-स्वरोजगार (Swarojgar) के जरिए 20 गांवों की महिलाओं को दिया है रोजगार
डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 6 नवंबर 2023। ‘जीवन का नियम है-जो संघर्ष करता है वह अपने जीवन में असीम ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।’ इन पंक्तियों को सार्थक कर दिखाया है नैनीताल जनपद के रामगढ ब्लॉक के नथुवाखान गांव निवासी रमा बिष्ट ने।
रमा ने स्वरोजगार (Swarojgar) के जरिए रामगढ़ विकास खंड के 20 गांवों की महिलाओं को रोजगार दिया है और आत्मनिर्भर तथा सशक्त और स्वावलंबी बनाने का मंत्र भी दिया है। रमा ने अपने स्वरोजगार (Swarojgar) की नींव 2003 में रखी थी। घर से खेत बहुत दूर होने से रमा को अन्य कार्य के लिए समय ही नहीं मिल पाता थां इसलिए रमा ने मन में ठान लिया था कि उसे कुछ अलग करना है।
रामगढ को फल पट्टी के नाम से जाना जाता है। इसलिये रमा ने बागवानी करने की सोची। दिन-रात मेहनत की, घर-परिवार के साथ खेती संभाली और बागवानी भी करने लगीं। शुरूआत में बहुत सारी परेशानियों का सामना करते हुये और परिवार का भी अपेक्षित सहयोग न मिल पाने के बावजूद रमा ने हार नहीं मानी। आखिरकार धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई और आज रमा पहाड़ की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं।
रमा ने अपने गांव नथुवाखान में सेब, आडू, खुमानी व पुलम सहित विभिन्न प्रजातियों के पेड लगाये। साथ ही अपने बगीचे से प्राप्त फलों के साथ ही आस-पास के 20 गांवों के बागानों से फल खरीद कर उनसे से बुरांश, सेब, कीवी, आड़ू व पुलम आदि के शुगर फ्री स्क्वैश व चटनी, जैम, सॉस व अचार आदि विभिन्न उत्पाद तैयार करने लगीं। इससे वह अब अच्छी खासी आय प्राप्त करती है।
200 लोगों को देती हैं प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार
यह भी है कि रमा पूरे साल अलग-अलग मौसम में अलग-अलग फलों से उत्पाद तैयार करती हैं, जिस कारण वह कभी खाली नहीं बैठती है। बडी बात यह भी है कि रमा का यह सारा काम मैन्युअली यानी हाथों से होता है। इस कारण वह हर मौसम में 20 से 50 महिलाओं को अपने घर में प्रत्यक्ष और आस पास के गाँवों के 200 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराती हैं।
पढ़ाई भी जारी रखी
रमा ने अपने काम के साथ साथ पढाई भी जारी रखी। कार्य के साथ ही उन्होंने सोशल वर्क में स्नातकोत्तर डिग्री भी हासिल की है। वह एक बार ब्लॉक प्रमुख पद की प्रबल दावेदार को हराकर क्षेत्र की क्षेत्र पंचायत सदस्य भी रह चुकी है। रमा महिला अधिकारों को लेकर घंटांे परिचर्चा भी करती हैं और सही मायनों में महिला सशक्तिकरण की एक मिशाल है।
रमा के हर्बल गार्डन में इन हर्बल प्लांट की होती है खेती
रमा 2010 के बाद से संबंधित पुस्तकों के अध्ययन के साथ देहरादून व पंतनगर से हर्बल खेती के गुर सीखकर अपने हर्बल गार्डन में स्वीट बेसिल, सेज, स्टीविया, पेपर मिंट, रोजमेरी, मारजोरम, रोज जिरेनियम, आरेगानो, थायम, पार्सली, लेमन बाम, पर्सले हर्ब, लेमन ग्रास, केमोमाइल, अर्जुन, सौंफ, कासनी, गिलोय, अश्वगंधा सहित अन्य जड़ी-बूटियों को भी उगा रही हैं।
साथ ही इन जडी बूटियों से वह विभिन्न प्रकार के उत्पाद भी तैयार करके विक्रय करती हैं। इसके अलावा वह हर्बल चाय और गुलाब जल भी तैयार करती हैं।
पहाड़ की महिलाओं को पितृसत्तात्मक सोच से बाहर आने की जरूरत
रमा कहती हैं, आज भी देश की आधी आबादी अपने हक और अधिकार से वंचित है। समाज को महिलाओं के प्रति युग-युगांतर से चली आ रही पितृसत्तात्मक मानसिकता से बाहर आने की आवश्यकता है।
आज महिलायें हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा रही हैं। इसलिए महिलाओं को स्वावलंबी बनाने, उन्हें बेहतर शिक्षा देने और खासकर पहाड़ की महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर देने की आवश्यकता है।
तभी सही मायनों में महिला सशक्तिकरण का कथन चरितार्थ हो सकता है। उनकी अपनी बेटी पंतनगर विश्वविद्यालय से बीटेक कर रही है। वह अपनी सफलता में अपने पति का भी बहुत बडा योगदान बताती हैं।
यह भी पढ़ें (Swarojgar) : नैनीताल में खुली पहली ‘ई-लॉबी’, पीएनबी के उत्तराखंड जोन के जीएम ने किया शुभारंभ
