डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 22 जून 2022। व्यवसायियों के ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन के दौरान न शुरू किए जाने के अनुरोध के बाद अब मुख्यालय में मल्लीताल रामलीला स्टेज में सौंदर्यीकरण के कार्य शुरू होने जा रहे हैं। इस कार्य हेतु बुधवार को एसडीएम प्रतीक जैन ने नगर पालिका के ईओ अशोक […]
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हर्षोल्लास से मनाई गई बाबा साहेब की जयंती
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 14 अप्रैल 2022। संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 131वीं जयंती गुरुवार को देश-प्रदेश के साथ जिला व मंडल मुख्यालय में भी हर्षोल्लास से मनाई गई। इस अवसर पर यहां राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के लोगों ने बाबा साहेब की तल्लीताल दर्शन घर पार्क स्थित विशाल […]
नागेशं दारूका वने… ज्योर्तिलिंग जागेश्वर : यहीं से शुरू हुई थी शिवलिंग की पूजा, यहाँ होते हैं शिव के बाल स्वरुप की पूजा
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल। देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण में देवत्व की बात कही जाती है। प्रदेश के अनेक धर्म स्थलों में एक भगवान शिव के प्रथम ज्योर्तिलिंग जागेश्वर के बारे में स्कंद पुराण के मानसखंड में कहा गया है-‘मा वैद्यनाथ मनुषा व्रजंतु, काशीपुरी शंकर बल्ल्भावां। मायानगयां मनुजा न यान्तु, जागीश्वराख्यं तू हरं […]
साफ-सफाई का सन्देश देता ‘खतडु़वा’ आया, सर्दियां लाया
-विज्ञान व आधुनिक बौद्धिकता की कसौटी पर भी खरा उतरता है यह लोक पर्व, साफ-सफाई, पशुओं व परिवेश को बरसात के जल जनित रोगों के संक्रमण से मुक्त करने का भी देता है संदेश डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 17 सितंबर 2021। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों, खासकर कुमाऊं अंचल में चौमांस-चार्तुमास यानी बरसात के […]
ऐपण : उत्तराखण्ड की लोक चित्रकला
प्रमोद प्रसाद, इतिहास विद्यार्थी, नैनीताल। ऐपण या अल्पना एक लोक चित्रकला है। जिसका कुमाऊँ के घरों में एक विशेष स्थान है। ये उत्तराखण्ड की एक परम्परागत लोक चित्रकला है। यह चित्रकला उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र से सम्बन्धित है। ऐपण शब्द संस्कृत के शब्द अर्पण से व्युत्पादित है। ऐपण का वास्तविक अर्थ है लिखायी या […]
चंद राजाओं की विरासत है कुमाऊं का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य
नवीन जोशी, नैनीताल। आधुनिक भौतिकवादी युग के मानव जीवन में सैकड़ों-हजारों वर्ष पुरानी कम ही सांस्कृतिक परंपराएं शेष रह पाई हैं। इन्हीं में एक आज कुमाऊं ही नहीं उत्तराखंड राज्य की सांस्कृतिक पहचान बन चुका प्रसिद्ध छल या छलिया और हिन्दी में छोलिया कहा जाने वाला लोकनृत्य है, जो कि मूलतः युद्ध का नृत्य बताया जाता है। […]
प्रसिद्ध वैष्णो देवी शक्तिपीठ सदृश रामायण-महाभारतकालीन द्रोणगिरि वैष्णवी शक्तिपीठ दूनागिरि
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 अक्टूबर 2021। हिमालय की गोद में बसे आध्यात्मिक महिमा से मंडित और नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर दूनागिरि शक्तिपीठ का अपार महात्म्य है। आइए आज हम आपको इस शक्तिपीठ के दर्शनों को लिए चलते हैं। दूनागिरि पहुंचने के लिए अल्मोड़ा से 65 किमी, रानीखेत से 38 किमी […]