CBI investigation-सीबीआई पहुंची पूर्व सीएम व पूर्व मंत्री के घर, पूर्व सीएम ने ‘ईद’ की बात उठाकर भी की राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश !
नवीन समाचार, देहरादून, 29 जून 2023। (CBI investigation) वर्ष 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौर में राजनीतिक भूचाल लाने वाले बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशनों के मामले में सीबीआई कोर्ट ने गत दिवस पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री डा. हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन के सूत्रधार तत्कालीन पत्रकार व वर्तमान निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के आवाज के नमूने लेने के लिए नोटिस जारी करने के आदेश दिए थे। अब गुरुवार को इस मामले में सीबीआई की टीम नोटिस लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व काबीना मंत्री डॉ। हरक सिंह रावत के घर पहुंची और उन्हें नोटिस उपलब्ध कराए।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत दो मौजूदा विधायक उमेश कुमार और मदन बिष्ट को नोटिस जारी किया है। आज भी सीबीआई के अधिकारी नोटिस देने उनके घर पहुंचे। जिसकी जानकारी खुद हरीश रावत ने दी है। साथ ही मामले पर फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘दोस्तो, सीबीआई के नोटिस के संबंध में मैंने आपसे कहा था कि मैं पूरा सहयोग करूंगा। क्योंकि ज्यों-ज्यों जांच आगे बढ़ेगी, न्यायालय के विभिन्न स्तरों पर तर्क-वितर्क आएंगे, तो जो हमारे ऊपर आरोप लगे हैं और भाजपा ने जिस तरीके से उन आरोपों को दुष्प्रचारित किया है, एक भ्रम पैदा किया है। मेरे सार्वजनिक जीवन के हित में है कि वो बातें, पूरी स्थितियां उत्तराखंड और देश के लोगों के सामने स्पष्ट हों। मगर सीबीआई इतनी जल्दी में है कि आज सुबह जब मैं कुछ दोस्तों को ईद की मुबारकबाद देने गया था तो उस दौरान मेरे घर पर नोटिस लेकर के पहुंच गए, मैं घर पर था नहीं। फिर मैंने निश्चय किया है कि मैं उनको खुद आमंत्रित करूं कि आएं और चाहें तो आज अर्थात 29 जून को ही मुझे नोटिस सर्व कर दें। सत्यमेव जयते’
लगता है कि इस तरह हरीश रावत ने खुद के ‘ईद की मुबारकबाद’ देने की बात लिखकर इस मौके का भी राजनीतिक तौर पर लाभ उठाने की कोशिश की है। साथ ही खुद को सीबीआई जांच के लिए तैयार बताने के साथ ही सीबीआई पर ‘जल्दी’ में होने का आरोप लगाते हुए उसकी मंशा पर भी सवाल उठा दिए हैं। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य नवीन समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..
यह भी पढ़ें : हरीश रावत सरकार के दौर में राजनीतिक भूचाल लाने वाले स्टिंग ऑपरेशनों की सीबीआई जांच का जिन्न फिर बाहर, दो विधायकों सहित चार नेताओं को नोटिस-CBI investigation
नवीन समाचार, देहरादून, 23 जून 2023। वर्ष 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौर में राजनीतिक भूचाल लाने वाले बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशनों के मामले में सीबीआई (CBI investigation) का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया हैं सीबीआई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री डा. हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन के सूत्रधार तत्कालीन पत्रकार व वर्तमान निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के आवाज के नमूने लेने के लिए नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।
CBI investigation
देहरादून में विशेष न्यायाधीश सीबीआई धर्मेंद्र सिंह अधिकारी की अदालत में इस मामले की सुनवाई 20 जून को हुई। इसके बाद सीबीआई की ओर से अभियोजन अधिकारी सियाराम मीना और सीबीआई इंस्पेक्टर सुशील कुमार वर्मा ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया। इसमें हरीश रावत, डॉ. हरक सिंह रावत, उमेश कुमार और मदन बिष्ट की आवाज के नमूने लेने की अनुमति देने के निर्देश देने की अपील की गई थी।
अदालत में बताया गया कि 8 जून को इन्हें नोटिस जारी किए गए, लेकिन अभी तक नोटिस तामील नहीं हुए हैं। इस पर कोर्ट ने इन्हें फिर से नोटिस जारी करने के साथ ही सीबीआई को इसकी पैरवी करने के निर्देश दिए। चार नेताओं में से दो मौजूदा विधायक हैं, जिससे कोर्ट ने दोनों विधायकों को नोटिस तामिल करने के लिए तय प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश भी दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई चार जुलाई को होगी।
विदित हो कि वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा तत्कालीन पत्रकार उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन बिष्ट के होने का दावा किया गया। इसमें डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था।
दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं की आवाज के नमूने लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है।
इधर, निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने कहा कि उन्हें अब तक इस बारे में कोई नोटिस नहीं मिला है। अलबत्ता नोटिस मिलने पर वह न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए अपेक्षित सहयोग करेंगे। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..
The genie of CBI investigation of sting operations which brought political earthquake during the era of Harish Rawat government, notice to four leaders including two MLAs
Naveen Samachar, Dehradun, 23 June 2023. CBI’s genie has once again come out of the bottle in the case of the well-known sting operations that brought political turmoil during the then Congress government in the year 2016. Singh Bisht and the mastermind of the sting operation, the then journalist and present independent MLA Umesh Kumar have been ordered to issue notices for taking voice samples.
The hearing of the case took place on June 20 in the court of Special Judge CBI Dharmendra Singh Adhikari in Dehradun. After this, on behalf of CBI, Prosecution Officer Siyaram Meena and CBI Inspector Sushil Kumar Verma presented an application in the court. In this, an appeal was made to give instructions to allow voice samples of Harish Rawat, Dr. Harak Singh Rawat, Umesh Kumar and Madan Bisht.
It was told in the court that notices were issued to them on June 8, but the notices have not been served yet. On this, along with issuing notice to them again, the court directed the CBI to follow it. Two of the four leaders are sitting MLAs, due to which the court has also directed both the MLAs to follow the prescribed procedure for serving notices. The next hearing in the case will be on July 4.
It may be noted that in the year 2016, when Harish Rawat was the Chief Minister, the then journalist Umesh Kumar had claimed to have done a sting on him. After this, there was an earthquake in the politics of the state. Meanwhile, another sting came to the fore, in which it was claimed to be of MLA Madan Bisht. Dr. Harak Singh Rawat was also claimed to be involved in this.
In both the stings, Umesh Kumar had claimed that horse-trading was being done to save the Harish Rawat government. In this, the claim of money transaction was also made during the sting broadcast. Later the investigation of this entire matter was handed over to the CBI. The CBI has sought permission from the court to take voice samples of all these four leaders to match the voices in the sting.
Here, Independent MLA Umesh Kumar said that he has not received any notice in this regard till now. However, on receiving the notice, he will cooperate as required by following the orders of the court.