नवीन समाचार, नैनीताल, 1 फरवरी 2024 (Wild Life)। गत दिनों नैनीताल जनपद के भवाली के पास स्थित न्याय देवता-ग्वेल देवता के घोड़ाखाल स्थित मंदिर में एक गुलदार के चहलकदमी करने का वीडियो सामने आया था, जबकि अब पास ही स्थित भीमताल नगर के गोरखपुर में स्थित एक मन्दिर में एक साथ दो गुलदारों की चहलकदमी मंदिर के सीसीटीवी कैमरे में एक ही फ्रेम में कैद हुये हैं। देखें वीडियो:
30 जनवरी की रात्रि 9 बजकर 21-22 मिनट के इस वीडियो में मंदिर में रंगबिरंगी बिजली की लड़ियां जगमगाती नजर आ रही हैं और इनकी रोशनी के बीच दो वयस्क गुलदार कुछ फिट के दायरे में एक दूसरे के पीछे मंदिर के बाहर मार्ग से आराम से गुजरते नजर आते हैं। देखें घोड़ाखाल मंदिर में आए गुलदार का वीडियोः
इनमें से आगे चलता गुलदार ठीक मंदिर के आगे आकर कुछ पल के लिए ठिठककर मंदिर की ओर देखता भी नजर आ रहा है, जबकि पीछे वाला गुलदार सीधा आगे चला जाता है। इसे एक ओर श्रद्धालु आस्था के साथ देख रहे हैं, वहीं आम लोग मानव बस्तियों में लोगों की सुरक्षा के प्रति आशंकित हैं। उनका कहना है कि मंदिर घने आबादी क्षेत्र में स्थित है। इस मामले में क्षेत्रीय लोगों ने वन विभाग से रात्रि में गश्त लगाने की मांग की है। देखें घोड़ाखाल मंदिर में आए गुलदार का दूसरा वीडियोः
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नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जनवरी 2024 (Wild Life)। नैनीताल जनपद में भवाली के पास घोड़ाखाल स्थित प्रदेश के न्याय देवता-ग्वेल देवता के मंदिर में बीती रात्रि एक गुलदार दिखा है। मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे से कैद हुई वीडियो में गुलदार रात्रि 3 बजकर 44 मिनट से 45 मिनट के बीच मुख्य मंदिर के पास एवं मंदिर प्रांगण में आराम से चहलकदमी करता देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भीमताल विकास खंड के इसके आसपास के क्षेत्रों में ही 3 महिलाओं की मौत वन्य जीवों की वजह से जा चुकी है। ऐसे में गुलदार के मंदिर परिसर में देखे जाने से क्षेत्र में भय का माहौल भी है, अलबत्ता कई लोग इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी देख रहे हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 29 दिसंबर 2023 (Wild Life)। यदि किसी व्यक्ति पर हिंसक वन्य जीव हमला करें, नरभक्षी हो जायें, मार डालें तो क्या करना चाहिये, इस पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मानव एवं वन्य जीव-जंतुओं के सह-अस्तित्व को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।
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उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने इस मामले से संबंधित जनहित याचिका को निस्तारित करते हुये कहा है कि केवल मनुष्यों पर हमला करने की तात्कालिक स्थिति में ही, आत्मरक्षा में हिंसक वन्य जीव को मारा जा सकता है।
खंडपीठ ने हिंसक वन्य जीवों के हमलों के मामले में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 11ए का पालन करने की बात दोहराई है। कहा है कि जानवरों को बिना चिह्नित किए मारने के आदेश जारी ना किए जाएं। कहा है कि घटना घटित हो जाने के बाद की स्थिति में हमलावर जानवर को नियमानुसार पहले चिह्नित किया जाना आवश्यक है।
जिससे निर्दोष जानवर न मारे जाएं। इसके बाद जानवरों को चिह्नित कर सीधे पिंजरे में या ट्रेंकुलाइज यानी बेहोश कर पकड़ा जाये। अगर पकड़ में नहीं आता है तो उसे मारने के लिए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की संस्तुति आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि भीमताल में दो महिलाओं को मारने वाले हिंसक जानवर को नरभक्षी घोषित करते हुए उसे मारने के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक के आदेश का उच्च न्यायालय ने स्वत संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की थी। खंडपीठ ने जब जानवरों को मारने के बारे में जानकारी मांगी तो वनाधिकारी ठीक-ठीक जानकारी नहीं दे पाए थे।यह भी नहीं बता पाए थे कि भीमताल में इंसानों पर हमलावर हो रहा जानवर गुलदार है या बाघ।
ऐसे में सामने आये उच्च न्यायालय के कड़े रुख के बाद वन विभाग सक्रिय हुआ। हालांकि इसके बाद भी एक 16 वर्षीय किशोरी हिंसक वन्य जीव का शिकार बन गयी। इसके बाद पहले एक गुलदार पिंजरे में फंसा और बाद में एक बाघिन को बेहोश कर पकड़ा जा सका।
इधर तीनों महिलाओं के बाघ का ही शिकार बनने की वन विभाग ने पुष्टि कर दी है, अलबत्ता यह पता नहीं चला है कि तीनों महिलाओं को मारने वाला एक ही बाघ था या अलग-अलग। और जिस बाघिन को पकड़ा गया है, वह नरभक्षी है या नहीं और उसने इन महिलाओं को मारा है या नहीं।
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-वन विभाग नहीं बता पाया दो महिलाओं को मारने वाला नरभक्षी बाघ था या गुलदार
नवीन समाचार, नैनीताल, 14 दिसंबर 2023 (Wild Life)। नैनीताल जनपद के भीमताल विकास खंड क्षेत्र में दो महिलाओं को जान से मार डालने वाले नरभक्षी वन्य जीव को मारने के वन विभाग के आदेश पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है।
(Wild Life) न्यायालय ने वन्य जीवों को मारने के संबंध में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 11ए के तहत आदेश पर अगली सुनवाई की तिथि 21 दिसंबर तक स्थिति स्पष्ट करने को भी कहा है।
(Wild Life) उल्लेखनीय है कि राज्य के वन विभाग ने भीमताल में दो महिलाओं को मारने वाले हिंसक वन्य जीव को नरभक्षी घोषित कर दिया था। उसे मारने के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक के आदेश का स्वतः संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई की। इस दौरान सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंदशेखर रावत, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक धनंजय मोहन और नैनीताल के प्रभागीय वनाधिकारी चंद्रशेखर जोशी उपस्थित हुए।
(Wild Life) खंडपीठ ने जब वनाधिकारियों से गुलदार को मारने की अनुमति देने के प्रावधान के बारे में जानकारी मांगी तो अधिकारी इससे जुड़े नियमों का ठीक से जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 13ए में खूंखार हमलावर जानवर को मारने की अनुमति दी जाती है। उन्होंने उसे पकड़ने और पहचान करने के लिए 5 पिंजड़े और 36 कैमरे लगाए हैं।
(Wild Life) घर का बच्चा बिगड़ जाए तो उसे मार नहीं डालते
(Wild Life) न्यायालय ने उनसे पूछा कि हिंसक जानवर गुलदार था या बाघ। इस पर भी अधिकारी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाए। ऐसे में न्यायालय ने कठोर टिप्पणी करते हुए कहा कि हिंसक जानवर को मारने के लिए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक का संतुष्टि होना जरूरी है न कि किसी नेता का आंदोलन। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 11ए के तहत तीन परिस्थितियों में किसी जानवर को मार सकते हैं।
(Wild Life) उसे पहले उस क्षेत्र से खदेड़ा जाएगा, फिर ट्रेंकुलाइज यानी बेहोश कर रेस्क्यू सेंटर में रखा जाएगा और अंत मे मारने जैसा अंतिम कठोर कदम उठाया जा सकता है। पर वन विभाग ने बिना जांच के सीधे मारने के आदेश दे दिए। न्यायालय ने कहा कि घर का बच्चा अगर बिगड़ जाता है तो उसे सीधे मार नहीं दिया जाता है। पीठ ने पूछा-क्षेत्रवासियों के आंदोलन के बाद कैसे बिना जांच के वन्यजीव को मारने के आदेश जारी किए गए।
(Wild Life) वन विभाग के आदेश में बाघ को बताया गया हमलावर
(Wild Life) भीमताल में इंसानों को मारने वाले जानवर को मारने के आदेश मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक धनंजय मोहन की ओर से रविवार को जारी किए गए थे। इस आदेश में बताया गया है कि बाघ ने ही दो इंसानों को मारा है। इसलिए ट्रेंकुलाइज न होने और पिंजड़े में न पकड़े जाने पर बाघ को मारने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश केवल एक सप्ताह यानी इस रविवार तक ही वैध रहेगा। हालांकि, वन विभाग के अधिकारी खुद यह साफ नहीं कर रहे कि हमलावर गुलदार है या बाघ।
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यह भी पढ़ें : Wild Life : पहाड़ पर पहली बार दिखा एक विशाल मांसाहारी जीव, लोग डरे… जानें कितना है डरावना…
नवीन समाचार, नैनीताल, 2 सितंबर 2023 (Wild Life)। नैनीताल जनपद के भवाली के निकट श्यामखेत में छिपकली प्रजाति के आकार में बड़े जीव को एक बगीचे में देखा गया है। इस विशाल जीव को देखकर स्थानीय लोगों में भय भी देखा गया। इसके यहां पहाड़ पर पहली बार देखे जाने को लेकर भी कयास लगाये जाने लगे। देखें वीडियो:
(Wild Life) प्राप्त जानकारी के अनुसार इसे श्यामखेत में एक निजी बगीचे में देखा गया है। चूंकि यह जीव पहाड़ों में नहीं पाया जाता है, इसलिए लोग इसे देखने के बाद घबराने और तरह-तरह की चर्चाएं करते भी देखे गए। वहीं इस बारे में पूछे जाने पर मुख्य वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते ने इसे ‘मॉनीटर लिजार्ड’ बताया।
(Wild Life) बताया कि यह तराई-भाबर क्षेत्र में पायी जाती है। इसको हिन्दी में ‘गोह’ और अग्रजी में ‘मॉनिटर लिजार्ड’ कहते हैं। यह पहाड़ के गर्म इलाकों में भी पाया जाता है। यह अंडे, छोटे सरीसृप, मछली व पक्षी, कीड़े, छोटे स्तनधारी, कुछ फल, वनस्पति, सांप व चूहे आदि को खाता है। यह मानव को कोई नुकसान नहीं देता है, और एक प्रकार से मानव के लिए लाभदायक भी है।
(Wild Life) यह 5 से 7 फिट तक आकार की और मांसाहारी होते है। छोटे कीड़े-मकोड़ों और जीव-जंतुओं को खाती है। मैदानी क्षेत्र से चढ़ते हुए या ऐसे ही किसी अन्य कारण से यह यहां पहुंच गई होगी। इससे घबराने की नहीं, अलबत्ता दूर रहने, सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। यह पूंछ से चोटिल कर सकती है।
(Wild Life) गौरतलब है कि मॉनीटर लिजार्ड खतरनाक ड्रैगन की भी एक प्रजाति कही जाती है जो 7 मीटर तक भी लंबे और मांसाहारी भी होते हैं। यह हिरनों तक का शिकार कर सकते हैं।
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यह भी पढ़ें : Wild Life : पहाड़ के गांव में दिखा मैदानी इलाकों में दिखने वाला ‘रॉयल बंगाल टाइगर’…
नवीन समाचार, नैनीताल, 10 अगस्त 2023 (Wild Life)। देश के राज्य पशु सामान्य बोलचाल में बाघ बोला जाने वाला ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ को सामान्यतया ऊष्ण कटिबंधीय वनों, तराई-भाबर के क्षेत्रों में देखा जाता है। हालांकि इसे नैनीताल में समुद्र सतह से करीब 1900 मीटर की ऊंचाई पर भी रिकॉड किया गया है।
(Wild Life) वहीं गुरुवार सुबह एक रॉयल बंगाल टाइगर को नैनीताल जनपद के एक पर्यटन स्थल नौकुचियाताल के पास करीब 1650 की ऊंचाई पर स्थित सिलौटी पंत गांव में देखा गया है। इसका वीडियो भी सामने आया है। देखें वीडियोः
(Wild Life) वीडियो में पीले रंग के शरीर पर काली धारियों युक्त पूर्ण वयस्क रॉयल बंगाल टाइगर एक घर के पास नजर आ रहा है। इस घर के पास से ही इसका वीडियो बनाया गया है। गनीमत रही कि बाघ वीडियो शुरू होने के बाद वीडियो बनाने वाले या घर की ओर बढ़ने की जगह वापस जंगल की ओर लौटता नजर आता है।
(Wild Life) क्षेत्रीय निवासियों ने बताया कि क्षेत्र में इन बाघों का देखा जाना सामान्य बात है। यहां तीन बाघों की उपस्थिति बताई जाती है, जो पूर्व में जनहानि की घटनाओं को भी अंजाम दे चुके हैं। इनमें से ही एक वयस्क बाघ गांव आज सुबह 10 बजे गांव के घरों के पास आ गया। इससे गांव में लोग बेहद डर गए। हालांकि बाघ बिना किसी समस्या के लौट गया।
(डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से, हमारे टेलीग्राम पेज से और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें। हमारे माध्यम से अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : Wild Life : आबादी क्षेत्र में घुस आया 13 फिट लंबा अजगर, और कर गया शिकार…
नवीन समाचार, रामनगर, 5 अगस्त 2023 (Wild Life)। उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के जिम कॉर्बेट की नगरी रामनगर से एक हैरान करने वाला मामले सामने आया है। मामला रामनगर के भवानीगंज मोहल्ले का बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यहां आबादी क्षेत्र में आए एक अजगर ने एक बंदर को निवाला बना लिया। देखें वीडियो:
(Wild Life) मामले के अनुसार रामनगर के भवानीगंज मोहल्ले के आबादी क्षेत्र में कुष्ठ आश्रम के पास करीब 13 फीट लंबा अजगर दिखाई दिया। उसका पेट फूला हुआ नजर आ रहा है। मौके पर बंदर चीख-चिल्ला कर शोर मचा रहे थे। इस आधार पर माना जा रहा था कि अजगर ने एक बंदर को अपना निवाला बना लिया था। बंदरों के शोर मचाने पर लोग एकत्रित हुए और सर्प विशेषज्ञ चंद्रसेन कश्यप को सूचना दी। इसके बाद अजगर पकड़कर जंगल में छोड़ा।
‘(Wild Life) सेव द स्नेक सोसायटी’ के अध्यक्ष व सर्प विशेषज्ञ चंद्रसेन कश्यप ने बताया कि अजगर ने बंदर को अपना निवाला बना लिया था। सूचना पर उनकी टीम तुरंत मौके पर पहुंची और अजगर को सुरक्षित दबोचकर बताया कि जंगल में छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि संभवतया भोजन की तलाश में अजगर आबादी में आया होगा।
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यह भी पढ़ें : हल्द्वानी एक्सक्लूसिव ब्रेकिंग: 24 वर्षीय युवक ने गुलदार को जहरीला मांश खिलाकर मार डाला…
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 14 मार्च 2023। (Wild Life) हल्द्वानी में एक युवक द्वारा गुलदार को जहरीला मांस खिलाकर मारने और फिर मृत गुलदार की खाल, नाखून और दांत निकालने का मामला प्रकाश में आया है। अलबत्ता जब आरोपित युवक गुलदार की खाल और अंगों को निकालकर बेचने जा रहा था तो पकड़ा गया।
(Wild Life) इस मामले में जनपद के एसएसपी पंकज भट्ट अपराह्न एक बजे हल्द्वानी के पुलिस बहुउद्देश्यीय भवन में पत्रकार वार्ता करने वाले हैं। यह भी पढ़ें :
(Wild Life) बहरहाल, ‘नवीन समाचार’ को प्राप्त तात्कालिक जानकारी के अनुसार चोरगलिया थाना पुलिस और एसओजी की टीम ने एक सूचना पर घेराबंदी करते हुए चोरगलिया-सितारगंज मार्ग सेे जसपुर खोलिया जाने वाली सड़क पर एक युवक को रोका। उसकी पीठ पर टंगे पिट्ठू बैग में तलाशी लेने पर गुलदार की खाल बरामद हुई। युवक ने अपना नाम 24 वर्षीय सूरज कुमार पुत्र सुरेश राम निवासी कालीपुर पोखरिया थाना चोरगलिया बताया।
(Wild Life) यह भी खुलासा किया कि वह गुलदार की खाल को गुजरात बेचने जा रहा था। तलाशी में उसके पास से गुलदार के नाखून और दांत भी बरामद हुए हैं। वन विभाग की टीम ने भी उसके पास मिली खाल के गुलदार की होने की पुष्टि की है। यह भी पढ़ें :
(Wild Life) पूछताछ में आरोपी ने बताया कि चार महीने पहले उसने गुलदार को चोरगलिया के जंगल में मांस में जहर देकर मारा था। इसके बाद उसने गुलदार की खाल को निकालकर सुखाने के बाद उसमें तेल लगा कर रख दिया था। आरोपित सूरज गुजरात में काम करता है। उसने बताया कि इस खाल की गुजरात में काफी मांग है। इसे बेचकर उसे काफी रुपए मिल सकते थे।
(Wild Life) पुलिस आरोपित के विरुद्ध वन्य जीव जंतु संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजने की तैयारी कर रही है। उसका आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : नैनीताल : सड़क पर गुलदार के शावक का शव मिलने से सनसनी
नवीन समाचार, नैनीताल, 22 फरवरी 2023 (Wild Life) । बुधवार को जिला मुख्यालय के निकटवर्ती ज्योलीकोट में सड़क पर एक गुलदार के शावक का शव मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम शावक के शव को रानीबाग स्थिति रेस्क्यू सेंटर ले गई और वहां पोस्टमॉर्टम सहित अन्य ऑपचारिकताएं पूरी शव को निस्तारित कर दिया।
(Wild Life) वन विभाग के मनोरा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मुकुल शर्मा ने बताया कि गुलदार के शावक का शव नैनीताल नैनीताल वन प्रभाग के मनोरा वन क्षेत्र के गांजा गांव के पास मौन पालन केंद्र के निकट सड़क पर मिला। शव गुलदार के नर शावक का था और उसकी उम्र करीब डेढ़ वर्ष होने का अनुमान है।
(Wild Life) संभवतया बीमारी या अन्य किसी कारण से रात्रि में ही उसकी मृत्यु हुई होगी। उसके शरीर पर किसी तरह की चोट आदि का निशान नहीं था। नैनीताल : हाल में खुले नए थाने में दर्ज हुआ पहला मामला…
(Wild Life) शव को रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर में पोस्टमॉर्टम कराने के बाद निस्तारित कर दिया गया है। शावक का शव मिलने पर मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों का मजमा लगा रहा। लोग शावक की मौत के बाद क्षेत्र में गुलदारों की हरकतें बढ़ने के प्रति भी आशंकित हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : वन विभागीय STF व SOG को मिली बड़ी सफलता, हाथी दाँत के साथ तस्कर दबोचे…
नवीन समाचार, कालाढूंगी, 27 जनवरी 2023(Wild Life) । उत्तराखंड एसटीएफ और वन विभाग की एसओजी यानी विशेष जाँच समूह की संयुक्त कार्रवाई में मुखबिर की सूचना पर टीम ने एक हाथी के दांत के साथ तीन वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। पकड़े गए तस्कर हाथी दांत को बेचने की फिराक में थे, लेकिन इससे पहले ही संयुक्त कार्रवाई में धर दबोचे गए।
(Wild Life) प्रभागीय वनाधिकारी रामनगर वन प्रभाग कुंदन कुमार ने बताया कि एसटीएफ देहरादून एवं वन विभाग एसओजी के साथ वन क्षेत्राधिकारी देवचौरी की संयुक्त टीम ने छापामार कार्रवाई में पवलगढ़ निवासी दीपक छिम्बाल पुत्र पूरन चंद छिम्बाल निवासी पवलगढ़.अमित गुप्ता पुत्र कृष्ण कुमार गुप्ता रामराज रोड बाजपुर उधमसिंह नगर.अरविंद गुप्ता पुत्र मूलचंद गुप्ता निवासी केशव नगर बाजपुर के कब्जे से 1.07 मीटर लंबा 0.33 मीटर व्यास का तथा 9 किलोग्राम जड़ का हिस्सा टूटा हाथी का दांत बरामद किया।
(Wild Life) संयुक्त टीम तीनों से पूछताछ कर जांच पड़ताल में जुटी हुई है कि हाथी का दांत उनके पास कहां से आया और यह उसे कहां लेकर जा रहे थे। छापामार अभियान में एसटीएफ देहरादून के निरीक्षक अबुल कलाम. वन विभाग एसओजी प्रभारी कैलाश तिवाङी, वन क्षेत्राधिकारी ललित जोशी. सुंदर सिंह. वन दरोगा विमल चौधरी, वन आरक्षी सरिता आर्या, पूजा बुडलाकोटी व भीम सिंह सहित कुछ अन्य वन कर्मचारी उपस्थित रहे।(डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : हल्द्वानी : बरेली रोड पर विशाल हाथी का सूंड कटा शव मिलने से हड़कंप….
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 10 जनवरी 2023 (Wild Life) । मंगलवार की सुबह हल्द्वानी के निकट बरेली रोड स्थित मोतीनगर में एक वयस्क हाथी का सूंड कटा हुआ शव दिखने से हड़कंप मच गया। क्षेत्रीय निवासी भाजपा नेता संदीप कुकसाल ने बताया कि संभवतया हाथी तराई केंद्रीय वन प्रभाग के हल्द्वानी रेंज के जंगल से यहां गन्ने के खेत में गन्ना खाने आया होगा।
(Wild Life) इस दौरान उसकी सूंड बिजली की हाई टेंशन लाइन से टकरा गई होगी। इससे उसकी सूंड का एक हिस्सा कट कर गिर गया होगा। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में दो कॉलोनियों की खरीद-फरोख्त पर रोक… देखें वीडियो:
(Wild Life) मंगलवार की सुबह ग्राम प्रधान रमेश जोशी ने मामले की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। इसके बाद एसडीओ शशि देव व वन क्षेत्राधिकारी उमेश आर्या के नेतृत्व में वन विभाग की टीम बरेली रोड पर मोतीनगर पड़ाव से करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित ग्रामसभा पदमपुर देवलिया के एक गन्ने के खेत पर पहुंची,
(Wild Life) और क्रेन बुलाकर विशाल हाथी के भारी-भरकम शव को उठाकर कब्जे में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, बागेश्वर, 2 दिसंबर 2022 (Wild Life) । उत्तराखंड के बागेश्वर में बुधवार को एक अजीब घटना घटी। यहां जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित मेहनरबूंगा गांव में बच्चे जंगल से आए गुलदार के घायल शावक को बिल्ली का बच्चा समझ कर पकड़ कर घर ले आये और फिर उसके साथ खेलने लगे और उसे ‘पूसी’ कहकर दूध पिलाने लगे। यह भी पढ़ें : 8 की छुट्टी की तिथि में हुआ बदलाव
(Wild Life) तभी एक ग्रामीण की नजर पड़ी तो पता चला कि वह बिल्ली नहीं बल्कि गुलदार का शावक यानी बच्चा था। इससे सभी सकते में आ गये। सूचना देकर वन विभाग के कर्मियों को बुलाकर शावक को उनके सुपुर्द कर दिया गया। शावक को वन विभाग को सोंप दिया गया, लेकिन इसके बाद से गांव में गुलदार की गुर्राहट सुनाई दे रही है। ग्रामीण उसके आक्रामक होने के प्रति चिंतित हैं। यह भी पढ़ें : छात्रा से अपहरण कर रात भर में कई बार दुष्कर्म…
(Wild Life) ग्रामीणों का कहना है कि यह शावक काफी दिनों से गांव के आस-पास ही घूम रहा था। इसलिए पहले किसी को भी उस पर शक नहीं हुआ। बच्चों के परिजनों के साथ ही सभी उसे पहले बिल्ली ही समझ रहे थे। लेकिन एक बुजुर्ग ने उसे गौर से देखा तो वह एकदम घबरा गये उन्होंने उसके गुलदार होने की संभावना जताई। इसके बाद गांव में खलबली मच गई। यह भी पढ़ें : नैनीताल के युवा क्रिकेटर देवराज चौधरी का उत्तराखंड की टीम में हुआ चयन
(Wild Life) उसे ले गई वन विभाग की टीम ने पुष्टि करते हुए बताया है कि बच्चा गुलदार का ही है। उसकी उम्र लगभग 2 महीने है। उसके पैर में चोट लगी है। इलाज कराने के बाद शावक को जंगल में छोड़ दिया जाएगा। इधर ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग शावक को ले तो गये, लेकिन शाम होते ही एक गुलदार गांव में धमक गया।
(Wild Life) ग्रामीणों का कहना है कि शायद वह शावक की मां हो और अपने शावक को खोज रही हो। अब ग्रामीण इस चिंता में हैं कि कहीं मां गुलदार ज्यादा आक्रमक होकर ग्रामीणों पर हमला ना कर दे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : ज्योलीकोट में पिछले ढाई माह में सातवां व इस माह का दूसरा गुलदार पिंजरे में कैद
नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 8 जनवरी 2022 (Wild Life) । जनपद मुख्यालय का निकटवर्ती ज्योलीकोट क्षेत्र गुलदारों की भारी संख्या में उपस्थिति से परेशान हैं। यहां करीब ढाई माह के भीतर शनिवार को सातवां व इस माह के ही पहले सप्ताह में ही दूसरा गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है।
(Wild Life) इससे यहां गुलदारों की भारी संख्या में मौजूदगी के बारे में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। क्षेत्रीय वनाधिकारी बीएस मेहता ने बताया कि शनिवार सुबह ज्योलीकोट के मटियाल क्षेत्र में एक और गुलदार पिजड़े में कैद हुआ है। उसे रेस्क्यू सेंटर भिजवा दिया गया है।
(Wild Life) उल्लेखनीय है कि ज्योलीकोट की चोपड़ा ग्राम सभा के विभिन्न तोकों में पिछले काफी समय से गुलदारों का आतंक मचा हुआ है। यहां पहले 9 अक्टूबर को मटियाल तोक में गुलदार ने एक दो वर्षीय बालक राघव पुत्र भानु को मार डाला था। इसके बाद यहां दो गुलदार पकड़े गए थे। इसके बाद 16 नवंबर को दांगड़ तोक में 5 वर्षीय बच्ची राखी पुत्र मोहन सिंह जीना की भी गुलदार द्वारा दबोचे जाने के बाद मौत हो गई थी।
