December 25, 2025

रजत जयंती पर नैनीताल में आंदोलनकारियों का सम्मान, नैनी झील में दीपदान-नौका परेड, हिमालयन फूड फेस्टिवल और विचार गोष्ठी

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नवीन समाचार, नैनीताल, 9 नवंबर 2025 (On the occasion of Silver Jubilee of Uttarakhand)। उत्तराखंड राज्य की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर नैनीताल के ऐतिहासिक फ्लैट मैदान में भव्य “रजत जयंती समारोह” हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुमाऊँ मंडलायुक्त दीपक रावत, नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल एवं राज्य आंदोलनकारियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। समारोह में राज्य आंदोलनकारियों, समाजसेवियों एवं विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले महानुभावों को सम्मानित किया गया।

d6e642552ffeb345c7053eaaa4efcb02 1270146254कुमाऊँ मंडलायुक्त दीपक रावत ने कहा कि यह राज्यवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि उत्तराखण्ड ने 25 वर्षों की यात्रा में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, उद्योग और सुशासन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण में अनेक आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिनके बलिदान से आज यह पर्व संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य में आधारभूत संरचना में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। लिपुलेख तक सड़क मार्ग का विस्तार, पिथौरागढ़ में हवाई सेवा, अल्मोड़ा में चिकित्सा महाविद्यालय का संचालन हो रहा है, जबकि जमरानी बांध परियोजना निर्माणाधीन है। देखें संबंधित वीडिओ :

उन्होंने कहा कि तीव्र शहरीकरण के बीच ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी चुनौतियों का समाधान सामूहिक प्रयासों से करना होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तराखण्ड आने वाले वर्षों में ‘इकोलॉजिकल’, ‘स्पिरिचुअल’ और ‘ऑर्गेनिक फार्मिंग कैपिटल’ के रूप में स्थापित होगा।

नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. खेतवाल ने राज्य निर्माण आंदोलन में दिए गए संघर्षों को स्मरण करते हुए कहा कि राज्य के विकास के साथ समाज में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति चिंता का विषय है, जिसे समाज के सहयोग से समाप्त करना होगा। जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने कहा कि उत्तराखण्ड ने बीते 25 वर्षों में संघर्ष, संकल्प और सृजनशीलता के साथ प्रगति की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिक विकास दर चार गुना बढ़ी है, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुआ है तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में निरंतर कमी आई है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2047 तक राज्य को विकसित श्रेणी में शामिल करने के लिए एक व्यापक विकास रूपरेखा तैयार की गई है। कार्यक्रम के दौरान पांच विद्यालयों की बैंड प्रतियोगिता आयोजित की गई तथा सूचना विभाग के सांस्कृतिक दलों ने लोक संस्कृति पर आधारित आकर्षक प्रस्तुतियाँ दीं। विभिन्न विभागों एवं महिला समूहों द्वारा लगाए गए 24 स्टॉलों का निरीक्षण मंडलायुक्त एवं अधिकारियों ने किया।

समारोह में राज्य आंदोलनकारियों पूरन महरा, मनोज जोशी, मनोज बिष्ट, गोपाल रावत सहित अनेक आंदोलनकारियों ने अपने अनुभव साझा किए। इससे पूर्व मंडलायुक्त दीपक रावत, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल और नगर पालिका अध्यक्ष सरस्वती खेतवाल ने जू रोड स्थित शहीद स्मारक पर राज्य आंदोलन के वीर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ रंगकर्मी जहूर आलम, अपर जिलाधिकारी विवेक राय व शैलेंद्र नेगी, चंदा फर्त्याल, उप जिलाधिकारी नवाजिश खलीक सहित बड़ी संख्या में आंदोलनकारी, अधिकारी, कर्मचारी, स्कूली बच्चे और नागरिक उपस्थित रहे।

राज्य स्थापना दिवस पर नैनी झील में नौकाओं की परेड व दीपदान का भव्य आयोजन, झिलमिलाई सरोवर नगरी

नैनीताल। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर नगर पालिका परिषद नैनीताल द्वारा रविवार को सरोवर नगरी में अनेक भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्व प्रसिद्ध नैनी झील आकर्षण का केंद्र बनी रही, जहाँ दिन में “रिगाटा” नौका प्रदर्शन और सायं भव्य दीपदान समारोह का आयोजन किया गया।

