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November 22, 2024

(Bharti Ghotala) दारोगा भर्ती घोटाले में बड़ी खबर, जांच पूरी, विजीलेंस ने शासन को सोंपी रिपोर्ट, निलंबित दारोगाओं के भविष्य पर फैसले की घड़ी करीब !

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Bharti Ghotala

Tourists Creating Problems

नवीन समाचार, देहरादून, 29 जनवरी 2024 (Bharti Ghotala)। उत्तराखंड में सुर्खियों में रही दरोगा भर्ती धांधली में शामिल आरोपित पुलिस दारोगाओं पर लटकी तलवार और करीब आ गयी है। मामले की जांच कर रही विजिलेंस ने अपनी जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। उल्लेखनीय है कि 20 दारोगा पिछले साल जनवरी माह से यानी एक वर्ष से निलंबित चल रहे हैं। अब शासन इन दरोगाओं के भविष्य का फैसला लेना है।

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Big News : दारोगा बनने की प्रक्रिया में होगा बदलाव, अब ऐसे होगा उम्मीदवारों  का चुनाव - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड  समाचारइधर प्राप्त जानकारी के अनुसार विजिलेंस ने अपनी जांच पूरी कर जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। जल्द सतर्कता समिति की बैठक में इन दरोगाओं के खिलाफ मुकदमे या अन्य कार्रवाई पर फैसला किया जाना है। सूत्रों के अनुसार विजिलेंस को अपनी जांच में कई दरोगाओं के द्वारा पैसे देकर भर्ती होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं, जबकि कई दारोगाओं पर आरोपों की पुष्टि हुई है।

गौरतलब है कि मई 2022 में एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा धांधली की जांच शुरू की थी। इसी दौरान 2015 में पंतनगर विवि ने आयोजित कराई गयी दरोगा सीधी भर्ती परीक्षा में भी बड़े पैमाने पर धांधली होने की बात सामने आई थी।

इस भर्ती परीक्षा में कुल 339 दरोगा सीधी भर्ती के माध्यम से भर्ती हुए थे। तब संदेह जताया गया था कि कुल भर्ती दरोगाओं में से करीब एक तिहाई दरोगा नाकाबिल हैं। इनमें से ज्यादातर को अपनी केस डायरी तक लिखना नहीं आता है। इन सब कामों के लिए भी वह दूसरों का सहारा लेते हैं।

पुलिस मुख्यालय की संस्तुति के बाद इस मामले को विजिलेंस को सौंपा गया था। विजिलेंस ने आठ अक्तूबर 2022 को नकल माफिया समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया था। इस दौरान संदेह के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने जनवरी 2023 में 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया गया था।

इस पूरे मामले में दरोगाओं और उनके परिजनों की संपत्तियों की जांच भी की गई। इसमें पता चला कि कुछ दरोगा ऐसे थे, जिन्होंने अपने परिवार की संपत्तियां गिरवी रखकर माफिया को पैसे दिए थे। अब बताया जा रहा है कि विजिलेंस को इनमें से कुछ दरोगाओं के खिलाफ ऐसे साक्ष्य मिल भी चुके हैं, लेकिन कई दरोगा ऐसे भी हैं जिनका इस मामले में बेवजह नाम घसीटा गया। वह अपने स्तर से परीक्षा में पास हुए थे। अब विजिलेंस ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

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यह भी पढ़ें : Bharti Ghotala : जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती प्रक्रिया में जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई को सरकार को केवल 10 दिन की मोहलत…

नवीन समाचार, नैनीताल, 29 सितंबर 2023 (Bharti Ghotala)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने प्रदेश भर के जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमिताओं के मामले में सरकार को जांच रिपोर्ट पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए केवल 10 दिन की मोहलत दी है।

उल्लेखनीय है कि हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वर्ष 2020 में जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों के लिए शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया में बड़ी अनियमितताएं सामने आई हैं। याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है।

इस मामले की सुनवाई में प्रदेश के सहकारिता सचिव वीबीआर पुरषोत्तम और प्रकरण की जांच कर रहे नीरज बेलवाल अदालत में पेश हुए। साथ ही सरकार की ओर से सभी जिलों की जांच रिपोर्ट अदालत में पेश की गयी। सचिव ने अदालत को बताया कि तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी गयी है।

यह भी कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही उन्होंने अदालत से आवश्यक कार्यवाही के लिए एक महीने का समय मांगा लेकिन अदालत ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया और सरकार को जांच रिपोर्ट पर आवश्यक कार्रवाई के लिए केवल 10 दिन की ही मोहलत दी। मामले में अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को करेगी।

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यह भी पढ़ें : Bharti Ghotala : 78 फीसद अभ्यर्थियों ने छोड़ी उत्तराखंड सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा की लिखित परीक्षा

नवीन समाचार, नैनीताल, 13 अगस्त 2023 (Bharti Ghotala)। रविवार को नैनीताल जनपद के हल्द्वानी शहर के 16 परीक्षा केन्द्रों में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) हरिद्वार के द्वारा दो पालियों में उत्तराखंड सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा की लिखित परीक्षा-2021 आयोजित की गई। दो वर्ष पूर्व के परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार हो रही परीक्षा के प्रति अभ्यर्थियों में चाव देखने को नहीं मिला।

परीक्षा के नोडल अधिकारी एडीएम शिव चरण द्विवेदी ने बताया कि प्रथम पाली में पंजीकृत 6679 अभ्यथियों में से 1479 उपस्थित व 5200 अनुपस्थित जबकि द्वितीय पाली में 5202 अनुपस्थित रहे। यानी करीब 78 फीसद अभ्यर्थियों ने परीक्षा नहीं दी, जबकि केवल 22 फीसद अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा दी। माना जा रहा है कि इतनी कम मात्रा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति पिछले दिनों भर्ती परीक्षाओं में रहे विवाद और देरी से परीक्षा का होना हो सकता है।

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यह भी पढ़ें : Bharti Ghotala : धामी सरकार की भ्रष्टाचार पर एक और बड़ी कार्रवाई, एक और भर्ती परीक्षा की प्रकिया पर लगाई रोक

नवीन समाचार, देहरादून, 3 अगस्त 2023 (Bharti Ghotala)। आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा भर्ती में लगातार कई तरह की शिकायतें मिल रही थी। इस पर सीएम धामी ने एक्शन लिया है। सीएम धामी ने गड़बड़ी की शिकायतों के बाद भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इस प्रकरण में एबीवीपी के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उनको शिकायत दी थी, जिसके फलस्वरूप मुख्यमंत्री ने तत्काल इस परीक्षा को स्थगित करने के निर्देश दिए। साथ ही सम्पूर्ण प्रक्रिया की गहनता से जांच कराने के भी निर्देश दिए हैं। 

इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के द्वारा किए गए चयन एवं की जा रही चयन प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है।

दूसरी ओर होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाओं के लिए हो रही चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के साक्षात्कार को स्थगित करने का भी निर्णय ले लिया गया है। होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाओं में कुल 24 पदों पर नियुक्ति होनी है। इसके लिए 4 अगस्त को साक्षात्कार किए जाने थे। अब उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की ओर से साक्षात्कार को स्थगित करने की जानकारी दी गई है।

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यह भी पढ़ें : Bharti Ghotala : यूकेएसएसएससी प्रश्न पत्र लीक मामले में गैंगस्टर सहित अन्य मामलों के 1 प्रमुख आरोपित को दूसरी बार मिली अल्पावधि की जमानत

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 जुलाई 2023। (Bharti Ghotala) उत्तराखंड उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने उत्तराखंड के बहुचर्चित यूकेएसएससी के प्रश्न पत्र लीक होने मामले के प्रमुख आरोपित चंदन मनराल को दूसरी बाद दो सप्ताह की अल्पावधि के लिए सशर्त जमानत दे दी है।

uksssc , Bharti Ghotalaजमानत खराब स्वास्थ्य के दृष्टिगत उपचार के लिए दी गई है। जमानत की अवधि मंे मनराल को देश छोड़कर न जाने और जमानत की अवधि समाप्त होते ही न्यायालय में आत्मसमर्पध करने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यूकेएसएससी के प्रश्न पत्र लीक होने मामले में गैंगस्टर सहित अन्य धाराओं में दर्ज मामले में देहरादून जेल में बंद प्रमुख आरोपित चंदन सिंह मनराल ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उपचार के लिए उच्च न्यायालय में दो सप्ताह की अल्पावधि की जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।

जिसे न्यायालय ने सशर्त स्वीकार कर लिया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी मनराल को उच्च न्यायलय से इलाज के लिय अल्पावधि की जमानत दी जा चुकी है। 

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यह भी पढ़ें : Bharti Ghotala : एक्टिंग जज की निगरानी में भर्ती घोटालों की जांच कराने के मामले में सामने आया उच्च न्यायालय का रुख !

-उच्च न्यायालय ने निगरानी करने पर नहीं दी सहमति
नवीन समाचार, देहरादून, 2 अप्रैल 2023 (Bharti Ghotala)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और यूकेएसएसएससी की छह अलग-अलग भर्ती घोटालों की जांच की निगरानी करने से असहमति जता दी है। उच्च न्यायालय की ओर से यह जवाब राज्य सरकार को उसके द्वारा बीते फरवरी माह इन मामलों की जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में कराने का निर्णय लेने के बाद उच्च न्यायालय को भेजे गए पत्र के जवाब में आया है।

उच्च न्यायालय का यह जवाब सरकार को मिल गया है। उच्च न्यायालय के इस रुख के बाद अब मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे विपक्ष का क्या रुख रहता है, यह देखने वाली बात होगी। यह भी पढ़ें : 22 साल की युवा यूट्यूब संचालक गायिका-गीतकार युवती फंदे से लटकी मिली, वजह डरावनी…!

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार ने गत 10 फरवरी को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और यूकेएसएसएससी की छह अलग-अलग भर्ती घोटालों की जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में कराने का निर्णय लिया था। 28 फरवरी को गृह विभाग की ओर से उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को इस बारे में पत्र भेजा गया था।

सूत्रों के अनुसार न्यायालय ने जांच की निगरानी की सहमति नहीं दी है। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब इस पर मुख्यमंत्री के स्तर से कोई फैसला लिया जाएगा। यह भी पढ़ें : 80 वर्षीय बूढ़ी महिला ने लगाया सौतेले पुत्र पर बलात्कार करवाने, बेटे को बलात्कार में फँसवाने और पुलिस पर सहयोग न करने का आरोप…

गौरतलब है कि वर्तमान में हरिद्वार के एसएसपी के नेतृत्व वाली एसआईटी लोक सेवा आयोग की पटवारी भर्ती के साथ ही जेई व एई भर्ती परीक्षा के घोटाले की जांच कर रही है। जबकि देहरादून में एसटीएफ यूकेएसएसएससी की वीपीडीओ -2016, स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा 2020 व सचिवालय रक्षक और वन दरोगा भर्ती की जांच कर रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड Bharti Ghotala : बहुचर्चित प्रश्न पत्र लीक मामले में 50 हजार रुपए का ईनामी पूर्व भाजपा नेता गिरफ्तार

नवीन समाचार, देहरादून, 1 अप्रैल 2023 (Bharti Ghotala)। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पटवारी और जेई एई भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के बहुचर्चित मामले में फरार चल रहे 50,000 रुपए के इनामी पूर्व भाजपा नेता संजय धारीवाल को आखिरकार एसआइटी ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके कब्जे से सवा चार लाख रुपए की नकदी और दो ब्लैंक चेक बरामद हुए हैं। उस वाहन को भी कब्जे में लिया गया है, जिससे आरोपित ने कई अभ्यर्थियों को कोचिंग में ले जाकर प्रश्नपत्र रटवाया था और उसकी एवज में रकम ली थी। यह भी पढ़ें :  नैनीताल नगर पालिका को हुआ करीब ढाई करोड़ रुपए का इंतजाम…

Bharti Ghotalaउल्लेखनीय है कि इस मामले में नारसन के मोहम्मदपुर गांव का प्रधान व भाजपा का पूर्व मंगलौर मंडल अध्यक्ष संजय धारीवाल एसआइटी की पकड़ से लगातार फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर आइजी गढ़वाल करण सिंह नागन्याल ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था। एसआइटी उसके घर की कुर्की की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए मुनादी की कार्रवाई कर चुकी थी। यह भी पढ़ें : आज हुई डरावनी बारिश में पलटी 27 यात्रियों से भरी बस, गनीमत रही कि….

एसएसपी अजय सिंह ने उसकी गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि संजय धारीवाल को मुखबिर की सूचना पर एसआइटी की टीम ने शुक्रवार रात नारसन क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। उसकी निशानदेही पर अभ्यर्थियों को नकल स्थलों तक लाने व परीक्षा केन्द्रों तक ले जाने में इस्तेमाल किए गए वाहन एचआर75-5692 को मोहम्मदपुर जट हरिद्वार स्थित घर से बरामद किया गया है। जबकि संजय धारीवाल के भाई सुधीर के करनाल हरियाणा स्थित मकान से कुल 4.25 लाख व दो ब्लैंक चेक बरामद किए हैं। यह भी पढ़ें : नैनीताल : 406 उपभोक्ताओं पर पानी के संयोजन कटने की तलवार, 30 के संयोजन कट भी गए…

इस धनराशि में से एक लाख दस हजार रुपये पटवारी भर्ती और तीन लाख पन्द्रह हजार रुपये व दोनों चेक एई-जेई भर्ती से सम्बन्धित छात्रों से लिए गए थे। आरोपित के भाई सुधीर व बहन के दामाद दीपेन्द्र पंवार उर्फ सोनू निवासी मुकन्दरपुर थाना गदरपुर जिला उधमसिंह नगर (कोचिंग संचालक) को पूर्व में ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इन दोनों मामलों में अब तक कुल 38 आरोपित गिरफ्तार किये जा चुके हैं। जांच अभी चल रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : Bharti Ghotala : नेता प्रतिपक्ष ने रविवार को आयोग द्वारा कराई गई परीक्षा पर उठाये बड़े सवाल…

Bharti Ghotalaनवीन समाचार, नैनीताल, 5 मार्च 2023। प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सोमवार को अपनी कांग्रेस पार्टी के कई अन्य नेताओं की तरह राज्य सरकार पर राज्य लोक सेवा आयोग के द्वारा रविवार 5 मार्च 2023 को आयोजित कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा को लेकर बड़े आरोप लगाये हैं। श्री आर्य ने कहा कि आयोग के द्वारा कल 5 मार्च को कराई गई कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा मे संभवतया देश की किसी भी भर्ती परीक्षा में पहली बार कुछ अलग हुआ है। यह भी पढ़ें : नैनीताल से हल्द्वानी के लिए निकली युवती तीन दिन से गुमशुदा…

उन्होंने कहा कि हमेशा परीक्षाओं को पारदर्शी व नकल विहीन परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र 4 सेट में बनते हैं और प्रश्नों का क्रमांक सदैव अलग अलग होता है। लेकिन 5 मार्च को आयोजित हुई परीक्षा में चारों ए, बी, सी व डी सेट में प्रश्न क्रमांक बिल्कुल समान थे। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि चारों सेटों में प्रश्नों का क्रम समान था तो चार सेट बनाने की आवश्यकता क्या थी ? यह भी पढ़ें : दूसरे धर्म के पड़ोसी के साथ गायब हुई 20 वर्षीय युवती, ग्रामीण कोतवाली में धरने पर बैठे…

उन्होंने कहा कि कल से आयोग के जिम्मेदार अधिकारी अपनी सफाई देते फिर रहे हैं। लेकिन कोई यह नही बात पा रहा है कि, ‘सब कुछ बदलने’ का दावा करने वाले आयोग द्वारा आयोजित हर परीक्षा में ‘अक्षम्य गलतियों’ का पिटारा क्यों खुल जाता है।उन्होंने याद दिलाया कि आयोग द्वारा आयोजित पिछली परीक्षा में कहा गया था कि गाड़ियों के पहाड़ी मार्ग में जंप करने के कारण सील्ड प्रश्नपत्र का बंच खुल गया था। यह भी पढ़ें : मोबाइल पर आई एक कॉल और पॉर्न वीडियो ने ली महिला की जान…

बाद में जब उत्तरकाशी के एक परीक्षार्थी ने इसकी लिखित शिकायत की तो उल्टा उसे नए बहुप्रचारित नकल विरोधी कानून के माध्यम से मुकदमा दर्ज कर शिकंजे में ले लिया गया। इसलिए राज्य की जनता और अभिवावकों को भी युवाओं की मांग में दम नजर आता है कि ‘जब तक आयोग फूल-प्रूफ व्यवस्था नही कर लेता तब तक उसे नई परीक्षा आयोजित नहीं करनी चाहिए।’

सरकार को भी आत्ममंथन करना चाहिए कि आयोग में सबसे योग्य पदाधिकारियों को बिठाने के बाद भी यदि अभी तक व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है तो क्या उसे इस राज्य में सरकार चलाने का हक है ?  (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : जेई परीक्षा देने वाले 49 नकलचियों के नाम उजागर, किए जा सकते हैं आगे परीक्षाएं देने से वंचित…

बड़ी खबर। UKSSSC पेपर लीक में अपर निजी सचिव की गिरफ्तारी | Khabar  Uttarakhand News

नवीन समाचार, हरिद्वार, 4 मार्च 2023। राज्य लोक सेवा आयोग ने नकल करके जेई यानी कनिष्ठ अभियंता की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 49 नकलचियों के नाम उजागर कर दिए हैं। नकलचियों में तीन महिला अभ्यर्थी भी शामिल है।

इससे पहले आयोग ने दस फरवरी 2022 को 12 नकलचियों के नाम सार्वजनिक किए थे। आयोग अब तक 44 लेखपाल पटवारी व 61 जेई भर्ती में शामिल यानी कुल मिलाकर 105 नकलचियों के नाम सार्वजनिक कर चुका है। इन सभी अभ्यर्थियों के नाम वेबसाइट पर अपलोड कर उन्हें बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब न देने पर कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ें : बड़ा समाचारः उत्तराखंड आंदोलन के चर्चित रामपुर तिराहा कांड के 5 आरोपित पुलिस कर्मियो की संपत्ति कुर्क करने के वारंट जारी…

आयोग द्वारा जारी सूची में अभिषेक शर्मा, आदेश कुमार, आकाश सत्यराठी, आलेंद्र सिंह, अनिकेत तोमर, अनिल सैनी, अंकित कुमार, अंकित कर्णवाल, अंकित राणा, अंकुश कुमार, अनुराग सैनी, अनुज कुमार, अरुण पंवार, गणेश असवाल, दीप चंद, हिमांशु, जयदीप, मनमोहन सेमवाल, मंदीप कर्णवाल, मो. आजम ,मोहित कुमार, कन्हैया, मयंक कुमार, नरेश चौहान, मोहित सिंघल, नासिर, नावेद अली,

नीमत सिंह, पीयूष चौहान, प्रदीप कोठियाल, प्रियंका राणा, राहुल कुमार, रवि, रविंद्र सिंह, रुपेंद्र कौर, सचिन बेनीवाल, सचिन, संदीप कुमार, सत्यप्रकाश, सौरभ कोठारी, सांची त्यागी, संजय मेहरा, सार्थक राज, शुभम कुमार, सुनील कुमार, सूर्यांक चौहान, विशाल चौधरी, विनय सैनी, विशाल कुमार शामिल हैं। यह भी पढ़ें : सरे बाजार तेज रफ्तार कार से राह चलती लड़की का अपहरण ! हड़कंप… लड़की की इसी माह शादी होनी है…

उल्लेखनीय है कि आयोग ने जेई के 735 पदों के लिए 2021 में भर्ती निकाली थी। सात से 10 मई 2022 तक जेई की परीक्षा हुई थी। लिखित परीक्षा में 3,853 अभ्यर्थी सफल हुए थे। सफल अभ्यर्थियों के साक्षात्कार की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन आयोग की पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक मामले की छानबीन के दौरान एसपी क्राइम रेखा यादव के नेतृत्व वाली एसआइटी को जेई और एई परीक्षा में गड़बड़ी का पता चला था। यह भी पढ़ें : नशे में कलयुगी पुत्र ने अपरे पिता के सीने में घोंप दिया चाकू….

