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November 21, 2024

हार्ट फेल के बुजुर्ग मरीज का बिना चीरा लगाये-बिना बेहोश किये हृदय का वाल्व बदल दिया और मरीज खुद अपनी आंखों से अपना ऑपरेशन देखता रहा…

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Death just after wedding anniversary due to Heart Attack

नवीन समाचार, देहरादून, 20 अप्रैल 2024 (Doctors changed Heart Valve without Unconscious)। ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों ने ‘हार्ट फेल’ होने की वजह से चिकित्सालय आये एक व्यक्ति के हृदय का वाल्व बिना चीरा लगाए बदलने का कारनामा कर दिखाया है। बताया गया है कि यह कारनामा करने वाली विशेषज्ञों की इसी टीम ने उत्तराखंड में इस प्रक्रिया से साढ़े चार साल पहले पहला वाल्व बदला था।

68 साल का बुजुर्ग है मरीज (Doctors changed Heart Valve without Unconscious)

(Doctors changed Heart Valve without Unconscious) ग्राफिक एरा के चिकित्सकों का कमालः बुजुर्ग मरीज ने भी देखा-कैसे बदला गया  उनका हृदय का वॉल्व | Loksaakshyaप्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के क्लेमेनटाउन निवासी 68 वर्ष के बुजुर्ग का हार्टफेल हो गया था। इस कारण वह गंभीर लेफ्ट वेंट्रिकुलर डिस्फंक्शन और एओर्टिक स्टेनोसिस से पीड़ित थे। इन हालात में उनकी ओपन हार्ट सर्जरी मुमकिन नहीं थी।

इस दशा में ग्राफिक एरा चिकित्सालय के विशेषज्ञ चिकित्सक डा.राज प्रताप सिंह, डा. हिमांशु राणा, डा. अखिलेश पांडे और डा. एसपी गौतम की टीम ने बिना चीरा लगाए हृदय का रोग ग्रसित वाल्व हटाकर मानव निर्मित यानी कृत्रिम वाल्व लगा दिया। इस दौरान रोगी को न तो बेहोश किया गया न कोई सर्जरी की गई। यह भी हुआ कि चिकित्सक हृदय का वाल्व बदलते रहे, और मरीज देखता रहा। अस्पताल का दावा है कि यह उत्तराखंड में सबसे बड़ा 30.5 एमएम का वाल्व है। (Doctors changed Heart Valve without Unconscious)

ग्राफिक एरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने बेहतरीन तकनीक के जरिये वृद्ध रोगी की जीवन रक्षा के लिए टीम को बधाई देते हुए कहा कि हमारे लिए हर रोगी की जीवन रक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। ग्राफिक एरा चिकित्सालय बेहतरीन अनुभवी विशेषज्ञों और नई तकनीक के साथ जिंदगी की डोर को विश्वास से जोड़ रहा है। (Doctors changed Heart Valve without Unconscious)

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