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March 18, 2025

लिव-इन संबंधों में 3 बच्चे पैदा होने के बाद महिला को छोड़ा, महिला न्याय की तलाश में, UCC में पंजीकरण होता तो…

Pyar Bharose Live-In men mila Dhokha

नवीन समाचार, देहरादून, 17 मार्च 2025 (Lover left the Woman after 3 Children in Live-in)एक महिला बिना शादी किए लिव-इन संबंधों में इस कदर रम गई कि तीन बच्चों को जन्म दे दिया, लेकिन जब भरण-पोषण की स्थिति कठिन हुई तो प्रेमी ने किनारा कर लिया। अब महिला राज्य महिला आयोग की शरण में है, जहां उसके कानूनी अधिकारों पर विचार किया जा रहा है। यह मामला न केवल समाज में बढ़ती लिव-इन प्रवृत्ति पर प्रश्न खड़े करता है, बल्कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत लिव-इन संबंधों के पंजीकरण की अनिवार्यता को भी उजागर करता है।

आर्थिक तंगी का बहाना ?

(Lover left the Woman after 3 Children in Live-in)महिला ने प्रेमी के साथ कई वर्ष लिव-इन रिलेशनशिप में व्यतीत किए और तीन बच्चों को जन्म दिया। उसने इसे विवाह समान माना, लेकिन जब आर्थिक दबाव बढ़ा तो प्रेमी ने उसे अकेला छोड़ दिया। अब महिला अपने तीन बच्चों के भरण-पोषण की चुनौती से जूझ रही है।

राज्य महिला आयोग ने जताई चिंता

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने इस मामले को समाज के बदलते स्वरूप का महत्वपूर्ण उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यदि यह महिला यूसीसी के तहत पंजीकृत होती, तो उसे भरण-पोषण का अधिकार मिल सकता था। साथ ही, उसके बच्चों को संपत्ति में अधिकार प्राप्त हो सकता था।

लिव-इन संबंधों में बढ़ती असुरक्षा

आयोग के अनुसार, हर महीने दो से तीन मामले लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े विवादों के सामने आ रहे हैं, जिनमें महिलाएं कानूनी अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। आयोग ने सरकार से अनुरोध किया है कि यूसीसी के तहत लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए, ताकि महिलाओं और बच्चों को कानूनी संरक्षण प्राप्त हो सके।

प्रेमी को दी गई कानूनी चेतावनी

आयोग अध्यक्ष कंडवाल ने बताया कि महिला ने आयोग में शिकायत दी थी, जिसमें उसने प्रेमी को पति बताया। जांच में वह केवल लिव-इन पार्टनर निकला। फिलहाल आयोग के कानूनी परामर्शदाताओं ने उसे तलब कर समझाया, जिसके बाद वह बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हुआ है।

यूसीसी के तहत पंजीकरण की मांग

राज्य महिला आयोग ने सरकार से मांग की है कि लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता देने हेतु यूसीसी के तहत पंजीकरण अनिवार्य किया जाए। ऐसा होने पर न केवल महिलाओं को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनके बच्चों को भी समाज में उचित अधिकार मिल सकेंगे।

समाज में बढ़ती चुनौती (Lover left the Woman after 3 Children in Live-in)

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली महिलाओं के लिए कानूनी सुरक्षा एक गंभीर विषय बन चुका है। आयोग के अनुसार, हर महीने इस प्रकार के कई मामले सामने आ रहे हैं, जहां पुरुष संबंध समाप्त कर देते हैं और महिलाओं को असहाय छोड़ दिया जाता है। यदि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाती है, तो आने वाले समय में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है। (Lover left the Woman after 3 Children in Live-in)

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