(Wild Life) इसके बाद 19 नवंबर को चोपड़ा में ही पुष्पा जीना पत्नी चंदन सिंह पर भी गुलदार झपटा था। इसके अलावा भी कुछ बाइक सवारों पर गुलदारों ने झपट्टा मारा था। इसके बाद से क्षेत्र में छह गुलदार पकड़े जा चुके हैं। इससे पहले गत एक जनवरी को भी यहां गांजा गांव में एक गुलदार पकड़ा गया था। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : नैनीताल ब्रेकिंग : ज्योलीकोट में पिंजरे में फंसा छठा गुलदार, समझा जा सकता है क्षेत्र में कितनी संख्या में मौजूद हैं गुलदार
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 1 जनवरी 2022 (Wild Life) । नैनीताल जनपद में ज्योलीकोट क्षेत्र में शनिवार को एक और गुलदार कैमरे में कैद हुआ है। पिछले करीब सवा दो माह में यह छठा गुलदार है, जो इस क्षेत्र में पिंजरे में फंसा है।
(Wild Life) नयना रेंज के वन क्षेत्राधिकारी भूपाल सिंह मेहता ने बताया कि ज्योलीकोट के निकटवर्ती गांव गांजा में करीब 4 वर्ष का स्वस्थ नर गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है। उसे रेस्क्यू सेंटर ज्योलीकोट ले जाया गया है। आगे उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर उसे संभवतया जिम कॉर्बेट पार्क भेजा जाएगा। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : अभी-अभी पिंजरे में गुलदार हुआ कैद हुआ सातवां गुलदार…,
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 12 दिसंबर 2021 (Wild Life) । नैनीताल जनपद में ज्योलीकोट के निकट एक और गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार देर रात्रि भल्यूटी गांव में एक वयस्क गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है।
(Wild Life) इससे पूर्व गत सात दिसंबर की सुबह चोपड़ा ग्राम सभा के सिमलखेत तोक में करीब 8-9 वर्ष का एक नर गुलदार पिंजरे में फंसा हुआ मिला था। जबकि इससे पूर्व भी यहां पांच गुलदार पिंजरे में कैद हो चुके हैं। इसका आज सातवां गुलदार पकड़ा गया है। आगे वन विभाग की टीम उसे रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर भेजने की तैयारी कर रही है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : भवाली: दिनदहाड़े दिखा गुलदार, निकला घायल, पहुंचाया रेस्क्यू सेंटर
नवीन समाचार, भवाली, 6 दिसंबर 2021 (Wild Life) । निकटवर्ती भवाली में तिरछाखेत ग्राम सभा में सोमवार को दिन में एक गुलदार के दिखने से हड़कंप मच गया। इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। बाद में पता चला कि गुलदार घायल अवस्था में था। इस पर ग्रामीणों ने वन विभाग को घायल गुलदार के दिखने की सूचना दी, और वन विभाग की टीम ने घायल गुलदार को बेहोश कर पकड़ने के बाद रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर भेज दिया।
(Wild Life) वन क्षेत्राधिकारी मुकुल शर्मा ने बताया कि पकड़ा गया गुलदार नर है और उसकी उम्र करीब 8 से 9 वर्ष की है। वह पिछले पैरों में पैरालिसिस जैसे कारणों से चलने-फिरने में असमर्थ है। उसका रानीबाग रेस्क्यू सेंटर में उपचार किया जा रहा है। फिलहाल उसकी हालत सामान्य है। उपचार के बाद उच्चाधिकारी उस पर निर्णय लेंगे। उसे आगे भेजा जाएगा। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : दुःखद: रेलवे ट्रेक पर हाथी के बच्चे और उसकी मां की मौत, गुस्साए हाथियों ने रोकी ट्रेनें, बसों से भेजने पड़े यात्री
नवीन समाचार, लालकुआं, 18 अगस्त 2021 (Wild Life) । बुधवार सुबह आगरा फोर्ट एक्सप्रेस के लालकुआं से रामनगर जाने के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से एक हाथी मां-बच्चे की दुःखद मौत हो गई। इसके बाद वन्य जीवों में भी मौजूद दुःख की मानवों जैसी भावना देखने को मिली। अनेक हाथियों ने रेलवे ट्रेक पर मानो धरना दे दिया। इससे ट्रेन आगे नहीं बढ़ पाई।
(Wild Life) इस तथा कई ट्रेनों को रोकना पड़ा और इस ट्रेन के यात्रियों को बसों के जरिए उनके गंतव्य को भेजना पड़ा। गनीमत है कि अब हाथियों का झुंड रेलवे ट्रेक को छोड़कर जंगल में चला गया है।
(Wild Life) घटना के बाद वन विभाग के डीएफओ डा. अभिलाषा, एसडीओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया आदि अधिकारी वनाकर्मियों के साथ मौके पर पहुंच गए है और हाथियों के शवों को ट्रेक से हटाकर उनका मौके पर ही पोस्टमार्टम कर उन्हें दफनाने की तैयारी की जा रही है। वन क्षेत्राधिकारी अजय लिंगवाल ने बताया कि दोनों शवों के पोस्टमार्टम के लिए दो पशु चिकित्सकों का पैनल मौके पर भेजा गया है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : ट्रांसफार्मर में फंसने के बाद बचाने वालों पर हमलावर हुआ लंगूर
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 5 जुलाई 2021 (Wild Life) । सोमवार अपराह्न एक लंगूर नगर के मल्लीताल स्थित जल संस्थान के पंप हाउस के पास स्थित बिजली के ट्रांसफार्मर में फंस गया। जल संस्थान के कर्मियों ने उसे उसकी जान बचाने के लिए बमुश्किल ट्रांसफार्मर से बाहर निकाला,
(Wild Life) लेकिन बाहर निकलने के बाद वह संभवतया बिजली का झटका लगने के कारण बेहद आक्रोशित व बचाने वाले कर्मियों पर ही हमलावर हो गया। कई लोग इसके काटे जाने से भागकर बाल-बाल बचे। इस पर वन विभाग को सूचना दी गई।
(Wild Life) सूचना मिलने पर नगर पालिका रेंज के वन रक्षक रणजीत थापा, निमिष दानू तथा नैनीताल चिड़ियाघर से वन्य जीव चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती आए तथा लंगूर को किसी तरह ‘ट्रेंकुलाइजर गन’ से बेहोश करके उस पर काबू पाया और उसे उपचार के लिए चिड़ियाघर ले गये। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : महिला को घर के भीतर आकर काट गया बंदर
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 10 जून 2021 (Wild Life) । जिला-मंडल मुख्यालय में बंदर-लंगूरों का आतंक नया नहीं है। खासकर इधर कोरोना काल में नगर में होटलों-रेस्टोरेंटों व आवासीय कॉन्वेंट कॉलेजों के बंद होने से बंदर-लंगूरों लोगों के घरों में खाना तलाशने को घुस रहे हैं, और लोगों को चोटिल कर रहे हैं।
(Wild Life) ऐसी ही एक घटना में बृहस्पतिवार को बंदर ने नगर के स्नोव्यू क्षेत्र बिड़ला चुंगी के पास स्थित स्नोव्यू हट होटल के पास घर में घुसकर एक महिला को काट दिया। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि यहां होटल के आसपास सुरई के पेड़ों की लंबी घनी शाखाओं में बंदर-लंगूर छुपे रहते हैं।
(Wild Life) इन्हें काटने के लिए नवंबर 2020 में अधिवक्ता दिनेश गहतोड़ी ने प्रभागीय वनाधिकारी को पत्र लिखा था। होटल स्वामिनी ने भी इस हेतु अपनी आपत्ति दी थी। फिर भी वन विभाग ने इन पेड़ों की छंटाई नहीं की। इस कारण ही क्षेत्र में बंदर-लंगूरों की समस्या बढ़ी है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : जिस थाली में खाना-उसी में छेद करना, संरक्षित क्षेत्र के पास के रिजॉर्ट में पकता मिला संरक्षित श्रेणी के सराव का मांस, 6 रिजॉर्ट कर्मी गिरफ्तार
-उच्च हिमालयी क्षेत्र में दो से साढ़े चार हजार मीटर की ऊंचाई पर मिलने वाले अनुसूची 1 में शामिल संरक्षित श्रेणी में शामिल है सराव
-वन्य जीव अधिनियम 1972 तथा संशेधित 2006 की धारा 9/27/29/36ए(2)/39/49/51 के तहत अभियोग पंजीकृत
नवीन समाचार, नैनीताल, 21 अप्रैल 2021 (Wild Life) । इसे ही कहते हैं, जिस थाली में खाना-उसी में छेद करना। जनपद मुख्यालय के निकटवर्ती सौड़ बगड़ क्षेत्र में नैना देवी बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व की परिधि में स्थित हिडन वैली कैंप एंड रिजॉर्ट में, जिसका कारोबार यहां आने वाले सैलानियों को बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व में स्थित प्राकृतिक संुदरता, नदी-नालों, झरनों, वन्य जीवों-परिंदों को दिखाकर चलता है,
(Wild Life) वहां उसी बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व के उच्च हिमालयी क्षेत्र में दो से साढ़े चार हजार मीटर की ऊंचाई पर मिलने वाले अनुसूची 1 में शामिल सराव नाम के वन्य जीव का मांस पकता मिला। न जाने यहां कब से ऐसा चल रहा हो। गनीमत रही कि इस बार मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की टीम ने पूरी रात लगकर रिजॉर्ट के छह कर्मियों को सराव के कच्चे व पके मांस के साथ दबोच दिया। बाद में इन सभी रिजॉर्ट कर्मियों को न्यायालय में पेश किया गया और न्यायालय के आदेशों पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : नगर क्षेत्र में पहुंचा घुरड़, सुरक्षित चिड़ियाघर भिजवाया
नवीन समाचार, नैनीताल, 30 मार्च 2021 (Wild Life) । नगर के मल्लीताल-सीआरएसटी इंटर कॉलेज के पास के क्षेत्र में एक वन्य जीव के आने से हड़कंप मच गया। इस पर लोगों ने उसे बचाकर उसे जंगल की ओर भेजने का प्रयास किया, किंतु इस कोशिश में वह एक घर के पास फंस गया। उल्टे वह बचाने आये लोगों को देखकर और अधिक भयभीत होकर खुद को चोटिल भी कर बैठा।
(Wild Life) इस पर वन विभाग को सूचना दी गई। सूचना मिलने पर वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद तिवारी के निर्देशन में वन दरोगा संतोष गिरि, निमिष दानू, नंदन सिंह व महेश कुमार मौके पर पहुंचे और वन्य जीव को सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया। वन क्षेत्राधिकारी तिवारी ने बताया कि पकड़ा गया वन्य जीव नर घुरड़ था। उसके पैर में चोट लगी थी। उसे नगर स्थित उच्च स्थलीय प्राणि उद्यान यानी नैनीताल चिड़ियाघर पहुंचाया गया।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : मानव बस्ती फिर बनी एक हाथी की कब्रगाह, गांव में बिजली का करंट लगने से दो माह के भीतर तीसरी मौत…
नवीन समाचार, नैनीताल, 20 फरवरी 2021 (Wild Life) । उत्तराखंड में वनों से लगी मानव बस्ती फिर एक हाथी की कब्रगाह बन गई है। लैंसडाउन वन प्रभाग के लाल ढ़ांग रेंज के अन्तर्गत चिलरखाल से दो सौ मीटर आगे खेत से लगी बाढ़ के बगल में एक 8 से 10 साल की मादा हाथी मृत पाई गई है। मौत का कारण बिजली का करंट लगना बताया जा रहा है।
(Wild Life) यह संयोग नहीं हो सकता कि इससे पहले प्रदेश के नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र के गौजानी गांव में 31 जनवरी को भी एक हाथी की मौत खेत में ही और 21 दिसंबर को नैनीताल जिले के ही हल्दूचौड़ के बच्ची धर्मा गांव में एक अन्य हाथी की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी।
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नवीन समाचार, रामनगर, 31 जनवरी 2021 (Wild Life) । विकास खण्ड के ग्राम गौजानी गांव में रविवार सुबह एक टस्कर हाथी मृत अवस्था में मिला। इससे कॉर्बेट प्रशासन में हड़कंप मच गया। हाथी की मौत की सूचना मिलने के बाद कॉर्बेट पार्क के अधिकारी मौके पर पहुंचे और हाथी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
(Wild Life) माना जा रहा है कि यह हाथी कॉर्बेट पार्क से निकलकर बगीचे में आ गया होगा और बगीचे में लगे बिजली को बल्ब को उसने सूंड से पकड़ा होगा, जिससे उसे करंट लगा होगा और उस की मौत हो गई होगी।
(Wild Life) बताया जा रहा है कि यह टस्कर हाथी पिछले लगभग 1 महीने से इस क्षेत्र में लगातार गांव के खेतों में उत्पात मचा रहा था, और अब तक कई एकड़ फसल बर्बाद कर चुका था। वनाधिकारीयों ने बताया कि हाथी की मौत के बारे में पोस्टमार्टम होने के बाद ही पता चल पायेगा।
(Wild Life) हाथी की उम्र लगभग 40 साल बताई जा रही है। घटनाक्रम के अनुसार शनिवार की रात को यह हाथी चोरपानी में बिजरानी क्षेत्र के जंगल से निकलकर आया। ग्रामीणों ने पता चलने पर हो-हल्ला कर उसे वहां से भगा दिया था
यह भी पढ़ें (Wild Life) : आज फिर एक जानवर की जान इन्सानों ने ली है….