नवीन समाचार, नैनीताल, 20 जनवरी 2023 (Swarojgar)। पर्यटन नगरी एवं जिला व मंडल मुख्यालय नैनीताल को शुक्रवार को ‘ई-लॉबी’ का तोहफा मिला। देश के बड़े बैंकों में दूसरे नंबर पर आने वाले पीएनबी यानी पंजाब नेशनल बैंक की ओर से तल्लीताल बाजार में क्रांति चौक के पास ई-लॉबी का बैंक के उत्तराखंड जोन के महाप्रबंधन संजय कांडपाल ने फीता काटकर ऑपचारिक शुभारंभ किया।
बताया गया कि इस ई-लॉबी में बैंक में मिलने वाली कमोबेश समस्त सुविधाएं बैंक शाखा के बाहर उपलब्ध होंगी। यह भी पढ़ें : 16 साल की नाबालिग छात्रा पहुंची थाने, लगाए ऐसे आरोप कि पुलिस को परिजनों को बुलाना पड़ा.. देखें वीडिओ :
यह नगर में किसी भी पब्लिक सेक्टर के बैंक द्वारा स्थपित की जा रही पहली ई-लॉबी होगी। ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ के कॉन्सेप्ट पर कार्यरत इस अपनी तरह की अनूठी ई-लॉबी में गृह, पर्यटन, होटल आदि के साथ ही कार, भवन व उपभोग के ऋणों सहित माइक्रो फाइनेंस के सभी प्रकार के ऋण एवं वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के कार्य हो सकेंगे। यह भी पढ़ें : कूड़ेदान में नवजात शिशु का शव मिलने से सनसनी
इस ई-लॉबी का शुभारंभ करने वाले, नैनीताल में ही पले-बढ़े़ एवं यहीं डीएसबी परिसर से पढ़े तथा नगर की पीएनबी शाखा के प्रबंधक पद पर रहे व वर्तमान में इसी बैंक के शीर्ष 40 उच्चाधिकारियों में शामिल, उत्तराखंड जोन के महाप्रबंधक संजय कांडपाल ने बताया कि पीएनबी के उत्तराखंड में 300 शाखाओं सहित 310 कार्यालय हैं। अब बैंक राज्य में ‘असिस्टेड मोड’ में चलने वाली ‘ई-लॉबी’ की शुरुआत कर रहा है। नैनीताल में शुरू होने जा रही इस ई-लॉबी में डिजिटल माध्यम से पीएनबी में अपना खाते खोलने, रुपए निकालने व लोन लेने सहित अधिकांश कार्य हो सकेंगे। यह भी पढ़ें : कनाडा से नैनीताल आए युवक के कोरोना संक्रमित निकलने की सूचना से हड़कंप….
यहां सहायता के लिए एक बैंक कर्मी भी मौजूद रहेंगे। आगे रुपए जमा करने की सुविधा देने की भी योजना है। श्री कांडपाल ने बताया कि पीएनबी उत्तराखंड में राज्य एवं केंद्र सरकार की सभी विकास, रोजगार व गरीबी उन्मूलक योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों एवं समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने, खासकर महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने एवं वित्तीय व आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए भी कार्य कर रहा है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल को कल मिलने वाला है पहला ‘ई-लॉबी’ का तोहफा, बैंक के बाहर मिलेंगी समस्त बैंकिंग सुविधाएं…
नवीन समाचार, नैनीताल, 19 जनवरी 2023। पर्यटन नगरी एवं जिला व मंडल मुख्यालय नैनीताल को गुरुवार को ‘ई-लॉबी’ का तोहफा मिलने जा रहा है। देश के चुनिंदा बड़े बैंकों में शामिल पीएनबी यानी पंजाब नेशनल बैंक की ओर से तल्लीताल बाजार में क्रांति चौक के पास स्थापित होने जा रही इस ई-लॉबी में कमोबेश बैंक में मिलने वाली समस्त सुविधाएं एक तरह से बैंक शाखा के बाहर भी उपलब्ध होंगी। यह भी पढ़ें : हद है, गरीब एससी-एसटी बीपीएल महिला से 8 हजार रिश्वत मांग रही थी महिला चिकित्सक, रंगे हाथों गिरफ्तार
यह नगर में किसी भी पब्लिक सेक्टर के बैंक द्वारा स्थपित की जा रही पहली ई-लॉबी होगी। ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ के कॉन्सेप्ट पर कार्यरत इस अपनी तरह की अनूठी ई-लॉबी में गृह, पर्यटन, होटल आदि के साथ ही कार, भवन व उपभोग के ऋणों सहित माइक्रो फाइनेंस के सभी प्रकार के ऋण एवं वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के कार्य हो सकेंगे। यह भी पढ़ें : 40 वर्षीय पिता ने अपनी ही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया पवित्र रिश्ते को कलंकित…(डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : सुबह का सुखद समाचार : उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और पतंजलि मिलकर सुधारेंगे महिलाओं की आर्थिकी
-भारत सरकार और पतंजलि के बीच हुआ सभी राज्यों में ग्रामीण आजीविका संवर्द्धन का एमओयू, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उत्तराखंड से होगी शुरूआत
