नैनीताल दुष्कर्म मामले में उच्च न्यायालय सुनवाई, आरोपित पर एससी-एसटी एक्ट की धाराएं भी लगीं, एसएसपी को हर सप्ताह समीक्षा के निर्देश, अगली सुनवाई 3 माह बाद

नवीन समाचार, नैनीताल, 6 मई 2025 (High Court Heared Nainital Rape Case-SC-ST Act)। 12 वर्षीया नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के प्रकरण में मंगलवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। इस मामले में आरोपित 65 वर्षीय मोहम्मद उस्मान के विरुद्ध नैनीताल नगर पालिका द्वारा उसका मकान अवैध निर्माण घोषित करते हुए ध्वस्तीकरण का नोटिस दिया गया था। उक्त नोटिस को चुनौती देते हुए आरोपित की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को हर सप्ताह समीक्षा के निर्देश
पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य न्यायाधीश नरेंद्र व न्यायाधीश आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान नगर पालिका द्वारा आरोपित को दिये गये मकान खाली करने व ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक लगाते हुए उसे यथावत बनाए रखने के निर्देश दिये हैं। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा को निर्देश दिये हैं कि वह प्रत्येक सप्ताह मामले की स्वयं समीक्षा करें और आगामी सुनवाई की तिथि 5 अगस्त 2025 को अब तक की प्रगति रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अनुसूचित जाति की पीड़िता होने पर एससी अधिनियम की धारा भी जोड़ी गई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित हुए। इन्होंने अवगत कराया कि जनपद में शांति व्यवस्था बनी हुई है और मामले की जांच प्रगति पर है। पीड़िता अनुसूचित जाति की होने के कारण आरोपित के विरुद्ध पॉक्सो अधिनियम के साथ-साथ अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा भी जोड़ी गई है।
नगर पालिका ने न्यायालय के निर्देश के बाद नोटिस वापस लिया, बार एसोसिएशन ने सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियों पर लगाई रोक की मांग
नगर पालिका की ओर से उत्तराखंड उच्च न्यायालय को बताया गया कि न्यायालय के निर्देश के बाद आरोपित को दिया गया मकान खाली करने का नोटिस वापस ले लिया गया है। वहीं, उत्तराखंड उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने भी इस मामले में पक्ष रखते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर अधिवक्ताओं और न्यायालय के विरुद्ध अभद्र टिप्पणियां की जा रही हैं, जिस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। इसके लिए पुलिस प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिये जाने की मांग की गई।
पीड़िता पक्ष को भी याचिका में पक्षकार बनाए जाने की प्रार्थना
याचिका में पीड़ित बालिका के परिजनों की ओर से अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर उन्हें भी इस मामले में पक्षकार बनाए जाने का निवेदन किया गया। पीड़िता पक्ष का तर्क था कि यह मामला उनके जीवन और अधिकारों से सीधा जुड़ा हुआ है, अतः उन्हें भी न्यायिक प्रक्रिया में समुचित अवसर मिलना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना का आरोप, क्षेत्र के अन्य लोगों को भी मिले नोटिस
मोहम्मद उस्मान के अधिवक्ता डॉ कार्तिकेय हरि गुप्ता ने याचिका में तर्क दिया कि सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश हैं कि अतिक्रमण हटाने से पूर्व कम से कम 15 दिन पूर्व नोटिस दिया जाना अनिवार्य है, जबकि नगर पालिका ने केवल 3 दिन का समय दिया, जो आरोपित के जेल में होने के बावजूद न्यायविरुद्ध है। आरोप लगाया गया कि नगर पालिका द्वारा केवल मोहम्मद उस्मान ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के अनेक अन्य लोगों को भी ऐसे ही अल्प समय में मकान खाली कराने के नोटिस जारी किये गये हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना है। बिना सुनवाई के नोटिस देकर भवन खाली कराना विधि विरुद्ध है।
उच्च न्यायालय से मिली सराहना से नैनीताल पुलिस गदगद, लालकुआं की सीओ जांच अधिकारी नामित
नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल में हाल में घटित नाबालिग बालिका से दुष्कर्म की गंभीर घटना के उपरांत उत्पन्न परिस्थितियों में पुलिस द्वारा कानून-व्यवस्था बनाए रखने की तत्परता व प्रभावी कार्यवाही की उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सराहना की है। खासकर न्यायालय ने नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा और नैनीताल पुलिस बल की सक्रियता को सराहते हुए उनके कार्यों को प्रशंसनीय बताया है।
न्यायालय ने कहा कि मीणा के नेतृत्व में पुलिस ने बिना किसी विलंब के समूचे नगर क्षेत्र में नियंत्रण स्थापित कर शांति सुनिश्चित की। पुलिस बल द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च निकालकर लोगों में सुरक्षा का भरोसा कायम किया तथा संवेदनशील स्थलों पर अतिरिक्त बल की तैनाती कर संभावित तनाव की स्थितियों को प्रभावी ढंग से रोका।
एसएसपी मीणा ने कहा कि उच्च न्यायालय की सराहना से पुलिस बल का मनोबल और अधिक दृढ़ हुआ है। उन्होंने कहा कि इस घटना की निष्पक्ष एवं शीघ्र जांच सुनिश्चित करने हेतु लालकुआं की क्षेत्राधिकारी दीपशिखा अग्रवाल को जांच अधिकारी नामित किया गया है। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को स्वयं पर्यवेक्षण करते हुए प्रत्येक पंद्रह दिन में उच्च न्यायालय में जांच की प्रगति की रिपोर्ट न्यायालय को अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं।
12 अप्रैल को घटित हुई थी घटना, हिन्दू संगठनों के संज्ञान में आने पर हुआ था मामला उजागर (High Court Heared Nainital Rape Case-SC-ST Act)
मामले के अनुसार, मोहम्मद उस्मान ने 12 अप्रैल को एक नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म किया था। जब यह जानकारी हिन्दू संगठनों के संज्ञान में आयी, तब जाकर यह गंभीर मामला उजागर हुआ और उसके बाद नगर पालिका द्वारा मकान ध्वस्तीकरण का नोटिस भी जारी किया गया। (High Court Heared Nainital Rape Case-SC-ST Act, Nainital News, Nainital Incident, High Court News, Court News)
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डॉ.नवीन जोशी, पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय, ‘कुमाऊँ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की डिग्री प्राप्त पहले और वर्ष 2015 से उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। 15 लाख से अधिक नए उपयोक्ताओं के द्वारा 150 मिलियन यानी 1.5 करोड़ से अधिक बार पढी गई आपकी अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ के संपादक हैं, साथ ही राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्थान समाचार आदि समाचार पत्र एवं समाचार एजेंसियों से भी जुड़े हैं। देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) उत्तराखंड’ के उत्तराखंड प्रदेश के प्रदेश महामंत्री भी हैं और उत्तराखंड के मान्यता प्राप्त राज्य आंदोलनकारी भी हैं।











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