नवीन समाचार, देहरादून, 29 जनवरी 2024 (Mausam)। सूखे की मार झेल रहे उत्तराखंड में मौसम विभाग ने जनवरी महीने के आखिर और फरवरी की शुरूआत में हल्की बारिश का अनुमान जताया है। यह समाचार सूखी सर्दियों के बीच एक सुखद समाचार है।
मौसम विभाग के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह के अनुसार 30 जनवरी को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में कहीं कहीं हल्की से बहुत हल्की बारिश हो सकती है जबकि 31 जनवरी और एक फरवरी को प्रदेश के सभी जनपदों में हल्की से सामान्य बारिश होने की संभावना बन गयी है।
डॉ. सिंह के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार सभी जिले शामिल है, जहां हल्की से बहुत हल्की अथवा हल्की से सामान्य बारिश हो सकती है।
उन्होंने बताया कि इसके अगले दो दिनों में यानी दो और तीन फरवरी को बारिश में कमी रहेगी, लेकिन बारिश की संभावना बनी हुई है। जबकि 30 जनवरी से लेकर एक फरवरी तक तीन हजार मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बहुत हल्की बर्फबारी होने की संभावना भी बनी हुई है।
पहाड़ों पर धूप किसी त्योहार की तरह होती है साहब, क्योंकि राज साहब भी लता दीदी से कहलवा गये हैं, हुस्न पहाड़ों का, यहां बारों महीने, मौसम जाड़ों का। ऐसे मौसम में और खासकर जब बारिश-बर्फबारी की ठंडी रातों के बाद सुबह की गुनगुनी धूप खिलती है तो बकौल लता दीदी ही, जाड़ों की नर्म धूप और आंगन में लेटकर, दिल सुकून प्राप्त करता है। पहाड़ों में लोग रहने को सनी साइड का घर देखते हैं। सुबह से लेकर दिन और शाम की आखिरी किरण तक घाम तापते हैं।
देश-दुनिया से आये साल भर धूप झेलने वाले लोग भी नैनीताल के तल्लीताल डांठ और फ्लैट्स मैदान की सीढ़ियों पर धूप का मजा लेने से बच नहीं सकते। कहते हैं गांधी जी भी यहां धूप तापने ही उधर मुंह करके खड़े हैं। झील में परिंदे भी सुबह-सुबह धूप तापने निकल पड़ते हैं। धूप खिलती है तो बच्चे चहचहाते हैं, लोग रंगबिरंगे कपड़े बाहर तान देते हैं। बड़ी-मुंगौड़ी सुखाते हैं। कुल मिलाकर साहब पहाड़ों की धूप त्योहार की तरह ही होती है।
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यह भी पढ़ें : इस वर्ष बर्फबारी-शीतकालीन वर्षा क्यों नहीं हुई, और आगे कैसा रहेगा मौसम (Mausam) ? मौसम विभाग ने बताया…
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 26 जनवरी 2024। दिल्ली, उत्तराखंड, हिमांचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर सहित पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। लेकिन जहां इस समय उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ बर्फ से ढके रहते थे, वहां आज दूर-दूर तक बर्फ दिखाई नहीं दे रही है। पहाड़ बिल्कुल सूखे पड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि 1 जनवरी से 26 जनवरी तक उत्तर पश्चिम भारत के छह राज्यों में बारिश नहीं हुई है। खासकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सामान्य से 99 प्रतिशत कम बारिश हुई है, और अन्य राज्यों में भी नहीं के बराबर बारिश हुई है। राजस्थान में 88 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 73 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई है। इन स्थितियों की वजहों का खुलासा देश के मौसम (Mausam) विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने किया है।
श्री महापात्रा ने कहा कि इस साल कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बहुत कम बर्फबारी हुई है। इसका मुख्य कारण यह है कि इस क्षेत्र में सामान्यतः शीतकाल में दिसंबर और जनवरी के दौरान उत्तर पश्चिम भारत 5 से 7 सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, जबकि इस वर्ष दिसंबर 2023 और जनवरी 2024 में केवल एक-एक विक्षोभ ही हैं। इनका प्रभाव भी मुख्य रूप से गुजरात, उत्तरी महाराष्ट्र, पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश तक ही सीमित था।
यहां बता दें कि पश्चिमी विक्षोभ उष्णकटिबंधीय तूफान हैं, जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र से भारत की ओर आते हैं और ऊंचे पहाड़ों पर अधिकांश शीतकालीन बर्फबारी और निचली पहाड़ियों और मैदानी इलाकों में वर्षा लाते हैं। मौसम (Mausam) विभाग की ओर से बताया गया है कि भारत 1 अक्टूबर से 26 जनवरी के बीच 21 पश्चिमी विक्षोभों से प्रभावित हुआ है। इनमें से केवल चार विक्षोभ सक्रिय रहे हैं। यानी हर महीने में एक। यही कारण है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मानसून के बाद की बारिश सामान्य से बहुत कम हुई है।
पिछले तीन महीनों से बारिश नहीं होने के सवाल श्री महापात्रा ने कहा कि हमने कई शोधकर्ताओं के साथ मिलकर पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के डेटा का विश्लेषण किया है। विश्लेषण से पाया कि पिछले 50 सालों में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र यानी जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख में बारिश में कमी देखी गई है। यदि महीने के हिसाब से भी देखा जाए तो दिसंबर, जनवरी, फरवरी सहित अन्य महीनों में भी इस क्षेत्र में बारिश लाने वाले पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति और तीव्रता में गिरावट देखी गई है। इस कारण ही शीतकालीन वर्षा कम हो रही है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सर्दियों के महीनों के दौरान तापमान बढ़ रहा है। यदि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में दक्षिण से उत्तर की ओर देखा जाए तो तापमान 100 सालों में लगभग एक डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ रहा है, जबकि अन्य भागों में 100 सालों में 0.63 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ोतरी हो रही है। तीसरी खास बात यह है कि जब अल नीनो वर्ष होता है तो सर्दियों के मौसम (Mausam) में भी उत्तर भारत में तापमान बढ़ जाता है इसलिए ठंडे दिन और शीत लहर की स्थिति कम हो जाती है। इस साल भी शीतलहर की स्थिति काफी कम रही है।
पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधि में कमी का एक कारण भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में अल नीनो घटना भी है। गौरतलब है कि अल नीनो, दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) घटना का सामान्य से अधिक गर्म चरण है, जो दुनिया भर में मौसम (Mausam) संबंधी व्यवधानों का कारण बनता है, जिसमें भारत में सामान्य रूप से वर्षा की कमी और तापमान में वृद्धि शामिल है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने जुलाई 2023 में अल नीनो स्थितियों की व्यापकता की घोषणा की, जो वर्तमान में अपने चरम पर है।
क्या अलनीनो से भारत में सूखा आता है, इस सवाल के जवाब में महापात्रा ने कहा कि अलनीनो से वायुमंडलीय दबाव प्रभावित होता है। यही कारण है कि हिंद महासागर क्षेत्र में तापमान में वृद्धि भी देखी गई है। उन्होंने कहा कि मौसम (Mausam) विभाग ने पूर्व में ही दिसंबर में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में कम और जनवरी में भी सामान्य से कम बारिश होने की संभावना जतायी थी।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे के जलवायु वैज्ञानिक रघु मुर्तुगुड्डे ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ में कमी और वर्षा व बर्फबारी में कमी की प्रवृत्ति के अनुरूप है। अब तक जो सर्दी पड़ रही है, वह उत्तर-पश्चिम और उत्तरी भारत तक ही सीमित है, इसकी वजह अल नीनो ही है, लेकिन अरब सागर के गर्म होने से यह मुंबई तक भी पहुंच गई है।
आगे कैसा रहेगा मौसम (Mausam) ?
दिसंबर 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक पश्चिमी हिमालय में बर्फबारी और बारिश की कमी मार्च और अप्रैल में उत्तर-पश्चिम भारत में तेज गर्मी एवं मॉनसून से पहले भारी बारिश का कारण बन सकती है। इससे पिछले कुछ वर्षों से पहले से ही रबी की फसल के उत्पादन में कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में खाद्य असुरक्षा और बढ़ सकती है।
उत्तर पश्चिम भारत इस समय ठंडे दिनध्शीत लहर और घने कोहरे की स्थिति के दौर से गुजर रहा है। श्ठंडे दिनश् के दौरान अधिकतम तापमान (दिन का तापमान) सामान्य से काफी कम हो जाता है। श्शीत लहरश् के दौरान, न्यूनतम तापमान (रात का तापमान) सामान्य से काफी नीचे गिर जाता है। आईएमडी के अनुसार, ऐसा उत्तर भारत में तेज जेट स्ट्रीम हवाओं के कारण है। जेट स्ट्रीम वायुमंडल की ऊपरी परतों में पृथ्वी का चक्कर लगाने वाली हवाओं का एक बैंड है जो वायुमंडल की निचली परतों में मौसम की स्थिति पर प्रभाव डालता है।
मुर्तुगुड्डे के अनुसार, जेट स्ट्रीम में यह बदलाव अल नीनो से भी जुड़ा हो सकता है। आमतौर पर, अल नीनो घटना के दौरान, श्शीत लहरश् के दिन सामान्य से कम होते हैं और आईएमडी का कहना है कि ‘दिसंबर और जनवरी के दौरान शीत लहर के दिनों की कम संख्या’ रही है। वहीं, 11 जनवरी को वेदर एंड क्लाइमेट एक्सट्रीम्स जर्नल में प्रकाशित एक शोध पत्र से पता चलता है कि 1982 और 2020 के बीच अल नीनो वर्षों की तुलना में ला नीना वर्षों के दौरान शीत लहर की घटनाओं की आवृत्ति और अवधि अधिक थी।
ला नीना ईएनएसओ घटना का दूसरा चरण है और आम तौर पर भारत में ठंडा तापमान और अधिक वर्षा लाता है। भारत और ब्राजील के वैज्ञानिकों ने सामान्य और तीव्र शीत लहर की घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिन्हें उनकी तीव्रता के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। उन्होंने पाया कि तीव्र घटनाएँ आर्कटिक क्षेत्र में वार्मिंग से जुड़ी हुई हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, आर्कटिक क्षेत्र दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में बहुत तेजी से (तीन से चार गुना) गर्म हो रहा है। ऐसा मानवीय गतिविधियों के कारण वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की अधिकता के कारण हो रहा है। उत्तर भारत में ठंडे दिन और रातें जल्द ही खत्म हो सकती हैं। इसके बाद पहले उत्तर भारत में मार्च और अप्रैल की शुरुआती गर्मी की लहरें और फिर अल नीनो के कारण प्री-मॉनसून सीजन में भारी बारिश हो सकती है।
मुर्तुगुड्डे ने कहा, उन्हें आगे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि राज्यों के सामान्य स्थानों में लू चलने की उम्मीद है। लेकिन अरब सागर के गर्म होने के कारण उत्तर-पश्चिम में कुछ भारी प्री-मानसून बारिश होनी चाहिए। लेकिन उन्हें लगता है कि मार्च-अप्रैल में मुंबई सहित उत्तर-पश्चिम में गर्म हवाएं देखने को मिलेंगी।
राष्ट्रीय वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र और मौसम (Mausam) विज्ञान विभाग, रीडिंग विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम के शोध वैज्ञानिक अक्षय देवरस ने बताया कि पहाड़ी राज्यों के लिए पतझड़ निश्चित रूप से एक चिंताजनक बात है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बर्फ सौर विकिरण को प्रतिबिंबित करती हैं, जिससे भूमि की सतह को ठंडा रहने में मदद मिलती है। इस प्रकार, यदि फरवरी में बर्फबारी कम होती है तो पहाड़ी राज्यों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक हो सकता है।
देवरस ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि अल नीनो की उपस्थिति के कारण भारत में गर्मी का मौसम (Mausam) सामान्य से अधिक गर्म होने की संभावना है। ऐसा पहले भी हो चुका है। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधि गर्मी के मौसम (Mausam) में फिर से सक्रिय होती है या नहीं, क्योंकि इससे 2023 जैसे सामान्य गर्मी के मौसम की तुलना में अधिक गीला और ठंडा मौसम होगा।
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यह भी पढ़ें : (Mausam) नैनीताल से 3 डिग्री अधिक ठंडा रहा हल्द्वानी, आगे भी खराब ही रहेगा मैदानी क्षेत्रों का मौसम…
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 12 जनवरी 2024 (Mausam)। सर्दियों के मौसम में पहले पहाड़ के लोग भाबर के इलाके में आते थे, लेकिन बदली मौसमी परिस्थितियों में अब मैदानों में जहां सर्दियों के मौसम में हाड़ कंपाने वाला कोहरा छाया हुआ है, वहीं पहाड़ों पर अच्छी गुनगुनी धूप खिली हुई है।
यहां तक कि भाबर के मैदानी क्षेत्र में स्थित हल्द्वानी में पिछले चार दिनों से घना कोहरा छाया रहने की वजह से धूप के दर्शन नहीं हो पाये हैं, जबकि 1900-2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पर्वतीय नगरी नैनीताल में हल्द्वानी के दिन के तापमान 14 डिग्री के मुकाबले नैनीताल में दिन का तापमान 17 डिग्री सेल्सियस यानी 3 डिग्री अधिक बताया जा रहा है।
यह भी है कि नैनीताल में पिछले चार दिनों से तापमान लगातार बढ़ रहा है। यही नहीं इस वर्ष के 11 व 12 दिसंबर का तापमान पिछले पांच वर्षों का सर्वाधिक बताया गया है। गौरतलब है कि 2022 में आज के दिन अधिकतम व न्यूनतम तापमान 8 व 2 डिग्री सेल्सियस और अन्य वर्षों में 12 से 14 डिग्री अधिकतम व न्यूनतम तापमान 4 से 6 डिग्री रहा था।
दूसरी ओर बताया जा रहा है कि मैदानी क्षेत्रों पछुआ हवाओं की वजह से घने कोहरे के साथ जबर्दस्त गलन युक्त ठंड हो रही है। शाम तक कोहरा नैनीताल मार्ग पर दोगांव तक चढ़ आया। वहीं नैनीताल के हनुमानगढ़ी क्षेत्र से हल्द्वानी कीे ओर बादलों का समुंदर देखा जा रहा है। आगे मौसम विभाग ने 13 जनवरी तक नैनीताल, उधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल के मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे का यलो अलर्ट जारी किया है, और लोगों से सावधानी बरतनी की अपील की है।
बदले मौसम में नैनीताल जिले में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने जिले के मैदानी व ग्रामीण क्षेत्रों मे शीतलहर से बचाव हेतु मुख्य चौराहों व बस स्टैंड सहित जगह-जगह अलाव जलाने तथा रैनबसेरों में व्यवस्थायें सुधारने तथा असहायों को कंबल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
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यह भी पढ़ें : (Mausam) थर्टी फर्स्ट-नये वर्ष के स्वागत पर कहां मिल सकता है बर्फबारी का तोहफा ?