-को-ब्रांडिंग पैटर्न पर बेचेंगे उत्पाद, मार्केटिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और क्वालिटी एश्योरेंस करेगा पतंजलि
-पतंजलि के सभी स्टोर्स पर बिकेंगे उत्तराखंड की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के उत्पाद
नवीन समाचार, देहरादून, 3 जनवरी 2023। उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूएसआरएलएम) और पतंजलि प्रदेश में मिलकर महिलाओं की आर्थिक दशा को सुधारने की दिशा में काम करेंगे। भारत सरकार के साथ हुए एमओयू के क्रम में पतंजलि उत्तराखंड से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरूआत करने जा रही है। इसके तहत पतंजलि प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को कई तरह के सहयोग और ट्रेनिंग देगा।
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अपर सचिव ग्राम्य विकास व यूएसआरएलएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनन्द स्वरूप की अध्यक्षता में हुई बैठक में अनुबंध के तहत होने वाले विभिन्न कार्यों और गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि यूएसआरएलएम ने अपने उत्पाद का ब्रांड बनाया है, जो खत्म नहीं होना चाहिए। पतंजलि जिन उत्पादों की मार्केटिंग और बिक्री करेगा, उनमें मिशन का ब्रांड नेम भी शामिल होना चाहिए।
दोनों सहयोगी को-ब्रांडिंग पैटर्न पर सभी उत्पादों की मार्केटिंग और बिक्री करेंगे। यूएसआरएलएम और पतंजलि अपने स्टोर्स पर एक-दूसरे के उत्पादों को बेचेंगे। यह भी पढ़ें : कुमाऊं-गढ़वाल के डीआईजी सहित 21 पुलिस अधिकारियों को पदोन्नतियों के बाद मिले नए पद दायित्व…
उन्होंने बताया कि प्रदेश में महिलाओं के उत्पादों की बेहतर प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के लिए यूएसआरएलएम ने सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्यम (एमएसएमई) के सहयोग से 24 ग्रोथ सेंटर बनाए हैं। इसके अलावा प्रदेश में कई स्थानों पर उत्तरा और सरस विपणन केंद्र भी खोले गए हैं।
उन्होंने बताया कि यूएसआरएलएम से जुड़े करीब पांच हजार किसानों को ऑर्गेनिक बोर्ड ने ट्रेनिंग दी है। अब इसमें नए किसान जोड़े जाएंगे, जिन्हें पतंजलि ऑर्गेनिक फॉर्मिंग की ट्रेनिंग देगा। इससे महिलाएं बेहतर ढंग से ऑर्गेनिक फॉर्मिंग कर अपनी आजीविका में बढ़ोत्तरी कर सकेंगी। यह भी पढ़ें : नैनीताल : हल्द्वानी का वांछित गिरफ्तार…
इस अवसर पर यूएसआरएलएम के एसीईओ प्रदीप पांडेय, एसपीएम आईबीसीबी दिवाकर पुरोहित, एसपीएम आजीविका विवेकानंद बड़थ्वाल, एसपीएम आईबीसीबी पूनम कांडपाल, एसपीएम मार्केटिंग रोहित सिंह, एसपीएम आजीविका अमित सिंह, पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डा. ऋषि कुमार, सेल्स एंड मार्केटिंग हेड अंजय और नॉर्थ इंडिया कॉर्डिनेटर सौरभ सक्सेना समेत अन्य मौजूद रहे। यह भी पढ़ें : नैनीताल : नगर के अयारपाटा क्षेत्र के निजी कंपाउंड में 150 पेड़ काटे जाने की सूचना…
मिट्टी की जांच भी करेंगी महिलाएं
पतंजलि हर्बल डिविजन रिसर्च इंस्टीट्यूट की प्रभारी डा. वेदप्रिया आर्य ने बताया कि पतंजलि ने आईसीआर के सहयोग से ‘धरती का डॉक्टर’ किट विकसित की है। इसके जरिये मिट्टी के कई तरह के टेस्ट किए जा सकते हैं, जिससे उसकी सेहत जांची जा सकती है। इससे पता चलता है कि मिट्टी में किन तत्वों की अधिकता व कमी है। किस फसल के लिए कितने उर्वरक की आवश्यकता है।
इससे मिट्टी की उर्वरा क्षमता बढ़ाई जा सकती है, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता में भी बढ़ोत्तरी होगी। महिलाएं दूसरों के खेतों की मिट्टी की जांच भी कर सकती हैं, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी। यह भी पढ़ें : नैनीताल में फड़ लगाने के लिए जबर्दस्त होड़, परास्नातक व इंजीनियर भी कर रहे आवेदन
नेचर फ्रैंडली पेपर पैकेजिंग यूनिट खुली
यूएसआरएलएम के सीईओ आनन्द स्वरूप ने बताया कि पौड़ी में नेचर फ्रैंडली पेपर की पैकेजिंग यूनिट खोली गई है। इसमें कागज की मोटाई के अनुसार अलग-अलग बीज भी ड़ाले गए हैं। उपयोग के बाद जब लोग खाली पैकेट को फेंक देंगे तो उसके भीतर मौजूद बीज अंकुरित हो जाएंगे। इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा। यह भी पढ़ें : कुमाऊं विवि की परीक्षाओं व परीक्षा परिणाम के दो महत्वपूर्ण समाचार….
