नैन्सी कान्वेंट कॉलेज में झोड़ा, चांचरी, छपेली, फूलदेई और भिटौली की सुंदर सांस्कृतिक झांकी

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 मार्च 2025 (Cultural Tableau-Nancy Convent College Nainital)। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से नैन्सी कान्वेंट कॉलेज ज्योलीकोट में दो दिवसीय ‘कुमाऊं प्रथा पर्व एवं लोक उत्सव’ का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर सर्वोदय सेवा समिति संस्थान नैनीताल के कलाकारों ने बीस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत विभिन्न पारंपरिक लोक नृत्य और गीतों का मंचन किया। कलाकारों ने झोड़ा, चांचरी, छपेली, फूलदेई और भिटौली पर्व पर आधारित लोक गीत और नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उत्तराखंड की लोक संस्कृति का शानदार प्रदर्शन
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि नैन्सी कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. संजय सिंह, विशिष्ट अतिथि विनय कुमार तिवारी और विजय कुमार सिंह व संस्थान के प्रमुख आनंद मेहरा ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर नंदा-सुनंदा वंदना, हरेला पूजन गीत, गढ़वाली और कुमाऊंनी झोड़ा-छपेली नृत्य, फूलदेई छम्मा देई गीत-नृत्य तथा भिटौली पर्व पर आधारित ग्रुप नृत्य ‘हीरा समदणी’ की शानदार प्रस्तुतियां हुईं। कलाकारों के आकर्षक नृत्य और मधुर संगीत ने दर्शकों को उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति की झलक दिखाई।
लोक संस्कृति संरक्षण की आवश्यकता
मुख्य अतिथि डॉ. संजय सिंह ने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमालय और गंगा भारतीय सभ्यता, इतिहास और परंपराओं का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति यहां के लोगों की जीवनशैली का अभिन्न अंग है, जिसका संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों को सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का सशक्त माध्यम बताया।
कलाकारों का सम्मान और पुरस्कार वितरण
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों और प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। प्रतिभागियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। मंच संचालन उमेश कांडपाल ने किया, जबकि संगीत निर्देशन अजय कुमार, नृत्य निर्देशन रिया टम्टा और संपूर्ण निर्देशन आनंद सिंह मेहरा ने किया।
लोक संस्कृति को जीवित रखने का प्रयास (Cultural Tableau-Nancy Convent College Nainital)
इस आयोजन का उद्देश्य उत्तराखंड की पारंपरिक लोक संस्कृति को प्रोत्साहित करना और उसे संरक्षित करना था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शकों ने प्रतिभाग किया और कलाकारों की प्रस्तुति को सराहा। इस तरह के कार्यक्रम उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। (Cultural Tableau-Nancy Convent College Nainital)
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