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March 19, 2024

Roap Way Cable Car : खराबी दूर होने के बाद फिर चलने लगी रोपवे केबल कार

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Roap Way Cable Car

Roap Way Cable Car

नवीन समाचार, नैनीताल, 31 जुलाई 2023। गत 27 जुलाई की शाम को तकनीकी खराबी आने के कारण बंद हुई रोप-वे केबल कार फिर से चल पड़ी है। इसका संचालन पूर्ववत् प्रारंभ हो गया है। केबल कार की संचालक कुमाऊं मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक एपी बाजपेयी ने बताया कि खराबी को दूर कर लिया गया है।

Roap Way Cable Carइसके अलावा उन्होंने बताया कि निगम में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपने प्रशिक्षित कर्मी मौजूद हैं। इसलिए केबल कार के रुकने के बावजूद निगम को एसडीआरएफ जैसे बचाव दलों को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी। साथ ही तकनीकी कमी को भी निगम के कर्मियों ने दूर किया। उन्होंने बताया कि निगम में हर माह ऐसी स्थितियों के लिए मॉक ड्रिल कराई जाती है। आगे शीघ्र ही एनडीआरएफ के साथ भी निगम कर्मियों के प्रशिक्षण का एक कार्यक्रम होने जा रहा है।

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यह भी पढ़ें : Roap Way Cable Car : चलते ही आपातकाल में रोकनी पड़ी रोप-वे केबल कार, 5 बच्चों व 6 युवतियों सहित 12 लोगों को सुरक्षित निकाला

नवीन समाचार, नैनीताल, 27 जुलाई 2023। पर्यटन नगरी नैनीताल में रोपवे यानी रज्जु मार्ग पर संचालित केबल कार (Roap Way Cable Car) में गुरुवार को तकनीकी खराबी की आशंका पर यात्रियों को केबल कार के चलते ही करीब 60-70 मीटर दूर आपातकाल में रोकना पड़ गया। इस दौरान केबल कार में 6 विदेशी एवं एक स्थानीय वयस्क तथा 5 बच्चों सहित कुल 12 लोग सवार थे। देखें वीडिओ :

इस पर करीब पौने घंटे के अंतराल में सभी को सुरक्षित तरीके से रस्सियों की मदद से जमीन पर उतारा गया। इस दौरान खासकर विदेशी युवक व युवतियां साहसिक पर्यटन का आनंद लेते हुए उतरते देखे गए। उनके किसी तरह का डर या हरारत नहीं देखी गई। अलबत्ता बच्चे जरूर कुछ परेशान दिखे। उन्हें प्रशिक्षित कर्मियों ने अपनी गोद में लेकर सुरक्षित उतारा।

Roap Way Cable Carकुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा मल्लीताल से स्नोव्यू के लिए संचालित केबल कार के प्रबंधक शुभम शर्मा ने बताया कि शाम करीब सवा चार बजे जब 5 युवतियों व एक युवक के विदेशी समूह तथा एक स्थानीय महिला व पांच स्कूली बच्चों को लेकर केबल कार जैसे ही चली, रोप वे स्टेशन में रोप्स को व्यवस्थित करने वाले ‘काउंटर वेट्स’ युक्त बड़े से पहिये की बियरिंग के टूटने जैसी आशंका के साथ कुछ आवाज महसूस हुई।

देखें रोप-वे केबल कार से एक बच्ची को बचाते विजय कुमार का पुराना वीडियो:

इस पर कोई जोखिम न लेते हुए तत्काल केबल कार का संचालन रोक दिया गया, और तत्काल ही निगम के प्रशिक्षित कर्मियों की मदद से स्टेशन से केवल 60-70 मीटर आगे ही पहुंची केबल कार से यात्रियों को सुरक्षित तरीके से नीचे उतारा गया। बताया कि दूसरी ओर स्नोव्यू से आ रही केबल कार में इस दौरान कोई भी यात्री सवार नहीं था। इसलिए वहां कोई दिक्कत नहीं आई।

उन्होंने बताया कि शुक्रवार को ‘काउंटर वेट्स’ युक्त बड़े से पहिये की तकनीकी जांच और मरम्मत की जाएगी। इसके बाद ही केबल कार का संचालन फिर से शुरू किया जाएगा।

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यह भी पढ़ें : रोपवे (Roap Way Cable Car) में फंसी रही विधायक सहित 48 यात्रियों की जान

नवीन समाचार, नई टिहरी, 10 जुलाई 2022। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले स्थित प्रसिद्ध देवी सुरकंडा मंदिर के हाल ही में शुरू हुए रोप-वे में रविवार को दोपहर बाद अचानक तकनीकी खराबी आ गई। इस कारण रोप-वे लगभग आधे घंटे तक ठप रहा। इसमें टिहरी विधायक सहित लगभग 48 से अधिक लोग इस बीच हवा में फंसे रहे। हालांकि आधे घंटे बाद रोप-वे चालू हो गया और विधायक सहित यात्रियों को ट्रालियों से सुरक्षित उतार लिया गया। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने तकनीकी जांच तक रोप-वे के संचालन को बंद करवा दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को दोपहर बाद सुरकंडा मंदिर में बना रोप-वे लगभग सवा चार बजे तकनीकी खामी के चलते बंद हो गया, जिससे रोप-वे में सवार लगभग 48 से अधिक लोग आधा घंटे तक हवा में लटके रहे। जब लोगों को पता चला कि रोप-वे तकनीकी खराबी के कारण बंद हुआ है, तो ट्रालियों में लोग घबरा गये। लोगों ने रोप-वे संचालकों से इसकी जानकारी चाही, तो उन्होंने बिजली न होने का बहाना बना दिया।

