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December 21, 2024

कोरोना काल में ऐसा भी: हल्द्वानी में पुलिस ने पकड़े दो चोर, पर चोर हुए बाहर-पुलिस कर्मी ‘अंदर’..

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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 20 अगस्त 2020। कोरोना काल में ऐसी घटनाएं भी हो रही हैं। हल्द्वानी मंडी पुलिस ने दो शातिर चोरों को पकड़ा। उनका मेडिकल कराया तो उनमें से एक कोरोना संक्रमित निकला। इससे महकमे में हड़कंप मच गया। इसके बाद चोरों को पकड़ने वाले छह पुलिस कर्मियों को क्वारंटाइन करना पड़ गया ताकि आगे उनकी भी कोरोना जांच कराई जा सके। वहीं, पकड़े गए दोनों आरोपित चोरों को थाने से ही जमानत दे दी गई। यानी चोर तो बाहर हो गए और सिपाही अंदर।
घटना मंगलवार देर रात की है। यहां मंडी चौकी पुलिस ने मंडी बाइपास पर दो संदिग्ध युवकों को पकड़ा। तलाशी में उनके पास से अलग-अलग तरह की नौ चाबियां और टार्च आदि बरामद हुए। पूछताछ में आरोपितों ने अपना नाम शाहरुख उर्फ चेटा मलिक निवासी इंदिरानगर बड़ी मस्जिद और शानू निवासी गफूर बस्ती बताया। सख्ती करने पर दोनों ने कबूला कि वह चोरी की योजना बना रहे थे। दोनों शातिर अपराधी हैं। पहले भी कई बार चोरी के मामले में जेल जा चुके हैं। दोनों को पकड़कर पहले चौकी और फिर कोतवाली लाया गया। सुबह पुलिस उनका मेडिकल कराने के लिए अस्पताल लेकर गई। जहां कोविड जांच में शाहरूख उर्फ चेटा मलिक कोरोना संक्रमित मिला जबकि शानू की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इस पर दोनों आरोपितों को थाने से जमानत देकर शाहरूख को एसटीएच के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया, जबकि शानू को हिदायत देकर घर भेज दिया गया। थाने पहुंची शाहरूख की मां ने बताया कि छह महीने पहले बेटा जेल से बाहर आया था। पिछले दो महीने से उसकी तबीयत खराब चल रही थी।

यह भी पढ़ें : कोरोना का पहला शिकार हुआ अम्तुल्स पब्लिक स्कूल

-छात्रावास में स्थायी बंदी की घोषणा, न निकाले गए कर्मचारियों ने भी की बुधवार से समस्त कार्यों के बहिस्कार की घोषणा, कोरोना-लॉक डाउन का पहला शिकार हुआ अम्तुल्स
नवीन समाचार, नैनीताल, 14 जुलाई 2020। मुख्यालय स्थित अम्तुल्स पब्लिक स्कूल ने लॉक डाउन की वजह से विद्यालय में आंशिक बंदी का ऐलान करते हुए अपने छात्रावास को तत्काल प्रभाव से स्थायी रूप से बंद करने का बड़ा निर्णय ले लिया है। इस कारण विद्यालय ने छात्रावास एवं भोजन आदि संबंधित व्यवस्थाओं से जुड़े 35 कर्मचारियों को उनकी नौकरियां तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का नोटिस थमा दिया है। इससे दशकों से विद्यालय से जुड़े कर्मचारियों का भविष्य खराब होने की स्थिति बंद हो गई है, लिहाजा उनमें हड़कंप मच गया है। कर्मचारियों ने ऐसी स्थिति में श्रम न्यायालय की शरण लेने की बात कही है। साथ ही नहीं निकाले गए कर्मचारियों ने भी प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर 15 जुलाई से समस्त कार्यों का कार्य बहिस्कार करने की घोषणा कर दी है। इस प्रकार मुख्यालय में कोरोना की महामारी व लॉक डाउन का पहला शिकार अम्तुल्स पब्लिक स्कूल बना है।
मंगलवार सुबह विद्यालय के 35 कर्मचारियों को जब प्रबंध समिति के चेयरमैन युनिब राशिद की ओर से तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकालने का नोटिस मिला, वे सन्न रह गए। किसी की कुछ समझ में नहंी आया कि अभी क्या करेंगे और अपना जीवन कैसे बिताएंगे। प्रबंधन की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि 12 मार्च 2020 को स्कूलों को बंद कर देने से अम्तुल्स पब्लिक स्कूल में इस वर्ष प्रवेश ही नहीं हुए और फीस भी प्राप्त नहीं हुई। जिन अभिभावकों ने फीस जमा की वे भी छात्रावास में नहीं रहने के कारण फीस वापस मांग रहे हैं और आगे भी अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत छात्रावास में रहना तो दूर विद्यालय में अपने बच्चों को भेजकर पढ़ाने में भी डर रहे हैं। अलबत्ता विद्यालय में ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी। इसलिए निकट भविष्य में राहत की कोई आशा न दिखने के कारण प्रबंधन ने अपने छात्रावास को स्थायी रूप से बंद करने को विवश हो गए हैं। इस संबंध में प्रशासन को भेजे गए पत्र के जरिये स्कूल के छात्रावास की तुरंत प्रभाव से स्थायी बंदी की घोषणा की गई है, और इसके प्रभाव से केवल छात्रावास के लिए कार्य करने वाले एवं अधिकांशतः छात्रावास से संबंधित कर्मचारियों की वरिष्ठता का ध्यान रखते हुए सेवाएं स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्य अनीता खान ने इस पर कहा कि बहुत मजबूरी में कानूनी तौर पर छात्रावास को बंद कर दिया गया है। सभी कर्मचारियों को कानूनी तौर पर इसका मुआवजा दिया जाएगा। वहीं इस पर अम्तुल्स पब्लिक स्कूल शिक्षक एवं कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष मो. जफर ने बताया कि आज बैठक कर आगे श्रम न्यायालय की शरण में जाने की रणनीति तय की गई है। कार्य बहिस्कार की घोषणा करने वाले पत्र में लाल सिंह नेगी, राजेश चंद्रा, मो. जफर, सुरेश चंद्र, भवानी राम, वेद पाल, अहमद सलाम व उर्मिला देवी के हस्ताक्षर हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी इस विद्यालय के कर्मचारियों के द्वारा बीते कुछ माह से वेतन न दिये जाने की लगातार शिकायतें की जा रही थीं।

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