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जांच हुई तो जेई और एई परीक्षा का भी प्रश्न पत्र लीक होने की बात सामने आई थी। इस पर कनखल थाने में एसआइटी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में पहले 12 अभ्यर्थियों के अनुचित साधन से परीक्षा में शामिल होने की पुष्टि हुई थी। राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि एसआइटी की ओर से उन्हें 50 नकलचियों की सूची दी गई थी।

एक अभ्यर्थी के नाम दो बार होने के चलते वास्तविक संख्या 49 है। इन अभ्यर्थियों को नोटिस भेजकर 15 दिन में पक्ष रखने को कहा गया है। इसके बाद इन्हें परीक्षाएं देने से प्रतिबंधित किया जाएगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : भर्ती घोटाले में 8 आरोपितों को निचली अदालत के बाद हाईकोर्ट से भी मिला झटका, मास्टरमाइंड के गांव के लॉकर से बरामद हुए 22 लाख रुपए के जेवर…

नवीन समाचार, नैनीताल, 2 मार्च 2023। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने यूकेएसएसएससी के प्रश्नपत्र लीक करने के आठ आरोपितों-हिमांशु कांडपाल, तनुज शर्मा, विपिन विहारी, शशिकांत सिंह, ललित राज शर्मा, संदीप शर्मा, राजेश चौहान की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। इन आरोपितों की जमानत निचली अदालत से भी खारिज हो चुकी थी। यह भी पढ़ें : युवती को लड़कों के साथ जाना पड़ा भारी, कर दिया सामूहिक दुष्कर्म

इनमें से राजेश चौहान उस आरएमएस कंपनी का मालिक है जहां भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र छपे थे। विपिन विहारी इसी फर्म का कर्मचारी है। इनसे काफी नकदी मिली थी। शशिकांत सिंह कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाता है। ललित राज शर्मा अवर अभियंता, हिमांशु कांडपाल रामनगर में क्लर्क और तनुज शर्मा सरकारी विद्यालय में शिक्षक है।

इनके खिलाफ रायपुर देहरादून थाने में यूकेएसएसएससी की ओर से मुकदमा दर्ज हुआ था और सभी आरोपित गिरफ्तार हुए थे। जबकि एक आरोपित मनोज जोशी की जमानत पिछले शनिवार को खारिज हो गई थी। यह भी पढ़ें : अब कोचिंग इंस्टिट्यूट संचालक शिक्षक ने 11वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा का किया यौन उत्पीड़न…

उल्लेखनीय है कि मामले में सरकार की ओर से विशेष रूप से नियुक्त अधिवक्ता ललित शर्मा पैरवी कर रहे हैं। इसके अलावा प्रश्न पत्र लीक मामले में ही एक अपडेट यह भी है कि एक आरोपित के लॉकर से लाखों रुपए मूल्य के सोने के आभूषण बरामद हुए हैं। यह भी पढ़ें : सप्ताह भर का रिस्क लेकर करें रुपये दोगुने, अब बिना यूएसडीटी में बदले-सीधे मात्र 2000 रुपए से भी जुड़ सकते हैं डोकोडेमो में

उधर, पटवारी और एई-जेई परीक्षा के प्रश्न लीक होने के प्रकरण के जेल में बंद मास्टरमाइंड निलंबित अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के मूल गृह नगर बलिया के बैंक लॉकर से एसआईटी ने 22 लाख रुपये की कीमत के जेवहरात बरामद किए हैं। जबकि 50 हजार के इनामी आरोपित संजीव चतुर्वेदी के भांजे अनुराग पांडे से भी 2.70 लाख रुपये बरामद किए गए हैं।

यह बरामदगी संजीव चतुर्वेदी को बीते सप्ताह दोबारा से पांच दिन के लिए न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद पुलिस अभिरक्षा में उत्तर प्रदेश के बलिया में उसके घर पर ले जाकर की गई है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी की 6 परीक्षाओं में हुई धांधली की जांच पर सरकार ने लिया बड़ा निर्णय…

-उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने का लिया फैसला…
नवीन समाचार, देहरादून, 28 फरवरी 2023। उत्तराखंड सरकार ने यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित 6 भर्ती परीक्षाओं में हुए धांधली की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने का फैसला ले लिया है।

राज्य की अतिरिक्त मुख्य सचिव-गृह राधा रतूड़ी ने इस संबंध में उच्च न्यायालय को पत्र भेजकर यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले में जांच के लिए न्यायाधीश को नामांकित करने का अनुरोध किया है। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में उपनल, आउटसोर्स और संविदा कर्मचारी भी चाहें तो ले सकेंगे पेंशन

उल्लेखनीय है कि कि यूकेएसएसएससी की वर्ष 2021-22 में स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा सहित 6 परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक होने व धांधली का मामले सामने आये थे। इन मामलों में उत्तराखंड एसटीएफ कार्रवाई करते हुए कई नकल माफियाओं को जेल भेज चुकी है। वर्तमान में इन घोटालों की जांच एसटीएफ यानी विशेष जांच दल कर रही है।

जबकि बेरोजगार संघ और कांग्रेस सहित विपक्षी दल मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। उत्तराखंड उच्च न्यायालय पूर्व में सीबीआई से जांच के अनुरोध को ठुकरा चुका है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : एई-जेई भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक घोटाले में बड़ी गिरफ्तारी, 50 हजार के ईनामी सहित तीन गिरफ्तार..

Screenshot 2023 02 23 20 33 41 31 6012fa4d4ddec268fc5c7112cbb265e7नवीन समाचार, हरिद्वारः, 23 फरवरी 2023। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की एई यानी सहायक अभियंता और जेई यानी अवर अभियंता की भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी आरोपित और एक अभ्यर्थी सहित तीन आरोपितों को एसआईटी ने रोशनाबाद से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।

उन पर आरोप है कि उन्होंने मंगलौर में किराये के मकान में अभ्यर्थियों को बड़ी धनराशि लेकर एकत्र कर प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया था। आरोपितों के बैंक खाते और एफडी भी फ्रीज कर दिए गए हैं। तीनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। इस मामले में अब तक नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह भी पढ़ें :बड़ा समाचार: आज सुबह से पड़ोस में लगातार 14 भूकंप के झटके, इनमें एक 6.8 तीव्रता का महाभूकंप भी, बड़े नुकसान की संभावना

बृहस्पतिवार को रानीपुर कोतवाली परिसर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में जेल में बंद निलंबित अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के यूपी के बलिया के बासखेड़ी थाना क्षेत्र के सरया निवासी अनुराग पांडे उर्फ कुमार अनुराग, अवनीश उर्फ अश्वनी निवासी नारसन खुर्द मंगलौर और एई की परीक्षा के अभ्यर्थी विशु बेनीवाल निवासी मंडावली मंगलौर ने उदाहेड़ी मंगलौर में एक किराये के मकान में अभ्यर्थियों को मोटी रकम लेने के बाद, इकट्ठा कर प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया था। यह भी पढ़ें : पति ने नशे में पत्नी के पेट में घोंप दिया चाकू….

इस मामले में अनुराग पांडे का नाम सामने आने के बाद उसकी तलाश शुरू की गई थी, लेकिन वह हाथ नहीं आया। इसके बाद 25 हजार का इनाम घोषित किया गया, बाद में इनाम की राशि 50 हजार कर दी गई। तीनों को रोशनाबाद से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया गया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कल होने वाली भर्ती परीक्षा से पहले जानें आज देहरादून में क्या-क्या हुआ ?

Imageनवीन समाचार, देहरादून, 11 फरवरी 2023। प्रदेश में कल रविवार को होने जा रही राजस्व उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारियों के बीच बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से भेंट के बावजूद संगठन का शहीद स्मारक पर धरना-प्रदर्शन जारी रहा है।

अपने नेताओं खासकर बॉबी पंवार की रिहाई की मांग को लेकर 30 से 35 युवा शहीद स्मारक पर धरने पर जमे हैं। वहीं परीक्षा में शामिल होने वाले छह युवाओं की जमानत आज मंजूर कर दी गई है। जबकि बॉबी पंवार सहित समेत सात की जमानत पर अब सोमवार को होगी सुनवाई। 

इधर इाल एई और जेई परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक प्रकरण में एसआईटी ने आरोपित संजीव दुबे के दो सगे भाइयों-संदीप और अमित निवासी ग्राम कुलचंदपुर उर्फ नाथौड़ी थाना गागलहेड़ी जनपद सहारनपुर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने हरिद्वार में एक धर्मशाला और सहारनपुर स्थित हसनपुर में नकल कराने के दौरान अभ्यर्थियों की निगरानी करने का कार्य किया था। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी: युवती ने कंपनी मालिक से बनाए शारीरिक संबंध, और अश्लील वीडियो से ब्लेकमेल कर वसूल लिए 6 लाख, आई आत्महत्या की नौबत तो…

उधर, युवाओं के हंगामे को देखते हुए शहीद स्मारक के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। शहीद स्मारक पर युवाओं के आंदोलन को समर्थन देने जा रहे पूर्व सीएम हरीश रावत को पुलिस ने रोका। इस पर कांग्रेसियों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस द्वारा कई कांग्रेसियों को गिरफ्तार किया गया। पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष करन माहरा व पूर्व विधायक हरीश धामी आदि को भी हिरासत में लिया गया। यह भी पढ़ें : एक बच्चे की मां से इश्क लड़ाता रहा 3 बच्चों का पिता, गले पड़ी तो पहाड़ घुमाने लाकर दोनों को मारकर फेंक दिया…

इसके अलावा राज्य आंदोलनकारियो ने शहीद स्थल पहुंचकर युवाओं से कहा कि आंदोलकारी उनके साथ हैं लेकिन शहीद स्थल का परिसर खाली करें। आंदोलनकारी युवाओं को समझाते रहे, लेकिन सफल नहीं हुए। इधर, बार एसोसिएशन के सचिव अनिल शर्मा ने पुलिस और प्रशासन से सोमवार तक न्यायालय परिसर को खाली करवाने की अपील की। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पटवारी और जेई भर्ती परीक्षाओं के नकलचियों के नाम सार्वजनिक किए….

उधर पथराव और उपद्रव के आरोपियों की ओर से जमानत की अर्जी लगाई गई है। सीजेएम लक्ष्मण सिंह की अदालत में बचाव पक्ष ने दलील दी कि यह केवल एक आंदोलन था। पकड़े गएयुवा पत्थरबाजी में शामिल नहीं थे। इसके अलावा छह लोगों का पटवारी परीक्षा में भाग लेना भी आवश्यक हैं लिहाजा इन सभी को सशर्त जमानत दे दी जाए। वहीं पुलिस ने बचाव पक्ष का विरोध किया। इस पर सीजेएम की अदालत ने जमानत पर निर्णय को सुरक्षित रख लिया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : दो दिन पहले राजधानी की सड़कों पर तीव्र विरोध जताने वाले बेरोजगार संघ के युवा सीएम से मिले, क्या दूर हो गए सभी गिले-शिकवे ?

Unemployed Union Met CMनवीन समाचार, देहरादून, 11 फरवरी 2023। दो दिन पहले जिन आंदोलनकारियों ने राजधानी की सड़कों पर अपना तीखा विरोध दिखाया है, क्या वो अब शांत हो गए हैं? क्या सरकार और मुख्यमंत्री धामी बेरोजगारों को मनाने में कामयाब हो गए हैं? यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो आज उस वक्त खड़े हुए जब मुख्यमंत्री आवास में बेरोजगार संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। सीएम की ओर से कहा गया है कि इस मुलाकात के बाद छात्र मान गए हैं। यह भी पढ़ें : 7 मिनट में ही टूटा 7 फेरे लेकर 7 जन्म निभाने का वादा, दूल्हे की फेरे लेने के बाद हृदयाघात से मौत….

सीएम धामी की मानें तो बेरोजगार संगठन ने अनुरोध किया है कि बीते दिनों देहरादून में धरना प्रदर्शन के दौरान कुछ अभ्यर्थियों पर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई चल रही है, उनको कल (रविवार, 12 फरवरी को होने वाली लेखपाल भर्ती की लिखित परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाए। इस मांग को मानते हुए मुख्यमंत्री ने डीजीपी अशोक कुमार को निर्देश दिए हैं कि इन छात्रों को लेखपाल भर्ती की लिखित परीक्षा देने के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने और वहां से लाने की व्यवस्था की जाए। यह भी पढ़ें : एक बच्चे की मां से इश्क लड़ाता रहा 3 बच्चों का पिता, गले पड़ी तो पहाड़ घुमाने लाकर दोनों को मारकर फेंक दिया…

मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के लिए राज्य में नकल विरोधी अध्यादेश लागू किया जा चुका है। भर्ती परीक्षाओं में तेजी लाई जा रहा है। राज्य के युवाओं को लगातार रोजगार के अवसर मिलें, इसके लिए खाली पदों पर जल्द और विज्ञप्तियां निकाली जाएंगी। आगामी परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी किया जा चुका है। यह भी पढ़ें : बेटी होने के बावजूद बेटे की चाह ने पहुंचाया जेल, 3 माह के बच्चे का 8 लाख में किया सौदा, दो महिलाओं सहित 4 गिरफ्तार..

इसके साथ ही सीएम धामी ने कहा कि राज्य में जो नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, उसमें गड़बड़ी करने वालों को सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने प्रदेश के सभी युवाओं से अपील की है कि पूरी मेहनत से परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं। बेरोजगार संघ के प्रतिनिधियों ने राज्य में सख्त नकल विरोधी अध्यादेश लागू किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी किए जाने की पहल की भी उन्होंने सराहना की है। यह भी पढ़ें : शराब कारोबारियों ने यूपीसीएल के खाते से 10.13 करोड़ रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए, सीबीआई ने किया मामला दर्ज…

नकल विरोधी कानून में किए गए हैं यह कड़े प्राविधान:
1 परीक्षाओं में नकल करना गैर जमानती, संज्ञेय और अशमनीय अपराध माना जाएगा।
2 भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, नकल कराने या गलत साधनों का प्रयोग करने में शामिल आरोपी को आजीवन कारावास की सजा मिलेगी।
3 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
4 दोषियों की संपत्ति जब्त करने का भी सख्त प्रावधान है।
5 अगर कोई अभ्यर्थी खुद नकल करते अथवा नकल कराते हुए गलत साधनों के साथ पकड़ा जाता है तो ऐसे मामले में तीन साल की सजा होगी और कम से कम पांच लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यह भी पढ़ें : क्या कांग्रेस को भारी पड़ रही युवाओं के कंधे पर राजनीति, पूर्व सीएम बेहोश हुए तो पूर्व नेता प्रतिपक्ष को युवाओं ने दौड़ाया, साथियों को पीटा…

6 अभ्यर्थी नकल करता पकड़ा गया तो आरोप पत्र दाखिल होने की तारीख से लेकर दो से पांच वर्ष के लिए उसे निलंबित कर दिया जाएगा।
7 दूसरी बार भी ये अभ्यर्थी अन्य प्रतियोगी परीक्षा में दोबारा दोषी पाया जाता है, तो उसको कम से कम 10 साल की सजा और कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।
8 दोबारा नकल करते पकड़े जाने पर आरोप पत्र दाखिल करने से लेकर पांच से 10 साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। दोष सिद्ध होने पर उस अभ्यर्थी के आजीवन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

9 भर्ती परीक्षा में यदि कोई व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान आदि साधनों का इस्तेमाल जांच में पाया जाता हैं, तो उनको भी आजीवन कैद की सजा और 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : राज्य सरकार ने भर्ती परीक्षाओं पर लिए दो बड़े निर्णय, बेरोजगार संघ की सभी मांगें मानने का भी दावा…

-भर्ती घोटाले की जांच हाइकोर्ट के जज की निगरानी में होगी, नकल विरोधी कानून भी आगामी सभी भर्ती परीक्षाओं के लिए हुआ लागू
नवीन समाचार, देहरादून, 11 फरवरी 2023। राजधानी देहरादून के साथ प्रदेश भर में आंदोलित बेरोजगारों के आंदोलन के बाद बने दबाव के बीच राज्य सरकार ने तेजी दिखाते हुए उनकी मांगों के अनुरूप पटवारी-लेखपाल भर्ती प्रश्न पत्र लीक की एसआईटी जांच हाईकोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में कराने की घोषणा कर दी है।

साथ ही राज्यपाल सेवानिवृत्त ले.ज. गुरमीत सिंह ने नकलरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ यह कानून पूरे प्रदेश में लागू हो गया है। विदित हो कि एक दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अध्यादेश को अपनी मंजूरी देकर राज्यपाल को भेजा था। यह भी पढ़ें : शराब कारोबारियों ने यूपीसीएल के खाते से 10.13 करोड़ रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए, सीबीआई ने किया मामला दर्ज…

मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही यह भी साफ किया है कि आगे 12 फरवरी को होने जा रही पटवारी-लेखपाल परीक्षा सहित भविष्य में होने वाली सभी भर्ती परीक्षाएं इस नए कानून के तहत ही आयोजित होंगी। देर शाम सरकार ने जारी बयान में कहा कि बेरोजगार संघ की मांगों पर सहमति बन गई है। सरकार ने कहा सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाईकोर्ट अस्वीकार कर चुका है। यह भी पढ़ें : कुमाऊं मंडल में निकले़ बड़े पियक्कड़, नैनीताल वाले तो सबसे बड़े पियक्कड़..

हाईकोर्ट कह चुका है कि जांच सही दिशा में चल रही है, इसलिए इस प्रकरण की सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती। इसके बावजूद बेरोजगार संघ की मांग को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराई जाएगी। कहा गया कि आंदोलनकारी युवाओं की मांग थी कि पटवारी भर्ती का प्रश्नपत्र बदला जाए।

आयोग पहले ही पुराने प्रश्न पत्र रद्द कर नए प्रश्न पत्र तैयार कर चुका है। नकलरोधी कानून भी लागू हो गया है और परीक्षा नियंत्रक को भी हटाया जा चुका है। इसलिए अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं है। यह भी पढ़ें : क्या कांग्रेस को भारी पड़ रही युवाओं के कंधे पर राजनीति, पूर्व सीएम बेहोश हुए तो पूर्व नेता प्रतिपक्ष को युवाओं ने दौड़ाया, साथियों को पीटा…

उल्लेखनीय है कि लेखपाल परीक्षा में 44 और एई-जेई परीक्षा में 12 अभ्यर्थी धांधली में लिप्त पाए गए हैं। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि आयोग ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि दागी अभ्यर्थियों को आयोग की परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी/लेखपाल) परीक्षा-2022,

उत्तराखंड सम्मिलित राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा (मुख्य) परीक्षा-2021 और वन आरक्षी परीक्षा-2022 के पुराने प्रश्न पत्रों को नष्ट करते हुए उक्त परीक्षाओं के लिए विषय विशेषज्ञों के नए पैनल द्वारा नये प्रश्न पत्रों का निर्माण कड़ी सुरक्षा में कराया जा रहा है। यह भी पढ़ें : 7 मिनट में ही टूटा 7 फेरे लेकर 7 जन्म निभाने का वादा, दूल्हे की फेरे लेने के बाद हृदयाघात से मौत….