लगभग आधे घंटे बाद किसी तरह से रोप-वे को चालू कर लोगों को रोप-वे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। हालांकि बाद में तकनीकी खराबी के बारे में बताया जा रहा है कि चक्के से तार उतर जाने के कारण रोप-वे बंद हुआ था। तकनीशियनों ने खंभे पर चढ़कर खराबी को ठीक कर संचालन शुरू किया।

बताया गया कि सायं करीब पौने 5 बजे रोपवे की सभी ट्रॉलियां जैसे ही टावर नंबर 4 के पास पहुंचीं तो अचानक से बंद हो गईं, इससे विधायक सहित यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। करीब 25 मिनट तक सभी लोग ट्रॉली के साथ हवा में फंसे रहे। बताया जा रहा है कि रोपवे का एलाइनमेंट आउट होने की वजह से यह घटना हुई।

विधायक उपाध्याय ने कहा कि रोपवे की सुविधा के बाद सुरकंडा देवी मंदिर में भक्तों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। लेकिन इस तरह की घटना से लोगों में डर बैठ जाता है। रोपवे संचालनकर्ता कंपनी को इस कमी को तुरंत ठीक करना चाहिए। समय-समय पर ठोस तरीके से रोप-वे की तकनीकी जांच होती रहनी चाहिए। आज मंदिर से लौटते हुए वह भी रोपवे में फंस गए। उन्होंने यात्रियों से भी धैर्य बरतने की अपील की।

उधर, इस बारे में एसडीएम धनोल्टी लक्ष्मी राज चौहान ने बताया कि फिलहाल रोप-वे के संचालन को बंद करवा दिया गया है। तकनीकी जांच एजेंसी ब्रिडकुल की जांच में फिट पाये जाने के बाद ही रोप-वे का संचालन शुरू किया जायेगा। वहीं कंपनी के सुपरवाइजर नरेश बिजल्वाण का कहना है कि कंपनी ने इस माह 18 जुलाई से शटडाउन लेने का निर्णय लिया था। लेकिन उससे पहले यह घटना हो गई। बारिश के कारण भी यह समस्या उत्पन्न हुई होगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे (Roap Way Cable Car) के निर्माण की संभावना बढ़ी, हाईकोर्ट ने 45 दिन के भीतर प्रस्ताव मांगा

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 15 जून 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे के निर्माण हेतु एनएचएआई यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से 45 दिन के भीतर शपथ पत्र के रूप में प्रस्ताव पेश करने को कहा है।

बुधवार को खंडपीठ ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद एवं राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे के निर्माण पर नगर के पर्यावरणविद् डॉ. अजय रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान एनएचएआई की ओर से कहा गया कि उसने मार्च 2022 में जर्मन-ऑस्ट्रेलियन कम्पनी को सर्वे के लिए 9 करोड़ का ठेका दे दिया है।

एनएचएआई इस प्रोजेक्ट का नए सिरे से सर्वे करेगी। साथ ही पूरे प्रोजेक्ट का भूगर्भीय सर्वेक्षण भ्ज्ञी किया जाएगा। पुराने प्रोजेक्ट में चार स्टेशन बनाने का प्रस्ताव था। अगर बेस स्टेशन के लिए पक्की भूमि नहीं मिलती है तो दूसरी जगह बेस स्टेशन बनाया जा सकता है, चाहे कितने भी स्टेशन क्यों न बनाने पड़ें। यह भी बताया कि शुरुआती दौर में यह प्रोजेक्ट 12 किलोमीटर का है। नए सिरे से डीपीआर तैयार की जाएगी। इसके लिए उन्हें प्रस्ताव व शपथ पत्र पेश करने के लिए समय दिया जाए। इस पर कोर्ट ने एनएचएआई को 45 दिन का समय दिया।

उल्लेखनीय है कि डॉ. अजय रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे के लिए निहाल नाले और बलिया नाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है, जबकि ये दोनों नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र हैं। लिहाजा यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता है।

पूर्व में उच्च न्यायालय ने भी हनुमान गढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी। याची का यह भी कहना है कि वह रोपवे के विरोध में नहीं हैं, बल्कि रोपवे के निर्माण से पहले इसकी विस्तृत भूगर्भीय जांच कराए जाने के पक्षधर हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : रानीबाग से नैनीताल के बीच प्रस्तावित रोप-वे (Roap Way Cable Car) के मामले में एनएचएआई की इंट्री….

