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November 22, 2024

लोक सभा चुनाव टिकटों पर बड़ा विष्लेषणः सभी सांसदों के टिकट भी काट सकती हैं भाजपा, तो जानें किन्हें मिल सकते हैं टिकट ?

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Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP

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डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 29 फरवरी 2024 (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों के लिए भाजपा ने दावेदारों का पैनल तैयार कर लिया है। राज्य के संसदीय बोर्ड की बैठक में चर्चा के बाद 55 नामों को शीर्ष नेतृत्व को भेजा गया है। यहां हम आपको सभी लोकसभा सीटों पर केंद्रीय नेतृत्व को भेजे गये नाम बतायेंगे, साथ ही किन्हें टिकट मिल सकता है, और किन्हें नहीं, इसकी भी जानकारी देंगे।

Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP उत्तराखंड लोकसभा सदस्य हिंदी | Uttarakhand Lok Sabha Members List | Hindi
उत्तराखंड लोकसभा सदस्य

केंद्रीय नेतृत्व को भेजे गये दावेदारों में सबसे अधिक 11 दावेदार टिहरी सीट पर हैं। जबकि सबसे कम पांच-पांच दावेदार हरिद्वार और अल्मोड़ा सीट पर हैं।
टिहरी: मौजूदा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, काबीना मंत्री सुबोध उनियाल, आदित्य कोठारी, नेहा जोशी, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, कुलदीप कुमार, लाखीराम जोशी, ज्योति प्रसाद गैरोला, मनवीर चौहान, रविंद्र जुगरान व कुंवर जपेंद्र सिंह।
पौड़ी गढ़वालः मौजूदा सांसद व पूर्व सीएम तीरथ रावत, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत, राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी, काबीना मंत्री डॉ. धन सिंह रावत व सतपाल महाराज, दीप्ति रावत, आशा नौटियाल व अजेंद्र अजय।

हरिद्वारः मौजूदा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद व यतींद्रानंद गिरी।
नैनीतालः मौजूदा सांसद अजय भट्ट, पूर्व सांसद बलराज पासी, पूर्व काबीना मंत्री अरविंद पांडे, पूर्व सीएम व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से संबंधित दीप कोश्यारी, दान सिंह रावत व पूर्व विधायक राजेश शुक्ला।
अल्मोड़ाः सांसद अजय टम्टा, काबीना मंत्री रेखा आर्या, गोपाल राम टम्टा, मीना गंगोला व सज्जन लाल टम्टा।

बलूनी को राज्य सभा में दोहराये न जाने के बाद बदले उत्तराखंड में टिकट के समीकरण (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)

नैनीताल। भाजपा ने अपने राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी को किस मंशा से राज्य सभा का दूसरी बार टिकट न देकर राज्य भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को राज्य सभा का सांसद बना दिया, यह तो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से बेहतर कोई नहीं बता सकता। लेकिन राजनीतिक विष्लेषकों की मानें तो इसका एक संकेत यह भी हो सकता है कि भाजपा राज्य सभा के बाद अपने सभी लोक सभा सांसदों के टिकट काट सकती है।

भाजपा की कार्यशैली का अगर विष्लेषण करें तो दिखता है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री जैसे बड़े पद से हटाने के बाद डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ हों या मुख्यमंत्री के पद के हटाये जाने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत, भाजपा ने अपेक्षाओं के बावजूद इन बड़े नेताओं को कोई छोटा पद भी नहीं दिया। अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा भी पिछली सरकार में कपड़ा राज्य मंत्री थे, उन्हें भी पद से हटने के बाद कोई पद नहीं मिला।

वैसे भी भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व जानता है कि आज के दौर में चाहे जो भी नेता हो वह अपने दम पर नहीं, बल्कि पार्टी के दम पर है। सभी सांसदों को हटाकर भाजपा अपनी भविष्य की राजनीति के हिसाब से उपयोगी साबित हो सकने वाले नेताओं को टिकट दे सकती है। इसका लाभ यह भी है और इससे पार्टी के निचले स्तर के कार्यकर्ताओं तक यह पार्टी के लिए अधिक ताकत व ईमानदारी से कार्य करने पर ईनाम मिलने और कार्य न करने पर पद से हटाये जाने का बड़ा संदेश भी जाता है। (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)

वैसे भी राज्य के एक-दो सांसदों को छोड़कर अन्य सभी सांसद अपने पद के लिहाज से कोई बड़ा कार्य कर पाये हों, ऐसा वह खुद भी दावा करने की स्थिति में नहीं हैं। उनकी भूमिका निचले दर्जे के नेताओं की तरह लोगों के दुःख-सुख में शामिल होने और बधाई देने तक सीमित रही है, और इसे ही अपना जनता से जुड़ाव व बड़ी उपलब्धि होने का भ्रम पाले बैठे हैं। (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)

बलूनी को टिकट मिला तो कई दावेदार हो सकते हैं टिकट की दौड़ से बाहर (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)

बलूनी का राज्य सभा से टिकट कटने के पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि उनके भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख रहते उनके ही क्षेत्र से आने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को देश की मीडिया में सबसे निकृष्ट मुख्यमंत्री बताया गया और वह कुछ नहीं कर पाये। (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)

दूसरे, यदि मीडिया की बलूनी को राज्य सभा की जगह लोकसभा का टिकट दिये जाने की चर्चाओं को सही मानें तो इस आधार पर लोक सभा के टिकट के बड़े दावेदार माने जा रहे कई नेता अपने आप इस आधार पर टिकट की दौड़ से बाहर हो जाते हैं कि वह बलूनी की ही लोकसभा पौड़ी के रहने वाले हैं। ऐसे नेताओं में पूर्व सीएम व सांसद तीरथ सिंह रावत, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत, काबीना मंत्री सतपाल महाराज व डॉ. धन सिंह रावत शामिल हैं। (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)

इसके अलावा बलूनी को टिकट मिला तो उनके ब्राह्मण होने के कारण हरिद्वार के सांसद निशंक का टिकट कट सकता है। क्योंकि वह भी ब्राह्मण हैं। यदि बलूनी के साथ निशंक को भी टिकट मिलता है तो नैनीताल के सांसद अजय भट्ट का भी टिकट कट सकता है, क्योंकि वह भी ब्राह्मण हैं और भाजपा प्रदेश की चार अनारक्षित सीटों पर दो ब्राह्मणों व दो क्षत्रियों को ही टिकट देती रही है। (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)

रानी, टम्टा व तीरथ के टिकटों पर पहले से संशय (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)

उत्तराखंड में लंबे समय से टिहरी की सांसद रानी माला राज्य लक्ष्मी, पौड़ी गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत व अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा को टिकट मिलने पर बहुत पहले से संशय की खबरें आ रही हैं। यदि रानी का टिकट कटता है तो उनकी जगह प्रदेश की महिला काबीना मंत्री रेखा आर्य को अजय टम्टा की जगह अल्मोड़ा से टिकट मिलने की कयासबाजी है, हालांकि वहां से मीना गंगोला के साथ राज्य की अन्य सीटों से ही महिला दावेदारों के नाम पैनल में केंद्रीय नेतृत्व को भेजे गये हैं। (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)

ऐसे में लगता है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व तमाम संभावनाओं से इतर टिकट वितरण में चौका सकता है। अधिक से अधिक 1 सांसद को बेहतर कार्य का ईनाम दर्शाते हुए टिकट दोहरा सकता है। जबकि अन्य सांसदों व दावेदारों को भविष्य में बेहतर कार्य करने की राह पर चलना होगा। (Big Analysis Lok Sabha Election Tickets for BJP)

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