नवीन समाचार, नैनीताल, 16 जनवरी 2024। उत्तराखंड सरकार को प्रदेश के बहुचर्चित उद्यान घोटाले की जांच सीबीआई (CBI) से करवाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गयी पुर्नविचार याचिका पर मुंह की खानी पड़ी है। सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की पुर्नविचार याचिका को खारिज कर दिया है।
विदित हो कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष 26 नवंबर 2023 को करोड़ों रुपयों के उद्यान घोटाले की जांच सीबीआई (CBI) से करवाने के आदेश दिए थे। इस आदेश पर सीबीआई ने अपनी जांच शुरू भी कर दी थी।
डेढ़ महीने से अधिक समय तक चली जांच में कई बड़े नाम आने के बाद सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इसके बाद प्रदेश के उद्यान घोटाले की जांच एक बार सीबीआई (CBI) द्वारा शुरू करने की उम्मीद की जा रही है।
आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से, हमारे टेलीग्राम पेज से, कू से, कुटुंब एप से, डेलीहंट से, एक्स से, यूट्यूब से और हमारे फेसबुक ग्रुप से जुड़ें। हमारे माध्यम से अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..।
यह भी पढ़ें : CBI : जिम कॉर्बेट पार्क में कटे 6000 पेड़, हाईकोर्ट ने दिये सीबीआई जांच के आदेश
नवीन समाचार, नैनीताल, 6 सितंबर 2023 (CBI)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने बुधवार को जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हो रहे अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान के खिलाफ दायर देहरादून निवासी अनु पंत की और स्वतः संज्ञान लेकर ली गयी दो जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की और बड़ा आदेश सुनाते हुए मामले की जांच सीबीआई को सोंप दी है।
माना जा रहा है कि उच्च न्यायालय का यह आदेश पहले से विजीलेंस की जांचें झेल रहे प्रदेश के पूर्व वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के लिए नई मुसीबत खड़ी कर सकता है।
बुधवार को हुई सुनवाई में खंडपीठ ने राज्य की अन्य जांच एजेंसियों से सीबीएआई का जांच में सहयोग करने को भी कहा है। पीठ ने आदेश की एक प्रति सीबीआई के निदेशक को शीघ्र भेजने के निर्देश भी दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि जिम कॉर्बेट पार्क में अभी तक 6000 पेड़ काटे जा चुके हैं। साथ ही वहां अधिकारियों की शह पर अवैध निर्माण भी हो रहे हैं। पेड़ काटने के मामले की अभी तक पांच जांच हो चुकी हैं।
न्यायालय ने एक साल पहले पेड़ों के अवैध कटान के बारे में मुख्य सचिव को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। इस पर मुख्य सचिव ने अपने शपथ पत्र में की जा रही कार्रवाई से समय-समय पर उच्च न्यायालय को अवगत कराने की बात कही थी।
परंतु एक वर्ष बीत जाने के बावजूद भी उनके द्वारा किसी भी तथ्य के बारे में न्यायालय को अवगत नहीं कराया गया और दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में विभागाध्यक्ष द्वारा गठित जोशी कमेटी ने कई अफसरों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था, बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो यहां क्लिक कर हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से, यहां क्लिक कर हमारे टेलीग्राम पेज से और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें। हमारे माध्यम से अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : शराब कारोबारियों ने यूपीसीएल के खाते से 10.13 करोड़ रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए, सीबीआई (CBI) ने किया मामला दर्ज…
नवीन समाचार, देहरादून 10 फरवरी 2023। देहरादून के शराब कारोबारियों ने यूपीसीएल यानी उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के खाते से 10।13 करोड़ रुपये बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।
इस मामले में सीबीआई (CBI) ने दून के शराब कारोबारी और उसके तीन पार्टनरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीबीआई ने कारोबारियों के ठिकानों पर छापे भी मारे, जहां से कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। यह भी पढ़ें : देवभूमि कलंकित: 69 व 80 वर्षीय दो बुजुर्ग महिलाओं के साथ आधी-तिहाई उम्र के युवाओं ने किया दुष्कर्म
सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार यह मामला पंजाब नेशनल बैंक की गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार शाखा से जुड़ा है। शाखा प्रबंधक विकास कुमार ने इस मामले में शिकायत कर कहा है कि रामसागर जायसवाल निवासी नेहरू कॉलोनी देहरादून की रेसकोर्स में द लिकर शॉप के नाम से शराब की दुकान है। इसका करंट अकाउंट उनकी शाखा में चल रहा है।
12 मार्च 2021 को उनके खाते में यूपीसीएल के पीएनबी की भेल शाखा में चल रहे करंट अकाउंट से 10।13 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। यह भी पढ़ें : रंग में भंग: शादी में डीजे पर नाचते हुए युवक को लगी गोली….