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 अप्रैल 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे केबल कार चलाने की योजना के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान पीठ ने एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सुनवाई की अगली तिथि 18 मई तक अपना पक्ष रखने को कहा है।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि वर्तमान समय में एनएचएआई भी रोपवे बना रही है। इस रोपवे के सम्बंध में एनएचएआइ का क्या कहना है, उनका मत भी जानना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि नैनीताल निवासी इतिहासकार-पर्यावरणविद् प्रो. अजय रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पर्यटन विकास परिषद और राज्य सरकार की ओर से रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है।

वह इस प्रस्ताव के विरुद्ध नहीं हैं, पर रोपवे के लिए निहाल नाला और बलियानाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है। यह दोनों नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र हैं। लिहाजा यहा किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता। इसलिए इस स्थान की विस्तृत भूगर्भीय जांच होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी उच्च न्याालय ने हनुमानगढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : झारखंड हादसे के बाद उत्तराखंड में भी सतर्कता, रोपवे केबल कार (Roap Way Cable Car) में की गई मॉक-ड्रिल

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 अप्रैल 2022। देवघर झारखंड में गत दिनों हुई दुर्घटना के बाद सरोवरनगरी में केएमवीएन यानी कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा सचालित रोप-वे केबल कारों में सुरक्षा के प्रबंधों व तैयारियों को जांचने तथा केबिन ऑपरेटरों को बचाव कार्यों को प्रशिक्षण देने के लिए मॉक-ड्रिल यानी बचाव अभ्यास किया गया।

बुधवार सुबह 9 बजे रोप-वे के दूसरे टावर के पास यानी सर्वाधिक ऊंचाई पर किए गए इस मॉक-ड्रिल के लिए एक केबिल कार के केबिन में सभी 10 केबिन ऑपरेटरों को ले जाया गया और फिर केबिल कार को वहां रोककर आपात काल हेतु केबिन में उपलब्ध रस्सियों व रेस्क्यू किट के माध्यम से सुरक्षित जमीन पर उतारा गया।

रोप-वे केबिल कार के प्रबंधक शिवम शर्मा ने बताया कि मॉक-ड्रिल में अग्निशमन कर्मियों को भी शामिल किया गया। इस मॉक-ड्रिल के माध्यम से केबिन में यात्रियों के साथ रहने वाले सभी केबिन ऑपरेटरो को आपात काल में यात्रियों को सुरक्षित रस्सियों के सहारे उतारने का प्रशिक्षण दिया। हालांकि उन्होंने बताया कि रस्सियों के सहारे यात्रियों को उतारने का विकल्प आखिरी होता है।

उनके पास केबिल कारों को आपात स्थिति में भी सुरक्षित स्टेशन पर वापस लाने बिजली जाने की स्थितियों के लिए नए जनरेटरों की उपलब्धता सहित सभी जरूरी प्रबंध हैं। मॉक-ड्रिल में उनके साथ ही भगत सिंह, हरीश पांडे, विजय कुमार, भूपेंद्र सिंह, चेतन, जीतेंद्र, अभिषेक आदि केबिन ऑपरेटरों के साथ अग्निशमन विभाग के अमर सिंह अधिकारी व कुलदीप कुमार आदि लोग शामिल रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल में दो दिन बंद रहेगा रोपवे केबिल कार का संचालन

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 4 अप्रैल 2022। सरोवरनगरी में कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा संचालित रोपवे केबिल कार का संचालन मंगलवार 5 अप्रैल से 7 अप्रैल तक बंद रहेगा। निगम की ओर से बताया गया है कि ग्रीष्मकालीन पर्यटन सत्र की तैयारियों के तहत इस अवधि में अर्धवार्षिक अनुरक्षण का कार्य किया जाएगा। इस कारण ही संचालन को दो दिन के लिए बंद किया जा रहा है। आगे केबिल कार का संचालन 8 अप्रैल से फिर से शुरू किया जाएगा। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

देखें विडियो : नैनीताल में केबल कार (Roapway) से निरंतर बदलते नजर आने वाले सरोवर नगरी खूबसूरत नज़ारे

यह भी पढ़ें : 500 लोगों ने निःशुल्क किया रोपवे-केबल कार का सफर…

नवीन समाचार, नैनीताल, 21 फरवरी 2021। पर्यटननगरी सरोवरनगरी नैनीताल में गत वर्ष 15 मार्च 2020 से ठप पड़ा केबल कार-रोप वे का संचालन रविवार से औपचारिक तौर पर प्रारंभ हो गया। रोपवे के प्रबंधक शिवम शर्मा ने बताया कि इस दौरान सुबह 10 से चार बजे तक बच्चों सहित 500 लोगों को 40 चक्करों में केबल कार पर स्नोव्यू की सैर कराई गई। आगे अब सोमवार से सैलानी शुल्क देकर नियमित रूप से केबल कार की सवारी का आनंद ले सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि 1.32 करोड़ रुपए खर्च कर केबल कार के संचालन को अधिक सुरक्षित व तेज कर दिया गया है। अब केबल कार ऑटो मोड के साथ ही जरूरत पड़ने पर मैन्युअल मोड पर भी संचालित हो सकेंगी और पेट्रोल इंजन के जरिए बीच में किसी कारण रुकने पर भी सुरक्षित वापस आ सकेंगी। साथ ही अब हर फेरे में तीन की जगह ढाई मिनट का समय लगेगा, इससे हर दिन निर्धारित अवधि में भी करीब चार फेरे अधिक हो सकेंगे और सैलानियों की संख्या अधिक होने पर पर रात्रि में भी केबल कार का संचालन हो सकेगा।

