पंचायत के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश बिष्ट, पत्नी गीता व समर्थकों संग भाजपा में शामिल…, नैनीताल में भी कई की चर्चाएं तेज…
नवीन समाचार, नैनीताल, 18 सितंबर 2019। कांग्रेस नेता और निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य डा. हरीश बिष्ट बुधवार को पत्नी-भीमताल की निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख गीता बिष्ट और समर्थकों संग भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने विधायक संजीव आर्य, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट की मौजूदगी में भाजपा कुमाऊं संभाग कार्यालय में उन्हें फूल मालाएं पहनाकर पार्टी की सदस्यता दिलाई। भाजपा की सदस्यता लेने वालों में कोटाबाग ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हेम नैनवाल, कृष्णानन्द कांडपाल, दुर्गा दत्त पलड़िया, देवेन्द्र बोरा आदि रहे। इस अवसर पर अजय भट्ट ने कहा कि भाजपा में शामिल हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह पार्टी की रीति और नीति को समझें। वह संगठन की मजबूती के लिए प्राथमिकता से काम करें। मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि भाजपा का कुनबा बढ़ रहा है। ऐसे में जुड़ने वाले हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह संगठन की मजबूती के साथ जनसेवा को तत्पर रहें। इधर, नैनीताल मुख्यालय में भी एक प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी व कम से कम दो निर्वाचित पदेन जनप्रतिनिधि सहित कुछ अन्य कांग्रेसियों के भी भाजपा की सदस्यता लेने की चर्चाएं काफी दिनों से चल रही हैं, जबकि हरीश बिष्ट के भाजपा में जाने के बाद इन चर्चाओं ने और जोर पकड़ लिया है ।
पूर्व समाचार : आज एक बजे कांग्रेस का एक बड़ा विकेट गिराएगी भाजपा, पंचायत चुनाव में पहली जीत के लिये बनी रणनीति..
नवीन समाचार, नैनीताल, 18 सितंबर 2019। अब तक भाजपा के लिए कहा जाता है कि वह ‘मोदी मैजिक’ के भरोसे केवल केंद्र एवं राज्य के बड़े चुनावों में ही जीत प्राप्त कर पाती है।त्रिस्तरीय पंचायतों में भाजपा कमजोर है। इस धारणा को बदलने के उद्देश्य से भाजपा बुधवार को एक बड़ा दांव चलने जा रही है। आज दोपहर 1:00 बजे पिछले दो दशकों से जिला पंचायत नैनीताल मैं दबदबा रखने वाले कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ हरीश बिष्ट भाजपा का दामन थामने वाले हैं।
हरीश बिष्ट के भाजपा का दामन थामने के निहितार्थ इस रूप में निकाले जा रहे हैं कि कि कांग्रेस निचले स्तर तक कमजोर होती चली जा रही है, व अपने सिमट चुके कुनबे को भी नहीं सवाल पा रही है। बताया जा रहा है कि हरीश प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान न मिल पाने, खासकर उनकी जगह उनके किसी प्रतिद्वंदी को स्थान दे दिए जाने से नाराज हैं। इसके बाद वे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के माध्यम से भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। उनके साथ जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों के 2 दर्जन से अधिक ग्राम प्रधान एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य का भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। उल्लेखनीय है कि हरीश बिष्ट निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य व उनकी पत्नी गीता बिष्ट भीमताल से निवर्तमान ब्लाक प्रमुख हैं। दोनों पति-पत्नी पिछले 20 साल से पंचायत की राजनीति में सक्रिय हैं। अलबत्ता, अभी गीता बिष्ट का औपचारिक तौर पर भाजपा में जाना तय नहीं है। उल्लेखनीय है कि 2014 में भाजपा जिला पंचायत नैनीताल में अधिक सदस्य होने के बावजूद अपना जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष नहीं बना पाई थी।
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तब हेम को हराने के बाद यशपाल आर्य ने संभाला था इंदिरा और सुमित्रा को
-विजयी अध्यक्ष सुमित्रा प्रसाद व उपाध्यक्ष पुष्कर नयाल दोनों ने भाजपा के चुनाव चिह्न पर जीता था जिला पंचायत का चुनाव
नवीन जोशी, नैनीताल। जी हां, यकीनन नैनीताल जिला पंचायत में कांग्रेस की ओर से घोषित अध्यक्ष पद प्रत्याशी सुमित्रा प्रसाद और उपाध्यक्ष पद पर पुष्कर नयाल ने चुनाव जीता है, लेकिन दोनों विजयी सदस्य न केवल मूलतः भाजपाई रहे हैं, वरन उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए जिला पंचायत सदस्य बनने की अर्हता धुर विरोधी भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिह्न कमल के फूल पर चुनाव लड़ कर अर्जित की है। वरन, उपाध्यक्ष बने पुष्कर नयाल ने तो स्वयं को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सक्रिय कार्यकर्ता भी बताया है। कांग्रेस प्रत्याशियों की विजय में योगदान देने वाले कम से कम दो सदस्य प्रताप गोरखा और कृष्णानंद कांडपाल भी मूलतः भाजपाई रहे हैं।
जी हां, ऐसा इतिहास में संभवतया पहली बार हुआ होगा कि किसी शीर्ष संवैधानिक संस्था के सभी शीर्ष पदों पर किसी पार्टी के समर्थन से जीते प्रत्याशी मूलतः किसी अन्य व धुर विरोधी दल से रहे होंगे। इसे आधुनिक राजनीति और सत्ता प्राप्ति के लिए किए जा रहे प्रबंधन और जोड़-तोड़ की राजनीति का एक अनूठा नमूना माना जा सकता है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को हुए जिला पंचायत के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी सुमित्रा प्रसाद ने अध्यक्ष एवं पुष्कर नयाल ने उपाध्यक्ष पद पर एक-एक वोट के अंतर से जीत दर्ज की। दोनों को 31 सदस्यीय जिला पंचायत में 16-16 मत मिले, जबकि पराजित भाजपा अध्यक्ष प्रत्याशी नीमा आर्या और उपाध्यक्ष प्रत्याशी धीरज कुमार जोशी को 15-15 मत मिलने के कारण हार का मुंह देखना पड़ा। और इस तरह नैनीताल जिला पंचायत में लगातार चौथी बार कांग्रेस का राज कायम रहा है।
गौरतलब है कि सुमित्रा प्रसाद ने भाजपा से अध्यक्ष पद की दावेदारी करने और वहां से टिकट न मिलने पर आखिरी क्षणों में पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। नामांकन प्रक्रिया के दौरान आखिरी क्षणों में तीन बजने से कुछ मिनट पहले कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल ने काबीना मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश व हरीश चंद्र दुर्गापाल की मौजूदगी में उनका नामांकन पत्र उनकी अनुपस्थिति में दाखिल किया था। यह भी काबिल-ए-गौर है कि इस चुनाव में भाजपा से कांग्रेस में ही नहीं, कांग्रेस से भाजपा में भी सदस्यों का आना-जाना रहा। बिर राम को कांग्रेस ने कथित तौर पर अपना अध्यक्ष प्रत्याशी घोषित कर दिया था, लेकिन वह भाजपा के पाले में चले गए। इसी तरह भाजपा की ओर से उपाध्यक्ष प्रत्याशी रहे धीरज कुमार भी मूलतः कांग्रेसी हैं।
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बोले-‘भूप सहस दस एकहि बारा, लगे उठावन टरइ न टारा’ जैसी स्थिति है नरेंद्र मोदी के आगे विपक्षी गठबंधन की