पतंजलि इन सेक्टर में करेगा सहयोग
-गांवों में बैंक सेवाएं बेहतर ढंग से उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सहूलियत मिलेगी।
-मार्केटिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। उत्पादों के एडवरटाइजमेंट और ब्रांडिंग का जिम्मा पतंजलि संभालेगा।
-उत्पादों की पैकेजिंग और गुणवत्ता को सुधारने का काम पतंजलि करेगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : चर्चा में हल्द्वानी का ‘इंजीनियर चायवाला’, दिलचस्प है कहानी…
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 15 दिसंबर 2022। हल्द्वानी में ‘इंजीनियर चायवाला’ नाम का एक चाय का स्टॉल इन दिनों चर्चा में है। यह चाय का स्टॉल अपने नाम से लोगों को आकर्षित करने के साथ लोगों को सोचने को मजबूर कर रहा है। बता रहा है कि युवा सरकारी नौकरी की चाह में अपना भविष्य खराब न करें, बल्कि जो भी बेहतर अवसर मिल रहा हो, उस पर मेहनत से आगे बढ़ें। सफलता कहीं भी मिल सकती है। यह भी पढ़ें : भवाली में शादी का झांसा देकर किया गया युवती से दुष्कर्म, आरोपित गिरफ्तार
इस चाय के स्टॉल को चला रहे पंकज पांडे ने बताया कि वह रानीखेत के रहने वाले हैं। उन्होंने उत्तराखंड के गरुड़ स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में तीन वर्ष का डिप्लोमा किया है। डिप्लोमा करने के बाद उन्हें प्राइवेट सेक्टर में तो नौकरी के कई ऑफर मिले, लेकिन वह सिर्फ सरकारी नौकरी करना चाहते थे। लेकिन कई प्रयासों के बाद भी उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई। यह भी पढ़ें : नैनीताल बैंक में अपनी अधिकांश हिस्सेदारी बेचेगा बैंक ऑफ बड़ौदा, बड़ा सवाल-नैनीताल बैंक रहेगा या नहीं ?
वह बताते हैं, ‘सरकार की ओर से कई विभागों में मैकेनिकल इंजीनियर की पोस्ट खत्म कर दी गई है। सरकारी नौकरी पाने की कोशिश में उम्र भी बढ़ती गई। घरवालों को उनकी बहुत फिक्र रहती थी। ऐसे में उन्होंने सरकारी नौकरी की तैयारी के साथ इंजीनियरिंग की डिग्री को परे रख शहर में चाय का स्टॉल लगाना शुरू कर दिया है। अब लोग उन्हें ‘इंजीनियर चायवाला’ के नाम से जानते हैं। हालांकि सरकारी नौकरी के लिए उनके प्रयास अभी भी जारी है।’ यह भी पढ़ें : कल प्राधिकरण नैनीताल में चलाएगा ध्वस्तीकरण अभियान
उनके स्टॉल पर 10 रुपये से लेकर 25 रुपये तक की चाय उपलब्ध हैं, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। वह चाय बेचकर रोजाना 400 से 500यानी मासिक 12 से 12 हजार रुपयों की कमाई कर रहे हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Swarojgar): सुबह का सुखद समाचार : अब प्रदेश के छः आईटीआई में ड्रोन पर शुरू होगा प्रशिक्षण
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 4 दिसंबर 2022। एक दौर में आईटीआई यानी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में उस दौर की जरूरत के प्लम्बर, कारपेंटर, फिटर व इलेक्ट्रीशियन जैसे पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते थे। लेकिन अब प्रदेश के छह आइटीआइ में समय से कदमताल करते हुए ड्रोन रिपेयर एंड मेंटेनेंस का प्रशिक्षण शुरू करने की योजना बनी है। इसके तहत प्रशिक्षुओं को ड्रोन के संचालन, देखभाल व मरम्मत करने की तकनीकी जानकारी सिखायी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में ड्रोन का चलन शादी समारोहों से लेकर व्लॉगिंग के साथ ही प्रशासनिक निरीक्षणों और वन व पुलिस विभाग की गतिविधियों, वनाग्नि की घटनाओं तथा यातायात के निरीक्षणों में काफी बढ़ गया है। आगे दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों से रोगियों को डोलियों की जगह ड्रोन से लाने और सामान घरों तक पहुंचाने में भी ड्रोन का उपयोग किए जाने की योजनाएं सुर्खियां बन रही हैं।
ऐसे में ड्रोन की मरम्मत के क्षेत्र में रोजगार की बड़ी संभावनाएं हैं। साथ ही सेना सहित विभिन्न सरकारी विभागों में भी ड्रोन प्रशिक्षितों को प्राथमिकता मिलने की संभावना रहेगी। यह भी पढ़ें : नैनीताल: टैक्सी चालक की धोखाधड़ी पर भड़के पर्यटकों ने किया हंगामा
वक्त एवं भविष्य की इन जरूरतों के हिसाब से रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर जल्द प्रदेश की हल्द्वानी, अल्मोड़ा, चंबा, बड़कोट, महिला आइटीआइ देहरादून व हरिद्वार में ड्रोन रिपेयर एंड मेंटेनेंस शार्ट टर्म कोर्स शुरू करने के लिए प्रशिक्षण महानिदेशालय हल्द्वानी की ओर से इन प्रशिक्षणों को मंजूरी मिलने के बाद ढांचागत सुविधाएं विकसित करने की प्रक्रिया चल रही है।
अधिकारियों के अनुसार 250 घंटे की कम अवधि के इस सर्टिफिकेट कोर्स को दो माह से लेकर छह माह तक की अवधि में पूरा करना होगा। इसका पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। जल्द सीटों का निर्धारण कर आईटीआई संस्थान में पढ़ रहे विद्यार्थियों को इसमें प्रवेश दिया जाएगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल डीएम की पहल: युवाओं को हिमांचल प्रदेश में मिलेगा पैराग्लाइडिंग का प्रक्षिक्षण व अनुदान सहित सहायता