इससे अधिक संख्या में सैलानी अधिक गति से अधिक रोमांच का अनुभव करते हुए केबल कार का आनंद ले सकेंगे। अलबत्ता अब केबल कार की सवारी के लिए बच्चों-बड़ों को एक ओर 150 व 200 तथा दोनों ओर के लिए 200 व 300 रुपए खर्च करने होंगे पर स्थानीय लोगों की पास की व्यवस्था यथावत रहेगी। ‘नवीन समाचार’ पर अन्य ताज़ा समाचार पढ़ने को यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : खुशखबरी: अब अधिक तेज, सुरक्षित व रोमांचक तथा कल मुफ्त होगा रोपवे का सफर…

नवीन समाचार, नैनीताल, 20 फरवरी 2021। पर्यटननगरी सरोवरनगरी नैनीताल में अब रोपवे यानी रज्जु मार्ग पर केबल कार का सफर अधिक तेज, सुरक्षित एवं रोमांचक होगा। 15 मार्च 2020 के बाद से करीब एक वर्ष से कुछ कम अवधि के बाद नगर में केबल कार का संचालन रविवार से प्रारंभ होगा और पहले दिन सभी के लिए केबल कार का सफर निःशुल्क होगा।

शनिवार को केबल कार की संचालक, उत्तराखंड सरकार के उपक्रम केएमवीएन यानी कुमाऊं मंडल विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष केदार जोशी व प्रबंध निदेशक रोहित मीणा ने मुख्यालय के पत्रकारों को केबल कार की सैर कराने के साथ ही स्नोव्यू स्थित पर्यटक आवास गृह में पत्रकार वार्ता आयोजित की। इस मौके पर उन्होंने बताया कि 1.32 करोड़ रुपए खर्च कर केबल कार के संचालन को अधिक सुरक्षित व तेज कर दिया गया है। अब केबल कार ऑटो मोड के साथ ही जरूरत मोड पर भी संचालित हो सकेंगी और पेट्रोल इंजन के जरिए बीच में किसी कारण रुकने पर भी सुरक्षित वापस आ सकेंगी।

अब हर फेरे में तीन की जगह ढाई मिनट का समय लगेगा, इससे हर दिन निर्धारित अवधि में भी करीब चार फेरे अधिक हो सकेंगे और सैलानियों की संख्या अधिक होने पर पर रात्रि में भी केबल कार का संचालन हो सकेगा। इससे अधिक संख्या में सैलानी अधिक गति से अधिक रोमांच का अनुभव करते हुए केबल कार का आनंद ले सकेंगे। अलबत्ता अब केबल कार की सवारी के लिए बच्चों-बड़ों को एक ओर 150 व 200 तथा दोनों ओर के लिए 200 व 300 रुपए खर्च करने होंगे पर स्थानीय लोगों की पास की व्यवस्था यथावत रहेगी। दावा किया कि बीते वर्ष में कोरोना व मरम्मत कार्यों की वजह से केबल कार न चलने के कारण निगम को करीब 40 लाख रुपए का ही नुकसान हुआ है। पत्रकार वार्ता में निगम के जीएम अशोक जोशी व केबल कार के प्रबंधक शिवम शर्मा आदि भी मौजूद रहे। ‘नवीन समाचार’ पर अन्य ताज़ा समाचार पढ़ने को यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : एक वर्ष बाद नैनीताल में रोपवे-केबल कार का संचालन शुरू होने का इंतजार खत्म..

-ऑटोमेशन के कार्य होने के बाद इसी सप्ताह शुरू हो जाएगा संचालन, अब बीच में नहीं रुकेंगी केबल कार
नवीन समाचार, नैनीताल, 16 फरवरी 2021। सरोवरनगरी नैनीताल में करीब एक साल से बंद पड़े रोपवे यानी रज्जु मार्ग की सैर के लिए पर्यटकों को अब और इंतजार नहीं करना होगा। कुमाऊं मंडल विकास निगम ने इसके संचालन को लेकर सभी औपचारिकता पूरी कर ली है। अब इसी सप्ताह इसका संचालन शुरू हो जाएगा। यह भी उल्लेखनीय है कि अब रोपवे का ऑटोमेशन का कार्य पूरा हो गया है। किए गए ऑटोमेशन एवं कई नए सुरक्षा प्रबंध भी किये गए हैं। इसके उपरांत रोपवे केबल कार के बिजली जाने सहित किसी भी दशा में बीच में रुकने की समस्या दूर हो गई है। बताया गया है कि यदि केबल कार कहीं रुकती भी है तो अपने निकटस्थ स्टेशन पर लौट आएगा और यात्रियों को रस्सियों के सहारे जमीन पर उतारने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष फरवरी में ऑटोमेशन कार्य के लिए रोपवे का संचालन बंद कर दिया गया था। बीच में कोरोना के संक्रमण की वजह से यह कार्य भी रोकने पड़े थे। इधर करीब 1.32 करोड़ की लागत से यह कार्य पूरा होने के बाद भी ब्रिडकुल की टीम से इसका तकनीकी सर्वे कराने की ऑपचारिकता पूरा होने के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ा। निगम एमडी रोहित मीणा ने बताया कि अब ब्रिडकुल से हरी झंडी मिलने के बाद अब रोपवे संचालन की राह साफ हो गई है। उन्होंने बताया कि अब इसी सप्ताह रोपवे का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। ‘नवीन समाचार’ पर अन्य ताज़ा समाचार पढ़ने को यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पटरी पर लौटने लगा पर्यटन, पर चीन से खराब संबंधों के कारण लटका रोपवे का संचालन

