उत्तराखंड में वन भूमि से मजारें व मस्जिद तोड़े जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका, जानें क्या हुआ…
नवीन समाचार, नैनीताल, 26 मई 2023। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने राज्य की वन भूमि में मजार व मस्जिदों आदि के धार्मिक अतिक्रमण को तोड़े जाने पर आपत्ति जताने वाली याचिका पर सुनवाई की और सभी पक्षो को सुनने के बाद कोई राहत न देते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार: नैनीताल के पंजीकृत व गैर पंजीकृत होटलों की सूची तलब, टैक्सियों का किराया सार्वजनिक होगा, बिन पहचान पत्र नहीं कर सकेंगे पर्यटन कारोबार
मामले के अनुसार नैनीताल जनपद निवासी तफ्फजुल हुसैन अंसारी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार अतिक्रमण के नाम पर वक्फ सम्पत्ति का सर्वे किए बिना ही उन्हें तोड़ रही है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2009 में वक्फ संपत्तियों का सर्वे कर नियमावली बनाने के निर्देश दिए थे। यह भी पढ़ें : दुःखद समाचार: उजड़ गया भाई-बहन का परिवार, 3 बच्चों सहित 5 की मौत
यह भी कहा कि उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने वर्ष 2016 में नियमावली बनाई, लेकिन सरकार अपनी ही नियमावली का उल्लंघन कर रही है। राज्य में वक्फ सम्पत्ति का सर्वे अभी तक नहीं हुआ है और सरकार ने एक हजार से अधिक मजार व मस्जिदें तोड़ दी हैं। यह भी पढ़ें : सुसाइड नोट लेकर नदी में कूदा युवक, मौत…
इसलिए इस अभियान पर पर रोक लगाई जाए और सरकार को वक्फ सम्पत्तियों के सर्वे करने और अब तक तोड़ी गई मजारों को पुनः स्थापित करने के लिए निर्देशित करने की मांग की गई है। न्यायालय ने वक्फ बोर्ड, राज्य सरकार और याची को सुनने के बाद जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।