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November 22, 2024

आजाद के तीर : नैनीताल में बना एक नया ‘झाड़ियों वाला’ सेल्फी पॉइंट !!

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‘नवीन समाचार’ में हम एक बार फिर अपना पुराना ‘आजाद के तीर’ स्तंभ वापस ला रहे हैं। इस स्तंभ में हम कुछ अलग रोचक अंदाज में स्थानीय समस्याओं को जनप्रतिनिधियों, जनसेवकों के समक्ष लाकर उनके समाधान का प्रयास करेंगे।

साहिबान,
azad manchये जो तस्वीर आप देख रहे हैं न, ये कोई मामूली तस्वीर नहीं है। ये है अपर शिक्षा निदेशक कार्यालय के निकट बने एक नए ‘सेल्फी पॉइंट’ की तस्वीर। जहाँ झाड़ियों ने बढ़कर अपना विशाल रूप ले लिया है। बताया जा रहा है कि इससे प्रभावित होकर यूक्रेन-रूस में भी युद्ध से हटकर इस पर चर्चा होने लगी है कि अगर इस तरह का सेल्फी पॉइंट उनके पास भी होता तो आज उनके बीच युद्ध नहीं होता। क्योंकि एक सेना दूसरी सेना को उन झाड़ियों की वजह से ठीक से देख नहीं पाती, और दोनों शायद सोचते कि दूसरे देश के सैनिक घर चले गये होंगे, और वे भी यह सोचकर अपने घर चल देते।

खैर, यह तो हुई मजाक की बात, पर नैनीताल में, जो एक विश्वप्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, वहां शहर के बीच, शिक्षा विभाग के मंडलीय कार्यालय के पास सहित शहर में कई जगह ऐसी घनी झाड़ियां भी मानो ‘सेल्फी पॉइंट’ के रूप में विकसित करने को उगाई गई हों।
न, न, न यहां हम किसी विभाग की काबिलियत पर इल्जाम नहीं लगा रहे है, बल्कि हम तो इसलिए बता रहे हैं क्योंकि उनको उनकी दूरदर्शिता के लिए पुरस्कार वाले ढूंढ रहे हैं…!!

बहरहाल, आखिर में,
माननीय मुख्यमंत्री महोदय उत्तराखंड, माननीय कुमाऊं आयुक्त महोदय, माननीय जिलाधिकारी महोदय, माननीय उप जिलाधिकारी महोदय, नैनीताल, मा. नगर पालिकाध्यक्ष महोदय, माननीय अधिशासी अधिकारी महोदय, नगर पालिका परिषद नैनीताल से ‘आजाद मंच’ विनम्र अनुरोध करता है कि नगर में जगह-जगह झाड़ियों ने बढ़कर विशाल रूप ले लिया है, जो देखने में बहुत अजीब लग रही है, शहर को साफ-सुथरा रखकर जो पर्यटन में इजाफा होगा, वो इस तरह से झाड़ी बढ़ाकर सेल्फी पॉइंट विकसित करने से नहीं होगा, बल्कि असल मायनों में शहर को साफ-सुंदर व आकर्षक बनाने से होगा, अतः समस्त माननीयों से अनुरोध है कि उपरोक्त झाड़ियों को कटवाने के आदेश पारित करने की कृपा करें, जिससे पर्यटकों में अच्छा सन्देश जा सके।

-ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर, आजाद मंच, नैनीताल से-मो. खुर्शीद हुसैन ‘आजाद’
(और अगर आपके पास भी है कोई जनहित से जुड़ा मुद्दा तो हमें बता सकते हैं। समाज को एक नई उम्मीद देने के उद्देश्य से आप हमारे ग्रुप आजाद मंच, खोलो आंखें जिंदगी की, से भी जुड़ सकते हैं 09756293651 पर) (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : स्वच्छ भारत मिशन में एक और पलीता ! बड़े सपने की भेंट चढ़ी एक टूटी-फूटी जरूरत…

-भवाली बाजार में उजड़ा टॉयलेट, एकमात्र सहारा भी छीन लिया सपनों के सौदागरों ने, वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर दिखाते हैं ठेंगा