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c4ca4238a0b923820dcc509a6f75849b 1712795423दिन के समय आयोजित “रिगाटा” यानी नौकाओं की परेड का शुभारंभ कुमाऊँ मंडलायुक्त दीपक रावत द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया। इस दौरान झील में सजी-संवरी दर्जनों नावों ने झील के मध्य एक विशाल गोलाकार आकृति बनाकर समन्वय और सौंदर्य का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। रंग-बिरंगी नौकाओं से सजी झील का मनोहारी दृश्य देखने के लिए पर्यटक और स्थानीय नागरिकों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंडलायुक्त ने इस अवसर पर राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नैनी झील उत्तराखण्ड की पहचान है और इस प्रकार के आयोजन पर्यावरण संरक्षण व पर्यटन संवर्धन दोनों के लिए प्रेरक हैं।

वहीं, सायंकालीन बेला में नगर पालिका परिषद द्वारा आयोजित “दीपदान” कार्यक्रम ने झील की सुंदरता को और भव्य बना दिया। हजारों दीपकों से झिलमिलाती नैनी झील का दृश्य अत्यंत मनमोहक था। दीपदान का शुभारंभ नगर पालिका अध्यक्ष डॉ सरस्वती खेतवाल ने पहला दीप प्रवाहित कर किया। उन्होंने कहा कि दीपदान केवल प्रतीकात्मक आयोजन नहीं, बल्कि यह राज्य की समृद्धि, सौहार्द और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है।

दीपों की झिलमिलाहट से सजी नैनी झील का नजारा देखने के लिए नगरवासी और पर्यटक बड़ी संख्या में एकत्र हुए। कार्यक्रम के दौरान झील के तट पर पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संदेश भी दिया गया। आयोजन की सफलता में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी रोहिताश शर्मा सहित नगरपालिका टीम, स्थानीय स्वयंसेवी संगठन और पर्यटन विभाग का योगदान रहा। झील के चारों ओर की विद्युत सज्जा और दीपों की रोशनी से सरोवर नगरी देर रात तक आलोकित रही।

राज्य आंदोलन की 25वीं वर्षगांठ पर शुरू हुआ हिमालयन फूड फेस्टिवल, पारंपरिक स्वाद पर नये फ्यूजन का तड़का

183c3ec742e96e8b29bb53773b4404cc 571175316नैनीताल। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर नैनीताल जनपद के मल्लीताल स्थित डीएसए फ्लैट मैदान के बास्केटबॉल कोर्ट में जिला पर्यटन विभाग, केएमवीएन तथा नैनीताल होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के सहयोग से दो दिवसीय ’“हिमालयन फूड फेस्टिवल”’ का भव्य आयोजन प्रारंभ हो गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक सरिता आर्या व नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

आयोजन में नैनीताल एवं अन्य स्थानों के 16 प्रतिष्ठित होटल, संस्थान और निजी कंपनियों ने अपने स्टाल लगाकर पारंपरिक कुमाऊनी व्यंजनों के साथ उनके विभिन्न नये प्रयोग कर तैयार किये गये फ्यूजन के साथ देश-विदेश के विविध स्वाद प्रस्तुत किए। फूड फेस्टिवल में अनुपम रेस्टोरेंट नैनीताल ने गणुवों का सूप, शिकार भात, बड़ील और मडुवा मटन मोमो, जबकि नैनी रिट्रीट नैनीताल ने झंगोरे की खीर, हिमालयन ट्राउट और पहाड़ी मुर्ग का शिकार परोसा। इसी तरह स्टर्लिंग रिसॉर्ट ने कुमाउनी थाली और पालक का कापा, पर्यटन विभाग ने गहत के कबाब और पहाड़ी शिकार, कुमाऊँ मंडल विकास निगम के “मास का चौसा” व कुमाऊँ विश्वविद्यालय के “गहत के कबाब”, प्रस्तुत किये।

इसके अतिरिक्त महिला जागृति संस्था ने ऐपण कला, बुरांश जूस और जूट उत्पादों, चेली ऑर्गेनिक फूड्स द्वारा पहाड़ी नमक, बिच्छु चाय और मंगोड़ी जैसे पारंपरिक उत्पादों की प्रदर्शनी तथा मेहरागांव की जीवा वर्षा कला संगम समिति ने चुड़कानी भात, थेचवा और मडुवे के मोमो से सभी का ध्यान आकर्षित किया। कैफे ठंडी बाई ने मडुवा बर्फी और पहाड़ी ड्राईफ्रूट लड्डू तथा फन एंड नट की पहाड़ी चॉकलेट और मुसकोटिया रिसॉर्ट की कांजी बीटरूट डिश से ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया। जबकि जापानी स्टाल ‘जेन यम चा’ ने वेज और नॉन-वेज फ्लेवर में विदेशी व्यंजन प्रस्तुत किये। अनुज साह बैंड ग्रुप ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देकर उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।

