नवीन समाचार, कोटद्वार, 14 जनवरी 2024 (IAS Officers from Uttarakhand)। कल्पना कीजिये कोई लड़की एक लड़के को गले लगा के कहे, ‘कर तू तुझे जो करना है। मैं कहीं नहीं जाने वाली, बस तेरी ही हूँ…. जाओ, पलट दो दुनियाँ’ यह कल्पना शायद आप कर भी लें, लेकिन सोचें कि लड़का 12वीं फेल हो और और सिविल सेवाओं की तैयारी करते हुये भी अपने 4 में से 3 प्रयासों में फेल हो चुका हो।
जबकि लड़की पीसीएस अधिकारी हो और आईएएस की तैयारी कर रही हो। शायद ऐसी कल्पना भी आप न कर पायें लेकिन ऐसा न केवल हुआ है, वरन लड़की के इस समर्थन, सहयोग व भरोसे ने उस ‘12वीं फेल’ लड़के को आईपीएस अधिकारी बना दिया।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में पढ़ी और मूलतः गंगोलीहाट के पोखरी गांव की निवासी तथा नैनीताल में डिप्टी कलेक्टर रही श्रद्धा जोशी नाम की एक लड़की ने अपनी प्रेरणा से बंदूकों के लिये प्रसिद्ध चंबल के बीहड़ के एक लड़के मनोज शर्मा को आईपीएस अधिकारी बना दिया और कानून की बंदूक दिला दी। आज श्रद्धा और मनोज की इस प्रेम और विश्वास की कहानी पहले उपन्यास के रूप में आने के बाद अब बड़े पर्दे पर ‘ट्वेल्थ फेल’ (12th Fail) नाम से देश भर में पसंद की जा रही है।
श्रद्धा का जन्म 5 मार्च 1979 को एक ब्राह्मण परिवार में कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्राध्यापक रहे मूलरूप से पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के पोखरी गांव निवासी प्रोफेसर गणेश जोशी के घर में हुआ और उनका बचपन अल्मोड़ा के ‘सरकार की आली’ में बीता। वह बचपन से ही अनुशासित और पढाई-लिखाई में होशियार रहीं।
उन्होंने अल्मोड़ा के राजा आनंद सिंह राजकीय बालिका इंटर कॉलेज से वर्ष 1994 में इंटरमीडिएट की परीक्षा तत्कालीन उत्तर प्रदेश बोर्ड में पूरे प्रदेश में 13वीं रैंक की गति से उत्तीर्ण की। लेकिन इसके ठीक विपरीत उन्हें चंबल के बीहड़ों के मुरैना निवासी नकल के लिये कुख्यात एक विद्यालय में किसी कारण उस वर्ष नकल न होने के कारण पूरे विद्यालय के साथ 12वीं में फेल हुये मनोज कुमार शर्मा ने प्रेम निमंत्रण दिया। जिसे उन्होंने स्वीकार किया और 1905 बैच का मुंबर कैडर का आईपीएस बना दिया।
दरअसल हुआ यह कि श्रद्धा इंटर करने के बाद गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार से डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद श्रद्धा यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली चली गईं। वहाँ मुखर्जी नगर में विकास दिव्यकीर्ति के यहां तैयारी करने के दौरान मनोज श्रद्धा से एकतरफा प्यार करने लगे, लेकिन वह श्रद्धा को यह सब बातें नहीं बता पा रहे थे। यहां भी मनोज के साथ वही 12वीं फेल वाली कहानी होती रही।
मनोज लगातार तीन प्रयासों में असफल रहे। जबकि श्रद्धा उत्तराखंड पीसीएस के पहले बैच की परीक्षा में 13वां स्थान हासिल कर साल 2005 में नैनीताल की डिप्टी कलेक्टर बन गईं। जिले में उन्होंने ग्रामीण विकास, पर्यटन, पर्यावरण और महिला विकास से संबंधित मुद्दों पर काम किया।
अब मनोज की चिंता और बढ़ गई, सोचने लगे श्रद्धा तो उनके हाथ से गई। एक दिन मनोज ने श्रद्धा से कहा ‘आप हां कर दो, मैं दुनिया पलट दूंगा’, श्रद्धा भी समझ गई थीं कि मनोज उससे प्यार तो करते हैं। उन्हें लगा कि जब तक मनोज को कोई बड़ी चुनौती नहीं जाएगी तब तक वह परीक्षा पास नहीं कर पाएंगे। श्रद्धा ने सोचा कि अगर मैं मनोज को हां कर देती हूं तो क्या पता वो अपना मुकाम हासिल कर लें। उन्होंने मनोज को हां कर दिया।
फिर जैसा मनोज ने कहा था ठीक वैसा ही हुआ। श्रद्धा का साथ मिला तो मनोज 2005 में प्रीलिम्स और मेन्स पास करने के बाद इंटरव्यू भी क्लियर कर गए। उन्होंने ऑल इंडिया 121 वीं रैंक हासिल की। और वो बन गए आईपीएस ऑफिसर। फिर दिसंबर 2005 में दोनों विवाह बंधन में बंध गए। वहीं, मनोज का प्यार भी ऐसा निकला कि 2007 में श्रद्धा भारतीय राजस्व अधिकारी यानी आईआरएस बन गईं। यानी दोनों के लिए प्यार ही उनकी सफलता का संबल बन गया।
