खुशखबरी : सरोवरनगरी में खुला पहला ‘जॉगर्स पार्क एवं खुला जिम’, पूरी हुई सुबह-शाम की सैर करने एवं फिटनेस के शौकीनों की मुराद
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 जुलाई 2022। सरोवर नगरी नैनीताल में अब लोग अपने स्वास्थ्य सुधार के प्रति अधिक जागरूक हो पाएंगे तथा अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दे पाएंगे। ऐसा इसलिए कि नगर में आज पहले खुले जिम की स्थापना हो गई है। समाज सेवा में अहम भूमिका निभाने वाले रोटरी क्लब के द्वारा आज अपने स्थापना दिवस पर “स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत” की थीम पर मॉल रोड स्थित ऐतिहासिक कैनेडी पार्क में सुबह-शाम की सैर करने वालों के लिए ‘जॉगर्स पार्क एवं खुले जिम’ का शुभारंभ किया गया।
नैनीताल नगर पालिका के अध्यक्ष सचिन नेगी व क्लब के डिस्ट्रिक गवर्नर पवन अग्रवाल ने क्लब के सदस्यों व पालिका के सभासदों की मौजूदगी में संयुक्त रुप से ओपन जिम व सेल्फी प्वाइंट का शुभारंभ किया। बताया गया कि नगर पालिका व रोटरी क्लब के संयुक्त प्रयासों से बने इस ओपन जिम में करीब 10 मशीनों को लगाया गया है जिसमें लोग निःशुल्क व्यायाम कर खुद को फिट कर सकते हैं। साथ ही एक पार्क भी बनाया गया है जिसमें आज कई प्रजातियों के पौधों को रोपित किया गया।
उल्लेखनीय है कि रोटरी क्लब के द्वारा ही पूर्व में नगर पालिका के पुस्तकालय के दोनों ओर के पार्कों को सेल्फी प्वॉइंट के रूप में नया आकर्षण बनाया गया है। इस मौके पर क्लब की नैनीताल शाखा की नव नियुक्त अध्यक्ष बबीता जैन व सचिव नरेंद्र लांबा सहित पूरी कार्यकारणी को शपथ दिलाई गई। क्लब के डिस्ट्रिक गवर्नर पवन अग्रवाल ने इस मौके पर भीमताल में एक अत्याधुनिक सुविधायुक्त चिकित्सालय खोलने की बात भी कही।
बताया कि इस चिकित्सालय में तैनात चिकित्सकों के द्वारा चिकित्सालय के साथ ही मोबाइल सुविधा के साथ दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में जाकर भी लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा बालिकाओं को करीब 1 हजार टेबलेट वितरित करने एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कौशल विकास केंद्र खोलने की भी योजना है। इस मौके पर क्लब के विक्रय सयाल सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे। अन्य ताज़ा नवीन समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 1 जुलाई 2022। मुख्यालय स्थित बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में शुक्रवार 1 जुलाई को चिकित्सक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आज ही चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक का पदभार संभालने वाले डॉ. वीके पुनेरा की अध्यक्षता में आयोजित विशेष कार्यक्रम में वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एमएस दुग्ताल ने डॉ. विधान चंद्र रॉय को याद किया, जिनकी स्मृति में ही एक जुलाई 1991 से इस दिन को चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस कार्यक्रम में खास बात यह भी रही कि नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी, होटल चन्नी राजा एवं ज्ञानी रेस्टोरेंट के स्वामी रमनजीत सिंह ने अपनी माता देविंदर कौर एवं पत्नी परमिंदर कौर के साथ जिला चिकित्सक को लाखों रुपए मूल्य की ईसीजी मशीन भेंट की।
इस मौके पर डॉ. आरके वर्मा, डॉ. वीके मिश्रा, डॉ. द्रोपदी गर्ब्याल, डॉ. संजीव खर्कवाल, डॉ. पंकज वर्मा, डॉ. प्रियाशु श्रीवास्तव, डॉ. कंचन आर्या, डॉ.तनूजा पाल, डॉ. ममता पांगती, डॉ. राहुल सक्सेना, चीफ मैट्रन शशिकला पांडे व आईके जोशी सहित समस्त चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी उपस्थित रहे। अन्य ताज़ा नवीन समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : विश्व स्वास्थ्य दिवस पर निकाली रैली, बताया-कैसे मानव स्वास्थ्य के लिए जरूरी है धरती का स्वस्थ रहना..
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 अप्रैल 2022। विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल के अवसर पर मुख्यालय में तल्लीतल से मॉल रोड होते हुए बीडी पांडे जिला चिकित्सालय तक जागरूकता रैली निकाली गई तथा यहां मानव स्वास्थ्य के लिए धरती के स्वास्थ्य की महत्ता पर संगोष्ठी आयोजित की गयी।
इस मौके पर मुख्य अतिथि पर्यावरणविद् डॉ. अजय रावत की मौजूदगी में मुख्यालय स्थित डॉ. रघुनंदन सिंह टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी के महानिदेशक बीपी पांडे ने भारतीय वैदिक ग्रंथों में वर्णित श्लोकों के माध्यम से बताया कि देश की पुरातन संस्कृति में मानव को प्रकृति एवं पर्यावरण तथा पंच महाभूतों को ईश्वरतुल्य बताते हुए उनकी रक्षा एवं समुचित सदुपयोग करने, दूषित न करने का मंत्र दिया गया है। यह भी कहा कि मानव को जीवन के हर क्षेत्र में साम्य बनाते हुए चलना चाहिए और कभी भी अतिरेक नहीं करना चाहिए।
नगर स्थित नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थियों अंजली कुमारी व विजेंद्र कुमार ने बताया कि 7 अप्रैल 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना के दिन 1950 से विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष इस दिवस को ‘हमारी धरती-हमारा स्वास्थ्य’ पर मनाया जा रहा है। यह भी कहा कि मानव स्वास्थ्य पूरी तरह से धरती के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। वक्ताओं ने यह भी बताया कि दुनिया में हर मिनट 13 लोग वायु प्रदूषण से मरते हैं। दुनिया में 3 बिलियन लोगों को शौचालय एवं 2.1 बिलियन लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है। मानव प्रकृति एवं पर्यावरण को साफ-स्वच्छ रखकर स्वयं भी अनेक बीमारियों से बच सकता है। अन्य ताज़ा नवीन समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : जिला चिकित्सालय में इसी माह काम करना शुरू कर देगी सीटी स्कैन मशीन, विशेषज्ञ भी मिले
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 22 मार्च 2022। पर्यटन नगरी होने की वजह से जिला मुख्यालय के निकटवर्ती अनेक पर्वतीय क्षेत्रों में काफी दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन हल्द्वानी से पहले कहीं भी सीटी स्कैन मशीन न होने से घायलों को खासकर सिर की चोट होने पर समय पर उपचार नहीं मिल पाता। लेकिन यह समस्या अब इसी माह यानी अगले करीब एक सप्ताह में दूर होने जा रही है।
