-मात्र 10.61 प्रतिशत अतिक्रमित वन भूमि (Van Bhumi par Atikraman) ही हो पायी मुक्त
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 9 दिसंबर 2023। उत्तराखंड सरकार ने राज्य के वनों में हुए अतिक्रमण (Van Bhumi par Atikraman)को हटाने के दावे और शोर तो बहुत किया था, लेकिन सच्चाई यह है कि सरकार का यह अभियान केवल 10 प्रतिशत अतिक्रमित वन भूमि से ही अतिक्रमण हटाकार कमोबेश दम तोड़ दिया है।
सूचना के अधिकार से खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड की 11,814.47 हैक्टेयर वन भूमि में अतिक्रमण (Van Bhumi par Atikraman) हुआ था। इसमें से केवल 1,254.67 हैक्टेयर यानी 10.61 प्रतिशत वन भूमि ही अतिक्रमण (Van Bhumi par Atikraman) मुक्त हो पायी, यानी 90 प्रतिशत अतिक्रमण अब भी बरकरार है।
हल्द्वानी निवासी आरटीआई यानी सूचना अधिकार कार्यकर्ता हेमंत गौनिया द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में मुख्य वन संरक्षक तथा वनों से अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ.पराग मधुकर धकाते द्वारा बीती 16 अक्टूबर को जारी पत्र में यह सूचना दी गई है। दी गयी सूचना के अनुसार 31 मार्च 2020 तक प्रदेश के 11,814.47 हैक्टेयर वन भूमि में अतिक्रमण (Van Bhumi par Atikraman) हुआ था। इसमें से केवल 1,254.67 हैक्टेयर भूमि को ही खाली कराया जा सका है।
यह भी बताया गया है कि उत्तराखंड के 10 वन प्रभागों और नेशनल पार्कों में से देहरादून और उत्तरकाशी जिले में यमुना वृत्त के मसूरी, चकराता, अपर यमुना और टोंस वन प्रभाग में 111.75 हैक्टेयर भूमि में से 36.83 हैक्टेयर, देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी जिले के हरिद्वार, कालसी, देहरादून और लैंसडाउन क्षेत्र के शिवालिक वृत्त में 632.73 हैक्टेयर भूमि में से 73.54 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण (Van Bhumi par Atikraman) हटा दिया गया है।
वहीं टिहरी और उत्तरकाशी जिले के अंतर्गत टिहरी, उत्तरकाशी और नरेंद्रनगर के भागीरथी वृत्त में 77.97 हैक्टेयर में से 20.26 हैक्टेयर, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और चमोली जिले के अंतर्गत रुद्रप्रयाग, पौड़ी, बद्रीनाथ, गढ़वाल और अलकनंदा वन प्रभाग के गढ़वाल वृत्त में 1472.4 हैक्टेयर में से 182.02 हैक्टेयर तथा नैनीताल और उधमसिंह नगर जिले के हल्द्वानी, रामनगर, तराई केंद्रीय, तराई पश्चिमी और तराई पूर्वी के पश्चिमी वृत्त की 9317.67 हैक्टेयर भूमि में से 815.86 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है।
जबकि बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिले में बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, सिविल सोयम अल्मोड़ा के उत्तरी कुमाऊं वृत्त में 157.29 हैक्टेयर भूमि में से केवल 4.24 हैक्टेयर भूमि से और नैनीताल, अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के नैनीताल, भूमि संरक्षण नैनीताल, भूमि संरक्षण रानीखेत और भूमि संरक्षण रामनगर के दक्षिणी कुमाऊं वृत्त में 15.87 हैक्टेयर भूमि में से 5 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण (Van Bhumi par Atikraman) हटाया जा सका है।
इसके अलावा नैनीताल और पौड़ी जिले के अंतर्गत कॉर्बेट नैशनल पार्क और कालागढ़ टाइगर रिजर्व के निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 9.11 हैक्टेयर भूमि में से 96.83 हैक्टेयर, देहरादून और उत्तरकाशी जिले के अंतर्गत राजाजी नैशनल पार्क, गोविंद पशु विहार और गंगोत्री पशु विहार के राजाजी की 5त्र09 हैक्टेयर भूमि में से 2.93 और चमोली जिले में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग और नंदादेवी राष्ट्र पार्क के नंदादेवी बायोस्फियर रिजर्व में 14.59 हैक्टेयर भूमि में से 15.16 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है।
आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो यहां क्लिक कर हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से, यहां क्लिक कर हमारे टेलीग्राम पेज से और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें। हमारे माध्यम से अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : Van Bhumi par Atikraman : अब 300 से अधिक परिवारों को 10 दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने के आदेश, वरना चलेगा बुल्डोजर, 1800 से अधिक परिवारों पर संकट
नवीन समाचार, देहरादून, 4 अक्टूबर 2023 (Van Bhumi par Atikraman)। उत्तराखंड के देहरादून जनपद के आईडीपीएल ऋषिकेश में वन भूमि पर अतिक्रमण कर बने 300 से ज्यादा घरों को 10 दिन के अंदर खाली करने के आदेश जारी हुये हैं। इसके बाद इन अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलना तय माना जा रहा है। यह भी दावा किया जा रहा है कि ऋषिकेश स्थित आईडीपीएल में वन भूमि पर 1800 से ज्यादा परिवार अवैध रूप से रह रहे हैं। वन विभाग ने सभी मकान हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आईडीपीएल ऋषिकेश में ब्लॉक सी, डी और ई में वन भूमि पर बने 315 मकानों से लोगों की बेदखली के आदेश जारी किए गए हैं। जनसुनवाई के बाद देहरादून के डीएफओ नितीश मणि त्रिपाठी ने अतिक्रमणकारियों को अपने घर खुद ध्वस्त करने के लिय दस दिन की मोहलत दी है। यदि इस अवधि में लोग खुद अपने मकान खाली नहीं करते हैं तो उनको जबरन हटाया जाएगा।