वहीं  उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने बताया कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने एई-जेई भर्ती परीक्षा में हुई धांधली की जांच कर रही एसआइटी से परीक्षा उत्तीर्ण होने वाले अभ्यार्थियों में से ऐसे अभ्यार्थियों की पहचान करने को कहा है, जिन्होंने धांधली कर परीक्षा उत्तीर्ण की है।

ऐसे अभ्यार्थियों के परीक्षा परिणाम को निरस्त किया जाएगा। इस पर अंतिम फैसला फरवरी माह के अंत में आयोग की बैठक में लिया जाएगा।’ यह भी पढ़ें : क्या कांग्रेस को भारी पड़ रही युवाओं के कंधे पर राजनीति, पूर्व सीएम बेहोश हुए तो पूर्व नेता प्रतिपक्ष को युवाओं ने दौड़ाया, साथियों को पीटा…

आगे देखने वाली बात होगी कि सरकार वास्तव में अपनी इन पहलों से प्रदेश में आगामी भर्ती परीक्षाओं को कितना फूलप्रूफ बना पाती है और अपनी मेहनत से इन परीक्षाओं को देने वाले युवाओं का भविष्य कितना सुरक्षित हो पाता है। ऐसी उम्मीद जरूर की जानी चाहिए। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें :बड़ी कार्रवाई: जेई-एई परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में एक कोचिंग संस्थान का संचालक गिरफ्तार…

नवीन समाचार, देहरादून 10 फरवरी 2023। उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक और भर्ती घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने जेई-एई परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में चौथे आरोपी को गिरफ्तार किया है।

एसआईटी ने परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले की विवेचना के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर मुख्य आरोपित के रूप में एक कोचिंग सेंटर से संचालक विवेक कुमार उर्फ विक्की पुत्र जयपाल सिंह निवासी ग्राम चुडियाला, थाना भगवानपुर को गिरफ्तार किया है। आरोपिन के पास से एसआईटी को 2 लाख रुपए, चार ब्लैक चेक और 1 एलईडी डेस्कटॉप मिला है। यह भी पढ़ें : देवभूमि कलंकित: 69 व 80 वर्षीय दो बुजुर्ग महिलाओं के साथ आधी-तिहाई उम्र के युवाओं ने किया दुष्कर्म

एसआईटी की पूछताछ में आरोपित ने बताया कि यह वर्तमान में रुड़की में जीनियस कोचिंग सेंटर को संचालित करता है। जिसमें जेई के परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारी कराई जाती है। हरिद्वार एसआईटी के प्रभारी एसएसपी ने बताया कि ज्यादा पैसे कमाने के लालच में कोचिंग संचालक ने प्रश्न पत्र लीक कराने वाले गिरोह में शामिल होकर कुछ अभ्यर्थियों से प्रश्न पत्र देने के एवज में 19 लाख रुपए की डील की। इतना ही नहीं अभ्यर्थियों से एडवांस के तौर पर कुछ धनराशि और ब्लैक चेक भी लिए। यह भी पढ़ें : रंग में भंग: शादी में डीजे पर नाचते हुए युवक को लगी गोली….

आरोपित विवेक ने बताया कि मैंने सोचा अगर मेरी कोचिंग सेंटर से ज्यादा लड़के सेलेक्ट होंगे तो, मेरी कोचिंग का नाम होगा। तभी ज्यादा लड़के मेरे कोचिंग सेंटर पर आएंगे। अगर मेरे सेंटर से लड़के सेलेक्ट नहीं होते हैं तो, हम परीक्षा रद्द कराने के लिए पैसा देकर धरना।प्रदर्शन भी कराते हैं, एसआईटी ने उसके पास से अभ्यर्थियों से लिए गए दो लाख रुपए नकद और चार ब्लैंक चेक भी बरामद किए गए। यह भी पढ़ें : कुमाऊं मंडल में निकले़ बड़े पियक्कड़, नैनीताल वाले तो सबसे बड़े पियक्कड़..

हरिद्वार एसआईटी ने नकल माफिया और संदिग्ध कोचिंग सेंटर के गठजोड़ का भी खुलासा किया। बताया कि यह लोग प्रश्न पत्र लीक कराकर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलते थे। किसी कारणवश अगर अभ्यर्थियों का चयन नहीं होता तो परीक्षा निरस्त कराने का खेल खेलते थे। एसआईटी को पता चला है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट मालिक के संपर्क में कुछ छात्र संगठनों के लोग भी थे। एसआईटी टीम ने यूपी बॉर्डर पर स्थित नकल सेंटर को खोज निकाला है। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी: पति बना हैवान, पत्नी को रॉड और बच्चों को बेल्ट से पीटा, गला भी दबाया…

उल्लेखनीय है कि प्रश्न पत्र लीक घोटाले के साक्ष्य मिलने गत 3 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर थाना कनखल में मुकदमा दर्ज किया गया था। हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि प्रश्न पत्र लीक प्रकरण में हर आरोपित का जेल जाना तय है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला: चयनित होने के बावजूद मुख्य परीक्षा में भाग नहीं ले सकेंगी 2607 महिला अभ्यर्थी, जानें क्यों ?

नवीन समाचार, देहरादून, 7 फरवरी 2023। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा में चयनित दूसरे राज्यों की 2607 महिला अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम निरस्त कर दिया है। ये महिलाएं 23 से 26 फरवरी के बीच होने वाली मुख्य परीक्षा में हिस्सा नहीं ले सकेंगी।

आयोग ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर क्षैतिज आरक्षण के तहत सभी राज्यों की महिला अभ्यर्थियों को सम्मिलित कर 22 सितंबर और 19 अक्तूबर 2022 को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी किया था। यह भी पढ़ें : बाबा नीब करौरी व उनके विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम के नाम पर महिला श्रद्धालु से अभद्रता…

इस बीच राज्य सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत की ओर से उत्तराखंड की महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण देते हुए प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया गया है। आयोग के सचिव ने कहा है कि जो महिला अभ्यर्थी राज्य की अधिवासी नहीं हैं, उनका परिणाम निरस्त कर दिया गया है। यह भी पढ़ें : Big Breaking : दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और आईजी मो मामले की जांच कराने के आदेश

समेकित पदों में 1908, सहायक श्रमायुक्त में छह, उप निबंधक श्रेणी-2 में 34, सूचना अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी में छह, उप शिक्षा अधिकारी, स्टाफ ऑफिसर एवं विधि अधिकारी में 571, सहायक निदेशक मत्स्य में चार और बाल विकास परियोजना अधिकारी पद में 781 शामिल हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : विधानसभा में 2016 से पहले भर्ती हुए कार्मिकों को भी लग सकता है झटका, महाधिवक्ता के जवाब के बाद बनी चिंता…

नवीन समाचार, देहरादून, 23 जनवरी 2023। विधानसभा सचिवालय में वर्ष 2016 से पहले नियुक्त कार्मिकों को झटका लग सकता है। इंटरनेट मीडिया में चल रही चर्चा के अनुसार हाईकोर्ट में चल रहे मामले और कोटिया कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए महाधिवक्ता ने इन कार्मिकों के नियमितीकरण के संबंध में विधिक राय देने में असमर्थता जताई है। यह भी पढ़ें : 23 वर्षों से सरकारी शिक्षक के रूप में बच्चों का भविष्य बर्बाद करता रहा इंटर फेल, ऐसे खुला राज…

उधर, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने ऐसी कोई जानकारी होने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि यदि महाधिवक्ता ने कुछ कहा होता या फिर राय देने या न देने के संबंध में सरकार को कोई पत्र लिखा होता, उन्हें भी इसकी प्रतिलिपि मिलती। यह भी पढ़ें : बच्चे के साथ सफर कर रही महिला से चलती ट्रेन में सामूहिक दुष्कर्म

विधानसभा में बैक डोर भर्ती का मामला तूल पकडने के बाद पिछले वर्ष विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच के लिए सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की। विधानसभा में हुई तदर्थ नियुक्तियां नियमों के तहत हुई अथवा नहीं,

इस बिंदु पर कोटिया कमेटी ने जांच की और फिर रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले साल 23 सितंबर को वर्ष 2016 से 2021 तक हुई 228 तदर्थ नियुक्तियों को रद कर दिया था। बाद में इन कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था। यह भी पढ़ें : उफ ऐसा समाज भी, देवर ने किया भाभी से दुष्कर्म, ससुर से शिकायत की तो उसने भी किया मुंह काला…

बर्खास्त कर्मचारी पिछले कई दिनों से आंदोलित हैं। यही नहीं, यह प्रकरण हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है। इस बीच ये मांग भी उठी कि विधानसभा सचिवालय में वर्ष 2001 से वर्ष 2016 तक भी नियुक्तियां तदर्थ रूप में हुई थीं, जिनका बाद में नियमितीकरण कर दिया गया था। यह भी पढ़ें : व्यवसायी ने किराएदार युवती के बाथरूम में लगाया हिडन कैमरा !

इस सबको देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने हाल में महाधिवक्ता को वर्ष 2016 तक हुई नियुक्तियों के विनियमितीकरण के संबंध में विधिक राय देने के लिए पत्र भेजा। शासन को भी इसकी प्रतिलिपि भेजी गई। इस पर शासन ने भी महाधिवक्ता को पत्र लिखा था। इंटरनेट मीडिया में चल रही चर्चा के अनुसार अब इन कर्मियों के संबंध में भी कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। यह भी पढ़ें : चार लोगों की संदिग्ध-आकस्मिक मौत….

विधानसभा सचिवालय में 32 पदों के लिए वर्ष 2020 में आयोजित भर्ती परीक्षा रद कर दिए जाने के बाद अब इस प्रकरण की जांच कराई जा रही है। सेवानिवृत्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) जयराज को जांच अधिकारी बनाया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने इसकी पुष्टि की। यह भी पढ़ें : सोशल मीडिया पर दोस्ती कर दुष्कर्म के मामले में फंसाने की धमकी देकर लूटती थी, पकड़ी गई…

उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी को सभी पहलुओं की गंभीरता से पड़ताल कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। बता दें कि इस प्रकरण में विधानसभा के निलंबित सचिव (पदावनत होने के बाद अब संयुक्त सचिव) मुकेश सिंघल भी जांच के दायरे में है। शासन पहले ही विजिलेंस को उनकी जांच सौंप चुका है। यह भी पढ़ें : घर से कॉलेज के लिए निकली 21 वर्षीय छात्रा गायब, खोज में मदद की गुहार…

विधानसभा में 32 पदों के लिए वर्ष 2020 में विज्ञप्ति जारी की गई थी। इस परीक्षा के लिए तब विवादित एजेंसी का चयन कर दिया गया था। साथ ही एजेंसी को तीन दिन के भीतर 59 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। इस परीक्षा का कोई परिणाम भी नहीं आया। पिछले वर्ष यह परीक्षा रद कर दी गई थी। यह भी पढ़ें : जी-म्यूजिक की वीडियो में छाये नैनीताल के कलाकार बॉबी मलिक…

इस मामले में तत्कालीन सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका को संदेहास्पद पाया गया था। इसे देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सिंघल को निलंबित कर दिया था। बाद में नियम विरुद्ध पदोन्नति पाने के मामले में सिंघल को पदावनत भी कर दिया गया था। अब पूरे प्रकरण की विधानसभा द्वारा कराई जा रही जांच से सिंघल की मुश्किलें और बढना तय है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : 2015 की परीक्षा के आरोपित जेल गए तो अन्य परीक्षाओं के आरोपितों पर चुप्पी क्यों: पांडे

-उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में संवैधानिक व्यवस्था का परिपालन सही तरीके से नहीं हुआ
2015 की परीक्षा के आरोपित जेल गए तो अन्य परीक्षाओं के आरोपितों पर चुप्पी  क्यों : पांडे - हिन्दुस्थान समाचारनवीन समाचार, नैनीताल, 19 जनवरी 2023। विकास के लिए जवाबदेही तय किये जाने की मांग को लेकर मुखर उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच के संस्थापक अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त सहायक ऑडिट अधिकारी रमेश चंद्र पांडे ने पूछा है कि राज्य में वर्ष 2015 में हुुई एक परीक्षा में हुई नकल के लिए आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक को दोषी मानते हुए 4 माह पूर्व गिरफ्तार कर जेल में डाला गया है

जबकि अन्य परीक्षाओं में हुई धांधली की जवाबदेही पर चुप्पी सवालों के घेरे में है। उन्होंने विधानसभा में हुई भर्तियों के साथ ही वहां नियुक्त कर्मियों की बर्खास्तगी को भी संवैधानिक रूप से गलत ठहराया है और सरकार से पूरे मामले में निष्पक्षता के साथ अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया है। यह भी पढ़ें : हद है, गरीब एससी-एसटी बीपीएल महिला से 8 हजार रिश्वत मांग रही थी महिला चिकित्सक, रंगे हाथों गिरफ्तार

श्री पाण्डे ने कहा कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में संवैधानिक व्यवस्था का परिपालन सही तरीके से नहीं हुआ है। यदि हुआ होता तो प्रश्न पत्र लीक होने जैसी आपराधिक घटना घटित नहीं होती। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 में ‘विधि के समक्ष समानता’ तथा अनुच्छेद 16 में ‘लोक नियोजन में अवसर की समानता’ का प्रावधान है।

विधानसभा में हुई नियुक्तियों में संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 16 का खुला उल्लंघन हुआ ही लेकिन 2016 के बाद नियुक्त कर्मियों की बर्खास्तगी में भी अनुच्छेद 14 का खुला उल्लंघन हुआ है जो अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। यह भी पढ़ें : 40 वर्षीय पिता ने अपनी ही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया पवित्र रिश्ते को कलंकित…

उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा हाल में आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में ऐसी आपराधिक घटना के लिए जवाबदेही के सवाल पर बरती जा रही चुप्पी हैरतअंगेज हैं। प्रश्न पत्र रखे जाने वाले अति गोपनीय कक्ष में क्या जैमर नहीं लगे थे और मोबाइल ले जाना निषेध होने के बावजूद वहां मोबाइल कैसे पहुंच गया ? प्रश्न पत्र परीक्षा नियंत्रक की कस्टडी में क्यों नहीं रखे गए ? व्यवस्था से जुड़े ऐसे तमाम सवाल अभी अनुत्तरित हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : इसे ही कहते हैं ‘चोर-चोर मौसेरे भाई’, पेपर लीक कांड में पकड़ा गया मुख्य आरोपित का मौसेरा भाई बीटेक का छात्र… आरोपितों पर लगी गैंगेस्टर

नवीन समाचार, हरिद्वार, 16 जनवरी 2023। प्रदेश के गत 8 जनवरी को हुई पटवारी भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में सोमवार को एसआइटी ने जांच शुरू करते ही आठवें आरोपित के तौर पर सहानपुर के एक बीटेक छात्र को गिरफ्तार कर लिया है। वह जेल भेजे गए संजीव चर्तुवेदी का मौसेरा भाई है।

आरोप है कि उसने रिजॉर्ट में अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र पढ़वाने के दौरान निगरानी की थी। इसके एवज में आरोपितों ने उसे 10 हजार रुपये दिए थे। एसआइटी ने रिजॉर्ट पहुंचकर सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी कब्जे में ले ली है। वहीं, आरोपितों के खिलाफ गैंगेस्टर भी लगाई गई है। यह भी पढ़ें : बड़ी कार्रवाई : उत्तराखंड के 20 दरोगा एक साथ निलंबित…

उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच के लिए एसपी क्राइम हरिद्वार रेखा यादव के नेतृत्व में एसआइटी गठित की गई है। एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह को एसआइटी के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। सोमवार को जांच शुरू करते ही एसआईटी ने आठवें आरोपित सोनू कुमार उर्फ खडकू निवासी पाडली खुशालपुर थाना जनकपुरी जिला सहारनपुर को छुटमलपुर बस स्टैंड से गिरफ्तार किया। यह भी पढ़ें : युवकों ने 9वीं कक्षा के छात्र की पिटाई की, और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, अब भुगतेंगे….

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पकड़ा गया सोनू बीटेक का छात्र है और वह जेल जा चुके संजीव कुमार का मौसेरा भाई है। पूछताछ में उसने कुबूल किया है कि रिजॉर्ट में अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र रटवाने के दौरान वह आस पास उनकी निगरानी कर रहा था। इसके एवज में संजीव ने उसे 10 हजार रुपये दिलवाए थे। आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी आरोपितों के खिलाफ गैंगेस्टर के तहत भी कार्रवाई की गई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आगे सभी भर्ती परीक्षाओं व परीक्षार्थियों पर पड़ेगा पटवारी भर्ती के लीक होने का प्रभाव, 380 प्रश्न ब्लैक लिस्ट, नए सिरे से करनी होगी तैयारी…

UKPSC: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने किया गलत जवाब को सही, 452 अभ्यर्थियों को  मिला इसका फायदा - uttarakhand public service commission revised preliminary  examination resultsनवीन समाचार, नैनीताल, 16 जनवरी 2023। प्रदेश में गत आठ जनवरी को हुई पटवारी-लेखपाल भर्ती प्रश्न पत्र लीक होने की सजा केवल आरोपितों को नहीं, बल्कि प्रदेश में आगे भर्ती परीक्षाएं देने वाले सभी अभ्यर्थियों को भी किसी न किसी रूप में परेशान होकर भुगतनी पड़ेगी। प्रदेश सरकार जहां एक ओर प्रदेश में कड़ा कानून लाने जा रही है, जिसमें नकल कराने वालों को आजीवन कारावास की सजा एवं उनकी संपत्ति कुर्क करने की सजा का और नकल करने वालों को 10 वर्ष तक किसी भर्ती परीक्षा में बैठने की अनुमति न देने का प्राविधान होने जा रहा है,

वहीं फिलहाल अगली भर्ती परीक्षाओं के लिए उन 318 प्रश्नों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। यानी पूरी ईमानदारी से भी पूर्व में परीक्षा दे चुके अभ्यर्थियों को भी न केवल दूसरी बार यह परीक्षा देनी होंगी, बल्कि नए सिरे से नए प्रश्नों की तैयारी भी करनी होगी। यह भी पढ़ें : युवकों ने 9वीं कक्षा के छात्र की पिटाई की, और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, अब भुगतेंगे….

इधर, पटवारी भर्ती प्रश्न पत्र लीक होने के बाद लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने आयोग में इस मामले की आंतरिक जांच बैठा दी है। यह देखा जा रहा है कि किन हालात में कहां लापरवाही हुई, जिससे प्रश्न आयोग कार्यालय से बाहर चले गए। यह भी देखा जा रहा है कि अति गोपन विभाग में मोबाइल कैसे पहुंच गया। वहां सीसीटीवी लगे थे या नहीं?

