केंद्रीय मंत्री ने जल संरक्षण पर दृष्टिकोण बदलने का दिया मंत्र..
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-पानी को जमीन से निकालने की जगह जमीन में पानी भरने का दृष्टिकोण बदलें : शेखावत
नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 27 फरवरी 2020। देश के जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पानी को जमीन से निकालने की जगह जमीन में पानी भरने का दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी है। मुख्यालय स्थित उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में बृहस्पतिवार को ‘पर्वतीय क्षेत्रों में पीने योग्य पानी के जनसहभागिता से प्रबंधन’ के विषय पर 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते शेखावत ने कहा कि कार्यशाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर में नल से पीने योग्य पानी के मिशन के तहत ‘सहभागी स्प्रिंग शेड प्रबन्धन के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल पहुंचाने’ के उद्देश्य से आयोजित की गई है। कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का ‘नया भारत’ बिना जल प्रबंधन के नहीं हो सकता है। इसी उद्देश्य से देश की 18 करोड़ ग्रामीण आबादी में से 15 करोड़ की आबादी को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये में 5 वर्ष से भी कम अवधि में घर पर पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखंड इस कार्य मे पुरस्कृत भी हुआ है। उन्होंने कहा कि पीने का पानी घर तक पहुंचाने के साथ ही यह दृष्टिकोण भी बदले जाने की जरूरत है कि जल स्रोत संरक्षित हों। केवल जमीन से पानी निकालने पर नहीं पानी का ट्रीटमेंट करके जमीन में पानी भरने पर कार्य भी करने की जरूरत है।
कहा कि अधिकाइस दृष्टिकोण से ही जनपद एवं ग्राम स्तर पर जल प्रबंधन की योजना बनाएं। उन्होंने उदाहरण स्वरूप कहा कि पिछले 50 हजार वर्षों से मौजूद नैनीताल की झील को न जाने कितनी पीढ़ियों ने संरक्षित किया होगा, परंतु पिछले 50 वर्षों में हमने इसे प्रदूषित किया है। उन्होंने कुमाऊं आयुक्त राजीव रौतेला के कोसी नदी के संरक्षण के प्रयास की सराहना की। कहा, पहाड़ का पानी व जवानी पहाड़ के काम नहीं आती, इस धारणा को बदलने की जरूरत है। देश मे 260 करोड़ हाथ हैं, वे जुट जाएं तो जल संरक्षण कर देश को जल समृद्ध बनाएं व माताओं-बहनों के जीवन का कष्ट घटाएं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि हर घर को जल पहुंचाने का लक्ष्य और उद्देश्य तथा जनजीवन पर पड़ने वाले इसके प्रभाव बड़े हैं पर वे 4.5 साल में यह लक्ष्य पूरे करने के प्रति पूतरह आशान्वित हैं। उनकी सरकार ने आते ही राज्य के 20 लाख शौचालयों के सिस्टन में बिना बजट के 1 लीटर की बोतलें डालकर प्रतिदिन 1 करोड़ लीटर पानी बचाने का अभियान चलाया था। हरेला पर्व पर कोसी नदी में 1.67 लाख, देहरादून में 2.5 लाख व हरेला पर 2.24 लाख पौधे लगाए। कार्यशाला में क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य, केंद्र सरकार के अपर सचिव भरत लाल, प्रदेश के पेयजल सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी व मुख्यमंत्री के सचिव राजीव रौतेला, प्रदेश की उप सचिव रंजीता, अपर सचिव उदय राज, रूपा, प्रो. जेएस रावत सहित देश के 22 प्रदेशों के जल प्रबंधन से जुड़े प्रदेशों के मुखिया, मुख्य अभियंता, हाईड्रोलॉजिस्ट, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता स्तर के 110 अधिकाव अन्य गणमान्यजन भी मौजूद रहे। संचालन दिनेश महतोलिया ने किया।