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 21 दिसम्बर 2020 (Wild Life) । सुप्रसिद्ध फिल्म ‘हाथी मेरे साथी’ का गीत ‘नफरत की दुनिया को छोड़ के प्यार की दुनिया में, खुश रहना मेरे यार… एक जानवर की जान आज इन्सानों ने ली है, चुप क्यों है संसार…’ फिर प्रासंगिक हो गया। नैनीताल जिले के हल्दूचौड़ के बच्ची धर्मा गांव में जमीन से कई मीटर ऊपर गुजारी जाने वाली हाईटेंशन विद्युत लाइन की चपेट में आने से एक कुछ फिट ऊंचे हाथी की मौत हो गई।
(Wild Life) यह तब है जबकि इस क्षेत्र से गुजरने वाले हाथी कॉरीडोर यानी हाथियों के रास्ते को मनुष्य ने रोक दिया था और अब लोग वन विभाग से इस ओर हाथियों को आने से रोकने के लिए गुहार लगा रहे थे, तथा हाईटेंशन लाइन इतने नीचे से गुजर रही थी और संबंधित खेत स्वामी और ग्राम प्रधान विद्युत विभाग से लाइन को ठीक करने को लगातार कह रहे थे।
(Wild Life) इधर सोमवार की सुबह बच्ची धर्मा गांव में एक हाथी की वहां से गुजर रही हाईटेंशन विद्युत तार की चपेट में आने से मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि पिछले कई समय से हाथी टांडा रेंज के जंगल से राष्ट्रीय राजमार्ग व रेलवे ट्रेक पर सड़क व रेल यातायात को बाधित तथा हल्दूचौड़ के गांवों में फसलों को रौंद रहे थे। वहीं बच्चीधर्मा गांव में कई दिन से हाईटेंशन लाइन जमीन को छू रही थी।
(Wild Life) खेत स्वामी लक्ष्मी दत्त पंडा व ग्राम प्रधान रुकमणी देवी के अनुसार एक वर्ष पूर्व विधायक व विधुत विभाग के अधिकारियों को एचटी लाइन से नीचे झुकने की सूचना दे दी गई थी। जबकि एक सप्ताह पूर्व ग्राम प्रधान ने लिखित रूप से विधुत विभाग को सूचना दे दी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : आपसी संघर्ष में गुलदार के शावक की मौत, शव मिला…
नवीन समाचार, नैनीताल, 12 फरवरी 2021 (Wild Life) । ज्योलीकोट नैनीताल मनोरा वन रेंज के अंतर्गत वीरभट्टी के पास स्थित चढ़ता गांव के समीप गुलदार का 1 वर्षीय नर शावक मृत अवस्था में मिला। उसे वन विभाग के कर्मचारियों ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रेस्क्यू सेंटर रानीबाग भेज दिया। विभागीय सूत्रों ने बताया कि प्रथम दृष्टया नर शावक की मौत आपसी संघर्ष में मानी जा रही है।
(Wild Life) वन क्षेत्राधिकारी भोपाल सिंह मेहता ने बताया की आज शुक्रवार को ग्रामीणों से गांव के समीप वन क्षेत्र में गुलदार का शव पड़े होने की जानकारी मिली। जिसके बाद उप रेंज अधिकारी आनंद लाल के साथ वन कर्मियों ने घटनास्थल से नर शावक के शव को अपने कब्जे में लेकर रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया।
(Wild Life) क्षेत्राधिकारी मेहता ने बताया कि प्रथमदृष्टया मौत का कारण आपसी संघर्ष माना जा रहा है, अलबत्ता मौत के कारण का असली खुलासा पोस्टमार्टम के बाद ही हो पायेगा।
यह भी पढ़ें (Wild Life) : नैनीताल : सड़क पर मृत मिली जंगली बिल्ली, लोगों ने समझा गुलदार का शावक
नवीन समाचार, नैनीताल, 24 दिसम्बर 2020 (Wild Life) । बीती रात्रि नगर से करीब पांच किलोमीटर दूर भवाली रोड पर पाइंस से आगे सड़क पर एक लैपर्ड कैट प्रजाति का वन्य जीव यानी जंगली बिल्ली सड़क पर मृत मिली। सड़क पर खून भी फैला हुआ था। नगर के टैक्सी-टेªवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जोशी ने इसकी जानकारी मीडिया कर्मियों एवं वन विभाग के अधिकारियों को दी।
(Wild Life) प्रभागीय वनाधिकारी बीजूलाल टीआर ने पुष्टि की कि यह लैपर्ड कैट ही थी। बाद में वन विभाग की टीम ने इसके शव को बरामद करवाया। माना जा रहा है कि वह रात्रि को किसी वाहन की चपेट में आकर जान गंवा बैठी। उल्लेखनीय है कि नगर एवं आसपास के जंगलों में लैपर्ड कैट बड़ी संख्या में मिलती है। बिल्ली से बड़े व गुलदार के शावकों के बराबर दिखती है, तथा इसके शरीर पर गुलदार की तरह के ही बूटे भी नजर आते हैं।
यह भी पढ़ें : सड़क पर खुद के बराबर ही लंबे सांप को निगल गया किंग कोबरा, बना रहा कौतूहल
नवीन समाचार, नैनीताल, 29 सितंबर 2020। मंगलवार को मुख्यालय से करीब सात किमी दूर कालाढुंगी रोड पर चारखेत व नारायण नगर के बीच सड़क पर एक विशाल सांप दूसरे करीब खुद के बराबर ही लंबे सांप को देखते-देखते खा गया, जबकि उसके द्वारा खाए गए एक अन्य सांप के हिस्से भी मौके पर मौजूद बताए गए। इस पर घटनास्थल पर कौतूहल में आने-जाने वाले लोगों का मजमा लग गया।
लोग दूसरे सांप को खा रहे 10 फिट से अधिक लंबे सांप को अजगर व दूसरे विशाल सांप को किंग कोबरा बता रहे थे। अलबत्ता प्रभागीय वनाधिकारी बीजू लाल टीआर ने बड़े सांप को किंग कोबरा व भोजन बने दूसरे सांप को रैट स्नेक बताया। उन्होंने बताया कि किंग कोबरा द्वारा इस तरह दूसरे संाप को खाया जाना सामान्य बात है। किंग कोबरा करीब तीन वर्ष की उम्र का हो सकता है।
यह भी पढ़ें : बाघों को बचाने के लिए नैनीताल जू में वन कर्मी सीख रहे ड्रोन उड़ाना
नवीन समाचार, नैनीताल, 28 सितंबर 2020। नैनीताल प्राणी उद्यान के सभागार में सोमवार को एनएमएचएस परियोजना के तहत ‘डिस्पर्सल कम्यूनिकेशन एंड कंजरवेशन स्ट्रेटजीज फॉर टाइगर इन कुमाऊं हिमालया ऑफ उत्तराखंड इंडिया’ के अंर्तगत प्रशिक्षण कार्यक्रम का हल्द्वानी जू सफारी द्वारा आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नैनीताल वन प्रभाग नैनीताल के सभी रेंजों के फील्ड कर्मी शामिल हुए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सेवानिवृत्त प्रभागीय वनाधिकारी गोपाल सिंह कार्की ने कैमरा ट्रैप व जीपीएस के बारें में कर्मियों को विस्तार प्रशिक्षण, प्रस्तुतीकरण तथा प्रयोगात्मक रूप से प्रशिक्षण दिया। वहीं अंतिम चरण में प्रशिक्षक अतुल कुमार भगत ने ड्रोन को उड़ाने का प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम में प्राणी उद्यान नैनीताल के वन क्षेत्राधिकारी अजय रावत, हल्द्वानी जू सफारी के वन क्षेत्राधिकारी घनानन्द चनियाल, सुल्ताननगरी लीसा डिपो के वन क्षेत्राधिकारी हरीश पांडे सहित वन कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित रहे।
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नवीन समाचार, कालाढुंगी, 30 अगस्त 2020। रामनगर वन प्रभाग देचौरी रेंज अंतर्गत कोटाबाग क्षेत्र में टस्कर हाथी द्वारा एक युवक को कुचलने की घटना प्रकाश में आई है। युवक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई है। युवक 45 वर्षीय मोहन जोशी रविवार को जंगल मे पशु चराने गया था। बताया गया है कि शाम को उसके घर न लौटने पर जब परिजनों व ग्रामीणों ने उसकी ढूंढ-खोज शुरू की तो घटना का खुलासा हुआ।
सूचना मिलने पर पुलिस व वन विभाग के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे। कोटाबाग चौकी प्रभारी जयदीप नेगी ने मृतक के शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिये भेजा। वहीं वन विभाग ने मृतक के परिवार को अनुमन्य सहायता देने की बात कही है।
यह भी पढ़ें : नैनीताल ब्रेकिंग : गुलदार का कंकाल मिला, क्लच की तार से मारे जाने की आशंका
नवीन समाचार, नैनीताल, 12 मई 2020। मुख्यालय के निकटवर्ती ज्योलीकोट के पास नैनीताल वन प्रभाग के अन्तर्गत मनोरा वन रेंज में मंगलवार को गुलदार का एक शव बेहद सडी-गली कंकाल की सी अवस्था में मिला है। शव के करीब 20 से 25 दिन पुराना होने का अनुमान है। समाचार लिखे जाने तक वन विभाग को सूचना दे दी गई लेकिन अभी विभागीय कर्मी नहीं पहुंचे हैं।
प्रत्यक्षदर्शी सूत्रों के अनुसार मृत गुलदार के शव के पास वाहनों के क्लच में प्रयुक्त तार भी देखा गया है। इस आधार पर माना जा रहा है कि उसकी मौत शिकार फंसाने के लिये बने फंदे में फंस कर हुई हो सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मनोरा वन रेंज के नलेना कम्पार्ट में आबादी से लगे वन क्षेत्र में पिछले दिनों से दुर्गंध फैल रही थी। मंगलवार दोपहर बाद ग्रामीणों को गुलदार का सड़ी-गली अवस्था मे शव मिला जिसकी सूचना वन विभाग को दे दी गयी। सूचना दिये जाने पर डीएफओ बीजू लाल टीआर ने कहा कि संबंधित वन क्षेत्राधिकारी को मौके पर भेजा गया है।
पिछले वर्ष भी इसी तरह क्लच की तार के साथ एक गुलदार इसी क्षेत्र में मृत पाया गया था। उसकी जांच करने पर क्लच की तार से मौत होने की पुष्टि नहीं हुई थी। इस बार भी मामले की पूरी जांच की जाएगी। यदि साजिशन गुलदार को मारा गया होगा तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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-कई वाहन चालकों पर भी झपट चुका है
नवीन समाचार, नैनीताल, 15 अप्रैल 2020। जनपद मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर कालाढुंगी रोड पर घटगड़ के पास गुलदार के एक जोड़े के अक्सर सड़क पर बैठे होने और गुजरने वाले वाहनों पर झपटने की सूचना है। बताया जा रहा है कि लॉक डाउन के दौरान सड़क पर वाहनों के सीमित संख्या में चलने की वजह से गुलदार का यह जोड़ा जंगल के बीच से गुजर रही सड़क को सड़क की जगह जंगल का ही हिस्सा मानकर ऐसा कर रहा है। इस संबंध में कार सवार युवकों द्वारा बनाया गया एक वीडियो बुधवार को वायरल हो रहा है, जिसमें गुलदार को निर्भीक तरीके से सड़क किनारे बैठे देखा जा सकता है।यह वीडियो बुधवार दोपहर 12 बजे के आसपास की बताई जा रही है, और क्षेत्र में तीन से चार गुलदारों की मौजूदगी भी बताई जा रही है।