एक अधिकारी ने बताया कि यह भी देखा जा रहा है कि भविष्य में होने वाली भर्तियों के मद्देनजर कहां-कहां से प्रश्न पत्र लीक की आशंका हो सकती है। उन सभी बिंदुओं पर आयोग नए सिरे से सख्ती करेगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही आयोग सभी व्यवस्थाएं और मजबूत की जाएंगी। यह भी पढ़ें : बड़ी कार्रवाई: एसएसपी ने पांच दरोगाओं को किया निलंबित

इसके अलावा चूंकि आयोग के अनुभाग अधिकारी ने 380 सवालों को आयोग से बाहर भेजा था। इसलिए सूत्रों के अनुसार आयोग ने इन सभी सवालों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। आगे 22 जनवरी को प्रस्तावित फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा सहित आगामी किसी भी भर्ती में यह 380 सवाल नहीं पूछे जाएंगे। सूत्रों के अनुसार आयोग ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के लिए जो प्रश्न पत्र तैयार किया था, उसे हटा दिया है।

बताया गया है कि आयोग के पास प्रश्नपत्रों के कई सेट और हजारों की संख्या में विशेषज्ञों से आए हुए प्रश्न रहते हैं। इसलिए आयोग ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के लिए दूसरे सवालों का प्रश्न पत्र तैयार कर लिया है। यह भी पढ़ें : पटवारी-लेखपाल भर्ती में मुख्य आरोपित के घर मिली डायरी पहुंचा सकती है बहुतों को जेल, पत्नी पर पति को प्रश्न पत्र लीक कराने के लिए उकसाने का शक…

साथ ही सूत्रों के अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग ने गोपनीय प्रक्रिया में भी कई बदलाव किए हैं। परीक्षा से जुड़े हर पहलू पर नजर रखी जा रही है। प्रश्न पत्र प्रकाशित होने से लेकर परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने की प्रक्रिया को पहले से ज्यादा सख्त बना दिया गया है। आयोग का लक्ष्य है कि दोबारा उसके दामन पर प्रश्न पत्र लीक होने का दाग न लगे। यह भी पढ़ें : नदी में डूबा युवक, अंधेरा घिरने पर रोकना पड़ा सर्च अभियान…

उधर, रविवार को चंपावत में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा, सरकार देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाने जा रही है। कैबिनेट में निर्णय लिया जा चुका है। इस कानून में अपराधियों को उम्रकैद के साथ संपत्ति भी जब्त की जाएगी। साथ ही जो अभ्यर्थी नकल में संलिप्त मिलेगा, उसे 10 साल तक किसी भी परीक्षा में बैठने से अयोग्य कर दिया जाएगा। यह भी पढ़ें : नैनीताल: कार को बचाने की कोशिश में बस पलटी, एक की मौत, 11 घायल…

उन्होंने यह भी कहा कि पहले परीक्षाओं में गड़बड़ियों का पता ही नहीं लगता था। पता लगता भी था तो कोई कार्रवाई नहीं होती थी। वर्तमान सरकार ने गड़बड़ी करने वालों को जेल भेजा और उनकी संपत्तियों को ध्वस्त किया। साथ ही मुखबिर तंत्र को मजबूत किया है। इसलिए घोटाले सामने आ रहे हैं। अब तय है कि गड़बड़ी करके कोई बच नहीं सकता। (डॉ.नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पटवारी-लेखपाल भर्ती में मुख्य आरोपित के घर मिली डायरी पहुंचा सकती है बहुतों को जेल, पत्नी पर पति को प्रश्न पत्र लीक कराने के लिए उकसाने का शक…

Patwari Paper Leak: तो पत्नी की पैसों की भूख ने बनाया चतुर्वेदी को अपराधी, चौंकाने  वाली हैं बीबी की ये हरकतें - Patwari Paper Leak Wife Hunger For Money Made  Chaturvedi Aनवीन समाचार, देहरादून, 15 जनवरी 2023। पुलिस-लेखपाल भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करने के मुख्य आरोपित संजीव चतुर्वेदी के घर से मामले की जांच कर रही एसटीएफ के हाथ एक डायरी लगी है। बताया जा रहा है कि डायरी में कुछ अभ्यर्थियों के नाम लिखे हैं, जो इन्हें जेल पहुंचा सकती है। यह भी पढ़ें : नैनीताल: कार को बचाने की कोशिश में बस पलटी, एक की मौत, 11 घायल…

एसटीएफ इन अभ्यर्थियों की जांच कर रही है। एसटीएफ के अनुसार, यह डायरी काफी राज खोल सकती है। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि प्रश्न पत्र लीक करने में संजीव की पत्नी रितु की बड़ी भूमिका हो सकती है। हो सकता है कि रितु ने ही उसे उकसाया हो। उसके नए घर का निर्माण भी चल रहा है। यह भी पढ़ें : बड़ी दुर्घटना : नेपाल में बड़ा हवाई हादसा, 68 की मौत, 4 भारतीय भी थे सवार….

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रश्न पत्र लीक प्रकरण में मुख्य आरोपित संजीव चतुर्वेदी व उसकी पत्नी की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने उनके घर को खंगाला तो कुछ नकदी और एक डायरी बरामद हुई है। डायरी में लेनदेन का हिसाब और कुछ नाम भी लिखे गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि यह वही अभ्यर्थी हो सकते हैं, जिन्हें आरोपितों ने प्रश्न पत्र दिया था। ऐसे में एसटीएफ जल्द ही नकलची अभ्यर्थियों को बुलाकर उनके बयान दर्ज कर सकती है। यह भी पढ़ें : अधिकारियों को भारी पड़ा वाहन को नियमविरुद्ध सीज करना, डीएम संबंधित अधिकारी से 5 लाख रुपए वसूल कर वाहन मालिक को मुआवजा देंगे…

उल्लेखनीय है कि पटवारी-लेखपाल परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के प्रकरण में अब तक संजीव व रितु सहित सात आरोपित सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। डायरी में दर्ज नकलचियों से पूछताछ के आधार पर आरोपितों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। नकलचियों के बयान दर्ज करने के लिए एसएसपी की ओर से अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं, जो गहनता से मामले की जांच कर रही हैं। यह भी पढ़ें : नैनीताल: मॉल रोड पर बाइक ने दो लोगों को मारी टक्कर, गंभीर घायल…

दूसरी ओर, पटवारी भर्ती की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने के मामले में फंसे लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की पत्नी को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं। आयोग में तैनात कर्मी भले ही खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन सेवानिवृत्त अधिकारियों का कहना है कि संजीव की पत्नी रितु पढ़ी-लिखी व तेज तर्रार है। उसका आयोग के कार्यालय में भी आना-जाना था। यह भी पढ़ें : नैनीताल: 12 वर्षीय बच्ची की संदिग्ध मौत

प्रश्न पत्र लीक मामले में भी पत्नी के मोबाइल से ही प्रश्न पत्र की फोटो खींची गई। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से सेवानिवृत्त एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संजीव जब आयोग में सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर भर्ती हुआ था तो वह किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था।

किसी तरह की गलती होने पर अधिकारी उससे सवाल-जवाब करते थे तो नजरें झुका लेता था। जवाब देते हुए हकलाने लगता था। लेकिन पदोन्नत होने के बाद उसके व्यवहार में बदलाव आया और पत्नी का कार्यालय में दखल भी होने लगा। यह भी पढ़ें : डीजीसी शर्मा के साथ मारपीट करने वाले हमलावर गिरफ्तार…

एक अन्य सेवानिवृत्त अधिकारी ने बताया कि संजीव का निजी घर बन रहा है। संजीव व रितु का एक बेटा है जो हरिद्वार में ही पढ़ाई करता है। माता-पिता के जेल जाने के बाद बेटा रिश्तेदारों के पास रह रहा है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पटवारी भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने की जांच को एसआईटी गठित, आईपीएस को मिली जिम्मेदारी

नवीन समाचार, देहरादून, 14 जनवरी 2023। राज्य में पटवारी-लेखपाल परीक्षा के प्रश्न लीक होने के मामले में सीएम धामी की सख्त रुख अपनाया है। सीएम के निर्देशों पर उत्तराखंड पुलिस के एडीजी कानून व्यवस्था के निर्देशों पर इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। यह भी पढ़ें : कलयुगी चाचा ने बनाया नाबालिग भतीजी को हवस का शिकार, बच्चे को जन्म देने पर हुआ खुलासा….

हरिद्वार जिले की एसपी क्राइम आईपीएस रेखा यादव को एसआईटी का प्रमुख बनाया गया है। साथ ही एसटीएफ में हरिद्वार के थाना प्रभारी सहित कुल 8 पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : सिर्फ पटवारी भर्ती ही नहीं, संजीव ने तीन अन्य परीक्षाओं के भी प्रश्न पत्र किए थे लीक ! इन परीक्षाओं पर भी लटकी निरस्त होने की तलवार…!

नवीन समाचार, देहरादून, 13 जनवरी 2023। नौकरियों का सौदागर संजीव चतुर्वेदी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में रहकर वर्ष 2018 से भर्तियों में खेल करता आ रहा है। एसटीएफ की जांच में लेखपाल-पटवारी भर्ती के अलावा तीन अन्य भर्तियों के प्रश्न पत्र लीक कर बेचने की पुष्टि हो चुकी है।

इनमें जेई, एई और प्रवक्ता भर्तियां शामिल हैं। इनके प्रश्न पत्रों के लिए संजीव ने 30 से 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लिए हैं। एसटीएफ इन भर्तियों में हुए खेल का भी जल्द खुलासा कर सकती है। यह भी पढ़ें : पटवारी-लेखपाल परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने पर आया मुख्यमंत्री का बयान, जानें क्या कहा ?

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ की गिरफ्त में आते ही संजीव चतुर्वेदी ने अपने सारे काले कारनामे तोते की तरह उगल दिए। बताया कि उसने सिर्फ यही प्रश्न पत्र लीक नहीं कराया था बल्कि यह काम तो वह बीते चार साल से करता आ रहा है। जितना उसे याद था, उसमें उसने तीन भर्तियों के नाम लिए। इनमें अवर अभियंता (जेई), सहायक अभियंता (एई) और प्रवक्ता भर्ती शामिल हैं। यह भी पढ़ें : पटवारी भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद आयोग का कड़ा फैसला, निरस्त की परीक्षा, जानें अब कब होगी ?

ये भर्तियां आयोग ने वर्ष 2021 में निकाली थीं। इनके परिणाम आ चुके हैं। एसटीएफ की शुरुआती जांच में पता चला है कि इन भर्तियों के प्रश्न पत्र उसने बड़े दाम लेकर आउट किए थे। इनमें एई के प्रश्न पत्र के लिए 50 लाख रुपये जबकि अन्य के लिए 30 से 35 लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी लिए थे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप में आयोग के अधिकारी सहित चार गिरफ्तार…!

Imageनवीन समाचार, देहरादून, 12 जनवरी। उत्तराखंड में पिछले रविवार यानी 8 जनवरी 2023 को अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौढ़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टेहरी, उत्तरकाशी, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर जिलों में पटवारी-लेखपाल यानी राजस्व उप निरीक्षकों के 391 पदों के लिए हुई भर्तियों पर प्रश्न पत्र लीक होने की खबर अब पुष्ट होने की ओर है। हालांकि अभी किसी पुष्ट सूत्र से इस बारे में कोई खबर नहीं आ रही है, पर बताया जा रहा है कि इस मामले में एसटीएफ ने हरिद्वार के कनखल थाने में अभियोग दर्ज कर लिया है। यह भी पढ़ें : युवती से शादी का झांसा देकर नैनीताल व रामनगर के रिजॉर्ट में दुष्कर्म

और इसके बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सेक्शन ऑफीसर संजीव चर्तुवेदी सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। चतुर्वेदी पर आरोप है कि उसने 35 अभ्यर्थियों को लक्सर और बिहारीगढ़ में इकट्ठा करके एक दिन पहले प्रश्न पत्र हल करवाया था। चर्तुवेदी के पास से 22 लाख रुपए भी बरामद किए गए हैं। यह भी पढ़ें : मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति के युवक की बंधक बनाकर जलती लकड़ियों से पिटाई !

इधर, पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार देहरादून एसटीएफ ले राज्य में पटवारी-लेखपाल की परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। देहरादून के एसएसपी एसटीएफ ने बताया है कि उन्हें गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि कुछ व्यक्तियों द्वारा लोक सेवा आयोग द्वारा विगत 8 जनवरी 2023 को आयोजित लेखपाल-पटवारी परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से पूर्व लीक कर कुछ अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराया गया था।

इस सूचना की पुष्टि हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने विस्तृत जॉच की एवं जांच में आरोपो की पुष्टि होने पर आज गुरुवार 12 जनवरी को जनपद हरिद्वार के थाना कनखल में भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471 व 120बी तथा 3/4 उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) निवारण अधिनियम 1998 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृृत कराया। यह भी पढ़ें : नए दौर का BUSINESS-P2P Trading : कैसे रुपए से ऑनलाइन डॉलर खरीदें और डॉलरों में कमाएं, सीखें पूरी प्रक्रिया…

इसके बाद मामले की विवेचना के तहत कार्यवाही करते हुये एसटीएफ ने राज्य लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड के अतिगोपन अनुभाग-3 के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी, ग्राम कुलचन्दपुर उर्फ नथौडी थाना गागलहेडी, जनपद सहारनपुर उत्तर प्रदेश वर्तमान निवासी ग्राम सुकरासा अम्बूवाला थाना पथरी जनपद हरिद्वार निवासी राजपाल पुत्र स्वर्गीय फूल सिंह व संजीव कुमार पुत्र स्वर्गीय मांगेराम तथा रामकुंमार पुत्र सुग्गन सिंह निवासी ग्राम सेठपुर, लक्सर, जनपद हरिद्वार को गिरफ्तार किया। यह भी पढ़ें : जोशीमठ के प्रभावित होटल मालिकों व कर्मियों के साथ आयी नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन…

आरोपितों के अपराध करने के तरीके के बारे में उन्होंने बताया कि लोक सेवा आयोग उत्तराखण्ड द्वारा विगत 8 जनवरी को आयोजित लेखपाल की परीक्षा के प्रश्न पत्र तैयार करने में आयोग के अति गोपन कार्यालय के अनुभाग-3 द्वारा कार्य किया गया था। इस अनुभाग में नियुक्त अनुभाग अधिकारी संजीव चर्तुवेदी ने अपने कार्यालय से अपनी पत्नी रितु के साथ मिलकर अपनी अभिरक्षा में रखे प्रश्न पत्र को रुपए लेकर लीक किया और लीक प्रश्न पत्र राजपाल व संजीव को उपलब्ध कराया।

इस प्रश्न पत्र को संजीव तथा राजपाल ने रामकुमार व अन्य के माध्यम से अभ्यर्थियों में बॉट कर उनको उत्तर प्रदेश के बिहारीगढ के पास स्थित माया अरूण रिजार्ट एंव ग्राम सेठपुर लक्सर हरिद्वार व अन्य स्थानों में पढाया। विवेचना में वर्तमान तक लगभग 35 अभ्यार्थियों द्वारा परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र प्राप्त होना संज्ञान में आया है। मामले की विवेचना जारी है। अन्य आरोपितोंएवं उनके द्वारा अवैध रूप से अर्जित धनराशि के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है।

लीक हुए प्रश्न पत्र की प्रतियां एवं प्रश्न पत्र लीक कर अवैध रूप से कमाये गये 22.5 लाख रुपए आरोपित संजीव चतुर्वेदी की अभिरक्षा से भी मिले है। यह भी पढ़ें : जोशीमठ में हो रहे धूधंसाव पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दिए सरकार को निर्देश

गौरतलब है कि 1 लाख 40 हजार युवाओं ने यह परीक्षा दी थी। मामले में प्रश्न पत्र लीक होने की कथित पुष्टि होने के बाद इन अभ्यर्थियों के भविष्य पर भी प्रश्न खड़ा हो गया है। गौरतलब है कि परीक्षा के दिन से ही कई परीक्षार्थी इस परीक्षा में आयोग के स्तर के हिसाब से काफी सरल प्रश्न पूछे जाने पर भी सवाल उठा रहे थे।

अब लोग यह सवाल भी उठा रहे हैं कि प्रदेश के यूकेएसएसएससी की परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक करने वाले नकल माफिया हाकम सिंह के जेल में रहते यूकेपीएससी की इस परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करने वाला नया हाकम कौन है। मामले में प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह भी पढ़ें : मां ने किया अपने ही 7 साल के बेटे का अपहरण, मचा हड़़कंप

प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इस मामले में कहा है, ‘8 जनवरी 2023 को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने की घटना उत्तराखंड के युवाओं के लिए दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही यह घटना सिद्ध करती है कि लगातार कानून तोड़ने वाले नकल माफिया को राज्य की सरकार का भय नही रह गया है।’ यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में 28-28 लाख रुपए देकर बने 36 डॉक्टर निकले फर्जी, फर्जी डिग्रियां बनाने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश, भारतीय चिकित्सा परिषद तक भी जांच की आंच…

सूत्रों के अनुसार इस मामले में लोक सेवा आयोग उत्तराखंड की ओर से आवश्यक जांच व कानूनी कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है, पर अभी आयोग के अधिकारी इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। लोक सेवा आयोग परिसर में किसी को प्रवेश की अनुमति भी नहीं दी जा रही हैं।(डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पूर्व में रद्द की गई वन दरोगा भर्ती में दो बड़ी अपडेट, पहले परीक्षा दे चुकों को बड़ी राहत, नए इच्छुकों को झटका

नवीन समाचार, देहरादून, 1 जनवरी 2023। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की वन दरोगा भर्ती के लिए आवेदन करने वालों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। पूर्व में रद्द कर दी गई उत्तराखंड वन दरोगा भर्ती शारीरिक दक्षता परीक्षा पास कर चुके प्रतिभागियों को दोबारा शारीरिक दक्षता परीक्षा नहीं देनी होगी। साथ ही लिखित परीक्षा में केवल पहले परीक्षा दे चुके उम्मीदवार ही शामिल हो सकेंगे। यह भी पढ़ें : नैनीताल: मध्य रात्रि के बाद तक चला हुड़दंगियों का जश्न, सिर भी फूटे… ऐसी रही बीतते साल की आखिरी शाम और नए वर्ष का पहला दिन…

यानी पूर्व में परीक्षा दे चुके उम्मीदवार बिना शारीरिक परीक्षा दिए इस परीक्षा में शामिल होंगे। जिन उम्मीदवारों ने पूर्व में इस परीक्षा के लिए आवेदन नहीं किया था, वे परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। ऐसे में यह आदेश पुराने उम्मीदवारों के लिए राहत और परीक्षा देने के नए इच्छुकों के लिए झटके की तरह है। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी: एक कदम और आगे बढ़ी 4000 से अधिक घरों के अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई

गौरतलब है कि वन दरोगा भर्ती के लिए लिखित और शारीरिक दक्षता परीक्षा होती है। शारीरिक दक्षता परीक्षा लिखित परीक्षा के बाद होती है। यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जीएस जीएस मर्तोलिया ने कहा है कि दोबारा शारीरिक दक्षता परीक्षा नहीं होगी। जो उम्मीदवार पहले शारीरिक दक्षता परीक्षा पास कर चुके हैं उनकी दोबारा शारीरिक दक्षता परीक्षा लेने का कोई औचित्य नहीं है। शारीरिक दक्षता परीक्षा में धांधली की कोई शिकायत भी नहीं मिली थी। डॉ. नवीन जोशी)आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : Big Breaking : विधानसभा से निकाले गए कर्मियों को सुप्रीम कोर्ट से भी सुप्रीम झटका…

नवीन समाचार, देहरादून, 15 दिसंबर 2022। उत्तराखंड विधानसभा में पिछले दरवाजे से 2016 में भर्ती हुए अभ्यर्थियों को गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय से भी बड़ा झटका लगा है सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया है। साथ ही तीखी टिप्पणी भी की है। यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग: प्राधिकरण ने नैनीताल में शुरू किया विरोध के बीच ध्वस्तीकरण अभियान….

विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सर्वोच्च न्यायालय में हो रही कार्रवाई को वह खुद भी ऑनलाइन देख रही थी और विधानसभा द्वारा लिए गए निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय ने भी सही माना है। लिहाजा वह अदालत का भी धन्यवाद अदा करती हैं। उल्लेखनीय है विस अध्यक्ष खंडूड़ी ने पिछले दरवाजे से भर्ती बताकर 228 कर्मियों को विधानसभा से निकाल दिया था। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, एकलपीठ के आदेश को किया निरस्त

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 नवंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय से उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के बारे में बहुप्रतीक्षित एवं महत्वपूर्ण फैसला आ गया है। उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने एकलपीठ के 228 बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल किए जाने के आदेश को चुनौती देने वाली विधान सभा की ओर से दायर विशेष अपीलों पर गुरुवार को सुनवाई करने के बाद एकलपीठ के बीते अक्टूबर माह के आदेश को निरस्त करते हुए विधान सभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया है। खंडपीठ ने कहा कि बर्खास्तगी के आदेश को रोका नहीं जा सकता है। यह भी पढ़ें : महिला अधिवक्ता से साथी अधिवक्ता ने किया ब्लैकमेल कर दुष्कर्म

उल्लेखनीय है कि विधान सभा सचिवालय की ओर से एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती देते हुए कहा गया था कि बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की नियुक्ति काम चलाऊ व्यवस्था के तहत की गई थी। शर्तों के अनुसार उनकी सेवाएं कभी भी बिना नोटिस व बिना कारण के समाप्त की जा सकती हैं। यह भी कहा कि उनकी नियुक्तियां विधान सभा सेवा नियमावली के विरुद्ध की गई हैं। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में बस में महिलाओं से अभद्रता कर दो पुलिस कर्मियों ने खाकी को किया शर्मसार

जबकि बर्खास्त कर्मचारियों की ओर से कहा गया कि उनको बर्खास्त करते समय अध्यक्ष ने संविधान के अनुच्छेद 14 का पूर्ण रूप से उल्लंघन किया है। अध्यक्ष ने 2016 से 2021 तक के कर्मचारियों को ही बर्खास्त किया है, जबकि ऐसी ही नियुक्ति विधान सभा सचिवालय में 2000 से 2015 के बीच भी हुई हैं, जिनको नियमित भी किया जा चुका है। यह भी पढ़ें : सुबह-सुबह कई व्यवसायियों के घरों-प्रतिष्ठानों में छापेमारी से हड़कंप

यह नियम सब पर एक समान लागू होना था। उन्हें ही बर्खास्त क्यों किया गया। इस मामले में उमा देवी बनाम कर्नाटक राज्य का निर्णय उन पर लागू नहीं होता क्योंकि यह वहां लागू होता है, जहां पद खाली नहीं हो और बैकडोर नियुक्तियां की गई हों। यहां खाली पदों पर ही नियुक्तियां हुई हैं। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अग्निवीर भर्ती के लिए युवाओं से एक करोड़ से अधिक की ठगी !

भर्ती की तैयारी : अग्निवीर भर्ती में 1 से 13 सितंबर तक 45 हजार से ज्यादा  युवा जुटेंगे, हर दिन 5 हजार की जांच, 25 फीसदी बनेंगे स्थाई सैनिक...!! -  Online ...नवीन समाचार, दिनेशपुर, 8 नवंबर 2022। उत्तराखंड में अग्निवीर की भर्ती के लिए एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का मामला सामने आ रहा है। पिछले दो-तीन दिनों में 15 से अधिक युवाओं ने दिनेशपुर पुलिस से संपर्क कर हाल में गिरफ्तार हुए टेरिटोरियल आर्मी जाट रेजीमेंट के जवान और एक अन्य आरोपित पर उनसे भी ठगी करने का आरोप लगाया है। यह भी पढ़ें : महज इतने के लिए की गई पुलिस कर्मी की पत्नी की हत्या ! इससे ज्यादा के तो पुलिस टीम को मिल गए ईनाम !

पांच युवाओं ने इनके खिलाफ लिखित में दिनेशपुर पुलिस को शिकायती पत्र भी दिया है। दिनेशपुर थाना पुलिस सभी युवाओं के बयान दर्ज कर रही है। वहीं बड़ी संख्या में युवाओं से धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद अब दिनेशपुर पुलिस आरोपितों को पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) पर लेने के लिए न्यायालय में आवेदन करने की तैयारी कर रही है। यह भी पढ़ें : जनहित संगठन ने बताया-क्यों खूंखार होकर लोगो को नोंच रहे हैं आवारा कुत्ते….

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अग्निवीर योजना के नाम पर ठगी करने वाले इन आरोपियों ने अब तक एक करोड़ से अधिक की धनराशि युवाओं से ठगी हो सकती है। दिनेशपुर के थाना प्रभारी अनिल उपाध्याय ने बताया कि दो-तीन दिनों से लगातार चम्पावत और खटीमा के युवा दिनेशपुर थाने में आ रहे हैं। उन्होंने भी आरोपितों पर ठगी का आरोप लगाया है। यह भी पढ़ें : नैनीताल : नेहा, कृति व शिवानी ने उत्तीर्ण की नेट-जेआरएफ परीक्षा

आरोपितों ने किसी से 50 तो किसी से 20 और किसी से 30 हजार रुपये लिए हैं। उन्होंने कहा कि आरोपितों ने युवाओं के मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र भी लिए हैं, जिनका मिलना बेहद जरूरी है। ऐसे में आरोपितों की पीसीआर के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र देने की तैयारी की जा रही है। यह भी पढ़ें : नैनीताल : फिर तोड़े गए किलबरी रोड पर वाहनों के शीशे

एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि पूछताछ में 200 युवाओं से अग्निवीर बनाने के नाम पर रुपये लेने की बात सामने आई थी। अब तक ठगी के शिकार हुए चम्पावत और खटीमा के 15 से अधिक युवा दिनेशपुर थाने पहुंच चुके हैं। धोखाधड़ी के शिकार हुए युवाओं ने पुलिस से आरोपितों से दस्तावेज बरामदगी की मांग की है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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UP Board 2020: नकल के टिप्स देते स्कूल प्रबंधक का वीडियो वायरल, गिरफ्तार -  up board exam 2020 mau school manager video of cheating tips viral arrested  - AajTakनवीन समाचार, देहरादून, 6 नवंबर 2022। उत्तराखंड सरकार की हाल के दिनों में भर्ती परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक मामले में काफी छीछालेदर हुई है। अब राज्य सरकार इस पर नकेल कसने के लिए कड़ा कानून लाने जा रही है। राज्य में अब भर्ती परीक्षाओं के लिए घूस लेने वालों के साथ ही देने वालों को भी जेल होगी।

नकल करने पर परीक्षार्थी को अगले पांच साल तक प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इसके साथ ही एक लाख रुपये जुर्माना और अधिकतम तीन साल की सजा भी हो सकती है। यह भी पढ़ें : फॉलोअप: पुलिस कर्मी की पत्नी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, हत्यारे के लिए चाय बनाने गई थी महिला, तभी किए गए हथौड़े से प्रहार…!

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि भर्ती परीक्षाओं में नकल माफिया पर लगाम लगाने के लिए कठोर नकलरोधी विधेयक लाया जा रहा है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसी विधानसभा सत्र में यह विधेयक पेश किया जाएगा। यह भी पढ़ें : कुमाऊं विवि के पूर्व प्रोफेसर धामी के निधन पर शोक की लहर

सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित नकलरोधी विधेयक में यह प्राविधान भी होगा कि यदि परीक्षा कराने वाली कंपनी के संचालकों की ही नकल कराने में मिलीभगत पाई जाती है तो उस पर पांच करोड़ रुपए तक अर्थदंड लगाया जा सकता है। साथ ही कंपनी संचालकों के लिए सजा का प्रावधान दस साल तक किया जा सकता है।

नकलरोधी कानून में क्या और कड़े प्राविधान होने चाहिए इस पर आप भी अपनी राय दे सकते हैं। हम कोशिश करेंगे कि आपके सुझावों को सरकार तक पहुंचा सकें। यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री की फ्लीट को सही रास्ते से कार्यक्रम स्थल नहीं ले जा पाए इंस्पेक्टर पर एसएसपी ने की कार्रवाई, निलंबित…

इसके अलावा यूकेएसएसएससी ने राज्य में नकल पर अंकुश लगाने के लिए प्री और मेंस दोनों परीक्षाएं कराने का भी सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इससे नकल के जरिए भर्ती होने की गुंजाइश काफी कम हो जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अफसरों को देश के अन्य आयोगों की भी व्यवस्था परखने के निर्देश दिए हैं।

आयोग के अफसर इन राज्यों में जाकर वहां कंपनी के चयन की व्यवस्था से लेकर प्रश्न पत्र बनाने वाले विशेषज्ञों, स्ट्रांग रूम की व्यवस्था और केंद्रों में परीक्षाओं के संचालन के बाबत हर छोटी-बड़ी जानकारी जुटाएंगे। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के आयोगों की व्यवस्थाओं को अभी सटीक माना जाता है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच की याचिका खारिज

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायलय ने यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड चयन आयोग की भर्ती परीक्षा में हुई धांधली की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर दायर की गई प्रदेश के उपनेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी की याचिका को खारिज कर दिया है।

वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने बुधवार को इस मामले में 12 अक्टूबर को सुरक्षित रखे निर्णय को सुनाते हुए एसआईटी की जांच पर भरोसा जताते हुए यह निर्णय लिया है। ‘नवीन समाचार’ के माध्यम से दीपावली पर अपने प्रियजनों को शुभकामना संदेश दें मात्र 500 रुपए में… संपर्क करें 8077566792, 9412037779 पर, अपना संदेश भेजें saharanavinjoshi@gmail.com पर… यह भी पढ़ें : भारी पड़ी जन्मदिन पर घरवालों की रोकटोक के बावजूद दोस्तों के साथ जाने की जिद, जन्मदिन पर 23 वर्षीय बेटे की मौत से परिवार पर टूटा दुःख का पहाड़…

उच्च न्यायालय के इस निर्णय से विपक्ष व खासकर कांग्रेस पार्टी के इस मामले में राजनीतिक लाभ लेकर सरकार को घेरने के मंसूबे पर पानी फिर गया है। ऐसा इसलिए भी कि कांग्रेस नेता इस मामले में न्यायालय को समझा नहीं सके कि एसआईटी जांच में क्या कमी है, और क्यों वह सीबीआई जांच चाहते हैं। यह भी पढ़ें : लड़की को अकेली देख झपटा युवक, मोबाइल लेकर हुआ फरार, सीसीटीवी में कैद हुई घटना…

सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व शासकीय अधिवक्ता गजेंद्र सिंह संधू ने कहा कि इस मामले में 80 प्रतिशत जांच पूरी हो चुकी है। इस मामले में 46 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें से 28 से 30 आरोपितो के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर हो चुके है। यह भी पढ़ें : शिक्षिका को भारी पड़ा सातवी कक्षा के छात्र को टोकना, छात्र ने नहीं, जिन्होंने मारा शिक्षिका को थप्पड़, हुए गिरफ्तार……

उल्लेखनीय है कि ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा विस क्षेत्र से कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा था कि यूकेएसएसएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच एसटीएफ सही तरीके से नहीं कर रही है। मामले में अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई हैं छोटे-छोटे लोगों की हुईं हैं।

मामले में एक भी बड़े व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई। जबकि इसमें उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के कई बड़े अधिकारी व नेता शामिल हैं। आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें बचा रही है। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। यह भी पढ़ें : अब उत्तराखंड में भाजपा नेता ने दोहराया राहुल गांधी का ‘लड़कियां छेड़ने मंदिर जाने’ वाला बयान, तो मच गया हंगामा..

हालाँकि बाद में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमित कापडी ने कोर्ट को अवगत कराया था कि उनके संशोधित प्रार्थना पत्र उच्च न्यायालय में पेश करने के बाद एसटीएफ ने आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ आरबीएस रावत को गिरफ्तार किया। अभी भी सरकार बड़े लोगों को बचा रही है। ऐसे ही नकल करने से सम्बंधित मामले में 2020 में मंगलौर व पौड़ी में दो प्राथमिकी दर्ज हुई थी परन्तु उन पर भी कोई कार्यवाही नही हुई। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अभी भी भर्ती परीक्षाओं में धांधली, उत्तराखंड के प्रतिष्ठित सैन्य संस्थान की परीक्षा में ब्लू टूथ से नकल करते 3 मुन्ना भाई धरे गए

3 arrested for copying through Bluetooth in Group Cनवीन समाचार, देहरादून, 17 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड में लंबे समय से भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों के बड़े चर्चें हैं। यूकेएसएसएससी के भर्ती घोटाले में 42 लोग जेल में हैं, जबकि 21 पर गैंगस्टर लग चुकी है, इसके बावजूद नकलची अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। यह भी पढ़ें : फिर बड़ी वारदात : दिनदहाड़े पुलिस कर्मियों पर बदमाशों ने की फायरिंग, दो पुलिस कर्मी घायल  

बीते कल राजधानी में एसएसएससी दिल्ली द्वारा आयोजित दिल्ली पुलिस की भर्ती परीक्षा में देहरादून से एक मुन्ना भाई धरा गया है, जबकि रविवार फिर प्रतिष्ठित आईएमए यानी इंडियन मिलिटरी एकेडमी की ग्रुप सी परीक्षा के दौरान ब्लूटूथ से नकल करते हुए 3 लोगों को सेना के कक्ष निरीक्षकों ने पकड़ा। इसे सेना में जबर्दस्ती नकल करके घुसने व सेना को कमजोर करने का प्रयास भी माना जा रहा है। यह भी पढ़ें : शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करने का आरोपित गिरफ्तार

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को आईएमए देहरादून में आयोजित होने वाली ग्रुप सी परीक्षा के दौरान ब्लूटूथ से नकल करते हुए जींद हरियाणा निवासी 3 लोगों-सुखबीर पुत्र जयवीर, रोहित पुत्र हरमेरा व श्रवण कुमार पुत्र अजमेर को आर्मी के कक्ष निरीक्षकों ने पकड़ा, और ब्लूटूथ उपकरण के साथ थाना कैंट पुलिस को सुपुर्द कर दिया। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी के 2 स्पा सेंटरों से मुक्त कराई गईं 10 युवतियां

इस संबंध में थाना कैंट में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 तथा 3/9 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1998 और आईटी एक्ट की धारा 66क के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है। मामले की विवेचना प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र रावत द्वारा की जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आयोग ने की 8 भर्ती परीक्षाएं निरस्त करने की सिफारिश

नवीन समाचार, देहरादून, 15 अक्तूबर 2022। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के नए निजाम ने आयोग साख को बचाने या कहें कि लौटाने के लिए आयोग द्वारा पूर्व में कराई गई आठ भर्ती परीक्षाओं की गोपनीयता पर संदेह व्यक्त करते हुए सरकार से इन्हें निरस्त करने की सिफारिश की है। यह भी पढ़ें : नैनीताल ब्रेकिंग : रात्रि में खाई में गिरा युवक, सुबह पता चलने पर बचाया, पर हुई मौत

इन परीक्षाओं में से वैयक्तिक सहायक, कनिष्ठ सहायक, एलटी व पुलिस रैंकर्स का पूर्व में परिणाम भी जारी हो चुका है, जबकि वाहन चालक, अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी दूरसंचार का परिणाम आना अभी शेष है। ये परीक्षाएं पूर्व में निरस्त की गई परीक्षाओं के अतिरिक्त हैं। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी के 2 स्पा सेंटरों से मुक्त कराई गईं 10 युवतियां

आयोग के नए सचिव एसएस रावत की ओर से सचिव कार्मिक को भेजे गए पत्र में कहा गया कि इन में से सात परीक्षाओं में विवादित भर्ती एजेंसी आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस की भूमिका रही है। आयोग ने यह भी कहा है कि यदि फिर भी शासन परिणाम जारी करने का निर्णय लेता है, तो इसके लिए सफल अभ्यर्थियों का पिछला रिकार्ड देखा जाना चाहिए। यह भी पढ़ें : महिला की मौत मामले में उत्तराखंड में जिस खनन माफिया जफर की तलाश में घुसी

रावत ने पत्र में लिखा कि आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन के मालिक और कई कार्मिक पेपर लीक मामले को लेकर जेल में बंद हैं, इसलिए उक्त एजेंसी द्वारा कराई गई परीक्षा का परिणाम जारी करना हमेशा संदेह के घेरे में रहेगा। इन सभी परीक्षाओं को मिलाकर कुल पदों की संख्या चार हजार से अधिक बैठ रही है। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी के 2 स्पा सेंटरों से मुक्त कराई गईं 10 युवतियां

इसके अलावा आयोग के पत्र से वैयक्तिक सहायक परीक्षा में भी धांधली के संकेतों का इशारा किया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह परीक्षा एनसीईआईटी ने कराई थी। एनसीईआरटी द्वारा कराई गई वन दरोगा भर्ती में भी जांच चल रही है। इस परीक्षा के परिणाम तैयार करने के दौरान इसमें एक ही जिले के युवाओं का पास प्रतिशत सामान्य से अधिक नजर आ रहा है।

इसके अलावा पुलिस रैंकर्स भर्ती में लिखित परीक्षा का परिणाम जारी हो चुका है, लेकिन शारीरिक परीक्षा और विभागीय अंक नहीं जुड़ने के कारण अब तक अंतिम परिणाम तैयार नहीं हो पाया था, इस बीच अब इस परीक्षा पर भी संकट आ गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : UKSSSC भर्ती में हुई गजब धांधली, सचिव के घर में बनाया रिजल्ट, आयोग के अध्यक्ष की मौजूदगी में भरे ओएमआर सीट के खाली छुड़वाए गए गोले

उत्तराखंड VDO भर्ती बड़े स्तर पर धांधली | उत्तराखंड VDO VPDO भर्ती  महत्वपूर्ण सूचना - YouTubeनवीन समाचार, देहरादून, 9 अक्तूबर 2022। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई वीपीडीओ भर्ती में धांधली में एक के बार एक नए खुलासे हो रहे है। आयोग के अधिकारियों ने वीपीडीओ भर्ती में घपला करवाने के लिए सचिव एमएस कन्याल की पत्नी का घर किराये पर लिया था।

इसी घर में अध्यक्ष, सचिव, परीक्षा नियंत्रक और कंपनी के सीईओ की मौजूदगी में ओएमआर शीटों को स्कैन कर फाइनल रिजल्ट तैयार किया गया। इसके लिए पहले ही पैंसे देने वाले अभ्यर्थियों से ओएमआर शीट में उत्तरों के गोले खाली छुड़वाए गए थे और परिणाम तैयार करने के कमरे में ओएमआर शीट पर सही उत्तरों के गोलों को काला किया गया था।

उल्लेखनीय है कि इन सात लोगों में से पांच जेल जा चुके हैं, जबकि दो को सरकारी गवाह बनाया गया है। एसटीएफ की जांच में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। एसटीएफ के अनुसार, इस मामले में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. आरबीएस रावत मास्टरमाइंड बताया जा रहे है।

जांच में पाया गया कि रावत के कहने पर ही कन्याल ने आरएमएस कंपनी के सीईओ राजेश पाल से संपर्क किया था। परीक्षा में धांधली की पूरी कहानी राजेश पाल ने तैयार की थी। रावत के कहने पर आयोग के नाम से पित्थूवाला स्थित एमएस कन्याल की पत्नी के नाम के घर के दो कमरे किराये पर लिये थे।

यहीं आरोपितों ने पहले से ही लगभग 50 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीटों में खाली छोड़े गए गोले काले किए थे। इसके बाद ओएमआर शीटों की स्कैनिंग कर परिणाम निकाला गया। इस दौरान वहां आरबीएस रावत, एमएस कन्याल, आरएमएस कंपनी का सीईओ राजेश पाल, कर्मचारी विपिन बिहारी, परीक्षा नियंत्रक राजेश पोखरिया मौजूद थे। इनमें से अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक को शनिवार को जेल भेजा गया है। जबकि, सीईओ राजेश पाल और विपिन बिहारी पहले ही जेल जा चुके हैं। दो को एसटीएफ ने सरकारी गवाह बनाया है।

बताया गया है कि इस परीक्षा में करीब 50 अभ्यर्थियों से प्रति अभ्यर्थी सात से आठ लाख रुपये का सौदा हुआ था। इनमें ऊधमसिंह नगर जिले के एक गांव के 20 से ज्यादा अभ्यर्थी भी शामिल बताए गए हैं। नकल सिंडीकेट के कहने पर यह सभी आयोग के सचिव कन्याल से मिले थे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार : पुलिस भर्ती घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, नकल माफिया सहित 12 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज..

