फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के आधार पर पूरी उम्र नौकरी कर 57 वर्षीय शिक्षक सेवानिवृत्ति के मौके पर गिरफ्तार

नवीन समाचार, रुड़की, 7 फरवरी 2025 (57 Year Teacher arrested for Fake Certificates)। उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद में फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के आधार पर पूरी उम्र सरकारी विद्यालय में सेवा देने वाले एक 57 वर्षीय शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शिक्षक को चार माह पूर्व शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया था। अब पुलिस ने उसे रुड़की से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जांच में सामने आया कि उसका इंटरमीडिएट का प्रमाणपत्र फर्जी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य शिक्षाधिकारी धर्म सिंह रावत ने आठ जनवरी 2025 को गोपेश्वर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि शिव कुमार सैनी ने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की। शिव कुमार राजकीय प्राथमिक विद्यालय मेहलचौरी, गैरसैंण ब्लॉक में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत था। शिकायत के आधार पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार के निर्देश पर आरोपित शिक्षक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित की गई। जांच में शिव कुमार के गंगनहर रुड़की क्षेत्र में रहने की जानकारी मिली। पुलिस ने पांच फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया। गोपेश्वर थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह ने बताया कि फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के आधार पर मिली नौकरी के दौरान अर्जित संपत्ति की भी जांच की जा रही है।
16 वर्ष तक सेवा, अब सेवानिवृत्ति से पहले जेल (57 Year Teacher arrested for Fake Certificates)
57 वर्षीय शिव कुमार सैनी, निवासी शिवपुरम, पनियाला रोड, कोतवाली गंगनहर, रुड़की, जिला हरिद्वार, वर्ष 2008 में प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त हुआ था। इतने वर्षों तक उसने नौकरी जारी रखी, लेकिन अब जब उसकी सेवानिवृत्ति में केवल तीन वर्ष शेष थे, तब उसके शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन हुआ और फर्जी पाए जाने पर वह पुलिस गिरफ्त में आ गया।
शिव कुमार सैनी 16 वर्षों तक चमोली जिले में सेवा देता रहा। शिक्षा विभाग को उसके प्रमाणपत्रों के सत्यापन में इतने वर्ष लग गए। सत्यापन के बाद बीते नवंबर में विभाग ने उसे निलंबित किया। विभागीय जांच में सामने आया कि आरोपित का वर्ष 1989 का इंटरमीडिएट प्रमाणपत्र फर्जी है। इसके बाद उसने स्नातक और बीएड की डिग्री लेकर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की।
मुख्य शिक्षाधिकारी धर्म सिंह रावत ने बताया कि प्रमाणपत्रों की जांच में यह पुष्टि हुई कि 12वीं की डिग्री फर्जी होने पर उसके बाद के स्नातक व बीएड सहित अन्य प्रमाणपत्र भी अमान्य हो जाते हैं। नवंबर 2024 में शिव कुमार को शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद जनवरी 2025 में उसके विरुद्ध थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।
अब पुलिस द्वारा शिव कुमार की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की जांच भी की जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का समय-समय पर सत्यापन किया जाएगा। (57 Year Teacher arrested for Fake Certificates)
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