इस समय मनोज मुंबई में डीआईजी के पद पर तैनात हैं, लोग उन्हें ‘सिंघम’ कहकर भी बुलाते हैं। जबकि उनकी पत्नी बन चुकी श्रद्धा जोशी इन दिनों महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की सचिव हैं। वह 2018 में महाराष्ट्र के महिला आर्थिक विकास महामंडल की एमडी यानी प्रबंध निदेशक और 2022 से एमटीडीसी यानी महाराष्ट्र टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की एमडी भी रह चुकी हैं।
दोनों का एक बेटा और बेटी हैं, विधु विनोद चोपड़ा के निर्देशन में आईपीएस मनोज कुमार शर्मा पर बनी फिल्म 12वीं फेल गत 27 अक्टूबर को रिलीज होने के बाद इन दिनों थियेटरों में दिखाई जा गई है। दोनों की कहानी संघर्ष करते हर युवा को भी हिम्मत व प्रेरणा दिलाने वाली है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 2 जनवरी 2024 (IAS Officers from Uttarakhand) । नैनीताल के सेंट जोसफ कॉलेज के छात्र रहे सुधांश पंत राजस्थान के मुख्य सचिव बनाये गये हैं। उन्होंने यहां डे स्कॉलर के साथ बोर्डिंग में रहकर भी 10वीं तक की शिक्षा ली है। श्री पंत का नगर के मल्लीताल में मुख्य डाकघर के पास गुडलक हाउस नाम का घर है। वैसे वह मूलतः पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग नगरपालिका के खितोली वार्ड के रहने वाले हैं। उनके राजस्थान प्रांत का मुख्य सचिव बनने पर नगर में उनके परिचितों के साथ आम लोगों में खुशी का माहौल है।
बताया गया है कि बेहद कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार अधिकारी माने जाने वाले श्री पंत की राजस्थान की पिछली गहलौत सरकार में नहीं बन पायी थी और वह प्रतिनियुक्ति में केंद्र सरकार में आ गये थे, और अभी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव थे। लेकिन अब राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद उन्हें राज्य में उनसे 7 अधिक वरिष्ठ अधिकारी होने के बावजूद मुख्य सचिव के रूप में प्रदेश की नौकरशाही का मुखिया बनाया गया है।
1991 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी श्री पंत के साथ नैनीताल के सेंट जोसफ कॉलेज में कक्षा 3 से 10वीं तक पढ़े कुमाऊं विवि के भौतिकी विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक एवं वर्तमान अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय पंत ने बताया कि उन्होंने 1981 में 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने तक साथ पढ़ा। श्री पंत के पिता विद्युत विभाग में मुख्य अभियंता तक कुछ समय नैनीताल में और काफी समय अन्यत्र रहे।
इसलिये श्री पंत सेंट जोसफ कॉलेज में कभी डे-स्कॉलर के रूप में घर से जाकर और कुछ समय बोर्डिंग यानी छात्रावास में रहकर पढ़े। बाद में वह आईआईटी खड़गपुर चले गये थे जहां से उन्होंने बीटेक (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। बताया जाता है कि इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने नैनीताल के एक विद्यालय में शिक्षक के तौर पर भी कुछ दिनों काम किया। उनके साढ़ू भाई डॉ. कपिल जोशी उत्तराखंड में मुख्य वन संरक्षक-ईको टूरिज्म के पद पर कार्यरत हैं। पिछले दिनों श्री पंत नैनीताल भी आये थे।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 23 मई 2023 (IAS Officers from Uttarakhand)। संघ लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2022 में हुई सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इसमें आईएएस के पदों पर चयन के लिए 180 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है।
(IAS Officers from Uttarakhand) इनमें उत्तराखंड के भी करीब एक दर्जनयुवा शामिल हैं। इनमें रुद्रपुर की गरिमा नरुला ने 39वाँ, कर्णप्रयाग की मुद्रा गैरोला ने 53वाँ, हल्द्वानी की दीक्षिता जोशी ने 58वाँ, रुद्रपुर के चन्द्रकांत बगोरिया ने 75वाँ, बागेश्वर की कल्पना पांडे ने 102वाँ, नैनीताल के देवब्रत जोशी ने 125वाँ, देहरादून की सुरभि पाठक ने 156वाँ, मुकुल जमलोकी ने 161वाँ व हिमांशु सामन्त ने 348वाँ, मसूरी के माधव भारद्वाज ने 536वाँ, जखोली की कंचन डिमरी ने 654वाँ व देहरादून के तस्कीन खान ने 736वाँ स्थान प्राप्त किया है। (IAS Officers from Uttarakhand)