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 8 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड में हुई दारोगा भर्ती मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस ने जांच रिपोर्ट के आधार पर हल्द्वानी में 12 लोगों पर पहला मुकदमा दर्ज कर लिया है। इनमें परीक्षा हेतु अधिकृत संस्थान के नरेन्द्र सिंह जादौन, दिनेश चन्द्र जोशी, नकल माफिया हाकम सिंह, चन्दन मनराल, केन्द्र पाल, सादिक मूसा, रूपेश जायसवाल, राजेश कुमार चौहान, संजीव कुमार चौहान, राजेश पाल, विपिन बिहारी व नितीश गुप्ता आदि सिडिकेट के सदस्य शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में विजीलेंस के निदेशक ने शासन से भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 466, 467, 201 व 120बी तथा उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा-अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम 1998 की धारा 3, 45, 7, 9 व 10 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998, संशोधित 2018 की धार 7ए, 12, 13-1ए व 13-2 में अभियोग पंजीकृत किए जाने का अनुरोध किया था, इस पर शासन से विजीलेंस को शासन से स्वीकृति मिल गई थी। इसके बाद अब मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में आरोपितों को जमानत मिलनी शुरू…

नवीन समाचार, देहरादून, 8 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड के बहुचर्चित यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के भर्ती घोटाले में आरोपितों को जमानत मिलनी शुरू हो गयी है। शुक्रवार को पंतनगर विश्वविद्यालय के अधिकारी रहे दिनेश जोशी सहित 4 आरोपितों को देहरादून की आशुतोष कुमार मिश्रा की अदालत ने दो दिन तक चली बहस के बाद जमानत दे दी।

अदालत ने माना कि पुलिस एवं एसटीएफ आरोपितों के विरुद्ध लगाए गए आरोपों के समर्थन में पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। एसटीएफ की ओर से आरोप लगाए लगाए गए थे कि दिनेश जोशी ने 80 लाख रुपए लेकर अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र बेचा था मगर एसटीएफ आरोपित से इतनी धनराशि बरामद नही कर पाई और न ही अभ्यर्थियों के प्रश्न पत्र खरीदने के लिखित बयान दर्ज करा पाई। मात्र मौखिक बयानों को आधार पर आरोप लगाए गए। इस कारण आरोप न्यायालय में टिक नहीं पाए।

इस आधार पर अदालत ने दिनेश जोशी सहित 4 आरोपितों-अंकित रमोला, तुषार चौहान और भावेश जगूड़ी को एक-एक लाख रुपए के निजी मुचलके और एक लाख के बांड के आधार पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दे दिये। अलबत्ता उनके देश छोड़ने पर अदालत ने रोक लगाई है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में गौरतलब है कि एसटीएफ ने इस मामले में 41 आरोपितों की गिरफ्तारी की है और इनमे से 21 आरोपितों पर पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : 2015 के दरोगा भर्ती फर्जीवाड़े में बड़ा समाचार: शासन ने दी विजीलेंस को दी अभियोग पंजीकृत करने की स्वीकृति

नवीन समाचार, देहरादून, 7 अक्तूबर 2022। वर्ष 2015 में में हुई 238 पुलिस उप निरीक्षकों यानी दरोगाओं की भर्ती के फर्जीवाड़े में बड़ा समाचार है। शासन ने इस मामले में शुक्रवार को सतर्कता अधिष्ठान यानी विजीलेंस के निदेशक को अभियोग पंजीकृत करने की स्वीकृति दे दी है।

IMG 20221007 WA0016अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने शुक्रवार को इस बारे में विजीलेंस के निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि शासन स्तर पर इस बारे में विजीलेंस के प्रस्ताव पर सहमति देते हुए दोषियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करने का निर्णय लिया गया है।

पत्र में ही बताया गया है कि विजीलेंस के निदेशक ने इस मामले में शासन से भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 466, 467, 201 व 120बी तथा उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा-अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम 1998 की धारा 3, 45, 7, 9 व 10 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998, संशोधित 2018 की धार 7ए, 12, 13-1ए व 13-2 में अभियोग पंजीकृत किए जाने का अनुरोध किया था जिसकी स्वीकृति अब विजीलेंस को मिल गई है। इसके बाद इस मामले में आरोपित पुलिस दरोगाओं के नाम सामने और पूरे मामले की जांच होने के साथ उनकी नौकरी पर तलवार लटक गई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पुलिस दरोगा भर्ती जांच मामले में बड़ा समाचार, अब सामने आएंगे फर्जी तरीके से भर्ती दरोगाओं के नाम…

नवीन समाचार, देहरादून, 22 सितंबर 2022। 2015 में हुई दरोगा भर्ती की जांच मामले में बड़ा समाचार है। इस मामले की जांच कर रही उत्तराखंड पुलिस के हल्द्वानी स्थित कुमाऊं सतर्कता मुख्यालय ने शासन को पत्र भेजकर प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुमति मांगी है।

इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक सतर्कता प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि शासन द्वारा उन्हें सतर्कता जांच के निर्देश मिले थे। जांच में प्रथम दृष्टया कमियां मिली हैं। लिहाजा इसके बाद मामले में प्राथमिकी कराने के लिए शासन की अनुमति मांगी गई है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन उप निरीक्षकों के नाम सामने आएंगे जो अवैधानिक तरीके से सेवा में आए हैं।

उल्लेखनीय है कि 2015 में 339 पदों पर उप निरीक्षक पद पर भर्ती हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस नियुक्ति की गड़बड़ी की जांच सतर्कता को सौंपी गई है। अब कुमाऊं सतर्कता दल ने जांच प्रारंभ कर दी है जल्द ही अनियमित रूप से भर्ती हुए दारोगाओं पर कार्रवाई होगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड पुलिस की दरोगा भर्ती की विजीलेंस जांच शुरू, टॉपर होने के बावजूद फिसड्डी दरोगाओं में हड़कंप !

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 22 सितंबर 2022। विजिलेंस ने उत्तराखंड पुलिस की दरोगा भर्ती की जांच शुरू कर दी है। प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार ने इसी पुष्टि करते हुए कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।

बताया जा रहा है कि विजिलेंस की जांच शुरू होते ही राज्य में खासकर 2015 बैच के दरोगाओं यानी सब इंस्पेक्टरों यानी उप निरीक्षकों में हड़कंप मचा है। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015 में उत्तराखंड में 339 दारोगा भर्ती हुए। इनमें से कुमाऊं में 120 दारोगा तैनात हैं। इनमें 46 ऊधमसिंह नगर व 38 नैनीताल, पिथौरागढ़ में 15 और अल्मोड़ा, चंपावत व बागेश्वर में सात-सात दरोगा सेवारत हैं। सभी दारोगाओं का मुख्यालय से रिकार्ड लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

यह भी बताया जा रहा है कि विजीलेंस के निशाने पर सबसे पहले वह टॉपर दरोगा हैं, जिनकी कार्यशैली लचर है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ दरोगाओं को हिंदी लिखने में भी दिक्कत होती है। चर्चा है कि वह केस डायरी भी नहीं लिख पाते और यह काम पैंसे देकर या कोई बहाना बनाकर अपने मातहतों से कराते हैं। ऐसे दारोगाओं पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पुलिस दरोगा भर्ती में हुई धाधली में 30-35 दरोगाओं की जा सकती है नौकरी, नकल करके पास हुए, केस डायरी भी नहीं भर पाते…

नवीन समाचार, देहरादून 6 सितंबर 2022। उत्तराखंड में भर्तियों में हुई धांधली को लेकर बवाल मचा है। विधानसभा सचिवालय में पिछले दरवाजे से हुई नियुक्तियों के साथ ही पुलिस दरोगा भर्ती में हुई धांधली की भी जांच शुरू हो गई है।

गोपनीय जांच में पता चला है कि वर्ष 2015 में भर्ती हुए 30 से 35 दरोगा फजीर्वाड़ा कर पास हुए। यह सख्या उस वर्ष भर्ती हुए कुल दरोगाओं की 10 फीसदी बताई जा रही है।

पता चला है कि यह अपना मूल काम केस डायरी तक लिखना नहीं जानते हैं। इसके लिए वे अक्सर व्यस्तता का दावा कर अपने साथियों और जूनियरों को पैसे देते हैं ताकि समय पर केस डायरी लिखी जा सके। विभाग में ऐसे दरोगाओं की इन दिनों खूब चर्चा है। उल्लेखनीय है कि दरोगा भर्ती को लेकर पहले भी आरक्षण को लेकर विवाद हो चुका है। पहले भर्ती में विवाद हुआ था।

प्रदेश के डीजीपी ने इस मामले में विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके बाद ऐसे दरोगाओं पर सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है। जांच में इनके नकल कर पास होने की पुष्टि हुई तो उन्हें नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है। इतना ही नहीं गड़बड़ी पाए जाने पर कुछ विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि बिना उनकी मिलीभगत के भर्ती में गड़बड़ी करना असंभव है।

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि प्राथमिक पड़ताल में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसी कारण उन्होंने विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी। जांच में कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी के स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रश्न पत्र के लीक मामले में आरोपित हाकम की करोड़ो की संपत्ति पर पहुंच गए हैं बुल्डोजर

jagranनवीन समाचार, उत्तरकाशी, 4 अक्तूबर 2022। यूकेएसएसएससी के स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रश्न पत्र के लीक मामले में आरोपित पूर्व भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत के सांकरी मोरी स्थित वन विभाग की भूमि पर बने दो रिसॉर्टों पर आज मंगलवार को बुलडोजर चलने की पूरी संभावना है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न थानों के पुलिस बल मौके पर तैनात हो गए हैं।

बताया गया है कि इसके लिए प्रशासन व वन विभाग ने लोक निर्माण विभाग की दो जेसीबी मौके पर बुलाई हैं। वहीं रिसॉर्ट तोड़े जाने की सूचना पर हाकम सिंह की पत्नी व परिजन भी बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे हैं। मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ भी जमा है। लोग फिर से जांच करने की मांग कर रहे हैं।

jagranउल्लेखनीय है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर एसडीएम कोर्ट ने पुनः हाकम सिंह रावत के सांकरी रिसॉर्ट की नाप-छाप के निर्देश दिए थे। जांच में हाकम के राजस्व विभाग की 1.128 हेक्टेयर भूमि पर बने आलीशान रिसॉर्ट सहित तीन भवन राजस्व भूमि पर चिन्हित किए गए हैं। जबकि दो भवन और 0.907 हेक्टेयर भूमि पर 130 पेड़ों का सेब का बागीचा गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय उद्यान की भूमि पर चिन्हित किया गया है।

इन रिसॉर्ट का निर्माण पिछले 12 वर्षों के अंतराल में हुआ है। इन रिसॉर्ट को बनाने की न तो कहीं से अनुमति ली गई और न इनका कोई पंजीकरण किया। जो पूरी तरह से अवैध हैं। जांच के बाद अवैध रिसॉर्ट को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने इसकी पुष्टि की है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 29 सितंबर 2022। यूकेएसएसएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में आरोपित उत्तरकाशी का जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत अपनी रिहाई के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय पहुंच गया है। यहां उसने अपने रिमांड आदेश को चुनौती दी है।

वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले हाकम की पत्नी भी अपने घर के ध्वस्तीकरण के विरुद्ध उच्च न्यायालय पहुंच गई थी।

हाकम सिंह ने याचिका में कहा है कि उसे रिमांड पर गलत तरीके से लिया गया। रिमांड पर लेते समय भारतीय दंड संहिता की धारा 41 ए का अनुपालन नहीं किया गया। उसे किस अपराध के लिए रिमांड पर लिया गया, इसकी जानकारी नहीं दी गई और बिना कारण बताए उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। पहले पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 में मुकदमा दर्ज किया और बाद में उसमें 467, 468, 471 व 34 धाराएं भी बढ़ा दीं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 27 सितंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की पीठ ने यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले के आरोपित निष्कासित भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह की पत्नी की याचिका पर सरकारी भूमि पर बनाए गए अवैध भवन के ध्वस्तीकरण की प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। अलबत्ता, न्यायालय ने हाकम सिंह की पत्नी से 28 सितंबर को शाम 4 बजे तक अपने जमीन संबंधित कागजात उप जिलाधिकारी पुरोला के समक्ष पेश करने को कहा है।

न्यायालय ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता विवादित मकान के सम्बंध में दस्तावेज दिखाने में सफल होती है तो उसे ध्वस्त नहीं किया जाएगा और यदि वह दस्तावेज पेश नहीं कर सकी तो ध्वस्तीकरण में खर्च को भी याचिकाकर्ता से वसूल किया जाएगा। साथ ही प्रशासन को दस्तावेज पेश न होने पर सर्वे टीम की रिपोर्ट के बाद अतिक्रमण पर कार्रवाई करने को कहा है।

मंगलवार को हाकम सिंह की पत्नी विशुली देवी की याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि जिस भूमि पर मकान बना है, वह उनकी निजी भूमि है। उसके पति जेल में हैं और प्रशासन निर्माण पर कार्रवाई कर रहा है। स्थानीय प्रशासन की ओर से उन्हें बुधवार सुबह दस बजे तक इस भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये हैं। लिहाजा याचिका में उत्तरकाशी जिला प्रशासन की ओर से जारी नोटिस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 26 सितंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने यूकेएसएसएससी की परीक्षा में हुई गड़बड़ी की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार से एक सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता के संसोधन प्रार्थना पत्र पर आपत्ति पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 अक्तूबर की तिथि नियत की है।(डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार: आज एक और निष्कासित भाजपा नेता की अवैध संपत्तियों पर चलेगा बुल्डोजर….?

Screenshot 20220925 050730 Samsung Internet.jpgनवीन समाचार, देहरादून, 25 सितंबर 2022। उत्तराखंड सरकार ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा से संबंध रखने वाले डॉ. विनोद आर्य व डॉ. अंकित आर्य तथा उनके बेटे व भाई पुलकित आर्य पर कड़ी कार्रवाई की है। यहां तक उसके रिजॉर्ट के गेट आदि पर बुल्डोजर भी चलाया। अब उत्तराखंड सरकार भाजपा से संबंध रखने वाले एक और अपराधी,

नकल माफिया हाकम सिंह की अवैध संपत्तियों और रिजॉर्ट आदि पर आज बुल्डोजर चलाने की बात की जा रही है। बताया जा रहा है कि इसकी तैयारियां हो गई हैं। मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। माना जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार भाजपा से संबंध रखने वाले नेताओं के खिलाफ इस तरह की कड़ी कार्रवाई कर राज्य में अपराधियों के खिलाफ कोई मुरौबत न बरतने की नजीर पेश करने की कोशिश कर रही है।

उत्तराखंड एसटीएफ यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले के चर्चित नकल माफिया हाकम सिंह संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई में लगी हुई है। हाकम सिंह द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्तियों का उत्तराखंड एसटीएफ ने प्रशासन और राजस्व की टीम के साथ मिलकर आंकलन किया है, जिसे अब जब्त किया जाएगा। बताया गया है कि हाकम सिंह के तहसील मोरी में ग्राम सिदरी में निर्मित रिजॉर्ट और भवन की एसटीएफ एवं राजस्व पुलिस द्वारा की गई संयुक्त जांच में यह रिजॉर्ट राज्य सरकार की भूमि पर तथा गोविंद वन्यजीव विहार पुरोला की जमीन पर अवैध रूप से निर्मित पाया गया है।

रिजॉर्ट का पंजीकरण होम स्टे के लिए आवेदन करने के उपरांत सही कागजात न होने पर नहीं कराया गया, लिहाजा इसका अवैध संचालन किया जा रहा था। ऐसे में आज अवैध रिजॉर्ट पर बुलडोजर सरकार चला सकती है।

हाकम सिंह के राजस्व भूमि पर बनाए गए अवैध रिजॉर्ट को राजस्व विभाग उत्तरकाशी द्वारा अपर जिला अधिकारी के नेतृत्व में नष्ट किया जाना प्रस्तावित है, लिहाजा मौके पर आवश्यक पुलिस बल तैनात किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। हाकम सिंह की 5 हजार वर्ग मीटर जमीन कोटगांव में, 1250 वर्ग मीटर जमीन ग्राम भीतरी में, 3000 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन कोट गांव के पास, 2850 वर्ग मीटर जमीन भीतरी गांव के पास हैं।

हाकम सिंह ने देहरादून में भी करीब 1000 वर्ग मीटर भूमि पर तीन मंजिला मकान बना रखा है। उत्तराखंड एसटीएफ की जांच में इन अवैध संपत्तियों की कीमत करोड़ों रुपए में है। इसके अलावा हाकम सिंह के पास कुछ लग्जरी गाड़ियां भी है।

