उत्तराखंड सरकार की पहल का असर दिल्ली में, नहीं बनेगा केदारनाथ मंदिर, केदारनाथ चुनाव का मुद्दा छूटा..

नवीन समाचार, देहरादून, 25 अगस्त 2024 (Kedarnath temple will not be built in New Delhi)। दिल्ली में अब केदारनाथ धाम के नाम पर मंदिर का निर्माण नहीं होगा। इसे उत्तराखंड सरकार की सख्ती और बनाए गए सख्त कानून के बाद की सख्ती का असर माना जा रहा है। मंदिर के निर्माण की घोषणा करने वाले और इसके लिये ऑनलाइन चंदा भी एकत्र कर रहे श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि अब मंदिर का निर्माण नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा ट्रस्ट के नए अध्यक्ष सुमन मित्तल ने भी एक पत्र जारी किया है, जिसमें मंदिर न बनाने, ऑनलाइन क्यूआर कोड से चंदा न लेने और ट्रस्ट को बंद करने की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। वहीं पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है और अब सुमन मित्तल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पुष्टि की कि मंदिर का निर्माण नहीं होगा और न ही किसी प्रकार का चंदा लिया जाएगा।
सरकार ने बरती थी सख्ती (Kedarnath temple will not be built in New Delhi)
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार की ओर से इस मामले में विवाद उत्पन्न होने के बाद नया कानून बनाया, जिसमें स्पष्ट प्रावधान किए गए कि उत्तराखंड के चार धामों और अन्य प्रतिष्ठित मंदिरों के नाम पर किसी भी प्रकार का अन्य मंदिर बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कानून के बाद दिल्ली के ट्रस्ट ने ट्रस्ट को बंद करने और निर्माण पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी थी।
राजनीतिक समीकरण भी बदलेंगे !
इस मामले में आंदोलित उत्तराखंड के साधु-संतों ने सरकार के इस सख्त कदम के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि यह मुद्दा केदारनाथ विधानसभा में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिये मुद्दा बनाने की विपक्ष ने भी तैयारी कर ली थी। इस प्रकार माना जा रहा है कि राजनीतिक तौर पर भी केदारनाथ विधानसभा के एक बड़े मुद्दे का ह्रास हो गया है। (Kedarnath temple will not be built in New Delhi)
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‘डॉ.नवीन जोशी, वर्ष 2015 से उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार, ‘कुमाऊँ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की डिग्री प्राप्त पहले पत्रकार’ एवं मान्यता प्राप्त राज्य आंदोलनकारी हैं। 15 लाख से अधिक नए उपयोक्ताओं के द्वारा 140 मिलियन यानी 1.40 करोड़ से अधिक बार पढी गई आपकी अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ के संपादक हैं, साथ ही राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्थान समाचार आदि समाचार पत्र एवं समाचार एजेंसियों से भी जुड़े हैं।
नवीन समाचार’ विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी नैनीताल से ‘मन कही’ के रूप में जनवरी 2010 से इंटरननेट-वेब मीडिया पर सक्रिय, उत्तराखंड का सबसे पुराना ऑनलाइन पत्रकारिता में सक्रिय समूह है। यह उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त रहा, अलेक्सा रैंकिंग के अनुसार उत्तराखंड के समाचार पोर्टलों में अग्रणी, गूगल सर्च पर उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ, भरोसेमंद समाचार पोर्टल के रूप में अग्रणी, समाचारों को नवीन दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने वाला ऑनलाइन समाचार पोर्टल भी है।












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