नवीन समाचार, नैनीताल, 19 जनवरी 2019। पूर्व काबीना मंत्री एवं कालाढुंगी विधायक बंशीधर भगत ने लोकसभा चुनावों के लिये हो रहे विपक्षी गठबंधन पर राम चरित मानस में उल्लेखित धनुष यज्ञ संबंधी प्रसंग ‘भूप सहस दस एकहि बारा, लगे उठावन टरइ न टारा।।’ का उल्लेख कर चुटकी ली। सोमवार को भाजपा के अनुसूचित मोर्चा के नगर अध्यक्ष अतुल पाल की बहन के विवाह समारोह में आये भगत ने ‘नवीन समाचार’ से बात करते हुए कहा कि जब माता सीता के धनुष यज्ञ में आये राजा धनुष को नहीं उठा पाये तो एक साथ मिलकर धनुष को तोड़ने का प्रयास करने लगे। इस पर किसी ने पूछा कि यदि इस तरह धनुष टूट ही गया तो सीता का वरण कौन करेगा। इस पर उन्होंने कहा कि धनुष टूटने पर आपस में लडेंगे, झगड़ेंगे, कटेंगे, मरेंगे, और जो बच जाएगा वह सीता से विवाह कर लेगा। मौजूदा गठबंधन की भी यही स्थिति है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष का एकसूत्रीय कार्यक्रम नरेंद्र मोदी को हटाने का है, अब वह भाजपा हटाने की बात भी नहीं कर रहे, जबकि देश की सुरक्षा, स्वाभिमान के लिए व विश्व में देश के स्थापित होने के लिए नरेंद्र मोदी फिर से देश की आवश्यकता हैं। कहा कि लोक सभा के लिए उनकी अपनी दावेदारी मजबूती के साथ एवं जीतने के लिए है। जहां भी जा रहे हैं, जनता से अपार जनसमर्थन मिल रहा है। साफ किया कि उनकी दावेदारी किसी अन्य पर निर्भर नहीं है, किंतु जिसे भी टिकट मिलेगा उसे लड़ाएंगे। इस मौके पर भाजपा मंडल महामंत्री भानु पंत सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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-गत दिवस पूर्व कैबिनेट मंत्री व नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि हरीश रावत को कांग्रेस ने सब कुछ तो बना दिया, अब क्या बनना बांकी है
नैनीताल, 18 जुलाई 2018। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद भी लगता है नेता प्रतिपक्ष व पूर्व काबीना मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश के साथ उनका वाकयुद्ध व राजनीतिक तल्खी घटने वाली नहीं है। उल्लेखनीय है कि गत दिवस डा. हृदयेश ने कहा था कि हरीश रावत को कांग्रेस ने सब कुछ तो बना दिया, अब क्या बनना बांकी है, राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद इस बयान पर ही पलटवार करते हुए रावत ने टिप्पणी की कि उन्हें और क्या बनना बांकी है, यह बताने वालों का धन्यवाद अदा करते हैं। साथ ही पूछे जाने पर कहा कि उत्तराखंड में अपनी सक्रियता को कम नहीं होने देंगे। कहा, ‘थाप देते रहेंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या आसाम जाने के बाद भी उनकी आम, काफल, मुंगरी आदि की पार्टियां जारी रहेंगी, उन्होंने कहा, वहां कोई शिष्य मिलेगा तो उसे भी यह सब सिखा देंगे। इसी तरह के एक अन्य सवाल पर कि क्या उन्हें उत्तराखंड की राजनीति से किनारे कर दिया गया है, उन्होंने कहा, आज के सोशल मीडिया के दौर में कहीं भी कोई किनारा नहीं होता है।
प्रधानमंत्री मोदी पर बोले जाने वाले हमलों पर उन्होंने कहा, उनका विरोध मोदी से नहीं बल्कि मोदीवाद से है। कहा कि उन्हें हरेले के त्योहार पर राहुल गांधी की ओर से राष्ट्रीय महासचिव पद का आशीर्वाद मिला है। हमेशा की तरह जो भी जिम्मेदारी मिली है, उसे पूरी लगन से निभाएंगे। पहली बार हल्द्वानी से लोकसभा चुनाव में दावेदारी के सवाल पर उन्होंने टालामटोली नहीं की। कहा कि इस पड़ाव पर वह कुछ मांगने की स्थिति में नहीं है। जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाएंगे। वहीं केंद्रीय कार्यकारिणी में प्रकाश जोशी की उपेक्षा को खारिज किया। इस मौके पर उनके पुत्र आनंद रावत, कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष सरिता आर्या, राजेंद्र खनवाल, मारुति साह, धीरज बिष्ट व कैलाश अधिकारी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी मौजूद रहे। इससे पूर्व नैनीताल क्लब में समर्थकों ने रावत का नई जिम्मेदारी मिलने पर पटाखे तोड़कर स्वागत किया।