नवीन समाचार, नैनीताल, 29 दिसंबर 2023। नया साल आने वाला है और उत्तराखंड में मौसम (Mausam) ने करवट बदल ली है। शुक्रवार को पहाड़ों पर दिन में भी शीतलहर चलने एवं आसमान में बादलों की मौजूदगी के साथ ठंड बढ़ गई है। कई उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी भी हुई है।
नये वर्ष 2024 के अवसर पर ‘नवीन समाचार’ के माध्यम से अपने परिचितों, प्रेमियों, मित्रों को शुभकामना संदेश दें, मात्र 500-1000 रुपये में, संपर्क करें और अपना शुभकामना संदेश भेजें 8077566792 या पर।
यह मौसम (Mausam) पहाड़वासियों के लिये तो परेशानी वाला है, परंतु मानव स्वास्थ्य के साथ ही खेती-बागवानी और पहाड़ों की अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण धुरी पर्यटन के लिये बर्फबारी भी जरूरी है। सैलानी भी बर्फबारी का इंतजार करते हैं। इससे पहले क्रिसमस पर भी उत्तराखंड में भारी संख्या में आये पर्यटक बर्फबारी देखने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन इससे वंचित रह गए थे। ऐसे में अब उम्मीदें नये वर्ष पर बर्फबारी की हैं।
ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि पर्यटकों की नये वर्ष के स्वागत के मौके पर बर्फबारी देखने की मुराद कहां पूरी हो सकती है। उत्तराखंड के कई स्थानों पर नव वर्ष पर बर्फबारी होती रही है। इसलिये यहां इस वर्ष भी अभी से बदलने लगे मौसम (Mausam) के बीच बर्फबारी की उम्मीद और अधिक बढ़ गयी है।
मौसम (Mausam) विभाग की भी मानें तो उत्तराखंड में नये साल पर बर्फबारी हो सकती है। पर्यटक वर्तमान वर्ष की विदाई पर उत्तराखंड में बर्फबारी का आनंद उठा सकते हैं। मौसम (Mausam) विभाग ने 30 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी के लिए अलर्ट जारी किया है।
मौसम (Mausam) विभाग के अनुसार 30 दिसंबर को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा और नैनीताल में हल्की बारिश और तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है।
खासकर 31 दिसंबर की रात और एक जनवरी को भी इन पर्वतीय जिलों में बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में नये वर्ष के स्वागत के लिये उत्तराखंड आ रहे पर्यटक ‘थर्टी फर्स्ट’ पर बीत रहे साल की विदाई के आखिरी दिन और नये वर्ष 2024 के पहले दिन बर्फबारी का आनंद लेते हुये अपने उत्तराखंड आगमन को यादगार बना सकते हैं।
इस दौरान कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जनपद के मुन्स्यारी, अल्मोड़ा जनपद के बिन्सर, जागेश्वर, कौसानी, अल्मोड़ा व रानीखेत, नैनीताल जनपद के मुक्तेश्वर, बागेश्वर जनपद के लोहारखेत, कपकोट के साथ ही गढ़वाल मंडल में औली, हर्षिल, गोपेश्वर, चोपता आदि स्थानों पर बर्फबारी की उम्मीद की जा सकती है।
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यह भी पढ़ें : Mausam : अचानक दिन में छाया अंधेरा, सड़क-बिजली की लाइनों पर गिरे पेड़, विद्युत आपूर्ति बाधित…
नवीन समाचार, नैनीताल, 16 अक्टूबर 2023। मौसम (Mausam) विभाग की चेतावनी के साथ आसपास के पहाड़ों सहित पर्वतीय पर्यटन नगरी नैनीताल में मौसम (Mausam) ने डरावना रूप दिखाया। यहां सुबह से आसमान में रही बादलों की मौजूदगी के बीच दोपहर बाद अचानक दिन में ही अधेरा छा गया और आंधी-तूफान के साथ काले घने बादलों ने डरावने तरीके से आसमान के साथ कोहरे के रूप में नगर को भी अपने आगोश में ले गया। देखें वीडियो:
इस दौरान आंधी-तूफान के साथ ओले व बारिश गिरी। आंधी-तूफान से डीएसए मैदान में आगामी दुर्गा पूजा महोत्सव के लिये लग रहे मेले की दुकानों सहित कई जगह घरों की छतों के टिन उड़ गये और कई जगह पेड़ भी उखड़ गये। नैनी झील में नौकायें भी पलट गयीं। नगर की विद्युत आपूर्ति भी बुरी तरह से बाधित हो गयी।
इस दौरान नगर के अयारपाटा क्षेत्र में दुर्गा निवास के पास बिजली के तारों पर भी एक पेड़ गिरा। जब पेड़ गिरा तब क्षेत्र में पहले से ही बिजली नही थी। इस कारण बड़ा नुकसान बच गया। उधर हल्द्वानी-नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग-109 पर मुख्यालय से करीब 27 किमी दूर दोगांव के पास एक विशाल पेड़ गिर गया, इससे यातायात काफी देर तक बाधित रहा, और मौके पर दोनों ओर वाहनों का जाम लगा रहा। बाद में ज्योलीकोट चौकी पुलिस ने जेसीबी की मदद से पेड़ को हटवाया।
इसके अलावा मुख्यालय में भी बारिश के दौरान सेंट जोसफ कॉलेज से जिला कलक्ट्रेट-एसएसपी कार्यालय के पास एक ओर वाहनों के पहले से खड़े रहने व फांसी गधेरा से भी उल्टी दिशा से वाहनों के आने की वजह से दिन मे करीब 1.45 से 2.55 बजे तक जाम लगा रहा। बताया गया कि जाम में एक न्यायाधीश की गाड़ी भी फँसने के बाद कुछ पुलिस कर्मी पहुंचे और जाम खुलवाया गया।
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यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के मौसम (Mausam) का अगले दो-तीन दिन बिगड़ा रहेगा मौसम का मिजाज, बारिश-बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी..
नवीन समाचार, देहरादून, 14 अक्टूबर 2023। उत्तराखंड में अगले दो-तीे दिनों में मौसम (Mausam) में चौकाने वाले बदलाव होने जा रहे हैं। राज्य मौसम (Mausam) विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने इस बारे में मौसम (Mausam) की अपडेट के लिये बुलेटिन जारी किया है। देखें वीडियो:
श्री सिंह ने कहा है कि आज 14 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में मौसम (Mausam) साफ है, लेकिन 15 अक्टूबर को राज्य में एक पक्ष्चिमी विक्षोभ आ रहा है। इसकी वजह से 15, 16 व 17 अक्टूबर को राज्य के मौसम (Mausam) में बदलाव होने जा रहा है।
इसकी शुरुआत 15 की शाम-रात से राज्य में हल्की बारिश व ऊंचाई वाले उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग व बागेश्वर आदि जनपदों के 3500 मीटर या इससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी व अन्य क्षेत्रों में बारिश हो सकती है।
इसी तरह 16 को भी अनेक क्षेत्रों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश व बर्फबारी हो सकती है। 16 को इस पूरी गतिविधि का चरम रहेगा। वहीं 17 को बारिश-बर्फबारी की तीव्रता कम हो जायेगी और कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। इस दौरान 15 की रात्रि व 16 को बिजली के कड़कने व ओलावृष्टि हो सकती है। मौसम (Mausam) के इस बदलाव को पीले रंग में यानी येलो अलर्ट की श्रेणी में रखा गया है।
वहीं 18 से मौसम (Mausam) फिर से साफ हो जायेगा। अलबत्ता खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में दिन व रात्रि के तापमान में अंतर और ठंड बढ़ जायेगी। यह भी बताया कि चारधाम यात्रा में तापमान गिरेगा व ठंड बढ़ेगी। ऐसे में लोगों को स्वयं को ठंड से बचाने की अपील की गयी है।
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यह भी पढ़ें : नैनीताल Mausam : अगले दो दिन मौसम (Mausam) का रेड अलर्ट, जिला प्रशासन ने अधिकारियों-कार्मिकों को दिए सतर्क रहने के निर्देश
नवीन समाचार, नैनीताल, 22 अगस्त 2023। जनपद के अपर जिलाधिकारी फिंचा राम ने मौसम (Mausam) विभाग देहरादून के उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में 23 व 24 अगस्त के लिए रेड अलर्ट जारी करने के दृष्टिगत जनपद के समस्त अधिकारियों को अलर्ट पर रहने तथा अधीनस्थ कार्मिकों व संसाधनों को भी अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए हैं।
इस दौरान संबंधितों से विशेष रूप से जनपद में पेड़ों के गिरने से यातायात बाधित होने की संभावना के दृष्टिगत पेड़ों के गिरने पर उनके त्वरित निस्तारण के साथ सतर्कता बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही वर्षा के उपरांत बैराज, नदियों व नालों में तेज जल प्रवाह के दृष्टिगत संवेदनशील स्थानों में टीमें तैनात करने को भी कहा है।
इसके अलावा उन्होंने लोक निर्माण विभाग के समस्त खंडों को भूस्खलन से संवेदनशील मार्गों पर इस अवधि में जेसीबी मशीनों एवं गैंग कार्मिकों की तैनाती 24 गुणा 7 यानी चौबीसों घंटे सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए है।
साथ ही उन्होंने जिला, परगना, विकासखण्ड एवं संबधित क्षेत्र में अधिकारियों को अपने मुख्यालय पर बने रहने तथा अपने मोबाइल फोन ऑन रखने तथा प्रत्येक घंटे की आपदा संबधी सूचना तहसील कंट्रोल रूम एवं जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को 05942-231178-231179 तथा टोल फ्री नंबर 1077 पर आवश्यक रूप से उपलब्ध कराने को भी कहा है।
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यह भी पढ़ें Mausam : बारिश से परेशान हैं, लेकिन आंकड़े देख चौंक जाएंगे, सतझड़ तो बताया जा रहा मगर…
नवीन समाचार, नैनीताल, 11 अगस्त 2023 (Mausam)। मौजूदा दौर में हम अक्सर बिना आंकड़ों के 10-20-30 वर्षों के सर्दी, गर्मी या बरसात के रिकॉर्ड टूटने के समाचार पढ़ते हैं, लेकिन इन रिकॉर्डों को आंकिक तौर पर साफ-साफ नहीं बताया जाता कि पुराना रिकॉर्ड क्या था, और उपलब्ध था भी या नहीं। केवल अंदाजे के आधार पर आंकड़े टूटने की बात कही जाती है।
यह बात इसलिए कि नैनीताल में भी बहुत बारिश होने की बाद खासकर राष्ट्रीय स्तर के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इन दिनों भी पूरे जनपद में कहीं भी जल भराव या भूस्खलनों की खबरों को नैनीताल की बताकर प्रचारित किया जाता है, और इससे पर्यटन नगरी नैनीताल का पर्यटन प्रभावित होता है। यह भी पढ़ें : इस मौसम (Mausam) में घूमने निकलने की सोच रहे हों तो यहां जाएं, यहां बरसात भी होती है लाजवाब
इसलिए सीधे तौर पर जिला मुख्यालय यानी नैनीताल नगर और नैनीताल जनपद में इस अगस्त माह में हुई बारिश के आंकड़ों की बात करें तो 1 अगस्त को नगर में बारिश नहीं हुई थी, लेकिन इसके बाद दो अगस्त को नगर में 28.5 मिमी जबकि जनपद में सर्वाधिक 30 मिमी बारिश रामनगर में, 3 अगस्त को नैनीताल में 11 व जनपद में सर्वाधिक 30.6 मिमी बारिश रामनगर में,
(Mausam) 4 अगस्त को नैनीताल में 21 व जनपद में सर्वाधिक 46 मिमी बारिश कालाढुंगी में, 5 अगस्त को नैनीताल में शून्य व जनपद में सर्वाधिक 2 मिमी बारिश हल्द्वानी में हुई थी। इसी तरह 6 अगस्त को नगर में 7 मिमी, 7 को 71, 8 को 33, 9 को 100, 10 को 3, 11 को 21, 12 अगस्त को 20, 13 को 47 व 14 को 40 मिमी बारिश हुई है।
इस तरह नैनीताल नगर में मौजूदा अगस्त माह के 14 दिनों में 403 मिमी यानी औसतन 30 मिमी से कम बारिश और इस पूरे वर्ष में यानी 1 जनवरी 2023 से 14 अगस्त 2023 तक 1713 मिमी बारिश हुई हैं गौरतलब है कि नैनीताल नगर की औसत वर्षा औसत 2500 से 3000 मिमी है, जबकि 2015 में नगर में अधिकतम 4700 मिमी बारिश हुई थी।
इस प्रकार साफ है कि नैनीताल में इस वर्ष वर्षा औसत से भी करीब एक तिहाई कम हुई है। जनपद के अन्य हिस्सों के मुकाबले भी नगर में आम तौर पर कम बारिश हो रही है। अलबत्ता यह जरूर है कि नगर में इस माह 7 अगस्त से 14 अगस्त के बीच 10 अगस्त को छोड़कर हर रोज न्यूनतम 20 से अधिकतम 100 मिमी बारिश हुई है, और इस दौरान पूर्व की तरह सतझड़ जैसे हालात भी नजर आए हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 3 अगस्त 2023 (Mausam)। जनपद नैनीताल में जिला प्रशासन ने 2 अगस्त से 3 अगस्त के मध्य कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा होने तथा जनपद के समस्त पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा होने व नदियों, नालों, गधेरों में तेज जलप्रवाह की सम्भावना को देखते हुये गुरुवार 3 अगस्त को पहली से 12वीं कक्षा तक के समस्त विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों अवकाश की घोषणा कर दी थी। देखें वीडियो:
लेकिन आज गुरुवार को जिला मुख्यालय में सुबह से आसमान में हल्के बादलों की मौजूदगी के बीच धूप खिली हुई है। ऐसे में लोग राहत महसूस कर रहे हैं और बच्चों की छुट्टी का उपयोग कपड़ों को सुखाने व घरों की नमी दूर करने के लिए कर रहे हैं। देखें वीडियो ऐसी है नैनी झील की स्थिति:
ऐसे में हमारा फिर से कहना है कि बारिश की छुट्टी रात्रि में और सुबह मौसम देखकर क्षेत्र विशेष में की जाए। इससे अधिकांशतया छुट्टी घोषित होने पर धूप खिलने पर प्रशासन के प्रति बनने वाली हास्यास्पद स्थिति नहीं बनेगी और बच्चों की पढ़ाई का नुकसान भी नहीं होगा।
यहां स्पष्ट कर दें कि भारी वर्षा का अर्थ 24 घंटे में 64.5 से 115.5 मिमी एवं बहुत भारी वर्षा का अर्थ 115.6 से 204.4 मिमी होना बताया गया है।
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यह भी पढ़ें (Mausam) : दो दिन बाद हुए धूप के हुए दर्शन, फिर छाये बादल…
नवीन समाचार, नैनीताल, 2 अप्रैल 2023 (Nainital Weather Update)। सरोवर नगरी नैनीताल सहित आसपास के सभी पर्वतीय क्षेत्रों में लंबे समय बाद, व खासकर इधर दो दिन के बाद रविवार के दिन की शुरुआत धूप के साथ हुई, अलबत्ता बाद में बादल छा गए। यह भी पढ़ें : 22 साल की युवा यूट्यूब संचालक गायिका-गीतकार युवती फंदे से लटकी मिली, वजह डरावनी…! देखें आज सुबह-सुबह का नैनीताल का सुंदरतम नजारा :
उल्लेखनीय है कि नगर में पिछले दो दिनों से मौसम (Mausam) बेहद डरावना बना हुआ था। इस दौरान भयंकर ओलावृष्टि के साथ बेमौसम (Mausam) या कहें कि अपने मूल समय से करीब 3 माह बाद जोरदार बारिश हुई थी।
इससे पहले भी ऐसा आम तौर पर देखा जा रहा था कि खासकर सप्ताहांत पर रविवार को जब कामकाजी लोग इस पर्वतीय नगरी में धूप चाहते हैं, तब खासकर रविवार के दिन आसमान में बादलों की उपस्थिति से अच्छी धूप नहीं खिल पाती है। यह भी पढ़ें : 80 वर्षीय बूढ़ी महिला ने लगाया सौतेले पुत्र पर बलात्कार करवाने, बेटे को बलात्कार में फँसवाने और पुलिस पर सहयोग न करने का आरोप…
बहरहाल आज जिस तरह से धूप खिली, उसका काफी समय से इंतजार किया जा रहा था। लेकिन दोपहर से पहले ही आसमान में स्थानीय नमी के वाष्पीकरण से तैयार हुए बादल छा गए और फिर कमोबेश पूरे दिन एक-दो बार हल्की धूप के दर्शन होने के साथ आम तौर पर आसमान में बादल छाये रहे। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : (Mausam) : सरोवर नगरी सप्ताह भर के भीतर दूसरी बार ओलों की सफेद चादर से पटी
नवीन समाचार, नैनीताल, 31 मार्च 2023 (Uttarakhand Weather Update)। मौसम (Mausam) विभाग की चेतावनी को सही साबित करते हुए शुक्रवार को प्रदेश भर के साथ सरोवरनगरी नैनीताल एवं आसपास के क्षेत्रों में भी मौसम (Mausam) का मिजाज बिगडा रहा।
यहां तक कि पहले दिन में ही अंधेरा छा गया और फिर नगरी सप्ताह भर में दूसरी बार ओलों की सफेद चादर से पट गयी। इससे टिन की छतों वाले घरों में जमकर पानी आ गया। यह भी पढ़ें : राहुल गांधी के लिए उत्तराखंड से भी बुरी खबर, दर्ज हुआ मुकदमा देखें वीडियो:
