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November 22, 2024

हाईकोर्ट ने दिए रेलवे की भूमि से अवैध कब्जे हटाने के आदेश, करीब 4000 अतिक्रमणकारी हटाए जाएंगे

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encroachment on Railway land, High court orders to remove illegal encroachment from railway land, about 4000 encroachers will be removed, High Court ne die railway kee bhoomi se avaidh kabje hataane ke aadesh, kareeb 4000 atikramanakaaree hatae jaenge

नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मई 2023। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने नैनीताल जिले के लालकुआं की नगीना में रेलवे की भूमि के अतिकमणकारियों की याचिका को निरस्त करते हुए रेलवे को अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिये है। खंडपीठ के आदेश के बाद रेलवे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर सकता है। इससे यहां अतिक्रमण करने वाले करीब चार हजार लोगों के प्रभावित होन की संभावना है। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में बड़ा हाई प्रोफाइल दहेज-तलाक संबंधी मामला, विवाहिता के अपने आरोप, पर विवाहिता पर 100 करोड़ रुपए व विधानसभा की सीट मांगने के बड़े आरोप..

गौरतलब है कि नगीना लालकुआं निवासी आंचल कुमार व चार अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि रेलवे ने तीन मई को उन्हें नोटिस देकर 18 मई तक अवैध कब्जा हटाने का नोटिस दिया है। यह नियमविरुद्ध है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाय। यह भी पढ़ें : ‘सा…कु…’ ऐसे शब्दों ने ले ली आंटी की बेहद वीभत्स तरीके से जान, हल्द्वानी के चर्चित मामले का सनसनीखेज खुलासा

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान रेलवे के अधिवक्ता राजीव शर्मा ने पीठ को अवगत कराया कि 2018 में राज्य सरकार व रेलवे ने इस भूमि की एक साथ जांच शुरू की थी। तक जांच में 84 अवैध अतिक्रमण पाए गए थे। इसके बाद रेलवे ने कई बार और जांचें कीं। यह भी पढ़ें : युवती का शव मिलने से सनसनी..

वर्तमान में यहां करीब 4000 लोग रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण कर टिन शेड बनाकर रह रहे हैं। इनको हटाने के लिए रेलवे ने 10 दिन का समय दिया है। रेलवे की ओर से यह भी कहा गया है कि लालकुआं रेलवे स्टेशन का अमृत भारत योजना के तहत आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण होना है, इसलिए अतिक्रमण को हटाना आवश्यक है। लिहाजा अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए जिला प्रशासन से पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराने का पत्र दिया है, लेकिन जिला प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

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