नैनीताल में टैक्सी बाइकिंग का पूरा इतिहास सहित विस्तृत आलेख, जानें नैनीताल में किसने और कब की थी शुरुआत ?
Taxi Bike, A division bench of Uttarakhand High Court, comprising Chief Justice Vipin Sandhi and Justice Rakesh Thapliyal, has recently upheld the ban on taxis and taxi bikes in Nainital. The ruling prohibits both local and external taxis from operating within the city. This decision has caused a significant impact on the excessive number of taxis in Nainital. The High Court has dismissed a petition filed by Praveen Bisht and three other taxi drivers, seeking an exemption for local taxis. The ban on taxi bikes in Nainital has also been reinforced by the court’s verdict. Taxi biking in Nainital was initiated on 9th May 2008, following an initiative by the district administration to promote self-employment and boost city tourism. Nainital was the second city in India to introduce taxi biking, inspired by a similar concept in Goa.
गोवा में टैक्सी बाइक (Bike-Taxi) की शुरुआत करने वाला दूसरा शहर था नैनीताल
डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 5 दिसंबर 2024। नैनीताल में टैक्सी बाइक की शुरुआत 9 मई 2008 को हुई थी। तब नगर पर्यटन के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से गोवा की तर्ज पर बाइकों को टैक्सी पर चलाने की पहल की गई थी। क्योंकि इससे पहले देश में केवल गोवा में ही 1981 से बाइक टैक्सियां चला करती थीं। इस तरह नैनीताल देश में टैक्सी बाइक की पहल करने वाला दूसरा स्थान था। इसके बाद 2015 में हरियाणा, 2016 में मिजोरम व पश्चिम बंगाल, 2017 में राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के 4 जिलों-गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़ और बुलंदशहर में और 2020 में मेघालय व 2021 में कर्नाटक ने बाइक टैक्सी के लिए नियम बनाकर शुरुआत हुई।
विशिष्ट कार्यक्रम में मंडलायुक्त ने हरी झंडी दिखाकर की थी Bike-Taxi शुरुआत
नैनीताल में टैक्सी बाइक की शुरुआत 9 मई 2008 को एक विशिष्ट कार्यक्रम के साथ हुई थी। बकायदा तत्कालीन कुमाऊं मंडल के आयुक्त एस राजू ने डीएम अमित नेगी की उपस्थिति में टैक्सी बाइक का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया था। पहली बाइक टैक्सी पर तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष यानी नगर के प्रथम नागरिक मुकेश जोशी सवारी के रूप में सवार हुए थे। और पहली बाइक टैक्सी को नगर के चिड़ियाघर रोड निवासी नरेश बिष्ट चला रहे थे।
अलबत्ता नैनीताल में प्रशासन के अनेक प्रयासों के बावजूद केवल दो नवयुवक बमुश्किल टैक्सी बाइक चलाने को आगे आए थे, जबकि इनमें से भी केवल एक-चिड़ियाघर रोड निवासी नरेश बिष्ट ने प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत करीब 75 हजार रुपए का ऋण लेकर टैक्सी बाइक चलाने की शुरुआत की थी।
नरेश बताते हैं उन्होंने अकेले करीब 7-8 वर्षों तक यानी वर्ष 2015-16 तक बाइक टैक्सी चलाए। गर्मी-सर्दी बरसात में अकेले लगातार बाइक चलाते नरेश पर यात्रियों का काफी दबाव भी था। ऐसे में वह सोचते भी थे कि कोई अन्य टैक्सी बाइकर भी आए, जिससे उनका बोझ कुछ कम हो, लेकिन कोई आगे नहीं आया। बमुश्किल महेश नाम के एक अन्य युवक ने खुद चलाने की जगह किराये में देकर टैक्सी बाइक चलाने की पहल की। ऐसे में अपनी शारीरिक परेशानियों से थक-हार कर नरेश ने अपनी टैक्सी बाइक का संचालन करना बंद कर दिया।
अति होने से सुविधा के साथ असुविधा होने लगी
इसके बाद ही नगर में टैक्सी बाइक के कारोबार ने न जाने कैसे अचानक ऐसा गियर बदला कि इससे अनेक लोगों को रोजगार के साथ नगरवासियों व सैलानियों का सुविधा भी मिलने लगी। लेकिन इधर कोरोना काल के बाद नगर में टैक्सी बाइकों की ऐसी बाढ़ आ गई कि इनसे सुविधा के साथ असुविधा भी होने लगी। हर जगह सड़कों में बाइक टैक्सियों की भरमार से आम दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की समस्या के साथ ही तल्लीताल में हल्द्वानी रोड के समानांतर चलने वाली संकरी गली जैसे कई स्थानों पर लोगों का पैदल गुजरना मुश्किल हो गया।
मल्लीताल स्टेट बैंक व तल्तीताल बोट स्टेंड के पास भी यह समस्या बन गए। नगर में पार्किंग की कमी के बीच मॉल रोड सहित अन्य स्थानों पर भी अत्यधिक संख्या में खड़ी होने वाली बाइक टैक्सी भी आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी करती हैं। ऐसे में पुलिस कई बार इनके खिलाफ कार्रवाई भी कर चुकी है। एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में नगर में करीब 100 लोग खुद टैक्सी बाइक चलाते हैं, जबकि किराए पर मिलने वाली टैक्सी बाइकों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। लोग निजी प्राइवेट बाइक-स्कूटी आदि को भी किराये पर दे रहे हैं।
