⛔हाईकोर्ट की सख्ती: हरिद्वार में गंगा किनारे अवैध खनन पर लगी रोक, 48 स्टोन क्रशरों को बंद करने के निर्देश

नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जुलाई 2025 (High Court Banned Illegal Mining in Ganga River)। उत्तराखंड के नैनीताल जनपद स्थित उच्च न्यायालय ने हरिद्वार जनपद में रायवाला से भोगपुर व कुंभ क्षेत्र तक गंगा नदी के किनारे हो रहे अवैध खनन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व के आदेशों की अवहेलना पर नाराजगी जताई और 48 अवैध रूप से संचालित स्टोन क्रशरों को तत्काल बंद करने व उनके बिजली-पानी के संयोजन काटने के निर्देश दिये हैं।
जनहित याचिका पर सुनवाई में हाईकोर्ट का निर्देश-गंगा को खतरे में डालने वाले खननकर्ताओं पर कार्रवाई जरूरी
प्राप्त जानकारी के अनुसार मातृ सदन हरिद्वार द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया कि रायवाला से भोगपुर के मध्य व कुंभ मेला क्षेत्र तक गंगा के मूल प्रवाह में बिना नियमों के खनन हो रहा है, जिससे न केवल नदी का अस्तित्व संकट में है बल्कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की मूल भावना को भी ठेस पहुंच रही है। याचिका में यह भी कहा गया कि राज्य सरकार को एनएमसीजी द्वारा बार-बार निर्देश दिये जाने के बावजूद खनन कार्य जारी है।
खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया कि पूर्व आदेशों का पालन न करना व स्टोन क्रशरों का संचालन सीधा कानून का उल्लंघन है। इसके बाद न्यायालय ने जिला अधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को सभी 48 क्रशरों को तत्काल प्रभाव से बंद कराने, उनके जल-विद्युत संयोजन काटने तथा एक सप्ताह के भीतर की गई कार्यवाही की जानकारी हलफनामा सहित न्यायालय में प्रस्तुत करने के आदेश दिये हैं। अब इस प्रकरण में अगली सुनवाई 12 सितंबर को निर्धारित की गई है।
जुर्माना माफी प्रकरण पर भी आया निर्णय-सूर्या स्टोन क्रशर के विरुद्ध पर्यावरणीय कार्रवाई के आदेश
हरिद्वार जनपद के लक्सर स्थित सूर्या स्टोन क्रशर द्वारा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगाए गये ₹23 लाख के जुर्माने को माफ करने को लेकर दायर याचिका पर भी उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि बोर्ड को नियमों के अंतर्गत पुनः जांच करने का अधिकार है, तथा यदि पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो नियमानुसार अर्थदंड लगाया जा सकता है। इस पर न्यायालय ने ₹23 लाख के जुर्माने पर अस्थायी रोक लगाते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया है।
गंगा नदी को लेकर अदालत की चिंता-अवैध खनन से न केवल नदी का अस्तित्व संकट में, जनमानस भी प्रभावित (High Court Banned Illegal Mining in Ganga River)
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि उच्च न्यायालय गंगा नदी के अस्तित्व की रक्षा को लेकर अत्यंत गंभीर है। अदालत ने यह भी संकेत दिये हैं कि यदि भविष्य में अवैध खनन या पर्यावरणीय मानकों की अवहेलना पाई गई तो दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जायेगी। यह आदेश गंगा संरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण न्यायिक हस्तक्षेप माना जा रहा है।
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डॉ.नवीन जोशी, पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय, ‘कुमाऊँ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की डिग्री प्राप्त पहले और वर्ष 2015 से उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। 15 लाख से अधिक नए उपयोक्ताओं के द्वारा 150 मिलियन यानी 1.5 करोड़ से अधिक बार पढी गई आपकी अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ के संपादक हैं, साथ ही राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्थान समाचार आदि समाचार पत्र एवं समाचार एजेंसियों से भी जुड़े हैं। देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) उत्तराखंड’ के उत्तराखंड प्रदेश के प्रदेश महामंत्री भी हैं और उत्तराखंड के मान्यता प्राप्त राज्य आंदोलनकारी भी हैं।












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