नवीन समाचार, नैनीताल, 3 नवंबर 2022। नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल की पहल से जनपद के 14 युवाओं को हिमांचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ पैराग्लाईडिंग स्थल बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षित होने के बाद वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना के अंतर्गत अनुदान युक्त सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में दिन दहाड़े बड़ी वारदात, पुलिस कर्मी की पत्नी की घर में घुसकर हत्या
उल्लेखनीय है कि पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण जनपद नैनीताल में साहसिक पर्यटन की पैराग्लाइडिंग गतिविधियों का संचालन विगत कई वर्षो से भीमताल क्षेत्र में किया जा रहा है। इसमें बहुतायत संख्या में बाहरी प्रदेशों के पायलट भी कार्य कर रहे हैं। जबकि स्थानीय बेरोजगारों के पास पर्याप्त आर्थिक संसाधन नहीं होने के कारण वे पैराग्लाइडिंग के क्षेत्र में उचित प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। यह भी पढ़ें : अंकिता के माता-पिता पहुंचे नैनीताल हाईकोर्ट, की मामले की सीबीआई जांच की मांग
इस बात का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी गर्ब्याल द्वारा जनपद नैनीताल के 14 बेरोजगार युवाओं को इसी माह पैराग्लाईडिंग के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने हेतु साहसिक खेल अधिकारी भीमताल की देखरेख में बीड़-बिलिंग हिमाचल प्रदेश भेजे जाने की पहल की गयी है। इन्हें वहां पी-1, पी-2 तथा पी-3 स्तर का पैराग्लाईडिंग प्रशिक्षण दिया जायेगा। इन प्रशिक्षणों का समस्त व्ययभार सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। यह भी पढ़ें : नैनीताल बैक में नौकरी-नई नियुक्तियों का सुनहरा अवसर, यहां देखें कैसे करे आवेदन…
हिमांचल प्रदेश से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये स्थानीय युवा भविष्य में पैराग्लाईडिंग पायलट के रूप में इसी जनपद में अपना रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। श्री गर्ब्याल ने बताया कि प्रशिक्षण पूरा करने के बाद इन युवाओं को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत स्वरोजगार (Swarojgar) के लिए अनुदान युक्त सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने किया आरोही संस्था द्वारा आयोजित 19वें ग्रामीण हिमालयन हाट का उद्घाटन
नवीन समाचार, नैनीताल, 15 अक्तूबर 2022। 1992 से नैनीताल जनपद के सतोली प्युड़ा ग्राम में स्थित गैर सरकारी एवं गैर मुनाफा प्राप्त करने वाली संस्था आरोही के द्वारा 4 दिवसीय ग्रामीण हिमालयन हाट मेले 2022 का आयोजन किया गया है।
शनिवार को इसका शुभारंभ केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन मंत्री अजय भट्ट ने किया। आयोजन की शुरुआत मॉ नंदा सुनंदा समिति अल्मोड़ा एवं आरोही बाल संसार के बाल कलाकारों ने ग्रामीण समुदाय की संस्कृति की कलात्मक प्रस्तुति से की। यह भी पढ़ें : नैनीताल ब्रेकिंग : रात्रि में खाई में गिरा युवक, सुबह पता चलने पर बचाया, पर हुई मौत
आरोही संस्था के अध्यक्ष डॉ. कर्नल सी पंत एवं अधिषासी निदेषक डॉ. पंकज तिवारी ने श्री भट्ट का स्वागत और अभिनंदन किया। श्री भट्ट ने पूर्व के अनुभवों को साझा करते हुए संस्था के कार्य की सराहना करते हुए समाज के कल्याण के लिए किये जा रहे कार्यो को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया तथा संस्था के स्कूल के उच्चीकरण हेतु आर्थिक सहायता की भी घोषणा की।
साथ ही स्थानीय व जैविक उत्पादों के द्वारा आजीविका संवर्धन की बात भी कही। अध्यक्ष डॉ. कर्नल पन्त ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों व सचल चिकित्सा की गतिविधियों पर तथा अधिशासी निदेषक डॉ. पंकज तिवारी ने ग्रामीण हिमालयन हाट की परिकल्पना पर प्रकाश डाला। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी के 2 स्पा सेंटरों से मुक्त कराई गईं 10 युवतियां
इस अवसर पर ‘बेटी बचाओ एवं बेटी पढ़ाओ’ के संयोजक कुंदन चिलवाल ने महिला सशक्तीकरण व आत्मनिर्भरता के कार्यो पर विचार रखे तथा संस्था के कार्यो का सराहना की। इस अवसर पर आरोही एवं विभिन्न संस्थाओं एवं समूहों के स्टॉल काफी सराहे गये।
आयोजन में हाट समिति एवं आरोही के त्रिलोक भण्डारी, हेम राज नयाल, चन्द्र शेखर, गोपाल नेगी, दीपक नयाल, संजय बिष्ट, चन्द्रकला, बृजेश, शोभा कपिल, राकेश कपिल, मुकेश बोरा, कृपाल मेहरा, पुष्कर मेहरा, गोपाल रावत, गिरीश भटट् इत्यादि लोग भी शामिल रहे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : मोदी ने की उत्तराखंड के सुशांत से बात, कहा उन्हें देखकर लगता है, अब पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आएगी