इस अवसर पर होटल एसोसिएशन अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट, वेद साह, सिद्धार्थ साह, रुचिर साह, प्रीति सेठी, मनोज बिष्ट, स्नेह छाबड़ा, मुन्नी तिवाड़ी, लोकेश जोशी, संजय साह, जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी, नगर पालिका के ईओ विनोद सिंह जीना आदि उपस्थित रहे। आयोजन के दौरान सूचना विभाग की ओर से उत्तराखंड की लोकसंस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनसे पूरा वातावरण लोकसंगीत और स्वाद की सुगंध से सराबोर हो उठा।

राज्य स्थापना दिवस पर कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने लिया आंचल दुग्ध उत्पादों का स्वाद, नई छैना रबड़ी की की प्रशंसा

c4ca4238a0b923820dcc509a6f75849b 454478179नैनीताल। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर नैनीताल के फ्लैट मैदान में आयोजित रजत जयंती समारोह के दौरान कुमाऊं मंडलायुक्त दीपक रावत ने दुग्ध संघ नैनीताल के आंचल ब्रांड स्टॉल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आंचल के नये उत्पाद छैना रबड़ी का स्वाद लिया और उसकी गुणवत्ता व स्वाद की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

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राज्य बनने के बाद विकास हुआ पर चुनौतियां बरकरार: डॉ. जंतवाल

62357e6c3ce3318a9170533653cb3208 1061749473नैनीताल। उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के डीएसबी परिसर और अतिथि व्याख्याता निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘उत्तराखंड: शहीदों के सपने कितने पास, कितने दूर’ विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व विधायक एवं उक्रांद के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नारायण सिंह जंतवाल ने रजत जयंती के अवसर पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि यह आत्ममंथन का समय है कि राज्य निर्माण के उद्देश्य क्या थे और अब हम कहाँ तक पहुँचे हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सामाजिक व भौगोलिक संरचना सदैव मजबूत रही है। यहाँ के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर लोकतांत्रिक परंपराओं तक सक्रिय भूमिका निभाई है। राज्य बनने के बाद शिक्षा, सड़क और विकास के क्षेत्र में प्रगति हुई है, परंतु संसाधनों के प्रबंधन, रोजगार और भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि फलोत्पादन, पुष्पोत्पादन और पर्यटन से राज्य की अर्थव्यवस्था सशक्त हो सकती है, पर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के साथ प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक संवेदनशील बनाना होगा। उन्होंने युवाओं से राज्य निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। डॉ. जंतवाल ने स्मरण किया कि लगभग 25 वर्ष पूर्व नैनीताल क्लब में भी इसी प्रकार की संगोष्ठी हुई थी, जिसमें नित्यानंद स्वामी राज्य के प्रथम नेता के रूप में उभरे थे।

इससे पूव्र कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए परिसर निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा ने कहा कि राज्य निर्माण के उद्देश्यों और भावनाओं को आत्मसात कर हमें शिकायतों के बजाय समाधान की दिशा में कार्य करना होगा। प्रो. अनिल जोशी ने कहा कि पलायन और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पहाड़ी राज्यों के लिए विकास का अलग मॉडल तैयार होना चाहिए। प्रो. सवित्री कैड़ा ने राज्य आंदोलन से जुड़ी अनेक अनसुनी घटनाओं का उल्लेख किया और कहा कि इस संघर्ष के इतिहास को संरक्षित रखना आवश्यक है।

उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, प्रो. डीडी पंत और इंद्रमणि बड़ोनी के योगदान को याद किया। प्रो. ललित तिवारी ने कहा कि हिमालयी राज्यों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा और पवन ऊर्जा विकास के महत्वपूर्ण साधन हैं। उन्होंने कहा कि राज्य का लगभग 65 प्रतिशत भूभाग वन क्षेत्र है, जिसकी सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के साथ पर्वतीय कृषि को आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ाने की आवश्यकता बताई। इस अवसर पर डॉ. महेंद्र राणा, डॉ. केतकी, प्रो. तारा बोरा, ज्योति कांडपाल, डॉ. लता, डॉ. रीमा मिश्रा, डॉ. रुचि, डॉ. भूमिका, विशाल बिष्ट सहित अनेक शोधार्थी व शिक्षक उपस्थित रहे। 

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