इसके अलावा ब्लॉक ए और बी में बसे सैकड़ों परिवारों की भी सुनवाई शुरू हो गई है। इन लोगों का पक्ष जानने के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा कि मकान खाली करवाने हैं या नहीं। ऐसे में आईडीपीएल में रह रहे लोगों को वन विभाग से कोई राहत की उम्मीद नहीं है।
आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो यहां क्लिक कर हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से, यहां क्लिक कर हमारे टेलीग्राम पेज से और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें। हमारे माध्यम से अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Van Bhumi par Atikraman) : गरज रहा धामी का बुल्डोजर, वन भूमि पर अवैध रूप से बने 29 मंदिर व 256 मजारें ध्वस्त, अब गुरुद्वारों को भी नोटिस, जानें कहां कितना अतिक्रमण…
नवीन समाचार, देहरादून, 10 मई 2023 (Van Bhumi par Atikraman)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई वन विभाग ने तेज कर दी है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत वन भूमि पर अवैध रूप से बने मजारों सहित धार्मिक स्थलों पर अतिक्रमण के खिलाफ धामी सरकार का बुलडोजर गरज रहा है। यह भी पढ़ें : नैनीताल-हल्द्वानी रोड पर बाइक दुर्घटनाग्रस्त, एक की मौत, दूसरा गंभीर
https://deepskyblue-swallow-958027.hostingersite.com/mazaar-in-uttarakhand/
(Van Bhumi par Atikraman) उत्तराखंड में वन भूमि अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी मुख्य वन संरक्षक डा. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि पिछले 20 दिन में राज्य में 68 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। इधर दो दिन के भीतर 56 मजारों सहित करीब 12 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है। जबकि 40 से अधिक को नोटिस दिए गए हैं।
(Van Bhumi par Atikraman) इनमें दो गुरुद्वारे भी शामिल हैं। जबकि कुल मिलाकर इस अभियान के तहत अब तक 150 से ज्यादा धार्मिक अतिक्रमण नए चिन्हित कर हटाने का नोटिस दिया गया है। यह भी बताया कि 19 अप्रैल को नोडल अधिकारी के रूप में उनकी नियुक्ति से अब तक 29 मंदिर व 256 मजारें तोड़ी गई हैं। इनके अलावा अवैध झोपड़ियां भी हटाई गई हैं। यह भी पढ़ें : हद हो गई, दो नाबालिग लड़कियों ने अपनी नाबालिग सहेली को होटल में बेच दिया, वहां हो गया उसके साथ बलात्कार..
(Van Bhumi par Atikraman) यह भी बताया कि सबसे अधिक अतिक्रमण हल्द्वानी, रामनगर, काशीपुर, रुद्रपुर, हरिद्वार, कोटद्वार और कालसी वन क्षेत्र में हैं। बताया कि प्रदेश में साढ़े 11 हजार हेक्टेयर से अधिक वन भूमि अतिक्रमण की चपेट में है। कुमाऊं क्षेत्र में 9490 हैक्टेयर, जबकि गढ़वाल क्षेत्र में 2294 हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमण हुआ है।
(Van Bhumi par Atikraman) इस तरह से 80 प्रतिशत कुमाऊं, जबकि 20 प्रतिशत अतिक्रमण गढ़वाल क्षेत्र में हुआ है। वन भूमि पर धार्मिक गतिविधियों के अलावा, ढाबे, खोमचे, पंप स्टेशन, झुग्गी झोपड़ियां और दूसरी व्यवसायिक गतिविधियां भी चल रही हैं। यह भी पढ़ें : उच्च न्यायालय में हुई बैठक, स्थानांतरित करने पर मंथन की चर्चा…
(Van Bhumi par Atikraman)वनभूमि पर अतिक्रमण चिन्हित करने के बाद संबंधितों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। इन सभी अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ अतिक्रमण न हटाने पर मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बताया कि इसके तहत छह माह की जेल का प्रावधान है। अगर कोई अधिकारी अतिक्रमण की जानकारी छिपाते मिला तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ें : पालिका सभासद गजब की ईमानदारी देख रह गईं दंग, 3 घंटे बाद सकुशल मिला सड़क पर छूटा 6 लाख रुपयों से भरा पर्स
Van Bhumi par Atikraman : छरबा में अवैध धार्मिक स्थलों को जेसीबी से ढहाया
(Van Bhumi par Atikraman)बुधवार को देहरादून के पछुवादून क्षेत्र में तहसील प्रशासन ने राजस्व विभाग की जमीन पर चिन्हित 25 अवैध धार्मिक स्थलों का ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया है। मंगलवार को इनसमें से जेसीबी ने छरबा गांव में तीन और शेरपुर गांव में एक अवैध धार्मिक स्थल को ढहाया गया है। इसके अलावा सेलाकुई शीशमबाड़ा में मजार पर भी जेसीबी चलाई गई है।
आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो यहां क्लिक कर हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से, यहां क्लिक कर हमारे टेलीग्राम पेज से और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें। हमारे माध्यम से अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें।