December 22, 2025

उत्तराखंड में हुई हेलिकाप्टर दुर्घटनाओं का इतिहास

Helicopter Accident
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नवीन समाचार, देहरादून, 16 जून 2025 (History of Helicopter Accidents in Uttarakhand)उत्तराखंड में अब तक हुई हेलीकाप्टर दुर्घटनाओं में से अधिकतर केदारघाटी में हुए हैं और इनमें भी अधिकतर का कारण खराब मौसम रहा। केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी, फाटा, सिरसी सहित अन्य जगहों से 9 एवियेशन कंपनियां हेली सेवा देती हैं। इन सभी कंपनियों के हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए रूट भी निर्धारित हैं, लेकिन अधिकतर हेलीकॉप्टर ईंधन और समय बचाने के लिए निर्धारित ऊंचाई से नीचे उड़ान भरते हैं।

यहां तक कि गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच संकरी घाटियों से होकर हेलीकॉप्टर जाते हैं, जबकि रामबाड़ा से आगे गरुड़चट्टी और केदारनाथ के बीच घाटी में धुंध होती है जिसके कारण विजिबिलिटी यानी दृश्यता भी कम हो जाती है।

इस रविवार 15 जून को हुई दुर्घटना में जहां एक बच्ची सहित सात लोगों की जान चली गई तो वहीं पूर्व में हुई दुर्घटनाओं के घाव भी ताजा हो गए। आइए जानते हैं उत्तराखंड में हुई प्रमुख हवाई दुर्घटनाओं के बारे में : 

7 जून की दुर्घटना

Imageरविवार तड़के क्रैश हुआ हेलीकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी का था, जबकि 7 जून को तकनीकी खराबी के कारण रुद्रप्रयाग में सड़क पर हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। वह हेलीकॉप्टर भी आर्यन एविएशन कंपनी का था। तकनीकी खराबी के चलते पायलट ने हेलीकाप्टर को बीच सड़क पर ही उतार दिया था। जिसका पीछे का हिस्सा कार पर गिरते ही टूट गया था। कार भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।

8 मई को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में पांच की मौत हुई थी

8 मई को उत्तरकाशी जनपद में भी सुबह के समय हेलीकाप्टर क्रैश हो गया था। यहां गंगोत्री धाम दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं का हेलीकॉप्टर क्रैश होकर जंगल में गिर गया था, जिसमें पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। उत्तरकाशी में हुए हेलीकॉप्टर हादसे के दौरान बारिश हो रही थी। मौसम विभाग ने सात और आठ मई के लिए भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया हुआ था, लेकिन फिर भी यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ किया गया।

24 मई 2024 को दुर्घटना होते-होते बची 

24 मई 2024 को क्रिस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर लिनचोली में मंदाकिनी नदी के पास अचानक से लैंडिंग से पहले ही लहरा गया। पायलट ने किसी तरह हेलीपैड से ही कुछ दूरी पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई, जिससे 6 लोग बाल-बाल बच गए। इस हेलीकाप्टर को मरम्मत के लिए एमआई-17 विमान की मदद से गौचर हवाई पट्टी पर ले जाया जा रहा था। 31 अगस्त 2024 को हेलीकाप्टर को ले जाते समय एमआई-17 का संतुलन बिगड़ गया। खतरे को भांपते हुए पायलट ने थारू शिविर के पास खाली स्थान देखकर हेलीकॉप्टर को घाटी में उतार दिया।

ये दुर्घटनाएं भी हुईं 

  • 2 अक्टूबर 2023 में हेलीकॉप्टर क्रैश होते बचा
  • 2 अक्टूबर 2023 में गुप्तकाशी से पांच तीर्थयात्रियों को लेकर जा रहे हेलीकॉप्टर की केदारनाथ पुराने पैदल मार्ग पर इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई। गनीमत रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई।
  • 2022 में हेलीकॉप्टर क्रैश में 7 लोगों की मौत हुई थी
  • 18 अक्टूबर 2022 को केदारनाथ से उड़ान भरने के दौरान गरुड़ चट्टी में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें पायलट समेत 7 लोगों की जान चली गई थी। 23 अप्रैल 2023 को यूकाडा के वित्त महाप्रबंधक अमित सैनी की केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर की टेल रोटर से कटकर मौत हो गई थी।
  • 23 सितंबर 2019 को केदारनाथ धाम में हेलीपैड पर लैंडिंग के वक्त एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे के समय हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 7 लोग सवार थे, जिन्हें हल्की चोटें आई थीं।
  • 23 अगस्त 2019 में आराकोट में ही एक और हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग हुई, जिसमें एक पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया था।
  • 21 अगस्त 2019 को उत्तरकाशी के आराकोट में आपदा रेस्क्यू अभियान में जुटा हेलीकॉप्टर ट्रॉली के तारों में उलझ कर हादसे का शिकार हो गया था। इस हादसे में पायलट समेत तीन लोगों की जान चली गई थी।
  • 3 अप्रैल 2018 को सेना का हेलीकॉप्टर बिजली के तार में उलझ कर दो हिस्सों में टूट कर क्रैश हो गया था। गनीमत रही कि हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोग सुरक्षित बच गए थे। वहीं, 2019 में एक बार फिर केदारनाथ में तकनीकी खराबी के कारण हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई।
  • वर्ष 2016 में टेक ऑफ करते समय हेलीकॉप्टर का दरवाजा अचानक हवा में खुल गया, जिसकी वजह से यह हेलीकॉप्टर क्रैश होने से बाल-बाल बच गया था। 10 जून 2017 को बद्रीनाथ धाम में टेक ऑफ करते समय हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें एक चीफ इंजीनियर की जान चली गई थी।

हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आर्यन एविएशन पर कसा शिकंजा, सुरक्षा उल्लंघन के आरोप में पायलटों के लाइसेंस निलंबित

उत्तराखंड के केदारनाथ मार्ग पर रविवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की मृत्यु के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का संचालन तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जुलाई में चारधाम यात्रा के दौरान हुई यह तीसरी बड़ी खतरनाक घटना है, जिसके मद्देनजर चारधाम मार्ग पर सभी चार्टर व शटल सेवाओं को अगले दो दिन के लिए रोक दिया गया है। डीजीसीए ने आर्यन के एविएशन बेस मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता एवं विमान अधिनियम की धाराओं में मुकदमों की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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खराब मौसम में हेलीकॉप्टर उड़ाना बना दुर्घटना की मुख्य वजह
पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह निश्चित हुआ कि हेलीकॉप्टर चक्रवातित मौसम और धुंधली दृश्यता में भी उड़ान भर रहा था, जो कि “कंट्रोल फ्लाइट इंटू टेरेन” की श्रेणी में आता है। घटना के पूर्व, कंपनी द्वारा निर्धारित फ्लाइट स्लॉट (6:00–7:00 बजे) का उल्लंघन करते हुए हेलीकॉप्टर 5:11 पर उड़ान भर चुका था और दुर्घटना करीब 5:24 पर हुई। इस लापरवाही के लिए आर्यन एविएशन और सम्बंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है।

निलंबन और जांच

सूचना के अनुसार डीजीसीए ने दोनों पायलटों के लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिए हैं, जबकि चारधाम मार्ग पर सभी चार्टर व शटल सेवाओं को दो दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है। मंत्रालय ने डीजीसीए, डीजीसीए, यूकाडा व आपदा विभाग के अधिकारियों की विशेष समीक्षा बैठक बुलाने का निर्देश दिया है।

नेपाली महिलाओं ने बताई आँखों देखी

उधर, हेलिकॉप्टर को क्रैश होता देखने वाली नेपाली मूल की शर्मिला और उसकी बहन संजू भी सामने आई हैं। उन्होंने पूरी कहानी बताई है। दोनों बहनों ने बताया कि कोहरा काल बनकर आया और हेलिकॉप्टर के गिरते ही कुछ समय में साफ हो गया, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। हमसे बस बीस मीटर की दूरी पर हेलिकॉप्टर गिरा, जो आग से धू-धूकर जल रहा था। हमने घटना के बारे में ठेकेदार को बताया तो उसने अन्य को बताया होगा।

गौरीकुंड में रहने वालीं दोनों महिलाएं अन्य स्थानीय महिलाओं के साथ रविवार को सुबह 4 बजे गौरी माई खर्क के लिए निकल गई थी। वह यात्रा में संचालित घोड़ा-खच्चरों के लिए घास काटने का काम करती हैं। शर्मिला ने बताया कि वह 5 बजे तक गौरी माई खर्क पहुंच गईं थीं, तब आसमान में बादल छाए हुए थे, पर कोहरा नहीं था।

कुछ ही देर में एक हेलिकॉप्टर जैसे ही उस क्षेत्र में उड़ान भरता हुआ पहुंचा, अचानक घना कोहरा छा गया। कोहरे की वजह से हेलिकॉप्टर थोड़ा मुड़ा और पीछे की तरफ गया और फिर थोड़ा नीचे आकर आगे बढ़ने लगा, जिससे वह एक ऊंचे पेड़ पर टकराकर सीधे जमीन पर गिर गया। (History of Helicopter Accidents in Uttarakhand, Uttarakhand News, Uttarakhand Helicopter Accidents, History of Helicopter accidents in Uttarakhand, Kedarnath Helicopter Crash)

आग की लपटों के बीच से कुछ सुनाई नहीं दे रहा था (History of Helicopter Accidents in Uttarakhand)

शर्मिला ने बताया कि जब हम घटनास्थल के पास पहुंचे तो वहां एक बच्ची गिरी हुई थी, जो जिंदा नहीं थी। संभवतः बच्ची हेलिकॉप्टर से गिरकर जमीन में बड़े पत्थर से टकरा गई, जिससे उसकी मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि आग की लपटों के बीच से कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। (History of Helicopter Accidents in Uttarakhand, Uttarakhand News, Uttarakhand Helicopter Accidents, History of Helicopter accidents in Uttarakhand, Kedarnath Helicopter Crash)

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