December 23, 2025

पहली बार 63 शिक्षक काउंसिलिंग के आधार पर सुगम से दुर्गम के विद्यालयों में स्थानांतरित

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नवीन समाचार, हरिद्वार, 19 जुलाई 2024 (First time teachers transferred by Counseling)। कुमाऊं मंडल में माध्यमिक शिक्षा के अंर्तगत एलटी संवर्ग के सहायक अध्यापकों के अनिवार्य एवं पांच श्रेणियों में अनुरोध के आधार पर स्थानान्तरणों को लेकर शुक्रवार से 5 दिवसीय काउन्सलिंग प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी है। इस प्रक्रिया के तहत राजकीय बालिका इंटर कालेज नैनीताल के सभागार में कुमाऊँ मंडल के अपर निदेशक-माध्यमिक शिक्षा लीलाधर व्यास के नेतृत्व में सामान्य एवं महिला श्रेणी के लगभग 1500 शिक्षकों को अनिवार्य एवं 5 श्रेणियों में उनके गुणांक एवं उपलब्धता के आधार पर पद स्थापित विद्यालय आवंटित किये गये।

(First time teachers transferred by Counseling) काउंसिलिंग के बाद स्थानांतरित शिक्षकों को स्थानांरण आदेश देते माध्यमिक शिक्षा निदेशक।
काउंसिलिंग के बाद स्थानांतरित शिक्षकों को स्थानांरण आदेश देते माध्यमिक शिक्षा निदेशक।

अपर निदेशक श्री व्यास ने बताया कि सुगम से दुर्गम एवं दुर्गम से सुगम के विद्यालयों में लंबे समय से जमे शिक्षकों में से 15 प्रतिशत के एवं पति-पत्नी, विधवा, तलाकशुदा, परित्यकता एवं वरिष्ठ कार्मिक की श्रेणियों के दुर्गम से दुर्गम तथा सुगम से दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में अनुरोध के आधार स्थानांतरण किये जा रहे हैं। पहले दिन बुलाये गये 152 में से 63 क्षिक्षकों को विद्यालय आवंटित किये गये।

काउन्सलिंग प्रक्रिया में जिला शिक्षा अधिकारी अल्मोडा सीएस विष्ट, पीएस जंगपागी, अंशुल बिष्ट, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मनोज कुमार भट्ट निधि रावत, जगमोहन रौतेला, ललित उपाध्याय, मनोज भट्ट संजय रौतेला, अनुपम दुबे के अलावा राजकीय शिक्षक संघ के मंडलीय अध्यन डॉ. गोकुल मतोलिया, मंत्री रविशंकर गुसाई, कृष्णा बिष्ट, नमिता पाठक, प्रवीण रावत व जगदीश बिष्ट आदि मौजूद रहे।

दूरस्थ जनपदों के दुर्गम विद्यालयों के शिक्षकों से रिक्त होने की संभावना (First time teachers transferred by Counseling)

नैनीताल। पहली बार काउंसिलिंग के माध्यम से हो रहे अनिवार्य श्रेणी के अंतर्गत आ रहे तथा पांच श्रेणियों में अनुरोध के आधार पर हो रहे स्थानांरणों से जहां स्थानांतरित हो पा रहे शिक्षकों के चेहरे खिल रहे हैं, वहीं अपेक्षित विद्यालय न मिल पा रहे शिक्षक दुःखी भी हो रहे हैं। वहीं इस प्रक्रिया से पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों के दुर्गम विद्यालयों के शिक्षकविहीन होने की संभावना भी उत्पन्न हो गयी है।

क्योंकि ऐसे विद्यालयों के शिक्षक नैनीताल, ऊधमसिंह नगर जैसे पर्वतीय जनपदों के दुर्गम विद्यालयों में आ रहे हैं, लेकिन उन विद्यालयों में जाने को कम ही शिक्षक तैयार हैं। इसके अलावा सुगम विद्यालयों से शिक्षक हटने को तैयार नहीं हैं। बताया गया है कि सुगम के विद्यालयों में 20 से 25 वर्षों से भी शिक्षक जमे हैं, फिर भी अधिनियम के अनुसार इनमें से केवल 15 प्रतिशत शिक्षकों के ही अनिवार्य स्थानांतरण किये जाने हैं। (First time teachers transferred by Counseling)

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