वहीं कुछ चित्र भी सामने आये हैं, जिसमें एक गुलदार सड़क के बीच ही बैठा है, और दूसरी ओर एक बाइक सड़क पर गिरी हुई है। बताया जा रहा है कि अचानक गुलदार ने बाइक सवार पर झपट्टा मारा। इस पर बाइक सवार ने बाइक वहीं छोड़कर किसी तरह जान बचाई। वहीं इस पर नैनीताल चिड़ियाघर के उप वन क्षेत्राधिकारी दीपक तिवारी ने कहा कि उन्होंने भी यह वीडियो देखा है। लॉक डाउन के दौरान वन्य जीवों के व्यवहार परिवर्तन पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। केवल इतना है कि पहले वन्य जीव मनुष्यों की दिन में गतिविधियां रहने के कारण रात में ही बाहर आते थे। लेकिन अब दिन में मानव गतिविधियां रुकने के कारण उन्हें लग रहा है कि वे कभी भी बाहर आ सकते हैं। यह ऐसा भी है कि मानव के लॉक डाउन से वन्य जीवों का लॉक मानो खुल गया है। ऐसे में लोगों से खासकर दोपहिये वाहन से इस मार्ग पर संभलकर ही जाने की अपील की जा रही है।
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शाकिर हुसैन @ नवीन समाचार, कालाढूंगी (नैनीताल), 29 मार्च 2020। रविवार को जनपद के कालाढूंगी वन क्षेत्र के अंतर्गत वन निगम डिपो के पास सिंचाई नहर में गिर जाने से हाथी के एक बच्चे की मौत हो गयी। इससे नहर भी टूट गई। नगर टूटने के बाद पानी इधर-उधर फैलने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। वहां हाथी की लीद पड़ी होने से ग्रामीणों को लगा कि हाथियों द्वारा नहर को तोड़ दिया गया है, परंतु जब पानी के इधर-उधर फैलने पर नहर में पानी को बंद किया गया तो उसमें हाथी का बच्चा फंसा हुआ देखा गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना कालाढूंगी वन क्षेत्राधिकारी को दी।
इसके बाद वन क्षेत्राधिकारी अमित ग्वासाकोटी सहित अनेक वन कर्मी मौके पर पहुंचे। वन कर्मियों ने ग्रामीणों की मदद से वनकर्मियों में शामिल वन क्षेत्राधिकारी अमित ग्वासाकोटी, पूरन चंद्र जोशी, त्रिलोक चंद्र, हिमांशु जोशी, प्रकाश रावत, लक्ष्मण सिंह अधिकारी, ईश्वरी दत्त पांडे, लक्ष्मीकांत जोशी, प्रकाश भट्ट,
(Wild Life) मुकेश पाल, शंकर चौहान, गणेश मेहरा प बलराज आर्या आदि ने बड़ी मशक्कत के बाद हाथी के बच्चे के शव को नहर से निकाला। वनकर्मियों ने चकलुआ वन चौकी में मृत हाथी के बच्चे का दो चिकित्सकों की टीम सेे पोस्टमार्टम कराया और शव को दफना दिया।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 21 जनवरी 2020। मुख्यालय के निकटवर्ती क्षेत्र में एक गुलदार का शव मिलने से सनसनी फैल गई। पहले सोमवार शाम रूसी गांव में गुलदार का शव देखे जाने की बात कही जा रही थी, तब अधेरा घिरने के कारण वन विभाग के कर्मी मौके पर नहीं पहुंच पाए थे। इधर मंगलवार को वन कर्मी मौके पर पहुंचे और गुलदार के शव को बरामद किया तो पता चला कि मृत गुलदार मादा थी और उसकी मौत रूसी नहीं बल्कि बेल बसानी गांव में और गुलदारों के आपसी संघर्ष में हुई है। यह संघर्ष भोजन के लिए अथवा निषेचन के लिए हो सकता है।
मनोरा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी भूपाल सिंह मेहता ने बताया कि गुलदार का शव वास्तव में रामनगर व नैनीताल वन प्रभाग के सीमावर्ती क्षेत्र में मुख्यालय से काफी दूर बेल बसानी गांव के पास मिला। उन्होंने बताया कि मृत गुलदार तीन से चार वर्ष की मादा है। उन्होंने आशंका जताई कि गुलदार की जान आपसी संघर्ष में गई है। ग्रामीणों ने वन क्षेत्र में दो गुलदारों की दहाड़ें सुनने का दावा किया है। इसी आधार पर उसके आपसी संघर्ष में मारे जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। मृत गुलदार के शव को रेस्क्यू सेंटर रानीबाग ले जाया गया, जहां दो चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के उपरांत गुलदार के शव को नष्ट कर दिया गया। माना जा रहा है कि भोजन के लिए मानव वन्य जीव संघर्ष के साथ वन्य जीवों में भी भोजन के लिए संघर्ष बढ़ रहा है।
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नवीन समाचार, रामनगर, 8 जनवरी 2020। रामनगर के तराई पश्चिमी वन प्रभाग के आमपोखरा रेंज के जंगल में कंपार्टमेंट नंबर 14 में भैंसें चराने गये एक वन गुर्जर पर विशाल बाघ ने हमला बोल दिया, लेकिन तभी एक अविश्वसनीय सी घटना हो गई। अपने मालिक को बचाने के लिए कुछ भैंसें बाघ से भिड़ गई और बाघ को पटक दिया तथा जंगल में दूर तक खदेड़ दिया।
जबकि कुछ भैंसें जैसे सूचना देने के लिए घर पहुंच गईं। इस पर ग्रामीणों-वन गुर्जरों को कुछ अनहोनी होने का शक हुआ तो वे मौके पर पहुंचे तो बाघ भाग खड़ा हुआ। ग्रामीण उसे जंगल से लेकर आए और रामनगर के अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान वन गुर्जर ताज मोहम्मद ने बताया कि बाघ काफी विशाल था और उसने पीछे से उस पर हमला किया था।
हमला होता ही वह जमीन पर गिर गया। तभी 5 से 7 भैंसों ने एक साथ बाघ पर हमला किया जिससे वह पीछे हट गया। इसके बाद भैंसें बाघ को कुछ दूर तक खदेड़कर आई। हमला किया तो बाघ घबरा गया और अन्य वन गुर्जरों के आने पर वह भाग निकला। ताज मोहम्मद के अनुसार अगर वह जिंदा है तो केवल भैंसों की वजह से। भैंसें नहीं होती तो शायद वह बाघ उसे निवाला बना लेता। इधर रामनगर के अस्पताल से घायल वन गुर्जर को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 1 जनवरी 2019। मुख्यालय में राजभवन रोड पर राजभवन व सेंट जोसफ के गेट के पास आबादी क्षेत्र में आये शेड्यूल-3 के एक वन्य जीव-कांकड़ को आवारा कुत्तों के झुंड ने नोंच-नोंचकर मार डाला। घटना बुधवार देर शाम की है। स्थानीय लोगों से जानकारी मिलने के बाद पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों ने मृत कांकड़ के शव को कब्जे में ले लिया है।
(Wild Life) नगर पालिका रेंज के वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद तिवारी ने बताया कि मृत कांकड़ के शरीर को अंधेरा घिरने के बाद जंगल में दफना दिया है। गौरतलब है कि इस घटना से नगर में आवारा कुत्तों का आतंक भी नुमाया हुआ है, जो नगर वासियों के साथ ही यहां आने वाले सैलानियों के लिए भी खतरा बने हुए हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 25 दिसंबर 2019 (Wild Life) । सरोवरनगरी में सर्दियों में बंदर-लंगूरों का आतंक एक बार फिर बढ़ गया है। बुधवार सुबह करीब आठ बजे लंगूर ने नगर के मल्लीताल जसमंड विला के आउट हाउस में रहने वाली 65 वर्षीय महिला कुंती रौतला पत्नी स्वर्गीय मोहन सिंह रौतेला को धक्का दे दिया। जिससे महिला बुरी तरह से चोटिल हो गई।
उसके सिर व कमर में काफी चोटें आईं। इस पर उसके पुत्र कमल सिंह तथा पड़ोसी भगवान सिंह व भोला सिंह आदि उसे बीडी पांडे जिला चिकित्सालय ले गए, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के उपरांत उसके सिर की चोट को देखते हुए उसे हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद उसके परिजनों ने उसे हल्द्वानी के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया है। बताया गया है कि घायल हुई महिला अपने पति की मृत्यु के बाद कुमाऊं विवि में नौकरी करने के बाद सेवानिवृत्त हुई थी। इधर सुबह वह दूध लेकर आ रही थी, तभी लंगूर ने उस पर हमला बोल दिया।
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सर्दियों में बंदूर-लंगूर व आवारा कुत्ते इसलिए होते हैं अधिक हमलावर
नैनीताल। नैनीताल नगर के लोग अक्सर बंदर-लंगूरों व आवारा कुत्तों को खाने को कुछ न कुछ देते रहते हैं। लेकिन सर्दियों में नगर के स्कूल-कॉलेज व उनके छात्रावास तथा मेस बंद हो जाते हैं, साथ ही नगर के अनेक लोग बाहर भी चले जाते हैं। इस कारण बंदर-लंगूरों व आवारा कुत्तों को खाने को पहले की तरह पूरा भोजन नहीं मिल पाता है। इस कारण वे अधिक हमलावर हो जाते हैं।
ऐसी स्थितियों से बचने के लिए बंदर-लंगूरों व आवारा कुत्तों को वर्ष भर खाना न देने की सलाह दी जाती है, ताकि वे शहर के बजाय जंगल में अपना भोजन तलाशें और शहर में हमलावर न हों। साथ ही लंगूरों के हमले से बचने के लिए कहीं से गुजरते हुए लंगूरों के रास्ते में न आने की सलाह भी दी जाती है। वहीं प्रशासन से इस दौरान बंदर-लंगूरों व आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने की उम्मीद की जाती है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 24 सितंबर 2019। मंगलवार को सरोवरनगरी में बंदरों का आतंक देखने को मिला और शिकार बने यूपी के मेरठ खतौली निवासी 23 वर्षीय पर्यटक मो. आदिल। मल्लीताल स्थित प्रधान डाकघर के निकट अचानक एक बंदर आदिल के पीछे पड़ गया। इस दौरान बचने की कोशिश में वह अनियंत्रित होकर गिर गये। उन्हें बीडी पांडे जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां उनके सिर में सात टांके लगाने पड़े।
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यह भी पढ़ें : बाहर से लाकर छोड़ दिये (!) बंदर-लंगूरों के हुड़दंग व कुत्तों की उग्रता से लोग परेशान..