नवीन समाचार, देहरादून, 9 अगस्त 2021। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तराखंड के 8.82 लाख किसानों के खातों में 176.46 करोड रूपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हस्तांतरित की। ये किसान देश के उन 9.75 करोड़ किसानों में शामिल हैं जिन्हें सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 19,509 करोड़ रूपये की पीएम किसान सम्मान राशि हस्तांतरित की ग]ई।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए टिहरी जिले में चंबा क्षेत्र के मशरूम उत्पादक सुशांत उनियाल से बात भी की। डिंगरी मशरूम उत्पादन इकाई के माध्यम से मशरूम उत्पादन कर रहे उनियाल ने बताया कि उन्हें सरकारी योजनाओं से बहुत लाभ हुआ है और इस कार्य में उन्होंने आसपास के ग्रामीणों को भी जोड़ा है।
इस पर पीएम मोदी ने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है और हमें इसे उलट करना है. उन्होंने कहा कि सुशांत जैसे युवाओं को देखकर लग रहा है कि अब पहाड़ की जवानी फिर पहाड़ के काम आ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा जब खेती करता है तो बड़ा बदलाव आना निश्चित है।
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के सुशांत उनियाल डिंगरी मशरूम उगाते हैं। उन्होंने एक निजी कंपनी में अच्छी नौकरी छोड़कर, पहाड़ लौटकर ‘मिशन फॉर एंटीग्रेटेड हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट’ के तहत फायदा उठाया है। उन्होंने पहाड़ के खाली पड़े घरों में नया प्रयोग के तौर पर मशरूम फार्मिंग शुरू की है।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान मौजूद रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम के पश्चात अधिकारियों को युवाओं को खेती और बागवानी से जोड़ने के लिए विभिन्न स्थानों पर की जा रही नई पहलों का अध्ययन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उत्पादों के मूल्यवर्धन पर ध्यान दिया जाए तथा आपूर्ति क्षृंखला सुनिश्चित की जाए। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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-बेमौसमी सब्जियों एवं फूलों के उत्पादन के लिए बांश, जीआई व स्टील के पॉलीहाउस 90 फीसद अनुदान के साथ मिलेंगे
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 अगस्त 2021। नैनीताल जनपद में स्वरोजगार (Swarojgar) के अवसरों को बढ़ाने व बेमौसमी सब्जी एवं पुष्पोत्पादन को बढावा देने के उद्देश्य से जनपद में पहली बार जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल के विशेष प्रयासों से जिला प्लान के अंतर्गत 90 प्रतिशत अनुदान पर जीआई, स्टील एवं बांस के फ्रेम से निर्मित लगभग 600 पॉलीहाउस का वितरण किया जा रहा है।
साथ ही व्यवसायिक तौर पर पुष्प उत्पादन एवं सघन बेमौसमी सब्जी उत्पादन करने हेतु 100 से 600 वर्ग मीटर आकार के एवं ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों को खनन न्यास निधि से 100 से 500 वर्ग मीटर आकार के पॉलीहाउस स्वरोजगार करने हेतु प्रदान किये जा रहे हैं।
श्री गर्ब्याल ने कहा कि जनपद में अधिक से अधिक एवं गरीब परिवारों को लाभान्वित करने के लिए स्वयं सहायता समूहों, सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर परिवारों तथा बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसलिए जो भी व्यक्ति, समूह इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वह अपने विकास खंड के खंड विकास अधिकरी या जनपद स्तर में मुख्य उद्यान अधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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बताया-औषधीय पौधों के उत्पादन से बदल सकती है उत्तराखंड एवं हिमालयी क्षेत्र की आर्थिक तकदीर
-शोध संस्थाओं को औषधीय पौधों के उत्पादन की संभावनाओं पर भी शोध करने, सरकार व फार्मा कंपनियों को उत्पादन में मदद करने व किसानों को एमएसपी देने तथा पारंपरिक ज्ञान का लाभ देने से बदल सकती है तस्वीर
डॉ. नवीन जोशी नवीन समाचार, नैनीताल, 7 मार्च 2021। गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल के निदेशक डा. आरएस रावल ने कहा कि औषधीय पौधे उत्तराखंड एवं हिमालयी क्षेत्र की आर्थिक तकदीर बदल सकते हैं।
(Swarojgar) उन्होंने उदाहरण दिया कि पहाड़ के जिन बिखरे हुए खेतों में वर्ष भर मेहनत कर मुट्ठी भर अनाज उत्पन्न नहीं हो पाता, उनमें औषधीय पौधे उगाकर सैकड़ों से हजारों रुपए प्रति किलोग्राम मूल्य की पहाड़ों पर प्राकृतिक तौर पर बिना मेहनत उगने वाली औषधियां उगाकर लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए जैव विविधता के संरक्षण के लिए मनःस्थिति को बदलने की आवश्यकता है। केवल पौधों का दोहन करने पर रोक लगाने से पौधों का संरक्षण नहीं हो सकता, बल्कि इसके लिए संरक्षित किए जाने वाले पौधों की मानव के लिए उपयोगिता को बढ़ाये जाने की सोच विकसित करने की आवश्यकता है। मनुष्य केवल उसी को बचाता है जो उसके लिए उपयोगी होता है।
