December 23, 2025

ट्रैविलाईट कैम्प रिजॉर्ट के स्वामी पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, रिजॉर्ट का संचालन करता है कोई और..

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-पकड़ी गयी थी भारी मात्रा में जंगल की लकड़ी, कांकड़ का सिर और आरा मशीन, दर्ज हुए हैं चार अभियोग, मालिक को नहीं मिली अग्रिम जमानत
नवीन समाचार, नैनीताल, 16 मई 2024 (The sword of arrest hangs on the Resort Owner)। पर्यटन नगरी नैनीताल के निकट एक रिजॉर्ट में चल रही अवैधानिक गतिविधियों को लेकर रिजॉर्ट के स्वामी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गयी है। यह तब है जबकि रिजॉर्ट का संचालन किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा किया जा रहा था। यह भी पढ़ें : जंगल में पेड़ काटकर और जंगल के ही पत्थर-बजरी से हो रहा रिजॉर्ट का निर्माण, मंडलायुक्त ने पकड़ा बड़ा गड़बड़झाला..

कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने पकड़ा था मामला (The sword of arrest hangs on the Resort Owner)

उल्लेखनीय है कि बीते माह कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने नैनीताल जिला मुख्यालय के पास एक रिजॉर्ट में छापेमारी कर अनेक अवैधानिक गतिविधियां पकड़ी थीं और वन विभाग को इसके मामले में जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिये थे। इन आदेशों पर वन विभाग ने आरोपित रिजॉर्ट में वन अधिनियम एवं वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अनेक अवैधानिक कृत्यों की पुष्टि करते हुये 4 अभियोग पंजीकृत किये थे। यह भी पढ़ें : कमिश्नर के आदेशों पर नैनीताल में एक होटल सील

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इस मामले में अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिये ट्रैविलाईट रिजॉर्ट घिंघारी खुर्पाताल के स्वामी धर्मेंद्र सिंह पुत्र किशन सिंह निवासी ग्राम अधौड़ा ने द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश नैनीताल विजय लक्ष्मी विहान की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में रिजॉर्ट में बड़ी मात्रा में जंगल की लकड़ी, उसे इमारती लकड़ी में बदलने के लिये अवैध तरीके से आरा मशीन, रिसोर्ट के एक कमरे के बाहर दीवार में टंगा हुआ एक काकड़ का दो सींगों युक्त सिर सहित अनेक सामग्री प्राप्त हुई। (The sword of arrest hangs on the Resort Owner)

The sword of arrest hangs on the Resort Owner, Policemen, High Court, Court Order, Encroachment not removed after High Court orderजिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने आरोपित धर्मेंद्र सिह के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए तर्क रखा कि आरोपित धर्मेन्द्र ने भी अपने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में अभियोजन के इस तथ्य को स्वीकार किया है कि वह ट्रैविलाईट कैम्प का स्वामी है और यह भी स्वीकार किया है कि उसके रिजार्ट का संचालक चंदन सिह व मजदूर टोपा बहादुर हैं। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित धर्मेंद्र सिंह का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। (The sword of arrest hangs on the Resort Owner)

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