नवीन समाचार, नैनीताल, 20 दिसम्बर 2020। सरोवरनगरी नैनीताल का एक नाम व पहचान ‘वॉकर्स पैराडाइज’ यानी पैदल घूमने वालों के स्वर्ग के रूप में भी है। क्योंकि यहां वर्ष भर पैदल घूमा जा सकता है और बहुत से लोग पहाड़ों पर यातायात सुविधा के अभाव में तो अन्य सेहत बनाने तथा सैलानी नगर के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए यहां घूमते हैं। नगर में पैदल घूमने वालों के लिए नैनी झील के किनारे-किनारे गुजरने वाली ‘ठंडी सड़क’ सबसे पसंदीदा पैदल पथ है। पैदल घूमने वालों की वजह से ही इस मार्ग को नगर के पर्यावरण प्रेमी पक्का मार्ग नहीं बनने देते हैं। इस मार्ग पर निजी वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। केवल नगर पालिका के कूड़ा वाहन या इसी तरह के जरूरी कार्यों के लिए वाहन ही यहां कभी-कभार चलते हैं। अधिकारी भी इस पर पैदल ही निरीक्षण करने निकलते हैं। वाहनों को रोकने के लिए ठंडी सड़क के दोनों ओर गेट भी बने हैं, लेकिन हालिया दौर में इन गेटों में लगने वाले तालों की व्यवस्था न बनी रहने से लोग यहां चार पहिया वाहन खड़े करने एवं दोपहिया वाहन दौड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं।

तस्वीर गवाह है कि ठंडी सड़क पर दोपहिया वाहन चल रहे हैं। स्थानीय सभासद मनोज साह जगाती ने ठंडी सड़क पर दोपहिया वाहनों के चलने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है।
यह भी पढ़ें : शिक्षक-प्रवक्ता बनने कुमाऊं विश्वविद्यालय में ‘जमीन’ पर अभ्यर्थी
नवीन समाचार, नैनीताल, 16 अक्टूबर 2020। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने राज्य में एलटी शिक्षक एवं प्रवक्ता के हजारों पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की है। इस हेतु अभ्यर्थियों को अपनी डिग्रियों की आवश्यकता पड़ रही है। इसके लिए इन दिनों अभ्यर्थियों की भीड़ कुमाऊं विश्वविद्यालयके प्रशासनिक कार्यालय में उमड़ आई है। लेकिन कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में इतनी संख्या में आ रहे अभ्यर्थियों के बैठने के लिए कोई प्रबंध नहीं है, इस कारण अभ्यर्थियों को जमीन पर बैठकर अपने आवश्यक प्रपत्र तैयार करने पड़ रहे हैं। इनमें कई महिला अभ्यर्थी अपने दुधमुंहे बच्चों को लेकर भी प्रशासनिक भवन पहुंची हैं। उन्हें भी बैठने का स्थान न मिलने के कारण परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें :
इस पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव खेमराज भट्ट का कहना है कि प्रतिदिन करीब पांच हजार अभ्यर्थी डिग्री लेने आ रहे हैं। इस पर विश्वविद्यालय के अधिकांश कर्मचारियों को डिग्रियां बनाने के कार्य में ही लगा दिया गया है। काउंटरों की संख्या बढ़ाई गई है। परीक्षा विभाग के कर्मचारी देर शाम साढ़े सात बजे तक काम कर रहे हैं। कोशिश की जा रही है कि सुबह आने वाले अभ्यर्थियों को दो-तीन घंटे में प्रोविजनल डिग्री उपलब्ध करा दी जाए। इसके अलावा डिग्री तैयार करने का कार्य भी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें : तीन घंटे में ही ठप हो गई पेयजल आपूर्ति, जनपद की सबसे बड़ी ग्राम सभा में 15 दिन से पीने का पानी नहीं
नवीन समाचार, नैनीताल, 23 सितंबर 2020। जनपद एवं हल्द्वानी विकास खंड की सबसे बड़ी ग्राम सभा खेड़ा की करीब 15 हजार की आबादी को पिछले 15 दिनों से पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। उल्लेखनीय है कि गत दिवस ट्रांसफार्मर फुंकने के कारण 10 दिन से आपूर्ति ठप होने पर जल संस्थान से दबाव बनने पर ट्रांसफार्मर बदलकर पेयजल आपूर्ति शुरू कराई, लेकिन सीमित क्षेत्र में केवल 2-3 घंटे चलने के बाद ही करीब 1500 फिट की गहराई में लगी मोटर फुंक गई। इस पर जल संस्थान के अधिशासी अधिकारी नंद किशोर ने दावा किया कि इतनी गहराई में लगे 20 फिट के 71 पाइपों एवं मोटर को बदलने का काम अगले 24 घंटों में पूरा हो जाएगा, जो संभव नहीं लगता है।