(Swarojgar) उन्होंने कहा कि पहाड़ की बिखरी हुई खेती जहां परंपरागत खेती से क्षेत्रवासियों का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है, ऐसे में यदि उन्हें औषधीय पौधों की खेती करना सिखाया जाए और उनके उत्पादों की ‘एमएसपी’ घोषित हो व पूरे दाम मिलें तो इससे उत्तराखंड ही नहीं पूरे हिमालयी क्षेत्र की आर्थिक तकदीर बदल सकती है।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ. रावल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों के पास न केवल औषधीय पौधों, वरन इनके औषधीय गुणों के बारे में भी पारंपारिक ज्ञान का भंडार है। अभी दवा कंपनियां व लोग केवल जंगलों में उगने वाले औषधीय पौधों पर निर्भर हैं, और उनका दोहन कर रहे हैं।
(Swarojgar) उन्होंने कहा कि शोध संस्थाओं के लिए केवल पौधों में औषधीय गुणों की खोज करने के साथ ही उनकी मात्रा एवं खेतों में उत्पादन का भी पता लगाने, सरकार की ओर से क्षेत्रीय लोगों को औषधीय पौधों की पौध उपलब्ध कराने सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने व उन्हें खरीदने के लिए एमएसपी घोषित करने तथा दवा कंपनियों की ओर से प्रयोग किये जा रहे पारंपारिक ज्ञान का लाभ उस ज्ञान के मूल स्रोतों को भी पहुंचाने व ग्रामीणों को औषधीय पौधों के उत्पादन में मदद करने की आवश्यकता है।
हिमालयी क्षेत्रों में औषधीय पौधों से आजीविका की अपार संभावनाएं
नैनीताल। डा. रावल ने बताया कि दुनिया में पाये जाने वाले कुल वनस्पतियों में से केवल 17.8 फीसद, जबकि भारत में पाई जाई जाने वाली कुल वनस्पतियों की 44 फीसद व उत्तराखंड में पाई जाने वाली कुल वनस्पतियों की कुल 22 फीसद वनस्पतियों में औषधीय गुणों की पहचान हुई है। जबकि हर पौधे में कुछ न कुछ औषधीय गुण जरूर होते हैं। इसका अर्थ यह है कि शेष सभी पौधों में औषधीय गुणों का अध्ययन भी किया जाना शेष है।
(Swarojgar) वहीं हिमालयी क्षेत्र में पाये जाने वाले 1748 प्रजातियों के पौधों में 542 प्रजातियां मूलतः यहीं के पौधे हैं और इनमें से 15.4 फीसद पौधे केवल यहीं मिलते हैं। यदि इन 15.4 फीसद पौधों के औषधीय गुणों का उपयोग कर लिया जाए तो इनके अध्ययन में ‘ग्लोबल लीडर’ बना जा सकता है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि बड़ी फार्मा कंपनियां अभी केवल 10 फीसद पौधों का ही उपयोग कर रही हैं। साफ है कि इस क्षेत्र में कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं।
तेजी से घट रही हिमालयी क्षेत्र की जनसंख्या और बढ़ रहा शहरीकरण
नैनीताल। देश-दुनिया में जहां जनसंख्या का बढ़ना चिंता का विषय है, वहीं उत्तराखंड सहित हिमालयी क्षेत्रों में जनसंख्या का घटना चिंता का विषय है। यहां केवल 20 फीसद क्षेत्रफल में ही अधिक जनसंख्या निवास करती है जबकि शेष 80 फीसद क्षेत्रफल की जनसंख्या नगण्य है। वहीं 1991 से 2001 के बीच यहां हुई जनसंख्या वृद्धि 21.3 फीसद के सापेक्ष 2001-11 के बीच केवल 17.3 फीसद फीसद की वृद्धि हुई है।
(Swarojgar) यहां चिंताजनक है। दूसरी ओर पिछले 10 वर्षों में शहरीकरण देश के 31.8 फीसद से कहीं अधिक पूरे हिमालयी क्षेत्रों में 48.4 फीसद व उत्तराखंड में 42 फीसद की दर से बढ़ा है। इस कारण ही उत्तराखंड के कुल 16793 गांवों में से 1053 यानी 9 फीसद गांव भुतहा यानी जनसंख्या शून्य हो चुके हैं, जबकि अन्य 405 गांवों में 10 से कम लोग निवास कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : स्वरोजगार (Swarojgar) अपनाकर आत्मनिर्भर होने का संदेश दे रहा पंकज का ‘द पहाड़ी सैलून’
नवीन समाचार, नैनीताल, 22 फरवरी 2021 (Swarojgar)। कोरोना काल में जहां एक ओर कई युवक बेरोजगारी का रोना भर रोते दिखते हैं, वहीं कुछ युवक स्वरोजगार (Swarojgar) कर आत्मनिर्भर होने की अनुकरणीय मिसाल भी पेश कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ बेतालघाट के युवक पंकज टम्टा ने भी किया है।
स्वरोजगार के लिए खोला पहाड़ी सैलून, विधायक ने किया उत्साहवर्धन… pic.twitter.com/pftc9w3iIm
— Navin Samachar @ deepskyblue-swallow-958027.hostingersite.com (@navinsamachar) February 21, 2021
(Swarojgar) उन्होंने बेतालघाट में ’द पहाड़ी सैलून’ नाम का सैलून खोलकर न केवल स्वरोजगार (Swarojgar) अपनाया है, बल्कि अपने सैलून में कुमाउनी भाषा में अन्य युवकों को भी स्वरोजगार (Swarojgar) की ओर प्रेरित करने के संदेश लिखकर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
(Swarojgar) पंकज की इस पहल पर क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य भी उसका हौसला बढ़ाने तथा उत्साहित करने हेतु बेतालघाट पहुंचे। उन्होंने कहा कि पंकज ने यहां पहाड़ी सैलून खोल कर, रोजगार के क्षेत्र मेंएक सार्थक एवं सराहनीय पहल की गई है, जो कि अन्य युवकों के लिए भी प्रेरणादायक है।
