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March 19, 2024

बड़ा समाचार : अब हुई सिंगल यूज प्लास्टिक की बड़ी फैक्टरी पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, जखीरा बरामद, 5 लाख का जुर्माना, डीएम ने की 10 हजार के ईनाम की घोषणा

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नवीन समाचार, रुद्रपुर, 19 जनवरी 2023। उत्तराखंड में उच्च न्यायालय के आदेशों पर विभिन्न जिलों में प्रशासन सामान्यतया दिखाने को जैसे सिंगल यूज प्लास्टिक यानी एकल प्रयोग प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने की कार्रवाई करता दिख रहा है। ऐसी कार्रवाइयों में फल-सब्जी के छोटे विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाती है, जबकि अनेकों उत्पाद कंपनियों से एकल प्रयोग प्लास्टिक में ही आ रहे हैं। ऐसी कार्रवाइयों को लेकर प्रशासन पर आरोप लगते हैं कि वह सीधे प्लास्टिक की एकल प्रयोग थैलियां बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं करता है। यह भी पढ़ें : हद है, गरीब एससी-एसटी बीपीएल महिला से 8 हजार रिश्वत मांग रही थी महिला चिकित्सक, रंगे हाथों गिरफ्तार

लेकिन इधर जनपद ऊधमसिंह नगर प्रशासन ने जिलाधिकारी युगल किशोर पंत के निर्देशन में बुधवार को जिला मुख्यालय रुद्रपुर में एकल प्रयोग प्लास्टिक के विरुद्ध बड़ा ऑपरेशन चलाते हुए सीधे मुख्य स्रोत यानी पॉलीथीन बनाने वाली फैक्ट्री पर बड़़ी कार्रवाई की। सिडकुल के सेक्टर आईआईडीसी में स्थित जय दुर्गा पैकर्स फैक्ट्री में उपजिलाधिकारी प्रत्युष सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन, सिडकुल प्रशासन, नगर निगम एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने संयुक्त रूप से छापेमारी की कार्यवाही की। इस दौरान भारी मात्रा में प्रतिबंधित एकल प्रयोग प्लास्टिक का जखीरा बरामद हुआ। जिलाधिकारी पंत ने छापेमारी की कार्यवाही करने वाली टीम को 10 हजार रुपये ईनाम देने की घोषणा की है। यह भी पढ़ें : 40 वर्षीय पिता ने अपनी ही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया पवित्र रिश्ते को कलंकित…

उपजिलाधिकारी ने बताया कि फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भी फैक्टरी पर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया तथा अन्य कार्यवाही गतिमान हैं। इस दौरान आरएम सिडकुल मनीष बिष्ट, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी नरेश गोस्वामी, एसएनए दीपक गोस्वामी, एसआई अमित नेगी आदि उपस्थित रहे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

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यह भी पढ़ें : प्रतिबंधित एकल प्रयोग प्लास्टिक के उपयोग व भंडारण पर लगेगा 1 से 5 लाख रुपए का जुर्माना, आदेश जारी….

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 14 जनवरी 2023। हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र में अब एकल प्रयोग का प्लास्टिक का उपयोग करने पर पांच लाख रुपए का अर्थदंड भी भुगतना पड़ सकता है। शनिवार को हल्द्वानी नगर निगम की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्लास्टिक अपशिष्ठ नियम 2016 एवं उत्तराखण्ड शासन के 16 फरवरी 2021 के शासनादेश एवं जितेन्द्र यादव बनाम राज्य मामले में उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेशों के क्रम में पूरे राज्य में लागू एकल प्रयोग प्लास्टिक का उत्पादन, परिवहन, भण्डारण एवं उपयोग प्रतिबन्धित एवं दण्डनीय अपराध है। यह भी पढ़ें : कलयुगी चाचा ने बनाया नाबालिग भतीजी को हवस का शिकार, बच्चे को जन्म देने पर हुआ खुलासा….