बीडी पांडे जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केएस धामी ने बताया कि जिला चिकित्सालय में इसी माह ‘डॉक्टर्स फॉर यू’ संस्था की ओर से सीटी मशीन लगाई जा रही है। यह संस्था इससे पहले खटीमा में भी यह मशीन लगा चुकी है। इसके साथ ही जिला चिकित्सालय को सीटी स्कैन मशीन हेतु विशेषज्ञ चिकित्सक के रूप में एमडी रेडियोलॉजी डॉ. यतेंद्र सिंह पाल मिल गए हैं।
पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र पाल के भाई डॉ. पाल एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा से एमडी रेडियोलॉजी की डिग्री ली है। वह रेडियोलॉजी के साथ ओन्कोलॉजी के भी विशेषज्ञ के तौर पर अमेरिका व ओमान में कार्यरत रहे हैं। उन्हें सीटी स्कैन मशीन का भी 15-20 वर्ष का अनुभव है। नगर के राम कुटीर मल्लीताल निवासी डॉ. पाल को सेवानिवृत्ति के उपरांत संविदा पर रखने के लिए महानिदेशक को प्रस्ताव भेजा जा रहा है, तथा उनका पंजीकरण भी कराया जा रहा है।
इसके अलावा जिला चिकित्सालय के एक अन्य चिकित्सक व तकनीशियन को भी सीटी स्कैन मशीन का 6 माह का प्रशिक्षण दिलाने का प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि जिला चिकित्सालय में सीटी स्कैन मशीन इसी महीने लग जाएगी और कार्य भी करने लगेगी। अन्य ताज़ा नवीन समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : कोरोना जांच रिपोर्ट आने में हो रही हो देरी, तब भी मिलेंगी दवाइयां, दवाइयों की सूची जारी
नवीन समाचार, नैनीताल, 19 अप्रैल 2021। राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ने के साथ स्वास्थ्य विभाग अधिक सतर्क हो गया है। पहली बार स्वास्थ्य निदेशालय ने राज्य के सभी जिलो के सीएमओ एवं सभी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्साधीक्षकों को पत्र लिखकर कोरोना जांच की रिपोर्ट आने में हो रही देरी को देखते हुए जांच कराने वाले रोगियों को दवाइयों की किट देने के निर्देश दिए हैं। किट में सात दवाइयां दी जानी हैं।
देखें कोरोना की दवाइयों की सूची युक्त स्वास्थ्य महानिदेशक का पत्र :
उत्तराखंड सरकार ने घोषित की कोरोना विषाणु के संभावित मरीजों के लिए दवाइयों की सूची pic.twitter.com/qEvsEDNjFt
— Navin Samachar @ deepskyblue-swallow-958027.hostingersite.com (@navinsamachar) April 19, 2021
इधर नैनीताल के डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण हैं और उसकी जांच रिर्पोट आने में देर हो रही है तो वह स्वास्थ्य विभाग की ओर से तत्काल उपलब्ध कराई जा रही दवा की किट लेकर दवाईयो का सेवन बताये गए तरीके से करे। उन्होंने इस संबंध में सीएमओ, प्रमुख और मुख्य चिकित्साधिकारी तथा चिकित्साधीक्षको को पत्र कर दवाइयों की किट उपलब्ध कराने को भी कहा है।
यह भी पढ़ें : मोबाइल एप से ‘स्वस्थ रहें-मस्त रहें’
नवीन समाचार, हेल्थ डेस्क, 1 सितंबर 2020। आज के, खासकर कोरोना के संक्रमण के समय में स्वस्थ रहना सर्वाधिक आवश्यक है। दो बहुत अच्छे मोबाइल एप के लिंक संलग्न है, जिसकी प्रशंसा अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने पिछले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ‘वोकल फॉर लोकल’ व ‘आत्मनिर्भर भारत’ का जिक्र करते हुए खेल-खिलौनों को बढ़ावा देने एवं अपने एप विकसित करने की अपील करते हुए की थी। यह एप रोज पैदल चलने-घूमने के लिए प्रेरित करते है, और पूर्णतः भारतीय भी है।
यह भी पढ़ें : एक्सक्लूसिव राहत का समाचार: कोविद-19 समर्पित अस्पताल में भर्ती सूरत से आये जनपद के युवक में कोरोना नहीं
नवीन समाचार, नैनीताल, 13 मई 2020। 11 मई की रात्रि विशेष श्रमिक रेलगाड़ी से सूरत से आए बारह सौ लोगों में से जनपद के बेतालघाट विकास खंड निवासी एक 28 साल के युवक को बुखार की शिकायत पर कोरोना विशेषज्ञ अस्पताल-सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था, और उसका कोरोना जांच हेतु नमूना भी लिया गया था। उसके संपर्क में आये करीब छह दर्जन लोगों की भी पहचान की गई थी, और जिला प्रशासन उनके बारे में भी चिंतित हो गया था। किंतु इस युवक में कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है। जनपद की अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रश्मि पंत ने पूछे जाने पर यह जानकारी दी। इसके बाद प्रशासन को बड़ी राहत मिलना तय है।
उल्लेखनीय है कि इस युवक ने बुखार की शिकायत बताई थी, जिसके बाद प्रशासन ने एहतियात के लिए उसे कोविद-19 समर्पित अस्पताल सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में भर्ती कर लिया था और उसका कोरोना नमूना भी ले लिया था। साथ ही उसकी संपर्क में आये जनपद के 71 से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया था। सीएमओ डा. भारती राणा ने बताया कि आगे भी संबंधित युवक एवं उसके संपर्क में आये अन्य लोगों को सतर्कता के तौर पर 14 दिन के लिए ‘गृह एकांतवास’ में रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें : सूरत से आए 1200 लोगों में से एक युवक कोरोना अस्पताल में भर्ती
-जांच में बुखार आने पर उठाया कदम, कोरोना का नमूना लिया, आज आएगी रिपोर्ट
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 12 मई 2020। (एसएनबी)। सूरत से आए बारह सौ लोगों में से एक अट्ठाइस साल के युवक को कोरोना विशेषज्ञ अस्पताल-सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर दिया गया है। यह युवक बेतालघाट विकास खंड का रहने वाला बताया जा रहा है। इसको बुखार की शिकायत थीं। इसकी पुष्टि सीएमओ भारती राणा ने की है। सीएमओ का कहना है कि सतर्कता के आधार पर युवक को भर्ती किया गया है। इसका कोरोना नमूना ले लिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद युवक के कोरोना होने या न होने की जानकारी मिल पाएगी।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार नैनीताल जिले के सूरत से आए नैनीताल जिले के 510 यात्रियों को तीन पानी के एक बैंकट हाल में ठहराया गया था। बताया जा रहा है कि डाक्टरों के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान इस युवक में बुखार के लक्षण मिले। युवक ने भी बुखार की जानकारी पहले दे दी थी। सूत्रों के अनुसार मंगलवार सुबह इस युवक को कोरोना विशेषज्ञ अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। अभी जांच रिपोर्ट आने तक इसमें कोरोना के लक्षण होने या न होने की जानकारी संदिग्ध बनी हुई है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 1 मई 2020। उत्तराखंड में शुक्रवार को पहली बार रिकॉर्ड 408 नमूनों की जांच रिपोर्ट आईं, और बड़ी बात की सभी नकारात्मक आईं। हां, आज जरूर एक कोरोना संक्रमित की मृत्यु हुई। किंतु इसे पूरी तरह से कोरोना की वजह से मृत्यु नहीं माना जा रहा है। इसे ब्रेन स्ट्रोक के कारण आंतरिक रक्तस्राव की वजह से माना जा रहा है। अलबत्ता, राज्य सरकार ने इसे स्टार का चिन्ह लगाकर मृत्यु में शामिल किया है। स्टार को नीचे विस्तार से समझाते हुए लिखा गया है कि यह मौत कोरोना से नहीं बल्कि दूसरे कारणों से हुई है। अपर सचिव युगल किशोर ने बताया कि एक कोरोना पॉजिटिव की मौत तो रिपोर्ट हुई है, लेकिन उसकी मौत का कारण कोरोना नहीं है।