नवीन समाचार, नैनीताल, 2 अगस्त 2019। सरोवरनगरी में इन दिनों लोग लंगूरों के हुड़दंग व कुत्तों की उग्रता से परेशान हैं। यहां लंगूर सुबह जंगल के क्षेत्रों से झुंड के झुंड में टिन की छतों में कूदते हुए आते हैं और शाम को वापस लौटते हैं। इस दौरान वे घरों के भीतर घुसने तथा दैनिक कार्यों में लगे, आते-जाते लोगों पर हमला बोलने से भी नहीं झिझकते।
ऐसे में नगर में आम लोग, खासकर घरों की ऊपरी मंजिलों पर रहने वाले परिवारों के बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं लंगूरों के आतंक से खासे डरे हुए हैं। साथ ही इन दिनों गलियों में आवारा कुत्तों के झुंडों में भी अधिक उग्रता देखी जा रही है। बताया जा रहा है कि बरसात के मौसम में भोजन के गल जाने की वजह से भोजन का ठीक से प्रबंध न होने के कारण आवारा पशु व वन्य जीव अधिक उग्र हो रहे हैं, और हर रोज करीब एक दर्जन लोगों को काट रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में बंदरों व लंगूरों की वजह से नगर में कई लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं। ऐसे में वन विभाग से बंदरों-लंगूरों तथा नगर पालिका से आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की जा रही है।
गेठिया पड़ाव क्षेत्र में बाहर से बंदरों के झुंड छोड़ जाने का आरोप
नैनीताल। नगर के निकटवर्ती गेठिया पड़ा क्षेत्र में बीते सप्ताह से बंदरों का खासा भय बना हुआ है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि बीते सप्ताह रात्रि अथवा अल सुबह कोई बाहर से वाहन में भरकर इन बंदरों के काफी बड़े झुंड को यहां आबादी क्षेत्र में छोड़ गया है। लोगों का कहना है कि गेठियापड़ाव के साथ ही निकटवर्ती कुरियागांव आदि में इन दिनों बंदर किसी पर भी झपट पड़ते हैं, और घरों में भी घुस जाते हैं।
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-भरल, रेड पांडा तथा कलीज व चीड़ फीजेंट आदि पशु-पक्षियों को प्रजनन के लिए खूब भा रहा नैनीताल चिड़ियाघर
नवीन समाचार, नैनीताल, 31 जुलाई 2019। मुख्यालय स्थित पं. गोविंद बल्लभ प्राणि उद्यान यहां रहने वाले पशु-पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास स्थल-जंगल की तरह खूब भा रहा है। शायद इसी लिये यहां बाड़ों के सीमित दायरे में भी वे प्रजनन का आनंद लेते हुए अपनी वंश वृद्धि भी कर रहे हैं।
(Wild Life) किसी भी चिड़ियाघर के लिए अपने यहां इस तरह नये जीवों की उत्पत्ति होना बड़ी उपलब्धि माना जाता है। नैनीताल प्राणी उद्यान भी इस दिशा में अपनी स्थापना के हिमालयी एवं संकटग्रस्त वन्य जीव प्रजातियों के बचाव, प्रजनन एवं संरक्षण में योगदान देने के उद्देश्य से पूरा न्याय करता नजर आ रहा है।
नैनीताल चिड़ियाघर में इस बीच भरल यानी ब्लू शीप और दार्जिलिंग के चिड़ियाघरों से हालिया वर्षों में लाये गये रेड पांडा एवं विभिन्न भारतीय एवं विदेशी पक्षियों के प्रजनन का कार्य सफलतापूर्वक हुआ हैं। चिड़ियाघर की वन क्षेत्राधिकारी ममता चंद ने बताया कि भरल की नूतन नाम की मादा ने गत 11 जून 2019 को एक नन्ही मादा को जन्म दिया है। मां व बच्ची दोनों पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।
इसी तरह पूर्व की भांति सोनम नाम की रेड पांडा ने भी गत 25 जून को दो बच्चों को जन्म दिया है। इस के साथ चिड़ियाघर में रेड पांडा परिवार में सदस्यों की संख्या बढ़ कर 8 हो गई है। इसके अलावा कलीज व चीड़ फीजेंट के भी आठ बच्चे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नैनीताल चिड़ियाघर के लिए वन्य जीवों के संरक्षण तथा कैपटीविटी में वन्य जीवों का सफलतापूर्वक प्रजनन होना महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
यह भी पढ़ें : बड़ा सवाल, नगर में मिला विलुप्तप्राय शेड्यूल-1 का था 70 साल का कछुवा, यह आया कहां से ? अधिकारी नहीं दे रहे जवाब…
नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जुलाई 2019। नैनी झील में एक कछुवा मिलने की सनसनीखेज घटना प्रकाश में आई। मीडिया कर्मी गौरव जोशी व उनके भाई दिनेश जोशी ने इसे झील में देखा और काफी मशक्कत से किनारे ले आये, और वन विभाग को सूचित कर इसे विभागीय कर्मी निमिष दानू को सोंप दिया। इधर विशेषज्ञों का कहना है कि नैनी झील में मिला कछुवा विलुप्तप्राय श्रेणी-1 का है, और इसकी उम्र 70 वर्ष बताई गयी है। इसे ‘साल फॉरेस्ट टॉरटॉइज’ कहते हैं, तथा इसका वानस्पतिक नाम ‘इंडोटेस्टूडा इलोंगाटा’ है।
इसकी उम्र काफी अधिक होती है। इसे पहली बार नगर में देखा गया है, जबकि सबसे नजदीक जिम कॉर्बेट पार्क में यह मिलता है। इसका नगर में मिलना अपने आप में बड़ी घटना है, परंतु वन विभाग के अधिकारियों से इस प्रश्न का जवाब नहीं मिला कि यह नगर में कहां से आया। वहीं जिन मीडिया कर्मी को यह मिला, उनका कहना है कि नगर के कुछ बच्चों ने इसे ठंडी सड़क में एक कार के पास देखे जाने का दावा किया था।
वे इसे अपने घर ले जा रहे थे, परंतु टोकने पर उन्होंने इसे झील में फैंक दिया। इस पर उन्होंने इसे झील से निकालकर वन विभाग को सोंपा, जिन्होंने इसे रानीबाग स्थित रेसक्यू सेंटर भेज दिया। इसे कोई चोट भी नहीं है। आगे इसे इसके प्राकृतिक आवास स्थल नानकमत्ता स्थित नानकसागर डैम में छोड़ने की योजना बताई गई है।
बड़ा प्रश्न, कहां से आया विलुप्तप्राय श्रेणी का कछुवा
नैनीताल। नगर में कछुवे के मिलने से यह प्रश्न खड़ा हुआ है कि विलुप्तप्राय श्रेणी का यह कछुवा नगर में कहां से आया। यदि इसे किसी ने किसी धार्मिक मान्यता के कारण छोड़ा है तो अलग बात है, अन्यथा इसका नगर में प्राकृतिक तौर पर आना नगर की जैव विविधता के दृष्टिकोण से सुःखद है।
(Wild Life) यह जानने के लिए प्रभागीय वनाधिकारी बीजू लाल टीआर को कई बार फोन किया गया, परंतु वे कुछ देर बाद स्वयं बात करने की बात करते रहे। उल्लेखनीय है कि पूर्व में नैनी झील में धार्मिक मान्यता के कारण बेहद खतरनाक मांशाहारी मांगुर प्रजाति की मछलियां डाले जाने की घटना भी हुई थी, जिन्हें बमुश्किल झील से बाहर निकाला गया था।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जुलाई 2019। नैनी झील में एक कछुवा मिलने की सनसनीखेज घटना प्रकाश में आई। मीडिया कर्मी गौरव जोशी व उनके भाई दिनेश जोशी ने इसे झील में देखा और काफी मशक्कत से किनारे ले आये, और वन विभाग को सूचित कर इसे विभागीय कर्मी निमिष दानू को सोंप दिया। इधर दानू ने बताया कि कछुवा सामान्य तौर पर मिलने वाली प्रजाति का ही है, परंतु भले छोटा सा नजर आ रहा हो, परंतु 70 वर्ष की उम्र का है।
नैनीताल चिड़ियाघर में इसे रखने का कोई प्रबंध न होने की वजह से इसे रानीबाग स्थित रेसक्यू सेंटर ले जाया गया है। इसे कोई चोट भी नहीं है। आगे इसे इसके प्राकृतिक आवास स्थल नानकमत्ता स्थित नानकसागर डैम में छोड़ने की योजना है। बताया जा रहा है कि कोई दो युवक इसे किसी धार्मिक मान्यता के कारण कुछ ही समय पूर्व नैनी झील में छोड़ गये थे।
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नवीन समाचार, 20 जनवरी 2019। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की बिजरानी रेंज और रामनगर वन प्रभाग के कोसी रेंज के मिलान पर रामनगर शहर के करीब ही एनएच 121 के पास एक बाघ का शव बरामद हुआ है। हैरतअंगेज बात यह रही कि बाघ के शव का एक पांव गायब है और अधिकारियों को इस बात की जानकारी ही नहीं है। इसके अलावा बाघ का शव रामनगर वन प्रभाग के कोसी रेंज की ओर मिला था।
लेकिन कुछ देर बाद ही शव कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की बिजरानी रेंज की ओर पहुंच गया। इस बारे में रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ ने बताया कि इस बाघ की मौत आपसी संघर्ष में हुई है, जबकि प्रथमदृष्टया प्रतीत हो रहा है कि बाघ किसी तेज गति के वाहन की चपेट में आया होगा। बाघ को देखने के लिए पर्यटकों व आबादी के लोगों का हुजूम मौके पर उमड़ पड़ा। वनकर्मियों को लोगों को हटाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी।
यह भी चिंताजनक रहा कि जिम कॉर्बेट पार्क के अधिकारी मौके पर तब पहुंचे जब बाघ के शव को वहां से हटा लिया गया था। वहीँ रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ वीपी सिंह से जब पूछा गया कि टाइगर के शव से एक पांव कैसे गायब है। इस पर उन्होंने तुरंत कहा कि टाइगर का पांव गायब नहीं है बल्कि पांव में चोट लगी है।
(Wild Life) लेकिन फिर तुरंत ही उन्होंने कहा कि टाइगर का एक पांव गायब होने की जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका पूरी तरह से निरीक्षण किया जाएगा कि टाइगर के शव से क्या अंग गायब हैं या क्या गायब नहीं हैं। यह सब देखने के बाद ही कुछ कहा जाएगा।
पूर्व आलेख : उत्तराखंड में वन्य जीवों की चिकित्सा भगवान भरोसे
-राज्य के वन विभाग में अपने पशु चिकित्सक ही नहीं हैं
-राज्य में दो चिकित्सक पशुपालन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर और एक संविदा पर, तीनों नैनीताल जनपद में
नवीन जोशी, नैनीताल। उत्तराखंड में वन्य जीवों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पूरी तरह से भगवान भरोसे है। इस हिमालयी राज्य के लगभग 70 फीसद भू-भाग पर वन हैं। इस तरह यह देश की सर्वाधिक जैव व वन्य जीवों की विविधता वाला राज्य है, मगर आश्चर्य है कि राज्य के वन विभाग में अपने पशु चिकित्सक ही नहीं हैं।
(Wild Life) राज्यभर में वन्य जीवों की चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तीन चिकित्सकों की व्यवस्था है। इनमें से दो चिकित्सक पशुपालन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर हैं और एक संविदा पर कार्यरत है। दिलचस्प बात यह है कि यह तीनों पशु चिकित्सक नैनीताल जनपद में हैं। इनमें से भी दो मुख्यालय में केंद्रित हैं। यानी शेष पूरे प्रदेश के वन्य जीवों की चिकित्सा का कोई प्रबंध नहीं है।