इस आदेश के बावजूद व्यापारी, फल-सब्जी विक्रेता होटल, रेस्टोरेन्ट, व्यापारी, परचून आदि के व्यापारी एवं सामान्य नागरिक लगातार प्रतिबन्धित एकल प्रयोग प्लास्टिक का उपयोग एवं भण्डारण करते हुए पाये जा रहे हैं। उनके विरूद्ध लगातार कार्यवाही एवं प्रचार प्रसार के बाद भी स्थिति में सुधार परिलक्षित नहीं हो रहा है। इसलिए नगर निगम हल्द्वानी क्षेत्र में प्रतिबन्धित एकल प्रयोग प्लास्टिक के उत्पादन, परिवहन, भण्डारण एंव उपायोग को रोके जाने हेतु उपयुक्त व्यवस्थाओं के साथ नगर निगम अधिनियम 1959 में प्रदत्त व्यवस्थाओं के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए नगर में आगामी 20 जनवरी से प्रतिबन्धित एकल प्रयोग प्लास्टिक का उत्पादन कार्य पाये जाने पर पांच लाख रुपए जुर्माने तथा संबंधित परिसर को सील करने की तत्काल कार्यवाही की जायेगी। यह भी पढ़ें : नैनीताल : नगर पालिका ने पूर्व पालिका कर्मी से खाली कराया कब्जा

इसके अलावा प्रतिबन्धित एकल प्रयोग प्लास्टिक का परिवहन कार्य में पाये जाने पर 2 लाख एवं भण्डारण किया पाए जाने पर एक लाख रुपए का जुर्माना एवं वाहन सीज की कार्यवाही की जायेगी। इसी तरह होटल, रेस्टोरेन्ट, दुकान, शोरूम आदि पर प्रतिबन्धित प्लास्टिक का उपयोग करते हुए पाए जाने पर भण्डारण मानते हुए एक लाख रुपए का जुर्माना एवं प्रतिष्ठान सीलिंग की कार्यवाही की जायेगी। आदेश के कहा गया है कि यदि किसी व्यवसायी के पास प्रतिबन्धित एकल प्रयोग प्लास्टिक है तो वह स्वेच्छा से इसे नगर निगम में जमा कर दें। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड उच्च न्यायालय से प्लास्टिक कूड़े और राज्य के सैकड़ों उद्योगों को बंद किए जाने के आदेश पर बड़ी राहत…

नवीन समाचार, नैनीताल, 20 दिसंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य में प्लास्टिक से निर्मित कचरे पर पूर्ण रूप प्रतिबंध लगाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर कहा है कि केंद्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के नियमानुसार लघु व माइक्रो उद्योगों को ईपीआर पंजीकरण से मुक्त रखा है तो पंजीकरण न करने वाले ऐसे उद्योगों को इस नियम से राहत दी जाये। न्यायालय के इस निर्देश से प्रदेश के ऐसे सैकड़ों उद्योगों को बंद किये जाने के राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेश से राहत मिली है। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड ब्रेकिंग : आईएएस दीपक रावत सहित 8 अधिकारियों को मिली पदोन्नति…

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम इस प्रदेश को साफ सुथरा देखना चाहते है इसलिए समाज को जागरूक करना जरूरी है। न्यायालय ने कुमाऊं और गढ़वाल के कमिश्नरों को निर्देश दिए कि पूर्व के आदेशों का पालन करते हुए सभी जगहों में ठोस कूड़े के प्रबंधन का संचालन करना सुनिश्चित करें। साथ ही राज्य सरकार से कहा कि उत्तराखंड के अंदर कार्यरत सभी प्लास्टिक पैकेजिंग कंपनियों के इपीआर प्लान सेंटर पोर्टल पर अपलोड करने तथा केंद्र सरकार से उनके यहां पंजीकृत उत्तराखंड में कायर्रत कम्पनियों का कल्ट बैग प्लान राज्य प्रदूषण बोर्ड के साथ साझा करने को कहा। यह भी पढ़ें : नैनीताल : शराब पिलाते हुए ढाबा स्वामी गिरफ्तार

सुनवाई के दौरान लघु व माइक्रो उद्योगों के हित के लिए कार्यरत संस्था लघु उद्योग भारती की ओर से अधिवक्ता खुशबू तिवारी ने न्यायालय को बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फरवरी 2022 में अपने नियम में संशोधन करते हुए लघु एवं माइक्रो उद्योगों को ईपीआर पंजीकरण की बाध्यता से मुक्त कर दिया है, जबकि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश में इस तथ्य की अवहेलना करते हुए इन उद्योगों पर भी पंजीकरण न होने पर बंदी का खतरा हो गया है। न्यायालय ने इसका संज्ञान लेते हुए कहा कि सम्बन्धित निर्णय में इस तथ्य का ध्यान रखा जाये। इससे प्रदेश के सैकड़ों लघु व माइक्रो श्रेणी के उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। मामले में सीडकुल एंटरप्रिंयोर वेलफेयर सोसाइटी को भी न्यायालय से राहत मिली। यह भी पढ़ें : नैनीताल में बड़ा मामला : पति-पत्नी की मदद से साथी ने ही कर डाली युवक की हत्या, करीब डेढ़ माह बाद गड्ढे से खोदकर शव बरामद

इसके अलावा न्यायालय ने राज्य सरकार को यह भी आदेश दिए राज्य की सीमा में जो भी वाहन आते है उनमें पोर्टेबल डस्टबिन लगाने का नियम बनाएं। न्यायालय ने सभी कम्पनियों को आदेश दिए कि जिन्होंने अपना पंजीकरण राज्य प्रदूषण बोर्ड में नही किया है वे 15 जनवरी तक पंजीकरण अवश्य करा लें। मामला इतना महत्वपूर्ण था कि सीमेंट कम्पनियों की ओर से देश के जाने-माने अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी पक्ष रखा। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमणकारियों को एक सप्ताह में नोटिस देकर हटाने का बड़ा फैसला सुनाया

सुनवाई के दौरान कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, कमिश्नर गढ़वाल, सचिव वन एवं पर्यावरण व पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में पेश हुए। कुमाऊं कमिश्नर ने न्यायालय को अवगत कराया कि कुमाऊं मंडल में 782 कूड़े के स्थान हैं, इनमें से 500 को साफ कर दिया गया है। कूड़ा निस्तारण के लिए मंडल के जिला अधिकारियों व उपजिला अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में अधिकरियों ने मंडल में 3101 दौरे भी किये है। कमिश्नर गढ़वाल की ओर से कहा गया कि मंडल के रुद्रपयाग व चमोली को छोड़कर अन्य जिलों में कूड़े का निस्तारण कर दिया गया है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए फरवरी के दूसरे सप्ताह की तिथि नियत की है। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में अब सचिवालय प्रशासन और परिवहन विभाग में सिपाही के पद सीधी भर्ती से भरे जाने सहित धामी मंत्रिमंडल ने लिए 20 बड़े निर्णय…

मामले के अनुसार अल्मोड़ा हवालबाग निवासी जितेंद्र यादव ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने 2013 में बने प्लास्टिक यूज व उसके निस्तारण करने के लिए नियमावली बनाई गई थी। लेकिन इन नियमों का पालन नही किया जा रहा है। 2018 में केंद्र सरकार ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स बनाए गए थे। जिसमें उत्पादकर्ता, परिवहनकर्ता व विक्रेताओ को जिम्मेदारी दी थी कि वे जितना प्लास्टिक निर्मित माल बेचेंगे उतना ही खाली प्लास्टिक को वापस ले जाएंगे। अगर नही ले जाते है तो सम्बंधित नगर निगम, नगर पालिका व अन्य फण्ड देंगे जिससे कि वे इसका निस्तारण कर सकें। लेकिन उत्तराखंड में इसका उल्लंघन किया जा रहा है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में प्लास्टिक उत्पादों की बिक्री के लिए हाईकोर्ट ने कंपनियों के लिए जारी किए आदेश

-प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकरण करके ही उत्तराखंड में कर सकेंगे प्लास्टिक उत्पादों का उत्पादन व बिक्री
नवीन समाचार, नैनीताल, 30 नवंबर 2022। उत्तराखंड में अब कंपनियों को अपने प्लास्टिक उत्पादों की बिक्री करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकरण कराना होगा। साथ ही अपने प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए प्लान भी बनाना होगा। यह भी पढ़ें : कल मां-बेटे पर हमला हुआ था, आज वहीं एक वृद्ध का आधा खाया हुआ शव बरामद…

उत्तराखंड उच्च न्यायालय की ओर से अपनी वेबसाइट में जारी किये आदेश में कहा गया है कि कंपनियां यदि प्लास्टिक कचरे के निस्तारण का इंतजाम खुद नहीं करती हैं, बल्कि इसे संबंधित निकाय को करना पड़ता है, तो कंपनियों को उन्हें प्रतिपूर्ति देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर राज्य में उनके उत्पादित माल के उत्पादन व बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। यह भी पढ़ें : पुलिस को देखकर भागने लगीं दो महिलाएं, दौड़कर पकड़ा तो..