इस बात का बैंक अधिकारियों को पता चला तो इसकी जांच कराई गई। पता चला कि यह पैसा बैंक के कर्मचारियों मोहित कुमार और मनीष शर्मा की मदद से ट्रांसफर किया गया है। बैंक ने रिकवरी शुरू की तो कुल 3।65 करोड़ रुपये ही रिकवर किए जा सके। लेकिन, अब भी जायसवाल के पास 6।66 करोड़ रुपये बकाया हैं। इस मामले में सीबीआई ने प्राथमिक जांच की और मुदकमा दर्ज कर लिया। यह भी पढ़ें : कुमाऊं मंडल में निकले़ बड़े पियक्कड़, नैनीताल वाले तो सबसे बड़े पियक्कड़..
मुकदमे में रामसागर जायसवाल के अलावा अनिता जायसवाल निवासी नेहरू कॉलोनी, राजकुमार जायसवाल निवासी उमापुर, बाराबंकी उत्तर प्रदेश और कुलदीप निवासी गोवर्द्धनपुर, लक्सर हरिद्वार को नामजद किया गया है। सीबीआई ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम अज्ञात में लिखे हैं। सीबीआई के अनुसार जांच के बाद इन अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम को भी उजागर किया जाएगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आज एक और मामले में सीबीआई (CBI) जांच की मांग नकारी…
नवीन समाचार, नैनीताल, 21 दिसंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघवी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने रामनगर में गोमती पूरन प्रसाद (जीपीपी) आर्य कन्या इंटर कॉलेज में नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली को लेकर एकलपीठ द्वारा दिये गए सीबीआई (CBI) जाँच के आदेश को निरस्त करते हुए विशेष अपील को भी निस्तारित कर दिया है।
साथ ही याचिका को गुणदोष के आधार पर सुनवाई के लिये एकलपीठ को भेज दिया है। एकलपीठ में अब इस मामले की सुनवाई 1 जनवरी को होगी। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड ब्रेकिंग : 13 आईएएस अधिकारियों को नए वर्ष से पहले मिला पदोन्नति का तोहफा…
उल्लेखनीय है कि रामनगर निवासी अंजू अग्रवाल ने 2018 में एक याचिका दायर कर कहा था कि 23 मई 2014 को जीपीपीआर्य कन्या इंटर कॉलेज में शिक्षक और लिपिक वर्गीय नौ पदों के लिए विज्ञप्ति जारी हुई। पांच सितंबर को चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई। याचिकाकर्ता के अनुसार उसने सहायक लिपिक पद के लिए आवेदन किया था। यह भी पढ़ें : अंकिता हत्याकांड: शराब के नशे में गले लगाने वाले ग्राहक ने खोली पुलकित व वनंतरा रिजॉर्ट की कलई
विज्ञप्ति की शर्त के अनुसार सहायक लिपिक पद के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान से कंप्यूटर टाइपिंग का प्रमाण पत्र होना जरूरी था। मगर चयन कमेटी द्वारा जिस नेहा शर्मा का चयन किया, उसके पास कंप्यूटर प्रमाण पत्र नहीं था। इसी नियुक्ति को याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई जिसमें एकलपीठ ने सीबीआई जाँच के आदेश दिए थे। आज खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग को नकार दिया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : अंकिता हत्याकांड में उच्च न्यायालय ने सीबीआई (CBI) जांच की मांग करने वाली याचिका की खारिज