इस दौरान जनजीवन भी बुरी तरह से प्रभावित रहा। स्कूली बच्चों से लेकर कामकाजी लोग भीगकर घर पहुंचे। ओलों की वजह से पैदल चलना भी मुश्किल रहा। वाहन भी रेंग-रेंगकर चलने को मजबूर रहे। इस तरह मौसम (Mausam) हर किसी के लिए आफत लेकर आया। पर इस बेमौसमी (Mausam) बरसात से नैनी झील के घटते जल स्तर को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। यह भी पढ़ें : नैनीताल मंडी में फलों की कीमतों में लगी आग
इससे पहले नगर में रात्रि से ही बारिश शुरू हो गयी थी और यह सिलसिला बीच में थोड़ी देर रुकने के साथ पूरे दिन जारी रहा। इस दौरान अपराह्न में दिन में ही नगर में अंधेरा छा गया और वाहन और घरों के बाहर भी लोग, जहां उपलब्ध रही, बिजली के बल्ब जलाये दिखे। इसके बाद जोरदार ओलावृष्टि हुई और कुछ ही देर में नगरी ओलों की चादर से पट गई।
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इस दौरान नगर में विद्युत आपूर्ति भी ठप रही। समाचार लिखे जाने तक भी आसमान बादलों से पूरी तरह से ढका हुआ है और रह-रहकर बिजली के कड़कने के साथ बारिश जारी है, और आगे भी बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम (Mausam) विभाग के अनुसार बारिश शनिवार को और तेज हो सकती है, तथा यह सिलसिला 4 अप्रैल तक जारी रह सकता है।
नगर में बीते 24 घंटों में अधिकतम तापमान 9 एवं न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियम रहा है। सुबह 8 बजे तक नैनीताल जनपद के धारी में सर्वाधिक 12 मिमी, बेतालघाट में 7 मिमी, नैनीताल में 6.5 मिमी और हल्द्वानी में 5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। बारिश से नैनी झील के जल स्तर के घटने पर भी रोक लगी है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 14 मार्च 2023। शीतकाल में शीतकालीन वर्षा व बर्फबारी के लिए तरसती रही सरोवरनगरी में वसंत ऋतु के आगमन के बाद मार्च माह में मंगलवार को मौसम (Mausam) का मिजाज बदला। यह भी पढ़ें :
इस दौरान नगर में डरावने से काले बादल बुरी तरह से आसमान में छा गए और अपराह्न पौने पांच बजे के आसपास कुछ देर के लिए बारिश और हल्की ओलावृष्टि हुई, और दिन में ही अधेरा छा गया। बाद में भी कई दौर में बारिश और ओलावृष्टि हुई।
आगे भी बारिश की संभावना की संभावना लग रही है। इस दौरान नगर में तापमान भी गिर गया, और लोग गर्म कपड़ों में सिमटते व अलाव का सहारा लेते भी देखे गए। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में बदला मौसम (Mausam) का मिजाज, होने लगी बारिश…
नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मार्च 2023। मौसम (Mausam) विभाग द्वारा जतायी गई संभावना को सही साबित करते हुए गुरुवार को सरोवरनगरी में मौसम (Mausam) का मिजाज बदल गया। नगर में अपराह्न करीब ढाई बजे से हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई है।
इससे पहले भी रात्रि में नगर में हल्द्वानी बारिश हुई थी और सुबह से नगर के आसमान में बादलों की मौजूदगी के साथ सूर्यदेव अपनी पूरी शक्ति धूप के रूप में नहीं दिखा पाए और शीतलहर चलने के साथ मौसम सर्द रहा। नगर में आगे भी हल्की वर्षा की संभावना लग रही है। यह भी पढ़ें :
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष नगर की सबसे ऊंची नैना पीक चोटी को छोड़कर शेष कहीं भी में हिमपात नहीं हुआ है। यही नहीं आसपास के क्षेत्रों में शीतकालीन वर्षा भी कमोबेश नहीं हुई है। ऐसे में हल्की बारिश को भी सकारात्मक एवं आशातीत तौर पर देखा जा रहा है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में खिली धूप के बीच चार जिलों में मौसम (Mausam) का अलर्ट
नवीन समाचार, देहरादून, 3 फरवरी 2023। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में खिली धूप के बीच डीजीआरआई यानी डिफेंस जियोइंफार्मेटिक रिसर्च इस्टेब्लिशमेंट चंड़ीगढ़ ने हिमालयी क्षेत्रों में एवलांच की आशंका जता कर चौंका दिया है और सतर्क कर दिया है।
इसके आधार पर राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र ने प्रदेश के चार जिलों में मौसम (Mausam) का अलर्ट जारी किया है। यह भी पढ़ें : हन्द्वानी में ठगों ने बैंक से ही कर डाली लाखों रुपए की धोखाधड़ी, दबोचे गए, एसएसपी ने की पुलिस टीम के लिए ईनाम की घोषणा…
अलर्ट के अनुसार उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्के हिमस्खलन की आशंका है। उल्लेखनीय है कि डीजीआरआई क्षेत्र विशेष में बर्फबारी व मौसम (Mausam) पर नियमित निगरानी रखता है। इसी के द्वारा उपलब्ध कराए गई जानकारी के आधार पर चेतावनी जारी की जाती है। यह भी पढ़ें : प्रशासनिक कार्यवाही: शहर में दुकानों से 12.5 कुंतल प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त, कई अवैध निर्माण ध्वस्त…
हालांकि मौसम (Mausam) विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में अभी सामान्य तौर पर मौसम (Mausam) शुष्क बने रहने के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता फिलहाल उत्तराखंड में नहीं है। पहाड़ से मैदान तक चटख धूप खिली रहने से तापमान में और वृद्धि हो सकती है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर समेत मैदानी क्षेत्रों में उथला कोहरा छाया रह सकता है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : बदला मौसम (Mausam) का मिजाज, बर्फबारी की संभावना
नवीन समाचार, नैनीताल, 24 जनवरी 2023। मौसम (Mausam) विभाग की चेतावनी को सही साबित करते हुए उत्तराखंड में सभी स्थानों पर मौसम (Mausam) का मिजाज बदल गया है। पहाड़ से लेकर मैदान तक शीतकालीन वर्षा का दूसरा दौर सोमवार रात्रि से ही शुरू गया है।
(Mausam) इस दौरान प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने लगी है या बर्फबारी की संभावना प्रबल हो गई है। यह भी पढ़ें : कोश्यारी ने जताई महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से हटने की इच्छा, अपनी भविष्य की इच्छा का भी किया खुलासा….
इधर, प्रकृति के स्वर्ग कही जाने वाली सरोवरनगरी नैनीताल में भी सुबह तड़के से रुक-रुक कर हल्की बारिश की फुहारें पड़ रही हैं, जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमकण भी गिरने के समाचार हैं। इससे सर्दी बढ़ गई है। लोग बाहर आने की जगह हिमपात की संभावना को देखते हुए बिस्तर पर ही रुकना पसंद कर रहे हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल ब्रेकिंग: जनपद में मौसम (Mausam) का ऑरेंट अलर्ट, डीएम ने कसे अधिकारियों के पेंच…
नवीन समाचार, नैनीताल, 21 जनवरी 2023। मौसम (Mausam) विभाग की 24 व 25 जनवरी को वर्षा एवं बर्फबारी के ऑरेंज अलर्ट से नैनीताल जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने शनिवार को मौसम (Mausam) विभाग की इस चेतावनी के दृष्टित जनपद के समस्त अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश के साथ ही क्षेत्र में तैनात समस्त अधीनस्थ कार्मिकों व संसाधनों को भी अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इस दौरान जनपद में पेड़ों के गिरने से यातायात बाधित होने और वर्षा के उपरान्त बैराज तथा नदियों-नालों में तेज जल प्रवाह की संभावना है। इसलिए गिरे पेड़ों का त्वरित निस्तारण तथा संवेदनशील स्थानों में टीमें तैनात की जाएं।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के समस्त खंडों को भूस्खलन से संवेदनशील मार्गो पर जेसीबी मशीनों एंव गैंग कार्मिकों की 24 घंटे तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए है। यह भी पढ़ें : पूर्व विधायक के पूर्व नौकर की संदिग्ध परिस्थितियों में पुलिस हिरासत में मौत…
इसके अलावा उन्होंने जिला, परगना, विकासखण्ड एवं सम्बन्धित क्षेत्र में अधिकारियों को अपने मुख्यालय पर बने रहने तथा अपने मोबाइल ऑन रखने और हर घंटे की आपदा संबधी सूचना तहसील के कंट्रोल रूम एंव जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र को 05942-231178 व 231179 तथा टोल फ्री नंबर 1077 पर आवश्यक रूप से सूचना देने को भी कहा है। यह भी पढ़ें : प्रेमिका से शादी करने के लिए की पूर्व विधायक के घर चोरी, प्रेमिका के सामने पोल खुली तो तीसरी मंजिल से कूद गया….
उल्लेखनीय है कि मौसम (Mausam) विभाग के अनुसार उत्तराखंड में 24 जनवरी से भारी बारिश और बर्फबारी होगी। मौसम (Mausam) विभाग ने इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर जिलों के अधिकारियों एवं आम जनता को सतर्क किया है। कुछ इलाकों में 21, 22 और 23 को भी हल्की बारिश एवं बर्फबारी हो सकती है। अधिकांश जगहों पर मौसम (Mausam) साफ रहेगा।
मौसम (Mausam) विभाग के निदेशक डा. विक्रम सिंह के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण 24 से 28 जनवरी तक उत्तराखंड के कई जिलों में ज्यादा असर रहेगा। इसके कारण मध्यम से भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।
उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर जिलों के कई इलाकों में बारिश और बर्फबारी होगी। वहीं टून, टिहरी पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार जिलों में ओलावृष्टि, तेज बौछारों और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी नैनीताल में मौसम (Mausam) व वर्ष का पहला हिमपात
नवीन समाचार, नैनीताल, 13 जनवरी 2023। प्रकृति का स्वर्ग कही जाने वाली सरोवरनगरी नैनीताल में प्रकृति हर मौसम (Mausam) में अपने सबसे खूबसूरत नेमत बरसाती है। गुरुवार रात्रि से प्रदेश के निचले इलाकों में शुरू हुई पहली शीतकालीन वर्षा में ही नगर की सबसे ऊंची, समुद्र सतह से 2611 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नैना पीक चोटी में सुबह साढ़े नौ बजे के आसपास हिमपात हो गया है,
और यहां बर्फ की सफेद चांदी सी चादर बिछ गई है। इसके बाद नैना पीक चोटी से नैनीताल नगर का सुंदर नजार भी दिखाई दे रहा है। देखें वीडियोः
गौरतलब है कि मौसम (Mausam) विभाग ने आज प्रदेश की 3000 मीटर से अधिक ऊंची चोटियों पर हिमपात की संभावना जताई थी। नगर में रात्रि करीब एक बजे से बारिश-बूंदाबांदी शुरू हो गई थी, जो सुबह भी जारी रही।
इस दौरान सुबह साढ़े 9 बजे के करीब नैना पीक चोटी पर हिमपात हुआ, जबकि नगर के साथ नगर के निचले हल्द्वानी रोड स्थित ताकुला गांव तक हल्के हिमकण गिरे, लेकिन नगर में भी यह हिमकण अपेक्षित कम तापमान नहीं होने के कारण टिक नहीं पाए।
इधर नगर में दिन में भी मौसम ठंडा ही रहा है, मौसम (Mausam) विभाग के अनुसार नगर का अधिकतम तापमान 7 एवं न्यूनतम 5.5 डिग्री सेल्सियस रहा। आगे नगर में भी हिमपात होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल: पहाड़ों पर 4 दिन की बारिश के बाद मौसम (Mausam) खुला, जानें कैसे हैं हालात
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 11 अक्तूबर 2022। पहाड़ों पर पिछले चार दिनों से जारी बारिश का सिलसिला सोमवार को अपराह्न में करीब 3 बजे से थम गया। अलबत्ता सरोवरनगरी नैनीताल में नैनी झील के जलागम क्षेत्र के प्राकृतिक जल स्रोत रिचार्ज हो जाने के कारण नालों से झील में पानी आने का सिलसिला जारी है। ऐसे में सिचाई विभाग झील नियंत्रण कक्ष से झील के जल स्तर पर भी भी चौकसी बनाए हुए है। देखें आज सुबह के नैनी झील के नजारे:
झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रमेश गैड़ा ने बताया कि झील के सोमवार सुबह से खोले गए सभी गेटों को शाम पांच बजे से बंद करना प्रारंभ किया गया। झील में नालों से पानी आना चूंकि अभी जारी है, इसलिए अभी भी एक गेट 6 इंच खुला रखा गया है। झील का जल स्तर अभी तय पैमाने पर 11 फिट 4 इंच है। आगे बारिश की संभावना न होने पर झील का जल स्तर 12 फिट के तय मानक पर रखने का प्रयास किया जाएगा।
इधर जिला आपदा परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों में नैनीताल में 32, हल्द्वानी में 30, कोश्या कुटौली में 54, धारी में 15, बेतालघाट में 42, धारी में 15, बेतालघाट में 42, कालाढुंगी में 24, रामनगर में 14.4 व मुक्तेश्वर में 26.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
सुबह आठ बजे गौला नदी का जल स्तर 11030 व कोसी का 23767 क्यूसेक दर्ज किया गया है। जनपद में बारिश की वजह से 1 राष्ट्रीय राजमार्ग, 4 राज्य मार्ग व 48 ग्रामीण मार्ग सहित कुल 53 मार्ग बंद पड़े हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : वाह रे मौसम (Mausam) विभाग, रेड अलर्ट में सूखा, रेड अलर्ट निरस्त होने के बाद बारिश, 20 सड़कें बंद…
नवीन समाचार, नैनीताल, 17 सितम्बर 2022। नैनीताल जिले में मौसम (Mausam) विभाग की रेड अलर्ट चेतावनी के निरस्त होने के बाद बीती रात से लगातार बरसात जारी है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों में नैनीताल में 39 मिलीमीटर,, हल्द्वानी में 103 मिलीमीटर,, धारी में 90 मिलीमीटर और मुक्तेश्वर में 93 मिलीमीटर बरसात हुई है।
इस वजह से नदियों का जलस्तर भी बड़ा है। नैनीताल जिले में इस वर्षा ऋतु में अब तक 759 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। वहीं बारिश से सड़कों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार बारिश की वजह से काठगोदाम सिमलिया बैंड, रूसी बायपास मार्ग,, हेड़ाखान धाम मोटर मार्ग,, रामनगर मल्ली सेठी मार्ग, अंबेडकर रखोली मार्ग,, अमृतपुर जमरानी मार्ग,, ओखलकांडा मार्ग, कोटाबाग देवीपुरा मार्ग, व पदमपुरी मार्ग सहित 20 रास्ते बंद हो गए हैं।
मौसम (Mausam) विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले 24 घंटे में भी और भारी बारिश के आसार हैं, लिहाजा प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : पूरी तरह गलत साबित हुई रेड अलर्ट चेतावनी, निरस्त हुई 17 की चेतावनी…
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 16 सितंबर 2022। मौसम (Mausam) विभाग द्वारा 16 एवं 17 सितंबर को भारी से बहुत भारी व अत्याधिक बारिश का रेड अलर्ट घोषित किया गया था। नैनीताल सहित कई जिलों में इस कारण कक्षा 1 से 12 तक के समस्त विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश भी घोषित कर दिया गया था।
लेकिन आज 16 सितंबर को अधिक वर्षा के लिए पहचानी जाने वाली सरोवरनगरी नैनीताल एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई। इससे मौसम (Mausam) विभाग एवं शासन-प्रशासन की बड़ी किरकिरी हुई।
नैनीताल जनपद की बात भी करें तो गुरुवार को हुई वर्षा के सुबह 8 बजे प्राप्त आंकड़ों के अनुसार नैनीताल में 37.5, हल्द्वानी में 20, कोश्यां कुटौली में 17, धारी में 25, बेतालघाट में 9.4, कालाढुंगी मे ं6, रामनगर में 8.4 व मुक्तेश्वर में 18.9 मिमी बारिश हुई। नदियों का जल स्तर भी सीमित रहा।