न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर राज्य के अधिकारी संवेदनशील नहीं हैं। लगता है कि उन्हें अपने दायित्वों और कर्तव्यों सहित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अधिनियमों और नियमों की जानकारी ही नहीं है। न्यायालय ने निर्देश दिए कि मुख्य सचिव राज्य, जिला और पंचायत स्तर पर अधिकारियों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के प्रावधानों से अवगत कराएं। यह भी पढ़ें : 17 वर्ष की नाबालिग की मजबूरी का फायदा उठाकर रोज करता रहा दुष्कर्म, मिली उम्रकैद की सजा….

बताया गया है कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अब तक मात्र 174 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है। जबकि हजारों कंपनियों के उत्पादों का उत्पादन व बिक्री यहां हो रही है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी डीएफओ पर लगाया 10-10 हजार का जुर्माना, कमिश्नरों सहित उच्चाधिकारियों को व्यक्तिगत तलब किया…

-प्लास्टिक कचरे पर उच्च न्यायालय का कड़ा रुख बरकरार
नवीन समाचार, नैनीताल, 24 नवंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण पर अपना कड़ा रुख बरकरार रखते हुए प्रदेश के सभी डीएफओ यानी प्रभागीय वनाधिकारियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है। यह भी पढ़ें : महिला अधिवक्ता से साथी अधिवक्ता ने किया ब्लैकमेल कर दुष्कर्म

साथ ही प्रदेश के पर्यावरण सचिव एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव सहित कुमाऊं व गढ़वाल मंडल के आयुक्तों को 15 दिसंबर की अगली तिथि पर न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से तलब भी किया है। इसके लिए अधिकारियों को आदेशों का पालन न करने पर अवमानना की कार्रवाई के प्रति भी चेताया है। यह भी पढ़ें : सुबह-सुबह कई व्यवसायियों के घरों-प्रतिष्ठानों में छापेमारी से हड़कंप

उल्लेखनीय है कि हवालबाग अल्मोड़ा निवासी जितेंद्र यादव ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने 2013 में प्लास्टिक के प्रयोग व उसके निस्तारण के लिए नियमावली बनाई थी लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। यह भी पढ़ें : Big Breaking : उत्तराखंड विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, एकलपीठ के आदेश को किया निरस्त

2018 में केंद्र सरकार ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स बनाए गए थे, जिसमें उत्पादकर्ता, परिवहनकर्ता व विक्रेताओं को जिम्मेदारी दी थी कि वह जितना प्लास्टिक निर्मित माल बेचेंगे, उतना ही खाली प्लास्टिक को वापस ले जाएंगे। अगर नहीं ले जाते है तो संबंधित नगर निगम , नगर पालिका व अन्य फंड देंगे जिससे कि निस्तारण कर सकें लेकिन उत्तराखंड में इसका उल्लंघन किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्लास्टिक के ढेर लगे हैं और इसका निस्तारण भी नहीं किया जा रहा है। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में बस में महिलाओं से अभद्रता कर दो पुलिस कर्मियों ने खाकी को किया शर्मसार

खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए प्रदेश के सभी प्रभागीय वनाधिकारियों पर पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने व अभी कोई शपथपत्र न्याालय में पेश नहीं करने पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा होटल, मॉल व पार्टी लॉन कारोबारियों को अपना कचरा खुद रिसाइक्लिंग कर प्लांट तक ले जाने, सचिव शहरी विकास व निदेशक पंचायतीराज को इस व्यवस्था को लागू कर न्यायालय में रिपोर्ट पेश करने, प्रमुख सचिव को पीसीबी के साथ मिलकर प्रदेश में प्लास्टिक में बंद होकर आने वाली वस्तुओं का आंकलन कर रिपोर्ट पेश करने और सभी जिलाधिकारियों को जिले में प्लास्टिक की पैकेजिंग में आ रही वस्तुओं की सूची देने के निर्देश भी दिए हैं। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : एकल प्रयोग प्लास्टिक का प्रयोग कर रहे 22 दुकानदारों का चालान, 24 हजार से अधिक का जुर्माना