उल्लेखनीय है कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदेश दिया था कि आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की जाए और 14 (1) के तहत आरोपितों की अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति को जब्त किया जाए। उसी के तहत डीजीपी अशोक कुमार के आदेश पर एसटीएफ ने सबसे पहले हाकम सिंह की सेब के बागान, आलीशान रिसॉर्ट, बेशकीमती भवन, 7 बैंक खाते समेत करोड़ों रुपए की संपत्ति की जांच की है।

उत्तराखंड एसटीएफ अब इन संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई कर रही है। उसके बैंक खातों में पड़ी करीब 16 लाख रुपए की धनराशि को फ्रीज भी कर दिया गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार : विधानसभा में बैकडोर से हुई नेताओं के चहेतों की नियुक्ति पर विधानसभा अध्यक्ष ने कर दिया कार्रवाई का ऐलान, फूटने लगे आंसू…

Speaker Ritu Khanduri vidhan sabha backdoor recruitment cancel - विधानसभा  बैकडोर भर्ती पर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी का एक्शन, भर्तियां निरस्त करने का ऐलाननवीन समाचार, देहरादून, 23 सितंबर 2022। विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्तियों के मामले में पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सख्ती दिखाते हुए सभी भर्तियां निरस्त करने का ऐलान कर दिया हैं। उन्होंने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल के समय की गईं भर्तियों को निरस्त करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भर्तियों को निरस्त करने के लिए उत्तराखंड सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। देखें विडियो :

शुक्रवार को विधानसभा में आयोजित पत्रकार वार्ता में खंडूड़ी ने बताया कि जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें भर्तियों में कई अनियमिताओं को उजागर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भर्तियों के लिए किसी भी चयन समिति का गठन नहीं किया गया। भर्तियों के लिए न ही कोई विज्ञापन निकाला और न ही कोई सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की गई।

बताया कि 2016 में 150, 2020 में छह और 2021 की 72 भर्तियों को निरस्त करने का प्रस्ताव तत्काल सरकार को भेजा जा रहा है। बताया कि अनुमोदन प्राप्त होते ही सभी नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी जाएंगी। उपनल द्वारा की गईं 22 भर्तियों को भी निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, विधानसभा में 32 पदों के लिए मार्च में आयोजित भर्ती परीक्षा को भी निरस्त कर दिया गया है।

भर्ती परीक्षा कराने वाली एजेंसी जांच के दायरे में है और इस भर्ती परीक्षा का अभी तक रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। खंडूड़ी ने बताया कि भर्ती परीक्षा में विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका भी संदिग्घ है और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित भी किया गया है।

फैसला आते ही निकल गए कर्मचारियों के आंसू
2016 के बाद नियुक्त सभी कमर्चारियों की नियुक्ति निरस्त किए जाने का फैसला सामने आते ही प्रभावित कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। विरोध करते हुए महिला कर्मचारियों ने तत्काल विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के कार्यालय के बाहर जमा होकर विरोध दर्ज करना शुरु कर दिया है। कई महिलाएं इस दौरान रो रही हैं।

उन्होंने 2016, 2020 और 2021 के कमर्चारियों को टारगेट किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य गठन के समय से नियुक्त सभी कर्मचारियों के लिए एक मानक रखने की मांग की है। इसके साथ ही विधानसभा में गहमागहमी तेज हो गई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड विधानसभा में हुई विवादास्पद भर्तियों की विशेषज्ञ समिति ने जांच पूरी कर रिपोर्ट विस अध्यक्ष को सौंपी…

Imageनवीन समाचार, देहरादून, 23 सितंबर 2022। उत्तराखंड विधानसभा में हुई विवादास्पद भर्तियों की जांच पूरी कर विशेषज्ञ समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट की सिफारिशों का खुलासा विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण अगले एक-दो दिन में इसका खुलासा कर सकती हैं। समिति की जांच में राज्य गठन के बाद से 2022 तक कांग्रेस व भाजपा सरकारों के कार्यकाल में विधानसभा में बैक डोर से, नेताओं द्वारा अपने रिश्तेदारों व जान-पहचान वालों की की गई भर्तियां शामिल हैं।

श्रीमती खंडूड़ी ने स्वयं इस बात का खुलासा करते हुए शुक्रवार को सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘कल देर रात्रि को कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र से भ्रमण के बाद देहरादून अपने शासकीय आवास पर पहुंचने पर विधानसभा भर्ती प्रकरण से संबंधित जांच रिपोर्ट जांच समिति द्वारा मुझे सौंप दी गई है। इस अवसर पर जांच समिति के अध्यक्ष डीके कोटिया जी, एसएस रावत जी एवं अवनेंद्र सिंह नयाल जी मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि पूर्व आईएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में गठित सुरेंद्र सिंह रावत और अवनेंद्र सिंह नयाल की विशेषज्ञ समिति ने 20 दिन में भर्तियों की जांच पूरी कर रिपोर्ट तैयार की है। विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट आने के बाद हलचल बढ़नी तय है। सूत्रों के अनुसार जांच समिति ने विधानसभा में भर्तियों, अधिकारियों व कर्मचारियों की पदोन्नतियों में नियमों का पालन न करने की बात कही है। इसके बाद सबकी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की ओर से जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई को लेकर टिकी हैं।

गौरतलब है कि भर्तियों की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा करते समय अध्यक्ष खंडूड़ी ने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया था कि जांच रिपोर्ट आने पर दूध का दूध और पानी का पानी होगा। विधानसभा की गरिमा को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने से भी वह पीछे नहीं हटेंगी। समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष कार्रवाई के लिए क्या फैसला लेती हैं। इसका खुलासा एक-दो दिन में हो सकता है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : Big Breaking : यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में दो लाख का ईनामी सादिक मूसा और एक लाख का ईनामी योगेश्वर राव गिरफ्तार

IMG 20220915 WA0036.jpgनवीन समाचार, देहरादून, 11 सितंबर 2022। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रश्न पत्र प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के क्रम में आज शाम दोनो ईनामी आरोपितों को यूपी एसटीएफ द्वारा लखनऊ पॉलीटेक्निक चौराहे से गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही कुछ घंटों में पहुंची एसटीएफ उत्तराखंड की टीम को दोनो को सुपर्द कर हिरासत में ले लिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सूचना प्राप्त हुई कि दो लाख का ईनामी सादिक मूसा और एक लाख का ईनामी योगेश्वर राव लखनऊ और आसपास के किसी स्थान पर आ सकता है जिसपर उत्तराखंड एसटीएफ की एक विशेष टीम को रवाना किया गया था। पूर्व में ईनाम घोषित होने पर लगातार उत्तर प्रदेश एसटीएफ से उत्तराखंड एसटीएफ का समन्वय बना हुआ था,जिसपर यूपी एसटीएफ लगातार सक्रिय थी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में हुई सुनवाई, सरकार से जवाब तलब…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 12 सितंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। एकलपीठ ने सरकार से पूछा है कि परीक्षा में किस किस की नियुक्ति कैसे कैसे हुई, उसका पूरा चार्ट बनाकर जवाब कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई की तिथि 21 सितम्बर से पहले दाखिल करें।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि यूकेएसएसएससी द्वारा कराई गई परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जाँच एसटीएफ सही तरीके से नही कर रही है। अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई है वे छोटे-छोटे लोगो की हुई है। जबकि बड़े लोगों की अभी तक एक भी गिरफ्तारी नही हुई है। इसमे यूपी और उत्तराखंड के कई बड़े-बड़े अधिकारी और नेता शामिल हैं और सरकार उनको बचा रही है। इसलिए इस मामले की जाँच एसटीएफसे हटाकर सीबीआईसे कराई जाए।

हालांकि पूर्व में एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से भी आज 12 सितम्बर तक यह बताने को कहा था कि वह इस मामले की जांच सीबीआईसे क्यों कराना चाहते हैं? उन्हें एसटीएफ की जाँच पर क्यों संदेह हो रहा है ? क्या एसटीएफ जांच में किसी को बचा रही तो वह नाम बताएं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी पेपर लीक घोटाले की उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई, जानें क्या हुआ ?

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 5 सितंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओ में प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में सीबीआई जांच की मांग करने वाली कांग्रेस विधायक व उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी की याचिका पर सोमवार को वरिष्ठ न्यायमुर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने सुनवाई की।

इस दौरान एकलपीठ ने याची से 12 सितम्बर तक यह बताने को कहा है कि वह इस मामले की जांच सीबीआईसे क्यों कराना चाहते हैं? उन्हें एसटीएफ की जाँच पर क्यों संदेह हो रहा है ? क्या एसटीएफ जांच में किसी को बचा रही तो वह नाम बताएं। मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।

उल्लेखनीय है कि उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा है कि यूकेएसएसएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जाँच एसटीएफ सही तरीके से नही कर रही है। अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई है वे छोटे-छोटे लोगो की हुई है। जबकि बड़े लोगों की अभी तक एक भी गिरफ्तारी नही हुई है। इसमे यूपी और उत्तराखंड के कई बड़े-बड़े अधिकारी और नेता शामिल हैं और सरकार उनको बचा रही है।

इसलिए इस मामले की जाँच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए। याचिकाकर्ता ने याचिका में संशोधन के लिए न्यायालय से समय भी मांगा है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत व शासकीय अधिवक्ता गजेंद्र सिंह संधु की ओर से कहा गया कि याचिका राजनीतिक कारणों से दाखिल की गई है इसलिए पोषणीय नहीं है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामलों ने 6 अधिकारियों की गर्दनों तक जांच का शिकंजा, सीबीआई जांच के भी संकेत..

नवीन समाचार, देहरादून, 11 सितंबर 2022। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रश्न पत्र प्रकरण में अब जांच का शिकंजा एक कदम आगे बढ़ते हुए आयोग के उच्चाधिकारियों की गरदनों तक पहुंचने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी सहित पांच अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस जांच की अनुमति दे दी है। विजिलेंस से इस जांच को जल्द पूरा करने को कहा गया है। माना जा रहा है कि विजिलेंस इन अधिकारियों की संपत्ति की भी जांच करेगी।

उल्लेखनीय है कि यह भर्ती घपला सामने आने के बाद यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष व पूर्व आइएएस एस राजू ने पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि शासन ने सचिव संतोष बडोनी को पद से हटाने के बाद निलंबित कर दिया था। इस क्रम में पुलिस मुख्यालय ने शासन को पत्र भेजकर मामले की जांच विजिलेंस से कराने और आरोपित अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया था।

जिसमें सामने आया कि परीक्षा आयोजित करवाने वाली कंपनी आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन का अनुबंध अक्तूबर 2019 में ही समाप्त हो गया था। इसके बावजूद कंपनी से ना सिर्फ काम लिया गया बल्कि 22 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया।

एसटीएफ ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका भी स्पष्ट की थी। अब शनिवार को इसी रिपोर्ट के आधार पर सीएम से अनुमोदन लेने के बाद सतर्कता विभाग ने आयोग के तत्कालीन सचिव व कुछ समय तक परीक्षा नियंत्रक का पदभार देखने वाले संतोष बडोनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी के अलावा अनुभाग अधिकारी बृज लाल शाह, दीपा जोशी और कैलाश नैनवाल शामिल परीक्षा नियंत्रक सहित छह के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। ये तीनों आयोग के गोपन व अति गोपन अनुभागों में तैनात रहे हैं।

बताया गया है कि पीसीएस अधिकारी डांगी इसी साल जनवरी में सेवानिवृत्त हो गए थे, इसके बाद परीक्षा नियंत्रक की भूमिका भी बड़ोनी के पास थी। इसके साथ ही आयोग में गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी बृजलाल बहुगुणा, दीपा जोशी, कैलाश नैनवाल भी जांच के दायरे में आए हैं। कंपनी को किए गए भुगतान की फाइल में इन सभी के हस्ताक्षर हैं।

इसके साथ ही आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन के मालिक राजेश चौहान की भी विजिलेंस जांच होगी। इसमें से संतोष बडोनी को आयोग से हटाने के बाद सरकार निलंबित भी कर चुकी है। जबकि पीसीएस अधिकारी डांगी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बहुगुणा और दीपा जोशी की नियुक्ति मूल रूप से दूसरे विभागों में है, दो साल पहले ही उनका कैडर मर्जर किया गया।

इधर, पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को लेकर मंत्रिमंडल के निर्णयों पर आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आयोग की पांच परीक्षाएं निरस्त करने से पहले परीक्षा के लिए निर्धारित आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों के बारे में निर्णय लिए जाने चाहिए थे।

दूसरी ओर नैनीताल में केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री तथा क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट ने कहा कि जरूरत पड़ने पर मामले की सीबीआई जांच कराई जाएगी। गौरतलब है कि इस मामले में देहरादून में बड़े प्रदर्शन के बाद अब हल्द्वानी में आगामी 14 सितंबर को बड़े प्रदर्शन की तैयारी युवाओं के द्वारा की जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : यूकेएसएसएससी पेपर लीक घोटाले में आयोग के पूर्व सचिव व वित्त नियंत्रक सहित 5 अधिकारी भी आ सकते हैं जांच के दायरे में…

नवीन समाचार, देहरादून, 6 सितंबर 2022। यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रश्न पत्र लीक घोटाले में आयोग के पूर्व सचिव और परीक्षा नियंत्रक सहित पांच अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो सकती है। एसटीएफ ने पुलिस मुख्यालय के माध्यम से शासन को पत्र लिखकर इन अधिकारियों जांच कराने का अनुरोध किया है।

बताया गया है कि आयोग की स्नातक स्तरीय और सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा तथा वन दारोगा भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी व पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी सहित तीन अन्य अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आ रही है।

विदित हो कि 4 व 5 दिसंबर 2021 को आयोग ने विभिन्न विभागों में स्नातक स्तर के 916 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इसके छह माह बाद 22 जुलाई 2022 को उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को भर्ती की जांच कराने का आदेश दिया। पुलिस महानिदेशक के आदेश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को सौंपी गई।

जांच में सामने आया कि आयोग ने लखनऊ के जिस प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस प्रा. लि. को प्रश्न पत्र छापने और परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी, उसके मालिक ने ही प्रश्न पत्र लीक कर दिया। एसटीएफ अब तक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक सहित 34 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है

एसटीएफ से जुड़े सूत्रों की मानें तो प्रिंटिंग प्रेस के मालिक और स्टाफ से हुई पूछताछ के बाद शक की सुई पूर्व सचिव व पूर्व परीक्षा नियंत्रक समेत आयोग के पांच अधिकारियों की तरफ भी घूम गई है। एसटीएफ को प्रश्न पत्र लीक मामल में इनके शामिल होने का संदेह है।

इसके अलावा सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में भी इन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इस परीक्षा का प्रश्न पत्र देहरादून में आयोग के मुख्यालय के भीतर स्थापित प्रिंटिंग प्रेस में छापा गया था, वहां से भी आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस के स्टाफ ने प्रश्न पत्र लीक कर दिया।

इसके अलावा वन दारोगा भर्ती परीक्षा में भी आयोग के अधिकारियों की भूमिका शक के दायरे में है। आयोग ने मुंबई की जिस एनएसईआइटी कंपनी को आनलाइन परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी थी। इस कंपनी से मध्य प्रदेश में तीन भर्ती परीक्षाएं आनलाइन कराई थीं। इनमें नकल का मामला सामने आने पर मध्य प्रदेश सरकार ने तीनों परीक्षाएं निरस्त कर कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग-बड़ा समाचार : UKSSSC पेपर लीक घोटाले में 34वीं गिरफ्तारी, रुपए भी बरामद..

Imageनवीन समाचार, देहरादून, 4 सितंबर 2022। एसटीएफ उत्तराखंड ने रविवार को भी यूकेएसएसएससी पेपर लीक घोटाला मामले में गिरफ्तारियो का सिलसिला जारी रखा है। आज उत्तर प्रदेश के नकल सरगना सादिक मूसा के अहम साथी संपन्न राव गोमतीनगर लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। यह इस मामले में 34वीं गिरफ्तारी है।

बताया गया है कि पुख्ता तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पकड़ा गया मूल रूप से गाजीपुर उत्तर प्रदेश का निवासी है और नकल सरगना सादिक मूसा का साथी है। उस पर आरोप है कि उसने अन्य आरोपितों के साथ परीक्षा से पहले हल्द्वानी में आकर रुकना और पेपर लीक करने में अहम भूमिका निभाई थी। आरोपित से 3.80 लाख रुपए भी बरामद हुए है।

उल्लेखनीय है कि एसटीएफ उत्तराखंड द्वारा पूर्व में गिरफ्तार अन्य आरोपित विपिन बिहारी के घर से 6 लाख रुपए उसके लखनऊ स्थित आवास से बरामद किए गए है। साथ ही बताया गया है कि इस मामले में अब तक कुल 92 लाख रुपए की नगदी बरामद की जा चुकी हैं। साथ ही पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों से करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति का भी पता लगाया गया है। दर्जनों बैंक खातों को भी फ्रिज किया जा चुका है।

उल्लेखनीय है कि एसटीएफ उत्तराखंड की रिपोर्ट पर आज थाना रायपुर में इस मामले के 21 आरोपितों पर गैंगस्टर अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। इसके बाद आरोपितों की अवैध चल-अचल संपत्ति को जब्त करने की विधिवत कार्यवाही भी शुरू हो पाएगी। इसके अलावा एसएसपी एसटीएफ उत्तराखंड द्वारा पेपर लीक के सरगना और साथी सैय्यद सादिक मूसा निवासी अंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश और योगेश्वर राव निवासी लखनऊ उत्तर प्रदेश पर पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : UKSSSC पेपर लीक घोटाले में 33वीं गिरफ्तारी, अब यूकेएसएसएससी का कर्मी ही गिरफ्तार

नवीन समाचार, नैनीताल, 3 सितंबर 2022। पेपर लीक मामले में एसटीएफ उत्तराखंड ने शनिवार को 33वीं गिरफ्तारी कर ली है। यूकेएसएसएससी के पीआरडी कर्मचारी संजय राणा पुत्र हयात सिंह राणा निवासी भीमतला जिला चमोली को आज गिरफ्तार किया गया है।

बताया गया है कि आज पकड़े गए आरोपित ने पूर्व पीआरडी कर्मचारी मनोज जोशी के साथ मिलकर अपने घर मे लखनऊ से लीक प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी करवाई थी और अपनी पत्नी को प्रश्न पत्र देकर चयनित करवाया था। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : UKSSSC पेपर लीक घोटाले में 32वी गिरफ्तारी

नवीन समाचार, देहरादून, 1 सितंबर 2022। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने शुक्रवार को 32वीं गिरफ्तारी कर ली है। राजबीर निवासी लक्सर हरिद्वार को गिरफ्तार किया गया है। उस पर आरोप है कि उसने हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र के कुछ परीक्षार्थियों को साथ ले जाकर धामपुर में नकल के सेंटर में प्रश्न पत्र लीक कराया था।

बताया गया है कि उसे गवाहों के बयान एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। आरोपित राजबीर वर्तमान में राजकीय पॉलीटेक्निक हिंडोलखाल टिहरी गढ़वाल में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : UKSSSC घोटाले में अब उत्तराखंड-यूपी के बाद गोवा से 30वीं गिरफ्तारी

नवीन समाचार, नैनीताल, 31 अगस्त 2022। यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक कराने मामले में एसटीएफ ने बुधवार को माफिया और सौदागर के बीच की एक और कड़ी जोड़ ली है। पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश के नकल माफिया के एक गुर्गे- फिरोज हैदर पुत्र सैयद मोहम्मद रिजवी निवासी प्लॉट नंबर 2 श्याम विहार कॉलोनी सीतापुर रोड लखनऊ को नॉर्थ गोवा के पणजी से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह इस मामले में 30वीं गिरफ्तारी है।

UKSSSC Paper Leak Accused Arrested From Goa - UKSSSC Paper Leak : उत्तर  प्रदेश के नकल माफिया का गुर्गा गोवा से गिरफ्तार, अब तक 30 आरोपित पकड़ेबताया गया है कि पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर एसटीएफ की एक टीम को संदिग्ध की जानकारी के लिए गोवा भेजा था। इस टीम को अब सफलता मिली है। गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ आरोपित को दून ले आई है और पूछताछ कर रही है।

बताया गया है कि आरोपित फिरोज हैदर लखनऊ के माफिया गिरोह का सदस्य था, जो परीक्षा के प्रश्न पत्र लेकर अन्य के साथ हल्द्वानी आया। उसने प्रश्न पत्र शशिकांत को उपलब्ध कराया था। उसके धामपुर जाने और वहां के नकल माफिया केंद्रपाल से संपर्क में होने की भी पुष्टि हुई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : UKSSSC घोटाले में कुमाऊं से एक और शिक्षक गिरफ्तार…

नवीन समाचार, देहरादून, 30 अगस्त 2022। उत्तराखंड एसटीएफ ने प्रश्न पत्र लीक मामले में कुमाऊं से एक और शिक्षक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय लोहाघाट सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत बलवंत सिंह रौतेला को गिरफ्तार कर लिया है।

बताया गया है कि बलवंत सामूहिक पेपर लीक घोटाले के अंतर्गत दो रिजॉर्टों में 55-60 परीक्षार्थियों को सामूहिक तौर पर नकल कराते हुए ऑनलाइन परीक्षा कराने वाले शशिकांत का दाहिना हाथ था। बलवंत कभी पीसीओ चलाता था, और छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बेचने की दुकान भी चलाता था।

उस पर पहले भी इस तरह की करतूतों में लिप्त रहने का आरोप है। बताया गया है कि वर्ष 2012-2013 में भी बलवंत को नैनीताल पुलिस ने हल्द्वानी के एक होटल से पेपर लीक मामले में संदिग्ध भूमिका के कारण दबोचा था। बाद में सबूत नहीं मिलने पर उसे छोड़ दिया गया था। अब यह खुलासा भी हुआ है कि कुमाऊं के के दो रिजॉर्टों में नकल कराई गई है। दस्तावेजी साक्ष्य में इसकी पुष्टि हुई है।

यह भी पढ़ें : UKSSSC घोटाले में 28वीं गिरफ्तारी….