ऐसे में मौसम (Mausam) विभाग देहरादून से 17 सितंबर शनिवार का हाई अलर्ट निरस्त करने की जानकारी गूगल मीट के माध्यम से डीएम को प्राप्त हुई। अलबत्ता डीएम ने इसके बाद भी अधीनस्थ कार्मिकों व संसाधनों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को आपदा के तहत मरमत की आवश्यकता वाले विद्यालयों की सूची एवं प्रस्ताव तत्काल खंड शिक्षा अधिकारियों से प्राप्त कर उन्हें उपलब्ध कराने को कहा। बैठक में एडीएम अशोक जोशी, एसडीएम मनीष कुमार, गौरव चटवाल, राहुल साह, योगेश मेहरा के साथ ही संबंधित अधिकारी गूगल मीट से जुड़े। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
देखें वीडियो, एसएसपी ने क्या कहा:
(Mausam) सभी जिला, परगना व विकासखंडों से संबधित अधिकारियों को अपने मुख्यालयों पर बने रहने तथा अपने मोबाइल फोन ऑन रखने तथा हर घंटे की आपदा संबधी सूचना तहसील कंट्रोल रूम एंव जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र को 05942-231178, 231179 तथा टोल फ्री नंबर 1077 पर आवश्यक रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। देखें वीडियो:
यह भी पढ़ें : मौसम (Mausam) विभाग ने दी भारी से बहुत भारी व अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी, ‘रेड अलर्ट’ घोषित, एक जनपद में आज स्कूल भी बंद
नवीन समाचार, देहरादून, 14 सितंबर 2022। जी हां, भले प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में ‘एक्सट्रीम ईवेंट’ के साथ अतिवृष्टि हुई हो, लेकिन प्रदेश के अधिकांश भाग सावन माह में बारिश को तरसे हैं। नैनी झील अब तक अपेक्षित स्तर से 4-5 फिट नीचे है। लेकिन अब मौसम (Mausam) विभाग ने अगले दो-तीन दिनों में प्रदेश के कुमाऊं मंडल व इससे लगे अनेक हिस्सों बहुत भारी व अत्यधिक भारी वर्षा की ‘रेड लेवल’ की चेतावनी जारी कर दी है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 14 जुलाई 2022। मौसम (Mausam) विभाग की आगामी 17 जुलाई तक मौसम (Mausam) के आमतौर पर शुष्क रहने की भविष्यवाणी के बीच गुरुवार को राज्य के नैनीताल चंपावत सहित कई इलाकों में भारी बारिश का लंबा दौर चला।
इस दौरान भारी बारिश के बीच मुख्यमंत्री की फ्लीट के आगे भी एक विशालकाय पेड़ गिर पड़ा। इसके बाद मौसम विभाग (Mausam) ने पूर्वानुमान में बदलाव कर दिया है। मौसम विभाग ने 18 से 22 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना जता दी है। देखें सीएम की फ्लीट के आगे कैसे गिरा विशालकाय पेड़:
बताया गया है कि गुरुवार की शाम अचानक मौसम (Mausam) के बदले रुख से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का काफिला कई जगह फंस गया। तेज आंधी और बारिश से राजमार्ग पर पेड़ गिर गए। कई जगहों पर विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त होकर सड़क पर आ गईं। सीएम का वाहन कई जगह फंसा। इसके बावजूद जैसे-तैसे सीएम का वाहन निकलकर गंतव्य तक पहुंचा।
भयंकर मौसम (Mausam) के बीच भी सीएम धामी खटीमा पहुंचे और खटीमा के प्रांतीय व्यापार मंडल के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ समारोह में शपथ दिलाने पहुंचे। इस दौरान चकरपुर पहुंचते-पहुंचते बारिश शुरू हो गई। कुछ ही पल में तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश हो गई। जिस वजह से कई जगहों पर राजमार्ग किनारे खडे़ पेड़ और बिजली के तार भी टूटकर सड़क पर आ गए।
गनीमत रही इस दौरान कोई दुर्घटना नहीं हुई। विद्युत कर्मी व वन कर्मियों की टीम ने तुरंत पहुंचकर बंद राजमार्ग को खुलवाया। वहीं सीएम धामी का काफिला भी भयंकर मौसम (Mausam) के बीच खटीमा को चलता गया।
(Mausam) सीएम कार्यक्रम में पहुंचने के लिए जोखिम भरे मार्ग को भी पार करने में पीछे नहीं हटे। इधर ऊर्जा निगम के एसडीओ अंबिका यादव टीम के साथ डटे रहे। उन्होंने बताया कि जगह-जगह मार्ग पर 13 पेड़ गिर गए हैं। साठ कर्मचारी विद्युत लाइन ठीक करने में जुटे।
मौसम (Mausam) विभाग का कहना है कि गुरुवार से बारिश की सक्रियता कम होने का अनुमान है। 14 जुलाई गुरुवार को पहाड़ों में बारिश की रफ्तार कम रहेगी लेकिन प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावनाएं बनी हुई है। रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले के एक दो हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
इसके अलावा 15 और 16 जुलाई को बारिश की सक्रियता काफी कम रहेगी। 17 जुलाई को मौसम (Mausam) विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। हालांकि इसके बाद एक फिर से तेज बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है। मौसम (Mausam) विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि 18 से 22 जुलाई तक प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही मानसून की सक्रिय स्थिति देखने को मिल सकती है।
इधर नैनीताल में भी गुरुवार को कई घंटे मूसलाधार बारिश हुई। नगर में सुबह धूप खिलने के बाद दोपहर करीब साढ़े 12 बजे से बारिश शुरू हो गई, जो शाम तक भी जारी रही। इस दौरान नगर में मौजूद सैलानी बारिश के दौरान भी सैर को निकलते हुए बारिश का आनंद लेते भी देखे गए।
मुख्यालय के निकटवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में भी बारिश की फुहारें पड़ीं। जनपद के भवाली क्षेत्र में भी मूसलाधार बारिश होने की सूचना है। यहां जनपद के विकास भवन सहित कई विभागों के कार्यालयों में भी पानी भरने की खबर है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : महत्वपूर्ण समाचार: राज्य में मानसून की घोषणा, 7 जिलों में अगले 3 घंटों में भारी बारिश की लाल रंग के स्तर की चेतावनी
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जून 2022। जी हां, यह महत्वपूर्ण समाचार है। मौसम (Mausam) विभाग की ओर से राज्य वासियों को उनके मोबाइल नंबरों पर संदेश भेजकर 7 जिलों में अगले 3 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे मोबाइल पर आ रहे संदेश में बताया गया है कि राज्य के अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल व पिथौरागढ़ जिलों में अगले 3 घंटों में भारी बारिश हो सकती है। यदि मौसम (Mausam) विभाग की भविष्यवाणी सही साबित होती है रात्रि साढ़े आठ बजे तक इन जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
इधर मौसम (Mausam) विभाग की वेबसाइट देखें तो यहां 29 जून को राज्य में दक्षिण-पश्चिमी मानसून घोषित कर दिया गया है। नैनीताल, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिलों के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की लाल रंग की चेतावनी दी गई है।
जबकि अन्य जनपदों में भी कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा भी अगले दो दिनों में भी देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चमोली जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की गहरे पीले रंग की चेतावनी दी गई है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
देखें विडियो :
इस दौरान नगर में चल रही अर्जुन कपूर व भूमि पेडणेकर अभिनीत ‘द लेडी किलर’ फिल्म की शूटिंग भी प्रभावित हुई। फिल्म की यूनिट के लोगों के बारिश से बचाने के लिए डीएसए फ्लैट्स मैदान में बनाया गया अस्थायी टेंट भी इस दौरान पलट गया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : मौसम के बदले मिजाज के साथ मई माह में निकले गर्म कपड़े
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 10 मई 2022। गर्मी के मौसम के लिए पहचाने जाने वाले मई माह में सरोवरनगरी में मौसम का मिजाज इस कदर बदला है कि अब तक आधे बाजू की टीशर्ट व हाफ पैंट-बरमूडा आदि में नजर आ रहे लोगों को यहां गर्म कपड़े एक बार फिर निकालने पड़ गए हैं। ऐसा नगर एवं आसपास के क्षेत्रो में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के बाद हो रहा है। देखें विडियो :
नगर में सोमवार शाम करीब सात बजे से करीब आधा घंटे ओलावृष्टि के साथ मूसलाधार बारिश हुई, जबकि मंगलवार सुबह भी बारिश हुई है। इसके बाद भी आसमान बादलों से घिरा हुआ है और बारिश की संभावना बनी हुई है। ऐसे मौसम का मैदानी क्षेत्रों की गर्मी से बचकर पहुंचकर सैलानी जमकर आनंद ले रहे हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में अनपेक्षित तौर पर बारिश की फुहारें, गर्मी के साथ वनाग्नि पर लगाम की उम्मीद…
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 21 अप्रैल 2022। सरोवरनगरी नैनीताल में लबे समय पर मौसम ने करवट बदली और करीब 2 माह यानी शीतकाल के बाद पहली बारिश की फुहारें पड़ीं। इससे अप्रैल माह में बढ़ रही गर्मी पर ब्रेक लग गए।
नगर में सुबह धूप खिलने के बाद दिन से ही आसमान में बादल छाने लगे थे, फिर भी शाम तक बारिश की उम्मीद नहीं की जा रही थी, किंतु अधेरा घिरने के साथ बादल भी घिरने लगे और बारिश शुरू हो गई। समाचार लिखे जाते समय भी नगर में हल्की बूंदाबांदी के साथ बारिश का सिलसिला जारी है। बारिश की इन फुहारों से वनाग्नि पर भी अगले कुछ दिन लगाम लगने की उम्मीद जताई जा सकती है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में बारिश, ऊंचाई वाली चोटियों पर फिर हिमपात
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 26 फरवरी 2022। मौसम विभाग की चेतावनी को सही साबित करते हुए सरोवरनगरी सहित निकटवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में रात्रि से शीतकालीन वर्षा हुई है। मुख्यालय में बारिश के साथ ऊंचाई वाली नैना पीक चोटी एवं किलबरी रोड हिमालय दर्शन क्षेत्र में हल्का हिमपात भी हुआ है। हालांकि यह हिमपात रुक नहीं पाया है, पर पूर्व में हुए हिमपात के कारण यहां बर्फ अभी भी काफी मात्रा में मौजूद है।
इस वजह से नगर में मौसम सर्द बना हुआ है, साथ ही बारिश की संभावना बनी हुई है। लोग जरूरी कार्यों से ही घरों से बाहर निकल रहे हैं, जबकि व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में लोग अलाव जलाकर ठंड का आनंद कहें कि स्वयं को सर्दी से बचाने का प्रबंध कर रहे हैं। उधर बागेश्वर व पिथौरागढ़ जनपद की ऊंचाई वाली चोटियों पर भी हिमपात होने की सूचना है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : कैंची, बल्दियाखान, सोनगांव तक पड़ गई बर्फ, कई सड़कों पर वाहनों का आवागमन प्रभावित
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 4 फरवरी 2022। मौसम विभाग की तीन फरवरी को भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी का असर शुक्रवार को भी जारी रहा। पहाड़ों पर रात्रि से लेकर शुक्रवार दोपहर बाद तक भी रुक-रुककर कभी तेज तो कभी अधिक बर्फबारी होती रही। इस दौरान नैनीताल नगर में एक से दो फिट तक बर्फ जमी, जबकि नगर से 10 किलोमीटर दूर ताकुला बल्दियाखान तक यानी समुद्र सतह से 1500 मीटर की ऊंचाई तक भी बर्फ गिरी।
ज्योलीकोट में भी एक दौर में हल्के बजरी जैसे हिमकण गिरे। उधर भवाली नगर भी बर्फ से पटा रहा, जबकि भवाली-अल्मोड़ा राजमार्ग पर कैंची तथा भीमताल के पास सोनगांव तक भी बर्फ गिरने का समाचार है। इससे नैनीताल-हल्द्वानी, नैनीताल-भवाली, भवाली-अल्मोड़ा, गागर व भीमताल मार्गों पर भी वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ। नैनीताल नगर में भी वाहन नहीं चल पाए।
अधिक बर्फबारी की वजह से नगर के विद्युत आपूर्ति के साथ ही पेयजल की आपूर्ति भी लगातार दूसरे दिन व पूरे दिन ठप रही। साथ ही कमोबेश सभी कंपनियों की इंटरनेट सेवाएं भी बुरी तरह से प्रभावित रहीं। लोगों के इंटरनेट वाई-फाई भी बिजली न होने के कारण नहीं चल पाए।
(Mausam) अलबत्ता, जितनी अधिक नगर में बर्फबारी हुई, उसके बाद लोग 1995 की भारी बर्फबारी को याद कर रहे हैं, हालाकि हालिया वर्षों में 2013, 2014 व 2019 में भी नगर में अच्छी बर्फबारी हुई, खासकर 2013 में 16 मार्च को भी नगर में काफी अधिक बर्फबारी हुई थी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी सहित पहाड़ों पर दिन में बर्फबारी, दो सड़कें बंद
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 3 फरवरी 2022। मौसम विभाग की तीन फरवरी को भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दूसरे अर्थ में सही साबित हो रही है। सरोवरनगरी में बिना बारिश की एक भी बूंद के सुबह से बर्फबारी शुरू हो गई, जो कि शाम तक जारी रही,
(Mausam) और इसके आगे भी जारी रहने की संभावना लग रही है। समाचार लिखे जाने तक नगर के निचले हिस्सों में एक से दो तथा ऊंचाई वाले हिस्सों में 6 इंच से अधिक बर्फबारी हो चुकी है। नगर में भी पेड़ बर्फ से लद गए हैं। देखें वीडियो में बर्फबारी का सुंदर नजारा:
इघर जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद में लगातार हो रही बर्फबारी से जनपद में दो मार्ग, नैनीताल-पंगोट एवं पदमपुरी-धानाचूली बंद हो गए हैं। बताया गया है कि दोनों मार्गों पर जेसीबी डोजर मशीन बर्फ हटाने में लगी हुई है। बिजली के तारों-केबिलों में भी बर्फ की मोटी परत चढ़ गई है। इस वजह से नगर में विद्युत आपूर्ति के साथ ही पेयजल की आपूर्ति भी भी ठप हो गई है। नगर में वाहन भी रेंग-रेंग कर चल रहे हैं।
(Mausam) इससे पूर्व नगर में बर्फ के फाहे तेज हवा के साथ उड़ कर बिना किसी आहट के कई दौर में और काफी देर तक गिरते और सरोवरनगरी को अपनी सबसे खूबसूरत नेमत से उपकृत करते रहे। दिन में भी नगर एवं आसपास के सभी क्षेत्रों में रुक-रुक कर हिमपात होता रहा।
(Mausam) हिमपात के बाद नगर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। फिर भी लोग बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं, साथ ही अलाव भी जलाए जा रहे हैं। नगर के पुराने लोगों के अनुसार करीब एक दशक बाद दिन में इस स्तर की भारी बर्फबारी हुई है, इससे लोग पुराने दिनों को याद करने लगे हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : मौसम समाचार : सरोवरनगरी में बिछी हिमकणों की सफेद चादर
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 जनवरी 2022। सरोवरनगरी नैनीताल में शनिवार से चल रहा बारिश व हल्की बर्फबारी का सिलसिला सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी है। रविवार की पूरी रात्रि नगर में बारिश व ऊंचाई वाली चोटियों पर बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। जबकि सोमवार सुबह नगर में सुबह से घना कोहरा छाया रहा और पूर्वाह्न 10 बजे के करीब से नगर में बारिश के साथ हिमकण गिरे, इससे नगर में बर्फ जैसी ही सफेद चादर जैसी बिछ गई।
जबकि ऊंचाई वाली चोटियों पर बर्फबारी हुई है। सुबह हिमालय दर्शन क्षेत्र में हिमकणों व बर्फ की वजह से वाहनों का सड़कों पर चलना मुश्किल रहा। कई वाहन सड़क किनारे फिसल गए। ऐसे मौसम में जहां नगर में हाड़ कंपाने वाली ठंड महसूस हो रही है। बार-बार बिजली जाकर परेशानी बढ़ा रही है। वहीं पर्यटन व्यवसायियों के लिए यह मौसम लाभप्रद साबित हो रहा है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल में हल्का हिमपात, सैलानी ले सकते हैं बर्फ में खेलने का आनंद….