Toiletसाहिबान,
ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं न, ये तस्वीर नहीं है बल्कि अपने आप में एक दास्तान है, जिसे सुनाने में एक अरसा बीत सकता है, इसलिए आपका कीमती वक्त जाया न करते हुए सीधे मुद्दे पर आते हैं। भवाली का नाम तो आपने सुना ही होगा, जी हाँ वही, जहाँ न्याय के देवता गोल्ज्यू देव का मंदिर है, है न मस्त जगह, मंदिर के अलावा सैनिक स्कूल घोड़ाखाल, एयर फोर्स स्टेशन, न्यायाधीश प्रशिक्षण केंद्र (उजाला) इस तरह से न जाने कितनी काबिले गौर चीजे होंगी…।

लेकिन हम आज सिर्फ और सिर्फ बस एक चीज पर चर्चा करेंगे वो है, नैनीताल की तरफ से जब भवाली में प्रवेश करते है न, वहां बाएँ हाथ पर टूटा-फूटा टॉयलेट जो अपने टूटे दाँत दिखाकर आपसे कुछ कहना चाहता है..। लेकिन आप एक रूठे प्रेमी की तरह उसको देखते भी नहीं।

न, न, न। यहां जैसा आप सोच रहे हैं, वैसा बिल्कुल भी नहीं है, कोई प्रेम कहानी नहीं सुनाई जाएगी आपको।
ये टॉयलेट जो आज आप उजड़ा हुआ देख रहे हैं, ये कुछ अर्सा पहले खुशहाल था, गीला- भरा था, इसके पास भी अपने चाहने वाले थे, जो सुबह-शाम, आते-जाते यहां हरियाली करके जाते थे।

चाहे कितनी ही धूप हो, बरसात हो या बर्फ गिरे वे लोग अपने चहेते टॉयलेट को कभी अकेला-सूखा नहीं छोड़ते थे। लेकिन फिर एक दिन कोई सपनों का सौदागर भवाली आया, और यहां वालों को सपने बेचकर चला गया। कुछ बड़ा करने का सपना। उस बड़े सपने की तलाश में आज लम्बे वक्त से भवाली के लोग न उस सपने को हासिल कर पा रहे हैं और न ही अपने उस पुराने साथी को खुश देख पा रहे हैं…।

क्योंकि भवाली ऐसी जगह है, जहां से कई मुसाफिर अपनी गाड़ी बदलकर अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं। इनमे सबसे खासा दिक्कत का सामना करना पड़ता है, माताओं और बहनों को। जबसे इस टॉयलेट को बड़े सपनों की बलि चढ़ाया गया है, तबसे बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं खासा परेशानी झेल रहे हैं। लेकिन किसी भी स्तर पर शासन-प्रशासन से अपनी कोई बात नहीं रखी गयी। इसलिए जैसा चल रहा है, चलने दो मुझे क्या पड़ी है, वाली फीलिंग्स लेकर ज्यादातर लोग आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन जब हमें पता लगा तब हमने भी सोच लिया ठैरा कि हम भी सबको अपनी फीलिंग्स बताके रहेंगे बल, और कह डाली सारी बात…।
अंत में,

माननीय मुख्यमंत्री महोदय उत्तराखंड, माननीय कुमाऊं आयुक्त महोदय, माननीय जिलाधिकारी महोदय, माननीय उप जिलाधिकारी महोदय नैनीताल, नगर पालिकाध्यक्ष महोदय भवाली, माननीय अधिशासी अधिकारी महोदय, नगर पालिका भवाली से आजाद मंच अनुरोध करता है कि जब बड़े सपनों को तराशा जाएगा तब की तब देख लीजियेगा, फिलहाल तो भवाली की जनता और वहां आने जाने वाले मुसाफिरों, खासतौर पर महिलाओं से टॉयलेट जैसी प्राथमिक सुविधा न छीनी जाये…। आपकी अति कृपा होगी…।

-ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर, आजाद मंच, नैनीताल से-मो. खुर्शीद हुसैन ‘आजाद’
(और अगर आपके पास भी है कोई जनहित से जुड़ा मुद्दा तो हमें बता सकते हैं। समाज को एक नई उम्मीद देने के उद्देश्य से आप हमारे ग्रुप आजाद मंच, खोलो आंखें जिंदगी की, से भी जुड़ सकते हैं 09756293651 पर)
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