बिग ब्रेकिंग : उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव पद के लिए आदेश हुआ जारी

नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2025 (Anand Vardhan New Chief Secratary of Uttarakhand)। उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को प्रदेश के नए मुख्य सचिव के रूप में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद वर्धन की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया गया है। वे आगामी 1 अप्रैल को निवर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का स्थान लेंगे। आनंद वर्धन 1992 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं और वर्तमान में अपर मुख्य सचिव (गृह) के पद पर कार्यरत थे। उन्हें प्रदेश में प्रशासनिक दक्षता, अनुशासन और स्वच्छ छवि के लिए जाना जाता है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिवों का कार्यकाल
राज्य गठन के बाद से अब तक उत्तराखंड में 18 मुख्य सचिव नियुक्त हो चुके हैं। इनमें से कुछ प्रमुख मुख्य सचिव और उनके कार्यकाल इस प्रकार हैं:
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अजय विक्रम सिंह: 295 दिन
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मधुकर गुप्ता: 1 वर्ष, 364 दिन
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रघुनंदन सिंह टोलिया: 2 वर्ष, 29 दिन
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एम. रामचंद्रन: 1 वर्ष, 30 दिन
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सुरजीत किशोर दास: 1 वर्ष, 304 दिन
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इंदु कुमार पांडे: 1 वर्ष, 90 दिन
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नृप सिंह नपलच्याल: 273 दिन
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सुभाष कुमार: 1 वर्ष, 273 दिन
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आलोक कुमार जैन: 333 दिन
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एन. रविशंकर: 303 दिन
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राकेश शर्मा: 91 दिन
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शत्रुघ्न सिंह: 1 वर्ष, 29 दिन
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एस. रामास्वामी: 327 दिन
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उत्पल कुमार सिंह: 2 वर्ष, 280 दिन
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ओम प्रकाश सिंह: 339 दिन
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सुखबीर सिंह संधू: 2 वर्ष, 208 दिन
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राधा रतूड़ी: 1 वर्ष, 53 दिन
अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की स्थिति
आनंद बर्द्धन के अलावा, 1997 बैच के आईएएस अधिकारी आर.के. सुधांशु और एल. फेनई भी मुख्य सचिव पद के दावेदारों में शामिल थे। हालांकि, उनकी सेवा अवधि और वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए, आनंद बर्द्धन का चयन किया गया है।
प्रशासनिक अनुभव और प्रमुख जिम्मेदारियां
आनंद वर्धन का प्रशासनिक अनुभव करीब चार दशकों का है। वे विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। उत्तराखंड सरकार में अपर मुख्य सचिव गृह, आपदा प्रबंधन, सतर्कता, वित्त, आबकारी, परिवहन, ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाल चुके हैं। उन्हें प्रशासनिक कुशलता, नीति-निर्माण और भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर रुख अपनाने के लिए जाना जाता है।
आनंद वर्धन ने राज्य गठन के बाद विभिन्न प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करते हुए प्रभावी भूमिका निभाई। वे शासन में पारदर्शिता और जनहितैषी नीतियों को लागू करने में सफल रहे हैं। उनके मुख्य सचिव बनने के बाद प्रशासनिक सुधारों को लेकर सरकार को उनसे विशेष उम्मीदें हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख
आनंद वर्धन की पहचान एक सख्त और ईमानदार अधिकारी के रूप में होती है। उन्होंने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की है। अपर मुख्य सचिव गृह रहते हुए उन्होंने पुलिस प्रशासन को भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए थे। वे समयबद्ध योजनाओं और जनहित के कार्यों को प्राथमिकता देने में विश्वास रखते हैं।
मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आनंद वर्धन को मुख्य सचिव बनाए जाने पर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में प्रदेश का प्रशासन और अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आनंद वर्धन प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कर्मचारी संगठनों ने जताई उम्मीद
आनंद वर्धन के मुख्य सचिव बनने पर प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने खुशी जताई है। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी ईमानदार छवि और अनुशासनप्रियता के चलते प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। कर्मचारियों ने आशा जताई कि उनकी नियुक्ति से प्रशासन में पारदर्शिता और कार्यकुशलता को बढ़ावा मिलेगा।