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 जनवरी 2022। सरोवरनगरी नैनीताल में नए वर्ष में पहला और मौसम का तीसरा हिमपात हुआ है। नगर की सबसे ऊंची नैना पीक चोटी पर सुबह-सुबह हल्की बर्फ नजर आ रही है। अन्य ऊंचाई वाली चोटियों पर भी बर्फबारी हुई है। नगर के हिमालय दर्शन क्षेत्र में अच्छी मात्रा में बर्फ होने की उम्मीद है। ऐसे में सैलानी आकर बर्फ में खेलने का आनंद ले सकते हैं। हिमपात नगर के पर्यटन व्यवसायियों के लिए भी लाभकारी हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि नगर में शनिवार दिन के बाद पूरी रात्रि बारिश होती रही। हिमकण भी गिरे। इस दौरान मौसम (Mausam) भी सर्द हुआ। रात्रि में तेज बारिश के होने से बर्फ नगर के रिहायशी हिस्सों में उस तरह जम नहीं पाई, पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ का आनंद लिया जा सकता है।
साथ ही जनपद के गागर, धानाचूली, मुक्तेश्वर के कई इलाकों में भी बर्फ के नजारे व आनंद लिये जा सकते हैं। इधर सुबह नगर में बादलो की मौजूदगी के बीच धूप के दर्शन भी हुए है। अन्य ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : गजब : पंतनगर से पांच गुना अधिक गर्म रही पर्वतीय पर्यटननगरी नैनीताल
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 दिसंबर 2021। मौसम की भी अजब माया है। सर्दियों में पहाड़ गर्म और मैदानी इलाके सर्द हैं। यहां तक कि पर्वतीय पर्यटन नगरी नैनीताल और तराई-भाबर के मैदानी क्षेत्र पंतनगर के न्यूनतम तापमान में पांच गुने से अधिक का अंतर है। यह बात हवा-हवाई नहीं, वरन मौसम विभाग के आंकड़े पुष्ट कर रहे हैं।
मौसम विभाग के अनुसार जहां सोमवार को पंतनगर का अधिकतम तापमान 20 व न्यूनतम 1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया वहीं सरोवरनगरी नैनीताल का अधिकमत तापमान 14 व न्यूनतम 5.2 डिग्री सेल्सियस रहा। साफ है कि नैनीताल का न्यूनतम तापमान पंतनगर के न्यूनतम तापमान के मुकाबले पांच गुने से अधिक रहा।
ऐसा इसलिए कि इन दिनों जहां मैदानी तराई-भाबर के क्षेत्रों में घना कोहरा छा रहा है, वहीं नैनीताल जैसे पर्वतीय नगरों में धूप खिली रहती है। सोमवार को जहां हल्द्वानी में भी घना कोहरा रहा और तापमान मौसम विभाग ने तो नहीं, अलबत्ता अन्य माध्यमों ने एक डिग्री सेल्सियस आंका, वहीं नैनीताल में अपराह्न में कुछ देर छितरे बादलों के बावजूद शाम तक चटख धूप खिली रही।
लिहाजा ऐसे मौसम में नगर वासियों के साथ ही यहां सप्ताहांत पर बड़ी संख्या में पहुंचे सैलानी धूप का आनंद लेते देखे गए। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह भी पढ़ें : नैनीताल में ठंड से बर्फ की तरह जमा पानी, देखें तस्वीर…
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 15 दिसंबर 2021। पहाड़ों पर इन दिनों सुबह-शाम व रात्रि में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। ऐसी ठंड कि पाले के साथ पानी भी जमने लगा है। नगर के उत्तरी ढाल यानी अयारपाटा पहाड़ी की ओर व बारापत्थर क्षेत्र में कई जगह सुबह धूप निकलने के काफी देर बाद भी पानी जमा हुआ नजर आ ही रहा है। धूप वाली स्नो व्यू व शेर का डांडा पहाड़ियों की ओर भी यही स्थिति है। यहां भी पाले के साथ ही छतों में टंकियों से बूंद-बूंद टपकने वाला पानी भी जम रहा है।
प्रकाशित की जा रही तस्वीर बुधवार सुबह करीब 10 बजे की बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की है। यहां खिली धूप के बावजूद चिकित्सालय के पीछे की ओर पैथोलॉजी लैब की ओर छत पर रखी टंकी से हो रही लीकेज से गिरा पानी इस तरह बर्फ की तरह जमा हुआ नजर आया। ऐसे में नगर के आम लोगों व खासकर गर्म वस्त्रों व संसाधनों से वंचित गरीब लोगों की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
मौसम विधाग के अनुसार बीती रात्रि न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस जबकि अधिकतम तापमान 12 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। आगे मौसम के अगले दो दिनों में और अधिक सर्द रहने की संभावना जताई गई है। बृहस्पतिवार व शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 3 व शनिवार को दो डिग्री रहने की जबकि अधिकतम तापमान के बृहस्पतिवार को 11 व शुक्रवार को 9 डिग्री रहने के साथ बारिश होने की संभावना भी जताई गई है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल का ताज़ा मौसम समाचार : नैनीताल में फिर शुरू हुई बारिश, बर्फवारी पर स्थिति अभी साफ नहीं…
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 6 दिसंबर 2021। नैनीताल में सोमवार को फिर बारिश शुरू हो गई है। रात्रि मे भी यहां बारिश हुई है। इसके बाद सुबह बारिश बंद हो गई थी, लेकिन बादल छाये हुए थे और बादलों के बीच से धूप के दर्शन भी हुए थे, लेकिन करीब 10 बजे के बाद फिर हल्की बारिश शुरू हो गई। नगर में आज अधिकतम तापमान अधिकतम 17 व न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस रहा है।
यह भी पढ़ें : बारिश शुरू, बर्फबारी के कयास…
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 2 दिसंबर 2021। लंबे समय से चटख धूप खिलने और बीते सप्ताह से कोहरे व बादलों की आमद के बाद मौसम विभाग के पूर्वानुमान से कदमताल करते हुए सरोवरनगरी में बुधवार से मौसम ने करवट बदली है।
दो दिनों से यहां पूरे आसमान में काले बादल छाए रहे, और हवाएं भी नहीं चलीं, और मौसम गुम सा रहा। इसके बाद बृहस्पतिवार दोपहर से नगर में बूंदाबांदी के साथ हल्की बारिश शुरू हो गयी है। यह बारिश बीते माह 17 से 19 अक्टूबर के बीच दैवी आपदा का कारण बनी अतिवृष्टि के बाद पहली बार हो रही है।
इससे प्राकृतिक तौर के साथ ही मनोवैज्ञानिक तौर पर भी ठंड महसूस की जा रही है। इसके साथ ही आगे बर्फवारी होने के भी लोग कयास लगा रहे हैं। वहीं मौसम विभाग के अनुसार आज कल के मुकाबले अधिकतम तापमान दो डिग्री कम 16 तथा न्यूनतम तापमान कल के मुकाबले दो डिग्री अधिक यानी 10 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था।
आगे मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को तापमान 9 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, और आसमान में आंशिक रूप से छाये बादलों में बिजली कड़क सकती है। साफ तौर पर बारिश या बर्फबारी के बारे में मौसम विभाग ने कुछ नहीं कहा है।
यह भी पढ़ें : भारी से बहुत भारी बारिश, अगले कुछ घंटों में नैनी झील के गेट खोलने की नौबत
डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 18 अक्टूबर 2021। मौसम विभाग की चेतावनी को सही साबित करते हुए नैनीताल जनपद मुख्यालय सहित कई क्षेत्रों में रात्रि से डरावने तरीके से मूसलाधार बारिश हो रही है। अलबत्ता, आपदा नियंत्रण कक्ष को अभी किसी तरह के नुकसान, सड़कों के बंद होने आदि की कोई जानकारी नहीं है।
आपदा नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में कोश्यां-कुटौली तहसील क्षेत्र में 83, नैनीताल में 90 व हल्द्वानी में 128 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि रामनगर, धारी व बेतालघाट क्षेत्रों में कम बारिश हुई है।
इधर, प्राप्त जानकारी के अनुसार वीरभट्टी स्थित पुल पर एक बार फिर मलबा आ गया। एक ट्रक और एक कार मलबे में फंस गई है। इससे पुल पर वाहनों का आवागमन बंद हो गया है, और दर्जनों वाहन पुल के दोनों ओर फंस गए हैं।
देखें विडियो :
इधर नैनीताल में बारिश इतनी तेज है कि बिन बादलों या कोहरे के भी कुछ नजर नहीं आ रहा है। ताजा बारिश से नैनी झील का जलस्तर 11 इंच बढ़कर 11 फिट 8 इंच हो गया है, और झील नियंत्रण कक्ष के अनुसार अगले चार घंटों में यानी 1-2 बजे तक अक्टूबर माह में पहली बार झील के गेट खोलने की नौबत आ सकती है।
उल्लेखनीय है कि सितंबर माह में काफी दिन 12 फिट के स्तर पर बने रहने के बाद इधर झील का जल स्तर करीब सवा फिट गिरकर 10 फिट 9 इंच के स्तर तक चला गया था। जोकि इस बारिश से फिर करीब एक फिट बढ़ गया है। देखें मौसम विभाग की ताज़ा चेतावनी :
दूसरी ओर मौसम विभाग की चेतावनी के बाद नगर में बुधवार तक बुकिंग करा चुके अधिकांश सैलानी भी लौट चुके हैं, जबकि कुछ परिवार सहित आए सैलानी लौटते हुए किसी अनहोनी की आशंका से यहीं रुके हैं, और मौसम के थोड़ा खुलने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि सुरक्षित तरीके से लौट सकें। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : सात इंच बढ़ा नैनी झील का जल स्तर, राजभवन रोड पर बिजली की लाइन पर गिरा विशाल पेड़
-कोविड कर्फ्यू के दौरान बाजारों के खुलने पर मिली छूट का लाभ दुकानदारों को नहीं मिल पाया
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 जून 2021। जिला-मंडल मुख्यालय सहित निकटवर्ती संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्रों में शुक्रवार को पूरे दिन बारिश हुई, और कोहरा छाया रहा। इस कारण जहां जनजीवन प्रभावित रहा, वहीं भूस्खलन एवं पेड़ों के गिरने की घटनाएं भी हुईं। कोविड कर्फ्यू के दौरान शुक्रवार को बाजारों के खुलने पर छूट मिली हुई थी, लेकिन खरीददार बारिश की वजह से बाजार नहीं पहुंच पाए, इस कारण दुकानदार खरीददारों का इंतजार ही करते रह गए।
इस दौरान सुबह 8 बजे तक रात्रि में 50 मिमी और इधर दिन में भी 30-35 मिमी बारिश हुई है। बारिश की वजह से कल तक दो फिट 9 इंच रहा नैनी झील का जल स्तर सुबह तक चार इंच और समाचार लिखे जाने तक सात इंच बढ़कर तीन फिट चार इंच हो गया है।
उधर राजभवन रोड पर एक विशाल पेड़ पाइंस से सूखाताल के सब स्टेशनों को जोड़ने के लिए बनाई गई लाइन पर गिर गया। इससे लाइन टूटने के साथ ही राजभवन मार्ग पर आवागमन भी प्रभावित हो गया। विद्युत विभाग के एसडीओ पर्यंक पांडे ने बताया कि अन्य कई जगह भी बिजली की लाइनों को नुकसान पहुंचा है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : ताउते की बारिश रुकी, पर नैनी झील के साथ ही सूखाताल को भी भर गई
-दूसरे दिन भी नहीं खुल पाया बीरभट्टी में बंद हुआ एनएच-87
नवीन समाचार, नैनीताल, 21 मई 2021। मौसम (Mausam) विभाग के पूर्वानुमान को सही व सटीक साबित करते हुए शुक्रवार को राज्य के कमोबेश सभी मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में ताउते तूफान की नमी से पिछले दो दिन से हो रही बारिश रुक गई है, और आसमान साफ होने के साथ सुनहरी धूप खिल आई है।
(Mausam) इस दौरान प्रकृति के स्वर्ग कही जाने वाली सरोवरनगरी नैनीताल सहित पर्वतीय क्षेत्रों की अप्रतिम प्राकृतिक सुंदरता धुली-धुली एवं शुरुआती बरसातों जैसी अधिक हरीतिमा के साथ देखते ही बन रही है। उधर बीरभट्टी में वैली ब्रिज पर भारी मात्रा में मलबा आने से बृहस्पतिवार को बंद हुआ एनएच-87 दूसरे दिन भी नहीं खुल पाया, और वाहनों को रानीबाग-भीमताल मार्ग से होकर गुजरना पड़ा।
(Mausam) बारिश से कई जगह नुकसान हुआ है। नगर में भी डीएम कार्यालय, रैमजे अस्पताल के आवासीय परिसर व कृष्णापुर सहित कई स्थानों पर घरों के आसपास भूस्खलन, दीवारें-पत्थर व पेड़ गिरने की घटनाएं हुई हैं, परंतु किसी व्यक्ति के साथ किसी दुर्घटना की खबर नहीं है। वहीं बारिश नैनी झील ही नहीं नैनी झील की सर्वाधिक जल प्रदाता सूखाताल झील के लिए भी प्राणदायिनी व वरदान साबित हुई है।
(Mausam) नैनी झील का जल स्तर पिछले 6 मई के आधे इंच से करीब ढाई फिट बढ़ गया है, तो सूखाताल झील भी मई माह में ज्ञात जानकारी के अनुसार पहली बार काफी हद तक पानी से भर गई है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों सूखाताल झील के पुर्नजीवीकरण की योजना भी शुरू हो रही है। वहीं मौसम साफ होने पर जसपुर, मालधनचौड़, रुड़की, देहरादून से हिमालय की सुंदर चोटियां दिखाईं देने के सुखद समाचार भी प्राप्त हो रहे हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 20 मई 2021। तटीय राज्यों में तबाही मचाने वाले समुद्री चक्रवात ताऊते का असर उत्तराखंड में भी दिखाई दे रहा है। इस पर मौसम (Mausam) विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। इसके कारण प्रदेश में दो लोगों की मौत सहित कई छोटी-बड़ी दुर्घटनाओं के समाचार हैं।
बुधवार रात्रि से ही उत्तराखंड के राजधानी देहरादून, मसूरी, नैनीताल, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की सहित अधिकतर इलाकों में बारिश हो रही है, वहीं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मई माह में बर्फबारी की भी सूचना है।
(Mausam) लगातार जारी बारिश से नैनीताल जनपद के भवाली में एक घर की नवनिर्मित सुरक्षा दीवार टूटने के दो लोग दब गए तो वहीं बाजपुर में एक मकान टूटने से दो लोगों की दबकर मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार बाजपुर में केलाखेड़ा के निकट गांव रम्पुरा काजी में गुरुवार सुबह करीब पांच बजे तेज हवा और बारिश के चलते एक कच्चे मकान की दीवार अचानक गिर गई।
इससे अंदर सो रहे दो लोगों-शंकर (28) निवासी ट्रांजिट कैंप रुद्रपुर और मुकेश (40) निवासी खेड़ा रुद्रपुर की दबकर मौत हो गई। सूचना पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। एसडीएम विवेक प्रकाश, सीओ वंदना वर्मा, एसओ बीसी जोशी ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। पुलिस ने दोनों शवो को कब्जे में लेकर पंचायत नामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इधर, नैनीताल जनपद मुख्यालय के निकट स्थित भवाली के भीमताल रोड स्थित नगारी गांव में प्रीति भल्ला पत्नी स्वर्गीय जरनल अमरजीत सिंह भल्ला के घर की निर्माणाधीन सुरक्षा दीवार टूटकर उनके घर में घुस गई। इस दौरान प्रीति ने बाथरूम में जाकर अपनी जान बचाई।