(IAS Officers from Uttarakhand) शुरुआती जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के रुद्रपुर की गरिमा नरूला देश भर में 39वें, हल्द्वानी निवासी दीक्षिता 58वें, बागेश्वर के गरुड़ की रहने वाली कल्पना पांडे 102वें, काशीपुर के देवव्रत जोशी 125वें, दून निवासी हिमांशु सामंत 348वें, अल्मोड़ा के लमगड़ा की श्वेता नगरकोटी ने 410वीं व मसूरी निवासी माधव भारद्वाज 536वें रैंक के साथ उत्तीर्ण हुए हैं। यह भी पढ़ें : फायदे का समाचार: यहां चल रही है 85 फीसद तक छूट, बस कल तक मौका…
(IAS Officers from Uttarakhand) प्राप्त जानकारी के अनुसार रुद्रपुर के ईश्वर कॉलोनी की रहने वाली गरिमा नरुला ने पहले ही प्रयास में 39वीं रैंक हासिल की है। उल्लेखनीय है कि गरिमा ने वर्ष 2017 में सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परिक्षा में जनपद उधमसिंह नगर में टॉप किया था। उनके पिता बिपिन नरूला एक पैथोलॉजी लैब में प्रबंधक व माता शारदा नरूला गृहणी हैं। यह भी पढ़ें : यहां चल रही है खरीददारी पर 80 फीसद तक की छूट, एक दिन में डिलीवरी की सुविधा भी
(IAS Officers from Uttarakhand) जबकि चमोली जिले के कर्णप्रयाग तहसील के बांगड़ी गांव की मुद्रा गैरोला ने 53वीं व नैनीताल जनपद की बेटी हल्द्वानी पीलीकोठी निवासी दीक्षिता ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल की है। मुद्रा ने इससे पहले पिछले वर्ष 163वीं रैंक के साथ यह परीक्षा पास की थी और तब उनका चयन आईपीएस के रूप में हुआ था। आईपीएस के प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने पुनः परीक्षा दी और अब वह आईएएस बनने जा रही हैं। (IAS Officers from Uttarakhand)
(IAS Officers from Uttarakhand) दीक्षिता की मां दीपा पहाड़पानी के खीमराम आर्य राजकीय इंटर कॉलेज में हिंदी विषय की प्रवक्ता है और पिता आईके पांडे नैनीताल बीडी पांडे अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं। दीक्षिता ने बिना कोचिंग लिए तीसरे प्रयास में यह बड़ी सफलता प्राप्त की है। यह भी पढ़ें : गौरव: उत्तराखंड के मेधावियों लिए छप्पर फाड़ रही सिविल सेवा परीक्षा, अब तक रिकॉर्डएक दर्जन के परीक्षा उत्तीर्ण करने की जानकारी (IAS Officers from Uttarakhand)
(IAS Officers from Uttarakhand) वहीं बागेश्वर जनपद के गरुड़ के निकट खडेरिया गांव की की रहने वाली कल्पना पांडे ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में 102वां स्थान प्राप्त किया है। कल्पना के पिता दुकान चलाते हैं, और उनकी मां बैजनाथ में एएनएम हैं।
(IAS Officers from Uttarakhand) कल्पना की प्रारंभिक पढ़ाई बागेश्वर के निजी विद्यालय से आगे की पढ़ाई दिल्ली से हुई है। इनके अलावा देहरादून निवासी व सीएजी कार्यालय कोलकाता में डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर कार्यरत मुकुल जमलोकी ने चौथी बार में पूरे देश में 161वीं रैंक हासिल की है।
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(IAS Officers from Uttarakhand) जबकि सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के रहने वाले और वर्तमान में दून निवासी हिमांशु सामंत ने परीक्षा में 348वीं रैंक हासिल की है। जबकि 410वीं रैंक के साथ आईएएस बनने वाली श्वेता नगरकोटी के पिता गाजियाबाद में एक फैक्टरी में काम करते थे और नौकरी छूटने पर उन्होंने हल्द्वानी के डहरिया में परचून की दुकान भी चलाई। यह भी पढ़ें : भारी पड़ा सोशल मीडिया पर सांप को चबा जाना, नदी में उत्पात मचा रहे लोगों पर भी हुई कार्रवाई
(IAS Officers from Uttarakhand) वहीं वर्तमान में शामली में तहसीलदार के पद पर कार्यरत मसूरी निवासी माधव भारद्वाज ने सिविल सेवा परीक्षा में 536वीं रैंक हासिल की है। इससे पहले उन्होंने यूपीपीसीएस परीक्षा में सफलता अर्जित की थी।
(IAS Officers from Uttarakhand) इनके अलावा उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली विकास खंड के स्वीली गांव निवासी कंचन डिमरी ने 654वीं रैंक के साथ सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की है। उनके पिता देवी प्रसाद डिमरी दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।