इधर शुक्रवार को 226 नये सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। अपर सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि एक मरीज को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। इस तरह राज्य में कुल 57 मरीजों में से 37 मरीज ठीक भी हो गए हैं। अभी 19 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। राज्य में 6533 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। 192 सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार है। 15483 मरीज होम क्वारंटाइन हैं। नये सैंपलों में 65 देहरादून, 52 हरिद्वार, 26 नैनीताल, 31 यूएसनगर, सात उत्तरकाशी व चार चंपावत के हैं। 185 सैंपल सरकारी लैब और 41 सैंपल प्राइवेट लैब में भेजे गए हैं। 260 सैंपल पुराने रिपीट भी किए गए हैं।
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नवीन समाचार, ऋषिकेष, 28 अप्रैल 2020। जी हां, एम्स ऋषिकेष मंगलवार को प्रदेश में कोरोना का नया हॉट स्पॉट बनकर उभरा है। सुबह लालकुआं-नैनीताल निवासी एक 56 वर्षीय ब्रेन स्ट्रोक की बीमार महिला में कोरोना की पुष्टि हुई, वहीं देर शाम यहां दो अन्य नमूनों में कोरोना की पुष्टि होने से यहीं नहीं राज्य में हड़कंप मच गया है, और तीन मई को लॉक डाउन हटने की संभावनाओं पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज एम्स ऋषिकेष के दो कर्मियों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें एक 26 वर्षीय जनरल सर्जरी वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स और दूसरा 56 वर्षीय महिला मरीज का तीमारदार है। इस नये खुलासे के बाद एम्स प्रशासन ने अलर्ट जारी कर 70 से 80 लोगों को क्वारन्टाइन करा दिया है। जानकारी के अनुसार हालत यहां तक हो गई है कि इन लोगों को क्वारन्टाइन कराने के लिए जगह कम हो गई है, इसलिये जिला प्रशासन से स्थान की मांग की गई है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 22 मार्च 2020। राजधानी के दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के आईसीयू में भर्ती एक 23 वर्षीय युवक और एक 75 वर्षीय बुजुर्ग की उपचार के दौरान मंगलवार देर रात्रि मौत हो गई। कोरोना की आशंका के चलते दोनों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। लैब से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इनके शव परिजनों को सुपुर्द किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि युवक मूल रूप से नैनीताल जनपद का रहने वाला था और दून में एक प्राइवेट स्कूल में खाना बनाने का काम करता था। वहीं बुजुर्ग को भी सोमवार को दून अस्पताल में भर्ती किया गया था। मूल रूप से वह पिथौरागढ़ के रहने वाले थे और वर्तमान में पंडितवाड़ी में रह रहे थे।
जानकारी के अनुसार मृतक युवक को मंगलवार दोपहर को राजकीय कोरोनेशन अस्पताल अस्पताल से दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया था। युवक को बदन दर्द और बार-बार चक्कर आने की शिकायत थी। दून अस्पताल में उसे आईसीयू में रखा गया था। वहीं बुजुर्ग को सांस लेने में दिक्कत थी। वह बीती 21 मार्च को दुबई अपने बेटे के पास से वापस लौटे थे। इसके बाद दिल्ली में जांच रिपोर्ट दो बार निगेटिव आई थी। बताया जा रहा है कि सात अप्रैल को वह दून पहुंचे और उसके बाद घर पर आइसोलेशन में थे। चिकित्सकों के अनुसार उन्हें अस्थमा के अलावा निमोनिया की दिक्कत थी। मंगलवार देर रात दोनों की आईसीयू में मौत हो गई। अस्पताल के डिप्टी चिकित्सा अधीक्षक डा. एनएस खत्री के अनुसार जिलाधिकारी के निर्देश पर इन दोनों का सैंपल कोरोना जांच के लिए लैब भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही शव परिजनों के सुपुर्द किए जाएंगे। इस बारे में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. अमिता उप्रेती ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। संभवतः दोनों के सैंपल कोरोना जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 21 अप्रैल 2020। हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में एक जमाती की मंगलवार को उपचार के दौरान मौत हो गयी है। जमाती की मौत से हड़कंप मच गया है। अलबत्ता अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि उसे कोरोना होने की पुष्टि नहीं हुई थी, बल्कि उसे 17 अप्रैल को स्वास्थ्य खराब होने पर यहां उपचार के लिए लाया गया था। उसकी मौत का कारण ब्रेन स्ट्रोक बताया जा रहा है।
बताया गया है कि दिल्ली के तुगलकाबाद निवासी 60 वर्षीय शदीक अहमद जमात के साथ बीती 27 फरवरी को रामनगर आया था। इधर 17 अप्रैल को स्वास्थ्य खराब होने पर उसे सुशीला तिवारी लाया गया था।
मेडिकल कॉलेज के कोरोना समन्वयक रोहित मीणा ने बताया कि मृतक के साथ 17 लोगों के कोरोना के नमूने लिये गये थे, लेकिन किसी भी नमूने में कोरोना की पुष्टि नहीं हुई थी। वह पहले से ही बीमार था। बीमार होने पर ही उसे एसटीएच लाया गया था। यहां बीती रात्रि उसका स्वास्थ्य अधिक खराब हुआ, जिसके बाद मंगलवार सुबह तड़के उसने दम तोड़ दिया। उसके परिजनों को सूचना देकर उनकी सहमति पर रामनगर निवासी व्यक्ति को उसके शव को सोंप दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मेडिकल कॉलेज में कुल 13 कोरोना पॉजीटिव रोगी भर्ती किए गए हैं। इनमें अधिकांश जमाती व उनके संपर्क में आये लोग हैं।
