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November 8, 2024

18 वर्ष से कम उम्र की किशोरियों की शादियों पर उच्च न्यायालय का कड़ा रुख ! ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जवाब मांगा

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High Court’s strong stand on marriages of girls below 18 years of age! Asked for answer from All India Muslim Personal Law Board, 18 varsh se kam umr kee kishoriyon kee shaadiyon par uchch nyaayaalay ka kada rukh ! ol indiya muslim parsanal lo bord se javaab maanga

नवीन समाचार, नैनीताल, 26 मई 2023। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में शुक्रवार को यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से ने मुस्लिम पर्सनल लॉ में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को शादी की अनुमति को गैर कानूनी घोषित किए जाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। यह भी पढ़ें : नैनीताल: करोड़ों के होटल को बैंक ने फर्जीवाड़ा कर मात्र 75 लाख में बेच दिया…

याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई अब 25 अगस्त को होगी। यह भी पढ़ें : नैनीताल: यहां एटीएम से नोटों की जगह निकलने लगे सांप, एक-एक कर निकले 10 सांप

गौरतलब है कि याचिका में कहा गया है कि कुछ न्यायालय मुस्लिम पर्सनल लॉ के आधार पर 18 वर्ष से कम उम्र में शादी करने के बाद भी नव विवाहित जोड़े को मान्यता देते हुए उन्हें पुलिस सुरक्षा देने का आदेश पारित कर रही हैं। जबकि 18 साल से कम उम्र में शादी होने, कम उम्र में शारीरिक संबंध बनाने व बच्चे पैदा करने से नाबालिग किशोरियों तथा उनके नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। यह भी पढ़ें : बाइक सवारों को टक्कर मारने के बाद 200 मीटर तक घसीट ले गया खनन सामग्री से भरा डम्पर, 3 की मौत

यह भी कहा गया है कि एक ओर सरकार नाबालिगों के यौन अपराधों से संरक्षण के लिए पॉक्सो जैसे कानून लाती है। ऐसे में दूसरी ओर 18 वर्ष से कम उम्र की किशोरियों को शादी की अनुमति देना इस अधिनियम का उल्लंघन है। यह भी पढ़ें : दो बच्चों के पिता ने सोशल मीडिया के जरिए नाबालिग को फंसाया, फिर अपहरण कर होटल में किया दुष्कर्म

याचिका में 18 साल से कम उम्र की किशोरियों की शादी को अमान्य घोषित कर शादी के बाद भी उसके साथ होने वाले शारीरिक संबंध को दुराचार की श्रेणी में रखकर आरोपितों के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की गई है। यह भी पढ़ें : नाम के पहले अक्षर से जानें किसी का भी भविष्य…

साथ ही याचिका में लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष किए जाने वाले विधेयक को पास किए जाने और इस विधेयक के पास होने तक उच्च न्यायालय से कम उम्र में किसी जाति, धर्म में हो रही शादियों को गैर कानूनी घोषित करने का आग्रह किया गया है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

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