नवीन समाचार, देहरादून, 29 अगस्त 2022। एसटीएफ यानी स्पेशल टास्क फोर्स ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में यूपी कनेक्शन की कड़ी में विपिन बिहारी निवासी सीतापुर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया है। यह अब तक इस मामले में कुल 28 आरोपितों की गिरफ्तारी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी विपिन बिहारी निवासी सीतापुर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित वर्ष 2013 से प्रश्न पत्र छपवाने वाली इस कंपनी में कार्यरत था। उसने पूर्व गिरफ्तार आरोपित अभिषेक वर्मा से प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी प्राप्त कर आरोपित पंतनगर विवि के पूर्व अधिकारी दिनेश मोहन जोशी को बरेली में उपलब्ध कराया था।

दिनेश जोशी ने इस प्रश्न पत्र को चुनिंदा परीक्षार्थियों को हल्द्वानी व आसपास के छात्रों को उपलब्ध कराकर लीक किया था। इससे यूकेएसएसएससी की वीपीडीओ भर्ती में कुछ छात्रों ने मेरिट लिस्ट में अच्छा स्थान प्राप्त किया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : UKSSSC घोटाले में नया बड़ा खुलासा, नैनीताल के धानाचूली में कराई थी ऑनलाइन परीक्षा, हुई 27वीं गिरफ्तारी…

नवीन समाचार, देहरादून, 28 अगस्त 2022। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामल में उत्तराखंड एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नकल माफिया के एक और गठजोड़ का रविवार को पर्दाफाश किया है। साथ ही नकल के नए केंद्र का भी खुलासा हुआ है।

908777साथ ही आज वीपीडीओ परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में वर्तमान में हल्द्वानी में रहने वाले उत्तर प्रदेश के चंदौली निवासी शशिकांत हाल निवासी हल्द्वानी को गहन पूछताछ और पुख्ता साक्ष्यों पर गिरफ्तार किया है। यह इस मामले में अब तक की 27वीं गिरफ्तारी है। बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के नकल माफिया शशिकांत पर उत्तराखंड में वर्ष 2013 में सीटीईटी परीक्षा में नकल कराने पर हल्द्वानी में भी है मुकदमा दर्ज है।

नया खुलासा यह भी है कि नैनीताल के धानाचूली स्थित दिगांता रिजॉर्ट में नकल कराई गई थी। यहां नकल करने वाले 35 छात्रों को चिन्हित किया गया है। बताया गया है कि आरोपित ने हल्द्वानी, अल्मोड़ा, चम्पावत व पिथौरागढ़ में अपने खुद के 4 ऑनलाइन परीक्षा केंद्र बनाए थे। इन परीक्षा केंद्रों में अब तक जानकारी के अनुसार 40 से अधिक परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : UKSSSC घोटाले में अभी-अभी अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, प्रिंटिंग प्रेस के मालिक के रूप में 25वीं गिरफ्तारी

नवीन समाचार, देहरादून, 27 अगस्त 2022। उत्तराखंड एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में शनिवार को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए आरआईएमएस कंपनी लखनऊ के मालिक राजेश चौहान को गिरफ्तार कर लिया है। यह इस मामले में 25वीं गिरफ्तारी है।

बताया गया है कि राजेश चौहान उस प्रिंटिंग प्रेस का मालिक है, जिसमें यूकेएसएसएससी प्रश्न पत्र छपवाता था। बताया गया है कि उसे एसटीएफ उत्तराखंड ने पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से सौदा करने के साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व इस मामले में शुक्रवार शाम धामपुर नकल सेंटर के मुख्य आरोपित केंद्रपाल को टीचर कॉलोनी धामपुर से गिरफ्तार किया था। बताया गया है कि अभी भी इस मामले में कई लोग पुलिस के रडार पर हैं। हालांकि इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की जा रही है, और सरकार पर सीबीआई जांच न कराने के आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा करने पर राजनीति से जुड़े कई बड़े सफेदपोश भी गिरफ्त में आ सकते हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : UKSSSC की स्नातक स्तर की प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच की आंच 7 साल पुरानी कांग्रेस शासन काल में हुई दरोगा भर्ती तक पहुंची

नवीन समाचार, देहरादून, 26 अगस्त 2022। भाजपा शासन में यूकेएसएसएसी यानी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा कराई गई स्नातक स्तर की प्रश्न पत्र लीक होने के मामले की जांच की आंच अब बाद सात साल पहले हरीश रावत सरकार के कार्यकाल में उत्तराखंड में वर्ष 2015 में हुई 339 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती तक पहुंच गई है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इस संबंध में मिली शिकायत पर शासन को पत्र लिखकर विजिलेंस जांच का अनुरोध किया है।

बताया गया है कि यूकेएसएसएसी के स्नातक स्तर की परीक्षा लीक मामले में एसटीएफ की ओर से गिरफ्तार किए गए गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के असिस्टेंट एस्टेब्लिसमेंट आफिसर (एईओ) दिनेश चंद्र की गिरफ्तारी के बाद इस भर्ती परीक्षा पर तलवार लटक गई है। क्योंकि यह परीक्षा गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से ही कराई गई थी और दिनेश चंद्र 2006 से 2016 तक विश्वविद्यालय के परीक्षा सेल में कार्यरत था। आशंका जताई जा रही है कि दिनेश चंद्र ने हाकम सिंह के साथ मिलकर भर्ती में गड़बड़ी करवाई है।

बताया गया है कि एसटीएफ की जांच में दरोगा भर्ती में गड़बड़ी की संभावना जताई गई, इसके बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से शासन को भर्ती की जांच अलग एजेंसी से करवाने का प्रस्ताव भेजा गया था। बताया जा रहा है कि गृह विभाग की ओर से विजिलेंस को जांच कराने के लिए आदेशित किया गया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आज UKSSSC पेपर लीक घोटाले में बागेश्वर से हुई 22वीं गिरफ्तारी….

नवीन समाचार, देहरादून 21 अगस्त 2022। उत्तराखंड पुलिस के एसटीएफ यानी विशेष कार्यबल ने यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय पेपर लीक मामले में रविवार को बागेश्वर के सरकारी शिक्षक को गिरफ्तार किया है। इसके साथ इस मामले में अब तक कुल 22 को आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अभी और भी लोग पुलिस के रडार पर हैं।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले कुछ छात्रों के बयानों, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों और गहन पूछताछ उपरांत जगदीश गोस्वामी पुत्र गोपाल बाबू गोस्वामी निवासी चांदी खेत पोस्ट ऑफिस गनाई थाना चौखुटिया जिला अल्मोड़ा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया।

आरोपित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मलसूना, कांडा जिला बागेश्वर में नियुक्त है। आरोपित ने अपने इलाके और आसपास के छात्रों को इकठ्ठा कर परीक्षा की पहले रात को उन्हें वाहन से धामपुर ले जाकर प्रश्न पत्र व उत्तर याद कराये, और उन्हें परीक्षा केंद्रों पर भी छोड़ा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : UKSSSC पेपर लीक घोटाले में नैनीताल जिले से 21वीं गिरफ्तारी, कितना कमा चुका है जान कर दंग रह जाएंगे…

नवीन समाचार, देहरादून, 20 अगस्त 2022। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में एसटीएफ ने नैनीताल जनपद के रामनगर से एक एनजीओ संचालक के रूप में 21वीं गिरफ्तारी की है। पकड़े गए घोटालेबाज की पहचान 63 वर्षीय चंदन सिंह मनराल पुत्र झगड़ सिंह मनराल निवासी लखनपुर रामनगर के रूप में बताई गई है।

एसटीएफ की टीम ने संदिग्ध चयनित परीक्षार्थियों से पूछताछ के आधार पर उसे गिरफ्तार किया है। बताया गया है कि चंदन मनराल ने कई अभ्यर्थियों को परीक्षा से एक दिन पहले धामपुर ले जाकर एक घर पर प्रश्न पत्र याद करवाया था। विवेचना में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि चंदन सिंह पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों के सम्पर्क में था और उसने कई को प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाया था।

एसटीएफ आरोपिता चंदन मनराल को पूछताछ हेतु अपने कार्यालय ले गयी है, जहां पर उससे विस्तृत पूछताछ करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह अन्य आरोपितों से पिछले कुछ सालों से संपर्क में था और वर्ष 2021 में आयोजित वीडीओ भर्ती परीक्षा में अपने क्षेत्र के कई लोगों को लाखों रुपए लेकर प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाया था।
उसने यह भी बताया कि उसने करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की है।

इसमें करीब 15 एकड़ जमीन पीरुमदारा में, करीब 10 बीघा खेती की भूमि रामनगर में, मनराल स्टोन क्रेशर के नाम से एक स्टोन क्रेशर पीरुमदारा में जिसमें करीब सात बड़े ट्रक एवं तीन पोकलैंड भी हैं। साथ ही मनराल ट्रैवल्स एजेंसी जिसमें 10 स्कूल बसें व तीन पहाड़ पर चलने वाली बसें, बाल महिला कल्याण समिति नाम से एनजीओ तथा रामनगर में 3 मंजिला मकान व ऑफिस एवं आधा बीघा मुख्य सड़क पर कमर्शियल प्लाट व आधा दर्जन से अधिक बैंक खाते शामिल हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : UKSSSC पेपर लीक घोटाले में अब कुमाऊं के 2 कारोबारी व इंजीनियर दंपति STF के रडार पर..

नवीन समस्या, देहरादून, 19 अगस्त 2022। पेपर लीक मामले में अब कुमाऊं के दो कारोबारियों और एक एक इंजीनियर दंपति का नाम इन्होंने भी उत्तरकाशी के हाकम सिंह रावत की तरह दर्जनों अभ्यर्थियों को लाखों रुपये लेकर पेपर मुहैया कराए थे। एसटीएफ इनके बारे में पूरी जानकारी जुटा चुकी है। जल्द इन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।

बताया गया है कि इनमें एक खनन से जुड़ा है और दूसरा कृषि उत्पाद की प्रोसेसिंग यूनिट चलाता है। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ ने इनमें से एक कारोबारी से पूछताछ भी कर ली है। जल्द ही कुमाऊं से कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। बताया जा रहा है कि इन्होंने भी 20 से ज्यादा युवाओं को नकल कराई थी। इसके एवज में 15 से 20 लाख रुपये एक-एक से लिए गए थे। बताया जा रहा है कि कुछ और लोग भी इनके संपर्क में हो सकते हैं। इनका हाकम से संबंध है या नहीं, इस बारे में भी एसटीएफ जानकारी जुटा रही है।

पेपर लीक में एक इंजीनियर दंपति का नाम भी सामने आ रहा है। यह दंपति एक निगम में तैनात है। इनकी तैनाती भी आयोग की ओर से कराई गई भर्ती परीक्षा से हुई थी। इस मामले में अभी तथ्य जुटाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दंपति का भी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में हाथ हो सकता है।

फिलहाल, एसटीएफ इस मामले में सुबूतों को इकट्ठा कर रही है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड पुलिस ने कुछ अन्य परीक्षाओ की जाँच को भी इस मामले में गठित एसटीएफ को सौंप दिया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : Big Breaking : UKSSSC घोटोले में हुई अब एक नेता की गिरफ्तारी

नवीन समाचार, नैनीताल, 14 अगस्त 2022। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की भर्ती परीक्षा में एसटीएफ ने पेपर लीक और नकल करवाने के मामले में एक नेता को गिरफ्तार कर लिया है। बताया गया है कि गिरफ्तार किया गया नेता उत्तरकाशी जखोल से जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत है। अब एसटीएफ उससे देहरादून स्थित अपने मुख्यालय में पूछताछ कर रही है।

एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में कुछ और बड़े नेताओं की भी गिरफ्तारी हो सकती है। उन्होंने बताया कि चार और पांच दिसंबर 2021 को हुए स्नातक स्तर की परीक्षा से पहले हाकम सिंह रावत के परिचित व लेनदेन का हिसाब-किताब रखने वाले शिक्षक तनु शर्मा ने 20 से 22 छात्रों को रायपुर स्थित अपने कमरे में प्रश्न पत्र देकर हल करवाया था।

वह 25 से 30 छात्रों को धामपुर ले गया था, जहां उसने उनसे परीक्षा की तैयारी करवाई थी। इसके बाद सभी छात्रों को उनके परीक्षा केंद्र पर छोड़ा था। इसके ऐवज में प्रति अभ्यर्थी से 12 से 15 लाख रुपए का सौदा किया था।

इसमें कुछ धनराशि अग्रिम के तौर पर ली गई थी, जबकि शेष परीक्षा में पास होने के बाद देने का वादा किया गया था। उसने अपनी एक करीबी परिचित महिला से भी चार लाख रुपये लिए और स्नातक स्तर की परीक्षा में नकल करवाई, जिसमें महिला अच्छी रैंक से पास हुई। अब एसटीएफ की रडार पर यह महिला भी आ गई है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व हुई भर्ती में भी हाकम सिंह रावत का नाम सामने आ रहा है। इसलिए उसे रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की जाएगी। गिरोह में उत्तर प्रदेश से भी कुछ लोगों के जुड़ने के संकेत मिले हैं।

यह भी बताया जा रहा है कि हाकम सिंह यह प्रकरण सामने आने के बाद कुछ दिनों तक बैंकाक की सैर पर निकल गया था। वह वहां से नौ अगस्त को भारत लौटा था। एसटीएफ ने उसे शनिवार को हिमाचल प्रदेश की सीमा पर आराकोट से हिरासत में लिया। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ ने पिछले दो दिनों से मोरी क्षेत्र में डेरा डाला हुआ था। वह भाजपा के एक पूर्व मुख्यमंत्री सहित कई दिग्गज नेताओं और नौकरशाहों से अपनी निकटता बताता था। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : UKSSSC में परीक्षा घोटाले की गाज अब आयोग के सचिव पर पड़ी

नवीन समाचार, देहरादून, 13 अगस्त 2022। उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुए घोटाले की गाज आयोग के सचिव संतोष बड़ोनी पर गिर गई है। शासन ने आयोग के सचिव संतोष बडोनी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उनके स्थान पर संयुक्त सचिव सुरेंद्र रावत को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव का इस पद का प्रभार दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा में नकल और पेपर लीक का मामला उजागर होने से चर्चाओं में चल रहे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के अध्यक्ष एस राजू ने गत दिवस त्यागपत्र दे दिया था। जबकि इनके अलावा शूरवीर सिंह चौहान, कुलवीर सिंह (स्वामी डेल्टा कोचिंग सेंटर करनपुर देहरादून), मनोज जोशी (बर्खास्त पीआरडी जवान), गौरव नेगी, जयजीत दास (प्रोग्रामर, आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन लखनऊ), मनोज जोशी (न्यायिक कर्मचारी सितारगंज),

अभिषेक वर्मा (कर्मचारी आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन लखनऊ), दीपक चौहान (मेडिकल यूनिवर्सिटी एचएनबी सेलाकुई में संविदा कर्मचारी), भावेश जगूड़ी (मेडिकल यूनिवर्सिटी एचएनबी सेलाकुई में संविदा कर्मचारी), दीपक शर्मा, अंबरीष कुमार (ऊधमसिंह नगर में तैनात उत्तराखंड पुलिस का आरक्षी), महेंद्र चौहान (न्यायिक कर्मचारी नैनीताल), हिमांशु कांडपाल (न्यायिक कर्मचारी रामनगर),

तुषार चौहान, गौरव चौहान (अपर निजी सचिव लोनिवि), सूर्य प्रताप सिंह (अपर निजी सचिव न्याय विभाग) व शिक्षक तनुज शर्मा (वर्तमान में रायपुर चौक देहरादून निवासी) को गिरफ्तार किया जा चुका है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : UKSSSC पेपर लीक मामले में सचिवालय से एक और गिरफ्तारी

नवीन समाचार, देहरादून, 12 अगस्त 2022। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ की कार्रवाई जारी है। एसटीएफ ने शुक्रवार को मामले में सचिवालय में नियुक्त सूर्य प्रताप निवासी ग्राम निवाड़ मंडी जसपुर जनपद ऊधमसिंह नगर को गिरफ्तार किया है। सूर्य प्रताप वर्तमान में न्याय विभाग में अपर निजी सचिव के पद पर तैनात था।

उल्लेखनीय है कि एसटीएफ की लगातार गिरफ्तारियों से पेपर लीक मामले में शामिल लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। एक के बाद एक अब तक 16 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें कई पूर्व कर्मचारी और कई निजी कंपनी के कर्मचारी है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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