इधर यह भी बताया गया है कि ग्राम सभा में सिचाई विभाग के ट्यूबवेल भी लगे हैं, और इन ट्यूबवेलों से पेयजल की लाइनें भी जुड़ी हैं। परंतु उनके ऑपरेटर पेयजल के लिए आपूर्ति देने के लिए वेतन मांग रहे हैं। यदि जल संस्थान और सिचाई विभाग आपस में समन्वय करे तो पेयजल आपूर्ति तत्काल चालू हो सकती है, अन्यथा आपूर्ति सुचारू होने में 5-6 दिन का समय भी लग सकता है।
वहीं पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन बिष्ट ने बताया कि जल संस्थान को करीब 175 केवीए की मोटर व ट्रांसफार्मर की यहां आवश्यकता है। किंतु वे 100 केवीए की मोटर व ट्रांसफार्मर से काम चला रहे हैं। इस कारण वर्ष में कई बार यहां मोटर व ट्रांसफार्मर फंुकते रहते हैं। यदि अधिक क्षमता के मोटर व ट्रांसफार्मर एक बार में ही लगा दिये जाएं तो लगातार आने वाली समस्या का हमेशा के लिए समाधान किया जा सकता है। उन्होंने इन बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट करते हुए बुधवार को एसडीएम हल्द्वानी को ज्ञापन भी सोंपा है।
यह भी पढ़ें : नैनीताल जनपद की सबसे बड़ी ग्राम सभा में नौ दिन से पेयजल नहीं…
-दो ग्राम सभाओं की करीब 15 हजार की आबादी बूंद-बूंद पानी को तरस रही
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 20 सितंबर 2020। प्रदेश की आर्थिक राजधानी हल्द्वानी के किनारे बरसात में पानी से भरी गौला नदी के दूसरी ओर, शहर से सटी व हल्द्वानी विकासखंड के साथ नैनीताल जनपद की सबसे बड़ी बताई जाने वाली खेड़ा ग्राम सभा और इससे लगी नवाड़खेड़ा ग्राम सभा की करीब 15 हजार की आबादी पिछले 15 दिनों से बूंद- बूंद पानी को तरस रही है। इसका कारण खेड़ा ग्राम सभा में लगे ट्यूबवेल के ट्रांसफार्मर का फुंकना बताया जा रहा है। इस फुंके 75 केवीए के ट्रांसफार्मर की जगह 100 केवीए के ट्रांसफार्मर की आवश्यकता बतायी जा रही है। और ट्रांसफार्मर बदलने पर जल संस्थान व विद्युत विभाग एक-दूसरे पर टालामटोली कर रहे हैं। फलस्वरूप बरसात के मौसम में भी ग्रामीणों को पीने को पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। इस पर ग्राम प्रधान लीला देवी एवं पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन बिष्ट का कहना है कि वह सोमवार को जनता को लेकर इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि कई बार कहने के बावजूद विभागीय अधिकारी समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि खेड़ा ग्राम सभा एवं गौलापार क्षेत्र के कई गांवों में ट्यूबवेल लगने से पूर्व कालीचौड़ मंदिर क्षेत्र से प्राकृतिक पेयजल उपलब्ध कराया जाता था। वह लाइन भी गांव तक आकर क्षतिग्रस्त हो गई है, और इसका पानी हल्द्वानी बाइपास पर सरकारी सस्ता गल्ला की दुकान के पास महीनों से सड़क पर फैल रहा है। बताया जा रहा है कि इस स्थान पर लाइन को दुरुस्त कर वैकल्पिक व फौरी तौर पर ग्राम वासियों को प्राकृतिक पेयजल उपलब्ध कराया जा सकता है। लेकिन इस बारे में भी विभागीय अधिकारी कुछ करने को तैयार नहीं हैं, और नई लाइन के लिए बजट का इंतजार बता रहे हैं। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन बिष्ट ने कहा कि मुखानी के शहरी क्षेत्र में शामिल हो जाने के बाद खेड़ा हल्द्वानी विकास खंड की सबसे बड़ी ग्राम सभा है, और महानगर से सटी हुई है। इसकी ऐसी उपेक्षा सहन नहीं की जाएगी। ग्रामीण अपनी पेयजल की मूलभूत समस्या के समाधान के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसमें संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
यह भी पढ़ें : गौलापार की समस्याओं पर डीएम एवं सीओ को सोंपे ज्ञापन..