-स्कूली बच्चों ने निकाली जनजागरूकता रैली
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 2 सितंबर 2022। जनपद में स्वच्छ भारत अभियान के मिशन को आगे बढ़ाते हुए नैनीताल के डीएम धीराज गर्ब्याल ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए स्कूली बच्चों को स्वच्छता अभियान से जोड़ते हुए उन्हें पुरस्कृत करने का फैसला लिया है। इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रतिबंधित एकल प्रयोग प्लास्टिक के प्रति जागरूकता के लिए डीएम के निर्देशों के क्रम में जीबी पंत इंटर कॉलेज धानाचूली व अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों ने शुक्रवार को एक रैली का आयोजन किया। इस दौरान नगर निगम द्वारा प्लास्टिक का प्रयोग कर रहे 22 दुकानदारों पर चालानी कार्यवाई करते 24 हजार 400 रुपए की धनराशि वसूली गईं। इसके अलावा पॉलिथीन का प्रयोग करने पर दो व्यक्तियों से 1 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।

इसी क्रम में उप जिलाधिकारी धारी योगेश मेहरा ने धारी में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से सड़क के किनारे लगे कूड़े-कचरे के ढ़ेर को लोनिवि की गैंग के माध्यम से सफाई करवाई। उन्होेंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में स्कूली बच्चों के माध्यम से प्लास्टिक उनमूलन के लिए जनजागरूता अभियान चलाया जा रहा है। स्कूली बच्चों को इस प्लास्टिक से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर होने वाले घातक परिणामों के बारे में जानकारी देते हुए स्कूली छात्र-छात्राओं को साफ सफाई के लिए जागरूक किया।

इस दौरान एसडीएम ने रेस्टोरेंट और होटल संचालकों को कूड़ा नियमित स्थान पर डालने के निर्देश दिए और सभी को चेतावनी दी कि आदेशों की अवहेलना करने वालो के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। एसडीएम मेहरा ने कहा कि धारी क्षेत्र जिला पंचायत व वन विभाग के अंतर्गत होने के कारण यहां सफाई के लिए वन, जिला पंचायत व राजस्व आदि विभागों की टीमें बनाकर नियमित सघन चेकिंग की जा रही है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : डीएम की नई पहल: घर से विद्यालय जाते कूड़ा एकत्र करेंगे बच्चे, सर्वाधिक प्लास्टिक कूड़ा एकत्र करने वाले होंगे पुरस्कृत

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 31 अगस्त 2022। जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने जनपद में ठोस कूड़े व अपशिष्ट के प्रबंधन को लेकर नई पहल की है। इस पहल के तहत स्कूली विद्यार्थियों के माध्यम से ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन हेतु वृहद जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

डीएम ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतर विद्यालय पैदल दूरी पर स्थित होते है। विद्यार्थी घर से स्कूल तक पड़ने वाले पैदल मार्गों में यत्र-तत्र बिखरे खासकर प्लास्टिक के कूड़े को एकत्र करेंगे, और इसे विद्यालय में जमा कराएंगे। विद्यालय में प्रधानाचार्य समस्त विद्यार्थियों द्वारा एकत्रित कूड़े का रिकॉर्ड रखेंगे। सर्वाधिक कूड़े को एकत्रित करने वाले विद्यार्थी को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

डीएम गर्ब्याल ने बुधवार को गूगल मीट के माध्यम से बैठक लेते हुए अधिकारियों से मिशन मोड में कार्य करने को कहा। मुख्य शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारियो को इस बारे में ठोस अपशिष्ट प्रंन्धन नियम 2016 का परिपालन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानदार व ग्रामवासी घरेलू कूड़े को कूड़ेदान में डाल सके, इसके लिए जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी 1 से 2 हजार लीटर क्षमता के कूड़ेदानों को विभिन्न स्थलों पर रखवाएं।

इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रूट प्लान बनाते हुए कूड़े को उठाने के लिए कूड़ा वाहन संचालित करें जिससे कूड़ेदान में एकत्रित कूड़ा समय पर निस्तारित किया जा सके। डीएम ने बताया कि ठोस अपशिष्ट कूड़ा प्रबंधन में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी जोड़ा जा रहा है। जनपद के पर्यटक स्थलों मुक्तेश्वर, रामगढ़ आदि में आवश्यकता अनुसार संबंधित अधिशासी अधिकारी ‘मेटीरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर’ का प्रस्ताव प्रेषित करें।