इस कारण लगा टैक्सी बाइकों (Bike Taxi) पर प्रतिबंध
नैनीताल नगर में बेतहाशा संख्या में टैक्सी बाइकें तो चल रही थीं, लेकिन टैक्सियों की तर्ज पर 2017 से टैक्सी बाइकों के परमिट में भी उनके नैनीताल में प्रतिबंधित रहने की बात लिखी जा रही थी। इधर पर्यटन सीजन के दौरान नैनीताल प्रशासन ने ऐसी टैक्सी बाइकों के खिलाफ भारी जुर्माना लगाने की कार्रवाई की और कई को सीज भी दिया।
इसके खिलाफ टैक्सी बाइक का व्यवसाय करने वाले प्रवीण कुमार, ललित, निखिल व पीयूष साह आदि ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने टैक्सी बाइक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ली है। नैनीताल में अन्य शहरों और अन्य राज्यों की टैक्सियां चल सकती हैं लेकिन शहर के लोगों को अनुमति नहीं है। इसलिए टैक्सी बाइकों पर लगे प्रतिबंध को खत्म किया जाए लेकिन उच्च न्यायालय से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
नैनीताल नगर में बेतहाशा संख्या में टैक्सी बाइकें तो चल रही थीं, लेकिन टैक्सियों की तर्ज पर 2017 से टैक्सी बाइकों के परमिट में भी उनके नैनीताल में प्रतिबंधित रहने की बात लिखी जा रही थी। इधर पर्यटन सीजन के दौरान नैनीताल प्रशासन ने ऐसी टैक्सी बाइकों के खिलाफ भारी जुर्माना लगाने की कार्रवाई की और कई को सीज भी दिया।
इसके खिलाफ टैक्सी बाइक का व्यवसाय करने वाले प्रवीण कुमार, ललित, निखिल व पीयूष साह आदि ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने टैक्सी बाइक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ली है। नैनीताल में अन्य शहरों और अन्य राज्यों की टैक्सियां चल सकती हैं लेकिन शहर के लोगों को अनुमति नहीं है। इसलिए टैक्सी बाइकों पर लगे प्रतिबंध को खत्म किया जाए लेकिन उच्च न्यायालय से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
सर्वोच्च न्यायालय ने भी बताया है (Bike Taxi) अवैध
सर्वोच्च न्यायालय ने भी जून 2023 में बाइक टैक्सी के संचालन को एमवी एक्ट यानी मोटर यान अधिनियम के आधार पर अवैध करार दिया है। इसके पहले दिल्ली सरकार ने भी फरवरी 2023 में ओला-उबर और रैपिडो जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों की बाइक सर्विस पर रोक लगा दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि यह एमवी एक्ट का उल्लंघन है। वहीं निजी नंबर की बाइकों के टैक्सी के रूप में संचालन पर कहा था कि यह पूरी तरह से व्यवसायिक कार्य है और प्राइवेट नंबर की बाइक का कमर्शियल इस्तेमाल करना मोटर व्हीकल एक्ट 1988 का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि देश में मोटर बाइक टैक्सी के साथ ही निजी वाहनों का प्रयोग होम डिलीवरी के रूप में भी बहुतायत में किया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी इस पर भी आई थी। बताया गया है कि देश भर में 10 लाख से ज्यादा पंजीकृत बाइक टैक्सी चालक हैं जबकि भोजन और ई-कॉमर्स डिलीवरी में लगी बाइकों को शामिल करें तो यह संख्या 1 करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है। गौरतलब है कि डिलीवरी का कार्य माल ढुलाई की श्रेणी में आता है और व्यवसायिक वाहनों से ही किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि आजादी के पहले अंग्रेजों ने मोटर व्हीकल एक्ट 1939 बनाया था जिसे 1988 में भारत सरकार ने पारित किया। 2019 में इस एक्ट में कई बड़े संशोधन किए गए। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दो पहिया वाहनों के व्यवसायिक वाहनों के रूप में पंजीकरण की अनुमति दे दी है।
भारत में इतना बड़ा है टैक्सी बाइक (Bike Taxi) का कारोबार
स्काई क्वेस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 में दुनियाभर में बाइक टैक्सी का कारोबार 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का था और उम्मीद जताई गई थी कि 2028 तक यह बढ़कर 1 लाख 75 हजार करोड़ रुपए का हो जाएगा। वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार भारत के मोटरबाइक टैक्सी बाजार का मूल्य 2021 में लगभग 416.37 करोड़ रुपये का था।
गौरतलब है कि भारत में 2015 के बाद से देश में बाइक टैक्सी सेवा देने वाले स्टार्टअप्स की शुरुआत हुई। 2017 तक 40 कंपनियां इस क्षेत्र में उतर चुकी थीं। ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट का दावा है कि बाइक टैक्सी का मार्केट 33 हजार करोड़ से ज्यादा का राजस्व पैदा कर सकता है और 20 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकता है। इतना बड़ा बाजार है मगर इसको लेकर नियम अब तक स्पष्ट नहीं हैं।
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