-केव गार्डन में दो दिन में 2000 सैलानी पहुंचे
-चिड़ियाघर और वाटर फॉल में भी पहुंच रहे हैं अच्छी संख्या में सैलानी
नवीन समाचार, नैनीताल, 06 अक्टूबर 2020। पर्वतीय पर्यटन नगरी-सरोवरनगरी नैनीताल में पर्यटन खासकर सप्ताहांत पर अपनी पुरानी धुरी पर लौटता नजर आ रहा है। खासकर केएमवीएन द्वारा संचालित प्राकृतिक गुफाओं को विकसित कर बनाये गये केव गार्डन में सप्ताहांत के दो दिनों में 2000 सैलानी पहुंचे, जबकि गत वर्षों में यहां इन दिनों में सप्ताहांत के दिनों में प्रतिदिन 1500 के करीब सैलानी पहुंचे थे। वहीं वन विभाग द्वारा संचालित मुख्यालय स्थित गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणि उद्यान यानी नैनीताल चिड़ियाघर में बीते सप्ताहांत के तीन दिनों में 1500 सैलानी पहुंचे। जबकि हिमालय बॉटनिकल गार्डन में करीब 250 व सरिताताल स्थित वाटर फॉल में 2000 से कुछ कम सैलानी पहुंचे।

चीन से खराब संबंधों के कारण लटका रोपवे का संचालन
नैनीताल। नगर में पर्यटकों के बड़े आकर्षण रोपवे यानी रज्जु मार्ग केबल कार का संचालन इसे मैन्युअल से ऑटोमेशन में परिवर्तित करने के कार्य के कारण 17 मार्च से बंद पड़ा है। बीच में कोरोना व लॉक डाउन के कारण इसके कार्य ठप रहे। इधर बताया गया है कि काफी सारे कार्य तो हो गए हैं, किंतु अभी ताइवान से एक महत्वपूर्ण उपकरण आना शेष है। चीन से देश के खराब हुए संबंधों के कारण इसे आने में विलंब हुआ है। केएमवीएन के महाप्रबंधक अशोक जोशी ने बताया कि यह उपकरण अब समुद्र के मार्ग से आ रहा है, और इससे अगले दो-तीन दिनों में दिल्ली पहुंचने की संभावना है। इसके बाद भी रोपवे के संचालन में और एक सप्ताह का समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि ऑटोमेशन हो जाने के बाद केबल कारों को अपने स्टेशन पर पहुंचने से पूर्व रोकने के लिए ऑपरेटर को पूर्व की तरह कुछ नहीं करना पड़ेगा। साथ ही केबल कारों के किसी आपात परिस्थिति में बीच में अटकने और यात्रियों को रस्सियों के सहारे नीचे उतारने की समस्या भी खत्म हो जाएगी, बल्कि केबल कार हर आपात परिस्थिति में भी अपने स्टेशन पर लौट कर आ सकेंगी। ‘नवीन समाचार’ पर अन्य ताज़ा समाचार पढ़ने को यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : 17 से बंद रहेगा नैनीताल में रोपवे का संचालन

नवीन समाचार, नैनीताल, 16 मार्च 2020। नगर में 1984 से संचालित रोप-वे यानी रज्जु मार्ग पर चलने वाली केबिल कार का संचालय 17 मार्च (मंगलवार) से नहीं होगा। रोपवे संचालक कुमाऊं मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक अशोक जोशी ने बताया कि रोप वे के मैकेनिकल, इलेक्ट्रीकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सिविल आदि कार्यों की मरम्मत तथा आधुनिकीकरण के कार्य किये जा रहे हैं। इस कारण रोपवे का संचालन 17 मार्च से कार्य पूर्ण होने तक पूर्ण रूप से बंद रहेगा।  उल्लेखनीय है कि केबिल कार का ऑटोमेशन किया जाना प्रस्तावित है। प्रबंधक शिवम शर्मा ने बताया कि ऑटोमेशन कार्य में करीब एक माह का समय लगने की उम्मीद की जा रही है। ‘नवीन समाचार’ पर अन्य ताज़ा समाचार पढ़ने को यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग नैनीताल: रोपवे से रेस्क्यू कर उतारने पड़े यात्री

