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January 18, 2025

अब उत्तराखंड सरकार लाने जा रही है ऐसा कानून, विरोध-प्रदर्शनों पर रहेगा पहरा.. उपद्रवियों से होगी नुकसान की भरपाई…

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Uttarakhand Vidhan Sabha

नवीन समाचार, देहरादून, 25 फरवरी 2024। उत्तराखंड सरकार उपद्रवियों पर लगाम कसने के लिए लगातार सख्त कदम उठा रही है। इसी कड़ी में धामी सरकार विरोध-प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ 26 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र में ‘उत्तराखंड सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक’ ला सकती है।

इस बिल के तहत विरोध-प्रदर्शन और हड़ताल के दौरान हुए नुकसान की वसूली उपद्रव में शामिल आरोपितों से की जाएगी। नुकसान की भरपाई के लिए सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल यानी न्यायाधिकरण का गठन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार हल्द्वानी घटना के आरोपित दंगाइयों से करोड़ों रुपये के नुकसान की भरपाई करेगी। सरकारी सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित विधेयक विरोध प्रदर्शन या दंगे जैसी घटनाओं के कारण संपत्तियों को हुए नुकसान की वसूली का अधिकार प्रदान करेगा, चाहे वह सरकारी हो या निजी। सदन में बिल पास होने के बाद इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद यह अधिसूचित होकर अधिनियम बन जाएगा।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायाधिकरण गठित किया जाएगा, जो औपचारिक शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपों पर गौर करेगा और नुकसान का आकलन करने के साथ संबंधित पक्षों को सुनने के बाद वसूली का आदेश देगा। गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि ट्रिब्यूनल का आदेश बाध्यकारी होगा।

बता दें कि उत्तराखंड सरकार से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऐसा विधेयक ला चुकी है। यूपी में वर्ष 2022 में 23 सितंबर को उत्तर प्रदेश लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया गया था। इस कानून के तहत गठित प्राधिकरण को सिविल कोर्ट की शक्ति प्रदान की गई। यूपी में इस कानून का इस्तेमाल भी हो चुका है। इसके बाद हरियाणा सरकार ने भी 2021 में इसी तरह का कानून पेश किया था। इस प्रकार उत्तराखंड ऐसा कानून बनाने वाला तीसरा राज्य बन जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 8 फरवरी को उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा में उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ की थी। यहां तक कि थाने को भी आग के हवाले कर दिया था, और राज्य सरकार को बड़ा नुकसान हुआ था।

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