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 सितंबर 2020। गौलापार क्षेत्रवासियों की ओर से डीएम एवं सीओ को ज्ञापन भेजे गए हैं। खेड़ा ग्राम सभा की प्रधान लीला देवी की अगुवाई में शनिवार को सुंदरपुर रैक्वाल की प्रधान उमा रैक्वाल, सीतापुर की प्रधान किरन, नवाड़ खेड़ा के प्रधान हीरा सिंह बिष्ट, विनीता त्रिलोक नौला, क्षेत्र पंचायत सदस्य विद्या देवी व पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन बिष्ट आदि के हस्ताक्षरों से एडीएम को सोंपे गए ज्ञापन में हल्द्वानी रेलवे क्रॉसिंग एवं बाइपास रोड पर अवैज्ञानिक तरीके से कूड़ा निस्तारण किये जाने से विषाणुजनित रोगों के होने की संभावना सहित अन्य उत्पन्न समस्याओं की ओर ध्यानाकर्षण किया गया है। वहीं सीओ को सोंपे गए ज्ञापन में रामलीला मोहल्ला स्थित गौलापार के ऑटो स्टेंड पर बाहरी ऑटो चालकों द्वारा की जा रही डग्गामारी का आरोप लगाते हुए अपनी छवि व व्यापार प्रभावित होने की शिकायत की गई है। ज्ञापन में क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों के साथ ही पनी राम, संतोष टम्टा, लीलाधर, किशोरी लाल, संतोष आर्या, रोहित आर्या व कमल भट्ट आदि ऑटो चालकों एवं ऑटो यूनियन के अध्यक्ष लक्ष्मण नाथ गोस्वामी के भी हस्ताक्षर हैं।
यह भी पढ़ें : राशन कार्ड ऑनलाइन कराने उमड़े ग्रामीण पर दूरस्थ नेट कनेक्टिविटी के कारण नहीं हो पाया काम
डीएम सविन बंसल के आदेशों पर लगे इस शिविर में सुनकोट न्याय पंचायत की 15 ग्राम पंचायतों के कुल 111 राशन कार्ड धारको द्वारा राशन कार्ड ऑनलाइन एवं वैलिडेशन किये जाने के लिए आवेदन करते हुए आवश्यक दस्तावेज जमा किये। बताया गया कि अपेक्षित कार्य न हो पाने की वजह से राशन कार्ड सभी दस्तावेजों के साथ हल्द्वानी के वेंडर को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि शीघ्र ही कार्ड धारक 111 परिवारों को राशन की सुचारू आपूर्ति होने लगेगी। शिविर में पूर्ति निरीक्षक सुरेंद्र बिष्ट, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ललित कुमार, शेखर जोशी सहित सुनकोट, कचलाकोट, कैड़ागांव आदि के ग्राम प्रधान सहित कई जनप्रतिनिधि एवं क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें : जनपद में अब तीसरे क्वारन्टाइन सेंटर में निकला सांप, रह रहे सात लोगों ने लगाई घर भेजे जाने की गुहार
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मई 2020। पहले जनपद के भीमताल विकास खंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय घोडिया में सांप के निकलने, फिर राजकीय प्राथमिक विद्यालय तल्ली सेठी में सांप के काटने से छह वर्षीया बच्ची की मौत और अब बेतालघाट के ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय उलगौर में सांप निकलने की घटना हुई है। इसके बाद किसी तरह की अनहोनी से आशंकित यहां क्वारन्टाइन यानी एकांतवास में रह रहे सात लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए घर पर ही एकांतवास में भेजे जाने की गुहार लगाई है।