नवीन समाचार, नैनीताल, 21 दिसंबर 2022। उत्तराखंड के ऋषिकेश के पास पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर इलाके में स्थित बहुचर्चित वनंतरा रिजॉर्ट की 19-वर्षीया रिसेप्सनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या के मामले की सीबीआई (CBI) जांच कराने की मांग करने वाली याचिका पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय का बहुप्रतीक्षित आदेश आ गया है। उच्च न्यायालय ने मामले की सीबीआई जांच को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। यह भी पढ़ें : अंकिता हत्याकांड: शराब के नशे में गले लगाने वाले ग्राहक ने खोली पुलकित व वनंतरा रिजॉर्ट की
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि एसआइटी मामले की सही जांच कर रही है। उसकी जांच में संदेह नहीं किया जा सकता। इसलिए मामले की सीबीआई से जांच कराने की आवश्यकता नहीं है। यह भी कहा है कि एसआइटी द्वारा किसी वीआइपी को नहीं बचाया जा रहा है, इसलिए याचिका निरस्त की जाती है। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमणकारियों को एक सप्ताह में नोटिस देकर
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने मामले में पौड़ी गढ़वाल निवासी आशुतोष नेगी द्वारा सीबीआई की जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था। इस पर आज बुधवार को निर्णय सुना दिया है। यह भी पढ़ें : ऐसे भी हालात : एक माह की दुधमुंही बच्ची को एक पर्ची लिखकर छोड़कर बेबस मां…
विदित हो कि इससे पूर्व न्यायालय ने मामले में मृतका अंकिता भंडारी के माता-पिता को पक्षकार बनाते हुए उनसे पूछा था कि उन्हें एसआइटी की जांच पर क्यों संदेह हो रहा है। जबकि एसआइटी ने अपना जवाब में बताया था कि अधिकारी से पूछा था कि रिसॉर्ट के कमरे को बुलडोजर से ध्वस्त करने से पहले सारी फोटोग्राफी की गई। मृतका के कमरे से एक बैग के अलावा कुछ नहीं मिला। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार : आज लालकुआं रेलवे स्टेशन पर सीबीआई (CBI) की छापेमारी से मचा रहा हड़कंप, रेलवे का अधिकारी 7 हजार की रिश्वत लेते धरा गया…
नवीन समाचार, लालकुआं 8 दिसंबर 2022। उत्तराखंड के लालकुआं रेलवे स्टेशन में गुरुवार को सीबीआई (CBI) यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो ने वणिज्य विभाग के अधीक्षक को एक्सप्रेस ट्रेन में माल बुकिंग के ऐवज में सात हजार रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपित को सीबीआई देहरादून लेकर चली गई है। बताया गया है कि शुक्रवार को उसे सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआई की इस छापेमार कारवाई से क्षेत्र में हडकंप मचा रहा। यह भी पढ़ें : काबीना मंत्री के निजी सचिव व विभागाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज…
सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता राजेश पासवान निवासी बरेली ने बुधवार 7 दिसंबर को ने सीबीआई के मेल पर शिकायत भेजी थी कि आरोपित वाणिज्य अधीक्षक राजेंद्र तोमर अक्सर रिश्वत की मांग करता है। इधर हावड़ा ट्रेन में माल बुकिंग की एवज में वाणिज्य अधीक्षक ने 7000 की रिश्वत की मांग की है। शिकायतकर्ता ने रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग भी अपने पास रखी थी। यह भी पढ़ें : दिल्ली चुनाव में उत्तराखंड भाजपा कितनी पास-कितनी फेल, उत्तराखंडियों ने किसे दिया वोट
इस शिकायत पर सीबीआई ने तत्काल ही आज यानी शिकायत के अगले दिन ही सीबीआई इस्पेक्टर देहरादून सुनील कुमार लखेड़ा के नेतृत्व में योजना के तहत वणिज्य विभाग के वाणिज्य अधीक्षक तोमर को शिकायतकर्ता से सात हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा।