यह भी पढ़ें : महंगे निजी अस्पतालों में होगा आम लोगा का सरकारी व्यवस्था के तहत इलाज
नवीन समाचार, नैनीताल, 11 अप्रैल 2020। कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने हल्द्वानी के छह निजी अस्पतालों-बृजलाल अस्पताल, केएचआरसी, नीलकंठ अस्पताल, विवेकानंद अस्पताल, साई अस्पताल, सेंटल अस्पताल को अधिग्रहीत किया है। इन अस्पतालों में आम लोगों का उपचार हो सकेगा। ऐसा इसलिए कि सरकार ने हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज को कोरोना विशेषज्ञ चिकित्सालय के रूप में काम लिया जा रहा है। ऐसे में अन्य रोगों के रोगियों का उपचार शहर के इन छह निजी चिकित्सालयों में किया जा सकेगा। शनिवार से निजी अस्पतालों को संचालित कर दिया गया। डीएम सविन बंसल ने सभी अस्पतालों को नियमित खोलने और राजकीय चिकित्सालय से रेफर होने वाले मरीजों को प्राथमिकता से देखने के निर्देश दिए हैं। स्टाफ से लेकर अन्य व्यवस्थाएं में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने को कहा है।
डीएम बंसल ने शनिवार को कहा कि बीमार लोगों के उपचार में अगर किसी तरह की लापरवाही होती है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक से अस्पतालों में आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। औषधि निरीक्षक को निर्देषित किया है कि निजी अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों की जांच कर जरूरी दवाइयां की उपलब्धता का पता किया जाए। सरकारी अस्पताल से उन मरीजों को ही भेजा जाएगा, जो बीपीएल व आयुष्मान कार्डधारक होंगे। इसके बाद संबंधित अस्पताल इन बिलों को सीएमओ कार्यालय में जमा कर भुगतान लेंगे।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 6 अप्रैल 2020। बीडी पांडे जिला चिकित्सालय नैनीताल के चिकित्सकों ने सोमवार को पर्यटक आवास गृह सूखाताल में संस्थागत एकांतवास में रखे गए 10 लोगों के कोरोना विषाणु के संक्रमण की जांच के लिए नमूने लिये गए। जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. केएस धामी ने बताया कि पूर्व में जांच के लिए भेजे गए तीन नमूनों की रिपोर्ट नकारात्मक आ गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि आज 10 नमूने लेने के साथ संस्थागत एकांतवास में रखे गए कुल 50 लोगों में से सभी बड़ों के नमूने ले लिये गए हैं, और अब तक मुख्यालय से भेजे गए सभी नमूनों की रिपोर्ट नकारात्मक ही आई है। अब केवल कुछ 4 से 6 माह के बच्चों के नमूने ही नहीं लिये गए हैं। जरूरत पड़ने पर उनके नमूने भी लिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि मंगलवार को एक व्यक्ति को 14 दिन का एकांतवास पूरा करने पर घर भेजा जा सकता है।
चिकित्सक फोन पर देंगे निःशुल्क परामर्श
नैनीताल। ‘मिशन मेरा पहाड़’ से जुड़े नगर के चिकित्सक लॉक डाउन की अवधि में बुजुर्गो एवं जरूरतमंदों को फोन पर निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श देंगे। इस हेतु डा. एमएस दुग्ताल से फोन नंबर 9412364484, डा. सुशील भट्ट से 9411167619 एवं डा. तनूजा पाल से 9997812727 पर हर रोज दोपहर एक से रात्रि नौ बजे तक संपर्क किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें : प्रदेश के एक दर्जन से अधिक अस्पताल कोविड अस्पताल के रूप में अधिसूचित
नवीन समाचार, देहरादून, 2 अप्रैल 2020। प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत कोरोना विषाणु के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा अस्पतालों को कोविड अस्पतालों के रूप में अधिसूचित कर दिया है। स्वास्थ्य सचिव नितेश झा द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कोविड अस्पतालों के तौर पर काम करने वाले अस्पतालों में बागेश्वर, चंपावत, चमोली, पिथौरागढ, रूद्रप्रयाग, ऊधमसिंह नगर, टिहरी, उत्तरकाशी के जिला अस्पताल, अल्मोडा बेस अस्पताल, दून मेडिकल कालेज, हरिद्वार का मेला अस्पताल, हल्द्वानी का सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज, नैनीताल का बीडी पांडे जिला चिकित्सालय, कोटद्वार स्थित बेस अस्पताल और श्रीनगर मेडिकल कालेज शामिल हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 1 अप्रैल 2020। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की घटना के बाद उत्तराखंड सरकार के बाद नैनीताल पुलिस-प्रशासन हरकत में है। उत्तराखंड सरकार द्वारा मंगलवार को दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में एक से 15 मार्च के बीच एक धार्मिक आयोजन में उत्तराखंड के भी कुछ लोगों के हिस्सा लेने की खबरों का संज्ञान लेते हुए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को ऐसे लोगों की पहचान करने के आदेश दिये गए हैं। वहीं अभिसूचना मुख्यालय उत्तराखंड देहरादून द्वारा 31 मार्च को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार नगर की मल्लीताल स्थित जामा मस्जिद में मरकज निजामुद्दीन दिल्ली से 13 से 20 मार्च तक 11 सदस्यीय जमात आई थी। इस जमात में नई दिल्ली के तीमारपुर, मदनपुर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, पुरानी ईदगाह, मीर विहार, सहारनपुर यूपी आदि के 11 जमाती आए थे। नैनीताल में 12 लोग-मल्लीताल निवासी मो. वसीम व हामिद अली, हिना टूर एजेंसी मल्लीताल के मो. जुहैब, राशिद, काशिफ व दिलशाद, नईम मैकेनिक निवासी बसेरा होटल के पीछे मल्लीताल, तल्लीताल बूचड़खाना निवासी मो. बसी, सानिब और महबूब तथा हरिनगर निवासी शहनवाज इन जमातियों के संपर्क में आए हैं। इनके साथ ही पुलिस इनके संपर्क में आये लोगों की भी पड़ताल कर रही है। बुधवार को अब तक 46 लोगों को मल्लीताल कोतवाली पुलिस और 6 परिवार के 21 लोगों को तल्लीताल पुलिस यानी कुल 67 लोगों जांच के लिए बीडी पांडे जिला चिकित्सालय पहुंचा चुकी है। मल्लीताल कोतवाल अशोक कुमार सिंह ने बताया कि अभी भी ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है। साथ ही यह अपील भी की जा रही है कि वह स्वयं भी अस्पताल जाकर अपनी जांच करवाएं। इधर जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. केएस धामी ने बताया कि मरकज से संबंधित 44 लोगों को जिला चिकित्सालय के सूखाताल स्थित संस्थागत क्वारन्टाइन सेंटर में लाया गया है। इनमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। फिर भी इन्हें 14 दिन पूरे होने की अवधि के शेष बचे दिनों के लिए एकांतवास में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां पहले रखे गए पांच में से तीन लोगों को घर भेज दिया गया है। इस प्रकार दो पुराने एवं 44 नये मिलाकर कुल 46 लोगों को एकांतवास में रखा गया है।