ट्रॉली से बाहर निकाले गए यात्री
ऐसे केबल कार से बाहर निकाले गए यात्री

-बिजली संबंधी समस्या आने से केबिल कार में लग गए थे ऑटो ब्रेक
नवीन समाचार, नैनीताल, 4 फरवरी 2020। सरोवरनगरी में मल्लीताल से स्नोव्यू तक चलने वाली केएमवीएन यानी कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा 1985 से संचालित रोपवे केबिल कार के संचालन में मंगलवार अपराह्न खराबी आने से व्यवधान आ गया। ऐसे में केबिल कार में मौजूद तीन सैलानियों सहित पांच यात्रियों को बीच मार्ग से 250 फीट की ऊंचाई से रस्सियों के सहारे रेस्क्यू कर सुरक्षित नीचे उतारना पड़ा।
NBTरोपवे केबल कार के प्रबंधक शिवम शर्मा ने बताया कि अपराह्न करीब चार बजे रोप वे के संचालन में विद्युत संबंधी समस्या आने के कारण केबिल कारों में ऑटो ब्रेक लग गए। इस कारण दोनों केबिल कार नीचे से पहले पोल के पास जब वे एक-दूसरे के करीब ही थे, रुक गए। इससे नीचे से ऊपर की ओर जा रही केबल कार में पांच यात्री बीच रास्ते में फंस गए। इनमें तीन सैलानी एवं दो स्थानीय लोग शामिल थे, जबकि ऊपर से नीचे की ओर आने वाली केबल कार खाली थी। सभी यात्रियों को प्रशिक्षित बचाव कर्मियों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद सभी पांच सवारों को सुरक्षित नीचे उतारलिया। प्रशिक्षित कर्मियों के के द्वारा करीब साढ़े पांच बजे सभी यात्री उतारे जा सके। श्री शर्मा ने बताया कि यात्रियों को निगम के प्रशिक्षित कर्मियों के द्वारा इतनी सरलता व आराम से उतारा गया कि यात्रियों ने निगम कर्मियों की कार्य कुशलता की प्रशंसा भी की। बताया कि विद्युत संबंधी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। शाम छह बजे के बाद रास्ते में रुकी केबल कारों को वापस स्टेशन पर ले आया गया। बताया गया है कि केबल कार की डीसी मोटर को चलाने के लिए एसी को डीसी में बदलने के उपकरण में प्रयुक्त ब्रिज रैक्टीफायर में खराबी आई थी। बताया गया है कि केबल कार के संचालन में 20 सुरक्षा बिंदु तय हैं। इनमें से किसी एक बिंदु में भी समस्या आने पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए केबल का संचालन बंद करने का प्राविधान है। इसलिए केबल का संचालन बंद कर दिया गया। बाद में केबलों को स्टेशन पर ले आया गया है। बुधवार सुबह ब्रिज रैक्टीफायर में आई खराबी को दुरुस्त करके ही केबिल कार का संचालन शुरू किया जाएगा।

इससे पहले तकनीकी कारणों से ये केबल कार दो बार 15 अप्रैल 1985 और 9 जून 2013 को खराब हो गई थी। 2013 की 15 अप्रैल को ट्रॉली का कम्पोनेंट खराब हुआ था जिसके कारण सही करने तक मुंबई से आए 9 छात्र छात्राओं को तो दूसरी बार 9 जून 2013 को बिजली जाने और जेनरेटर खराब होने के कारण ट्रॉली हवा में रुक गई थी जिसके बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के पर्यटकों को सुरक्षित उतारा गया था। स्विस तकनीक से बनी इस रोपवे की केबल कार में 11 लोगों व 825 किलोग्राम वजन  के साथ सवार होने की व्यवस्था होती है। ‘नवीन समाचार’ पर अन्य ताज़ा समाचार पढ़ने को यहां क्लिक करें।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 7 दिसंबर 2019। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने प्रदेश के टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड एवं राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए बनाए जाने वाली रोपवे निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। शनिवार को पर्यटन विभाग की ओर से शपथ पत्र पेश किया गया जिसमें कहा गया है कि रोपवे बनाने की यह पहली सर्वे है और रोपवे कहीं भी बनाये जा सकते है। इनके निर्माण से किसी भी तरह का खतरा होने की आशंका नहीं है।
मामले के अनुसार नैनीताल निवासी पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड और राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए रोप-वे का निर्माण प्रस्तावित है। रोप-वे के लिए निहाल नाले और बलिया नाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है। ये दोनों नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र हैं। लिहाजा यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नही किया जा सकता। पूर्व में भी उच्च न्यायालय ने हनुमानगढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी। न्यायालय ने पूर्व में उनकी इस जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड एवं राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा था परंतु राज्य सरकार के के अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए अतरिक्त समय की मांग की जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। ‘नवीन समाचार’ पर अन्य ताज़ा समाचार पढ़ने को यहां क्लिक करें।

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-पर्यटन सचिव दिलीप जावलेकर ने मुख्यालय में रोप-वे निर्माण को लेकर हुई बैठक में दी जानकारी

नवीन समाचार, नैनीताल, 12 जुलाई 2019। सरोवर नगरी को वाहनों के प्रदूषण एवं दबाव से बचाने के साथ ही संतुलनीय पर्यावरण बनाए रखने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार रानीबाग से हनुमानगढ़ी एवं देहरादून से मसूरी के बीच रोपवे बनाने की कवायद में जुटी है। इन दोनों रोपवे प्रोजेक्टों का नेतृत्व कर रहे सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि कहा कि इन रोपवे के निर्माण से पर्यटकों को खासी सुविधा होगी, सैलानी केवल 30 मिनट में नैनीताल की यात्रा कर पाएंगे तथा वाहनों का दबाव भी नैनीताल व मसूरी में कम होगा, तथा पार्किंग की समस्या का समाधान भी होगा। बताया कि इस रोपवे के निर्माण पर लगभग 600 करोड़ की धनराशि व्यय होगी। रोपवे प्रोजेक्ट का कार्य देश-विदेशों में कई रोपवे बना चुकी पोमा प्राईवेट लिमिटेड को सौंपा गया है।