(Mausam) लेकिन वहां भी मलबा आने से वह तथा एक अन्य व्यक्ति दब गए। उन्हें काफी चोटें भी आईं। सुबह स्थानीय लोगों ने दोनों को मलबे से निकाल कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवाली भेजा। जबकि प्रीति को ज्यादा चोटें लगने के कारण यहां से प्राथमिक उपचार के बाद हल्द्वानी भेजना पड़ा।
इधर, जिला मुख्यालय में बृहस्पतिवार दोपहर डीएम आवास के पास सड़क किनारे की हाल ही में बनी सुरक्षा दीवार भरभराकर गिर गई। इससे नीचे स्थित पाषाण देवी मंदिर की पुजारी पुष्पा भट्ट के प्लॉट में हो रहे निर्माण एवं निर्माण सामग्री को नुकसान पहुंचा है। पुष्पा ने नुकसान की भरपाई की मांग भी की है।
(Mausam) इधर देर शाम नगर के गोविंद बल्लभ पंत (रैमजे) चिकित्सालय के आवासीय परिसर में स्थित धनुली देवी के मकान पर भारी पत्थर और पेड़ गिर गया, इससे भवन को क्षति पहुंची है। पर किसी को कोई नुकसान या चोट की खबर नहीं हैं। प्रशासन को सूचना दे दी गयी है। लेकिन रात्रि एवं बारिश की वजह से पेड़ व पत्थर को हटाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उधर नगर के कृष्णापुर में भी घरों में पत्थर गिरे हैं।
नैनी झील के लिए वरदान साबित हो रही ताऊते की बारिश
नैनीताल। ताऊते तूफान की वजह से उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश विश्व प्रसिद्ध नैनी झील के लिए बरदान साबित हो रही है। नगर एवं आसपास के क्षेत्रों में पूरे दिन 10-15 को छोड़कर लगातार हल्की हवा के साथ कभी हल्की तो कभी तेज बारिश होती रही।
(Mausam) इससे पूरी प्रकृति तर हो गई। बीच-बीच में घना कोहरा भी आता-जाता रहा। आज झील नियंत्रण से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरोवरनगरी में सुबह 8 बजे तक, पिछले 24 घंटों में 117 मिमी बारिश दर्ज की गई।
इसके फलस्वरूप नैनी झील का जल स्तर 24 घंटों में 10 इंच बढ़कर अंग्रेजी दौर से तय पैमाने पर 1 फिट 3 इंच हो गया। जो कि गत 6 मई को आधा इंच के इस वर्ष के न्यूनतम स्तर पर आ गया था। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष अब तक सरोवरनगरी में 343 मिलीमीटर बारिश हुई है। इसमें से 243 मिलीमीटर बारिश मई माह में हुई है। जबकि इससे पूर्व 1 जनवरी से 30 अप्रैल तक नगर में केवल 100 मिलीमीटर बारिश की दर्ज की गई थी।
खेती-बागवानी के लिए लाभदायक है बारिश: धनपत
नैनीताल। जनपद के कृषि अधिकारी धनपत कुमार ने बताया कि इस दौरान हो रही बारिश बागवानी के लिए लाभदायक है, वहीं आगे रबी की फसल के लिए भी इससे जमीन में नमी बनी रहेगी। लिहाजा इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन दिनों सामान्यतया खेतों में कोई फसल नहीं है, रबी की फसल अप्रैल माह में ही कट चुकी है। इसलिए बारिश का कोई नुकसान नहीं है।
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-मौसम व वर्ष की पहली बर्फबारी
नवीन समाचार, नैनीताल, 5 फरवरी 2021। आखिर कुदरत प्रकृति के स्वर्ग कही जाने वाली सरोवर नगरी एवं आस-पास के पर्वतीय क्षेत्रों पर मेहरबान हो ही गई है। प्रकृति ने सर्दी के मौसम के आखिरी चरण में ही सही, अपनी सबसे खूबसूरत नेमत कहीं जाने वाली बर्फबारी का तोहफा यहां के पहाड़ों को दे दिया है। नगर में बृहस्पतिवार की रात्रि हल्का हिमपात हुआ, जबकि शुक्रवार को भी हिमपात हो रहा है। इससे नगर में बर्फ की परत जम गई है। इससे जनजीवन प्रभावित होने लगा है। अलबत्ता, नगर में बेहद दिलकश नजारे भी नजर आए।
इससे पहले रात्रि में नगर के ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हुई। शुक्रवार सुबह नगर एवं आसपास के ऊंचे पहाड़ों पर चांदी की हल्की चादर सी बिछी नजर आई। बर्फबारी अधिक नहीं हुई है इसलिए मौसम (Mausam) की अधिक दुश्वारियां अभी नहीं हो रही हैं। अलबत्ता नगर में तापमान में गिरावट आने से ठंड बढ़ गई है। नगर के अलावा मुक्तेश्वर, पहाड़पानी, धानाचूली व मनाघेर आदि क्षेत्रों में भी हल्की सी थोड़ी अधिक बर्फबारी हुई है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 19 दिसम्बर 2020। यूं नैनीताल की सर्दी और दिल्ली की गर्मी प्रसिद्ध है, तथा आगरा का ताजमहल व बरेली के झुम्के व झांसी की रानी। और खबरें आ रही हैं कि दिल्ली, बरेली, आगरा व झांसी में इन दिनों नैनीताल जैसी सर्दी पड़ रही है।
लेकिन इसके उलट कहें तो इन दिनों नैनीताल में दिल्ली, बरेली, झांसी व आगरा जैसी गर्मी पड़ रही है। ऐसा इसलिए कि मैदानी क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण के कारण छा रहे भयंकर कोहरे से जहां आजकल दोपहर बाद तक धूप के दर्शन नहीं हो रहे हैं, वहीं नैनीताल में पूरे दिन चटख धूप खिल रही है।
यहां पूरे दिन आसमान में कोहरा तो दूर बादलों का एक कतरा भी नजर नहीं आ रहा है और यहां रात व सुबह-शाम की ठंड को छोड़ दें तो दिन में सर्दियों के लिहाज से अच्छी खासी गर्मी महसूस की जा रही है। मौसम (Mausam) विभाग के अनुसार भी इन दिनांे यहां अधिकतम 14 एवं न्यूनतम चार डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है।
(Mausam) ऐसे में लोग घरों में और सैलानी व अन्य लोग सुबह साढ़े सात-आठ बजे से शाम को सूर्यास्त तक नगर के ऐतिहासिक डीएसए-फ्लैट्स मैदान के पास पूरे दिन धूप सेंकते देखे जा रहे हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 9 जुलाई 2020। मौसम (Mausam) विभाग ने कल 10 जुलाई के लिए पूरे उत्तराखंड प्रदेश के ‘ऑरेंज लेवल’ की ‘अलर्ट’ यानी चौकन्ना रहने की चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी के अनुसार राज्य के मैदानी जिलों देहरादून, पौड़ी, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी तथा टिहरी, हरिद्वार, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा व चंपावत जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने एवं कहीं-कहीं आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है।
गौरतलब है कि मौसम (Mausam) विभाग ऑरेंज लेवल से आगे केवल रेड लेवल की ही चेतावनी जारी करता है, जिसमें 204.4 मिमी से अधिक-अत्यंत भारी स्तर की ही वर्षा होती है। वहीं कहीं-कहीं का अर्थ 25 फीसद स्थानों से है। यानी यह चेतावनी कमोबेश राज्य के चौथाई क्षेत्र के लिए है। हालांकि इसके बाद अगले दो दिन भी राज्य के मैदानी जिलों में इसी तरह कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी तथा चार पर्वतीय जिलों में भारी वर्षा की ‘पीली’ श्रेणी की चेतावनी दी गई है।
इधर जनपद में बीते 24 घंटों में हल्द्वानी-काठगोदाम में सर्वाधिक 50 मिमी, नैनीताल में 22 एवं नंधौर क्षेत्र में 21 मिमी बारिश हुई है। इस कारण ओखलकांडा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित हैं। वहीं काठगोदाम से हैड़ाखान को जाने वाली सड़क किलोमीटर संख्या दो एवं गांधी ग्राम पस्तोला को जारी वाली सड़क कई स्थानों पर जबर्दस्त मलबा आने की वजह से बंद पड़ी है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 23 जून 2020। मौसम (Mausam) विज्ञान विभाग के मौसम (Mausam) पूर्वानुमान को सही साबित करते हुए मंगलवार सुबह से ही राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है। इसे राज्य में मानसून के आगमन का संकेत भी बताया जा रहा है।
मौसम (Mausam) विज्ञान विभाग के मौसम (Mausam) विज्ञान केन्द्र देहरादून के द्वारा जारी मौसम (Mausam) पूर्वानुमान के अनुसार पिथौरागढ़ एवं नैनीताल जनपद के कई स्थानों में मंगलवार को भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है।
मंगलवार को राज्य के नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर तथा पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं तीव्र बौछार के साथ भारी वर्षा होने की संभावना जतायी गई है। साथ ही राज्य में अगले 48 घंटों के दौरान समूचे पश्चिमी हिमालय में मानसून के बढ़ने की संभावना है। इसे राज्य में मानसून का पदार्पण भी बताया जा रहा है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 10 मई 2020। रविवार अपराह्न आंधी-तूफान के साथ घिरी घटाओं से पूरे प्रदेश के साथ सरोवरनगरी सहित कमोबेश पूरे पर्वतीय क्षेत्रोें में कुछ देर के लिए दिन में ही रात्रि जैसा कभी-कभार ही दिखने वाला नजारा दिखाई दिया। ऐसे में घरों में लोगों को बिजली के बल्ब जलाने पड़ गये।
(Mausam) बताया गया है कि आंधी की गति 50 से 60 किमी प्रति घंटे की थी। इससे जल्दी ही कई जगह विशालकाय पेड़ तो कहीं विशाल टहनियां टूट कर गिर गईं। इन पेड़ों व टहनियो के विद्युत लाइनों के गिरने की वजह से विद्युत व्यवस्था कमोबेश पूरी तरह से ठप हो गई।
कमोबेश हर कहीं बिजली गुल होने की सूचना है। विद्युत विभाग लाइनों के क्षतिग्रस्त होने की सूचनाएं एकत्र कर रहा है, जिसके बाद लाइनों को दुरुस्त करने का कार्य प्रारंभ होगा। समाचार लिखे जाने तक मुख्यालय में अपर माल में अनामिका होटल, मल्लीताल में बीडी पांडे जिला चिकित्सालय के पास तथा गरमपानी-बेतालघाट विद्युत लाइन में पेड़ों के गिरने से बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त होने की सूचना है।
विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता एसएस उस्मान ने बताया कि क्षतिग्रस्त लाइनों की सूचना एकत्र की जा रही है, तथा इन्हें यथासंभव एवं यथाशीघ्र दुरुस्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इधर मुख्यालय में लोवर माल रोड पर क्लासिक होटल के पास पेड़ के गिरने से यायातात बाधित हो गया है।
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-सरोवरनगरी सहित पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश, जोरदार ओलावृष्टि के दौरान दिन में ही रात और गर्मियों के मई माह में सर्दियों व बरसात के मौसम (Mausam) जैसा नजारा
नवीन समाचार, नैनीताल, 5 मई 2020। सरोवरनगरी सहित सभी पर्वतीय क्षेत्रो में मंगलवार को मौसम (Mausam) , मौसम (Mausam) विभाग की ‘ऑरेंज’ चेतावनी को सही साबित करता नजर आया। इस दौरान नगर एवं आसपास के सभी क्षेत्रों में कई दौर में मूसलाधार बारिश और जोरदार ओलावृष्टि हुई।
इससे नगर में सड़कों और नैनी झील के पोषक नाले उफन पड़े। ठंड भी बढ़ गई। साथ ही शाम ढाई बजे से दिन में ही अंधेरा छा गया और लोगों को रोशनी के लिए बल्ब भी जलाने पड़ गये।
(Mausam) ऐसे में संशयपूर्ण स्थिति दिखी कि गर्मियों के मई माह में मौसम सर्दियों का चल रहा है कि बरसातों का। साथ ही दिन में ही रात जैसा दृश्य भी उत्पन्न हो गया। बारिश-ओलावृष्टि से जनपद के कृषि प्रधान ग्रामीण क्षेत्रों में फल-फूलों एवं सब्जियों की फसल को व्यापक नुकसान होने की आशंका है। अलबत्ता, शहर में लोगों के घरों में पानी के घुसने के अलावा किसी तरह के बड़े नुकसान की फिलहाल सूचना नहीं है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 14 अप्रैल 2020। मंगलवार को प्रदेश के अनेक पर्वतीय क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई है। इससे फल-फूलों एवं सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। नैनीताल जनपद की ग्राम सभा थलाड़ी (क्वैदल) के किसानों की आलू की फसल के साथ साथ आड़ू, सेब, नाशपाती, पुलम, खुबानी व माल्टा इत्यादि फलों के बागानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
(Mausam) क्षेत्रीय निवासी सुरेश बिष्ट ने बताया कि भारी ओलावृष्टि से पेड़-पौधों की छाल, टहनियों व पत्तियों तक को बरबाद कर दिया है। इससे किसानों में भारी मायूसी के साथ-साथ आने वाले समय में परिवार का भरण-पोषण करने की चिंता देखी जा रही है।
उन्होंने बताया कि किसान ने आलू का महंगा बीज लगाया था, जो बर्बाद हो गया है। खेतों में आलू की नई पौध नजर ही नहीं आ रही है। साथ ही खेतों में टमाटर, शिमला मिर्च, मिर्च, फूलगोभी व बंदगोभी की पौधों की क्यारियां भी पूर्णतः क्षति ग्रस्त हो गयी हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 14 मार्च 2020। सरोवरगगरी सहित निकटवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में शुक्रवार की रात्रि के बाद बादलों की जर्बदस्त गरज-चमक के साथ भारी ओलावृष्टि व बारिश हुई। इससे शनिवार सुबह तक छतों पर ओलों की साढ़े आठ इंच से अधिक मोटी परत इकट्ठी हो गई। सुबह भी हल्की ओलावृष्टि एवं दिन में भी एक-दो बार हल्की बारिश हुई और पूरे दिन धूप के ठीक से दर्शन नहीं हुए।
(Mausam) इस कारण शाम तक भी नगर में छतों-रास्तों व सड़कों में ओलों की बड़ी मात्रा में मौजूदगी बनी हुई है। नगर की ऊंचाई वाली चोटियों में ओलों की परत और भी अधिक मोटी है। सड़कों पर वाहनों के साथ ही पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। इस दौरान विद्युत आपूर्ति भी बाधित रही। इससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित रहा।
वहीं, झील नियंत्रण कक्ष के अनुसार शनिवार सुबह आठ बजे तक 20 सेमी यानी साढ़े आठ इंच से अधिक ओले रिकॉर्ड किये गये। झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रमेश गैड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्षा मापने के गेज में पानी की जगह ओले भर जाने की वजह से बारिश रिकार्ड नहीं की जा सकी।
मौसम (Mausam) विभाग के अनुसार तापमान अधिकतम 12 एवं न्यूनतम 3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। विभाग के अनुसार आगे रविवार को भी आसमान में आंशिक रूप से बादल छाये रह सकते हैं, तथा गरज-चमक व आंधी के साथ बारिश हो सकती है।
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-वज्रपात से घर की छत टूटकर गिरी, 12 साल के बच्चे की झुलसकर मौत
नवीन समाचार, काशीपुर/नैनीताल, 13 मार्च 2020। प्रदेश भर में हो रही बारिश के दौरान शुक्रवार सुबह काशीपुर के बांसफोड़ान माहल्ले में तेज आवाज में बिजली कड़कने के साथ हुए वज्रपात के कारण एक घर की छत का प्लास्टर टूटकर नीचे गिर गया। और घर के भीतर सो एक बच्चे की झुलसकर मौत हो गई। मृतक आठ भाई-बहनों में सातवें नम्बर का और कक्षा सात का छात्र था।