शासन में पारदर्शिता पर रहेगा जोर
आनंद वर्धन ने मुख्य सचिव पद संभालने के बाद अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शासन में पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने लंबित फाइलों के शीघ्र निस्तारण, योजनाओं को तय समयसीमा में पूरा करने और भ्रष्टाचार पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।
कार्यकाल में विकास को मिलेगी रफ्तार
विशेषज्ञों का मानना है कि आनंद वर्धन का मुख्य सचिव बनना प्रदेश के लिए सकारात्मक संकेत है। उनके अनुभव और प्रशासनिक दक्षता से शासन में स्थिरता और विकास को गति मिलेगी। उन्हें राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और विभिन्न योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा कराने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कार्यकाल में पारदर्शिता और अनुशासन की उम्मीद
मुख्य सचिव के रूप में आनंद वर्धन से उम्मीद है कि वे अपने प्रशासनिक अनुभव का उपयोग कर प्रदेश में अनुशासन, पारदर्शिता और कुशल प्रशासन स्थापित करेंगे। उनके सख्त रुख और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति से प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की संभावना जताई जा रही है।
राधा रतूड़ी का कार्यकाल और योगदान
उल्लेखनीय है इससे पूर्व राधा रतूड़ी ने जनवरी 2024 में मुख्य सचिव का पद संभाला था और वे उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव बनी थीं। उनकी नियुक्ति को लैंगिक समानता की दृष्टि से एक ऐतिहासिक कदम माना गया था। नए मुख्य सचिव की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब राज्य में प्रशासनिक सुधारों और नीतिगत बदलावों पर जोर दिया जा रहा है। राधा रतूड़ी 1988 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं। उन्होंने 31 जनवरी 2024 को मुख्य सचिव का पद संभाला था।
उनके कार्यकाल के दौरान उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। यह कानून 7 फरवरी 2024 को विधानसभा में पारित हुआ और 13 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद लागू हुआ। यह भारत में अपनी तरह का पहला कानून है। राधा रतूड़ी ने इस कानून को लागू करने में अहम भूमिका निभायी। इसके अलावा उनके कार्यकाल में देहरादून को स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विकसित करने की दिशा में कई कदम उठाए गए।
प्रशासनिक बदलावों का दौर
नए मुख्य सचिव की नियुक्ति से पहले उत्तराखंड में व्यापक प्रशासनिक बदलाव देखे गए हैं। सितंबर 2024 में राज्य में 40 भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया था। इसके बाद दिसंबर 2024 में केदारनाथ उपचुनाव के पश्चात 18 अधिकारियों, जिसमें 13 भारतीय प्रशासनिक सेवा और 3 प्रांतीय सिविल सेवा के अधिकारी शामिल थे, का स्थानांतरण हुआ। इन बदलावों का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यप्रणाली को सुदृढ़ करना और शासन को अधिक प्रभावी बनाना था। नए मुख्य सचिव के समक्ष इन बदलावों को सही दिशा में ले जाने की चुनौती होगी।
मुख्य सचिव की भूमिका और चुनौतियाँ
उत्तराखंड में मुख्य सचिव का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील है। भूकंप, भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाओं से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन में मुख्य सचिव की भूमिका केंद्रीय होती है। राधा रतूड़ी के कार्यकाल में आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए कई योजनाएँ शुरू की गयी थीं। नए मुख्य सचिव को इन योजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ-साथ समान नागरिक संहिता के प्रभावी कार्यान्वयन की जिम्मेदारी भी संभालनी होगी। इस कानून के तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मामलों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है, लेकिन अनुसूचित जनजातियों को इससे छूट दी गयी है।
2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी (Anand Vardhan New Chief Secratary of Uttarakhand
यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब उत्तराखंड 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा है। मुख्य सचिव की नियुक्ति से प्रशासनिक दक्षता और नीतियों के कार्यान्वयन पर असर पड़ सकता है। समान नागरिक संहिता और आपदा प्रबंधन जैसे मुद्दे चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। नए मुख्य सचिव को इन क्षेत्रों में प्रभावी कार्ययोजनाएँ तैयार करनी होंगी ताकि सरकार की छवि मजबूत हो सके। (Anand Vardhan New Chief Secratary of Uttarakhand, Uttarakhand News, New Chief Secratary of Uttarakhand, Anand Vardhan, Uttarakhand Administration)
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