December 22, 2025

उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद लिव-इन में रहने वाले किराएदारों के रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र को सत्यापित करना अनिवार्य

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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जनवरी 2025 (UCC-Live-in Tenants Registration Verification) उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद अब राज्य में मकान मालिकों के लिए लिव-इन में रहने वाले किराएदारों के रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र को सत्यापित करना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि कोई मकान मालिक ऐसा नहीं करता है, तो उसे 20,000 रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लिव-इन में रहने वाले जोड़ों को भी एक माह के भीतर अपने संबंध का पंजीकरण कराना होगा।

मकान मालिकों के लिए अनिवार्य नियम

(UCC-Live-in Tenants Registration Verification)नए प्रावधानों के अनुसार मकान मालिकों को किराये पर घर देने के लिए ‘रेट अग्रीमेंट’ करने से पहले किराएदारों से लिव-इन रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र की एक प्रति लेना अनिवार्य होगा। यह नियम UCC के नियम 20 (8) (C) के अंतर्गत लागू किया गया है। यदि मकान मालिक बिना रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र के किराए पर मकान देता है, तो उसे 20,000 रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। रेंट एग्रीमेंट का हिस्सा होने के नाते मकान मालिक को किराएदारों की सत्यापित जानकारी रखना आवश्यक होगा।

लिव-इन जोड़ों के लिए नियम व शुल्क

लिव-इन जोड़ों के लिए पंजीकरण शुल्क 500 रुपये निर्धारित किया गया है। यदि कोई जोड़ा एक माह के भीतर पंजीकरण नहीं कराता, तो उसे 1,000 रुपये का विलंब शुल्क देना होगा। संबंध समाप्त होने की स्थिति में 500 रुपये का अलग से पंजीकरण शुल्क देना होगा।

विवाह पंजीकरण और अन्य कानूनी प्रावधान

शादी, तलाक और इससे संबंधित अन्य कानूनी दस्तावेजों के लिए भी शुल्क निर्धारित किया गया है। विवाह पंजीकरण के लिए 250 रुपये शुल्क रखा गया है, जबकि तत्काल सेवा के लिए 2,500 रुपये लगेंगे, जिससे तीन दिनों के भीतर प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। यदि विवाह पंजीकरण नहीं कराया जाता या गलत जानकारी दी जाती है, तो 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

झूठी शिकायतों पर दंड (UCC-Live-in Tenants Registration Verification)

नए नियम के तहत झूठी शिकायत दर्ज करने पर भी दंड का प्रावधान किया गया है। पहली बार अपराध के लिए कोई जुर्माना नहीं लगेगा, लेकिन दूसरी बार 5,000 रुपये और तीसरी बार 10,000 रुपये तक का दंड लगाया जाएगा। उत्तराखंड में लागू हुए इन नए नियमों का उद्देश्य लिव-इन संबंधों को कानूनी दायरे में लाना और मकान मालिकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करना है। नियमों के अनुपालन में विफलता पर जुर्माने का सख्त प्रावधान किया गया है। (UCC-Live-in Tenants Registration Verification)

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