December 22, 2025

पिछली भाजपा सरकार के दौरान रहे वन मंत्री और डीएफओ पर शीर्ष अदालत की कड़ी फटकार, कहा-दोनों ने खुद को कानून समझ लिया था

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Supreme Court strongly reprimanded on Harak

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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 6 मार्च 2024 (Supreme Court strongly reprimanded on Harak)। सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तराखंड के पिछली भाजपा सरकार के दौर में जिम कॉर्बेट बाघ अभयारण्य में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के मामले में बुधवार को उत्तराखंड के तत्कालीन वन मंत्री और वर्तमान में कांग्रेस नेता डॉ. हरक सिंह रावत और प्रभागीय वन अधिकारी किशन चंद को कड़ी फटकार लगाई।

Supreme Court strongly reprimanded on Harak, Supreme Court rebuke former Forest Minister Harak Singh Rawat former DFO Kishan  Chand Corbett illegal construction - पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत-पूर्व  डीएफओ किशन चंद को सुप्रीम कोर्ट की ...साथ ही मामले की पहले से जांच कर रही सीबीआई से दूसरे लोगों की भूमिका की भी जांच करने और 3 महीने में स्टेटस रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपने के निर्देश दिये हैं। साथ ही एक समिति बनाकर समिति को यह बताने को कहा है कि क्या देश में राष्ट्रीय उद्यानों के बफर या सीमांत क्षेत्रों में बाघ सफारी की अनुमति दी जा सकती है।

खुद को कानून मान लिया था (Supreme Court strongly reprimanded on Harak)

सर्वोच्च न्यायालय ने यह बड़ी टिप्पणी भी की ‘इन दोनों ने खुद को ही कानून मान लिया था और नियमों की उपेक्षा करते हुए जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में बड़ी संख्या में पेड़ कटवा दिए थे। शीर्ष अदालत ने कहा कि किशन चंद पर संगीन आरोप होते हुए भी वन मंत्री हरक सिंह रावत ने जबरन उन्हें डीएफओ नियुक्त करवाया था। पूरा मामला नेता और नौकरशाहों की मिलीभगत का उदाहरण है।‘ (Supreme Court strongly reprimanded on Harak)

नौकरशाहों और राजनेताओं ने सार्वजनिक विश्वास के सिद्धांत को कूड़ेदान में फेंक दिया (Supreme Court strongly reprimanded on Harak)

न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जहां नौकरशाहों और राजनेताओं ने सार्वजनिक विश्वास के सिद्धांत को कूड़ेदान में फेंक दिया। पीठ ने कहा, रावत और चंद ने कानून की घोर अवहेलना की है और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने के बहाने इमारतें बनाने के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की है। कहा, पीठ वैधानिक प्रावधानों को पूरी तरह ताक पर रख देने के रावत और चंद के दुस्साहस से आश्चर्यचकित हैं। (Supreme Court strongly reprimanded on Harak)

अन्य अधिकारी मान रहे राहत

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद जहां एक ओर हरक सिंह रावत और किशन चंद की मुश्किलें बढ़ गई हैं तो वहीं इस मामले में बाकी अधिकारी स्वयं के लिये राहत मान रहे हैं। ऐसा इसलिए कि कुछ जांचों में अन्य अधिकारियों के नाम भी सामने आए थे। लेकिन शीर्ष अदालत की सुनवाई के दौरान सीधे तौर पर इन अधिकारियों के नाम नहीं आये बताये जा रहे हैं।

यह है मामला (Supreme Court strongly reprimanded on Harak)

गौरतलब है कि चिड़ियाघर से बाघ लाकर सफारी के नाम पर उन्हें बफर जोन में रखने और कॉर्बेट पार्क में हुए अवैध निर्माण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। 2021 में हरक सिंह रावत के वन मंत्री रहते हुए कालागढ़ रेंज में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई हुई थी। पिछले महीने हरक सिंह रावत के कई ठिकानों पर ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तराखंड में छापेमारी की थी। (Supreme Court strongly reprimanded on Harak)

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