उसके कार्यालय में तलाशी के दौरान 7 हजार रुपये नगद तथा कागजात बरामद हुऐ जिन्हें सीबीआई की टीम अपने साथ ले गई। शाम तक चली इस कार्रवाई में आधा दर्जन से अधिक सीबीआई के लोग शामिल रहे। आरोपित के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपने ही रजिस्ट्री कार्यालय के खिलाफ सीबीआई से जांच कराने के दिए आदेश
नवीन समाचार, नैनीताल, 14 नवंबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के एक फर्जी आदेश के जरिये दिल्ली की अदालत में लाभ लेने की कोशिश किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपने ही रजिस्ट्री कार्यालय के खिलाफ सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए हैं। यह भी पढ़ें : नैनीताल Breaking : देर शाम महिला पर गुलदार ने किया हमला, सिर से दबोचा, गंभीर अवस्था में रेफर, सांसद ने दिए डीएम को निर्देश
मामला दिल्ली की अंगेलिया हाऊसिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के देहरादून में स्थित करोड़ों मूल्य की भूमि से जुड़ा हुआ है। बताया गया है कि उच्च न्यायालय में अंगेलिया कंपनी की इस जमीन के प्रकरण को लेकर साल 2004 में एक मामला विचाराधीन था। वर्ष 2013 में प्रकाश में आया कि मामले को लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय के एक फर्जी आदेश के जरिये कुछ लोगों ने दिल्ली की अदालत में लाभ लेने की कोशिश की। यह भी पढ़ें : शिक्षा विभाग के आधिकारिक उद्घोषक नियुक्त
कंपनी के निदेशक संतोष बागला को जब इसका पता चला तो उन्होंने इस मामले की जानकारी एक पत्र के माध्यम से 2013 में न्यायालय के रजिस्ट्रार कार्यालय के माध्यम से उत्तराखंड उच्च न्यायालय को दी। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश वारिन घोष ने इस मामले में आंतरिक जांच के साथ ही तत्कालीन रजिस्ट्रार को पुलिस में अभियोग पंजीकृत करने के निर्देश दिए। नैनीताल के मल्लीताल स्थित कोतवाली में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया। चूंकि मामला दिल्ली से जुड़ा था इसलिए पूरे प्रकरण को दिल्ली पुलिस को भेज दिया गया। यह भी पढ़ें : सबक लेने को तैयार नहीं लड़कियां, मेरठ के लड़के से शादी के लिए हल्द्वानी पहुंची बागेश्वर की लड़की, मानने को तैयार नहीं…
लेकिन, दिल्ली पुलिस तब तक इस मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा चुकी थी, लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने मामले का संज्ञान लेते हुए इसको आपराधिक वाद में तब्दील कर दिया और 2013 में उच्च न्यायालय में इस मामले में आपराधिक याचिका दायर कर ली। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की पीठ में हुई। यह भी पढ़ें : नैनीताल के 70 वर्षीय बुजुर्ग ने 1600 फिट की ऊंचाई कूदने का किया कारनामा….
इसी बीच अंगेलिया हाऊसिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक संतोष बागला ने प्रार्थना पत्र देकर अदालत से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की। अदालत ने मामले में इसी साल अप्रैल माह में फैसला सुरक्षित रख लिया था। अंगेलिया कंपनी के अधिवक्ता आरपी नौटियाल और प्रशांत खन्ना ने बताया कि अदालत ने फैसला देतेे हुए अपनी ही रजिस्ट्री के खिलाफ सीबीआई जांच के निर्देश दिये हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।