रानीबाग से हनुमानगढ़ी तक आने वाले रोपवे में एचएमटी रानीबाग, डोलमार, ज्योलीकोट तथा हनुमानगढ़ी मंदिर के समीप स्थित पार्क की भूमि की आवश्यकता होगी। भूमि के चयन एवं परीक्षण तथा स्थानान्तरण एवं सर्वे का कार्य इन दिनों किया जा रहा है। कहा कि प्रस्तावित रोपवे पारिस्थितिकी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, इससे पर्यावरण भी दूषित होने से बचेगा। इस संबंध में उन्होंने शुक्रवार को कुमाऊं मंडल के आयुक्त राजीव रौतेला से एलडीए सभागार में महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में आयुक्त श्री रौतेला ने रोपवे निर्माण के लिए भूमि से सम्बन्धित कार्यों में तेजी लाने के लिए नैनीताल के एडीएम वित्त एवं राजस्व एसएस जंगपांगी को नोडल अधिकारी तथा एसडीएम नैनीताल को प्रभारी अधिकारी नामित किया, और उनसे चिन्हित भूमि-क्षेत्र का नजरिया नक्शा तैयार कराने तथा सभी राजस्व नक्शों को मिलाकर एक नक्शा बनवाने तथा भूमि की मालिकाना स्थिति का भी विस्तृत ब्यौरा तैयार करने, ज्योलीकोट में स्थित उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग की भूमि के हस्तान्तरण के लिए शीघ्र पत्राचार करने तथा प्रस्तावित रोपवे मार्ग में यदि कोई कार्य स्वीकृत है तो उसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कराने के भी निर्देश दिए। पोमा तथा सीबीआरई साउथ एशिया संस्था के प्रतिनिधियों शारिक खान, आरोहन मेंहदीरत्ता ने बताया कि रोपवे निर्माण के लिए चिन्हित क्षेत्र का कम्पनी द्वारा टोपोग्राफिकल सर्वे किया जा चुका है। पर्यावरणीय प्रभावों का अध्ययन किया जा रहा है तथा विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है जो जल्द ही शासन को सौंपी जाएगी। बैठक में डीएम सविन बंसल, केएमवीएन के एमडी रोहित मीणा, डीएफओ टीआर बीजुलाल, एडीएम एसएस जंगपांगी, प्राधिकरण सचिव हरबीर सिंह, एसडीएम विनोद कुमार, जिला पर्यटन विका अधिकारी अरविंद गौड़ सहित सैयद उसमान व डीएस बसनाल आदि अधिकारी भी मौजूद रहे। ‘नवीन समाचार’ पर अन्य ताज़ा समाचार पढ़ने को यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पिछले चार वर्षों में घट रही है नैनीताल में सैलानियों की संख्या !

-केएमवीएन संचालित रोपवे ट्रॉली की सवारी करने वाले सैलानियों की संख्या के आधार पर आंकलन

नवीन समाचार, नैनीताल, 27 सितंबर 2019। पर्वतीय पर्यटन नगरी-सरोवरनगरी नैनीताल में पिछले चार वर्षों में सैलानियों की संख्या लगातार गिर रही है। कुमाऊं मंडल विकास निगम के द्वारा संचालित, 16 मई 1985 से चल रही रोपवे ट्रॉली में सवारी करने वाले सैलानियों की संख्या के आंकड़ों से ऐसी तस्वीर उभर कर आ रही है। बल्कि स्थिति यह है कि पिछले दो वर्षों के आंकड़े तो वर्ष 2010 से भी कमतर हैं।
सूचना अधिकार कायकर्ता हेमंत गौनिया को निगम से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2009-10 में रोपवे ट्रॉली से दो लाख 636, 2010-11 में 1.7 लाख, 2011-12 में 1.84 लाख, 2012-13 में 2.08 लाख, 2013-14 में 1.83 लाख, 2014-15 में 2.38 लाख, 2015-16 में सर्वाधिक 2.48 लाख, 2016-17 में 1.89 लाख, 2017-18 में 2.16 लाख, 2018-19 में 1.72 लाख सैलानी पहुंचे, जबकि मौजूदा 2019-20 में 31 अगस्त तक 95 हजार 223 सैलानियों ने रोपवे पर सवारी की। यह भी बताया गया है कि यात्रियों से निगम 300 व 200 रुपए बड़ों व बच्चों के लिए किराया वसूलता है, और पिछले 10 वर्षों में रोपवे के रखरखाव में 1.14 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इन आंकड़ों का विश्लेषण करने पर दिखता है कि 2015-16 में सर्वाधिक सैलानियों के जाने के बाद सैलानियों की संख्या कम हुई है और मौजूदा वर्ष एवं पिछले वर्ष संख्या चिंताजनक स्तर तक कम हुई है। गौरतलब है कि रोपवे ट्रॉली में एक चक्कर में करीब पांच मिनट का समय लगता है। उल्लेखनीय है कि रोपवे ट्रॉली का निर्माण ऑस्ट्रेलिया की कंपनी वोएस्ट अल्पाइन लिमिटेड के द्वारा किया गया था। तब से इसमें एक भी सैलानी की दुर्घटनात्मक मृत्यु नहीं हुई है।