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उल्लेखनीय है कि इससे पहले जिला चिकित्सालय से दिन में करीब एक बजे गत 20 मार्च से एकांतवास में रखे गए 36 वर्षीय इजरायली युवक एवं 22 वर्षीय बेल्जियम की युवती के गायब हो गए थे। इन दोनों को कल शाम पांच बजे से ही मोतीनगर में कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए खास तौर पर बनाए गए क्वारंटाइन वार्ड भेजने की तैयारी की जा रही थी, तभी वाहन आने में हुए करीब 14 घंटे के विलंब के बीच दोनों मौका देखकर लोगों की नजर बचाकर भाग गए। गनीमत रही कि चिकित्साकर्मियों पुलिस व एसडीआरएफ कर्मियों ने उन्हें चिकित्सालय से काफी दुर अंडा मार्केट के पास से वापस पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें समझा-बुझा कर मोतीनगर हल्द्वानी भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि इन विदेशी सैलानियों में कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी उन्हें 14 दिन के एकांतवास में रखा जा रहा है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 19 मार्च 2020। बृहस्पतिवार कोर उत्तराखंड में कोरोना के दो नए मरीजों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हो गई है। इसके साथ राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तीन हो गई है। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की प्रयोगशाला में देहरादून के दो मरीजों में कोरोना विषाणु के संक्रमण की पुष्टि हो गई है। ये दोनों नए मरीज भी ट्रेनी आईएफएस अफसर है, जो स्पेन स्टडी टूर से लौटे हैं। मेडिकल कालेज हल्द्वानी की लैब की जांच रिपोर्ट में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के इन दोनों ट्रेनी आईएफएस अफसरों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। आगे के उपचार के लिए इन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स में भेजा जा रहा है। इस तरह राज्य में अब तक जो तीन लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, ये तीनों ही ट्रेनी अफसर उस दल का हिस्सा थे, जो 28 फरवरी को ट्रेनिंग टूर पर स्पेन गया था और हाल ही में स्पेन से देहरादून लौटा था। तीनों ट्रेनी आईएफएस इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी से प्रशिक्षण ले रहे हैं।
हल्द्वानी राजकीय मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को कोरोना के 39 संदिग्ध नमूनों की जांच हुई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीपी भैसोडा ने बताया कि कि इनमें से 37 नमूनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई जबकि देहरादून से आए दो नमूनों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। उन्होंने बताया की नमूनों की रिपोर्ट की पुष्टि हल्द्वानी की वायरोलॉजी लैब के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर आईसीएमआर से भी कराई जाती है। इसके बाद ही अंतिम रिपोर्ट जारी की जा रही है। उधर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अमिता उप्रेती के अनुसार राज्य में विदेश से भ्रमण कर कुल 722 लोग आए हैं। इसमें से 381 लोगों ने 28 दिन का समय पूरा कर लिया है। इनमें अब संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। जबकि 307 लोगों की निगरानी चल रही है। उन्होंने बताया कि इन लोगों के लिए भी अगले दस से 12 दिन अहम हैं। राज्य में अभी तक 50 से अधिक मरीजों की जांच कराई जा चुकी है। उधर, उत्तराखंड स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय के आज शाम जारी कोविड 19 सम्बन्धी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार आज कुल 19 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। राज्य के विभिन्न जिलों से अब तक कुल 114 संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से तीन सैंपल की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई है, जबकि 82 सैंपल की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। 29 सैंपल की जांच रिपोर्ट अभी प्रतीक्षित है। राज्य के हवाई अड्डों पर अब तक कुल 45 हजार 352 यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई है। राज्य सरकार द्वारा स्थापित हेल्प लाइन पर अब तक मदद के लिए कुल 856 लोगों ने सम्पर्क किया है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मार्च 2020। मंगलवार को एक अमेरिकी व्यक्ति स्वयं बीडी पांडे जिला चिकित्सालय पहुंचा। सिर में जटाओं वाला करीब 35 वर्षीय हिप्पी-बाबा सा लगने वाला व्यक्ति मास्क लगाए हुए था। जब लोगों ने उसकी ओर गौर किया तो उसे कोरोना संक्रमित समझकर लोग सहम गए। वह सीधा अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा। बोला, कहीं उसे कोरोना तो नहीं है। उसकी जांच की जाए। ईएमओ डा. मिश्रा ने उसकी जांच की। विशेषज्ञ के तौर पर डा. एमएस दुग्ताल को भी बुलाया गया। दोनों ने उसकी स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही उससे पूछताछ की। पूछताछ में उसने अपना पासपोर्ट दिखाया, जिसमें उसका नाम कोडी शेफर्ड निवासी सैन फ्रांसिस्को अमेरिका दर्ज था। वह गत 28 फरवरी को भारत आया था, यानी उसने भारत आने के बाद 17 दिन से अधिक व्यतीत कर लिये गए थे। उसमें कोरोना के किसी तरह के प्रारंभिक लक्षण भी नहीं थे। फिर भी चिकित्सकों ने उसका यहां स्थानीय पता व अन्य जानकारियां हासिल कीं और उसे ऐहतियात के तौर पर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दी। उसने किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की बात से भी इंकार किया और यहां कैंची धाम के पास रहने की जानकारी दी। इन जानकारियों के बाद सभी ने राहत की सांस ली।