यह भी पढ़ें (Swarojgar) : गजब की अनुकरणीय मिसाल: लॉक डाउन में स्कूटी से ‘आत्मनिर्भर’ बने हल्द्वानी के परम
नवीन समाचार, नैनीताल, 21 फरवरी 2021 (Swarojgar)। हवा के विपरीत उड़ने वाली पतंगें ही आसमान में ऊंची उड़ती हैं। काम करने वाले अवसरों की तलाश नहीं करते, बल्कि बुरे से बुरे वक्त को भी अवसर बना लेते हैं। ऐसा ही कुछ किया है हल्द्वानी के रहने वाले युवक परम सिंह ने। परम कोरोना काल में बेरोजगार होने के बाद आज जो कर रहे हैं, वह युवाओं के लिए अनुकरणीय मिसाल है।
(Swarojgar)परम बीएससी करने के बाद गोवा में अपना रोजगार कर रहे थे, लेकिन देश-दुनिया में हुए कोरोना के प्रकोप के दौरान लॉक डाउन लागू होने पर उन्हें हल्द्वानी आना पड़ा। पहले उन्होंने सोचा कि मात्र 21 दिन के लॉक डाउन पर घर आ रहे हैं। किंतु लॉक डाउन लंबा खिंचा तो उनकी जमा पूंजी खत्म हो गई। इस पर परम ने रोने या दूसरों की मदद लेने की जगह अपनी मदद खुद करने, इस समास्या से बाहर निकलने की अपनी राह खुद बनाने की ठानी।
(Swarojgar) संसाधन नहीं थे तो अपनी पुरानी स्कूटी को ही रेस्टोरेंट बना डाला। इसमें वह रामपुर रोड पर अपने ग्राहकों को मात्र 30 रुपए में भरपेट स्वादिष्ट राजमा-चावल, कड़ी-चावल, छोले-चावल व पहाड़ी भोजन बनाकर बेचने लगे और इससे ही उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाने के साथ ही अपने रोजगार का पूरा प्रबंध कर लिया है। लोग अब उनके स्वादिष्ट व सस्ते भोजन का इंतजार करते हैं।
यह भी पढ़ें : क्षेत्र पंचायत सदस्य ने की स्वरोजगार (Swarojgar) की अनुपम पहल, पर्यावरण मित्र लघु उद्योग शुरू किया
-क्षेत्र पंचायत प्रमुख ने किया क्षेत्र पंचायत सदस्य के लघु उद्योग का शुभारंभ
-बताया स्वरोजगार (Swarojgar) , आत्मनिर्भरता व रोजगार के लिए ऐसे ही प्रयासों की आवश्यकता
नवीन समाचार, नैनीताल, 05 फरवरी 2021 (Swarojgar)। भीमताल विकास खंड के अल्चौना की क्षेत्र पंचायत सदस्य अनीता पांडे ने की स्वरोजगार (Swarojgar) की अनुपम पहल करते हुए पर्यावरण मित्र तकनीक से डिस्पोजल कप, प्लेट, कटोरी व ग्लास आदि बनाने वाला लघु उद्योग शुरू किया है। भीमताल के क्षेत्र पंचायत प्रमुख डा. हरीश बिष्ट ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत अल्चौना के पांडे छोड़ में इस शादी-समारोहों में प्रयोग होने वाले इन उपयोगी उत्पादों के लघु उद्योग का शुभारंभ किया।
(Swarojgar) इस अवसर पर डा. बिष्ट ने कहा कि ऐसे उद्योग स्वरोजगार के साथ लोगों को रोजगार दिलाने व आत्मनिर्भर बनाने के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। आगे यह प्रधानमंत्री मोदी की ‘वोकल फॉर लोकल’ की मुहिम से भी जुड़ सकते हैं, और अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणादायी हो सकते हैं। इस मौके पर चांफी के प्रधान पवन बेलवाल, गिरीश चंद्र, यशपाल, खीमराम व दुर्गा दत्त पलड़िया आदि लोग भी मौजूद रहे।
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-भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत फील्ड आउटरीच ब्यूरो नैनीताल के द्वारा ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ योजना के अंतर्गत स्थानीय उत्पाद की महत्ता पर आयोजित हुआ वेबीनार
नवीन समाचार, नैनीताल, 24 नवम्बर 2020 (Swarojgar)। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत फील्ड आउटरीच ब्यूरो नैनीताल के द्वारा ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ योजना के अंतर्गत स्थानीय उत्पाद की महत्ता पर मंगलवार को एक वेबीनार का आयोजन किया गया।
(Swarojgar) वेबीनार में हिमालयन वुलेंस अल्मोड़ा और रामलाल ब्रदर्स नैनीताल के प्रबंध निदेशक व उद्यमी पुनीत टंडन ने इस बात पर जोर दिया कि अगर स्थानीय उत्पादकों को अंतरराष्ट्रीय मंडी उपलब्ध कराने में भारत सरकार की मानक संस्थाएं, पैकेजिंग तथा प्रोडक्ट विजीबिलिटी में मदद करें, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी के लक्ष्य से भी आगे भारत की अर्थव्यवस्था को ले जाया जा सकता है।
(Swarojgar) उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय उत्पादों की आवश्यकता के अनुरूप सरकारी योजनाएं बनाकर कर्तव्यनिष्ठ अफसरों की टीम को 5 साल का टास्क दिए जाने चाहिए। वेबीनार में उद्यमी व एंटरप्रेन्योर ट्रेनर मनोज रावत ने भी कहा कि उत्तराखंड में स्थानीय उत्पादकों के लिए वैल्यू एडिशन का काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करने की आवश्यकता है।
(Swarojgar) उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से प्राप्त होने वाला 70 प्रतिशत ऊनया तो बर्बाद हो जाता है या औने-पौने दामों में स्थानीय बाजार में बेच दिया जाता है। हिमालयन देवभूमि संस्थान ट्रस्ट के महासचिव बच्चन सिंह रावत ने भी विचार रखे।
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