विचाराधीन है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।