(Wild Life) उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में लोगों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्थाओं के लिए चिकित्सकों की कमी हमेशा चर्चाओं में रहती है। घरेलू पशुओं की चिकित्सा व्यवस्थाओं की स्थिति भी राज्य में बहुत बेहतर नहीं है, जबकि वन्य जीवों की चिकित्सा के लिए चिकित्सकों की व्यवस्था पर तो मानो ध्यान ही नहीं है।
(Wild Life) राज्य के वन विभाग में पशु चिकित्सकों के नाम पर मुख्यालय के भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत प्राणि उद्यान में संविदा पर डॉ. एलके सनवाल व प्रतिनियुक्ति पर डॉ. योगेश भारद्वाज कार्यरत हैं। इनके अलावा राज्य के वन विभाग में तैनात केवल एक अन्य चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा भी जनपद स्थित जिम कार्बेट पार्क में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। इस तरह प्रदेश के वन विभाग के पास अपना एक भी पशु चिकित्सक नहीं हैं।
(Wild Life) उत्तराखंड बनने के बाद ही मर गए 94 बाघ, वरना कुछ और होते आंकड़े
-बीते वर्ष राज्य में आठ बाघों की हुई मौत
नवीन जोशी, नैनीताल (Wild Life) । आज प्रदेश और देश वासी उत्तराखंड में बाघों की संख्या औसतन 50 फीसद वृद्धि के साथ 340 और देश में औसतन 30 फीसद की वृद्धि के साथ 2226 हो जाने की खबर से आह्लादित हैं, लेकिन यह खुशी और बड़ी हो सकती थी। उत्तराखंड राज्य की बात करें तो यहां अलग राज्य बनने के बाद से ही अब तक 94 बाघों की मौत हो चुकी है।
बीते वर्ष यानी 2014 में ही उत्तराखंड में खाद्य श्रृंखला के सबसे बड़े और शक्तिशाली माने जाने वाले आठ और देश में 66 बाघों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है, जबकि इस वर्ष 2015 में भी अब तक 7 बाघों की मौत हो चुकी है। कहना आसान नहीं कि कितने बाघों को शिकारियों ने अवैध तरीके से मारकर अकाल मौत दी होगी, लेकिन राज्य में कुल मौजूद बाघों की संख्या-340 के हिसाब से देखें तो यह मानना कठिन नहीं कि वन्य जीवों की मौतें प्राकृतिक नहीं वरन उनके जीवन में मानव के बढ़ते दखल के कारण ही अधिक हुई हैं।
(Wild Life) वर्ष 2014 में उत्तराखंड में बाघ के मरने की पहली खबर 15 अप्रैल को तराई पश्चिमी के गेबुआ क्षेत्र से आई थी, इसके बाद तीन मई को कालागढ़ क्षेत्र में जमरिया ब्लॉक में, 30 जून को कालागढ़ में ही सोना नदी के पास, 30 जुलाई को रामनगर के कम्पार्टमेंट नंबर 40, जसपुर रेंज के फीका बीट में,
(Wild Life) चार सितंबर को जिम कार्बेट पार्क में, 28 नवंबर को कार्बेट पार्क के तराई वेस्ट डिवीजन में और 28 दिसंबर को रामनगर के देचौरी रेंज में एक-एक बाघ की मौत रिकॉर्ड हुई है। यह आंकड़े देश में बाघों की गणना व जानकारियां रखने वाली वेबसाइट-टाइगरनेट पर भी उपलब्ध हैं।
राज्य बनने के बाद कुल 1200 वन्य जीवों ने गंवाए हैं प्राण
नैनीताल। अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में पिछले 14 वर्षो में 94 बाघ, 829 गुलदार और 275 हाथियों ने अपनी जान गंवाई है। प्रदेश के वन्य जीव प्रतिपालक कार्यालय के अनुसार 275 मृत हाथियों में से 108 की मौत दुर्घटनाओं में, 15 की अवैध शिकार के लिए, एक हाथी की मौत आपसी संघर्ष में और शेष 151 की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है।
(Wild Life) इस अवधि में 94 बाघों में से आठ बाघों को राज्य ने पिछले वर्ष 2014 में खोया है। अगर यहां समुचित चिकित्सा प्रबंध होते तो इनमें से कई वन्य जीवों को बचाया जा सकता था।
वन्य जीव संघर्ष में 386 लोगों ने गंवाई जान
नैनीताल। राज्य बनने के बाद से उत्तराखंड राज्य में 386 लोग वन्य जीवों से हुए संघर्ष में अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से सर्वाधिक 241 लोगों की मौत गुलदारों के द्वारा, 107 लोगों की मौत हाथियों के द्वारा, 19 की भालुओं के द्वारा, तीन की जंगली सुअरों व 16 की बाघ के द्वारा की गई है। वहीं गुलदार का शिकार हुए लोगों की वर्षवार बात करें तो 2001 में 32, 2002 में 19, 03 में 30, 04 में 117, 05 में 13, 06 में 29, 07 में 29, 08 में 13, 09 में दो, 10 में नौ, 11 व 12 में पांच-पांच, 13 में तीन तथा 14 में दो लोग गुलदार का शिकार बने।
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(Wild Life) पोस्टमार्टम हाउस बनता जा रहा नैनीताल चिड़ियाघर
(Wild Life) नैनीताल। चूंकि उत्तराखंड में नैनीताल के अलावा कहीं भी पशु चिकित्सक नहीं हैं इसलिए अमूमन राज्य में कहीं भी वन्य जीवों की चिकित्सा की जरूरत पड़ने पर आसपास के पशु पालन विभाग के पशु चिकित्सक से काम चलाया जाता है। मगर उनके मरने की स्थिति में पोस्टमार्टम की जरूरत पड़ती है तो उन्हें यहीं प्राणि उद्यान में लाना पड़ता है।
(Wild Life) प्राणि उद्यान के वन क्षेत्राधिकारी मनोज साह ने बताया कि इस वर्ष 2015 में ही यहां करीब आधा दर्जन गुलदार और इससे अधिक जंगल कैट सहित डेढ़ दर्जन वन्य जीवों के पोस्टमार्टम किये जा चुके हैं। गौरतलब है कि पोस्टमार्टम के बाद वन्य जीवों की मौत की विस्तृत जांच की राज्य में व्यवस्था नहीं है। जांच के नमूनों को आईवीआरआई इज्जतनगर बरेली भेजना पड़ता है।
नरभक्षियों को जिम की तरह मारने नहीं बचाने के लिए मारते थे ‘मिनी कॉर्बेट’ ठाकुर दत्त जोशी भी
-अब तक 20 बाघ व 30 गुलदारों को मार तथा 20 को जिंदा दबोच चुके थे ठाकुर दत्त जोशी, 22 दिसंबर 2016 को 82 वर्ष की उम्र में हुआ देहावसान
-कुमाऊं के आदमखोर व देवी शेर तथा कुमाऊं के अन्य नरभक्षी नाम से पुस्तकें भी लिख चुके हैं कार्बेट टाइगर रिजर्व के पूर्व वाइल्ड लाइफ वार्डन
नवीन जोशी, नैनीताल। (Wild Life) जिस तरह जिम कार्बेट की पहचान आदमखोर वन्य जीवों के एक शिकारी के साथ ही एक पर्यावरण व वन्य जीव प्रेमी की भी, करीब-करीब वैसी ही पहचान मिनी कॉर्बेट कहे जाने वाले ठाकुर दत्त जोशी का भी थी, जिनका 22 दिसंबर 2016 को देहावसान हो गया। अब तक 20 बाघ व 30 गुलदारों को मार तथा 20 बाघ-गुलदारों को जिंदा दबोच चुके जोशी ने एक वर्ष पूर्व 04.10.2015 को एक विशेष भेंट में स्वयं के जिम कार्बेट के रूप में आगे बढ़ने की यात्रा साझा की थी।
(Wild Life) कहते हैं कि वह आदमखोरों को मारने नहीं बचाने के लिए उनका शिकार करते हैं। बहुत सीधे शब्दों में वह इस बात को समझाते हैं-एक बाघ जब नरभक्षी होता है, तो उसके खाने से बचे मांश को दूसरे वन्य जीव भी खा लेते हैं। इससे वे भी नरभक्षी हो जाते हैं।
(Wild Life) इस प्रकार वे प्रदेश के वन्य जीव प्रतिपालक के आदेशों पर ही ऐसे नरभक्षियों को मारकर अन्य जानवरों को नरभक्षी बनने से भी बचाते हैं। कहते हैं कि किसी बीमारी का उपचार जरूरी है, उन्हें मारना भी एक उपचार है, लेकिन वनों को बचाना इस समस्या का स्थाई समाधान है।
(Wild Life) बताया था कि वन विभाग में वाइल्ड लाइफ वार्डन के पद पर रहते गश्त के दौरान एक बाघ उनके सामने आकर खड़ा हुआ था, तब उन्होंने बाघ की तरह ही दहाड़कर बाघ को भगा दिया था। कहा कि आम लोग भी कभी ऐसा मौका आने पर यही प्रयोग कर सकते हैं।
(Wild Life) बताया कि सर्वप्रथम 1975 में एक बाघ को पिंजड़े में फंसाने से उनकी यात्रा शुरू हुई थी, 1984 में पहली बार एक नरभक्षी गुलदार को ढेर किया, तब से यह यात्रा जारी है, तथा अब 80 वर्ष की यात्रा में आकर वह इसे विराम देने की स्थिति में पहुंच गए हैं।
(Wild Life) बताया कि लखनऊ के कुकरैल सहित यूपी-उत्तराखंड में अनेकों बार वह नरभक्षियों का अंत कर चुके हैं। बताया कि सामान्यतया 315 और कभी 12 बोर की बंदूक भी वह प्रयोग में करते हैं, तथा आदमखोर के शिर की बजाय धड़ वाला हिस्सा उनके निशाने पर रहता है।
(Wild Life) कमेट-मिट्टी खाने को मजबूर हैं बाघ
नैनीताल। श्री जोशी ने कहा कि हिंसक वन्य जीव तथा वन संपदा भी मनुष्य और मनुष्य के लिए उपयोगी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। पूर्व में वन संपदा एवं हिंसक वन्य जीवों के लिए भोजन प्रचुर मात्रा में था, लेकिन इधर जिम कार्बेट पार्क क्षेत्र बाघों के मुख्य भोजन चीतल व सांभर की संख्या में काफी कमी आई है।
(Wild Life) पूर्व की तरह मनुष्य भी बकरी आदि पालतू जानवरों को जंगल भेजते थे, इनमें से कुछ का शिकार कर बाघों को भोजन मिल जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। ऐसे में कई बाघ नदी किनारे खास स्थानों पर मिलनी वाली सफेद मिट्टी-कमेट (जिसे पूर्व में लोग चूने की तरह घर को पोतने के लिए प्रयोग करते थे) को भी खाते देखे गए हैं।
‘लाइनेस’ ने किया ‘लायंस के शिकारी’ का सम्मान
नैनीताल। रविवार को मिनी कार्बेट कहे जाने वाले ठाकुर दत्त जोशी के लिए यादगार पल थे जब ‘लायनेस’ (शेरनियां) क्लब की ओर से नरभक्षियों के एक शिकारी का सम्मान किया गया। उन्हें लायनेस क्लब की ओर से स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव सरिता आर्य तथा नई पदाधिकारी आशा शर्मा ने शॉल ओढ़ाकर तथा पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। इस पर कई लोग चुटकियां भी लेते देखे गए कि ‘लाइनेस’ के द्वारा ‘लायंस के शिकारी’ का सम्मान किया जा रहा है।
(Wild Life) नैनीताल में फिल्म थिएटर के अन्दर और बाहर ‘मिशन टाइगर’
-कैपिटॉल सिनेमा के स्वामी के होटल में सुबह हनीमून मनाने आए नवविवाहित जोड़े के कक्ष में घुसा सवा वर्ष की उम्र का शावक
-बेहद बलिष्ठ था शावक, तीन घंटे बाद पकड़ने की कोशिश में थाना प्रभारी व वन दरोगा को धक्का दे रोशनदान से बाहर निकलकर भागा
-तीन सप्ताह में नगर में वन्य जीवों के आने की दूसरी घटना, इससे पूर्व बीती 10 जुलाई को वयस्क भालू आ घुसा था प्रशांत होटल में
नैनीताल। (Wild Life) इधर नैनीताल नगर के कैपिटॉल सिनेमा में सुबह नौ बजे से उत्तराखंड के बाघों के संरक्षण पर बनी फिल्म ‘मिशन टाइगर’ चल रही थी, और उधर सुबह करीब साढ़े चार बजे कैपिटॉल सिनेमा के स्वामी अमित साह के ही तल्लीताल स्थित होटल में वाकई में बाघ प्रजाति के गुलदार का एक शावक घुस गया, और सुबह के करीब तीन घंटे उसकी दहशत के बीच पकड़ने की असफल कोशिशों के साथ ‘मिशन टाइगर’ ही चला।
(Wild Life) शावक होटल में हनीमून मनाने के लिए आये मेरठ के नवविवाहित युगल के कक्ष में शीशा तोड़कर घुसा। गनीमत रही कि कक्ष में मौजूद अभी मई माह में ही विवाह के उपरांत अपने परिवार के साथ बीती रात्रि ही यहां घूमने पहुंचे मेरठ के पल्लवपुर फेस एक निवासी 24 वर्षीय युवक सुमित ने बेहद