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय उलगौर में एकांतवास में रह रहे भुवनेश्वर सिंह, यशवंत सिंह, किरन, कंचन, चांदनी, नंदी देवी व संजय नेगी ने क्षेत्रीय ग्राम प्रधान को पत्र सोंपकर कहा है कि वह यहां पिछले 12 दिनों से रह रहे हैं। यहां सांप-बिच्छू आदि से बचाव का कोई प्रबंध नहीं है। इधर यहां सांप देखा गया। इससे विद्यालय के शिक्षक को भी अवगत किया गया है। अब उन्होंने एकांतवास की अवधि के शेष समय के उनके घर पर ही शारीरिक दूरी के सिद्धांत का पालन करते हुए रहने की इच्छा जताई है।
यह भी पढ़ें : हाल एक क्वारन्टाइन सेंटर का : निकल रहे सांप, पानी की टंकी में कीड़े, ग्राम प्रधान मदद नहीं कर रहे…
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मई 2020। गांवों में बने क्वारन्टाइन केंद्रों की व्यवस्थाएं संभालना ग्राम प्रधानो के बूते नजर नहीं आ रहा है। चुनावों में लाखों रुपए उड़ा देने वाले और खुद को समाज सेवी कहने वाले ग्राम प्रधानों में से कुछ कोरोना की इस मुसीबत की घड़ी में अपने ही ग्राम वासियों की मदद को आगे आना दूर अपनी जिम्मेदारियों का पालन भी नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जनपद के नैनीताल तहसील के विकासखंड भीमताल अंतर्गत ग्राम सभा हैड़ाखान तिलवाड़ी से सामने आया है।
14 दिन क्वारन्टाइन में रहने के बाद घर पहुंचा तो दूसरे दिन ही पत्नी ने मार डाला
यह भी पढ़ें : ‘लॉक आउट’ प्रभाव : काम पर नहीं पहुंच पा रहे आवश्यक सेवाओं के कर्मी, केबल भी बंद
नवीन समाचार, नैनीताल, 23 मार्च 2020। देश-दुनिया में फैले कोरोना के संक्रमण के कारण उत्तराखंड में सोमवार सुबह से लागू ‘लॉक आउट’ के कारण कुछ समस्याएं भी नजर आ रही हैं। हालांकि सरकारी कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने कार्यस्थल पर ही रहें। फिर भी जिला मुख्यालय में आवासीय समस्याओं के कारण अनेक सरकारी कर्मचारी हल्द्वानी से आते हैं। सोमवार को लॉक आउट होने के कारण बसें न चलने की वजह से कई कर्मचारी समय पर अपने कार्य पर नहीं आ पाए। इनमें बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में कार्यरत अतिआवश्यकीय सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भी शामिल हैं। बताया गया है कि टैक्सी वाले मनमाना, हल्द्वानी से नैनीताल का 300-400 रुपये तक किराया मांग रहे हैं। इस बारे में अधिकारियों को सूचना दिये जाने की कोशिश की गई, किंतु किसी ने फोन नहीं उठाए।
यह भी पढ़ें : उफ ऐसा विकास ! मिट्टी से गड्ढे पाटकर किया केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री का स्वागत

यह भी पढ़ें : चौड़ीकरण के लिए बंद हुआ रानीबाग-नैनीताल एनएच, गड्ढे भी दिखवा लें साहब

नवीन समाचार, नैनीताल, 22 फरवरी 2020। नैनीताल मुख्यालय को मैदानी क्षेत्रों से जोड़ने वाला प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 87ई, नया नाम 109 रानीबाग से नैनीताल के बीच शनिवार को अगले 15 दिनों तक सुबह 10 से शाम चार बजे तक के लिए बंद हो गया है। इसे दोगांव के पास भेड़िया पखांण नाम के स्थान पर चौड़ा किया जा रहा है। इसके बाद शनिवार को नैनीताल एवं रानीबाग से इस मार्ग पर सुबह वाहनों का आवागमन रोक दिया गया और वाहनों को भीमताल, भवाली के रास्ते भेजा गया। इस हेतु सड़क पर भवाली के मस्जिद तिराहा, रानीबाग तिराहा व नैनीताल डांठ पर पुलिस ने वाहनों को रोकने की व्यवस्था की।
गौरतलब है कि इस मार्ग पर खासकर ज्योलीकोट से बल्दियाखान के बीच की सड़क अपने इतिहास में सबसे बुरे दौर में है। सड़क काफी गड्ढों से तो पटी हुई है ही, पूर्व में गड्ढों पर लगाए गए पैबंद भी उखड़ कर नई आफत बन गए हैं। इस कारण नैनीताल आने वाले वाहनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर कई दोपहिया वाहन तो अचानक दिखने पर गड्ढों में गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं। आगे जल्द ही ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन की शुरुआत भी होने जा रही है। तब यह गड्ढे नैनीताल के साथ ही राज्य की विकास की छवि को भी देश-दुनिया में प्रभावित करेंगे। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस अवधि में जब मार्ग पर वाहनों का आवागमन रुका रहेगा, प्रशासन इन गड्ढों की भी मरम्मत करा लेगा। इस पर भीमताल विकास खंड के ज्येष्ठ प्रमुख एवं कांग्रेस नेता हिमांशु पांडे ने स्वीकारा कि यह सड़क राज्य में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद इतिहास में सर्वाधिक बुरे दौर में है। सोमवार को सड़क की मरम्मत के लिए डीएम को ज्ञापन सोंपा जाएगा।
यह भी पढ़ें : ठंडी सड़क का गेट तोड़ा, अब दौड़ा रहे कार, जिम्मेदार सोये

नवीन समाचार, नैनीताल, 22 फरवरी 2020। नगर के प्रसिद्ध पैदल पथ-ठंडी सड़क पर वाहनों के आवागमन को रोकने के लिए लगाए गए एक गेट को असामाजिक तत्वों ने तोड़ डाला है। इसके बाद इस पैदल मार्ग पर धड़ल्ले से साइकिल व दोपहिया के वाहनों के साथ कारें भी घूम रही हैं। इससे क्षेत्रवासियों में आक्रोश है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में तत्कालीन झील विकास प्राधिकरण ने एक दशक पूर्व ठंडी सड़क का लाखों रुपए खर्च कर जीर्णोद्धार व सौंदयीकरण कार्य करने के बाद इसके दोनों ओर लोहे के गेट लगाए थे। इसके बाद केवल जरूरत पड़ने पर पुलिस या नगर पालिका के वाहन ही इस मार्ग पर जाते रहे हैं। गेट की चाबी पुलिस के पास रहती है। लेकिन अब ना ही गेट तोड़ने पर किसी को कोई जानकारी है और ना ही वाहनों के चलने पर। वाहनों को रोकने पर भी जिम्मेदार विभाग कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। क्षेत्रीय सभासद मनोज साह जगाती ने भी इस मार्ग पर शुक्रवार को कार को गुजरते देखने पर कड़ी नाराजगी जताई है।
यह भी पढ़ें : 40 माह से चल रही अस्थायी व्यवस्था, अब सप्ताह भर बंद रहेगा एनएच-87ई, वजह चिंताजनक…


नवीन समाचार, नैनीताल, 2 फरवरी 2020। राष्ट्रीय राजमार्ग 87-विस्तार पर आगामी 5 फरवरी से 11 फरवरी तक वाहनों का आवागमन बंद रहेगा। इस मार्ग पर बीरभट्टी के पास बलियानाले पर बने वैली ब्रिज के रूटीन मेन्टीनेंस यानी सामयिक अनुरक्षण के लिए डीएम सविन बंसल ने इस मार्ग पर ज्योलीकोट के नंबर-1 बैंड से भवाली सेनिटोरियम के पास मस्जिद तिराहा बैंड से वाहनों का आवागमन बंद रखने के आदेश जारी किये हैं। अलबत्ता आदेश में यह साफ नहीं है कि इस दौरान ज्योलीकोट के नंबर-1 बैंड से मस्जिद तिराहा बैंड के बीच के आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों का आवागमन इस दौरान कैसे होगा।
उल्लेखनीय है कि 25 सितंबर 2017 को बीरभट्टी में अंग्रेजी दौर में बना 100 से अधिक वर्ष पुराना मूल लोहे के गार्डर युक्त पुल इसमें से गुजरते घरेलू गैस सिलंेडर लेकर जा रहे ट्रक मं विष्फोट हो जाने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। बाद में कई दिन तक वाहनों का आवागमन बंद रहने के बाद यहां अस्थायी वैली ब्रिज बनाया गया, और 40 माह बीतने तक भी इसी अस्थायी पुल से काम चलाया जा रहा है। बीच में जून 2019 में इसकी जगह दो लेन का स्टील गार्डर का स्थायी मजबूत पुल बनाने के लिए 4.62 करोड़ रुपए शासन से जारी होने की बात कही गई थी, किंतु अब तक पुल के निर्माण की बात धरातल पर नजर नहीं आ रही है। बल्कि पुराने अस्थायी पुल की मरम्मत करने की बात कही गई है।
यह भी पढ़ें : इस बार बमुश्किल हुआ ‘नवीन समाचार’ की खबर का असर: युवाओं के जोर देने पर जागा प्रशासन..

हमने गत 18 जनवरी को ‘नवीन समाचार’ में ‘कारस्तानी : नैनीताल में श्मशान घाट के पास सड़क किनारे धरती फाड़ कर ऊपर आ रहीं शराब की सैकड़ों बोतलें !’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इस समाचार के लिए प्रशासन से भी बात की गई थी। समाचार प्रकाशित होने के बाद इस समाचार को काफी अच्छी व्यूअरशिप मिली। अनेक लोग इसे पढ़कर उद्वेलित भी हुए, लेकिन प्रशासन के कानों में जूं भी नहीं रैंगी। उल्लेखनीय है कि प्रशासन के द्वारा ही यह अवैध रूप से बेची जाने के कारण पकड़ी गई शराब की बोतलें असंवेदनशीलता दिखाते हुए स्वयं तोड़कर श्मशान घाट के ठीक ऊपर, सड़क किनारे डाली गई थीं। जब इन्हें यहां डाला गया था, तब भी नगर के लोगों ने इस पर ऐतराज जताया था, बावजूद प्रशासन का कार्रवाई न करना प्रशासन की कार्यप्रणाली को बेपर्दा कर गया है।
अलबत्ता, इधर नगर में साफ-सफाई के कार्यों में सक्रिय संस्था ‘ग्रीन आर्मी’ के युवा सदस्य भी इस समाचार से उद्वेलित एवं समाचार प्रकाशित होने के बावजूद कार्रवाई न होने से आक्रोशित हुए और उन्होंने बुधवार को संबंधित समस्या से स्वयं जनपद के एडीएम एसएस पांगती से मिलकर उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया। इस पर श्री पांगती ने नगर पालिका के अधिकारियों को सड़क पर उभर आई कांच की बोतलों को हटाने के लिए निर्देशित किया। इसके बाद ग्रीन आर्मी के सदस्यों की मौजूदगी में नगर पालिका के कर्मियों ने सड़क किनारे तोड़ी गई शराब की बोतलों को मौके से हटवाया। कार्रवाई के दौरान नगर पालिका के एसआई कुलदीप कुमार व उनकी टीम तथा ग्रीन आर्मी के गोविंद प्रसाद, जय जोशी, भास्कर आर्य, अजय कुमार, विमल चंद्र, विक्की आर्य व सुनील चंद्र आदि सदस्य मौजूद रहे।