इधर नैनीताल में भी शुक्रवार शाम गरज-चमक के साथ जोरदार बारिश और ओलावृष्टि हुई है। ओलावृष्टि से नगर की सड़कें पट गई हैं। नगर की राजभवन रोड के ओलों से पटने एवं इस दौरान माल रोड के यातायात के बंद होने के कारण वाहन रास्ते में ही फंस गए हैं। रात्रि में सड़कों एवं घरों की छतों पर 5-6 इंच तक ओलों की मोटी परत नजर आ रही है।
(Mausam) इससे टिन की छतों वाले घरों में पानी घुस गया है। लोग रात्रि में भी छतों से ओलों की मोटी परत को हटाते हुए देखे जा रहे हैं। जबर्दस्त ओलावृष्टि के साथ ही बिजली की जबर्दस्त गरज-चमक से डरावना माहौल बना रहा।
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नवीन समाचार नैनीताल, 6 मार्च 2020। सरोवरनगरी में शुक्रवार को मौसम (Mausam) की सातवीं व इस वर्ष की तीसरी बर्फबारी हो गई है। नगर में रात्रि से ही हो रही बारिश के दौरान नगर की सबसे ऊंची-समुद्र सतह से 2610 मीटर ऊंची नैना पीक चोटी पर बर्फ की हल्की सफेद चादर छा गई, जबकि नगर में पूरे दिन कभी तेज मूसलाधार तो कभी धीमी बारिश होती रही।
(Mausam) नगर में भी हल्के हिमकण गिरे लेकिन बारिश की वजह से यहां बर्फ टिक नहीं पाई। वहीं आगे नगर के निचले क्षेत्रों मं भी बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग के सुबह आठ बजे तक के दिये जाने वाले आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटों में तापमान अधिकतम 12 तथा न्यूनतम 6.5 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। साथ ही सुबह 8 बजे तक 6 मिमी वर्षा भी दर्ज की गई है। आगे मौसम विभाग शनिवार सात मार्च को भी बारिश की संभावना जता रहा है।
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नवीन समाचार नैनीताल, 6 मार्च 2020। रंगों के पर्व होली पर इस वर्ष न जाने किसकी नजर लग गई है। पहले कोरोना और अब बारिश। बारिश भी ऐसी मूसलाधार, मानो तेज स्प्रे वाली पिचकारी ही छोड़ दी हो। साथ में कोहरे के रूप मंे उड़ता अबीर-गुलाल। यह नजारा तो मनमोहक है।
इसे प्रकृति, मानव स्वास्थ्य एवं आगामी ग्रीष्मकाल के लिए भूजल में पानी की उपबब्धता बनी रहने के दृष्टिकोण से बेहतर बताया जा रहा है, लेकिन इससे व फल-फूलों व फसलों का प्राकृतिक चक्र प्रभावित होता भी बताया जा रहा है।
पेड़-पौधों पर अभी भी पतझड़ छाया हुआ है। फागुन आने तक भी ऋतुराज बसंत अभी आता नहीं दिख रहा। राज्य वृक्ष बुरांश पर भी अभी लालिमा युक्त फूल कुछेक स्थानों पर ही खिल पाए हैं। वहीं आगे बर्फबारी की संभावना भी बनी हुई है। मौसम (Mausam) विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों में तापमान अधिकतम 12 तथा न्यूनतम 6.5 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। साथ ही सुबह 8 बजे तक 6 मिमी वर्षा भी दर्ज की गई है। आगे मौसम विभाग शनिवार सात मार्च को भी बारिश की संभावना जता रहा है।
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नवीन समाचार, अल्मोड़ा, 1 मार्च 2020। अल्मोड़ा के धौलछीना में शनिवार शाम हुई भारी ओलावृष्टि व वज्रपात से 2014 की यादें ताजा हो गईं। अकाशीय बिजली की भारी गर्जना व वज्रपात के साथ भारी ओलावृष्टि के बादल फटने जैसे प्राकृतिक कोप के आगे व्यवस्थाएं तार-तार हो गईं। धौलछीना बाजार के दो ढाबे इस ओलावृष्टि से धराशायी हो गये हैं।
(Mausam) संयोग से घटना के वक्त ढाबे बंद हो चुके थे अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। साथ ही रामलीला मंच तथा बीआरसी. सभागार की छत भी क्षतिग्रस्त हो गई है और सड़क पर पल्यूं बैंड से कसाण बैंड के बीच लगभग 12 किलोमीटर के दायरे में आधा दर्जन वाहन रपट कर नाली में फंस गये और दर्जनों जाम में फंस गए।
अल्मोड़ा से जेसीबी वाहन के आने के बाद सड़क मार्ग खोलने की कार्रवाई शुरू हुई लेकिन बिजली गुल होने से भी परेशानी रही। रात भर की जद्दोजहद के बाद भी जाम पूरी तरह से नहीं खुल पाया, और रोडवेज व टूरिस्ट बसों सहित दर्जनों वाहन जाम में और उनमें सवार यात्री भूखे प्यासे ही 16 घंटे से अधिक समय तक गाड़ी के अंदर बैठे-बैठे फंसे रहे।
(Mausam) व्यापार मंडल धौलछीना द्वारा यात्रियों को बिस्किट, नमकीन तथा पानी की बोतलें देकर कुछ राहत पहुंचाई गई। अब भी यहां पल्यूं बैंड से धौलछीना तक वाहन रेंग-रेंग कर ही निकल पा रहे हैं। वहीं बताया जा रहा है कि पुलिस अभी भी मौके पर नहीं पहुची है जिससे गाड़ियों को हटाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 29 फरवरी 2020। सरोवरनगरी में शनिवार देर शाम हुई बारिश के दौरान बिजली गिरने से रैमजे हॉस्पिटल परिसर में चलने वाले बीडी पांडे जीएनएन यानी नर्सिंग कॉलेज के आधा दर्जन छात्र-छात्राओं के घायल होने की खबर है।
(Mausam) छात्र-छात्राओं को तुरंत बीडी पांडे जिला चिकित्सालय लाया गया। चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियर डा. एमएस दुग्ताल ने बताया कि पांच छात्र-छात्राओं को यहां लाया गया। इनमें से कुछ बेहोश, जबकि कुछ आकाशीय बिजली से जले हुए थे। उन्होंने बताया कि उपचार के बाद छात्र-छात्राओं को होश आ गया है व उनकी हालत बेहतर है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शाम सात बजे के आसपास हुई बारिश के दौरान रैमजे चिकित्सालय परिसर स्थित जीएनएम कॉलेज के छात्रावास के पास खड़े देवदार के पेड. पर बिजली गिरी। इसे पेड़ की एक बड़ी शाखा छात्रावास की कांच की खिड़की पर गिरी। साथ ही बिजली का प्रकोप छात्रावास के भवन पर भी पड़ा। इससे छात्रावास के बिजली का मीटर भी जल गया।
(Mausam) बिजली का प्रभाव इतना भयावह था कि छात्रावास के भीतर दरवाजे की चौखट में दरार आ गई, दीवार का प्लास्टर भी गिर गया। छात्राओं की चारपाई की चादर भी जल गई। गनीमत थी कि उस समय बिस्तर पर छात्राएं नहीं थी। घटना के समय छात्रायें ठंड होने की वजह से हीटर सेंक रही थीं।
(Mausam) फिर भी पास में मौजूद तीसरे वर्ष में अध्ययनरत छात्राएं, हल्द्वानी निवासी किरन व भावना सूर्या, सोमेश्वर-अल्मोड़ा निवासी बबीता, शांतिपुरी निवासी काजल पांडा व बागेश्वर निवासी रेखा गोस्वामी घायल हुई हैं। एक छात्रा के सिर में गंभीर चोट आने की सूचना है।
उत्तराखंड में हिमपात का 25 साल का रिकाॅर्ड टूटा, ग्लेशियर हुए रिचार्ज
मनमीत सिंह। उत्तराखंड की पहाडियों में इस बार रिकाॅर्ड बर्फबारी हुई है। ग्लेशियरों में इस बार अभी तक लगभग 54 फीट तक बर्फ की मोटी चादर बिछ चुकी है। आगे भी 13 और 14 जनवरी को फिर से भारी हिमपात होने की संभावना जताई गई है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 25 साल पूर्व 1995 में 1000 मीटर की उंचाई तक हिमपात हुआ था। उसके बाद सन 2000 में 1200 मीटर तक हिमपात हुआ। वहीं इस बार फिर से 1000 मीटर तक हिमपात हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, हिमपात मेें हुई बढोतरी का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) का सर्दियों में उत्तराखंड की तरफ ज्यादा मूवमेंट है।
पिछले एक दशक से उत्तराखंड में ग्लेशियरों के पिघलने की रफ़तार तेजी से बढ रही थी। लेकिन पिछले और इस साल मौसमी चक्र ने इस रफ्तार को थाम लिया है। बर्फबारी का सामान्य अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केदारनाथ में अमूमन हर साल लगभग 30 से 35 फीट तक बर्फबारी होती थी। लेकिन 2019 में 54 फीट हिमपात हुआ। वहीं इस बार ये आकंड़ा और ऊपर जाने का संभावना है। क्योंकि जनवरी में ही केदारनाथ में कुल 40 फीट से ज्यादा हिमपात हो चुका है।
वाडिया हिमालय भू-वैज्ञानिक संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक व ग्लेशियर विषेशज्ञ डा डीपी डोभाल बताते हैं कि हम पिछले साल से हिमालय में पड़ रही ज्यादा बर्फबारी को मानिटरिंग कर रहे हैं। ये एक नया तरह का पैटेर्न है। मौसम ने इस बार भी इसका दोहराया है। अगर अगले पांच सालों तक हिमपात ऐसा ही होता रहा तो ये हिमालय के ग्लेशियरों में नई जान फूंक देगी। जो पूरे भारत के जलवायू और मौसम के लिये अच्छा संकेत साबित होगा।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह बताते हैं मौसम का चक्र पिछले साल से बदला है। पिछले साल को अगर छोड़ दिया जाये तो उत्तराखंड में हिमपात 1800 मीटर तक ही सिमट गया था। लेकिन पिछले साल और इस साल हिमपात 1100 मीटर तक हुआ है। उत्तरकाशी में बड़कोट, पुरौला, त्यूणी, नई टिहरी में भागीरथी पुरम और देहरादून में ही मसूरी के काफी नीचे तक हिमपात हुआ है। पिछले साल मार्च तक हिमपात हुआ था। लेकिन इस साल जनवरी सात और आठ के हिमपात में ही भारी हिमपात हुआ है।
अभी मार्च तक कई बार हिमपात होने की संभावना है। इस साल पिछले साल का भी रिकाॅर्ड टूट सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह बताते हैं कि उत्तराखंड में 90 प्रतिशत तक बारिश और हिमपात पश्चिमी विक्षोभ के कारण होता है। पश्चिमी विक्षोभ भू-मध्य सागर से उठता है और बादल बनकर हिमालच की पहाडियों से टकराता है। जिसके बाद उच्च हिमाचल और मध्य हिमालय को अच्छी बारिष और हिमपात मिलता है। पश्चमी विक्षोभ हिंदू कुश की पहाड़ियों के ऊपर से कई बार मध्य एशिया की ओर भी मूवमेंट कर देता है। लेकिन इस बार इसका मूवमेंट ज्यादा हिमालय की ओर है।
उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक प्रो. एमपीएस बिष्ट बताते हैं कि उत्तराखंड में पिछले साल से मौसमी चक्र में हुए बदलाव के कारण जो हिमपात हुआ। उससे राज्य में हिमपात का कैचमेंट एरिया बढा है। हमने इस पर सैटेलाइट मैपिंग के जरिये रिसर्च किया है। धौलीगंगा बेसिन, गंगा बेसिन, यमुना बेसिन, गौरीगंगा बेसिन और अलकनंदा बेसिन में 20 प्रतिषत तक बर्फ का कैचमेंट एरिया बढा है।
कई इलाकों में 25 साल बाद हिमपात
राज्य के कई इलाकों में 25 साल बाद हिमपात हुआ है। इसमें मुख्य रूप से टिहरी और उत्तरकाशी के गांव है। टिहरी में मुसान गांव में 25 साल बाद हिमपात हुआ। जबकि उत्तरकाशी के बडकोट में भी आखिर बार हिमपात 1998 में हुआ था। मसूरी में इस बार डेढ फीट तक हिमपात हुआ। आखिरी बार सन 2000 में मसूरी में इतनी बर्फबारी हुई थी। 2014 में एक फीट हिमपात हुआ था। नैनीताल में भी 15 साल पूर्व ऐसा हिमपात हुआ था। मुक्तेस्वर और धानाचुली में भी रिकाॅर्ड हिमपात हुआ है। (हिन्दी वैब पत्रिका ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार)
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नवीन समाचार, नैनीताल, 11 जनवरी 2020। सरोवरनगरी में गत 8 जनवरी की रात्रि हुई भीषण बर्फबारी को हालांकि तीन दिन हो गए हैं, और तब से लगातार धूप भी खिल रही है, बावजूद नगर में बर्फ के बेहद सुंदर नजारे दिखने का सिलसिला थमा नहीं है। नगर के हिमालय दर्शन पर्यटन स्थल के पास जहां आम तौर पर सैलानी हिमालय के दर्शन करने जाते हैं, वहां खुद हिमालय जैसा नजारा है। वहां हर कोई यही कह रहा है, ‘इधर भी हिमालय, उधर भी हिमालय’।
स्नोमैन-स्नोवूमन के बाद शिव पुत्र गणेश बने हिम देव: महादेव शिव का वास हिमालय पर्वत पर माना जाता है। लेकिन नगर में हिमपात के लोगों ने नये-नये प्रयोग करते हुए बर्फ के शिव लिंग के साथ बर्फ से शिव के पुत्र गणेश भगवान की मूर्ति भी बना डाली है। ऐसी ही एक खूबसूरत मूर्ति नगर के शेरवानी क्षेत्र में पत्रकारिता की छात्रा हिमानी रौतेला ने बनाई है, जबकि बर्फ से गणपति की एक अन्य मूर्ति नयना देवी मंदिर में भी बनाई गई है।
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4-5 दशक की सर्वाधिक बर्फबारी, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में डेढ़ तो निचले क्षेत्रों में आधा फिट तक हुई बर्फबारी
नवीन समाचार, नैनीताल, 9 जनवरी 2020। सरोवर नगरी नैनीताल में करीब 4 दशक से भी अधिक लंबे समय बाद हुए भारी हिमपात के बाद बृहस्पतिवार सुबह धूप खिलने पर चांदी व सोना एक साथ बिखरे नजर आया। प्रकृति की अद्भुत-अप्रतिम नेमत श्वेत-धवल चांदनी सी लकदक बर्फ पर सुबह की सुनहरी धूप का नजारा जिसने भी देखा,
हमेशा के लिए उसे अपनी स्मृतियों में बसाने के लिए कैमरों में कैद कर लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार उन्होंने पिछले 2-3 दशकों में ऐसा हिमपात कभी नहीं देखा। नगर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में डेढ़ तो निचले क्षेत्रों में आधा फिट तक बर्फ जमी हुई देखी गई। माल रोड पर भी सुबह करीब आधा फिट बर्फ थी।
इस कारण सड़कों पर वाहन नहीं चल पाए। इस पर प्रशासन को नगर से 3-3 किमी पहले हनुमानगढ़ी व बारापत्थर से सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी लगानी पड़ी। इसके बाद मुख्य मार्गों पर वाहन चल पाए, लेकिन आंतरिक मार्गों पर यातायात कमोबेश ठप रहा। बारापत्थर में होली एंजिल स्कूल के पास सहित कई जगह सड़को पर पेड़ व बिजली के पोल टूट कर गिर जाने से यातायात के साथ बिजली भी गुल हो गई।
माल रोड पर स्थित कन्नू सुयाल के घर के पीछे गिरे विशाल पेड़ की वजह से घर की दीवार ध्वस्त हो गई और पत्थर घर के भीतर आ गए। वहीं दूर-दूर से आये सैलानियों व नगर वासियों ने ऐतिहासिक बर्फबारी का जमकर आनंद लिया, वहीं लोग ठंड में ठिठुरते भी नजर आए और बिस्तर या अलाव का सहारा लेते नजर आए। देर शाम विद्युत विभाग के कर्मियों की कड़ी मेहनत से विद्युत आपूर्ति कुछ निचले इलाकों में सुचारू हुई लेकिन इसके बाद भी फॉल्ट आने से बिजली आती-जाती रही।
यह भी पढ़ें (Mausam) : नैनीताल-मुक्तेश्वर सहित पूरे पर्वतीय क्षेत्र में भारी बर्फबारी
नवीन समाचार, नैनीताल, 9 जनवरी 2019 (Mausam) । सरोवरनगरी नैनीताल एवं मुक्तेश्वर सहित नजदीकी पूरे पर्वतीय क्षेत्रों में रात्रि में भारी बर्फबारी हुई है। इससे सुबह जमीन के साथ ही पेड़ों पर काफी मात्रा में बर्फ लकदक नजर आ रही है। इससे ऊपरी ही नहीं निचले पर्वतीय क्षेत्रों में भी प्रकृति का बेहद ही सुंदर श्रृंगार हुआ है।