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 16 मार्च 2020। नैनीताल जनपद में 38 कोरोना संक्रमण के संभावित लोग प्रशासन की नजर से बाहर हैं। यह खुलासा स्वयं जनपद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भारती राणा ने किया है। अलबत्ता उन्होंने बताया कि नैनीताल जनपद में एक भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य मुख्यालय से जनपद में 134 कोरोना संक्रमण के संभावित लोगों की सूची मिली थी, इनमें से 45 व्यक्तियों ने 28 दिन का समय बिना किसी बीमारी के लक्षण के पूरा कर लिया है, लिहाजा उनमें कोरोना की कोई संभावना नहीं है। इनके अलावा 25 लोग जनपद से बाहर चले गए हैं, जबकि 26 लोग स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में हैं। स्वास्थ्य कर्मी रोजाना इनके घर पर जाकर इनके स्वास्थ्य पर नजर रख रहे हैं, जबकि इन 134 व्यक्तियों में से 38 व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग को मिले नहीं हैं। इन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा खोजा जा रहा है। इन लोगों से अपील भी की जा रही है कि वे प्रशासन से संपर्क करें। साथ ही उन्होंने बताया कि जनपद के प्रसिद्ध हैड़ाखान धाम में 61 विदेशी नागरिक रह रहे हैं। इनकी नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है। इनमें से किसी में भी कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिले हैं।
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रविवार की देर शाम एम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. हरीश थपलियाल ने पत्रकारों को बताया कि इटली से जनपद पौड़ी गढ़वाल के थाना लक्ष्मण़ झूला थाना क्षेत्र के एक रिसोर्ट में 28 फरवरी से आकर रह रही एक 34 वर्षीया महिला को रविवार सुबह यहां एम्स में संदिग्ध अवस्था में यहां लाया गया। वह तीन-चार दिन से कोरोना वायरस से संबंधित लक्षणों-खांसी, जुकाम और बुखार होने पर कोरोना वायरस का संदेह होने पर रविवार की सुबह एम्स के आइसोलेशन में भर्ती कराया गया है। से पीड़ित थी। इसके अलावा हरिद्वार से 21 वर्षीय एक युवक को भर्ती किया गया जो कि 9 फरवरी को दिल्ली गया था और वहां भीड़-भाड़ वाले इलाके में घूम कर लौटा था। जब वह वापस आया तो, उसमे कोरोना संबंधी लक्षण पाये गये थे, जिसके बाद उसे भी यहां लाया गया है। इसके अलावा एम्स में ही सीनियर रेजिडेंट के पद पर कार्यरत एक महिला चिकित्सक को भी यहां भर्ती कराया गया है। यह महिला चिकित्सक 1 मार्च को गुवाहाटी गई थीं और वह वहां होटल रेडिसन ब्लू में 3 दिन ठहरी थीं। वहां घूमने-फिरने के बाद वह ऋषिकेश वापस आ गईं। बताया जाता है कि जिस होटल में वह ठहरी थीं, वहां पहले से ही कोरोना वायरस के 2 पॉजिटिव मरीज भी ठहरे थे। उसके बाद डॉक्टर को भी एम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया गया। उनके सैंपल लेकर परीक्षण के लिए पुणे स्थित इंडियन वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट भेजे जा रहे हैं। सैंपल की रिपोर्ट आने तक उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा।
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इसके अलावा बैठक से पर्यटन नगरी के सभी होटल एवं पर्यटन व्यवसायियों से अपील की गई कि वे बाहर से आने वाले सैलानियों के प्रति सतर्कता बरतें तथा खासकर विदेशी एवं सर्दी-जुकाम जैसे कोरोना के लक्षणों वाले सैलानियों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराएं, ताकि उनके स्वास्थ्य की जांच की जा सके। उल्लेखनीय है कि पूर्व में जिला चिकित्सालय में कोरोना वायरस को लेकर एक मॉक ड्रिल भी की गई थी, तथा चिकित्सालय में कोरोना वायरस के मरीजो के लिए विशेष आइसोलेशन वार्ड में बनाया गया है।
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शासन के सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्कूलों को बंद करने की सलाह दी गई है। विभाग का तर्क है कि स्कूलों को बंद करने से बड़ी संख्या में बच्चों में वायरस के संक्रमण को फैसने से बचाया जा सकता है। दिल्ली में कुछ मामले सामने आने के बाद प्राथमिक विद्यालय पहले ही बंद किए जा चुके हैं। इसके बाद अब राज्य में स्कूलों को बंद करने की तैयारी है। शासन के सूत्रों ने बताया कि कोरोना की बढ़ती दहशत को देखते हुए होली के बाद स्कूलों को बंद किया जा सकता है।
कोरोना संक्रमण के कारण बायोमैट्रिक से छूट
नैनीताल। उच्च शिक्षा निदेशालय ने गत चार मार्च को प्रदेश के सभी राजकीय स्नातक व स्नातकोत्तर डिग्री कॉलेजों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में प्राध्यापकों व शिक्षणेत्तकर कर्मचारियों के साथ ही छात्र-छात्राओं की बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश दिये थे। अब उच्च शिक्षा निदेशालय ने शनिवार सात मार्च को आदेश जारी कर कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस आदेश में अगले आदेशों तक छूट देते हुए पूर्व की भांति उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश दिये हैं।
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डा. दुग्ताल ने इटली के नागरिकों का प्रारंभिक परीक्षण करने एवं बातचीत के बाद बताया कि करीब 50 से 60 की उम्र के महिला पुरुष इटली के नागरिक गत 13 फरवरी को इटली से मुंबई एयरपोर्ट आए, जहां उनकी कोरोना को लेकर जांच हुई थी। होटल में दोनों स्वस्थ एवं बिना किसी समस्या के आपस मंे बातें करते व चाय पीते मिले, और उनमें किसी तरह का संक्रमण नहीं दिखा। लिहाजा कोई डर न फैले, इसलिए उनके किसी तरह के नमूने भी नहीं लिये गए। अलबत्ता, उन पर आगे भी नजर रखी जाएगी।
जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. केएस धामी ने कहा कि पुलिस की सूचना पर उनकी सामान्य जांचें की जा रही हैं। अभी दोनों में कोरोना के प्रारंभिक लक्षण पाये जाने की कोई सूचना नहीं है। मल्लीताल कोतवाल अशोक कुमार सिंह ने कहा कि वे हवाई जहाज से गत दिनों भारत आए हैं। जहां निश्चित ही उनकी स्वास्थ्य जांच की गई होगी। फिर भी ऐहतियात के तौर पर उनके बारे में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी गई।
गौरतलब है कि वर्तमान में चीन के बाद इटली में कोरोना के सर्वाधिक संक्रमण की खबरें हैं और भारत में भी इटली के 15 नागरिकों के कोरोना संक्रमित नागरिकों का उपचार चल रहा है। इस आधार पर पुलिस प्रशासन इस मामले में अधिक सतर्कता बरत रहा है।
जिला चिकित्सालय में की गई कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल
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नवीन समाचार, नैनीताल, 6 मार्च 2020। कोरोना वायरस को लेकर जनपद एवं प्रदेश में अफवाहों का बाजार गर्म है। अफवाहें फैलाने में निचले स्तर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी पीछे नहीं। ऐसी अफवाहों से लोग घबराए हुए हैं। स्कूलों से मास्क और सेनेटाइजर मंगाए जा रहे हैं। लोग सेनेटाइजर लेने भाग रहे हैं, परंतु मांग ऐसी है कि मास्क व सेनेटाइजर बाजार से गायब हो गए हैं। हल्द्वानी से लेकर देहरादून में कभी एक तो कभी तीन लोगों को कोरोना का संक्रमण होने की अफवाहें फैली हैं। देहरादून में तो दून मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष पर ऐसी ही अफवाह फैलाने का आरोप लगा है। उन्हें इस मामले में लिखित मांफी भी मांगनी पड़ी है। वहीं स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा है।
हमारी कोशिश होगी कि हम इस तथा सभी मामलों में सिर्फ पुष्ट खबरें ही देंगे। यहां हम स्पष्ट कर दें कि अभी तक प्रदेश में किसी भी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि नहीं हुई है। हल्द्वानी में जापान से आए युवक के हल्की खांसी होने पर नमूने जरूर लिए गए हैं, परंतु उसे कोरोना संक्रमण होने की जांच मंे पुष्टि नहीं हुई है, और वह किसी अस्पताल में भर्ती नहीं है, बल्कि अपने घर पर ही ऐहतियात बरतकर अलग रह रहा है। शासन, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग खासकर विदेशों से आए लोगों पर नजर रखे हुए हैं। उन्हें 28 दिन के लिए अलगाव में रखा जा रहा है और पूरी हिदायत बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग कह रहा है हर सर्दी, जुकाम, बुखार कोरोना संक्रमण नहीं है। घबराएं नहीं, लेकिन ऐहतियात बरतें। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने, किसी से भी हाथ मिलाने से बचें। बेहतर है कि भारतीय संस्कृति के अनुसार हाथ जोड़कर अभिवादन करें। बिना हाथ धोए आंख, नाक, मुंह, कान आदि में हाथ न डालें। गर्म पानी से गरारा करें।
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-जनपद में कोरोना के संक्रमण के खिलाफ चलेगा जागरूकता अभियान
नवीन समाचार, नैनीताल, 5 मार्च 2020। जनपद में वैश्विक चिंता के कारण बने कोरोना के संक्रमण के खिलाफ विभिन्न स्तरों पर जागरूकता अभियान चलाये जाएंगे। बृहस्पतिवार को इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की जनपद स्तरीय बैठक में इस पर गहनता से चर्चा हुई। बैठक के बाद जिले की सीएमओ डा. भारती राणा ने बताया कि राज्य स्तर से जनपद में 26 लोगों के जापान, आस्ट्रेलिया आदि देशों से आने की सूचना मिली थी। इनमें से केवल एक को हल्की खांसी को छोड़कर अन्य 25 में कोरोना के संक्रमण के कोई लक्षण नहीं पाए गए थे। फिर भी इन सभी को गहन जांच में रखा गया। इनमें से 18 को अब आये हुए 28 दिन से अधिक का समय हो गया है, और ये अब भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं, इसलिए इन्हें कोरोना संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। अन्य को भी 20 से अधिक दिन हो गए हैं। केवल खांसी वाले जापान से आए एक मरीज को 18 दिन हुए हैं। वह मंगल व बुधवार को सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए आया था। उसकी जांचें की गईं। उसे भी कोरोना के संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। वर्तमान में सुशीला तिवारी अथवा जनपद के किसी भी अस्पताल में एक भी कोरोना प्रभावित मरीज भर्ती नहीं है। इसलिए डरने की जरूरत नहीं है।
सिर्फ इतना करें और कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित होवें
सीएमओ डा. भारती राणा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से घबराने के बजाय बचने के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने पर नाक पर सामान्य मास्क पहनने, लोगों से हाथ न मिलाने व खासकर हाथों को बिना धोए अपने मुंह, नाक, कान, आंख व गुप्तांगों जैसे भीतर को खुले अंगों छूने-रगड़ने से बचना चाहिए। बताया कि जनपद में सभी बड़े अस्पतालों में कोरोना के संभावित मरीजों के लिए आइसोलेसन यानी अलगाव वार्ड बनाए गए हैं। साथ ही मोटाहल्दू के पांडे नवाड़ स्थित प्रयोग में नहीं आ रहे एएनएम प्रशिक्षण केंद्र को अलगाव केंद्र के रूप में विकसित करने की कार्रवाई भी प्रारंभ की जा रही है। वहीं बैठक में उन्होंने विभाग की पूर्व से चल रही गतिविधियों, विभिन्न योजनाओं व बैठकों के दौरान कोरोना की जागरूकता फैलाने के निर्देश दिये गए। बैठक में एसीएमओ डा. रश्मि पंत, डा. एमएस दुग्ताल, जिला कार्यक्रम अधिकारी मदन मेहरा सहित बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
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नवीन समाचार, रानीखेत, 28 फरवरी 2020। अल्मोड़ा जनपद के ताड़ीखेत ब्लाक के दो गांवों-कनार व बजोल में 83 लोगों के डायरिया की चपेट में आने की चिंताजनक खबर है। स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिली कि पीड़ितों को जी मिचलाने की साथ ही उल्टी और पेचिश हो रही है। इससे विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में ताड़ीखेत स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सकों की टीम को प्रभावित गांवों में भेजा गया। चिकित्सकों ने गांवों में पहुंचकर पीड़ितों को आवश्यकीय चिकित्सा सुविधा प्रदान की। चिकित्सकों ने दावा किया है कि पीड़ितों की स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है और स्थिति नियंत्रण में आ गई है। दो गांवों में डायरिया के संक्रमण के कारणों की भी पड़ताल की जा रही है, और अन्य लोगों को भी डायरिया का संक्रमण न फैले इस हेतु दोनों एवं आसपास के गांवों के पानी की जांच की जा रही है। बताया गया है कि कनार में 39 व बजोल में 44 लोग डायरिया से पीड़ित हुए है। बताया गया है कि दोनों गांवों के लोग एक ही स्थानीय स्रोत का पानी पीने के लिए प्रयोग करते हैं। इस स्रोत के पानी के नमूने लेने के साथ ही स्रोत के आसपास साफ सफाई कर दी गई है तथा स्रोत के पानी की टंकी में ब्लीचिग पावडर डालने के साथ ही ग्रामीणों को घर-घर जाकर क्लोरीन की गोलियां वितरित कर दी गई हैं।
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-ढाबे-रेस्टोरेंट में बार-बार प्रयोग से जहरीले हो रहे तेल में तले जा रहे पकौड़े, समोसे आदि
