⚕️ उत्तराखंड में अपंजीकृत चिकित्सकों व अवैध नशा मुक्ति केंद्रों पर कसेगा शिकंजा, हर जिले में होंगी जांच टीमें

नवीन समाचार, देहरादून, 11 जुलाई 2025 (Unregistered Doctors and De-addiction Centres)। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता और जनहित को ध्यान में रखते हुए धामी सरकार ने दो बड़े मोर्चों पर एक साथ कार्यवाही तेज कर दी है। पहला, बिना पंजीकरण या नवीनीकरण के प्रैक्टिस कर रहे चिकित्सकों पर सख्ती और दूसरा, अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति केंद्रों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई।
❗ बिना पंजीकरण कर रहे चिकित्सकों की सूची बनेगी
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने-अपने जिलों में प्रैक्टिस कर रहे सभी चिकित्सकों की सूची बनाकर उनके प्रमाणपत्रों की जांच करें। यह आदेश नेशनल मेडिकल कमीशन अधिनियम-2019 के अंतर्गत जारी किया गया है, जिसके अनुसार बिना वैध पंजीकरण के चिकित्सा सेवा देना अपराध की श्रेणी में आता है।
स्वास्थ्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना पंजीकरण प्रैक्टिस करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के पीछे उद्देश्य जनस्वास्थ्य की रक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में फर्जीवाड़े पर रोक लगाना है।
चिकित्सा परिषद को भी निर्देश दिए गए हैं कि अपंजीकृत या नवीनीकरण न कराने वाले चिकित्सकों की सूची सार्वजनिक की जाए और प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। आदेश की अनदेखी करने पर संबंधित चिकित्सकों के विरुद्ध नोटिस जारी कर सेवा से पृथक करने की कार्रवाई की जाएगी।
🚫 अवैध नशा मुक्ति केंद्रों पर होगी बड़ी कार्रवाई
राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार अवैध नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ भी सख्त अभियान शुरू किया गया है। हर जिले में निरीक्षण टीमों का गठन किया जाएगा, जो नियमित रूप से केंद्रों की मानव संसाधन, पुनर्वास सेवाओं, चिकित्सकीय व्यवस्थाओं और वैध पंजीकरण की जांच करेंगी।
जिन केंद्रों का संचालन बिना पंजीकरण या न्यूनतम मानकों के विरुद्ध हो रहा है, उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा, और आर्थिक दंड के साथ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।
🧠 मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण पर भी जोर (Unregistered Doctors and De-addiction Centres)
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को सुधारने की दिशा में ठोस योजनाएं बनाई जाएंगी। जनजागरूकता अभियानों के ज़रिए ग्राम स्तर से लेकर शहरी क्षेत्रों तक नशा मुक्ति और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति चेतना फैलाने का निर्णय लिया गया है।
सचिवालय में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शिखा जंगपांगी, संयुक्त निदेशक डॉ. सुमित बरमन और सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
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डॉ.नवीन जोशी, पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय, ‘कुमाऊँ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की डिग्री प्राप्त पहले और वर्ष 2015 से उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। 15 लाख से अधिक नए उपयोक्ताओं के द्वारा 150 मिलियन यानी 1.5 करोड़ से अधिक बार पढी गई आपकी अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ के संपादक हैं, साथ ही राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्थान समाचार आदि समाचार पत्र एवं समाचार एजेंसियों से भी जुड़े हैं। देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) उत्तराखंड’ के उत्तराखंड प्रदेश के प्रदेश महामंत्री भी हैं और उत्तराखंड के मान्यता प्राप्त राज्य आंदोलनकारी भी हैं।











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