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November 7, 2024

संत बनने के बाद भी नहीं कट रहे डॉन के पाप ? संतों के साथ सरकार भी पीछे पड़ी…

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नवीन समाचार, अल्मोड़ा, 9 सितंबर 2024 (Don Prakash Pandey-PP became Saint in Problem)  । जेल सुधार के लिए होती है, और सुधरने का हक सबको होता है। लेकिन समाज इसे आसानी से स्वीकार नहीं करता। अल्मोड़ा जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर और अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी पांडे को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का संत बनाने के मामले की जांच के लिए संतों की एक टीम अल्मोड़ा जाएगी। यह निर्णय उत्तर प्रदेश के नगीना में हुई जांच समिति के सदस्यों की बैठक में लिया गया। रिपोर्ट मिलने के बाद अखाड़ा इस मामले में अपना अंतिम निर्णय लेगा।

पीपी के इतिहास की भी होगी जांच

images 12प्रकाश पांडे, जो कभी छोटा राजन का दाहिना हाथ माना जाता था, इन दिनों अल्मोड़ा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।पिछले साल अगस्त में पौड़ी जेल से पीपी पांडे को हरिद्वार जिला जेल शिफ्ट किया गया था, लेकिन हाल ही में उसे अल्मोड़ा जेल में स्थानांतरित किया गया था। हाल ही में यह मामला सामने आया कि पीपी को अल्मोड़ा जेल में जूना अखाड़े के संतों द्वारा संन्यास दीक्षा दी गई है और उसे कुछ मठों का उत्तराधिकारी भी बनाया जा सकता है।

अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने इस मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति की यूपी के नगीना में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि एक टीम पहले अल्मोड़ा जाकर पूरे प्रकरण की गहराई से जांच करेगी। समिति पीपी पांडे के संत बनने के पीछे के उद्देश्य और प्रक्रिया की जांच करेगी, साथ ही उसके आपराधिक इतिहास की भी पड़ताल की जाएगी।

जांच समिति में ये सदस्य शामिल

जूना अखाड़ा की जांच समिति में राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत केदारपुरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरी, राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, अल्मोड़ा जूना अखाड़े के श्रीमहंत शंकर गिरी, श्रीमहंत पुष्कर राजगिरी, और श्रीमहंत निरंजन गिरी को शामिल किया गया है।श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि यदि जांच में कोई गलत कार्य या संलिप्तता पाई गई, तो दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी। तीन महीने के भीतर समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।

सरकार भी कर रही है जांच (Don Prakash Pandey-PP became Saint in Problem) 

इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने भी जेल में दीक्षा के प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने अपर महानिरीक्षक, कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग यशवंत चौहान को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। (Don Prakash Pandey-PP became Saint in Problem) 

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