नवीन समाचार, नैनीताल, 20 फरवरी 2020। होटलों-ढाबों में अक्सर पूरे दिन एक ही खाद्य तेल से पकौड़े, समोसे, जलेबी आदि तले जाते हैं। तेल जलकर कम हो जाने पर उसी में नया तेल भर दिया जाता है। जनपद के खाद्य सुरक्षा अधिकारी अश्विनी कुमार सिंह का कहना है कि तीन बार से अधिक तलने अथवा तीन-चार घंटे तक प्रयोग किये जाने पर खाने का तेल जहरीला हो जाता है। इससे मानव शरीर में लीवर सहित शरीर के कई अंगों में समस्याएं आ सकती है। ढाबे-रेस्टोरेंट वालों को चाहिए कि वे तेल के काले पड़ते ही उसे हटा देना चाहिए। भारत सरकार ने दूषित तेल का उपयोग रोकने के लिए ‘रूका’ यानी भोजन पकाने के तेल के उपयोग के लिए योजना शुरू की है, जिसके तहत तय एजेंसी ऐसा दूषित तेल जैव ईधन बनाने के लिए खरीद लेती हैं।
श्री सिंह ने बताया कि सामान्य तेल का टीपीसी मापन 10 फीसद से कम होता है और जलने पर बढ़ता जाता है। 25 फीसद से अधिक टीपीसी होने पर जले तेल का प्रयोग मानव जीवन के लिए खतरनाक है। टीपीसी मापने के लिए पहली बार राज्य सरकार द्वारा 40 हजार मूल्य का उपकरण उपलब्ध कराया गया है। इस उपकरण से जनपद के ज्योलीकोट, दोगांव, भुजियाघाट आदि स्थानों के ढाबों व रेस्टोरेंटों में प्रयोग किये जा रहे तेल की जांच की गई। जांच में अधिकांश जगह दूषित तेल प्रयोग किया जाता पकड़ा गया। पहली बार जागरूकता के दृष्टिकोण से होटल-ढाबे वालों को संबंधित जानकारियंा देकर जागरूक किया गया। आगे से कार्रवाई की जाएगी। शीघ्र नैनीताल मुख्यालय एवं अन्य स्थानों पर भी ऐसे ही अभियान चलाए जाएंगे।
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आज की व्यस्त लाइफस्टाइल में घंटों- घंटों बैठना आम बात है. दिन में नौ-नौ घंटे ऑफिस में लोग एक ही मुद्रा में बैठे रहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं? लोगों के बैठने की ये आदत उन्हें बीमार कर रही हैं. उन्हें तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आइए जानते हैं कौन-कौन सी हो रही हैं दिक्कतें ?
दरअसल एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर भारी दबाव पड़ सकता है.
इसके अलावा, टेढ़े होकर बैठने से रीढ़ की हड्डी के जोड़ खराब हो सकते हैं और रीढ़ की हड्डी की डिस्क पीठ और गर्दन में दर्द का कारण बन सकती है.
लंबे समय तक खड़े रहने से भी स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है.
दरअसल शरीर को सीधा रखने के लिए बहुत सारी मांसपेशियों की ताकत की आवश्यकता होती है. लंबे समय तक खड़े रहने से पैरों में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है और रक्त के प्रवाह में रुकावट आती है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 20 जनवरी 2019। कहते हैं कि आंखे हमारे दिल का आईना होती है। हम अपने चेहरे के हाव-भाव से तो हर बात को छिपा सकते हैं, लेकिन हमारी आंखें हमेशा सच बोलती हैं। चाहें हम दुखी हो या खुश हमारी आंखें उसे बयां कर ही देती है। इसके अलावा अगर हमारी सेहत ठीक नहीं है तो भी इसका असर आंखों पर दिखाई दे जाता है। अक्सर बीमार होने पर लोगों की आंखों का रंग बदलने लगता है। हालांकि यह पता लगाना मुश्किल होता है कि किसी गंभीर बीमारी के संकेत तो नहीं है। आज हम आपको आंखों से जुड़ी कुछ ऐसी ही दिलचस्प चीजें बताने ज रहे हैं जिन पर गौर कर आप पता कर सकते हैं कि यह किस बीमारी की ओर ईशारा हो सकता है।
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नवीन समाचार, नैनीताल 19 जनवरी 2019। जल ही जीवन है यह वाक्य तो आपने कई बार सुना होगा। किताबों और दीवारो पर लिखा हुआ देखा होगा। पानी के बिना इस धरती पर जीना बहुत मुश्किल होता है। सभी जानते हैं पानी पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसा समय पानी पीने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है।
जब आप सुबह उठते है तो उस समय आपको हल्का गुनगुना पानी घूँट घूँट करके पीना बहुत जरूरी है। इससे आपके मुंह में बनी रात भर की लार आपके अंदर चली जाती है और पाचन सही होता है साथ में शौच भी बेहतर होती है।
दोपहर के खाने से आधे घंटे पहले जितना मन हो उतना पानी पीना बहुत आवश्यक है लेकिन पियें जरूर। इससे आपके पेट में भूख बढ़ती है। खाना खाने के एक घंटे बाद आप पानी पियें और जितना पी सकते है उतना पियें लेकिन एक घंटे बाद ही। इस समय पानी पीना बहुत आवश्यक है।रात को सोने से आधे घंटे पहले आपको पानी पीना बहुत आवश्यक है। इससे आपके शरीर को भोजन पाचन की इक्श्मता मिलती है। यह बहुत जरूरी है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 14 जनवरी 2019। उत्तराखंड में इसी माह से हेली एंबुलेंस सेवा शुरू हो सकती है। सरकार सिविल एविएशन कंपनी को कार्य आवंटित कर 26 जनवरी से इस सेवा का शुभारंभ करने की तैयारी में है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदेश को हेली एंबुलेंस सेवा के लिए पांच करोड़ का बजट स्वीकृत है। उधर, स्थायी रूप से सेवा शुरू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हेली एंबुलेंस सेवा का ट्रायल करने के बाद सरकार शीघ्र ही इस सेवा को शुरू करने जा रही है। हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने में उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा। इस सेवा के शुरू होने से प्राकृतिक आपदा व अन्य दुर्घटनाओं में घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा। एक या दो स्ट्रेचर की क्षमता वाले एयर एंबुलेंस से इस सेवा को प्रदेश में शुरू किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बजट उपलब्ध होने से सरकार का प्रयास है कि इसी माह से प्रदेश में हेली एंबुलेंस को शुरू किया जाए। आगामी वित्तीय वर्ष में एंबुलेंस सेवा का विस्तार किया जाएगा और चारधाम यात्रा के दौरान भी एंबुुलेंस की सेवा उपलब्ध होगी। उधर, सचिव स्वास्थ्य नितेश कुमार झा का कहना है कि हेली एंबुलेंस सेवा के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। 26 जनवरी से प्रदेश में इस सेवा को शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बजट स्वीकृत है। एक बार प्रदेश में यह सेवा शुरू हो जाती है तो आगामी वित्तीय वर्ष से इसमें और सुधार किया जाएगा। प्रदेश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना होने से हेली एंबुलेंस सेवा का इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे कम समय में घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।