हरीश रावत को अभिनंदन करती महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सरिता आर्य व अन्य।
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गत दिनों इंदिरा ने पकड़े थे अजय भट्ट के हाथ, तो अब हरीश रावत ने त्रिवेंद्र रावत को खिलाये आम-ककड़ी
-अजय भट्ट-हरीश रावत में रानीखेत से होने तो त्रिवेंद्र रावत व डा. हृदयेश में नेता सदन व नेता प्रतिपक्ष होने का साम्य
28 जून को अजय भट्ट के हाथ थामे डा. इंदिरा हृदयेश.
उत्तराखंड कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और एनडी तिवारी के बीच की अदावत अब हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के बीच खुले तौर पर दिखने लगी है। डा. इंदिरा ने जहां गत दिनों हरीश रावत के मुख्यमंत्री के दिनों में मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को राहुल गांधी की पसंद होना बताया तो हरीश रावत ने इंदिरा हृदयेश को ऐसी खोज करने वाला ‘कोलंबस’ बता डाला। इसके कुछ ही दिनों बाद बीती 28 मार्च को इंदिरा नैनीताल आयीं तो यहां नैनीताल क्लब में पास के कक्ष में ठहरे अजय भट्ट के कक्ष में चली गयीं। उन्हें पत्नी पुष्पा भट्ट के उच्च न्यायालय में उप महाधिवक्ता बनने पर बधाई देते हुए कक्ष के भीतर व बाहर करीब 10 बार उनके हाथ थामकर भट्ट के ही क्षेत्र रानीखेत के मूल निवासी हरीश रावत को कोई संदेश देने की कोशिश की। अब हरीश रावत भी कहां चुप बैठने वाले थे। उन्होंने रविवार को देहरादून में अपनी काफी दिनों से प्रचारित आम-ककड़ी पार्टी की तो इसमें ‘सदन के नेता’ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को अपने हाथों से मीठे आम छुरी से काटकर खिलाए। आगे देखना होगा कि यह छुरी आम पर ही चली है कि इसे ‘नेता प्रतिपक्ष’ को कोई संदेश देने के लिए चलाया गया है। यह भी देखने वाली बात होगी कि सदन के नेता को खिलाए गये मीठे आम कहीं नेता प्रतिपक्ष को खट्टे तो नहीं लगेंगे, और वे इसका क्या जवाब देंगी।
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राज्य अतिथि गृह के बाहर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के हाथ थामे इंदिरा हृदयेश।
नैनीताल। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री व नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश बुधवार को मुख्यालय में थीं। यहां उन्होंने एक कार्यक्रम में भाग लेने के साथ ही दो महत्वपूर्ण घटनाएं कीं। एक-नगर पालिका सभागार में महिला कांग्रेस अध्यक्ष की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य के साथ मंच तथा बड़ी माला साझा की, वहीं राज्य अतिथि गृह में अचानक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के कक्ष में पहुंच गयीं, और एक नहीं करीब 10 बार उनके हाथ छामे। उन्हें पत्नी पुष्पा भट्ट के उत्तराखंड उच्च न्यायालय में उप महाधिवक्ता बनने पर बधाई दी, एवं 2019 में लोक सभा चुनाव लड़ने को लेकर भी मन भांपा। इसे डा. इंदिरा का कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में चल रही हलचलों से जोड़कर देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गत दिवस पिछले विस चुनावों के दौरान भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़े हेम आर्य को कांग्रेस पार्टी में शामिल करने को लेकर कांग्रेस पार्टी में माहौल खासा गर्म रहा। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने जहां अपनी अनुपस्थिति में हेम की जॉइनिंग को लेकर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पार्टी में अपने बने रहने या न रहने तक पर टिप्पणियां कीं, वहीं पहले से ही तय मानी जा रही अपेक्षाओं के अनुरूप पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने पक्ष की मानी जाने वाली सरिता के पक्ष में उतर आये। वहीं इंदिरा ने जहां कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को राहुल गांधी की पहली पसंद बताया तो रावत ने इंदिरा को कांग्रेस पार्टी का कोलंबस बताकर आपसी खाई को बढ़ाने में कोर-कसर नहीं छोड़ी। वहीं गत दिवस रावत से उपेक्षित रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता पुष्कर मेहरा ने हरीश रावत को ‘कीचड़ में सना महाभारत का कर्ण’ जैसी उपमा से नवाजकर खाई को और चौड़ा कर दिया। इस पृष्ठभूमि में इंदिरा का आज सरिता के साथ मंच साझा करना और अजय भट्ट के हाथ कई बार थामना इसी पृष्ठभूमि के आलोक में देखे जा रहे हैं। इसे इंदिरा का एक ओर सरिता को फिर से करीब लाकर और सत्ता पक्ष को भी साधकर हरीश रावत को और कमजोर करने का उपक्रम भी माना जा रहा है।
हेम को टिकट देना, नहीं तो कांग्रेस भी छोड़ देगा…
नैनीताल। राज्य अतिथि गृह में डा. इंदिरा हृदयेश के साथ हाल में पार्टी में शामिल हुए हेम आर्य भी साथ थे। इस दौरान उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट का अभिवादन किया तो भट्ट ने डा. हृदयेश को टिप्पणी की कि हेम को जरूर टिकट देना, वरना यह कांग्रेस पार्टी भी छोड़ देगा। इस टिप्पणी पर मौके पर मौजूद भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों के लोग देर तक हंसी नहीं रोक पाये। इधर नगर पालिका के कार्यक्रम में कुछ देर उपस्थित रहने के बावजूद हेम आर्य स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सरिता आर्य से दूरी बनाते दिखे, अलबत्ता राज्य अतिथि गृह में भी डा. हृदयेश के बगलगीर रहे।
वरिष्ठ नेता युवाओं के हाथ में सौपें कांग्रेस की बागडोर: इंदिरा
नैनीताल। नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने बुधवार को नगर पालिका सभागार में देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ नैनीताल शाखा पदाधिकारियों को शपथ दिलाई। इस दौरान उन्होंने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार को कोसते हुए रोजगार तथा आरक्षित वर्ग के हितों को लेकर फेल बताया। कहा कि केंद्र सरकार यदि दलित हितों पर गंभीर होती तो अध्यादेश लाकर उन्हें पूर्व की तरह लाभ दिलाती। दावा किया कि आरक्षित वर्ग का समाज फिर से कांग्रेस के पास लौट रहा है। 2019 में विपक्ष की एकजुटता मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेगी। वहीं कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं के स्तर पर गुटबाजी से इंकार करने के साथ ही उन्होंने वरिष्ठ नेताओं को नई पीढ़ी के हाथ में कांग्रेस की मजबूत बागडोर सोंपने की सलाह भी दी। कार्यक्रम में पूर्व सांसद महेंद्र पाल, जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, मारुति साह, हेम आर्य, मुकेश जोशी, खष्टी बिष्ट, मुन्नी तिवारी, गजाला कमाल, हेम आर्य, सचिन नेगी व सुनील मेहरा आदि कांग्रेसी मौजूद रहे ।