(Mausam) दृश्य इतने सुंदर हैं कि कई वर्ष पूर्व में होने वाले हिमपात की यादें ताजा कर रहे हैं। अलबत्ता, पर्वतीय क्षेत्रों में ठंड भी काफी बढ़ गई है, और रास्तों में फिसलन भी काफी है। ऐसे में ठंड से बचने के पर्याप्त प्रबंध करके ही आने और वाहनों को सावधानी से चलाने की सलाह दी जा रही है। नगर की कुछ सड़कों बर्फ हटाने के लिए जेसीबी मशीनें मंगवानी पड़ी हैं, और उन्होंने बर्फ हटाने का कार्य प्रारंभ कर दिया है।
(Mausam) यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में जमकर बर्फबारी, सैलानियों की रौनक
नवीन समाचार, नैनीताल, 4 जनवरी 2019। सरोवरनगरी में बर्फबारी, बारिश-ओलावृष्टि व ठंड के साथ सैलानियों की रौनक का सिलसिला जारी है। नगर में शनिवार अपराह्न अच्छी बर्फबारी हुई है, इससे पूरे नगर में सफेदी की चादर बिछ गई है। नगर में पहुंचे सैलानियों ने सामने होते हिमपात का जमकर आनंद उठाया।
(Mausam) इससे पहले सुबह भी नगर के तल्लीताल क्षेत्र में शुक्रवार शाम पड़े ओलों से तल्लीताल फांसी गधेरा, जिला कलक्ट्रेट रोड पर शनिवार दोपहर तक ओलों की सफेद चादर दिखाई दी। इससे अमीर वर्ग, नगर के पर्यटन व्यवसायियों में खुशी की लहर है। सैलानी भी आनंदित हो रहे हैं।
(Mausam) वहीं कमजोर आय वर्ग के गरीब लोगों के लिए यह सबसे बुरा समय है। दैनिक दिहाड़ी पर काम कर अपना परिवार पालने वाले लोग काम पर नहीं जा पा रहे हैं। उन्हें काम भी नहीं मिल रहा है, वहीं ठंड से बचने का प्रबंध न होने के कारण उनकी जान पर बन आई है। नगर में अलाव भी नहीं जल रहे हैं। इसलिए बर्फबारी उनके लिए किसी दुःख खबरी से कम नहीं है। नगर में बिजली गुल हो गई है। इंटरनेट सेवा भी बाधित हो गई है।
यह भी पढ़ें (Mausam) : सरोवरनगरी सहित पहाड़ों में दूसरी रात भी पड़ी बर्फ, और मोटी हुई ‘चांदी की चादर’
नवीन समाचार, नैनीताल, 14 दिसंबर 2019 (Mausam) । सरोवर नगरी नैनीताल में लगातार दूसरी शुक्रवार की पूरी रात प्रकृति बारिश के साथ अपनी सबसे प्यारी नेमत बर्फ के रूप में बरसाती रही। इससे शहर को जैसे अधिक ठंड के साथ मोटी ‘चांदी की चादर’ ओढ़नी पड़ी है।
उल्लेखनीय है कि नगर में करीब दो दशक से भी लंबे समय बाद दिसंबर के पहले पखवाड़े में बर्फबारी हुई है। इस बर्फबारी से कड़ाके की ठंड होने के बावजूद सभी के चेहरे खिले हुए नजर आ रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष आगे भी बर्फबारी होती रहेगी और भरपूर संख्या में सैलानी आएंगे।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 28 नवंबर 2019। (Mausam) सरोवनगरी में भी बृहस्पतिवार से ठंड का आगाज हो गया। नगरी को आज सुबह तड़के ही ऐसी बर्फीली ठंड लगी कि उसने सफेद चांदी सी चादर ही ओढ़ ली। जी हां, नगर में आज जबर्दस्त ओलावृष्टि हुई। ऐसी ओलावृष्टि कि सड़कों पर ओलों की मोटी परत बिछने के कारण नगर में वाहनों का यातायात ही ठप हो गया।
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-रामनगर में कोसी चेतावनी के स्तर पर पहुंची
नवीन समाचार, नैनीताल, 19 अगस्त 2019। उत्तराखंड मौसम (Mausam) विभाग की उच्च स्तरीय चेतावनी के साथ प्रदेश भर में हो रही भारी बारिश के बीच नैनीताल जनपद से भी डरावनी तस्वीरें आ रही हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में पहाड़ से बम के गोलों की तरह पत्थर बरसते नजर आ रहे हैं।
(Mausam) वायरल वीडियो आज का ही और अल्मोड़ा एनएच का बताया जा रहा है, प्रत्यक्षदर्शियों ने वहां भौया बैंड पर ऐसा ही भूस्खलन होने का दावा भी किया है, परंतु यह वीडियो किसने बनाया और क्या यह आज का ही है, इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है।
(Mausam) राजभवन रोड पर नयना मंदिर के करीब ठीक ऊपर पिछले वर्ष हुए भूस्खलन की जगह करीब 10 माह बाद बमुश्किल बनाई गयी दीवार पहली बारिश भी नहीं झेल पाई है, और भरभराकर गिर गयी है। खास बात यह भी है कि यहां ऊपर से कोई बड़ा भूस्खलन नजर नहीं आ रहा है। केवल दीवार ही गिरी है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसे बारिश ने नहीं ‘भ्रष्टाचार’ ने गिराया है।
(Mausam) उधर जनपद के रामनगर में कोसी नदी का जल स्तर 10 हजार क्यूसेक के चेतावनी के स्तर को पार करके 10376 क्यूसेक के स्तर पर पहुंच गया है। इधर हल्द्वानी रोड पर रानीबाग से आगे रपटे में पानी आने से वाहन दोनों ओर फंस गये हैं। इस मार्ग पर कई अन्य जगह भी सड़क पर भूस्खलन से मलबा आ गया है।
(Mausam) अंडरग्राउंड या ओवरहैंग लाइनें हो सकती हैं समाधान, 340 करोड का है प्रस्ताव
नैनीताल। हमेशा ही आंधी-तूफान तथा ओलावृष्टि व बर्फबारी की संभावना वाले एवं वीआईपी शहर नैनीताल नगर को अंग्रेजी दौर से ही बिजली की कटौती से मुक्त रखा जाता था। तब यहां लाइनें भी नई व मजबूत थीं, तथा नगर की जनसंख्या का दबाव भी कम था।
(Mausam) किंतु उत्तराखंड राज्य बनने के बाद कुछ वर्षो राज्य में बिजली की कमी की स्थितियों में नगरवासियों को बिजली की कटौती भी झेलनी पड़ी। किंतु इधर कटौती तो समाप्त हो गयी किंतु पिछले एक-दो वर्षों से नगर में मौसम (Mausam) की हल्की खराबी पर भी बिजली जाने की समस्या आम हो गयी है।
(Mausam) अब करीब हर रोज ही यहां किसी न किसी कारण से बिजली आती-जाती रहती है। विद्युत विभाग के ईई सैयद शिराज उस्मान ने बताया कि नगर के तल्लीताल क्षेत्र की आपूर्ति 1990 में बने पाइंस और मल्लीताल की आपूर्ति 1977 में बने सूखाताल बिजलीघर से होती है।
(Mausam) यह लाइनें अब बेहद पुरानी व जीर्ण-शीर्ण हो गई हैं। लिहाजा सारी लाइनों की बदले जाने की जरूरत है। इसके लिये प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय को भेजा जा रहा है। वहीं वहीं संवेदनशील स्थानों, खासकर घने वन क्षेत्र से गुजरने वाले क्षेत्रों में लाइनों को ओवरहैंग अथवा अंडरग्राउंड करने से समस्या का समाधान हो सकता है, परंतु ऐसा करना काफी महंगा बताया जा रहा है।
(Mausam) इस समस्या के समाधान के लिए करीब एक दशक पहले भी तत्कालीन अधिशासी अभियंता एचके गुरुरानी के द्वारा जिला योजना के तहत प्रस्ताव भेजा गया था, जो स्वीकृत नहीं हुआ। इधर अधिशासी अभियंता श्री उस्मान ने बताया कि पुनः करीब 340 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा गया है।
(Mausam) बताया कि नैनीताल के साथ देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी व काशीपुर के लिए भी अंडरग्राउंड केबल के प्रस्ताव गये थे, परंतु यह कार्य काफी महंगा होने के कारण केवल हरिद्वार के कुंभ मेला क्षेत्र के लिए ही प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है। वहीं नगर में ओवरहेड केबल डालने के लिए केवल 50 लाख रुपये मिले थे, जिससे नगर के अयारपाटा, सात नंबर सहित जहां लाइनों पर पेड़ गिरने अथवा बंदरों के कूदने की संभावना थी वहां ओवरहेड केबल डाली जा चुकी है। लेकिन समस्या का पूरा समाधान नहीं हुआ है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 13 जुलाई 2019। (Mausam) मुख्यालय में बीती रात्रि से ही शनिवार को मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी रहा। इस दौरान पहले सुबह और फिर अपराह्न में आंधी-तूफान के साथ जोरदार बारिश हुईं इस कारण पहले सुबह तड़के 3 से 5 बजे के बीच नगर के मल्लीताल जय लाल साह बाजार में शिव मंदिर के पास स्थित एक पांच मंजिला भवन का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया।
(Mausam) भवन दशकों पुराना एवं बेहद जीर्ण शीर्ण था। बताया गया है कि भवन नगर के व्यवसाई मदन लाल साह का था। भवन को लेकर पारिवारिक विवाद की बात भी प्रकाश में आ रही है, जिस कारण नगर पालिका से बरसों पहले से लगातार नोटिस दिए जाने के बावजूद भवन स्वामी इसे ध्वस्त नहीं कर रहे थे और संभवतः इसके खुद-ब-खुद ध्वस्त होने की ही प्रतीक्षा कर रहे थे।
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-मूसलाधार बारिश से हाईकोर्ट के पास विशाल वृक्ष कार व बिजली की लाइन पर गिरा, यातायात-विद्युत आपूर्ति बाधित
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 जून 2019। (Mausam) मंगलवार अपराह्न की बारिश से नगर के मल्लीताल क्षेत्र में उच्च न्यायालय के पास चीना बाबा चौराहा से मेट्रोपोल पार्किंग की ओर जाने वाले मार्ग पर एक विशाल वृक्ष बिजली की लाइन को अपने साथ जमीन पर आ गिरा। एक कार भी भारी भरकम पेड़ के नीचे दब गयी।
(Mausam) इससे मस्जिद तिराहे की ओर ‘वन-वे’ व्यवस्था के तहत चलने वाला यातायात और शहर की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था भी ठप हो गयी। घटना में हरियाणा के सैलानियों की बिलकुल नई, बिना पंजीकरण अस्थाई नंबर से ही चल रही कार संख्या एचआर26-टीएमपी508012 बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। घटना के समय कार के भीतर कार का चालक था, जो सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
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(Mausam) उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फिर ताजा हिमपात और निचले इलाकों में बारिश होने से मौसम (Mausam) में ठंडक बनी हुई है। राज्य मौसम (Mausam) केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के उंचाई वाले इलाकों में ताजा हिमपात हुआ है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, औली, मनुस्यारी आदि प्रदेश के ऊंचे इलाकों में ज्यादा बर्फबारी होने की खबर है।
(Mausam) केदारनाथ में 14 और बद्रीनाथ में 6 फुट बर्फ होने के समाचार हैं। वहीं रविवार को देहरादून और आसपास के मसूरी जैसे पहाड़ी इलाकों में जमकर जो नैनीताल-हल्द्वानी एवं आसपास के क्षेत्रों में सुबह बारिश हुई। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों में अगले एक-दो दिनों में भी हल्की बारिश हो सकती है ।
(Mausam) इधर पंतनगर विवि के मौसम (Mausam) वैज्ञानिक डा. आरके सिंह के अनुसार इस बार उत्तराखंड में फरवरी में आठ बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से बीते 15 साल का रिकॉर्ड टूटा है। उनके अनुसार सामान्यतः उत्तराखंड में फरवरी में चार बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है। मगर इस बार ‘आर्कटिक ब्लास्ट’ के चलते फरवरी में बीते 15 साल के सभी रिकॉर्ड धराशायी हो गये हैं। इस बार फरवरी में आठ बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है।
(Mausam) जिसके चलते उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में छह बार बर्फबारी और आठ बार हल्की और मध्यम से लेकर तेज बारिश हो चुकी है। उनके अनुसार फरवरी में उत्तराखंड में सामान्य तौर पर 30 मिमी बारिश होती है। मगर इस बार 38 मिमी. बारिश के साथ ही छह बार उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो चुकी है।
(Mausam) जानकार इसके लिए आर्कटिक ब्लास्ट को जिम्मेदार मान रहे हैं। डॉ. सिंह ने मौजूदा मार्च में भी दो से तीन बार पश्चिमी विक्षोभ हवाओं के सक्रिय होने और हल्की से मध्यम बारिश के साथ उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना जताई है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 27 फरवरी 2019। सरोवरनगरी में बुधवार को लगातार दूसरी सुबह भी नजारे बेहद शानदार हैं। नगर के निचले क्षेत्रों में भी करीब 1 इंच बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है। बीती रात्रि भी नगर में खामोशी के साथ अच्छी बर्फबारी हुई है। नैना पीक, कैमल्स बैक, बिरला, स्नो व्यू व लड़ियाकांटा की पहाड़िया बर्फ से लकदक पटी हुई हैं।
(Mausam) अभी भी हल्की बर्फबारी जारी है। बीती शाम सेे ही बिजली गुल है।ऐसे में परेशानियां भी कम नहीं हैं, क्योंकि मंगलवार से ही नगर के प्रमुख पब्लिक स्कूल भी खुल चुके हैं इसलिए बच्चों के सामने भी स्कूल जाने की समस्या है। सेंट मेरिज कॉन्वेंट कॉलेज में छुट्टी घोषित कर दी गई है। जबकि अन्य स्कूलों से कोई जानकारी उपलब्ध न होने के कारण छुट्टी पर असमंजस बना हुआ है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 15 फरवरी 2019। सरोवरनगरी में बारिश-ओलावृष्टि का क्रम शुक्रवार को भी जारी रहा। भीषण ओलावृष्टि से हाईकोर्ट परिसर में एक न्यायाधीश के आवास के पीछे स्थित एक आवासीय भवन की छत पर सुरई का एक विशालकाल पेड़ गिर गया। आवास में हाईकोर्ट के कर्मचारी रहते हैं। पेड़ गिरने से भवन की छत को नुकसान पहुंचा है।
(Mausam) वहीं वन दरोगा हीरा सिंह शाही ने बताया कि मस्जिद तिराहे से आगे हाईकोर्ट रोड पर भीषण ओलावृष्टि के कारण वाहन नहीं चल पाने के कारण लगे जाम की वजह से वन कर्मी पेड़ को हटाने के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं। यहां घंटों वाहन फंसे रहे। पुलिस को इस मार्ग पर जाम खुलवाने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा। इधर ओलावृष्टि के बाद से नगर में बिजली भी गुल हो गयी है।
(Mausam) नगर में दिन की शुरुआत बादलों से घिरे आसमान के साथ हुई, लेकिन बाद धूप भी निकली, लेकिन अपराह्न करीब ढाई बजे से नगर में बारिश के साथ ‘बमबारी’ की तरह जोरदार ओलावृष्टि हुई, फलस्वरूप करीब आधे घंटे में ही नगर के निचले इलाके भी ओलों की सफेद चादर से पट गये। माल रोड सहित सभी प्रमुख सड़कों पर लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी पेश आई, वहीं नगर के चार्ल्टन रोड जैसे तीक्ष्ण चढ़ाई व उतार वाली सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया।
मौसम (Mausam) विभाग के अनुसार दिन का तापमान अधिकतम 13 व न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस के बीच आ गिरा, जबकि बीते 24 घंटों में नगर में 15.2 मिमी बारिश भी दर्ज की गयी है। मौसम (Mausam) विभाग आगे भी अगले एक-दो दिन मौसम (Mausam) के यथावत रहने की संभावना जता रहा है।