स्वयं सहायता समूह की महिलायें भी इस अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगी। उन्हें प्राप्त आय का अंश भी दिया जाएगा। डीएम ने जिला पंचायत राज अधिकारी को समस्त ग्राम प्रधानों को सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक करने के निर्देश दिए। कहा कि ग्राम पंचायत विकास योजना के अनुसार समस्त ग्राम प्रधान निधि का 60 प्रतिशत स्वच्छता व पेयजल क्षेत्र में ही खर्च करें।

परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया कि समस्त टैक्सी यूनियनों के साथ बैठक कर सुनिश्चित करें कि कोई भी सवारी प्रतिबंधित प्लास्टिक के साथ यात्रा नहीं करेगी। कुरकुरे आदि खाकर रैपर के कूड़े को नियत स्थान पर डालें। इसके लिए टैक्सी चालक टैक्सी में कूड़ेदान या बैग की व्यवस्था करें। इस आदेश के अनुपालन हेतु आरटीओ सघन चेकिंग अभियान चलाएं, व टैक्सी चालक की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई करें।

मुख्य नगर आयुक्त व समस्त अधिशासी अधिकारी नगरपालिका क्षेत्रांतर्गत प्लास्टिक के थोक विक्रेताओं को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करें। खंड विकास अधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएं। इसके अलावा डीएम ने नगर एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को वनाधिकारियों के साथ सड़क से लगे वन क्षेत्रों में डाले जाने वाले कूड़े का सर्वे कर कूड़ा निस्तारित करवाने के निर्देश भी दिए हैं। लोनिवि, पीएमजीएसवाई अपनी सड़कों पर सफाई अभियान चलाने को भी कहा है। बैठक में एसएसपी पंकज भट्ट, सीडीओ डॉ. संदीप तिवारी, एडीएम शिव चरण द्विवेदी, अशोक जोशी, परियोजना निदेशक अजय सिंह, सीईओ केएस रावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद प्रशासनिक मशीनरी हरकत में
नैनीताल। ठोस कूडे़ की समस्या पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हाल में कड़ी सख्ती दिखाई है। आगामी 8 सितंबर से न्यायाधीशों द्वारा स्वयं कूड़े की जांच करना भी प्रस्तावित है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के किनारे व वन क्षेत्र में फेंकी जाने वाली गंदगी, वहां कूड़े के निस्तारण की कोई व्यवस्था न होने तथा खासकर एकल प्रयोग प्लास्टिक के प्रतिबंधित होने के बावजूद किए जा रहे प्रयोग को लेकर उच्च न्यायालय गंभीर है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नंदा देवी महोत्सव में होता मिला एकल प्रयोग प्लास्टिक व थर्मोकोल का प्रयोग, 10 दुकानदारों का चालान

Plastic Ban In Delhi: संभल जाएं! प्लास्टिक की थैली में सामान देने और लेने  वालों का कटने लगा चालान, 503 लोगों के कटे चालान - 1165 kilo plastic things  seized in delhiडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 4 सितंबर 2022। माता नंदा देवी महोत्सव के तहत आयोजित हो रहे मेले में एकल प्रयोग प्लास्टिक व थर्मोकोल का प्रयोग होता मिला है। इस पर नगर पालिका के सफाई निरीक्षक कुलदीप कुमार के निर्देशन में पालिका की टीम ने कार्रवाई की और 10 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर 3500 रुपये की धनराशि जुर्माने के तौर पर वसूली गई।

बताया गया है कि गत 31 अगस्त से की जा रही इस कार्रवाई के तहत प्लास्टिक के बने चम्मच, कांटे व थर्माकोल की प्लेट प्रयोग करने पर रिंकू पुत्र प्रेमपाल, छोटू गुप्ता पुत्र श्रीपाल, प्रमोद पुत्र गोपी श्याम, छोटू गुप्ता व वीरेंद्र पुत्र राम सिंह का 200-200 रुपए एवं हरि ओम पुत्र रोशन लाल, भुवन पुत्र हरिश्चन्द्र, ललित पुत्र आनंद सिंह, कुंदन पुत्र देव राम तथा फईम पुत्र अब्दुल अजीज का 500-500 रुपए का चालान किया गया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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  1. जोशी जी को नमस्कार, आपके द्वारा पर्यावरण विषय पर जनमानस को उपलब्ध कराई जा रही जानकारी स्वागत योग्य है। आपका यह प्रयास सराहनीय है तथा उत्तराखंड राज्य निर्माण की भावना को पोषित करता है।
    समाचार को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

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