यह भी पढ़ें : ठीक 1 माह बाद नई तारों पर चल पड़ी केबल कार

नैनीताल, 13 मई 2018। सरोवरनगरी में पर्यटन के प्रमुख आकर्षण केएमवीएन यानी कुमाऊं मंडल विकास निगम से संचालित रोप-वे केबिल कार के सप्ताह भर में फिर से चलने की उम्मीद दिख रही है। केबल कार के प्रबंधक दिनेश उपाध्याय ने बताया कि नई केबलें मुख्यालय पहुंच गयी हैं। इसके बाद नयी केबलों को लगाने का कार्य भी प्रारंभ हो गया है। रविवार को अवकाश के दिन से पुरानी केबल में नई केबल को बांधकर पुरानी केबलों को हटाने और नई केबलों को हटाने का कार्य प्रारंभ हुआ। आगे सब कुछ ठीक रहा तो उम्मीद की जा सकती है कि सप्ताह भर में नई केबलों पर केबल कार दौड़ सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 19 अप्रैल को चार से छह वर्ष चलने वाली केबल की 42 में से छह तारें केवल 2 वर्ष से पहले ही वार्षिक अनुरक्षण के दौरान टूटी हुई पायी गयी थीं। इसके बाद सैलानियों की सुरक्षा के मद्देनजर समय रहते रोपवे केबिल कार का संचालन बंद कर दिया गया। इससे केएमवीएन को प्रतिदिन करीब करीब डेढ़ लाख एवं नई केबिल लगाने में करीब 30 से 35 लाख रुपए के नुकसान होने का अनुमान है। केबल कार के बंद होने से सैलानी तो नगर के इस प्रमुख आकर्षण वंचित रहे, वहीं इससे जुड़े केबल स्टेशन एवं स्नोभ्यू स्टेशन के पर्यटन व्यवसायियों का व्यवसाय भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।

यह भी पढ़ें : तिहाई समय में ही टूट गई रोप-वे की डोर, रोपवे बंद, कार्रवाई होगी

-वार्षिक अनुरक्षण के दौरान केबिल कार को खींचने वाली केबिल के 42 में से 6 तार अलग-अलग जगहों पर टूटे, सुरक्षा के मद्देनजर समय रहते बंद किया गया संचालन

-करीब तीन सप्ताह तक बंद रह सकता है रोपवे का संचालन, रोज करीब डेढ़ लाख का होगा नुकसान, सैलानी भी सेवा से रहेंगे वंचित, पर्यटन व्यवसाय भी होगा प्रभावित

नैनीताल, 19 अप्रैल  2018। सरोवरनगरी में पर्यटन के प्रमुख आकर्षण, 1985 में स्थापना के बाद से बिना किसी समस्या के केएमवीएन यानी कुमाऊं मंडल विकास निगम से संचालित रोप-वे केबिल कार की चार से छह वर्ष चलने वाली केबल की 42 में से छह तारें केवल 2 वर्ष से पहले ही वार्षिक अनुरक्षण के दौरान टूटी हुई पायी गयीं। इसके बाद सैलानियों की सुरक्षा के मद्देनजर समय रहते रोपवे केबिल कार का संचालन बंद कर दिया गया। आगे नयी केबिल मंगाने और इसे बदलने में करीब 3 सप्ताह का समय लगने की बात की जा रही है। इससे केएमवीएन को प्रतिदिन करीब करीब डेढ़ लाख एवं नई केबिल लगाने में करीब 30 से 35 लाख रुपए के नुकसान होने का अंदेशा है। केबल कार के बंद होने से सैलानी तो नगर के इस प्रमुख आकर्षण वंचित रहेंगे ही, इससे जुड़े केबल स्टेशन एवं स्नोभ्यू स्टेशन के पर्यटन व्यवसायियों का व्यवसाय भी बुरी तरह से प्रभावित होने की संभावना है। गनीमत यह है कि केबल के पूरी तरह टूट जाने अथवा कोई दुर्घटना होने से पहले समय रहते ही केबल की कुछ तारें टूटने का पता चल गया, और 15 मई से प्रस्तावित ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन के आसपास ही केबल कार के नई केबल के साथ दुबारा से चलने की उम्मीद भी की जा सकती है। केबल के बाबत प्रबंधक दिनेश उपाध्याय ने बताया कि इसकी उम्र छह वर्ष से अधिक बताई जाती है, लेकिन निगम हर 5 वर्ष में इसे बदल देता है। जबकि इस बार यह तार मई 2016 में बदली गयी थी, और 2 वर्ष से पहले ही टूट गयी है। तार उषा मार्टिन कंपनी की थी। वहीं केएमवीएन के एमडी धीराज गर्ब्याल ने बताया कि केबल कार उपलब्ध कराने वाली कंपनी को आधे से एक तिहाई समय में ही केबल टूट जाने के कारण नोटिस भेजा जा रहा है।

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