(Wild Life) हिम्मत का परिचय देते हुए पहले कक्ष में शावक के होते हुए स्वयं व अपनी पत्नी शिवानी (21) को कंबल में छुपाकर बचाया, और दैवयोग से जैसे ही गुलदार वॉशरूम के खुले दरवाजे से अंदर गया, उसने धीरे से जाकर वॉशरूम का कुंडा बाहर से बंद कर दिया।
(Wild Life) उल्लेखनीय है कि तीन सप्ताह में नगर में वन्य जीवों के आने की यह दूसरी घटना है। इससे पूर्व बीती 10 जुलाई 2015 को वयस्क भालू जू रोड स्थित प्रशांत होटल में आ घुसा था। पर्यावरणप्रेमियों के अनुसार इसे मानव के वन्य क्षेत्र में अतिक्रमण का परिणाम बताया जा रहा है।
(Wild Life) घटना की जानकारी मिलने पर वन और पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर जुटे, लेकिन शावक को बेहोश कर पकड़ने के बाड़े इत्यादि के साथ नैनीताल चिड़ियाघर की टीम करीब सवा सात बजे मौके पर पहुंच पाई।
(Wild Life) तल्लीताल थाना प्रभारी कैलाश जोशी और वन दारोगा हीरा सिंह शाही ने पीछे गैलरी की ओर से वॉशरूम के रोशनदान से शावक को देखने की कोशिश की। इससे रोशनदान पर लगी शीशे की झिर्रियां टूट गर्इं। और शावक बाहर आने की कोशिश करने लगा।
(Wild Life) इस पर दोनों ने स्टूल को अढ़ाकर गुलदार को अंदर ही रोककर बेहोश करने का मन बनाया, किंतु तब तक वॉश बेसिन के ऊपर चढ़कर बैठा शावक दोनों पर भारी पड़ते हुए बाहर निकल आया। वन कर्मियों ने एक बार पुन: बिना बेहोश किए जाल डालकर उसे गैलरी में ही दबोचने की कोशिश की, किंतु इसी बीच वह मौका देखकर गैलरी के पीछे की ओर से बूचड़खाना, हरिनगर की ओर से जंगल में भाग गया।
(Wild Life) चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश भारद्वाज और रेंजर प्रमोद तिवारी ने उसे करीब सवा वर्ष का बताया। होटल के बाहर लगे सीसी टीवी की फुटेज के अनुसार शावक के पीछे आवारा कुत्तों का झुंड पड़ा था, और जान बचाने की कोशिश में वह खिड़की का नाजुक शीशा तोड़कर कक्ष में जा घुसा होगा।
(Wild Life) होटल में सैलानियों की सुरक्षा सूत भर के शीशों के भरोसे
नैनीताल। नगर में तीन सप्ताह के भीतर नगर में वन्य जीवों के आने की दूसरी घटना प्रकाश में आई है, लेकिन इन दोनों घटनाओं ने नगर के होटलों में यात्रियों की सुरक्षा पर होटलों के द्वारा बरती जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
(Wild Life) दोनों घटनाओं में वन्य जीवों ने खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले। आज जिस होटल में घटना हुई वहां भी खिड़की के साथ ही रोशनदान में भी लोहे की रेलिंग जैसा प्रबंध नहीं था। होटल स्वामी अमित साह ने कहा कि आगे रेलिंग लगाएंगे।
(Wild Life) पास में वैष्णो देवी मंदिर को लेकर लोगों ने आस्था से भी जोड़ा
नैनीताल। रविवार को जिस होटल में गुलदार का शावक घुसा वह हल्द्वानी रोड स्थित वैष्णो देवी मंदिर के बिलकुल करीब और सामने है। ऐसे में खासकर धार्मिक आस्था से जुड़े लोग बाघ को माता की सवारी मानते हुए आज की घटना को भी धार्मिक आस्था से जोड़कर देखते देखे गए।
बाघों को बचाने की मुहिम में ‘मिशन टाइगर’
– खूब सराहा जा रहा नैनीताल के स्थानीय कलाकारों की भूमिका वाली बाघों के संरक्षण पर अपनी तरह की पहली बॉलीवुड फिल्म को
-यहां डीएफओ रहे बीजू लाल टीआर और बॉलीवुड के ‘कव्वा बिरयानी’ फेम विजय राज हैं प्रमुख भूमिका में
-मलियाली फिल्म यूनिट ने बनाई है हिंदी फीचर फिल्म
नवीन जोशी, नैनीताल। (Wild Life) शेड्यूल-1 यानी विलुप्त प्राय श्रेणी के बाघों को बचाने में जहां उत्तराखंड और देश जुटा है और वर्षों बाद देश में बाघों की संख्या 2500 को पार कर गई है, वहीं नैनीताल के कलाकारों से सजी बाघों के संरक्षण पर बनी पहली बॉलीवुड हिंदी फीचर फिल्म ‘मिशन टाइगर’ को दर्शकों का भरपूर समर्थन थियेटर के ‘हाउसफुल’ होने के रूप में मिल रहा है।
(Wild Life) फिल्म में नैनीताल में डीएफओ रहे बीजू लाल टीआर और बॉलीवुड के ‘कव्वा बिरयानी’ फेम विजय राज प्रमुख भूमिका में हैं। मलियाली फिल्म यूनिट द्वारा कमोबेश पूरी तरह नैनीताल एवं कालाढुंगी में फिल्माई गई इस हिंदी फीचर फिल्म में करीब आधा दर्जन बॉलीवुड कलाकारों को छोड़कर शेष सभी कलाकार नैनीताल के हैं। फिल्म बाघों के संरक्षण, उनके गैर कानूनी शिकार और कुछ साल पहले तक उनकी तेजी से घटती संख्या के मद्देनजर ‘वर्ल्ड टाइगर डे’ यानी 29 जुलाई को रिलीज की गयी है।
(Wild Life) फिल्म की कहानी नैनीताल के पास डीएफओ विक्रम नायर (मूलत: डीएफओ टीआर बीजूलाल) द्वारा जाल बिछाते हुए बाघ की खालों, हड्डियों आदि की तस्करी से जुड़े लोगों के साथ 40 लाख रुपये में बाघ को मारने की सौदेबाजी से शुरू होती है। वह शिकारियों को रंगे हाथों पकड़ना चाहता है। उधर जंगल में इंसान और जानवरों के बीच संघर्ष चल रहा है। जंगल के पास बसे एक गांव में बाघ एक महिला को मार देता है। उसकी बेटी चमेली चाहती है कि उस नरभक्षी बाघ को मार दिया जाए।
(Wild Life) चमेली का आक्रोश उसे एक दिन इलाके के चिडि़याघर तक ले जाता है, जहां वह पिंजरे में बंद बाघ को मारना चाहती है, लेकिन ऐन मौके पर विक्रम नायर के पहुंचने से बाघ बच जाता है। इधर, डील फाइनल होने के बाद कुछ दलाल रानीखेत के पास जंगलों में रहने वाले और अपनी गरीबी से परेशान एक शिकारी राम थापा (विजय राज) से संपर्क करते हैं, जो कि एक गर्भवती बाघिन से भावनात्मक जुड़ाव के बाद शिकार छोड़ चुका है।
(Wild Life) अंतत: गरीब थापा अपनी गरीबी व मजबूरी के चलते अपनी पत्नी के इलाज के लिए पांच हजार रुपये की जरूरत को पूरा करने के लिए कारण बाघ के शिकार के लिए राजी हो जाता है, किंतु आखिर उसका एवं बाघ को मारने की बात करने वाले सभी चरित्रों का हृदय परिवर्तन हो जाता है।
(Wild Life) फिल्म में बाघों के शिकारी गैंग के सरगना के रूप में भारत सरकार के गीत एवं नाटक विभाग में कलाकार रहे अनिल घिल्डियाल सहित एनएसडी स्नातक सुभाष चंद्रा, भारतेंदु नाट्य अकादमी से स्नातक मदन मेहरा, मनोज साह टोनी, जहूर आलम, धर्मवीर परमार, हरीश राणा, जितेंद्र बिष्ट, नवीन बेगाना, अनुपम उपाध्याय, मंजूर हुसैन, भुवन बिष्ट, विक्रम सयाल, चारु तिवारी, दीपक सहदेव, वन क्षेत्राधिकारी कैलाश सुयाल व बालक अंशुल सहित नगर के अनेक कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है।
(Wild Life) बाघ को संस्कृति, संस्कार व दैवीय आस्था से भी जोड़ती है फिल्म
नैनीताल। फिल्म मिशन टाइगर दर्शकों को यह संदेश देने की कोशिश करती है कि बाघों का संरक्षण वास्तव प्रकृति व पर्यावरण के साथ मानव का भी संरक्षण है। फिल्म याद दिलाती है कि बाघ देवी की सवारी भी हैं। जंगल में मुसीबत में फंसने पर यदि बाघ को याद किया जाए तो वह भयमुक्त करता है। वहीं यदि मनुष्य उसे छेड़ेगा, उसके क्षेत्र में दखलअंदाजी करेगा तो बाघ भी ऐसा ही करेगा।
(Wild Life) साथ ही फिल्म सरकारों को संदेश देती है कि यदि लोगों की आर्थिकी ठीक की जाए तो उन्हें बाघों के शिकार, उन्हें अपना दुश्मन समझने से विरत किया जा सकता है। नैनीताल व कालाढुंगी एवं जिम कार्बेट पार्क के सुंदर दृश्य दिखाते हुए फिल्म इन क्षेत्रों के पर्यटन को बढ़ाने का भी काम करती है।
(Wild Life) नैनीताल चिड़ियाघर की शान नर रॉयल बंगाल टाइगर शेरू की मौत, चिड़ियाघर प्रशासन ने 17 घंटे छिपाई मौत की खबर, 1 वर्ष पूर्व ही पिता बने बाघ की मृत्यु के लिए वृद्धावस्था को बताया कारण
देश के किसी चिड़ियाघर में बाघों के शावकों के जन्म की बड़ी घटना को भी छुपा गया था चिड़ियाघर प्रशासन
नवीन जोशी, नैनीताल। शेडय़ूल-1 यानी विलुप्त प्राय श्रेणी के नर रॉयल बंगाल टाइगर-शेरू की मौत रविवार (01.03.2015) शाम साढ़े पांच बजे हो गई थी, लेकिन चिड़ियाघर प्रशासन इस खबर को करीब 17 घंटे से अधिक समय तक छिपाए रहा। उसका कहना है कि वृद्धावस्था के कारण शेरू की मृत्यु हो गई। मृत शेरू की उम्र 15-16 वर्ष की बताई गई है। हालांकि डा. एलके सनवाल ने सोमवार को खुलासा किया कि पिछले वर्ष यानी जुलाई 2014 में ही इसके संसर्ग से चिड़ियाघर की मादा रॉयल बंगाल टाइगर-रानी ने एक स्वस्थ नर शिशु को जन्म दिया था।
(Wild Life) ऐसे में वृद्धावस्था से उसकी मौत सवालों के घेरे में है। डा. सनवाल के अनुसार बाघों की उम्र जंगल में रहने पर 8-9 वर्ष तथा चिड़ियाघर में रहने पर 15-16 वर्ष ही होती है। उनके अनुसार नर शिशु को जन्म देने वाली रानी ने नवजात शिशु को स्वीकार नहीं किया और अपना दूध नहीं पिलाया, जिस कारण जन्म के अगली सुबह शावक मृत पाया गया।
(Wild Life) चिड़ियाघर प्रशासन ने इस शावक के जन्म और उसके मरने की खबर भी मीडिया में नहीं आने दी, जबकि ‘राष्ट्रीय सहारा’ ने फरवरी 2014 में रानी के गर्भवती होने का समाचार प्रकाशित किया था,
(Wild Life) लेकिन बाद में जू प्रशासन ने रानी के स्वत: गर्भपात होने और उसके गर्भवती होने पर ही शंका जाहिर कर दी थी। उल्लेखनीय है कि 11 फरवरी 2009 को रामनगर के सर्पदुली रेंज के ढिकुली गांव की एक महिला भगवती देवी की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराने और नरभक्षी घोषित किये जाने के बाद शेरू को नैनीताल चिड़ियाघर लाया गया था।
(Wild Life) करीब सवा दो वर्ष चिड़ियाघर के वातावरण में समायोजित होने के बाद इसे 26 मई 2011 को चिड़ियाघर में आने वाले सैलानियों के दर्शनार्थ सार्वजनिक कर दिया गया था तथा नवम्बर 2011 को इसे सावल्दे रेंज में घायल अवस्था में मिली रानी के स्वस्थ होने पर सीधे संपर्क में लाकर नई संतति उत्पन्न करने का प्रयास किया गया था। उनके संसर्ग से जुलाई 2014 में नर शावक का जन्म भी हुआ,
(Wild Life) जो कि वनाधिकारियों के अनुसार देश के किसी भी चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर के जोड़े से शावक के जन्म होने का एक रिकार्ड था, लेकिन चिड़ियाघर प्रशासन इस घटना को दबा गया। अलबत्ता, सवाल उठना लाजिमी है कि पिछले वर्ष ही नई संतति उत्पन्न करने वाले रॉयल बंगाल टाइगर की मृत्यु का कारण उसका बुजुर्ग होना कैसे हो सकता है।